तंजानिया पूर्वी अफ्रीका का सब से बड़ा देश है. यहां वन्यजीवन अपने अद्भुत रूप में देखने को मिलता है. वन्यजीवन के साथसाथ यह अपने सुंदर समुद्री तटों के लिए भी अफ्रीका भर में मशहूर है. इस सब के अलावा प्रागैतिहासिक काल से जुड़े स्थान, चट्टानों पर बनी कलाकृतियां, प्राचीन ऐतिहासिक नगर, पुरानी मसजिद तथा गिरजाघर और इस देश के 120 से भी अधिक कबीलों के लोकगीत तथा लोकनृत्य-ये अपनेआप में दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त हैं. लाखों पर्यटक यहां अफ्रीकी सूर्योदय तथा सूर्यास्त का रोमांचक अनुभव प्राप्त करने के लिए भी आते हैं. हमारी तंजानिया की यात्रा इस देश की राजधानी दार-ए-सलाम से शुरू हुई थी. दार-ए-सलाम का अर्थ होता है शांति का स्वर्ग. यह एक आधुनिक नगर है और चूंकि यहां देश का प्रमुख तथा आधुनिकतम बंदरगाह भी स्थित है, अत: यह देश की आर्थिक गतिविधियों का केंद्र भी बन गया है.

आर्थिक गतिविधियों के साथसाथ यह तंजानिया का एक प्रमुख सांस्कृतिक तथा शैक्षणिक केंद्र भी है. यहां अनेक विश्वविद्यालय स्थित हैं, जिन में प्रमुख है दार-ए-सलाम विश्वविद्यालय, जो किसी जमाने में पूर्व अफ्रीकी विश्वविद्यालय का अंग हुआ करता था. मीलों तक फैला हराभरा तथा साफसुथरा विश्वविद्यालय परिसर देख कर हम काफी प्रभावित हुए. अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में तंजानिया ओपन यूनिवर्सिटी, इंटरनैशनल मैडिकल ऐंड टैक्नोलौजिकल यूनिवर्सिटी तथा द ह्यूबर्ट कैरूकी मैमोरियल यूनिवर्सिटी आदि उल्लेखनीय हैं.

नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम

अगर आप तंजानिया के प्रागैतिहासिक काल से ले कर अब तक की संस्कृति के दर्शन करना चाहते हैं तो नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम देखने जरूर जाएं. इस संग्रहालय में हजारों हड्डियां तथा फोसिल (जीवाश्म) संजो कर रखे गए हैं, जिन में से आदिम युग के एक परिवार के ज्वालामुखी की राख पर बने 35 लाख साल पुराने पैरों के निशान भी शामिल हैं. संग्रहालय की इस 3 मंजिला इमारत में घूमना हमारे लिए किसी रोमांचकारी अनुभव से कम नहीं था. इन लाखों साल पुराने अवशेषों को देख कर हमें लगा कि हम एकसाथ न जाने कितनी सदियां लांघ कर आदिम युग में जा पहुंचे हैं. ये अवशेष न केवल तंजानिया वरन संपूर्ण मानवजाति के विकास की प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हैं. इस के पास ही एक अन्य संग्रहालय है, जहां इस देश के कबीलों की संस्कृति, कला तथा दैनिक जीवन से जुड़ी अनेक चीजें तो आप को देखने को मिलेंगी ही, साथ ही इस देश के वन्यजीवन की एक झलक भी आप प्राप्त कर सकते हैं.

