पर्यटन आज शौक का नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल का भी हिस्सा बन चुका है. रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी में जब नीरसता पनपने लगती है तो इंसान चंद दिनों के लिए मौजमस्ती पर निकलना चाहता है.

हम अपनी छुट्टियों को यादगार बना सकते हैं. किंतु उस के लिए जरूरी है कि हम अपने यात्रा के व्यय को नियंत्रित रखें, क्योंकि लापरवाही से खर्च कर के हम मस्ती तो कर लेंगे, लेकिन बाद में बजट बिगड़ने से उत्पन्न स्थिति अच्छेखासे मूड को खराब भी कर सकती है.

पहले बजट बनाएं

छुट्टियां मनाने के लिए प्राय: एकमुश्त रकम की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह खर्च दैनिक जीवन के सामान्य खर्चों से अलग होता है. इसलिए यह जरूरी है कि हौलिडे प्लान करते समय पहले आप अपना बजट बनाएं. तय करें कि आप कितने दिनों के लिए सफर पर जाना चाहते हैं और कितना पैसा खर्च करना चाहते हैं. उसी आधार पर आप को अपना डैस्टिनेशन चुनना होगा.

आप किस मोड से ट्रैवल करना चाहते हैं और किस तरह के होटल में ठहरना चाहते हैं यह भी आप को बजट के अनुरूप ही तय करना होगा. यदि आप सैल्फ कस्टमाइज टुअर पर जाना चाहते हैं, तो उस के लिए समय रहते बुकिंग करा कर कुछ रुपए बचा सकते हैं.

यदि आप पैकज टुअर पर जाना चाहते हैं तब भी आवश्यक है कि आप जल्द ही पैकेज की बुकिंग करा लें, क्योंकि टुअर औपरेटर जब देखते हैं कि टुअर की डिमांड अधिक है, तो वे भी कीमत बढ़ा देते हैं.

पर्यटन के दौरान रोज आप को कितना व्यय करना पड़ सकता है, बजट बनाते समय इस का अनुमान भी लगाना होगा, ताकि आप उतनी राशि नकद साथ रखें या क्रैडिट कार्ड अथवा एटीएम की लिमिट बचा कर रखें.

स्वतंत्र टुअर किफायती या पैकेज टुअर

अपने देश में घूमने के लिए अधिकतर लोग स्वतंत्र टुअर को प्राथमिकता देते हैं. जबकि विदेश यात्रा के लिए पर्यटक अकसर गु्रप पैकेज टुअर चुनना पसंद करते हैं.

अपने देश में भ्रमण करते समय आप को अपनी मुद्रा में व्यय करना होता है. आप पर्यटन स्थल के परिवेश और वहां की संस्कृति को समझते हैं. इसलिए आप असुरक्षित महसूस नहीं करते. ऐसे टुअर की स्वयं तैयारी करते हुए इसे अपने बजट में आसानी से सीमित रख सकते हैं.

जबकि विदेश यात्रा के मामले में विदेशी मुद्रा और वहां की भाषा, संस्कृति का अंतर होने के कारण पर्यटक के मन में असुरक्षा की भावना बनी रहती है. इसलिए विदेश यात्रा में लोगों को ग्रुप पैकेज टुअर में जाना अच्छा लगता है. वहीं विदेश में होटल, फूड आदि की स्वयं व्यवस्था करना पैकेज टुअर की तुलना में महंगा पड़ता है. इसलिए ट्रैवल फाइनैंस का प्रबंधन करते समय ध्यान रखें कि अपने देश में यात्रा करनी हो तो आप स्वतंत्र टुअर प्लान कर के पैसा बचा सकते हैं और विदेश यात्रा करनी हो तो पैकेज टुअर ज्यादा किफायती रहता है.

बुकिंग कराते समय

जब आप ने यह तय कर लिया कि आप स्वतंत्र टुअर पर निकलना चाहते हैं या पैकेज टुअर पर, तब आप उसी हिसाब से बुकिंग का माध्यम तय करें. खुद अपनी यात्रा मैनेज कर रहे हैं तो पहले ट्रेन या हवाईयात्रा की बुकिंग कराएं. यह आजकल आसानी से औनलाइन कराई जा सकती है.

ध्यान रखें, हवाईयात्रा के लिए आप जितना जल्दी बुकिंग कराएंगे टिकट उतना ही सस्ता मिलेगा. बहुत सी एअरलाइंस 30 दिन या 45 दिन पहले बुकिंग कराने पर बहुत सस्ता टिकट उपलब्ध कराती हैं. इस के अलावा आप लो कौस्ट एअरलाइन का विकल्प भी चुन सकते हैं.

