DIWALI 2019: गोल्ड खरीदने के गोल्डन रूल्स

भारत में गोल्ड को लग्जरी से ज्यादा इन्वैस्टमैंट के रूप में देखा जाता है. फिर सोने की लगातार बढ़ती कीमत ने इस बात को साबित भी कर दिया है कि गोल्ड निवेश का एक अच्छा जरीया है.

फाइनैंस सलाहकार अभिनव गुलेचा कहते हैं, ‘‘गोल्ड में निवेश करने से महिलाओं के दोनों शौक पूरे हो जाते हैं. पहला उन के गोल्ड कलैक्शन में इजाफा हो जाता है और दूसरा उन की इन्वैस्टमैंट की ख्वाहिश भी पूरी हो जाती है.’’

सोने में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. गहनों के रूप में या फिर सिक्कों के रूप में सोना खरीदने के अलावा भी सोने में और कई तरीकों से पैसे लगाए जा सकते हैं. इन के अलावा सोने में निवेश के लिए म्यूचुअल फंड प्रारूप भी उपलब्ध है. गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड फंड भी अच्छे विकल्प हैं. यह निवेशक की अपनी सहूलियत पर निर्भर करता है कि वह इन में से किस विकल्प को चुनता है. आइए, इन विकल्पों पर एक नजर डालते हैं.

1. गोल्ड ईएमआई स्कीम

गोल्ड में निवेश का यह सब से आसान तरीका है. आजकल हर ज्वैलरी ब्रैंड गोल्ड पर तरहतरह की स्कीमें ला रहा है. जैसे 12 महीनों में 11 किस्तें ग्राहक भरे और 12वीं किस्त ज्वैलरी ब्रैंड खुद भरेगा. यदि आप 1,000 की किस्त हर महीने भरें तो 12वें महीने एक निश्चित तिथि पर आप 12,000 की कोई भी गोल्ड ज्वैलरी ले सकती हैं. लेकिन अभिनव की मानें तो यह ज्यादा फायदे का सौदा नहीं है. वे कहते हैं, ‘‘इस तरह की स्कीम तब फायदेमंद होगी जब आप को अपना ज्वैलरी कलैक्शन बढ़ाना हो, क्योंकि इस स्कीम से आप को जमा की गई किस्तों के मूल्य की ज्वैलरी ही मिलेगी. यदि आप इसे पैसों में कन्वर्ट कराना चाहें तो भी नहीं करा सकतीं.’’

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2. गोल्ड फ्यूचर्स

गोल्ड फ्यूचर्स के जरीए सोना खरीदने के लिए पूरी राशि की जरूरत नहीं पड़ती. इस प्रक्रिया में मार्जिन मनी से काम चल जाता है. किसी भी वक्त सौदा किया जा सकता है और समाप्त भी. इस में लिक्विडिटी की समस्या नहीं होती. आप चाहें तो कैश में सौदे का निबटान कर दें या फिर इस की फिजिकल डिलिवरी ले सकती हैं.

आप के पास यह सुविधा भी होती है कि आप अगली ऐक्सपायरी में सौदे को रोलओवर कर लें. लेकिन इस के कुछ नुकसान भी हैं. पहली बात तो यह कि फ्यूचर्स में जोखिम अधिक होता है. इस के अलावा सौदे की ऐक्सपायरी से पहले आप को निर्णय लेना ही होता है. गोल्ड फ्यूचर्स में खरीदारी और बिक्री दोनों ही वक्त ब्रोकरेज देना पड़ता है. इसलिए इस प्लान में इन्वैस्ट करने से पहले किसी अच्छे इन्वैस्टमैंट सलाहकार से राय जरूर ले लें.

3. गोल्ड फंड

गोल्ड फंड म्यूचुअल फंड का ही एक रूप है, जिस में अंतर्राष्ट्रीय फंडों के जरीए सोने की माइनिंग से संबंधित कंपनियों में निवेश किया जाता है. गोल्ड फंड में निवेश के कई फायदे हैं. यह इलैक्ट्रौनिक फौर्म में रखा होता है, जिस से इस की हिफाजत की चिंता नहीं रहती है. इस तरह की योजनाओं में निवेश करने से निवेशकों को फंड मैनेजर के कौशल और सक्रिय फंड प्रबंधन का फायदा मिलता है.

अभिनव बताते हैं, ‘‘गोल्ड फंड का सब से बड़ा फायदा यह है कि इसे बगैर डीमैट अकाउंट के औपरेट किया जा सकता है और इस में एसआईपी (सिप) सुविधा भी है. सिप के जरीए छोटी रकम से भी निवेश किया जा सकता है. इस प्लान में आप महज कुछ सौ रुपए की राशि से भी सोने में निवेश कर सकती हैं. गोल्ड फंड में सिप से मिलने वाले रिटर्न पर कोई संपत्ति कर भी नहीं लगता. लेकिन इस की कुछ सीमाएं हैं. कौस्ट औफ होल्डिंग के हिसाब से गोल्ड फंड ईटीएफ से थोड़ा महंगा पड़ता है.’’

4. गोल्ड ईटीएफ

गोल्ड ईटीएफ वे म्यूचुअल फंड होते हैं, जो सोने में निवेश करते हैं और शेयर बाजार में लिस्टेड होते हैं यानी इन के जरीए सोने में निवेश करने के लिए यह जरूरी है कि आप के पास डीमैट और ट्रेडिंग खाता हो. हालांकि यह घरेलू महिलाओं के लिए थोड़ा कठिन है, लेकिन कामकाजी महिलाओं के लिए डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना आजकल कोई मुश्किल काम नहीं है. लेकिन अभिनव की मानें तो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना भले ही आसान है, लेकिन इस की भी अपनी सीमाएं हैं.

वे बताते हैं, ‘‘इस के लिए आप को ब्रोकरेज चार्ज और फंड मैनेजमैंट चार्ज देना होता है. गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने वाले निवेशकों को फंड मैनेजर के कौशल और सक्रिय फंड प्रबंधन का भी कोई फायदा नहीं मिल पाता.’’

पूरे भारत में लोग दीवाली पर सोने की शौपिंग करते हैं. अगर आप भी इस बार दीवाली पर सोना खरीदने का मूड बना रही हैं, तो कुछ बातों का खयाल जरूर रखें. खासतौर पर गोल्ड की क्वालिटी और प्योरिटी का वरना लेने के देने पड़ सकते हैं. आइए, जानते हैं इन जरूरी बातों को:

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5. कैरेट रेटिंग चैक करें

यह सभी को पता होता है कि गोल्ड की प्योरिटी कैरेट से मापी जाती है. कैरेट के मुताबिक ही गोल्ड की कीमत तय की जाती है. प्योर गोल्ड 24 कैरेट में आता है, लेकिन यह बेहद सौफ्ट होता है, इसलिए ज्वैलरी बनाने के लिए इस में कुछ इंप्योरिटी डाली जाती है, जिस से 24 की जगह 22 कैरेट गोल्ड से ज्वैलरी तैयार होती है.

कई बार ज्वैलरी खरीदते वक्त जौहरी ग्राहक को 24 कैरेट गोल्ड कह कर ज्यादा पैसे ऐंठ लेता है जबकि ज्वैलरी हमेशा 22 कैरेट या 18 कैरेट गोल्ड से ही तैयार की जाती है. गोल्ड में कैरेट के हिसाब से ही ज्वैलरी की कीमत लगाई जाती है. इसलिए ज्वैलरी खरीदते समय इस बात का पूरा खयाल रखें कि आप कितने कैरेट की गोल्ड ज्वैलरी ले रही हैं और फिर उसी हिसाब से पेमैंट करें.

6. हौलमार्क चार्ज

हौलमार्क के गहने खरीदते वक्त आप को थोड़ी कीमत अधिक देनी होगी. उस में इस परीक्षण की लागत को भी शामिल किया जाता है. कई बार हौलमार्क के गहनों की कीमत भी अलगअलग दुकानों पर अलगअलग हो सकती है. इसलिए कई जगहों पर पता कर के ही सही जगह से हौलमार्क ज्वैलरी खरीदें.

7. गोल्ड रेट जरूर चैक करें

आप जब गोल्ड खरीदने जाएं तो उस दिन गोल्ड का रेट क्या है, यह जरूर पता कर लें. इस के बाद पेमैंट करते वक्त भी गोल्ड की कीमत जरूर पूछें, क्योंकि गोल्ड की कीमत घटतीबढ़ती रहती है.

8. मेकिंग चार्ज

मेकिंग चार्ज अलगअलग गहनों के मुताबिक अलगअलग होता है, जिसे ज्वैलर्स सोने के गहने बनाने के मेहनताने के रूप में लेते हैं. ऐसे में ज्वैलरी खरीदते वक्त अलगअलग जगहों के मेकिंग चार्ज की जानकारी जरूर लें ताकि आप के गहनों की कीमत में कम से कम मेकिंग चार्ज हो, क्योंकि जब भी आप गहने बेचेंगी मेकिंग चार्ज की कीमत का नुकसान आप को ही उठाना पड़ेगा. ऐसे में कम मेकिंग चार्ज वाली खरीदारी ही फायदे का सौदा है. हां, ध्यान रखें आप सोने में जितने अधिक नगों और डिजाइनों की मांग करेंगी, उन पर मेकिंग चार्ज भी उतना ही अधिक होगा और फिर सोने की शुद्धता भी उतनी ही कम होगी.

