सैलानियों के बीच जल पर्यटन का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है. भारत में जल पर्यटन की जगहों की कमी नहीं है. मगर इनकी कहीं चर्चा नहीं होती. हर भारतीय हमेशा विदेशी जल पर्यटन स्थलों की ही चर्चा करता रहता है. जल पर्यटन के नाम पर लोगों को थाईलैंड, मारीशस, दुबई, आस्ट्रेलिया, पेरिस,ग्रीस, पुर्तगाल, बैंकाक, स्विटजरलैंड, जर्मनी की ही याद आती है. जबकि भारत में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के अलावा गोवा, उत्तराखंड में रिषिकेश के साथ ही मध्य प्रदेश में कई जल पर्यटन हैं.
मध्य प्रदेश में एक नहीं कई जल पर्यटन स्थल हैं. जिनमें होशंगाबाद जिले में स्थित तवा, जबलपुर के समीप बरगी, भोपाल में बड़ा तालाब, ग्वालियर के समीप तिगड़ा, शहडोल में बाण सागर, मंदसौर मेंगांधी सागर प्रमुख हैं. जबकि इनमें खंडवा जिले से 45 किलोमीटर दूर इंदिरा सागर बांध के पास स्थित हनुवंतिया टापू अति महत्वपूर्ण व काफी बड़ा जल पर्यटन स्थल है.
हनुवंतिया टापू पर जल पर्यटन के लिए पहुंचने वाले पर्यटक दावा करते हुए नहीं थकते कि यह तो स्विटजरलैंड से भी बेहतर है. मध्य प्रदेश सरकार ने इस जल पर्यटन स्थल को लोकप्रिय बनाने के मकसद से ही इस वक्त 15 दिसंबर 2016 से 15 जनवरी 2017 तक हनुवंतिया टापू पर ‘जल महोत्सव’ का आयोजन किया है. जबकि इसी वर्ष की शुरुआत में 12 से 21 फरवरी के बीच दस दिवसीय जल महोत्सव आयोजित किया गया था, जिसमें दस दिन के अंदर दो लाख पर्यटक पहुंचे थे. इसी वजह से अब यह आयोजन गुलाबी ठंड के मौसम में पूरे एक माह के लिए किया गया है.
नर्मदा नदी के किनारे स्थित हनुवंतिया प्रकृति के अनुपम सौंदर्य से युक्त जल पर्यटन स्थल है. अथाह जल राशि के बीच असंख्य टापू, क्रूज, मोटर बोट, जल परी का रोमांच, पानी से हथखेलियां करते पर्यटक,वाटर स्पोर्टस की मनभावन और साहसिक गतिविधियां हर पर्यटक को अपने मोह पाश में बांध लेते हैं. हनुवंतिया के चारों तरफ सघन वन क्षेत्र वन्य प्राणी और रंग बिरंगे पंक्षी इसे और रमणीय बना देते हैं. इसी वजह से हनुवंतिया दूसरे जल स्थलों से अलग है.
मध्य प्रदेश पर्यटन निगम ने हनुवंतिया को ‘वाटर स्पोर्टस काम्पलेक्स’ के रूप में विकसित कर इसे अति आनंद दायक जल पर्यटन स्थल बनाया है. यहां पूरे वर्ष पर्यटकों को समुचित सुविधाएं देने के मकसद से काटेज, रेस्टारेंट और बोट क्लब संचालित है. वोट क्लब के अंतर्गत जल परी, मोटर बोट का लुत्फ उठाया जा सकता है. साल में किसी भी दिन यहां पर्यटक पिकनिक मनाने जा सकते हैं.
हनुवंतिया टापू पर आयोजित हो रहे जल महोत्सव में हर दिन हजारों पर्यटक आ रहे हैं. मगर 25 दिसंबर को क्रिसमस व रविवार की दोहरी छुट्टी की वजह से एक ही दिन में करीबन बीस हजार पर्यटक पहुंचे. यह पर्यटक बोटिंग करते, जल से अठखेलियां करते व सेल्फी लेते हुए नजर आए. दिन के समय हाट एअर बलून का आनंद लिया. तो वहीं शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का मजा ले रहे हैं. सांस्कृतिक कार्यक्रम में निमाड़ी फोक गीत संगीत व नृत्य से जुड़े कत्थक डांसर संजय महाजन हर दिन अलग अलग तरह के कार्यक्रम पेश कर रहे हैं. वह अमरकंटक की महिमा, वीरा का व्याह, आरा रजवाड़ी मटकी, कान ग्वाला हास्यप्रद नृत्य, झालरिया नृत्य रणबाई की विदाई, गणगौर नृत्य, सफी गान व कबीर गान को अपने बाड़वाह ग्रुप के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं. यहां सिर्फ भारतीय ही नहीं बल्कि हर दिन सैकड़ों विदेशी पर्यटक भी हनुवंतिया टापू पर जल पर्यटन का लुत्फ उठाते हुए नजर आ रहे हैं.
