एक खत मां के नाम
मां प्यारी मां , मम्मा
“आप जैसा कोई नहीं मम्मी , आप तो भगवान की नवाजीं हुई नेमतों में से सबसे खूबसूरत नेमत हो ,
आज जब मैं भी एक पत्नी और दो प्यारे बच्चों की मां बनीं, तब मुझे अहसास हुआ आप के सुख, आपके दुःख, आप के संघर्ष, किस तरह से अपने सिंगल पैरेन्टिंग को संघर्षों और कठिनाइयों के साथ निभाया है. कभी कमजोर नहीं दिखाई दी आप, एक मजबूत पिलर बनी रही, एक छायादार वृक्ष की तरह धूप छांव बारिश सर्दी-गर्मी सब सह कर भी हमारे लिए खड़ी रही.
ओह मम्मी ! आज जब मेरा भी परिवार है तब अक्सर मैं परेशान होती हूं, कभी पति के लिए कभी बच्चों के लिए, कभी वर्तमान में आई परेशानी के लिए और कभी भविष्य में क्या होगा यह सोचकर. आप तो बिल्कुल अकेली थी, कैसे किया आपने सबकुछ?
आज जब बच्चे मुझसे कहते हैं कि मम्मा आप बहुत स्ट्रांग है तो मैं कहती हूं ये ताकत मुझे मेरी मम्मी से मिली . सच में मम्मी आपसे ही सीखा है कठिनाइयों का सामना मजबूत होकर करना है, आज भी जब कभी इस रंग बदलती दुनिया से परेशान होती हूं तो बस आपसे सीखी बात याद रखती हूं कि अच्छा व्यवहार आचरण और अच्छा व्यक्तित्व सबसे उपर रहता है.
बचपन से लेकर आज तक मेरी बेस्ट फ्रेंड आप ही हो, मेरे अनुभव से मां से बढ़कर आपका सच्चा दोस्त और कोई हो ही नहीं सकता, चाहे वो पति ही क्यूं न हो. आज मैं मेरे बच्चों की अच्छी दोस्त बन पाई हूं वो भी आपकी वजह से. मैंने जो आपसे पाया, वो अपने बच्चों को देने की कोशिश करती हूं,
एक सीकेट्र और आज जब भी मैं ख़ुश होती हूं या दुःखी होती हूं और आपको फोन करती हूं और आपकी आवाज , हां लाड़ों कैसी हो , सुनकर अहसास है कि मैं आज भी बच्ची हूं , आपनी मां कि वही बच्ची जो आपसे लिपट के सोती थी, आपकी गोदी में खेलती थी.
मेरी सुपरवुमन मम्मी, दुआ मांगती हूं कि आप हमेशा मेरे साथ रहे. आज मैं एक परिपक्व महिला हूं फिर भी आपके मुंह से लाड़ो सुनकर अहसास होता है कि मेरी फ़िक्र करने वाला भी कोई है, आज भी जब आपकी गोदी में सर रखकर लेटती और आप सर पर हाथ फिराती हो, तो दुनिया की तमाम अजी़यत से मुक्त हो जाती हूं.
इतना और कहूंगी ” ये जो जीवन है, वन है कांटो का, तू फुलवारी है, ओ मां…
love यू हमेशा
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