विविध प्रकार की मछलियां

दार-ए-सलाम के अन्य दर्शनीय स्थलों में राष्ट्रीय संग्रहालय, ग्राम संग्रहालय, प्राचीन राजकीय भवन, अरबों द्वारा बनाई गई एक पुरानी मसजिद, अंगरेजों के जमाने का एक गिरजाघर तथा बोटैनिकल गार्डन भी विशेषरूप से उल्लेखनीय हैं. दार-ए-सलाम के निकट ही मार्फिया द्वीप में विविध प्रकार की मछलियां मिलती हैं. अनेक यूरोपीय पर्यटक केवल ये विशेष मछलियां पकड़ने के लिए ही वहां जाते हैं. दार-ए-सलाम के मशहूर मछली बाजार में इस द्वीप से पकड़ी गई मछलियां बेची जाती हैं. शहर के केंद्रीय भाग के उत्तर में लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम संग्रहालय में तंजानिया की विभिन्न जनजातियों के घर बनाए गए हैं. ‘नीम्बा या साना’ अर्थात कला भवन, जो उपांगा स्ट्रीट पर स्थित है, जहां से आप इस देश की परंपरागत कलाकृतियां, पोशाकें, बाटिक, आभूषण आदि खरीद सकते हैं. यह कला भवन स्थानीय कलाकारों तथा दस्ताकारों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा बनाया गया है और यहां बहुत वाजिब कीमत पर आप को ये चीजें खरीदने को मिल सकती हैं.

अगर आप की दिलचस्पी अफ्रीकी आभूषण खरीदने में है तो इस के लिए आप इंदिरा गांधी स्ट्रीट पर स्थित गहनों के एक खास बाजार में जा सकते हैं, जहां सड़क के दोनों ओर आभूषणों की 50 से भी अधिक दुकानें स्थित हैं.

कीपियो बीच

शहर से कुछ मील की दूरी पर दक्षिण में दार-ए-सलाम का दूसरा मशहूर समुद्र तट ‘कीपियो बीच’ स्थित है, जहां से आप नाव पकड़ कर एक निर्जन द्वीप पर जा सकते हैं. यहां अकसर लोग अद्भुत कोरल रीफ देखने के लिए ‘स्नोरकेलिंग’ की अपनी विशेष पोशाक में समुद्र में गोताखोरी करते मिल जाएंगे. दार-ए-सलाम में भारतीय, कौंटिनैंटल तथा अन्य दूसरे रेस्तरां आसानी से मिल जाएंगे, जहां आप अपने मनपसंद भोजन का आनंद उठा सकते हैं. शहर के केंद्रीय भाग में ही इन रेस्तराओं के अलावा कई नाइटक्लब तथा बार भी हैं, जहां आप अपनी शाम बिता सकते हैं. जंजीबार में लौंग बहुत पैदा होती है. अगर आप वहां जाएं तो वहां से लौंग खरीदना न भूलें, जो दूसरी जगहों के मुकाबले यहां सब से सस्ती मिलती है. इस के अलावा इस का मंगापवानी समुद्र तट देखना न भूलें, जहां घूमने का अपना अनोखा ही आनंद है. लेकिन अगर हम इस देश का वन्यजीवन देखने नहीं जाते तो शायद हमारी तंजानिया की यात्रा अधूरी ही रह जाती. वन्यजीवन के लिए इस के सेरेंगेती, मनयारा झील, अरुशा, मिकुनी तारांगायर तथा गोम्बे नामक स्थान प्रसिद्ध हैं. इन स्थानों पर 500 वर्गमील से ले कर 5,000 वर्गमील तक के क्षेत्र में वन्यजीवन फैला हुआ है. इन सुरक्षित वनों तथा उद्यानों में शेर, हाथी, जंगली भैंस, जिराफ, गैंडे और चीते जैसे हजारों जानवर अपने उन्मुक्त रूप में विचरण करते हुए देखने को मिलते हैं. आप कार किराए पर ले कर अथवा टैक्सी द्वारा इन स्थानों पर जा सकते हैं और कार के कांच चढ़ा कर बड़े आराम से निर्भय हो कर इस वन्यजीवन का निकट से आनंद ले सकते हैं.

ऐसा ही एक ऊंचाई वाला स्थान है नगोनगोरो, जो तंजानिया के एक अन्य प्रसिद्ध नगर अरुशा के निकट स्थित है. इस स्थान के बारे में एक विश्वप्रसिद्ध लेखक ने लिखा है कि एक ज्वालामुखी के मुंह में स्थित इस स्थान की प्राकृतिक सुषमा का शब्दों में वर्णन करना असंभव है, क्योंकि दुनिया में ऐसा कोई स्थान है ही नहीं, जिस से इस की तुलना की जा सके. अफ्रीका के अन्य किसी भी संरक्षित वन्य प्रदेश में एक जगह पर इतनी सारी विशेषताएं देखने को नहीं मिलतीं.

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