आज के भागदौड़ भरे जीवन में पर्यटन हर किसी के लिए जरूरी होता है. काम से निकलकर फुरसत के दो पल अपने परिवार जनों के साथ बिताने का यही सबसे अच्छा मौका होता है. इसके अलावा पर्यटन से आप किसी दूसरे स्थान की कला, संस्कृति और रहन-सहन के बारें में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. कुछ ऐसा ही विचार रखती हैं, दक्षिण अफ्रीका पर्यटन हब हेड नेलिस्वा नकानी, जो भारतीय पर्यटकों को दक्षिण अफ्रीका में अधिक से अधिक जाने की दिशा में काम कर रही हैं. वह कहती हैं कि एक अनुसंधान से पता चला है कि साल 2018 में मुंबई के टूरिस्टों की संख्या सबसे अधिक रही, इसके बाद दिल्ली,चेन्नई और कोलकाता की रही. यहां आने की सबसे बड़ी वजह यहां की यादगार चीजों को देखना है, साथ ही यहां भारतीयों को पैसे की कीमत अधिक मिलती है. इसके अलावा यह देश भारतीयों की तरह ही परिवारवाद को अधिक महत्व देता है.
इसके आगे वह कहती हैं कि दक्षिण अफ्रीका एक गरीब देश है. यहां बेरोजगारी 27 प्रतिशत है. एक पर्यटक के आने पर यहां 23 लोगों को रोजगार मिलता है जो इस देश के लिए बहुत जरुरी है. केपटाउन, जोहानसवर्ग और डरबन जैसे प्रतिष्ठित शहरों के साथ ही कई और शहरों को भी विकसित करने की कोशिश की जा रही है. यहां आने वाले हर पर्यटक को नए अनुभव से परिचित करवाने के लिए पर्यटन बोर्ड विशेष रूप से काम कर रही है. करीब 3000 से अधिक ऐसे साहसिक गतिविधियां जिसमें लौन्ग टर्म, टोबोगन राइडर्स , फैटबाइक टूर्स, माउंटेन बोर्डिंग, वाल्टो सफारी, पेराग्लाईडिंग आदि शामिल है.
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