फिल्मकार आनंद एल राय जब तक आम दर्शकों की पसंद के अनुरूप छोटे शहरों की छोटी छोटी बातों व सामाजिक मुद्दों को लेकर तनु वेड्स मनु’,‘रांझणा’, ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न’,‘निल बटे सन्नाटा’,‘शुभ मंगल सावधान’ जैसी फिल्में लेकर आते रहे,तब तक वह सफलता के शिखर की तरफ बढ़ते चले गए. आनंद एल राय की इन सभी फिल्मों को दर्शकों ने काफी पसंद किया. मगर इन फिल्मों की सफलता के बाद आनंद एल राय गफलत के शिकार हो गए. उन्होने मान लिया कि जो वह सोचते है,वही सही है. बस यहीं से मामला गड़बड़ा गया. परिणामतः ‘मुक्काबाज’,‘जीरो’,‘लाल कप्तान’, ‘हसीन दिलरूबा’,‘अतरंगी रे’ जैसी उनकी फिल्में बाक्स आफिस पर कोई कमाल न दिखा पायीं. इनमें से ‘जीरो’ और ‘अतरंगी रे’ का निर्माण करने के साथ ही आनंद एल राय ने निर्देशन भी किया.
मगर इन फिल्मों की असफलता से आनंद एल राय ने कुछ सबक सीखा और एक बार फिर वह जमीनी सतह से जुड़े विषय पर ‘रक्षाबंधन’’ फिल्म लेकर आ रहे हैं,जो कि आगामी ग्यारह अगस्त को देश भर के सिनेमाघरों में पहुॅचेगी, जिसका ट्रेलर चंादनी चैक स्थित डिलाइट सिनेमाघर मंे रिलीज किया गया. . फिल्म ‘रक्षाबंधन’ की कहानी पुरानी दिल्ली के बस्ती चांदनी चैक की पृष्ठभूमि में चार बहनों व भाई के बीच प्यार,अपनापन व लगाव के साथ मध्यमवर्गीय जीवन की कहानी है. फिल्म ‘‘रक्षा बंधन’’ का ट्रेलर एक भाई(अक्षय कुमार) और उसकी चार बहनों(सहजमीन कौर, दीपिका खन्ना, सादिया खतीब और स्मृति श्रीकांत) के बीच प्यार भरे रिश्ते और चंचल मजाक को दर्शाता है. इसी के साथ भाई(अक्षय कुमार ) की प्रेम कहानी भी है. वह जिस लड़की(भूमि पेडनेकर ) से बचपन से प्यार करता है,उसके संग खुद विवाह नही रचा पा रहा है,क्यांेकि वह अपनी चार बहनों का विवाह कराने के लिए दर दर भटक रहा है . यानी कि इसमें कहीं न कहीं दहेज प्रथा पर भी बात की गयी है. हिमांशु शर्मा और कनिका ढिल्लों लिखित इस फिल्म में सीमा पाहवा,नीरज सूद व अभिलाष थपलियाल की भी अहम भूमिकाएं हैं.
यॅूं तो फिल्म ‘‘रक्षाबंधन’’ का ट्रेलर 21 जून को दिल्ली में रिलीज किया गया. मगर हमें मुंबई में 20 जून को ही देखने का अवसर मिल गया था. ट्रेलर देखने के बाद जब आनंद एल राय से हमारी अनौपचारिक बातचीत हुई,तो उस बातचीत में आनंद एल राय ने कहा-‘‘ मैं अपने मन की बात कह रहा हॅूं. मैने महूसस किया कि हम डिजिटिलाइजेशन और डिजिटल के लिए सिनेमा बनाने के फेर में दर्शकों की पसंद को ही भुला बैठे और हम अपने दशकों से ही दूर हो गए. इस अहसास के बाद मैने पुनः दर्शकों की नब्ज को पकड़कर रिश्तों की भावनात्मक कहानी ‘रक्षाबंधन’ लेकर आ रहा हॅूं. इसकी कहानी का कंेद्र बिंदु भाई बहन के बीच प्यार का अटूट भावनात्मक बंधन है,जिससे हर दर्शक रिलेट करेगा और इसे पसंद करेगा. हमें लगता है कि हम इस बात को ट्रेलर से भी बता पा रहे हंै. ’’
