ह र किसी की तमन्ना होती है कि उस के पास भी अपना एक खूबसूरत घर हो मगर इस महंगाई के जमाने में अपने घर की चाहत पूरी करना आसान नहीं क्योंकि इंसान जितना कमाता है उतने खर्चे भी सिर उठाए चले आते हैं. ऐसे में होम लोन का औप्शन इस सपने को पूरा करने का एक अच्छा जरीया हो सकता है. तमाम बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की ओर से होम लोन औफर किया जाता है. होम लोन के जरीए आप को मकान खरीदने के लिए एकमुश्त पैसा मिल जाता है जिसे आप को बाद में ईएमआई के रूप में चुकाना पड़ता है.

चाहे आप एक नया घर/जमीन खरीदना चाहते हों या एक नया घर बनाने वाले हों अथवा मौजूदा घर को रैनोवेट करने की योजना बना रहे हों तो आप होम लोन के औप्शन के बारे में सोच सकते हैं. बैंकों द्वारा पेश किए जाने वाले कुछ सब से लोकप्रिय होम लोन विकल्प हैं- प्लाट के लिए होम लोन, मौजूदा घर के नवीनीकरण और विस्तार के लिए होम लोन, निर्माणाधीन संपत्ति के लिए होम लोन, रैडी टू मूव इन प्रौपर्टी के लिए होम लोन, एनआरआई के लिए होम लोन आदि.

मगर याद रखें घर खरीदना आप के द्वारा किया जाने वाला जीवनभर का निवेश है और होम लोन लेते समय बहुत सावधानी की जरूरत होती है. एक छोटी सी गलती भी न केवल आप के सिबिल स्कोर बल्कि आप की बचत को भी प्रभावित कर सकती है.

होम लोन की पात्रता कैसे तय करते हैं

होम लोन की ऐलिजिबिलिटी क्रैडिट स्कोर, वेतन, आयु, लोकेशन, संपत्तियां, देनदारियां और इनकम की स्थिरता इत्यादि पर निर्भर होती है. आप को कितना लोन मिल सकता है उस की गणना करने के लिए हर बैंक की अपनी नीतियां होती हैं. मुख्य रूप से आवेदक की शुद्ध मासिक आय के आधार पर इस की गणना की जाती है.

अधिकतर बैंक प्रति माह आप की मौजूदा शुद्ध आय के 60 गुना तक की होम लोन राशि प्रदान करते हैं. माना कि आप की आयु 30 वर्ष है और मासिक वेतन क्व60 हजार है लेकिन आप को सारी कटौतियों के बाद क्व55 हजार मिलते हैं. इस स्थिति में क्व55 हजार आप की नैट मंथली इनकम होगी और इसी राशि के आधार पर आप का लोन मंजूर किया जाएगा.

अगर आप का शुद्ध मासिक वेतन क्व40 हजार है, तो आप मोटे तौर पर क्व24 लाख तक का होम लोन पा सकते हैं. इसी प्रकार अगर आप को हर महीने क्व35 हजार मिलते हैं तो आप लगभग क्व21 लाख तक पा सकते हैं.

बैंक आप के सिबिल (क्रैडिट) स्कोर और अन्य ईएमआई (यदि कोई हो) को भी ध्यान में रखते हैं.

क्रैडिट स्कोर मतलब जो आप कर्ज लेते हैं उसे कितनी फरर्ती के साथ लौटाते हैं. बिना किसी देरी किए और डिफाल्ट किए लोन लौटाने पर ही क्रैडिट स्कोर सुधरता है. यदि आप कम ब्याज दर पर अपनी पसंद की होम लोन राशि का लाभ उठाना चाहते हैं तो 750 या उस से अधिक का क्रैडिट स्कोर अच्छा माना जाता है. यदि आप का क्रैडिट स्कोर खराब है यानी यह 700 से नीचे चला जाता है तो बैंक या तो आप के होम लोन आवेदन को स्वीकार नहीं करेगा या फिर आप को ऊंची ब्याज दर पर होम लोन मिल सकता है. इसलिए आप अपने ऋणदाता से अपने क्रैडिट स्कोर के अनुसार होम लोन पर मिलने वाली न्यूनतम ब्याज दर के बारे में जरूर पूछ लें.

