टर्म इंश्योरैंस परिवार के लिए एक सिक्योरिटी लेयर के रूप में काम करता है और परिवार के कमाऊ सदस्य के जल्दी निधन की स्थिति में परिवार की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने में सहायक होता है. समय के साथसाथ महिलाओं की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां बदल रही हैं. अब कामकाजी महिलाएं भी परिवार में कमाने वाले सदस्य की भूमिका निभा रही हैं. साथ ही, गृहिणियां भले आय अर्जित नहीं करती हैं, लेकिन वे अपने योगदान के माध्यम से अपने घरों में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.
पौलिसी बाजार के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में टर्म इंश्योरैंस खरीदने वालों में महिलाओं की संख्या 9 प्रतिशत और पुरुषों के लिए यह आंकड़ा 91 प्रतिशत था. हालांकि कोरोना महामारी के बाद से महिलाओं में टर्म इंश्योरैंस के प्रति जागरूकता बढ़ी है और वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 9 प्रतिशत से बढ़ कर 12 प्रतिशत हो गया है.
इतना ही नहीं, Q1 वित्तीय वर्ष 24 में, 31-50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं द्वारा खरीदी गई पौलिसियों की हिस्सेदारी 57 प्रतिशत (उच्चतम) थी, जबकि 18-30 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं की हिस्सेदारी 41 प्रतिशत रही. इस का मतलब यह है कि वित्तीय स्थिरता आते ही महिलाएं टर्म प्लान में निवेश के बारे में अधिक जागरूक हो जाती हैं.
ऋषभ गर्ग, हैड टर्म इंश्योरैंस, पौलिसी बाजार डौट कौम का कहना है कि कामकाजी महिलाओं के लिए टर्म कवर जरूरी है. कामकाजी महिलाएं या तो प्राथमिक या सहअर्जक के रूप में अपने परिवार के वित्त में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. अगर किसी कमाने वाले सदस्य के साथ कुछ दुर्भाग्यपूर्ण होता है तो परिवार उस महत्वपूर्ण आय को खो देता है, जो कर्ज चुकाने, बच्चों की उच्च शिक्षा की लागत को पूरा करने या बुजुर्ग मातापिता के पालनपोषण की ओर जाती थी.