भारतीय परिवेश में ‘रक्षा बंधन’’ का खास महत्व है. यह भाई बहन के प्यार के साथ ही भाई द्वारा बहन को उसकी रक्षा करने का वादा करने का त्योहार है. इस पर बहुत कम फिल्में बनी हैं. 1976 में ‘रक्षा बंधन’ नामक फिल्म को जबरदस्त सफलता मिली थी. वैसे तो 2001 में इस नाम को पुनः रजिस्टर करवाया गया था. मगर इस विषय पर ज्यादा फिल्मंे नही बनी. 2000 तक कुछ फिल्मों में ‘रक्षाबंधन’ के कुछ दृश्य व गाने नजर आते रहे. मगर फिर धीरे धीरे बौलीवुड से ‘रक्षाबंधन’ का त्यौहार ही नहीं भाई बहन व पारिवारिक रिश्ते ही गायब होते चले गए. इस दृष्टिकोण से आनंद एल राय की फिल्म ‘‘रक्षाबंधन’’ दर्शकों को भा सकती है. मगर सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि उन्होने फिल्म में इसे किस तरह से पेश किया है. आधुनिक जमाने में ‘रक्षाबंधन’’ की परंपरा में भी काफी बदलाव आया है. इसके अलावा ट्रेलर से आभास होता है कि फिल्म की कहानी का हिस्सा दहेज जैसी कुप्रथा भी है. पर इसे किस तरह से पेश किया गया है,उसी पर फिल्म की सफलता व असफलता निर्भर करेगी. इतना ही नही अनौपचारिक बातचीत में आनंद एल राय ने जिन बातो का जिक्र किया और जिसका उन्हे ज्ञान हुआ है,उसे वह अपनी फिल्म को दर्शकों तक पहुॅचाने के लिए किस तरह से अमल में लाते हैं,उस पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा.
इसके अलावा इस फिल्म में नायक की भूमिका में अक्षय कुमार हैं. इस फिल्म से अक्षय कुमार ने भी काफी उम्मीदे बांध रखी हैं. फिल्म के ट्रेलर लंाच के बाद अक्षय कुमार ने कहा-‘‘मेरी बहन अलका के साथ मेरा रिश्ता मेरे पूरे जीवन का मुख्य बिंदु रहा है. एक रिश्ते को पर्दे पर इतना खास और शुद्ध साझा करने में सक्षम होना जीवन भर की भावना है. जिस तरह से आनंद राय जी दिल और आत्मा के साथ सरल कहानी को सामने लेकर आए हंै,वह इस बात का प्रमाण ह. अस इंडस्ट्ी में उनके जैसे बहुत कम लोग हैं,जो स्क्रीन पर इतनी नाजुकता से भावनाओं को प्रस्तुत कर सकते हैं. मैं इसका हिस्सा बनकर धन्य हॅूं. ’’
निर्माता व निर्देशक आनंद एल राय के साथ ही अक्षय कुमार के लिए भी फिल्म ‘‘रक्षा बंधन’’ सबसे बड़ी अग्नि परीक्षा है. क्योंकि अक्षय कुमार की ‘लक्ष्मी’, ‘बेलबौटम’, ‘बच्चन पांडे’ व ‘सम्राट पृथ्वीराज’ जैसी फिल्मों की बाक्स आफिस पर बड़ी दुर्गति हो चुकी है. दर्शकों का एक वर्ग उनसे काफी नाराज है. तो अब अक्षय कुमार को अपेन उन प्रशंसकों व दर्शकों को अपनी तरफ लाने का दोहरा भार है. देखना है कि फिल्म के रिलीज से पहले वह इस काम को किस तरह से अंजाम देेते हैं.
कुल मिलाकर फिल्म ‘‘रखाबंधन’’ का ट्रेलर कुछ अच्छी उम्मीदें जगाता है,मगर इस फिल्म को सही अंदाज में दर्शकों तक कैसे फिल्मकार आनंद एल राय पहुॅचाते हैं, उस पर सारा दारोमदार रहेगा. पिछले कुछ समय में कुछ बेहतरीन फिल्मों को भी दर्शकों ने नकार दिया, क्योंकि उन फिल्मों का प्रचार ही गलत ढंग से हुआ था. फिल्म की विषयवस्तु कंटेंट को सही रूप में पहुॅचाना भी आज की तारीख में सबसे बड़ी चुनौती बन गयी है. हर फिल्मकार व कलाकार को याद रखना होगा कि अब दर्शक महज कलाकार या निर्देशक का नाम देखकर अपनी जेब से पैसे खर्च कर फिल्म देखने के लिए सिनेमाघर नही जाना चाहता. उसे एक अच्छी कहानी व मनोरंजन चाहिए.