सर्दियों में हिल स्टेशन पर घूमने का एक अलग ही मजा होता है. ज्यादातर लोग घूमने के लिए मसूरी, मनाली, शिमला जाना पसंद करते हैं. अगर आप भी इन छुट्टियों में हिल स्टेशन जाने की प्लानिंग कर रही हैं, तो हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहीं हैं, जो खूबसूरती के मामले में किसी और हिल स्टेशन से कम नहीं है. उत्तराखंड में वो बेहतरीन हिल स्टेशन है भीमताल.
भीमताल से ही लगी एक और सुन्दर प्राकृतिक झील नौकुचियाताल है, भीमताल से चार किमी की दूरी पर स्थित यह झील अपनी प्राकृतिक बनावट के कारण दर्शनीय है. नौकोनो में बटी इस झील में ही गुलाबी कमल फूलों का एक छोटा-सा तालाब कमल तालाब के नाम से जाना जाता है.
सात झीलों का समूह
भीमताल से ही लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित सात झीलों का एक समूह है जिसे सातताल के नाम से जाना जाता है, यह झील नलदमयनती ताल मछलियों की जल क्रीड़ा व चाय के पौधे की नर्सरी के लिए प्रसिद्ध है. गरूड़ ताल एकान्त व आम जनता की हलचल से दूर स्थित है. सातताल क्षेत्र बांज के जंगलों से आच्छादित होने के कारण आज प्रकृति के काफी नजदीक नजर आता है. साथ ही यह क्षेत्र विभिन्न प्रजातियों की तितलियों को देखने का सर्वोत्तम स्थान है.
भीमताल के आस पास के स्थान
पर्यटक यहां आकर विक्टोरिया बांध देख सकते हैं जो भीमताल झील के अंत में बना हुआ है. बांध बेहद लुभावने दृश्य प्रदान करता है. पर्यटक, यहां एक मछलीघर भी देख सकते हैं जो कि भीमताल झील पर स्थित एक द्वीप पर बना हुआ है. यह झील हिमालय की कई ट्रांस चिडि़यों को आकर्षित करती है और उत्साही पर्यटकों को यहां नौका विहार की सुविधा भी प्रदान की जाती है.
यहां की लोक संस्कृति के संग्रहालय में रौक कला, लोक चित्र, पुरातात्विक वस्तुएं और प्राचीन पांडुलिपियों को दर्शाया गया है. सतताल, 500 निवासी और प्राकृतिक पक्षियों, 11000 कीड़ों और 525 किस्मों की तितलियों के लिए प्राकृतिक निवास है. यहां पर्यटक अमूमन तौर पर, किंगफिशर, ब्राउन हेडेड बारबेट्स, ब्लू – विहिस्लिंग -थ्रस, इंडियन ट्री पाइस और रेड – ब्लिड ब्लू मैगपाइस आदि को देख सकते हैं.
इस क्षेत्र में स्तनधारियों और तितलियों की विभिन्न प्रजातियों भी पाई जाती हैं. इस झील के नजदीक ही एक पर्वत पाया जाता है जिसे हिडिम्बा पर्वत के नाम से जाना जाता है. मान्यता के अनुसार, इस पहाड़ी का नाम महाकाव्य महाभारत के एक चरित्र, दानव हिडिम्बा के नाम पर पड़ा. वर्तमान में एक भिक्षु और पर्यावरणविद के रूप में प्रसिद्ध वानखंडी महाराज इस पहाड़ी में रहते हैं. उन्होने इस पहाड़ी के इर्द – गिर्द एक वन्यजीव अभयारण्य का निर्माण कर दिया है. अब यह क्षेत्र, वानखंडी आश्रम के नाम से जाना जाता है.
कैसे पहुंचे
अगर आप फ्लाइट से भीमताल जा रहीं हैं, तो पंतनगर एयरपोर्ट सबसे पास है. वहीं, ट्रेन से जाने के लिए काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा. यहां से भीमताल 30 किलोमीटर है. बस या टैक्सी से भीमताल पहुंचा जा सकता है.
कब जाएं : दिसम्बर से मार्च यहां घूमने का सबसे उचित समय है.