दिवाली से पहले किचन और बाथरूम की सफाई करना जरूरी होता है. अगर आप भी दिवाली से पहले सफाई करने का सोच रहे हैं तो पढ़िए ये टिप्स…
बाथरूम
बाथरूम एरिया में टौयलेट सीट, वाशबेसिन, शावर, कर्टेन, शावर हैड, बालटी, मग, डोर हैंडल, फ्लश हैंडल, शीशा, स्विचबोर्ड आदि पर बैक्टीरिया बहुत ज्यादा पाए जाते हैं और सही वातावरण मिलने पर कुछ ही समय में दोगुने हो जाते हैं.
उपचार
नहाने की प्लास्टिक की बालटी, मग को प्रतिदिन थोड़े से साबुन से अवश्य साफ करें, बाद में 2 बूंदें ऐंटीसेप्टिक लोशन डाल कर रिंस करें.
नहाने के बाद बाथरूम को वाइपर से साफ करें और ऐक्जौस्ट व पंखा चला दें ताकि बाथरूम गीला न रहे.
नहाने के लिए बाथटब है तो सप्ताह में 3 बार उस का पानी हटा कर ऐंटीसेप्टिक लोशन डाल कर साफ करें.
तौलिए को प्रतिदिन गरम पानी से धोएं.
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प्रतिदिन थोड़ी देर बाथरूम की खिड़कियां खुली रखें ताकि ताजा हवा व धूप की किरणें अंदर आ सकें.
जूते, चप्पलों को शू रैक में रखें, बैडरूम में न रखें.
बैडरूम में रखी अलमारियों को सप्ताह में 1 बार अवश्य साफ करें.
बच्चों के सौफ्ट टौयज को 10-15 दिन में साफ करें. उन्हें तकिए के कवर में बंद कर वाशिंग मशीन में धो लें.
सप्ताह में 3 बार फ्लश हैंडल, टौयलेट सीट, डोर हैंडल लाइट स्विच आदि को ऐंटीसैप्टिक वाइप्स से अवश्य पोंछें.
शावर हैड्स पर कीटाणु बहुत जल्दी पनपते हैं. अत: यदि कम प्रयोग में आता हो तो 2 मिनट हौट सैटिंग पर पानी के साथ चलाएं ताकि कीटाणु मर जाएं.
बाथरूम की नाली में कूड़ा पड़ा न रहने दें. नाली को साफ कर 2 कप सिरका डालें. सिरका लगभग 99% बैक्टीरिया को समाप्त कर देता है.
किचन
एरिजोना विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने किचन में बरतन साफ करने वाले स्पंज, बरतनों को पोंछने वाले कपड़े और सिंक में सब से ज्यादा कीटाणु पाए. इस के अलावा कूड़ेदान, रैफ्रीजरेटर, डिश रैक आदि पर भी. हम सोचते हैं कि हमारे बरतन साफ हैं, पोंछने वाला कपड़ा साफ है पर यह सही नहीं है. रोगाणुरहित बनना है तो किचन की भी सफाई ठीक प्रकार से होनी चाहिए.
उपचार
किचन स्लैब व गैस चूल्हे को पहले साबुन वाले स्पंज से साफ करें फिर 2 बार दूसरे कपड़े से ताकि वर्किंग स्पेस साफसुथरी रहे.
किचन सिंक को हमेशा साफ रखें. बरतन धोने से पहले व उस के बाद उसे विम पाउडर से साफ करें और काम के बाद पोंछ दें.
किचन सिंक को जर्म फ्री बनाने के लिए एकचौथाई कप सिरके में समभाग पानी मिलाएं और सिंक में फैला दें. थोड़ी देर बाद साफ करें.
बरतन पोंछने के लिए डस्टर, हाथ पोंछने के लिए तौलिए और स्लैब पोंछने के लिए नेपकिंस अलग रखें. प्रतिदिन सुबहशाम अलग धुला नैपकिन प्रयोग में लाएं.
बरतन धोने वाले स्क्रब को काम करने के बाद ऐंटीसैप्टिक लोशन से रिंस कर के सुखा लें. विप को भी ढक कर रखें.
