रंगबिरंगे गुलाबों और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों से घिरी केन्या की नायवाशा झील की खूबसूरती दिलोदिमाग में छा जाती है. अगर आप भी घुमक्कड़ मिजाज के हैं तो नायवाशा झील का एक दौरा तो बनता है जनाब.

ईस्ट अफ्रीका के देश केन्या जाने वाले ज्यादातर सैलानी नायवाशा झील जरूर देखते हैं. यह केन्या की राजधानी नैरोबी के उत्तरपश्चिम में है. यह ग्रेट रिफ्ट वैली का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है. यह 139 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है. यह समुद्रतल से 6180 फुट की ऊंचाई पर है. इस की अधिकतम गहराई 100 फुट है.

झील के आसपास कई तरह के जंगली जानवरों का एक दर्शनीय स्थल है जिस में जिराफ, जैब्रा, हाइना, हिरण और 200 से अधिक तरह के पक्षी हैं.

विशेष प्रकार के फूलों, खासतौर से कई रंगों के गुलाबों के अनेक फौर्म यहां चारों ओर फैले हुए हैं. यह यहां का महत्त्वपूर्ण उद्योग है. हजारों अफ्रीकी लोगों को यहां रोजगार मिला हुआ है. ये फूल विशेषतौर पर गुलाब यूरोप के देशों में निर्यात किए जाते हैं.

मछली उद्योग भी यहां की स्थानीय आबादी की रोजीरोटी का बड़ा साधन है. इस झील में कई प्रकार की मछलियां पाई जाती हैं. वहां मसाई भाषा बोलने वाले मसाई लोग झील को नाइपोशा कहते थे जिस का अर्थ होता है तूफानी पानी. दरअसल, यहां शाम को अकसर पानी में तूफान आता है, ऊंची लहरें उठती हैं.

यहां के फूल उद्योग पर अंगरेजों का तकरीबन पूरा कब्जा है. वे यहां फूलों के अलावा विभिन्न प्रकार की सब्जियां भी उगाते हैं.

ऐलसामेयर, झील के किनारे बसा विश्वप्रसिद्ध घर है जोकि अब एक स्मारक है. यहां जौय ऐडमसन रहती थीं. उन्होंने विश्वप्रसिद्ध पुस्तक ‘बौर्न फ्री’ की रचना की, जिस पर ‘बौर्न फ्री’ फिल्म बनी और लोगों के दिलोदिमाग पर छा गई.

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