टीना सिंह चौहान, (मेरठ, उत्तर प्रदेश)
मां, एक संपूर्ण शब्द है जिसमें पूरा संसार समाया है. मां का दिल गहरे समुद्र के समान है. जिसमें हमेशा क्षमा, स्नेह और प्यार बसता है. मुझे अपनी मां के दिल से हमेशा आर्शीवाद ही मिला है. मां का प्यार शांति है. इसको कभी अधिग्रहण नहीं करना होता है. किसी भी तरह से हम मां की ममता का मूल्य नहीं चुका सकते है. मां के दिल में प्यार की शुरूआत और अंत दोनो ही ममता होती है. मेरी मां कन्या इंटर कालेज की प्रिसिंपल थीं. इसके बाद भी उनका प्यार मीठे फूल के समान है. मैं जो भी कुछ हूं, उसमें मेरी मां का ही सबसे बड़ा योगदान है. मैं उनकी बेहद शुक्रगुजार हूं.
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मुझे याद है मुझे जब भी कालेज में स्पीच देनी होती थी, मेरी मां घर पर उसकी प्रैक्टिस कराती थी. वह सामने खड़ी होती और बताती कि क्या बोलना है? कैसे बोलना है? किस शब्द का कैसे उच्चारण करना है. उनकी मेहनत का असर रहा कि मैं कालेज में डिबेट में हमेशा सबसे अव्वल रहती थी. सिर्फ डिबेट में ही नहीं सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, गायन कला, फ्रेशर पार्टी, स्कूल की पार्टी, कालेज में छात्रसंघ के चुनाव हमेशा मैं आगे रहती थी.
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मां के मार्गदर्शन और संस्कारों ने मुझे हमेशा विजयी बनाया. मुझे मां की गोद सबसे ज्यादा पसंद है. यह गोद प्रेम और आराम से भरी होती है. जिसमें हम चैन की नींद सो सकते है. मां का प्यार मेरे लिये अमूल्य है. उनकी सलाह आज भी मेरा सही मार्गदर्शन करती है.