उदाहरण के लिए आप एक वेतनभोगी व्यक्ति हैं और क्व1 लाख प्रति माह कमाते हैं. आप क्व45 लाख रुपए के होम लोन के लिए आवेदन करना चाहते हैं. आप का क्रैडिट स्कोर 680 है. ऐसे में संभव है बैंक आप को होम लोन नहीं दे या फिर आप से 12 से 13% तक की ऊंची ब्याज दर वसूल सकता है.

दूसरी ओर आप का दोस्त जो क्व70 हजार प्रति माह कमाता है और 750 का क्रैडिट स्कोर है. वह क्व50 लाख के होम लोन के लिए आवेदन करना चाहता है. बैंक खुशीखुशी उसे 6 से 7% प्रति वर्ष की न्यूनतम ब्याज दर पर होम लोन देगा. आप के दोस्त को यह फायदा उस के बेहतर क्रैडिट स्कोर के कारण मिला है.

होम लोन की अवधि

आमतौर पर अधिकांश होम लोन ऋणदाता 1 से 30 वर्ष की अवधि के लिए लोन प्रदान करते हैं. हालांकि आप की आय, उम्र और वित्तीय स्थिति के अनुसार होम लोन की इस अवधि में बदलाव किया जा सकता है.

वैसे इस मामले में एक बड़ा फैसला आप का होता है. आप के होम लोन की ईएमआई पूरी तरह से आप के द्वारा चुनी गई अवधि पर निर्भर करती है. यदि आप लंबी अवधि चुनते हैं तो आप की ईएमआई की राशि कम होगी और यदि आप छोटी अवधि का चयन करते हैं तो आप को अधिक ईएमआई राशि का भुगतान करना होगा. इस में ईएमआई का बो?ा अधिक होगा, लेकिन इस का फायदा यह है कि आप का लोन तेजी से खत्म हो जाता है.

होम लोन के लिए आवेदन करने हेतु कुछ खास दस्तावेजों की आवश्यकता होती है.

बैंक आप से आप के खरीदे जाने वाले घर के सभी लीगल पेपर्स मांगता है. कुछ सामान्य दस्तावेज हैं जैसे सेल डीड, एनओसी आदि. इस के अलावा केवाईसी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड आदि जो होम लोन के लिए आवेदन करने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रदान करने होंगे. प्रौपर्टी के कागजात भी साथ रखें. इन के अलावा नौकरी और बिजनैस करने वाले व्यक्तियों को उन के काम के आधार पर कुछ खास दस्तावेजों को देने की आवश्यकता होती है.

उदाहरण के लिए यदि आप कहीं नौकरी करते हैं और आप को निश्चित वेतन मिलता है तो आप को अपने कुछ कागजात सबमिट करने होंगे जैसे पिछले 3 महीनों की सैलरी स्लिप,

पिछले 6 महीनों का बैंक खाता विवरण फौर्म 16 आईटीआर आदि.

यदि आप का अपना बिजनैस है तो आप को निम्न चीजें दिखानी होंगी:

पू्रफ औफ बिजनैस ऐक्सिस्टैंस (पार्टनरशिप डीड, जीएसटी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट आदि) प्रौफिट ऐंड लौस अकाउंट स्टेटमैंट बैलेंस शीट पिछले 6 महीनों का बैंक खाता विवरण.

आप को अपने फोटो के साथ भरा हुआ एक ऐप्लिकेशन फौर्म सबमिट करना होता है. लोन एप्लीकेशन फौर्म के साथ जरूरी डौक्यूमैंट्स की चैकलिस्ट भी लगी होती है. याद रखें कि अधूरे या गलत दस्तावेज जमा करने से आप का होम लोन आवेदन खारिज हो सकता है. अपने होम लोन लैंडर को कागजात सबमिट करने से पहले उन्हें 2 बार क्रौस चैक करना चाहिए.