9. रिटर्न पौलिसी जान लें

ज्वैलर या सेल्समैन से रिटर्न पौलिसी और प्रामाणिकता के सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी जरूर ले लें. हो सकता है कल को आप का अपनी ज्वैलरी बेचने का मन बन जाए, तब यह सर्टिफिकेट आप के काम आएगा. दूसरे, इस सर्टिफिकेट से यह भी पता चल जाएगा कि आप ने जो गोल्ड खरीदा है वह असली है. इस बात को याद रखें कि प्योर गोल्ड रिटर्न के दौरान लेबर चार्जेज के अलावा दूसरा कोई चार्ज नहीं काटा जाता.

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त्यौहारों पर ट्रैफिक जाम, करके रखें इंतजाम

पिछले साल दीवाली पर ही तय कर लिया था कि कुछ भी हो जाए खरीदारी के लिए अब दीवाली से 5-6 दिन पहले ही बाजार जाएंगे. एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे कपिल तिवारी पिछले साल के इस तकलीफदेह तजरबे से फिर दोचार नहीं होना चाहते जब वे अपने ही शहर के ट्रैफिक जाम में फंस गए थे. कंपनी में दीवाली पर काम ज्यादा था, इसलिए उन्होंने सोचा था कि औफिस से फुरसत पा कर ही पत्नी और दोनों बच्चों सहित शौपिंग पर जाएंगे.

इस बाबत उन्होंने घर फोन कर कह भी दिया था कि शाम 7 बजे के लगभग तैयार रहना और हौर्न देते ही ताले लगा कर सभी बाहर आ जाना. सीधे बाजार चलेंगे. घर आए और बाहर से ही रवाना भी हो गए, लेकिन 3 किलोमीटर की दूरी तय करते ही ट्रैफिक में फंस गए. सड़क पर चारों तरफ रोशनी जगमगा रही थी. कहींकहीं पटाखे भी फूट रहे थे.

लेकिन कपिल की खीज शवाब पर थी. वे कभी खुद को तो कभी ट्रैफिक को कोस रहे थे. इधर पत्नी और दोनों बच्चों की हालत भी जुदा नहीं थी, जिन के हाथों में सामान की लिस्ट थी. ट्रैफिक था कि केंचुए की चाल से रेंग रहा था. जैसे ही आगे की गाडि़यां थोड़ा खिसकती तो मन में उम्मीद जागती कि अब रास्ता साफ हो जाएगा. लेकिन चंद कदम के बाद फिर गाडि़यों के पहिए थम जाते. भले ही ऊपर से चारों ट्रैफिक व्यवस्था, सरकार और एकसाथ सभी की बाजार निकलने की मानसिकता व रिवाज को कोस रहे थे, लेकिन उस से ज्यादा मन ही मन खुद को भी कोस रहे थे कि दीवाली की खरीदारी जैसा अहम काम 5-6 दिन पहले ही कर लेते तो जाम में न फंसते. लेकिन फंस ऐसे चुके थे कि न तो आगे बढ़ सकते थे और न ही पीछे जा सकते थे. बच्चों का उत्साह और धैर्य जवाब देने लगा था. छोटा बेटा रोहित भूख लगने की बात करने लगा था तो बड़ा रोहन बारबार बाजार बंद हो जाने की आशंका जता रहा था कि जब 9 यहीं बज गए तो इस चाल से बाजार पहुंचतेपहुंचते 11 तो बज ही जाएंगे.

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तब तक दुकानें बंद हो चुकीं होगी. दीवाली की खुशी एक रात पहले ही काफूर हो चली थी. खरीदारी के जोश में बच्चे मोबाइल भी नहीं चला रहे थे. 11 तो नहीं पर 10 बजे बाजार पहुंचे तो सब से पहले रोहित के लिए स्नैक्स लिए फिर शुरू की खरीदारी जो वैसी नहीं हो पाई जैसा प्लान पूरा परिवार महीने भर से कर रहा था. पिछले साल की मानसिक और शारीरिक यंत्रणा को याद कर सिहर उठते कपिल ने तय कर लिया है कि त्योहारों की खरीदारी 5-6 दिन पहले ही करेंगे, बजाय शाम या रात को निकलने के दोपहर को ही बाजार के लिए निकल लेंगे. इस पर भी ट्रैफिक का भरोसा नहीं. इसलिए गाड़ी में बच्चों के लिए स्नैक्स और पानी भरपूर मात्रा में रखेंगे और गाड़ी का पैट्रौल टैंक फुल करा कर रखेंगे. पिछली बार इकलौता अच्छा काम यह हुआ था कि गाड़ी में पर्याप्त पैट्रोल था वरना कहीं बीच में फंस कर रह जाते और फिर खरीदारी नहीं कर पाते. बचें फंसने से भोपाल के एक सरकारी महकमे के इंजीनियर असीम चक्रवर्ती का अनुभव तो कपिल तिवारी से भी ज्यादा कटु है.

वे हर बार की तरह दीवाली का त्योहार मनाने के लिए मातापिता के पास इंदौर जाने के लिए सुबह भोपाल से यह सोच कर निकले थे कि दोपहर तक आराम से पहुंच जाएंगे. सिर्फ साढ़े तीन घंटे का रास्ता है. अगर रास्ते में देर भी लगी तो 5 घंटे में तो पहुंच ही जाएंगे. परिवार सहित भोपाल से चले तो आधा सफर तो बढि़या कटा. हाइवे पर ट्रैफिक ज्यादा था, लेकिन जाम कहीं नहीं मिला तो उन्हें उम्मीद बंधी कि समय से पहुंच जाएंगे और फिर सुकून से मम्मीपापा के साथ दीवाली मनाएंगे. लेकिन आष्टा नाम के कसबे की घाटी पर उन की 4 साल पुरानी कार बीच रास्ते रुक गई. बोनट खोल कर कुछ देर इंजन के तारों को हिलाने के बाद भी कार स्टार्ट नहीं हुई तो उन्हें समझ आ गया कि कोई बड़ी खराबी आ गई है. उधर पीछे गाडि़यों की कतार लगनी शुरू हो गई थी.

कुछ देर बाद एक ट्रक ड्राइवर ने आ कर गाड़ी देखी तो उसे भी कुछ समझ नहीं आया. जातेजाते वह ये नसीहतें देना नहीं भूला:

  • जब लंबी दूरी पर निकलो खासतौर पर त्योहारों के मौके पर तो कार की सर्विसिंग जरूर करा लिया करो.
  • गाड़ी की छोटीमोटी खराबी ठीक करना खुद सीखो.
  • इंजन औयल, ब्रेक वगैरह चैक कर चला करो.
  • वाटर कूलेंट की जांच करते रहा करो.
  • गाड़ी में ऐक्स्ट्रा फ्यूल डलवा कर रखा करो.
  • गाड़ी में ऐक्स्ट्रा बल्ब, यूज व लाइट अवश्य रखो.

5-10 मिनट तक वह ड्राइवर धर्मगुरुओं की तरह प्रवचन देता रहा और असीम भक्त की तरह चुपचाप उन्हें ग्रहण करते रहे. मम्मीपापा को उन्होंने फोन कर बता दिया कि रास्ते में गाड़ी खराब हो गई है इसलिए देर हो जाएगी. फिर 2-4 ट्रक ड्राइवरों ने उन की गाड़ी को धक्का दे कर किनारे कर किया. दिन दीवाली का था, इसलिए कोई मैकेनिक भी नहीं मिला. जैसेजैसे रात 8 बजे भोपाल से विभाग के एक कर्मचारी को बुलाया और गाड़ी उस के हवाले कर दी.

बचने के उपाय त्योहारों पर भीड़भाड़ और जगहजगह ट्रैफिक जाम होना आम बात है. इसलिए शहर में जाएं या बाहर कुछ एहतियात बरतना जरूरी है:

– पहली कोशिश यह होनी चाहिए कि ट्रैफिक में फंसा ही न जाए, लेकिन इस के लिए कोई तयशुदा फौर्मूला नहीं है, लेकिन जो हैं उन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.

स्मार्ट फोन से ट्रैफिक जाम की जानकारी लेना उन में से एक है.

– झांकियों और सार्वजनिक धार्मिक उत्सवों, चल समारोहों के दौरान घर से गाड़ी में न निकलना ही बेहतर होता है. वजह धर्म के नाम पर हमारे देश में लोगों को जो डिस्काउंट तरहतरह के मिले हुए हैं. सड़क पर मजमे लगा कर ट्रैफिक जाम करना उन में से एक है.