‘‘जल महोत्सव’’ में कई तरह के आयोजन हो रहे हैं. एक तरफ बच्चे ‘‘एम पी में दिल हुआ बच्चा सा’’ प्रदर्शनी का लुत्फ उठाते हुए सेल्फी खिंचवा रहे हैं. तो वहीं कुछ लोग क्राफ्ट मेले में खरीददारी करते हुए नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं कई पर्यटक टर पैरा सेंलिग, हवा में पैरा सेलिंग, बनाना बोट, स्पीड बोट, जल परी,क्रूज सहित दूसरी राइड का मजा ले रहे हैं.
इस बार जल महोत्सव का आकर्षण शिकारा और हाउस बोट हैं. शिकारा में बैठकर पर्यटक कश्मीर की डल झील का एहसास कर सकता है. तो वहीं केरल की तर्ज पर हाउस बोट में ठहरने का आनंद ले सकता है. जो लोग गुलाबी ठंड के बीच नया वर्ष मनाना चाहते हैं, उनके लिए तो यह जल महोत्सव हमेशा के लिए एक यादगार बना रहेगा.
यहां राष्ट्रीय स्तर की पतंग उड़ाने, सायकल चलाने व वाल क्लाइंबिंग प्रतियोगिताएं हो रही हैं. वाल क्लाइंबिंग प्रतियोगिता मे हिस्सा लेने के लिए 60 राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी पहुंचे हैं. इन्ही में से दस खिलाड़ी चुने जाएंगे, जो कि 2020 में आयोजित ओलंपिक खेल में हिस्सा लेंगे.
कैसे पहुंचेंगे हनुवंतियाः
हवाई मार्ग सेः
हवाई जहाज से यात्रा करने वालों को इंदौर या भोपाल हवाई अड्डा उतरना होगा. वहां से सड़क मार्ग से हनुवंतिया पहुंचा जा सकता है. इंदौर से 130 किलोमीटर और भोपाल से 330 किलोमीटर की दूरी पर हनुवंतिया है.
रेल मार्ग सेः
रेल मार्ग से यात्रा करने वाले पर्यटक इंदौर अथवा खंडवा रेलवे स्टेशन उतर कर सडक मार्ग से हनुवंतिया पहुंच सकते हैं. इंदौर रेलवे स्टेशन से 130 किलोमीटर और खंडवा रेलवे स्टेशन से 45 किलोमीटर की दूरी है. यदि भोपाल रेलवे स्टेशन से सड़क मार्ग अपनाएं, तो अब्दुल्ला गंज, नसरूल्ला गंज, हरदा, खंडवा व मूंदी होते हुए यानी कि 280 किलोमीटर की यात्रा कर हनुवंतिया पहुंच सकते हैं. मूंदी से हनुवंतिया सिर्फ15 किलोमीटर दूर है.
कहां ठहरें:
हनुवंतिया जल महोत्सव का लुत्फ उठाने वाले पर्यटक इस एक माह के दौरान हनुवंतिया में ही बने टेंट में ठहर सकते हैं. यह टेंट दो तरह के हैं. प्रीमियम और डिलक्स टेंट. यह सभी टेंट वातानुकूलित हैं. इनमें 5जनवरी से 15 जनवरी 2017 के बीच एक रात दो दिन रूकने का किराया प्रति व्यक्ति 8100 और 7100है. एक टेंट में दो लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. जबकि 25 दिसंबर 2016 से 4 जनवरी 2017 के बीच है राशि बढ़कर 9100 और 8100 है. इस राशि में सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात्रि का भोजन भी शामिल है. जो पर्यटक इन टेंट में ठहरने के लिए पहले से आरक्षण करवाते हैं, उन्हें इंदौर अथवा खंडवा से हनुवंतिया पहुंचाने व वापस छोड़ने की मुफ्त व्यवस्था की गयी है.
पर जो पर्यटक पूरे वर्ष यहां पर्यटन के लिए आते हैं, उनके ठहरने के लिए निगम द्वारा बनाए गए काटेज या हाउस बोट हैं. काटेज के लिए 3290 प्रति व्यक्ति तथा हाउस बोट के लिए प्रति व्यक्ति 5990 देना होगा.