कहते है अजूबा वही जो आपको सोचने पर मजबूर कर दे, यही वजह है कि दुनिया भर से लाखों सैलानी हर साल हमारे देश आते हैं ताज का दीदार करने और आएं भी क्यों ना ताज भी तो एक अजूबा ही है. लेकिन अगर हम और देशों के बारे में बात करें या एशिया महाद्वीप के बारें में कहें तो यही एहसास होता है कि कितना कुछ दबा है इस एशियाई महाद्वीप के गर्भ में. ऐसे में जिन्होंने भी विश्व भ्रमण का सपना संजो रखा है, वे एक बार इन स्थानों का सफर जरूर करें यकीन मानिये अजूबा ना होते हुए भी ये किसी अजूबे से कम नही हैं.
झांग्ये डैंक्सिया लैंडफौर्म, चीन
डैंक्सिया लैंडफौर्म का दृश्य किसी चित्रकला के समान देखकर आप हैरान रह जाएंगे. ऐसा प्रतीत होता है कि किसी चित्रकार ने अपनी कल्पना की उड़ान से यहां रंग भर दिए हों. यहां अनेक रेड क्लिफ्स हैं, जो सैकड़ों मीटर ऊंचे हैं. रंगों में भी काफी विविधता है. कई सदी पूर्व टेक्टोनिक प्लेट्स के गतिशील होने एवं सैंडस्टोन के टूटने से इनका निर्माण हुआ. यहां जून से सितंबर के बीच जाना सबसे मुफीद होगा, क्योंकि तब सूर्य की तेज किरणें एवं हल्की बारिश से रंगों की अलग ही छटा बिखेरती हैं. सूर्यास्त के वक्त बदलते रंगों का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा.
गोक्यो लेक्स ट्रेक, नेपाल
एवरेस्ट बेस कैम्प की ट्रैकिंग करने के इच्छुक इस ट्रैक को एक्सप्लोर कर सकते हैं. करीब 17,576 फीट ऊंचाई पर स्थित गोक्यो री तक पहुंचने के लिए गोक्यो ताल का प्रयोग करना होता है. यहां से न सिर्फ हिमालय का विहंगम दृश्य दिखाई देता है, बल्कि लोत्से, मकालु एवं चो ओयू जैसी चोटियां भी नजर आती हैं. विश्व का सबसे विशाल हिमनद (ग्लेशियर) भी आप यहां से देख पाएंगे. जब आप इस ट्रैक पर निकलेंगे, तो रास्ते में पांच अल्पाइन लेक यानी ताल मिलेंगे.
चौकलेट हिल्स, फिलिपीन्स
फिलिपीन्स के बोहोल द्वीप के बीचोबीच स्थित चौकलेट हिल्स कई छोटी-बड़ी पहाड़ियों का एक समूह है. एक अनुमान के अनुसार, यहां 1268 से लेकर 1776 पहाड़ियां हैं. इसमें सबसे ऊंची चोटी 120 मीटर है. शेष चोटियां 30 से 50 मीटर के बीच की हैं. यह समूह करीब 50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है. चौकलेट हिल्स की खासियत है कि बारिश के मौसम में यह हरा भरा नजर आता है. एक बार मौसम बदला, फिर यह भूरे रंग में तब्दील हो जाता है. भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि जब कास्र्ट पत्थर टूटे, तब इस पर्वत का निर्माण हुआ. हालांकि स्थानीय स्तर पर कई अन्य लोक कथाएं भी प्रचलित हैं. यहां पर जितना मनोरम बरसात में लगता है, उतना ही गर्मियों या सूखे दिनों में.
माउंट केलिमुतु, इंडोनेशिया
केलिमुतु एक ज्वालामुखी है जो इंडोनेशिया के फ्लोरेस आइलैंड के केलिमुतु नेशनल पार्क में स्थित है. यह चारों ओर से तीन झीलों से घिरा हुआ है, जो इस ज्वालामुखी से ही उत्पन्न हुई हैं. इन तीनों झीलों का जल अलग-अलग रंगों का है, जो साल के अलग-अलग समय पर बदलता रहता है. तिवु झील (लेक औफ ओल्ड पीपुल) का रंग आसमानी नीला है, जबकि तिवु नुवा मुरी कू फाई का हरा और तिवु अटा पोलो का लाल. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि यह आत्माओं की विश्रामस्थली है.
हैंग सौन डूंग केव, वियतनाम
फौन्ग ना के बैंग नेशनल पार्क में स्थित हैंग सौन डूंग गुफा दुनिया की सबसे बड़ी गुफा है. इसकी प्रमुख गुफा में बोइंग 747 विमान भी समा सकता है. कहते हैं कि वर्षों पहले एक तेज गति वाली नदी यहां से बहा करती थी. आगे चलकर इसने ही गुफा का स्वरूप ले लिया. इसलिए वियतनामी भाषा में माउंटेन रिवर केव भी कहते हैं. करीब पांच किलोमीटर लंबी, 200 मीटर ऊंची एवं 150 मीटर चौड़ी इस गुफा को 2003 में यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी थी.