रूना सिंघल,
मेरी मां मेरी सबसे अच्छी दोस्त, सबसे अच्छी सलाहकार. मेरी मां ने हर कदम पर मेरा साथ दिया मुझे हर काम करने के लिये प्रोत्साहित किया है. हमेशा मेरे एग्जाम की तैयारी कराना. घण्टो मेरे साथ बैठ कर ड्राइंग करवाना. एक वक्त ऐसा भी आया जब मैं बिल्कुल टूट गयी तब सिर्फ मां तुमने भरोसा किया तुम ने साथ दिया. मेरी जिंदगी के हर पहलू में हर फैसले में हर सही गलत का परिचय कराया. मेरे बाहर पढ़ने जाने के जब सब खिलाफ थे मां बस तुमने सबको मनाया और भरोसा भी दिलाया. जितना भी मां तुम्हारा धन्यवाद करूं कम है. बस दो पंक्तियां मां तुम्हारे लिये----
"मां से बढ़कर कोई जन्नत नही होती, मां के बिना कोई खुशी पूरी नही होती
मां तू है तो लगता है महफ़ूज हूं मैं, क्योंकि मां तेरे बिना तो कुछ भी नही हूं मैं"
ये भी पढ़ें- मेरी मां- ‘हर गलती पर ऐसे बचा लेती थी मां…’
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
- 24 प्रिंट मैगजीन