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– अपनी गाड़ी को अपडेट रखें. त्योहार के पहले ही पैट्रोल टैंक फुल करवा लें ताकि बारबार पैट्रोल पंप की लाइन में न लगना पड़े. कई बार त्योहार पर भी इमरजैंसी आ जाती है, इसलिए गाड़ी में पर्याप्त पैट्रोल होना जरूरी है.

– दूर जाएं या पास रास्तों की जानकारी ले लें कि कौन सा खाली है. वही रास्ता चुनें जहां ट्रैफिक कम होता हो. इस बाबत दूसरों से सलाह ले लेना भी बेहतर रहता है.

– ट्रैफिक नियमों का पालन करें. गाड़ी में कोई खराबी हो तो उस का इस्तेमाल त्योहार के वक्त न करें.

– त्योहार आनंद और खुशी के प्रतीक होते हैं, जिन पर गाड़ी को ले कर लापरवाही का ग्रहण आप का व परिवार का मजा किरकिरा कर सकता है. इसलिए शौपिंग वाकई कुछ दिन पहले कर लेना सुविधाजनक रहता है और दूर जाना हो तो त्योहार के दिन का इंतजार न करें बल्कि 1-2 दिन पहले निकलने का प्लान करें.

– ट्रैफिक जाम से बचने के लिए जरूरी है कि लंबी दूरी की यात्रा सुबह शुरू की जाए और अपने ही शहर में जाना हो तो व्यस्त समय से पहले या बाद में निकलें.

– जाम में फंसने पर पैट्रोल ज्यादा फुंकता है, इसलिए टंकी फुल रखें. मैकेनिकों के मोबाइल नंबर भी संभाल कर रखने चाहिए.

DIWALI 2019: लो कैलोरी स्वीटनर्स से फेस्टिवल बनाएं हेल्दी

भारत एक ऐसा देश है जो अपने हर त्यौहार को खूब धूम-धाम  से मनाना पसंद करता है. भारत देश में हर त्यौहार खूब ख़ुशी- उल्लास और उत्साह से मनाया जाता आ रहा है.  हर “ग्रेट इंडियन फेस्टिवल” के लिए ज़रूरी होता है की हम त्यौहार के दिन कुछ मीठा और सवादिष्ट भोजन बनाए जिससे की त्यौहार का उत्साह दो गुना हो जाता है, हर  त्यौहार में हम कोई न कोई पारंपरिक भारतीय मिठाइयाँ हम ज़रूर बनाते है. और यह  मिठाइयां आपको पारंपरिक मिठाइयों की दुकानों के साथ-साथ घरों में भी तैयार की जाती है.  भारतीय लोगों को अपनी पसंदीदा मिठाइयों को खाने के लिए किसी भी कारण की आवश्यकता नहीं है,बल्कि यह त्यौहारों के समय में और ज्यादा खाई और बनाई जाती है.  त्यौहार के समय में इसके बिक्री और खपत काफी उच्च स्तर पर पहुंच जाती है.

हालांकि, हम सभी यह बात अच्छे से जानते है की इन मिठाइयों में मिठास के लिए चीनी का इस्तेमाल किया जाता है , और बात किसी से भी छिपी नहीं है की हम मिठाइयों में चीनी का इस्तेमाल खूब करते है और हम सब यह भी जानते है की ज्यादा मात्रा में मीठा खाने से हमे डायबिटीज जैसे समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. त्यौहार के सीजन में मिठाइयों की खपत ज्यादा होती है , और अधिक मात्रा में मीठे का का सेवन करने से डायबिटीज सहित विभिन्न  बीमारियों  का उत्पन हो सकता है. और मीठे की वजह से उत्सव का आनंद  कम नहीं होना चाहिए, क्यूंकि आज मार्किट में कई अन्य तरह के लौ कैलोरी स्वीटनेस  (एल सी एस ) आसानी से उपलब्ध है.

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लौ कैलोरी स्वीटेर्न्स: लाभ

कुछ साल पहले तक, लौ  कैलोरी स्वीटनेस की मांग काफी ज्यादा बढ़ गयी थी , जिन लोगो को चाय और कौफ़ी पीना बेहद पसंद वे लोग लौ कैलोरी स्वीटनेस का इस्तेमाल कर सकते है. लौ कैलोरी स्वीटनर्स का सबसे ज्यादा इस्तेमाल और सेवन लगभग  90% डायबिटीज के मरीज़ो द्वारा ही किया जाता है. इसके अलावा, मध्यम वर्ग के लोग केवल 2% ही इसके सेवन करते है और उच्च आय वर्ग के 70% लोगो द्वारा इसका सेवन व इस्तेमाल किया जाता है. समय के साथ साथ यह लोगो में ज्यादा प्रिय हो गया है और अब ज्यादातर लोग नार्मल चीनी की जगह  लौ कैलोरी स्वीटनेस का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे है.  जेईसीएफए (ज्वाइंट डब्ल्यूएचओ-एफएओ एक्सपर्ट कमेटी ऑन फूड एडिटिव्स) द्वारा किए गए स्टडी के अनुसार,लौ कैलोरी स्वीटनेस डायबिटीज और हाइपर टेंशन जैसे मरीज़ो के लिए फायदेमंद साबित हुई है. यह ने केवल मरीज़ो के लिए फायदेमंद है बल्कि इसके सेवन नार्मल वयक्ति के लिए भी काफी फायदेमंद है,लौ  कैलोरी स्वीटनेस से आपका वजन नियंत्रण और मोटापे से जुड़े  अन्य समस्या में आपकी मदद करता है. लौ कैलोरी स्वीटनेस हर तरह से बेहतर है क्यूंकि इसकी गुणवत्ता  की जांच अच्छे से की गयी है, इसलिए हमें इसकी सुरक्षा पर संदेह नहीं करना चाहिए.

लौ कैलोरी स्वीटनेस से बने खान-पान की बढ़ती मांग

लौ कैलोरी स्वीटनेस से बानी मिठाई व अन्य चीज़ो की मांग बढ़ती जा रही है. डायबिटीज, मोटापा और हाइपर टेंशन जैसी  बीमारियों  के लिए यह बहुत लाभकारी मन जा रहा है.  प्रभावित होने से बचने के लिए, उपभोक्ता सुरक्षित विकल्पों की तलाश में रहते है, न केवल मरीज़ बल्कि आज कल आम लोग भी लौ कैलोरी स्वीटनेस की मांग कर रहे है, वह भी लौ कैलोरी  से बानी चीज़ें खाना पसंद कर रहे है. इससे लौ कैलोरी से बानी मिठाइयों की मांग भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.

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भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अपनी मनपसंदीदा मिठाई को छोड़ना आसान नहीं है, लेकिन लौ कैलोरी स्वीटनेस में भी आपको अपनी मनपसंदीदा मिठाई खाने को मिल सकती है जिससे आपको न कोई नुकसान होगा और न ही आपको अपने स्वाद के साथ समझौता करना पड़ेगा. लेकिन इन सभी मिठाई  को हम कैलोरी-फ्री नहीं बना सकते, क्योंकि इन मिठाइयों में अन्य तत्व भी मौजूद होते हैं जैसे कि नट, घी, बटर जैसी अन्य चीज़े जो की कैलोरी से भरपूर होती हैं.  इसके साइड-इफेक्ट से बचने के लिए हमे इसकी  खपत व सेवन पर नियंत्रण रखना होगा.

DIWALI 2019: आने वाला है शादियों का मौसम, दीवाली से ही आजमाएं ये 8 ब्यूटी ट्रीटमेंट

दिवाली से ही शादियों का मौसम शुरू हो जाता है. इसलिए क्या करें क्या नहीं का फौलो करें और पाएं चेहरे की चमक इस मौसम में भी. चमक और सुंदर दिखने की ललक के कारण ज्यादातर महिलाएं,सैलून में उत्सुकता से  फेशियल करवाती दिखती हैं. इसके बाद आमतौर पर स्किन की जलन और रैशेज़ जैसी समस्याओं से उनका सामना होता है. हर किसी को न यह याद रखना चाहिए कि आपके डी-डे से कम से कम 6 दिन पहले वैक्सिंग की जानी चाहिए क्योंकि यह आपकी स्किन में जलन और लालिमा पैदा कर सकता है. हालांकि कैमिकल पीलिंग  स्किन के लिए एक अच्छा इलाज़ माना जाता है. लेकिन आप यदि पहली बार यह ट्रीटमेंट ले रहे हैं , तो शादी के वक़्त इस पीलिंग ट्रीटमेंट को नहीं  लेना चाहिए. प्री ब्राइडल मेकअप के लिए सबसे अधिक लिये जाने वाले उपचार में से कुछ इस प्रकार हैं :

1. हाइड्राफेशिअल

हाइड्राफेशिअल, हाइड्राडर्मब्रेशन प्रक्रिया को इंगित करता है. जो अन्य सभी प्रक्रियाओं का एक समामेलन है! जैसे कि उचित सफाई, एक्सफोलिएशन, एंटीऑक्सिडेंट, एक्सट्रैक्शन, हाइड्रेशन आदि. यह मुख्य रूप से चेहरे पर काले धब्बे, झुर्रिओं, बढ़े हुए रोमछिद्रों, तैलीय स्किन, मुँहासे और यहां तक ​​कि हाइपर पिगमेंटेशन को कमकरने में काम आता है.

