हम में से कई लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें नेचर और वाइल्डलाइफ के बारे में जानने का बड़ा शौक होता है. उन्हें किसी हिल स्टेशन या बीच पर घूमने से ज्यादा पेड़-पौधे, फूल, पक्षी देखने में मजा आता है, अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं, तो हम आपको बताने जा रहे हैं उत्तराखंड की ऐसी खूबसूरत जगह के बारे में जहां जाकर आपका मूड फ्रेश हो जाएगा. आज हम आपको सैर करवाएंगे चमोली की. चमोली जनपद की प्रसिद्ध तीर्थ स्थली बद्रीनाथ धाम के पास गंधमादन पर्वत पर स्थित फूलों की घाटी या वैली औफ फ्लावर्स. आइए जानते हैं यहां क्या है खास.
सांखरी जोहर
पुरौला से आगे है सांखरी जोहर की दून का बेस कैंप है. यहां तक बसें और टैक्सियां आती हैं. इसके बाद शुरू होती है लगभग 35 किमी. की ट्रैकिंग यानी पद यात्रा. यह खांई बद्दान क्षेत्र कहलाता है और यहां के सीधे-सादे निवासी अब भी आधुनिक सुख-सुविधाओं से वंचित हैं. सांखरी में आपको पोर्टर और गाइड मिल जाएंगे और आप रात्रि विश्राम के बाद सुबह अपनी रोमांचक यात्रा शुरू कर सकती हैं.
गोपेश्वर
गोपेश्वंर शहर में तथा इसके आस-पास बहुत सारे मंदिर है. यहां के प्रमुख आकर्षण केन्दों में पुराना शिव मंदिर, वैतामी कुंड आदि है.
फूलों की घाटी
प्राकृतिक प्रेमियों के लिए यह जगह स्वर्ग के समान है. इस स्थान की खोज फ्रेंक स्मिथ और आर.एल. होल्डवर्थ ने 1930 में की थी. इस घाटी में सबसे अधिक संख्या में जंगली फूलों की किस्में देखी जा सकती हैं. पौराणिक कथा के अनुसार हनुमान जी लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा के लिए यहां से संजीवनी बूटी लेने के लिए आए थे. इस घाटी में पौधों की 521 किस्में हैं. 1982 में इस जगह को राष्ट्रीय उद्दान के रूप में घोषित कर दिया गया था. इसके अलावा यहां आपको कई जानवर जैसे, काला भालू, हिरण, भूरा भालू, तेंदुए, चीता आदि देखने को मिल जाएंगें.