भारत एक ऐसा देश है जो अपने हर त्यौहार को खूब धूम-धाम से मनाना पसंद करता है. भारत देश में हर त्यौहार खूब ख़ुशी- उल्लास और उत्साह से मनाया जाता आ रहा है. हर “ग्रेट इंडियन फेस्टिवल” के लिए ज़रूरी होता है की हम त्यौहार के दिन कुछ मीठा और सवादिष्ट भोजन बनाए जिससे की त्यौहार का उत्साह दो गुना हो जाता है, हर त्यौहार में हम कोई न कोई पारंपरिक भारतीय मिठाइयाँ हम ज़रूर बनाते है. और यह मिठाइयां आपको पारंपरिक मिठाइयों की दुकानों के साथ-साथ घरों में भी तैयार की जाती है. भारतीय लोगों को अपनी पसंदीदा मिठाइयों को खाने के लिए किसी भी कारण की आवश्यकता नहीं है,बल्कि यह त्यौहारों के समय में और ज्यादा खाई और बनाई जाती है. त्यौहार के समय में इसके बिक्री और खपत काफी उच्च स्तर पर पहुंच जाती है.
हालांकि, हम सभी यह बात अच्छे से जानते है की इन मिठाइयों में मिठास के लिए चीनी का इस्तेमाल किया जाता है , और बात किसी से भी छिपी नहीं है की हम मिठाइयों में चीनी का इस्तेमाल खूब करते है और हम सब यह भी जानते है की ज्यादा मात्रा में मीठा खाने से हमे डायबिटीज जैसे समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. त्यौहार के सीजन में मिठाइयों की खपत ज्यादा होती है , और अधिक मात्रा में मीठे का का सेवन करने से डायबिटीज सहित विभिन्न बीमारियों का उत्पन हो सकता है. और मीठे की वजह से उत्सव का आनंद कम नहीं होना चाहिए, क्यूंकि आज मार्किट में कई अन्य तरह के लौ कैलोरी स्वीटनेस (एल सी एस ) आसानी से उपलब्ध है.
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लौ कैलोरी स्वीटेर्न्स: लाभ
कुछ साल पहले तक, लौ कैलोरी स्वीटनेस की मांग काफी ज्यादा बढ़ गयी थी , जिन लोगो को चाय और कौफ़ी पीना बेहद पसंद वे लोग लौ कैलोरी स्वीटनेस का इस्तेमाल कर सकते है. लौ कैलोरी स्वीटनर्स का सबसे ज्यादा इस्तेमाल और सेवन लगभग 90% डायबिटीज के मरीज़ो द्वारा ही किया जाता है. इसके अलावा, मध्यम वर्ग के लोग केवल 2% ही इसके सेवन करते है और उच्च आय वर्ग के 70% लोगो द्वारा इसका सेवन व इस्तेमाल किया जाता है. समय के साथ साथ यह लोगो में ज्यादा प्रिय हो गया है और अब ज्यादातर लोग नार्मल चीनी की जगह लौ कैलोरी स्वीटनेस का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे है. जेईसीएफए (ज्वाइंट डब्ल्यूएचओ-एफएओ एक्सपर्ट कमेटी ऑन फूड एडिटिव्स) द्वारा किए गए स्टडी के अनुसार,लौ कैलोरी स्वीटनेस डायबिटीज और हाइपर टेंशन जैसे मरीज़ो के लिए फायदेमंद साबित हुई है. यह ने केवल मरीज़ो के लिए फायदेमंद है बल्कि इसके सेवन नार्मल वयक्ति के लिए भी काफी फायदेमंद है,लौ कैलोरी स्वीटनेस से आपका वजन नियंत्रण और मोटापे से जुड़े अन्य समस्या में आपकी मदद करता है. लौ कैलोरी स्वीटनेस हर तरह से बेहतर है क्यूंकि इसकी गुणवत्ता की जांच अच्छे से की गयी है, इसलिए हमें इसकी सुरक्षा पर संदेह नहीं करना चाहिए.
लौ कैलोरी स्वीटनेस से बने खान-पान की बढ़ती मांग
लौ कैलोरी स्वीटनेस से बानी मिठाई व अन्य चीज़ो की मांग बढ़ती जा रही है. डायबिटीज, मोटापा और हाइपर टेंशन जैसी बीमारियों के लिए यह बहुत लाभकारी मन जा रहा है. प्रभावित होने से बचने के लिए, उपभोक्ता सुरक्षित विकल्पों की तलाश में रहते है, न केवल मरीज़ बल्कि आज कल आम लोग भी लौ कैलोरी स्वीटनेस की मांग कर रहे है, वह भी लौ कैलोरी से बानी चीज़ें खाना पसंद कर रहे है. इससे लौ कैलोरी से बानी मिठाइयों की मांग भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
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भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अपनी मनपसंदीदा मिठाई को छोड़ना आसान नहीं है, लेकिन लौ कैलोरी स्वीटनेस में भी आपको अपनी मनपसंदीदा मिठाई खाने को मिल सकती है जिससे आपको न कोई नुकसान होगा और न ही आपको अपने स्वाद के साथ समझौता करना पड़ेगा. लेकिन इन सभी मिठाई को हम कैलोरी-फ्री नहीं बना सकते, क्योंकि इन मिठाइयों में अन्य तत्व भी मौजूद होते हैं जैसे कि नट, घी, बटर जैसी अन्य चीज़े जो की कैलोरी से भरपूर होती हैं. इसके साइड-इफेक्ट से बचने के लिए हमे इसकी खपत व सेवन पर नियंत्रण रखना होगा.