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2. पीलिंग

आपकी स्किन की सभी मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए पीलिंग का काम किया जाता है. इससे आपकी स्किन से सारी गंदगी साफ हो जाएगी.

3. स्किन में निखार

स्किन ब्राइटनिंग मुख्य रूप से लाइटनिंग और फेडिंग को संदर्भित करता है. हमेशा याद रखना चाहिए कि स्किन में निखार लाने के साथ-साथ डार्क स्किन टोन भी लिए भी इस ब्राइटनिंग प्रोसेज किया  जा सकता है.

4. लेज़र हेयर रिडक्शन

यह याद रखना चाहिए कि लेज़र हेयर रिडक्शन और अन्य  उपचार 6 महीने पहले शुरू कर देने चाहिए.

5. डरमल फिलर्स

यदि स्किन झोलदार है तो डरमल फिलर्स से सुधार होता है. डरमल फिलर्स से झुर्रियों, कम पलकें, फूलेेंगाल  और नासोलैबियल लाइनों से छुटकारा मिलता है.

6. बोटौक्स

यह अपनी आइब्रो को उठाने के लिए और एक भारी जॉलाइन बोटोक्स प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है. यदि आपके चेहरे पर झुर्रियां हैं, तो उन्हें ठीक करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है.

7.डबल चिन

डबल चिन की समस्या काफी आम है और अक्सर कई लोगों के लिए अप्रिय अनुभव है. केबेल्ला चेहरे की खामियों को सुधारने और एक दोहरी ठुड्डी के वसा से छुटकारा पाने के लिए एक आशाजनक एवं गैर-सर्जिकल उपचार है.

8. होंठ फिलर

महिलाओं की सुंदरता बढ़ाने वाले महत्वपूर्ण पार्टस में से एक उनके होंठ हैं. जैसे ही उम्र बढ़नी शुरू होती है,  होंठों की स्किन के आसपास प्राकृतिक रूप से झुर्रियाँ शुरू हो जाती हैं. इस समस्या निजात पाने के लिए, कॉस्मेटिक   सर्जन लिप कॉन्टूरिंग सर्जरी  लेकर आएं हैं.

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9. अंडर आई ट्रीटमेंट

आंखों के नीचे काले घेरे होने से आंखें थकी और बुझी लगती हैं. हालाँकि, घरेलू तरीके हैं जैसे कि कोल्ड कम्प्रेस अन्य तरीके जिनको आंखों के नीचे काले घेरों के लिए प्रयोग किया जा सकता है. इस के लिए एक योग्य स्किन विशेषज्ञ से परामर्श करना ठीक है. फिलरस भी इस के लिए अद्भुत काम कर सकते हैं.

10. अन्य उपचार

पूरे शरीर की वाइटनिंग, ब्राइटनिंग और पीलिंग व पोलिशिंग से  दुल्हन की स्किन ग्लो करती है. ध्यान देने वाली बात यह है कि कितना ही मेकअप कर लें यदि आपकी स्किन स्वस्थ  नहीं है ,तो आप अपने सबसे अच्छे रूप में भी खुश नहीं होंगे. हमेशा याद रखें कि इन उपचारों के बावजूद क्लीन्ज़र, फेसवॉश, मौइस्चराइजर आदि के दैनिक उपयोग को नहीं छोड़ना चाहिए. नियमित उपयोग से बचना ठीक नहीं. यह आपकी स्किन की चमक को बनाए रखने में मदद करेगा.

द्वारा–डौक्टर नेहा मित्तल, कौस्मेटिक फिजिशियन , डरमा वर्ल्ड स्किन ऐंड केयर क्लिनिक ,न्यू दिल्ली

DIWALI 2019: इन 9 डिफरेंट लाइट्स से सजाएं घर और पाए फेस्टिव लुक

दीवाली जैसे त्यौहार में सजावट का सब से अहम टूल है रोशनी. चूंकि यह त्यौहार ही रोशनी का है, इसलिए इस दिन हर घर में दीप, कैंडल्स और इलैक्ट्रिक लाइट्स जगमगाहट भर देती हैं. आजकल मार्केट में कईं तरह के लैम्प्स और लाइटें आ गईं हैं, जो बजट के साथ-साथ हमारे घर को सुंदर बना देती है. आइए आपको बताते हैं घर को ब्यूटीफुल लाइटिंग से सुंदर कैसे बनाएं…

1. डिजाइनर लैंप्स की चकाचौंध

सजावटी ब्रास लैंप्स घर को अलग ही लुक देते हैं. इन में सजावटी पैटर्न में बने छिद्रों में से चारों ओर छन कर बिखरती रोशनी माहौल को चकाचौंध कर देती है. साथ ही इस तरह के कुछ खास लैंप्स की रोशनी से दीवारों पर फूलों या अन्य तरह की खूबसूरत आकृतियां भी बनती हैं, जो घर को फैस्टिव लुक देती हैं.

2. कोव लाइटिंग से उभारें शैडो

कोव लाइटिंग का प्रयोग ज्यादातर घर की सीलिंग पर किया जाता है. इस से सीलिंग को हाईलाइट किया जाता है. कोव लाइटिंग में सीलिंग की तरफ फोकस करती रोशनी से दीवार पर उभरी शैडो बेहद आकर्षक लगती है.

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3. टी लाइट्स की जगमग

खूबसूरत फूलों और अन्य आकृतियों की टी लाइट्स भी बेहतरीन लाइटिंग करती हैं. इन छोटीछोटी टी लाइट्स से झिलमिलाती रोशनी पूरे घर को खूबसूरत लुक देती है. इन्हें आकर्षक टी लाइट होल्डर्स में रख कर आप के हर कोने में रोशनी कर सकती हैं.

4. मिट्टी के दीयों से करें रोशनी

मिट्टी के परंपरागत दीयों से ले कर टी लाइट्स, फ्लोटिंग कैंडल्स और फंकी लैंप्स के जरीए घर को सजाया जा सकता है. आजकल मिट्टी के दीए भी डिजाइनर लुक लिए होते हैं.

5. एलईडी कैंडल्स का है जमाना

आजकल एलईडी कैंडल्स भी काफी पसंद की जाती हैं. इन से बिना किसी मेहनत के मिनटों में रोशनी की जा सकती है. इन के अलावा पिलर कैंडल्स, अनूठे आकारों की सजावटी कैंडल्स, प्रिंटेड मोटिफ्स वाली कैंडल्स से भी घर सजा सकती हैं.

6. टीवी बैक लाइटिंग

फैस्टिवल पर कुछ नया ट्राई करना चाहती हैं, तो इस से अच्छा कुछ नहीं हो सकता है. एलईडी के पीछे फ्लैक्सिबल एलईडी स्ट्रिप लाइट आजकल ट्रैंड में हैं. इस का यूज करने के बाद टीवी देखने में आप को महसूस होगा कि आप टीवी को दीवार पर देख रही हैं. मेहमानों के आने से पहले इसे औन कर दें. सब की निगाहें बस यहीं थम जाएंगी.

7. करें स्पौट लाइटिंग

घर के अलगअलग हिस्सों में स्पौट लाइटिंग के माध्यम से इंटीरियर में बदलाव किया जा सकता है. ऐसी लाइटिंग की जाए कि एक बार में सिर्फ डाइनिंगटेबल पर ही लाइट पड़े या अगर कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं तो उस के ऊपर ही सुंदर से लैंप से लाइट आए तो कमरा बहुत ही सुंदर लगता है. यह प्रयोग विभिन्न कोनों में अलग रंग के लैंप के साथ किया जा सकता है. अपने डाइंगरूम के 4 में से 3 कोनों पर लाइट लगाएं, जिस में से एक लाइट किसी आर्ट पीस को फोकस करती हुई हो, जैसे चेयर, प्लांट या वास आदि. साथ ही फ्लोर और टेबल लैंप्स का कौंबिनेशन यूज करें. नीचे की तरफ फोकस करते हुए लैंप्स के पास सीटिंग अरेंजमैंट करें. इस के अलावा टेबल के ऊपर शैंडेलियर या पैंडेट यूज करें.

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8. प्रोजैक्टर से भी करें स्पौट लाइटिंग

अपने ड्राइंगरूम की एक दीवार पर आप पैटर्न प्रोजैक्शन करें. ड्राइंगरूम के परदों पर भी कलरफुल प्रोजैक्शन की लाइट डाल कर उन्हें न्यू लुक दे सकती हैं. इस के अलावा अन्य दीवारों पर भी तरहतरह के पैटर्न वाले प्रोजैक्शन से घर का लुक बदला जा सकता है. इस के लिए आप को प्रोजैक्टर से बाहरी दीवारों पर फोकस करना होगा. हमेशा लाइट सोर्स को कंसील रखें. जैसे किसी रौक या प्लांट के पीछे अथवा झुरमुट में. छत की फ्लोर पर भी प्रोजैक्टर से लाइटिंग की जा सकती है. छत की फ्लोर पर लाइट अच्छी तरह डालें ताकि ऊंचे और नीचे लैवल का पता चल सके. पेड़ों पर लाइट छत को जंगल लुक देगा. लाइट लगाते समय यह भी ध्यान रखें कि वह सही ऐंगल पर लगे.