छूट के मौसम में यात्रा करें

कम बजट में पर्यटन का ज्यादा आनंद लेना है, तो आप अपना कार्यक्रम पीक सीजन में न बनाएं. अब देखिए न पीक सीजन में ट्रैवल पैकेज हों या होटल पैकेज सभी महंगे होते हैं. लेकिन उन्हीं पैकेज पर औफ सीजन में 30 से 50% तक का डिस्काउंट मिलता है. तब कई लग्जरी पैकेज हमें अपने बजट के अनुरूप लगने लगते हैं. पीक सीजन में सैलानियों की तादाद ज्यादा होने लगती है, तो हर जगह कीमत शिखर पर पहुंचने लगती है.

विदेश यात्रा के मामले में भी सैलानियों को पीक सीजन से बचना चाहिए. ग्रीष्म अवकाश, न्यूईयर, क्रिसमस और शादियों के सीजन आदि के अलावा आप विदेश यात्रा का कार्यक्रम बनाएंगे तो यकीनन आप को सस्ते पैकेज मिलेंगे.

पहले घूमें फिर भुगतान करें

कभीकभी ऐसा भी हो सकता है कि आप ने बच्चों से छुट्टियों पर निकलने का वादा किया हुआ है, लेकिन हौलिडे प्लानिंग करते समय आप को लगता है कि उस समय आप अपनी बचत या रूटीन खर्चों से उतना पैसा नहीं निकाल पाएंगे. तब जरूरी नहीं कि आप छुट्टियां मनाने की योजना को स्थगित कर पूरे परिवार को निराश करें.

इस का सब से अच्छा विकल्प आज ट्रैवल लोन है. जी हां, लोगों के बढ़ते पर्यटन शौक को देखते हुए आज अनेक बैंक अपने ग्राहकों को ट्रैवल लोन देते हैं. यानी आप अपना ट्रैवल प्लान फाइनैंस करा कर आज घूमें और भविष्य में भुगतान करें. सामान्यतया यह लोन 1 वर्ष से 3 वर्ष के दौरान चुकाना होता है. ट्रैवल लोन ले कर आप अपने देश में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी घूम सकते हैं.

सफर के साथी क्रैडिट व ट्रैवल कार्ड

सफर की प्लानिंग करते समय डैस्टिनेशन पर बहुत से खर्चों और शौपिंग आदि के लिए आप के पास पर्याप्त राशि होनी चाहिए. लेकिन आजकल ज्यादा नकदी साथ रखना भी उचित नहीं है. ऐसे में क्रैडिट व डेबिट कार्ड आप के लिए बहुत सहायक होते हैं.

विदेश यात्रा के दौरान फंड की समुचित व्यवस्था बनाए रखने के लिए फौरेन करेंसी ट्रैवल कार्ड रखना अच्छा विकल्प है. एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, ऐक्सिस बैंक आदि की बड़े शहरों की चुनिंदा शाखाओं में इस तरह के ट्रैवल कार्ड जारी किए जाते हैं.

ओवरसीज इंश्योरैंस

विदेश यात्रा की तैयारी में ओवरसीज इंश्योरैंस एक आवश्यक कदम होता है. इस के अंतर्गत कवर होने वाले जोखिम जानने के बाद आप भी समझ सकते हैं कि थोड़े से प्रीमियम का भुगतान कर हम कितने सारे अकस्मात हो सकने वाले खर्चों से अपनी सुरक्षा कर लेते हैं.

इस पौलिसी के अंतर्गत दुर्घटना या बीमारी के इलाज से जुड़े खर्चे मुख्य रूप से कवर होते हैं. इन के अतिरिक्त हवाईजहाज में ले जाने वाले सामान का खोना या मिलने में एकदो दिन का विलंब होने का खर्च, पासपोर्ट गुम होने पर किया जाने वाला खर्च, किसी चूक से होटल या शोरूम आदि में हुई क्षति की भरपाई या ऐसे ही किसी और आकस्मिक नुकसान की स्थिति में यह पौलिसी एक सुरक्षाकवच के समान काम आती है.

ओवरसीज इंश्योरैंस पौलिसी ज्यादा महंगी भी नहीं होती. यह पौलिसी 1 दिन से 180 दिन के बीच किसी भी अवधि की ली जा सकती है. इस का प्रीमियम पौलिसी की अवधि एवं यात्री की आयु पर निर्भर करता है.

यह पौलिसी सभी साधारण बीमा कंपनियों एवं प्राइवेट इंश्योरैंस कंपनियों द्वारा जारी की जाती है. इस के लिए आप को अपने पासपोर्ट की कौपी देनी होगी. कुछ कंपनियां इस के लिए यात्री की मैडिकल रिपोर्ट भी साथ मांगती हैं. यात्रा के दौरान पौलिसी के साथ उन संस्थानों के फोन नंबर एवं वैबसाइट पते अवश्य साथ रखने होंगे.

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