दिल्ली, देश का वो शहर जो आधुनिकता के साथ-साथ इतिहास से अभी भी पूरी तरह जुड़ा हुआ है.150 से भी ज्यादा ऐतिहासिक स्मारकों को अपने में समेटे हुए यह शहर आज भी कई कहानियां बयां करता है. शहर के हर थोड़ी-थोड़ी दूर पर स्थित ये स्मारक भारत में प्राचीन शासकों के इतिहास को लोगों के सामने बखूबी प्रदर्शित करते हैं.

इन्हीं प्रसिद्ध स्मारकों में सम्मिलित हैं, लोधी उद्यान में बने हुए स्मारक. लोधी उद्यान दिल्ली के दक्षिण मध्य इलाके में बना सबसे प्रसिद्ध और सुन्दर उद्यान है. सफदरजंग के मकबरे से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस उद्यान को पहले लेडी विलिंगटन उद्यान कहा जाता था. यह उद्यान लगभग 90 एकड़ की जमीन पर फैला हुआ है.

लोधी उद्यान मूल रूप से एक गांव था जहां 15 वीं-16 वीं शताब्दी में सैय्यद और लोधी वंश के स्मारक स्थापित थे.

1. मुहम्मद शाह का मकबरा

मुहम्मद शाह सैयद वंश के तीसरे शासक थे, जिन्होंने सन् 1434 से 1444 तक शासन किया. इनका शासन काल इसलिए भी जाना जाता है क्योंकि उस दौरान सरहिंद के अफगान सूबेदार बहलोल लोधी ने पंजाब के बाहर अपने प्रभाव को बढ़ा लिया था. कहा जाता है कि यह लोधी उद्यान का सबसे पुराना स्मारक है.

2. बड़ा गुम्बद

मुहम्मद शाह के मकबरे से लगभग 300 मीटर की दूरी पर यह मकबरा स्थित है. इसमें जिसका शव दफन है, उसकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है. पर यह स्पष्ट है कि वह सिकंदर लोधी के शासन काल में कोई उच्च पदाधिकारी था. बड़ा गुम्बद के साथ ही तीन गुम्बदों वाला मस्जिद भी स्थापित है.

3. शीश गुम्बद

वास्तुकला के हिसाब से इसमें दो मंजिला ईमारत की आकृति दिखाई पड़ती है. इस स्मारक के अंदर कई कब्रगाह स्थित हैं, जिनके बारे में भी इतिहास में अब तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. मगर ऐसा कहा जाता है कि इन्हें भी सिकंदर लोधी के ही शासन काल में बनाया गया था.

4. सिकंदर लोधी का मकबरा

बहलूल खान लोधी के शासन काल में ही राज्य में कई विद्रोही ताकतवर होने लगे थे. जिसके चलते उसके उत्तराधिकारी सिकंदर लोधी का अधिकांश समय जौनपुर के प्रांतीय शासक और अन्य सरदारों को दबाने में ही लगा रहा. सिकंदर लोधी का शासन काल सन् 1487 से 1517 तक था. सिकंदर लोधी का मकबरा उनके पुत्र द्वारा उनकी मृत्यु के बाद सन् 1517 में बनवाया गया. बाकि मकबरों की तरह यह भी एक अष्टकोणीय संरचना है जिसे हिन्दू रूपांकनों से सजाया गया है. यह संरचना डबल गुम्बद की तरह बनाई गई थी जिसे बाद में मुगलों द्वारा सुधारा गया.

5. अठपुला

सिकंदर लोधी के मकबरे से थोड़ी दूर पर ही, पूर्व में सात मेहराबों वाला एक पुल है जिसे नाले पर बनाया गया है. इस पुल में आठ खम्भे हैं इसलिए इसे अठपुला कहते हैं. इस पुल का निर्माण मुगल काल के दौरान बादशाह अकबर के शासन काल में नवाब बहादुर नामक व्यक्ति ने करवाया था.

इन स्मारकों के अलावा लोधी उद्यान में कई उद्यान भी हैं, जैसे रोज गार्डन, बैम्बू गार्डन, हर्बल गार्डन आदि. यहां आप इन ऐतिहासिक स्मारकों के साथ-साथ प्रकृति से भी पूरी तरह जुड़ पाएंगे. यहां पूरे साल कई अलग-अलग तरह के पक्षी भी देखने को मिलते हैं. खास कर की सर्दियों के दिनों में लोग सुबह और दिन के समय इस उद्यान की सैर करने ज्यादा आते हैं.

तो इस सर्दियों के मौसम में आप दिल्ली के इस खूबसूरत उद्यान की यात्रा करना मत भूलीएगा, जहां आप प्रकृति के साथ-साथ अपने आपको इतिहास से भी पूर्णतः जोड़ पाएंगे.

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