9. लौन में करें पैटियो स्पौट लाइटिंग

फैस्टिवल के मौके पर पूरे घर के साथ आंगन को भी जगमगा दीजिए, इस के लिए एलईडी लाइटिंग का प्रयोग करना होगा. लौन में सोफे के नीचे आउटडोर पैटियो लाइटिंग करने से मेहमानों को ऐसा महसूस होगा जैसे वो तैरते हुए सोफे पर बैठे हैं. इस से त्योहार की रौनक और भी बढ़ जाएगी. इस के अलावा लौन को लालटेन से डैकोरेट करें. कलरफुल लालटेन लौन में लगाने से उस की सुंदरता बढ़ जाएगी. इलैक्ट्रिक दीए से भी आप अपने घर को मिनटों में नया लुक दे सकती हैं. घर के किसी कोने को उभारने के लिए ट्रैक लाइट तो स्टाइलिश लुक के लिए फेयरी लाइट का विकल्प ठीक है. घर के हर कोने में रोज जलने वाले दीए मिट्टी के बने हों. उन पर पेंट या ड्राइंग कर नया लुक दें.

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DIWALI 2019: फेस्टिवल के लिए परफेक्ट हैं ये ज्वैलरी डिजाइन

1. नथ का अनोखा डिजाइन

नथ पहनना सभी लड़कियों को बेहद पसंद होता है. शादी-विवाह में महिलाएं नथ पहने जरूर नजर आती हैं. दुल्हन का तो नथ के बिना शृंगार ही अधूरा लगता है. यदि आप अपने या किसी खास के लिए नथ खरीदने का सोच रहीं हैं तो इस लेटैस्ट डिजाइन के नथों से मदद ले सकती हैं. मोर नथ- मोर के डिजाइन का बना यह नथ दुल्हन के लिए बिलकुल पर्फेक्ट है. अगर आप दुल्हन के लिए ज्वैलरी खरीदने का सोच रही हैं तो यह नथ अपने ज्वैलरी में जरूर शामिल करें. इसमें कई सारे डिजाइन आपको देखने को मिल जाएंगे, जैसे मीनाकारी मोर नथ, सिंगल, मयूर नथ. जितना खूबसूरत यह दिखने में लगता है इसको पहनने के बाद आपकी खूबसूरती उतनी ही बढ़ जाती है.

2. सिंपल फ्लोरल नथ

अधिकतर लड़कियों को सिंपल नथ ज्यादा पसंद आता हैं. लेकिन बिलकुल नथ इतना अच्छा नहीं लगता अगर उस पर कोई सिंगल फूल बना हुआ तो वह ज्यादा एट्रेक्टिव लगता है.

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3. मीनाकारी नथ

मीनाकारी नथ काफी समय से चलता आ रहा है और इसका फैशन अभी भी बरकरार है. यदि आप मीनाकारी नथ में डिजाइन ढूंढ़ रही हैं तो यह डिजाइन जरूर देखें.मीनाकारी में मयूर डिजाइन नथ भी बेहद खूबसूरत लगता हैं. मीनाकारी में आप अपनी पसंद का भी डिजाइन दिखा कर उस पर मीना करवा सकती हैं.

4. सिंगल नथ

आज कल सिंगल नथ भी फैशन में हैं. इसमें अलग से चैन नहीं लगी होती. महिलाओं व लड़कियों दोनों पर ही बेहद खूबसूरत लगता हैं.

5. ट्रैंडी नेकलेस डिजाइन

हर साल ज्वैलरी के ट्रैंड में तो बदलाव आता ही रहता है, लेकिन हर बार अपने लिए कुछ नया लें, यह भी संभव नहीं है. इसलिए ऐसी ज्वेलरी खरीदें, जो न सिर्फ आपकी खूबसूरती को बढ़ाए, बल्कि आप उसे ज्यादा-से-ज्यादा मौके पर पहन भी सकें. यानी ज्वेलरी की ऐसी डिजाइन चुनें, जो हमेशा फैशन में बनी रहे. बात अगर नेकलेस की करे तो इसके पेटर्न में ज्यादा बदलाव देखनों को नहीं मिलता. लेकिन अपने नेकलेस खरीदने का मन बना लिया है तो इन ट्रैंडी डिज़ाइन्स को जरूर देखें.

6. चोकर

चोकर आजकल फैशन में छाया हुआ है. गले से चिपके होने के साथ ये आपकी खूबसूरती को निखारते भी हैं. अलग-अलग रंग में मिलने वाले चोकर में बीड्स, क्रिस्टल, कुंदन की खूबसूरती भी देखने लायक है.चोकर में कई वैरायटीज देखने को मिल जाएंगी. सेमी-प्रेशियस स्टोन वाला चोकर, मीना डिजाइन चोकर, कुन्दन डिजाइन चोकर. इसमें मल्टी लेयर डिजाइन भी बहुत अनोखा लगता है.

7. फ्लोरल नेकलेस

यह डिजाइन ज्वैलरी में सदाबहार है. इसका डिजाइन फूलों का होता है,जिसे पहनने के बाद गले की खूबसूरती तो बढ़ती ही हैं साथ ही चेहरे की खूबसूरती पर भी चार चंद लग जाता है.

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8. पाजेब नेकलेस

सिंपल के साथ जब एलीगेंट दिखना हो तो पाजेब नेकलेस से बेहतर कोई ऑप्शन हो ही नहीं सकता. इसका डिजाइन बहुत सिंपल और स्टाइलिश होता है. पाजेब की तरह पतली चैन जब गले में सजेगी तो खूबसूरती निखर कर आएगी. इसके अलावे कई और नेकलेस फैशन में हैं, जैसे पर्ल नेकलेस जो ज़्यादातर दुल्हन पहनती हैं.

DIWALI 2019: फेस्टिवल में ऐसे बनाएं स्किन को खूबसूरत

दिवाली के फेस्टिवल पर हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है, जिसके लिए कईं तरह के ब्यूटी प्रौडक्ट्स फेस पर लगाते हैं, लेकिन दिवाली से पहले भी हम अपनी स्किन को महंगे प्रौड्क्ट्स का इस्तेमाल करे बगैर भी खूबसूरत स्किन पा सकते हैं. इसीलिए आज हम आपको दिवाली सेलिब्रेशन से पहले कैसे अपनी स्किन को नेचुरली खूबसूरत कैसे बनाएं, इसकी कुछ खास टिप्स बताएंगे…

1. स्किन की करें देखभाल

रोज रात को सोते वक्त और सुबह किसी अच्छे क्लिंजर से चेहरे की सफाई करने से स्किन ब्यूटीफुल बन जाती है.

2. फेस मास्क का करें इस्तेमाल

आजकल मार्केट में कईं तरह के फेस मास्क मौजूद हैं अगर आप अपनी स्किन को नेचुरली ब्यूटीफुल बनाना चाहते हैं तो सप्ताह में दो बार फेस मास्क का इस्तेमाल करें. इससे चेहरे पर ताजगी व स्किन में कसावट आएगी. फेस मास्क का चुनाव अपने स्किन अनुसार करें या हर्बल फेस मास्क का उपयोग करें.

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3. मौश्चराइजर

आप सेंटर आफ अट्रैक्शन बनने वाली हैं. करवाचौथ के दिन पारंपरिक रस्मों के कारण कई बार मेकअप करने के बावजूद  आपकी स्किन में रूखापन होता है. तो आपका आकर्षण मद्धम पड़ जाएगा. स्किन की खूबसूरती और जंवापन के लिए स्किन का नम होना आवश्यक है.इसके लिए रोजाना मौश्चराइजर  का उपयोग करें.

4. सनटैन

फेस्टिवल के समय शौपिंग के लिए अक्सर बाजार का चक्कर लगाना पड़ता है. जिससे सूर्य की तेज किरणें आपकी स्किन को कांतिहीन बना देती है. इसलिए धूप में निकलने से पहले आपकी स्किन के टेक्शचर के अनुसार सन क्रीम लगाएं.

5. वैक्सिंग

फेस्टिवल के एक दिन या दो दिन पहले वैक्सिंग करवा लें. पहले वैक्सिंग करवाने से स्किन साफ सुंदर और कोमल दिखेगी.

6. हेयर ड्रायर

रोज़ हेयर ड्रायर और वॉल्यूमाइजर का इस्तेमाल बंद कर दें. वैसे भी त्योहारों पर आना जाना ज्यादा रहता है तो  इनका काफी इस्तेमाल करना पड़ता है.

