मोरक्को का सब से बड़ा शहर कैसाब्लांका इन दिनों अफ्रीका महादेश की वित्तीय राजधानी बनने जा रहा है. ऐसा हो भी क्यों नहीं, जहां अन्य अफ्रीकी देश आतंकवाद व गृहयुद्ध में तबाह हो रहे हैं, वहीं मोरक्को में निर्माण, बैंकिंग, दूरसंचार और ऊर्जा के क्षेत्र में भारी निवेश हो रहा है. इस कारण फ्रैंच भाषा प्रचलित मोरक्को अब अंगरेजी वाले अन्य अफ्रीकी देशों को कड़ी चुनौती दे रहा है. मोरक्को अब पूरे अफ्रीका का स्थापित बिजनैस हब का दरजा पाने को है.

2015 में मोरक्को को अफ्रीकी क्षेत्र का सब से सुरक्षित देश घोषित किया गया था. ग्लोबल फाइनैंशियल सैंटर इंडैक्सन ने भी मोरक्को को अफ्रीका का दूसरा फाइनैंशियल हब करार दिया था.

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देश के राजा मोहम्मद की दूरदर्शिता के कारण ही मोरक्को इतनी तरक्की कर पाया है. उन्होंने देश के बिजनैस माहौल को सुधारने का सुझाव दिया था, जिसे वहां के निजी क्षेत्र, जैसे निजी बैंक, निर्माण, दूरसंचार व ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों ने अपनाया है.

पहले ज्यादातर यूरोप की अर्थव्यवस्था पर आश्रित रहने वाली मोरक्को की कई कंपनियों ने अब अपनी नीति में बदलाव करते हुए वापस वहीं अपना ध्यान केंद्रित कर रही हैं. मोरक्को की अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता का यूरोप के आर्थिक पतन से कोई लेनादेना नहीं है. अफ्रीका भी बदल रहा है और कुछ देशों को छोड़ दें, तो अन्य देश तेजी से तरक्की को प्रयासरत हैं.

पिछले एक दशक में अफ्रीका में काफी बदलाव आए हैं. यही नहीं, अर्थव्यवस्था में अफ्रीका ने यूरोप से भी तेज छलांग लगाई है. यह मोरक्को के लिए अच्छा ही है कि उस ने इस बात को जल्द ही समझ लिया कि अपने छोटे उद्योगों पर अधिक निर्भरता उस के पिछड़ेपन का कारण बन सकती है, इसलिए वह अब अंतरमहादेशीय पार्टनरशिप पर ध्यान दे रहा है.

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