लोन के लिए अप्लाई करते समय कुछ बातों का रखें खयाल:

डिस्काउंट और औफर

फैस्टिव सीजन में कई बैंक लोन पर तमाम डिस्काउंट और औफर्स ले कर आते हैं. लेकिन सिर्फ आकर्षक औफर्स देख कर ही प्रभावित न हों. पहले उस औफर के बारे में सबकुछ अच्छी तरह से पता कर लें. जल्दबाजी में कोई भी फैसला लेना आप को मुश्किल में डाल सकता है.

अनुभवी लोगों की मदद लें

जब भी आप लोन लेने जाएं तो किसी अनुभवी व्यक्ति को साथ जरूर ले कर जाएं. ऐसा व्यक्ति जो आप से पहले होम लोन ले चुका हो. उस व्यक्ति को लोन से जुड़ी सही और गलत चीजों के बारे में अंदाजा हो जाता है. लोन कितना होगा, कितने समय के लिए होगा, लोन लेते समय कोई हिडन चार्ज तो नहीं है, इन सभी बातों के बारे में आप को उस से जानकारी मिल सकती है.

ब्याज की तुलना करें

जब भी आप लोन लेने के लिए जाएं तो एक बार तमाम बैंकों के ब्याज का पता कर लें और आपस में ब्याज की तुलना करें. इस से आप को यह पता चल जाएगा कि लोन का ब्याज किस बैंक में कम है. यह जानकारी आप को बैंक में जा कर, कौल के जरीए या बैंक की वैबसाइट से हो जाएगी. लोन लेते वक्त ही ब्याज दर को हर ऐंगल से सम?ा लें तभी लोन का पैसा लें.

ईएमआई के बारे में सम?ों

लोन लेते समय यह सुनिश्चित करें कि आप की ईएमआई कितनी होगी. ध्यान रहे कि ईएमआई कम करने के चक्कर में ज्यादा ब्याज न दें और इतनी ज्यादा ईएमआई भी न बनवा लें कि आप आगे चल कर भर ही न पाएं.

फोर्स क्लोजिंग चार्ज

अगर आप होम लोन 20 सालों के लिए लेते हैं और अचानक आप के पास कहीं से बीच में ही पैसों का जुगाड़ हो जाता है और आप उस पैसे को भर कर लोन को समय से पहले ही बंद करवाना चाहते हैं तो आप को प्रिंसिपल अमाउंट यानी बचे हुए अमाउंट पर कितना फोर्स क्लोजिंग चार्ज देना होगा इस के बारे में पहले से पता कर लें.

बीमा कवर

अगर आप होम लोन ले रहे हैं तो आप को बीमा कवर जरूर लेना चाहिए. यह वास्तव में किसी आपात स्थिति में आप के परिजनों को बेघर होने से बचा सकता है. इस के साथ ही आप के साथ किसी दुर्घटना की स्थिति में आप के होम लोन की मासिक किस्त भी माफ हो जाती है.

हिडन कौस्ट भी देख लें

लोन में कई तरह की हिडन कौस्ट होती है जो पहले नहीं बताई जातीं. बाद में जब पता चलता है तब तक देर हो चुकी होती है. इस में आप को लीगल फीस, टैक्निकल वैल्यूएशन चार्जेज, फ्रेंकिंग फीस, डौक्यूमैंटेशन फीस, नोटरी फीस, लोन प्रीपेमैंट फीस आदि शामिल हो सकती हैं. ये फीस आप को भारी पड़ सकती हैं.

टर्म और कंडीशन को जरूर पढ़ें

लोन लोन लेने से पहले ‘शर्तें लागू’ वाले कौलम को ठीक से पढ़ लें. कहीं ऐसा न हो कि बैंक की टर्म एंड कंडीशन आप के मुताबिक न हों और आप लोन ले कर फंस जाएं. लोन लेने के बाद कोई भूल सुधार का मौका नहीं मिलता. इस से अच्छा यही होगा कि सभी नियम और शर्तें पहले ही जान लें.

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