7. हेयर औयलिंग

बालों की शाइन लौटाने और खूबसूरत दिखाने के लिए जरूरी है कि बालों में औयलिंग जरूर करें. शैंपू से पहले गर्म तेल को बालों में अच्छी तरह मालिश करें. इससे आपके बाल फैस्टिवल से पहले खूबसूरत दिखेंगे.

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DIWALI 2019: फैमिली के साथ ऐसे मनाएं फेस्टिवल

रोशनी का त्योहार दीवाली हो या कोई और उत्सव, जब तक 10-20 लोग मिल कर धूम न मचाएं आनंद नहीं आता. सैलिब्रेशन का मतलब ही मिल कर खुशियां मनाना और मस्ती करना होता है. पर मस्ती के लिए मस्तों की टोली भी तो जरूरी है.  आज बच्चे पढ़ाई और नौकरी के लिए घरों से दूर रहते हैं. बड़ेबड़े घरों में अकेले बुजुर्ग साल भर इसी मौके का इंतजार करते हैं जब बच्चे घर आएं और घर फिर से रोशन हो उठे. बच्चों से ही नहीं नातेरिश्तेदारों और मित्रों से मिलने और एकसाथ आनंद उठाने का भी यही समय होता है.

सामूहिक सैलिब्रेशन बनाएं शानदार

पड़ोसियों के साथ सैलिब्रेशन:  इस त्योहार आप अपने सभी पड़ोसियों को साथ त्योहार मनाने के लिए आमंत्रित करें. अपनी सोसाइटी या महल्ले के पार्क अथवा खेल के मैदान में पार्टी का आयोजन करें. मिठाई, आतिशबाजी और लाइटिंग का सारा खर्च मिल कर उठाएं. जब महल्ले के सारे बच्चे मिल कर आतिशबाजी का आनंद लेंगे तो नजारा देखतेही बनेगा. इसी तरह आप एक शहर में रहने वाले अपने सभी रिश्तेदारों और मित्रों को भी सामूहिक सैलिब्रेशन के लिए आमंत्रित कर सकते हैं.

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डांस पार्टी:  भारतीय वैसे भी डांस और म्यूजिक के शौकीन होते हैं तो क्यों न प्रकाशोत्सव के मौके को और भी मस्ती व उल्लास भरा बनाने के लिए मिल कर म्यूजिक डांस और पार्टी का आयोजन किया जाए.  पूरे परिवार के साथसाथ पड़ोसियों को भी इस में शरीक करें ताकि यह उत्सव यादगार बन जाए. बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों के चाहें तो अलगअलग ग्रुप बना सकते हैं ताकि उन के मिजाज के अनुसार संगीत का इंतजाम हो सके. बुजुर्गों के लिए पुराने फिल्मी गाने तो युवाओं के लिए आज का तड़कताभड़कता बौलीवुड डांस नंबर्स, अंत्याक्षरी और डांस कंपीटिशन का भी आयोजन कर सकते हैं.

स्वीट ईटिंग कंपीटिशन

प्रकाशोत्सव सैलिब्रेट करने का एक और बेहतर तरीका है कि तरहतरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं. मसलन, स्वादिष्ठ मिठाईयां बनाने की प्रतियोगिता, कम समय में ज्यादा मिठाई खाने की प्रतियोगिता, खूबसूरत रंगोली बनाने की प्रतियोगिता आदि. आप चाहें तो जीतने वाले को इनाम भी दे सकते हैं. इतना ही नहीं, कौन जीतेगा यह शर्त लगा कर गिफ्ट की भी मांग कर सकते हैं.

वन डे ट्रिप

आप त्योहार का आनंद अपने मनपसंद  शहर के खास टूरिस्ट स्थल पर जा कर भी ले सकते हैं. सभी रिश्तेदार पहले से बुक किए गए गैस्ट हाउस या रिजौर्ट में पहुंच कर अलग अंदाज में त्योहार मनाएं और आनंद उठाएं. त्योहार मनाने का यह अंदाज आप के बच्चों को खासतौर पर पसंद आएगा.

तनहा लोगों की जिंदगी करें रोशन 

आप चाहें तो त्योहार की शाम वृद्घाश्रम या अनाथालय जैसी जगहों पर भी बिता सकते हैं और अकेले रह रहे बुजुर्गों या अनाथ बच्चों की जिंदगी रोशन कर सकते हैं. पटाखे, मिठाई और कैंडल्स ले कर जब आप उन के बीच जाएंगे और उन के साथ मस्ती करेंगे तो सोचिए उन के साथसाथ आप को भी कितना आनंद मिलेगा. जरा याद कीजिए ‘एक विलेन’ फिल्म में श्रद्घा कपूर के किरदार को या फिर ‘किस्मत कनैक्शन’ फिल्म में विद्या बालन का किरदार. ऐसे किरदारों से आप अपनी जिंदगी में ऐसा ही कुछ करने की प्रेरणा ले सकते हैं. इनसान सामाजिक प्राणी है. अत: सब के साथ सुखदुख मना कर ही उसे असली आनंद मिल सकता है.

सामूहिक सैलिब्रेशन के सकारात्मक पक्ष

खुशियों का मजा दोगुना

जब आप अपने रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के साथ सामूहिक रूप से त्योहार मनाते हैं तो उस की खुशी अलग ही होती है. घर की सजावट और व्हाइटवाशिंग से ले कर रंगोली तैयार करना, मिठाई बनाना, शौपिंग करना सब कुछ बहुत आसान और मजेदार हो जाता है. हर काम में सब मिल कर सहयोग करते हैं. मस्ती करतेकरते काम कब निबट जाता है, पता ही नहीं चलता. वैसे भी घर में कोई सदस्य किसी काम में माहिर होता है तो कोई किसी काम में. मिल कर मस्ती करते हुए जो तैयारी होती है वह देखने लायक होती है.

मानसिक रूप से स्वस्थ त्योहारों के दौरान मिल कर खुशियां मनाने का अंदाज हमारे मन में सिर्फ उत्साह ही नहीं जगाता वरन हमें मानसिक तनाव से भी राहत देता है.  यूनिवर्सिटी औफ दिल्ली की साइकोलौजी की असिस्टैंट प्रोफैसर, डा. कोमल चंदीरमानी कहती हैं कि त्योहारों के समय बड़ों का आशीर्वाद और अपनों का साथ हमें ऊर्जा, सकारात्मक भावना और खुशियों से भर देता है. समूह में त्योहार मनाना हमारे मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है. इस से हमारा सोशल नैटवर्क और जीवन के प्रति सकारात्मक सोच बढ़ती है, जीवन को आनंद के साथ जीने की प्रेरणा मिलती है.  हाल ही में अमेरिका में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों का समाजिक जीवन जितना सक्रिय होता है उन के मानसिक रोगों की चपेट में आने की आशंका उतनी ही कम होती है. शोध के अनुसार, 15 मिनट तक किया गया सामूहिक हंसीमजाक दर्द को बरदाश्त करने की क्षमता को 10% तक बढ़ा देता है.  अपने होने का एहसास: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अकसर हमें अपने होने का एहसास ही नहीं रह जाता. सुबह से शाम तक काम ही काम. मिल कर त्योहार मनाने के दौरान हमें पता चलता है कि हम कितने रिश्तेनातों में बंधे हैं. हम से कितनों की खुशियां जुड़ी हैं. तोहफों के आदानप्रदान और मौजमस्ती के बीच हमें रिश्तों की निकटता का एहसास होता है. हमें महसूस होता है कि हम कितनों के लिए जरूरी हैं. हमें जिंदगी जीने के माने मिलते हैं. हम स्वयं को पहचान पाते हैं. जीवन की छोटीछोटी खुशियां भी हमारे अंदर के इनसान को जिंदा रखती हैं और उसे नए ढंग से जीना सिखाती हैं.

बच्चों में शेयरिंग की आदत

आप के बच्चे जब मिल कर त्योहार मनाते हैं तो उन में मिल कर रहने, खानेपीने और एकदूसरे की परवाह करने की आदत पनपती है. वे बेहतर नागरिक बनते हैं.

बच्चे दूसरों के दुखसुख में भागीदार बनना सीखते हैं. उन में नेतृत्व की क्षमता पैदा होती है. घर के बड़ेबुजुर्गों को त्योहार पर इकट्ठा हुए लोगों को अच्छी बातें व संस्कार सिखाने और त्योहार से जुड़ी परंपराओं और आदर्शों से रूबरू कराने का मौका मिलता है.

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गिलेशिकवे दूर करने का मौका 

उत्सव ही एक ऐसा समय होता है जब अपने गिलेशिकवों को भूल कर फिर से दोस्ती की शुरुआत कर सकता है. त्योहार के नाम पर गले लगा कर दुश्मन को भी दोस्त बनाया जा सकता है. सामने वाले को कोई तोहफा दे कर या फिर मिठाई खिला कर आप अपनी जिंदगी में उस की अहमियत दर्शा सकते हैं. सामूहिक सैलिब्रशन के नाम पर उसे अपने घर बुला कर रिश्तों के टूटे तार फिर से जोड़ सकते हैं.