किचन ऐक्जौस्ट फैन, कैबिनेट हैंडल, चिमनी आदि को भी सप्ताह में 1 बार अवश्य साफ करें.
फ्रिज को भी सप्ताह में 1 बार अवश्य साफ करें. इस के लिए मैडिकेटेड डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें.
किचन की खिड़कियां व जालियों को साफ करने के लिए एकतिहाई कप सिरके में एकचौथाई कप अल्कोहल मिलाएं और मिश्रण से खिड़कियां व जालियां साफ करें.
माइक्रोवेव ओवन, आदि को भी सप्ताह में 1 बार अवश्य साफ करें.
किचन के डस्टबिन में सूखा विम पाउडर और सिरका डाल कर सप्ताह में 1 बार रगड़ें और धो कर सुखाएं. कचरा डालने से पहले उस में डस्टबिन वाला थैला अवश्य लगाएं.
किचन की नालियों को साफ रखें. उन में कूड़ाकचरा न रहने दें ताकि बैक्टीरिया न पनपें.
सब्जी काटने वाले बोर्ड की भी सफाई करें, क्योंकि सब से अधिक बैक्टीरिया यहीं पनपते हैं. वैज और नौनवैज काटने के लिए अलगअलग चौपिंग बोर्ड का इस्तेमाल करें.
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अन्य सावधानियां
वाशिंग मशीन में भी बैक्टीरिया बहुत जल्दी पनपते हैं. अत: कपड़े धोने के बाद वाशर ड्रम को डिसइन्फैक्टैंट से पोंछें.
ऐसे आइटम्स जो ज्यादा प्रयोग में आते हैं जैसे रिमोट कंट्रोल, टैलीफोन रिसीवर, फ्रिज का हैंडल, मोबाइल, डोर की बैल आदि को प्रतिदिन ऐंटीबैक्टीरियल वाइप्स से पोंछें.
मोबाइल, कंप्यूटर की बोर्ड को तो दिन में 4-5 बार साफ करें.
बौडी हाइजीन
सिर्फ घर को साफसुथरा रखने से ही काम नहीं चलता स्वयं की सफाई भी आवश्यक है. शारीरिक हाइजीन में हाथों की अहम भूमिका है. यह बात कम लोग ही जानते हैं कि घरों में संक्रमण फैलाने में हाथ सब से अधिक जिम्मेदार होते हैं. उस के बाद नाखूनों की, बालों की व शरीर के अन्य अंगों की सफाई.
उपचार
बाहर से आने के तुरंत बाद, खांसनेछींकने के बाद, टौयलेट से आने के बाद, पालतू जानवर को छूने के बाद, बच्चों को खिलाने और खुद खाना खाने से पहले हाथ अवश्य धो लें.
हाथ धोने के लिए मैडिकेटेड लिक्विड सोप सब से अधिक उपयुक्त रहता है.
नहाने के पानी में कुछ बूंदें ऐंटीबैक्टीरियल लोशन अवश्य डालें.
पसीना ज्यादा आता हो तो अंडरआर्म्स की सफाई पर पूरा ध्यान दें. प्यूबिक एरिया के बालों की सफाई भी समयसमय पर करें.
नहाने के लिए अपना सोप अलग रखें. नाखूनों को समयसमय पर जरूर काटें. गंदे नाखूनों से भी अस्वस्थ होने की संभावना ज्यादा रहती है.
पर्सनल हाइजीन
हमेशा साफ कपड़े पहनें, जो सिर्फ धुले ही नहीं वरन संक्रमण रहित भी हों.
दूसरे का तौलिया, कपड़े, चश्मा, कंघा, लिपस्टिक आदि प्रयोग न करें.
मेकअप किट में भी जर्म्स पाए जाते हैं. अत: मेकअप ब्रश, पफ, आईब्रो पैंसिल आदि को भी प्रयोग में लाने से पहले ऐंटीसैप्टिक वाइप्स से पोंछ लें.
महिलाओं के पर्स के हैंडल में उतने ही जर्म्स पाए जाते हैं जितने एक टौयलेट सीट पर. यह बात हाल ही में हुए सर्वे में पता चली. अत: अपने पर्स की भी नियमित सफाई करती रहें.
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