अगर आप दिल्ली या आसपास की जगह पर रहती हैं, तो आप दिल्ली के चांदनी चौक जरूर गई होंगी. अगर आप वहां नहीं भी गईं, तो पराठे वाली गली के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा. जिस तरह चांदनी चौक के पराठे मशहूर है, उसी तरह लखनऊ का रोटी बाजार भी लखनऊ घूमने आने वाले लोगों के बीच खासा मशहूर है.

अगर आप भी कभी लखनऊ की ट्रिप प्लान कर रही हैं, तो यहां के रोटी बाजार के जायकों को चखना न भूलें. अकबरी गेट से नक्खास चौकी के पीछे तक यह बाजार है, जहां फुटकर और सैकड़े के हिसाब से शीरमाल, नान, खमीरी रोटी, रूमाली रोटी, कुल्चा, लच्छा पराठा, धनिया रोटी और तंदूरी पराठा जैसी कई अन्य तरह की रोटियां मिलती हैं.

चखना न भूलें शीरमाल की रोटियां

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रोटियों में शीरमाल की डिमांड सबसे ज्यादा रहती है. औरेंज कलर की शीरमाल मैदे, दूध व घी से बनती हैं,  तंदूर में पकाने के बाद इन पर खुशबू के लिए घी लगाया जाता है. शीरमाल का वजन के हिसाब से रेट तय होता है. यानी 110 ग्राम से 200 ग्राम की शीरमाल 10 से 15 रूपये प्रति पीस बिकती है. इस गली के बाहर भी कई होटल में स्पेशल शीरमाल तैयार की जाती है. इन्हें देसी घी व केसर में तैयार किया जाता है. शीरमाल ‘कबाब’ और कोरमे के साथ खाना लोग पसंद करते हैं.

बाकरखानी रोटी

लखनऊ के शाही खाने में गिनी जाने वाली बाकरखानी रोटी अमीरों के दस्तरखान से बाजार में आई है. इसे बनाने में मेवे और मलाई का प्रयोग किया जाता है. चाय के साथ लोग इसे खाना पसंद करते हैं. बाकरखानी रोटी की डिमांड पहले के तुलना में कम जरूर हुई है, लेकिन अब भी पुराने लखनऊ में बाकरखानी की मांग है.

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