कम खर्च में ज्यादा मस्ती

जब आप मिल कर त्योहार मनाते हैं, तो आप के पास विकल्प ज्यादा होते हैं. आनंद व मस्ती के अवसर भी अधिक मिलते हैं. इनसान सब के साथ जितनी मस्ती कर सकता है उतनी वह अकेला कभी नहीं कर सकता. एकल परिवारों के इस दौर में जब परिवार में 3-4 से ज्यादा सदस्य नहीं होते, उन्हें वह आनंद मिल ही नहीं पाता जो संयुक्त परिवारों के दौर में मिलता था. सामूहिक सैलिब्रेशन में मस्ती और आनंद ज्यादा व खर्च कम का फंडा काम करता है.

DIWALI 2019: ब्यूटीफुल स्किन के लिए अपनाएं ये 20 ब्यूटी टिप्स

चमकती स्किन और चेहरे का तेज खुद-ब-खुद मन की खुशी को जाहिर कर देता है. कुछ ऐसा ही हाल है अक्टूबर महीने का होता है क्योंकि इस महीने , त्यौहार खास तौर पर दीवाली आपके दरवाजे पर दस्तक दे रही होती हैं और मौसम में गुलाबी रंगत भी अपना रंग बिखरने लगती है.

सभी महिलाएं चाहती हैं कि त्यौहारों पर सबका ध्यान उनकी तरफ हो और वह खूबसूरत दिखें. खूबसूरत दिखने के लिए केवल मेकअप ही काफी नहीं है, स्किन की सही देखभाल करने से आप सब की आंखों में अपने लिए तारीफ की चमक देख सकते हैं. इस त्यौहारों के मौसम में कैसे रखें अपनी ब्यूटी को निखरा-निखरा, जानिए.

1. मौस्चराइजर

आप सेंटर औफ अट्रैक्शन बनना चाहती हैं. त्यौहारों पर व्यस्तता बढ़ जाती है.बाहर आना-जाना भी होता है. जिसकी वजह से मेकअप भी करना पड़ता है.आपकी स्किन में इस वजह से रूखापन आ जाता है. अगर स्किन में रूखापन रहेगा, तो आपका आकर्षण मद्धम पड़ जाएगा.स्किन को खूबसूरत और जवान बनाने के लिए स्किन का नम होना आवश्यक है. इसके लिए रोजाना मॉश्चराइजर का प्रयोग करें.

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2. सनस्क्रीन

त्यौहारों के मौसम में शौपिंग के लिए अक्सर बाजार का चक्कर लगाना पड़ता है ,जिस से सूर्य की तेज किरणे आपकी स्किन को कांतिहीन बना देती हैं. इसलिए धूप में निकलने से पहले अपनी स्किन के टेक्सचर के अनुसार सनस्क्रीन क्रीम लगाएं.- ब्यूटी को बरकरार रखने के लिए सनस्क्रीन लगाना न भूलें.

3. वैक्सिंग

दिवाली जैसे त्यौहारों पर व्यस्तता बढ़ जाती है इसलिए पहले से ही वैक्सिंग करवा लें. एक हफ्ता पूर्व कराई हुई वैक्सिंग से स्किन सुंदर साफ और कोमल दिखेगी.

4. नींबू

नींबू का प्रयोग करें. इसमें विटामिन सी पाया जाता है जो कि शरीर से गंदगी को दूर करता है. नींबू का चाहे तो सलाद में डाल कर खाएं या फिर गरम पानी में निचोड़ का पीएं.

5. अखरोट

इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो कि स्‍किन के लिये बहुत अच्‍छा माना जाता है. इसके अलावा आप इसके तेल से अपनी स्किन की मसाज भी कर सकती हैं. इससे आप जवान दिखने लगेगीं.

6. ग्रीन टी

यह एक हर्बल चाय होती है जो कि सनबर्न को ठीक कर के स्किन से दाग-धब्‍बों को हटा कर उसे कोमल बनाती है.

7. मछली और अंडा

मछली में ओमेगा- 3 पाया जाता है जो कि स्‍किन के लिये बहुत जरुरी विटामिन होता है. अगर आप मांसाहारी हैं तो यह आपके लिए बहुत उपर्युक्त है. अंडे को अपनी डाइट में शामिल करें और चमकदार स्किन पाएं.

8. टमाटर

इसे नियमित खाने से शरीर पर बुढापा धीरे धीरे आता है. यह स्किन को फ्री रैडिक्‍ल से बचाता है और स्‍किन को चमकदार बनाता है.

9. बनाना मास्‍क

केले को मैश कर के उसमें शहद और नींबू की कुछ बूंदे मिला लें. इस पेस्‍ट को गर्दन और चेहरे पर लगा कर 15 मिनट तक छोड़ दें और फिर धो लें. ऐसा करीबन हफ्ते में 1 बार करने से स्किन में चमक आ जाएगी.

10. स्‍क्रब करें

स्किन को स्‍क्रबर से स्‍क्रबर करने से नई स्किन आती है और पुराने दाग धब्‍बे हल्‍के पड़ने लग जाते हैं. हफ्ते में 2 बार स्‍क्रब करना चाहिये.

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11. अनार

अनार में एंटीऔक्‍सीडेंट पाया जाता है जो कि स्किन में आई किसी भी प्राकार की चोट और खरोच को जल्‍दी भरने में मददगार होता है. इसको पीने से खून भी बढता है, इसलिये स्किन को लाल दिखाने में यह सहायक होता है.

12. स्पा

स्किन में ताजगी लाने के लिए आप स्पा की सेवाएं भी ले सकती हैं.इससे आपकी स्किन खिल उठेगी.

13. हाथों

त्योहारों पर बड़े काम की व्यस्तता की वजह से आपके हाथों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है.यह दिन में कई बार धोए जाते हैं. जिससे हाथों की स्किन शुष्क हो जाती है और समय के साथ-साथ झुर्रियां भी पड़ने लगती हैं. तो हाथों की स्किन देखकर परेशान ना हो तुरंत ऐसी हैंड क्रीम यह हैंड लोशन लगाएं, जिसमें एमोलेंट तत्व हों.इसे लगाते ही स्किन सौफ्ट स्मूथ फ्रेश और यंग दिखने

14. टोंड बट और थाइस

बट और थाइस पर सेल्यूलाइट के जमने से कई बार डिंपल और गड्ढे से दिखते हैं.सूजन भी लगती है.इससे बॉडी अच्छी नहीं दिखती.मार्केट में आजकल बहुत सी क्रीम उपलब्ध है जो फौरन रिजल्ट देती हैं इन्हें लगाने से कुछ घंटो के लिए यह सूजन या उभार दूर हो जाते हैं और स्किन चमकदार लगने लगती है.

15. सुंदर पैर

पैरों पर दाग-धब्बों के साथ कई बार वेरीकोस वेंस हो जाती हैं.यह एक मेडिकल कंडीशन है.जिसमें पैर की नसें दिखने लगती हैं जिससे पैर भद्दे दिखते हैं.इसके लिए बाजार में स्प्रे ऑन लेग मेकअप मिलता है.इसे पैरों पर स्प्रे कर अच्छी तरह फैलाएं.इसके अलावा बॉडी ब्रोंजिग ऑयल लगाने से भी पैरों की स्किन आकर्षक लगने लगती है. यह प्रोडक्ट वाटर रेसिस्टेंट होते हैं.

16. खूब सारा पानी पीजिये

खूब सारा पानी पीजिये और अंदर से तरोताजा रहिये. इससे शरीर से गंदगी बाहर निकलती है और बौडी में नए सेल्‍स बनते हैं.

17. स्किन की देखभाल

रोज रात को सोते वक्त और सुबह किसी अच्छे क्लीनजर से चेहरे की सफाई करें.

18. फेस मास्क

सप्ताह में दो बार फेस मास्क का प्रयोग करें.इससे चेहरे पर ताजगी व स्किन में कसावट आएगी.फेस मास्क का चुनाव अपनी स्किन अनुसार करें या हर्बल फेस मास्क का उपयोग करें. बजार में बने बनाए फेस मास्क उपलब्ध है.

19. ताजा जूस

आपको हर दिन दो गिलास जूस अवश्‍य पीना चाहिये. इससे स्‍किन में पोषण पहुंचेगा और स्‍किन ग्‍लो करेगी. स्किन में नमी भरने के लिये आपको बटर फ्रूट का जूस पीना चाहिये. यह स्किन में अंदर से ही चमक लाता है. चाय कॉफी आदि का सेवन इन दिनो कम करें. संतरा आपकी स्किन को चमकाने में बहुत मदद कर सकता है. इसका जूस पीजिये.

20. अच्‍छी नींद लें

आप चाहे गृहिणी हों या वर्किंग, पर काम की वजह से देर रात तक जगती हैं और आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती तो, इससे आपकी स्‍किन पर असर पड़ सकता है. आपको कम से कम 8 घंटे जरुर सोना चाहिये. यह ग्लोइंग स्किन के लिए बहुत जरूरी है.

