रोज-रोज ऑफिस की भागदौड़ और आये दिन टारगेट को पूरा करते हुए जिन्दगी एकदम से उलझ सी जाती है. ऐसा लगता है जैसे जिन्दगी घर से ऑफिस और ऑफिस से घर के बीच में ही होकर रह गयी है. अगर आप के साथ भी ऐसा ही है तो आपको जरूरत है एक शांति सी जगह में वीकेंड बिताने की.
अगर आप इस बार अपनी छुट्टियों को थोड़ा रोमांचक बनाना चाहती हैं तो आपके लिए सकलेशपुर एक परफेक्ट हॉलिडे डेस्टिनेशन है.
सकलेशपुर, भारत में कॉफी और इलायची का एक बड़ा उत्पादक है. तो अब देर किस बात की आज ही टिकट बुक कराइए और निकल जाइए सकलेशपुर की यात्रा पर.
सकलेशपुर, पश्चिमी घाटों में बसा एक छोटा सा सुंदर हिल स्टेशन है जो ताजगी प्रदान करता है. यह शहर 949 मीटर की ऊंचाई पर है और बंगलुरु-मैसूर राजमार्ग के पास होने के कारण यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है. हसन जि़ले का भाग, सकलेशपुर, भारत में काफी और इलायची का एक बड़ा उत्पादक है.
मंजराबाद का किला
सकलेशपुर आने पर राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर स्थित मंजराबाद का किला अवष्य देखना चाहिए. इस्लामिक वास्तुकला शैली और धनुषाकार प्रवेश द्वार को दर्शाता यह किला समुद्रतल से 3240 फीट ऊपर है. एक सुरक्षित स्थान बनाने के नजरिए से मैसूर के शासक टीपू सुल्तान ने इस किले को बनवाया था.
यह किला इसलिए उचित था क्योंकि यह उन सभी रास्तों को रोकता था जो पास के तटीय क्षेत्रों से सकलेशपुर के पीछे बने पठार तक पहुंचने के लिए प्रयोग किया जा सकता था.
टीपू सुल्तान के शासनकाल में यह किला गोला बारूद रखने और मंगलोर से उनकी ओर आने वाले अंग्रेजों पर नजर रखने के लिए उपयोग किया जाता था. मंजराबाद का किला एक छोटी पहाड़ी पर बना है और अन्य किलों के विपरीत केवल एक ही निर्माण स्तर पर आधारित है.