सिक्किम की खूबसूरतियों के बीच यहां का सबसे प्रमुख पर्यटक स्थल है गुरुडोंगमार झील जो हिमालय पर्वत पर स्थित सबसे ऊंचे झीलों में से एक है. चलिए आज इसी अद्भुत झील की सैर पर चलते हैं.

गुरुडोंगमार झील

सिक्किम के लाचेन में लगभग 5430 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है गुरुडोंगमार झील. यह झील कंचनजंगा पर्वतमला के उत्तर पूर्व में स्थित है. यह चीन की सीमा से केवल 5 किलोमीटर की दूरी पर है. ठंड के मौसम, नवंबर से मई के महीने में यह झील पूरी तरीके से जम जाता है. इस झील से एक प्रवाह त्शो लामो झील को इस झील से जोड़ती है और फिर यहां से तीस्ता नदी का उद्गम होता है.

धार्मिक रूप से यह झील बौद्ध और सिक्ख धर्म, दोनों का पवित्र स्थल है. कहा जाता है कि, जब गुरु पद्मसम्भवा तिब्बत की यात्रा पर थे तब उन्होंने इस झील को ही अपनी उपासना के लिए सबसे सही जगह के रूप में चुना था. गुरु नानक जी से भी संबंधित कथा यहां पर प्रचलित है. उनकी कथा भी गुरु पद्मसम्भवा की कथा से मिलती जुलती है.

दूर दूर तक फैला नीला जल और पार्श्व में बर्फ से लदी श्वेत चोटियां गाहे बगाहे आते जाते बादलों के झुंड से गुफ्तगू करती दिखाई पड़ती हैं. झील के दूसरी ओर सुनहरे पत्थरों के पीछे नीला आकाश एक और खूबसूरत परिदृश्य को दर्शाते हैं. यहां झील के किनारे एक सर्वधर्म प्रार्थना स्थल भी है. गुरुडोंगमार झील की यात्रा आप एक दिन में ही पूरी कर लेंगे. उसके बाद यहां के आसपास की खूबसूरती का भी मजा ले सकते हैं.

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