21. एक्सरसाइज है जरूरी

संतुलित आहार के साथ ही व्यायाम, योग करने और शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से शारीरिक मजबूती और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. हो सके तो ज्यादा तनाव ना लें. इससे आपके शरीर में रक्त संचार ठीक बना रहेगा और आपका चेहरा भी चमकेगा. इस दीवाली पर अपनाएं ये टिप्स और फिर देखिए इनका कमाल. आप भी दीपों के बीच कितनी जगमगाती हैं.

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ऐसे करें साइनोसाइटिस का इलाज

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बड़े और बच्चों, सभी में साइनस के लक्षण एक जैसे ही होते हैं. इसके अलावा, सर्दी-जुकाम, फ्लू, अस्थमा, क्रौनिक औबस्ट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज़ (COPD) और साइनस के काफी लक्षण करीब-करीब एक जैसे होते हैं. हालांकि इन सभी बीमारियों में कुछ फर्क भी होता है:

किसी को साइनस की प्रौब्लम अगर कुछ बरसों तक रहे तो वह आगे चलकर अस्थमा में बदल सकती है. हालांकि बच्चों में यह समय 8 से 10 साल का होता है.

ऐसे करें बचाव

1- एलर्जी से बचने के लिए बहुत ज्यादा भारी-भरकम और गद्देदार फर्नीचर से परहेज करें. अपने तकियों, बिस्तरों और कारपेट की नियमित सफाई करें. गलीचों और पायदानों की सफाई का भी ध्यान रखें. परफ्यूम आदि की गंध से दूर रहें. एयर पलूशन से बचें.

2-अपने घर के वेंटिलेशन सिस्टम को सुधारें. जहां तक हो सके, घर की खिड़कियां खोलकर हवा को आर-पार जाने दें.

3-जिन लोगों को जुकाम या कोई दूसरा वायरल इंफेक्शन हो, उनके संपर्क में जाने से बचें.

4-बहुत ज्यादा या बहुत कम तापमान में न रहें. तापमान में अचानक आने वाले बदलाव से बचें.

5-तनाव से दूर रहें. तनाव के कारण शरीर की रक्षा करनेवाले सफेद सेल कमजोर पड़ जाते हैं.

6-स्वीमिंग से बचें. अगर स्वीमिंग करनी ही हो तो नाक को ढक लें. ध्यान रखें कि स्वीमिंग के पानी में क्लोरीन जरूर हो.

7-नमक के पानी से अपनी नाक की सफाई करें.

8-सफाई का खास ख्याल रखें. बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन से बचें. अपने हाथों को हमेशा साबुन से साफ करें.

9-रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं.

10-सुबह उठते ही चाय या गर्म पानी पिएं. गर्म चीजें पीने से नाक या गले में बलगम जमा नहीं होता.

क्या है इलाज

स्टीम

बारी-बारी से नाक के दोनों नथुने साफ करें. पानी उबालें और डॉक्टर की बताई दवाई डालकर पंखे बंद कर कपड़ा ढककर नाक और मुंह से लंबी-लंबी सांस 8-10 मिनट तक लें. इसके बाद 20 मिनट तक हवा में न जाएं. सिंपल ताजे साफ पानी से भाप लेना ज्यादा अच्छा रहता है. किसी भी नेज़ल स्प्रे का खुद से बिल्कुल इस्तेमाल न करें. डॉक्टर की सलाह से ही स्प्रे यूज करें. सलाइन वॉटर यानी नमक के पानी का इस्तेमाल करना सबसे ज्यादा फायदेमंद रहता है.

कब होता है औपरेशन

1 जब नाक में मस्सा बन गया हो

2 फंगस या इन्फेक्शन ब्रेन तब पहुंच गया हो या आंखों पर दवाब डाल रहा हो

3 सर में बहुत ज्यादा तेज दर्द हो और नींद डिस्टर्ब हो

सर्जरी का खर्च हौस्पिटल के हिसाब से अलग-अलग होता है लेकिन करीब 60 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक का खर्च आता है. सर्जरी में एक दिन का समय लगता है. अगर मरीज सर्जरी कराने के बाद इलाज जारी न रखे या डॉक्टर की बताई जरूरी दवाएं लेना बंद कर दे तो समस्या वापस आ सकती है.

क्या खाएं

1 खजूर, किशमिश, सेब, सोंठ, अजवायन, हींग, लहसुन, लौकी, कद्दू, मूंग के अलावा ताजा सब्जियों का सूप पिएं.

2-सुबह खाने से पहले या खाने के बाद रोज एक आंवला खाएं.

3-रोजाना एक चम्मच च्यवनप्राश खाएं.

4-हल्के गुनगुने पानी से नहाएं.

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5-10 से 15 तुलसी के पत्ते, 1 टुकड़ा अदरक और 10 से 15 पत्ते पुदीने के लें. सबको पीसकर एक गलास पानी में उबाल लें. जब पानी उबलकर आधा रह जाए तो उसे छान लें और स्वाद के अनुसार शहद मिलकार पिएं. इसे पूरे दिन में दो बार (सुबह खाने के बाद और रात को सोने से पहले) पीने से साइनस में आराम मिलता है.

क्या न खाएं

बासी खाना, गन्ने का रस, दही, चावल, केला, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, फ्रिज का ठंडा दूध, चॉकलेट, तीखा खाने से बचें. ठंडी हवा में ज्यादा न घूमें या नाक और मुंह को ढककर रखें.

पानी की कमी से बचें

आपको साइनस की समस्या है तो यह जान लें कि आपके शरीर में पानी की भी कमी है. आपको जल्द ही इस समस्या से निजात पाना होगा, वरना गंभीर स्थिति पैदा हो जाएगी. इसके लिए आपको रोज खूब पानी पीना चाहिए. अल्कोहल, कैफीन, मीठे शरबत आदि पीने और स्मोकिंग करने से बचें. क्यों, क्या नुकसान.

सर्दी-जुकाम के आयुर्वेदिक उपचार

(1) लक्ष्मी विलास रस : यह शरीर के लिए बहुत ही असरदार आयुर्वेदिक जड़ी है. इसके साथ शहद और पान की रस को सुबह-शाम लेने से जुकाम ठीक हो जाता है.

(2) सुदर्शन घनवती : इसका स्वाद कड़वा होता है, सर्दी जुकाम के लिए अत्यन्त लाभकारी होती है.

(3) एलादी वटी : इसे मुह में लेकर चूसने से दर्द वाली सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है, सर्दी-जुकाम-खाँसी के लिए बहुत ही असरदारक दवा है.

(4)गोदंती भस्म और लक्ष्मी विलास रस : इन दोनों को मिलाकर लेने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है.

सर्दी-जुकाम के होने के पीछे केवल ठण्ड ही नही ज़िम्मेदार होता है. इसके अलावा कब्ज , बदहजमी , रात में जगना, मौसम के बदलाव, कमजोरी आदि सर्दी-जुकाम होने के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं.

सर्दी-जुकाम के घरेलू उपचार

(1) अदरक – नींबू – शहद

अदरक और नींबू का रस और शहद बराबर मात्रा में लें, फिर इन तीनों को किसी साफ़ बर्तन में गर्म करें. थोड़ा गुनगुना गर्म रह जाने पर चाट लें, इसी तरह 2-3 घंटे के अंतराल में करते रहे, जुकाम ठीक हो जाएगी.

(2) पान – तुलसी – शहद

एक चम्मच शहद के साथ पान और तुलसी के रस को अच्छे से मिला लें. फिर इस नुश्ख को थोड़े-थोड़े मात्रा में चाते, दिन में 3-4 बार दोहराहें, जुकाम ठीक हो जायेगा.

(3) सुहागा – पानी

किसी साफ़ तवे पर सुहागे को गर्म कर लें. फिर इस गर्म सुहागे को बढ़िया से पीसकर किसी साफ़ सीसी में भर लें. तत्पश्च्यात थोड़े से गर्म पानी के साथ आधा ग्राम पीसी हुयी सुहागे को घटकने से सर्दी जुकाम ठीक हो जायेगा.

(4) अदरक – तुलसी – शहद

शहद के साथ तुलसी और अदरक के रस को अच्छे से मिलाएं. फिर इस नुश्ख को दिन में 4 से 5 बार आधा-आधा चम्मच लें, सर्दी-जुकाम और नज़ला ठीक हो जाता है.

(5) अदरक – तुलसी – गुड़ – काली मिर्च

छोटा कटा हुआ अदरक, तुलसी की पत्ती, थोड़ा सा गुड़ और थोड़ी सी काली मिर्च पावडर लें. फिर इन सभी को एक साथ पानी में मिलाकर धीमी आंच पर चाय की तरह पकाए. पक जाने पर गरमा गर्म इसे नुश्ख को चाय की चुस्की की तरह पियें. दिन में 5-6 बार दोहराएँ जुकाम ठीक हो जायेगा.

एक्सपर्ट् पैनल

सीनियर एक्सपर्ट डाक्टर अमित कौर , देहली

डौ. संजय शाह ईएनटी स्पेशलिस्ट , मुरादाबाद,

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