बरसात के मौसम में छत्तीसगढ़ के वाटर फाल्स ऐसी छटा बिखेरते है कि मन मोहित हो जाता है. आइए, जानते हैं छत्तीसगढ़ के खूबसूरत छटा बिखरने वाले जलप्रपातों के बारे में:

चित्रकूट जलप्रपात

मिनी नियाग्रा के नाम से प्रसिद्ध चित्रकूट जलप्रपात बस्तर के जिला मुख्यालय जगदलपुर से 39 कि.मी. की दूरी पर लोहंडीगुड़ा विकासखंड के अंतर्गत स्थित है. इंद्रावती नदी उड़ीसा के कालाहांडी जिले से निकल कर बस्तर में प्रवेश करती है. चित्रकूट जलप्रपात की चौड़ाई लगभग 200 मीटर है तथा 90 फुट गहराई में गिर कर खूबसूरत जलप्रपात बनाती है.

बरसात के बाद जलप्रवाह कई धाराओं में बंट कर जलप्रपातों का रूप धारण कर लेता है. प्रपात के निचले भाग में जलकुंड है. जब जलप्रपात पूरे वेग के साथ नीचे कुंड में गिरता है तो जलकणों की धुंध पर जब सूर्य की रोशनी पड़ती है, तो बनने वाला इंद्रधनुषी रूप सैलानियों के मन मोह लेता है. राजधानी रायपुर से 300 कि.मी. की दूरी पर स्थित है.

तीरथगढ़ जलप्रपात

कल-कल ध्वनि करते नीचे गिरते जलप्रवाह को प्रपात के रूप में निहारना बेहद मनोहारी होता है. प्रपात के दर्शन किसी मौसम विशेष का मुहताज नहीं होते, पर प्रपात के दर्शन का आनंद वर्षाकाल के बाद अधिक मिलता है. बस्तर के सब से खूबसूरत प्रपात समूहों का सरताज तीरथगढ़ जलप्रपात. यह जलप्रपात राजधानी रायपुर से जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से 340 कि.मी. की दूरी पर स्थित है.

घटारानी जलप्रपात

बारिश के दिनों में मंदिर के पास के झरनों की रिमझिम फुहार के चलते यह बेहतरीन पर्यटन स्थलों में शुमार हो गया है. यहां पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का बहुत आनंद उठाते हैं. घटारानी जतमई से 25 कि.मी. है. यह भी बेहतरीन जलप्रपात है. प्रकृति प्रेमियों के लिए इन जगहों पर जाने का सब से अच्छा समय अगस्त से दिसंबर तक है. यह जगह राजधानी रायपुर से मात्र 75 कि.मी. की दूरी पर है.

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