खजुराहो, मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक प्रमुख शहर है, जो अपने प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिये विश्वविख्यात है. खजुराहो मंदिर की आश्चर्यजनक वास्तुकला और कामुक मूर्तियां पर्यटकों का ध्यान अपनी और खिंचती हैं. यूनेस्को की विश्व धरोहर सूचि में शामिल यह मंदिर मध्य प्रदेश के छत्तरपुर जिले में स्थित है. खजुराहो, भारतीय आर्य स्थापत्य और वास्तुकला की एक नायाब मिसाल है.
खजुराहो के कलात्मक मंदिर दुनिया के लिए एक अनमोल तोहफा हैं. यहां की कलाकृतियां उस समय की कारिगरी का नायाब नमूना है. खजुराहो के मंदिरों को देखने के बाद कोई भी इन्हें बनाने वाले हाथों की तारीफ किए बिना नहीं रह सकता. खजुराहो में चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए खूबसूरत मंदिरो में की गई कलाकारी इतनी सजीव है कि कई मूर्तियां सजीव प्रतीत होती हैं.
इन्हीं खूबियों के साथ खजुराहो के मंदिर से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें भी हैं जिन्हें जान आपकी उत्सुकता और बढ़ जाएगी और आप अपने अगला वेकेशन में यहां जरूर आना चाहेंगे. चलिए जानते हैं खजुराहो के बारे में ऐसी ही कुछ दिलचस्प बातें.
नाम की उत्पत्ति
‘खजुर’ शब्द से खजुराहो का नाम रखा गया क्योंकि शहर की बाहरी दीवारें खजूर के पेड़ों से घिरी हुई थीं. प्राचीन समय में खजुराहो, खजूरपुरा के नाम से भी जाना जाता था.
बलुई पत्थर से निर्मित मंदिर
खजुराहो के ज्यादातर मंदिर गुलाबी, बादामी और पीले रंग के साथ बलुई पत्थरों से बने हुए हैं.
विकृत मंदिर
मध्यकालीन युग में यहां 85 मंदिर हुआ करते थे, जिनमें से अभी यहां सिर्फ 22 मंदिर बचे हैं. बाकि मंदिर प्राकृतिक आपदाओं के कारण ध्वस्त हो गए.
कामुक मूर्तियां