प्रिया और आर्यन ने दो महीने पहले शादी कर ली थी. यह एक प्रेम विवाह था. उनके माता-पिता इस शादी के खिलाफ थे लेकिन आर्यन प्रिया को सच्चे दिल से प्यार करता था ,उसने हार नहीं मानी. उसने प्रिया के माता-पिता और अपनी माँ को सहमत करने के सभी प्रयास किए . अंत में किसी तरह दोनों के परिवार इस शादी के लिए राज़ी हो गए.
दोनों सुखी जीवन बिता रहे थे. एक दोपहर, प्रिया रसोई में काम कर रही थी, जबकि आर्यन अपने कमरे में सो रहा था. उसने अपना काम पूरा कर लिया और अपनी सास को लंच के लिए बुलाने चली गई. उसने दरवाजा खोला, और कई फोटो एलबमों के बीच, उसने अपनी सास को बिस्तर पर बैठा पाया.
वह अपनी सास के पास जाकर बिस्तर पर बैठ गई. हालाँकि उनके बीच कुछ भी नकारात्मक नहीं था, लेकिन दोनों के रिश्ते में बर्फ की एक परत थी, जो उन्हें एक-दूसरे के प्रति अनुकूल होने से रोक रही थी.
प्रिया ने अपनी सास से कहा , “क्या कर रहे हो माँ?”
उसकी सास ने कहा , “अरे प्रिया, कुछ नहीं, बस पुरानी तस्वीरों को देख रही थी”.
प्रिया ने कहा , “क्या मैं भी उन्हें देख सकती हूँ?”
उसकी सास ने मुस्कुराते हुए कहा , “ज़रूर”
वे दोनों ही पुरानी तस्वीरों को देखने लगी . प्रिया की सास प्रिया को उन सभी यादों के बारे में बता रही थी जो उन तस्वीरों के साथ संबंधित थीं. उन्होंने प्रिया को आर्यन की बचपन की वो तस्वीरें दिखाईं, जब वह पैदा हुआ था, जब वह एक फ्रॉक पहने हुए था, जब वह नहा रहा था. प्रिया आर्यन की बचपन की तस्वीरों को बेहद प्यार से देख रही थी. कुछ देर बाद प्रिया ने अपनी साससे कहा, “माँ, क्या मैं कुछ पूछ सकती हूँ?”
उसकी सासने कहा,”हाँ प्रिया पूछो”.
प्रिया ने कहा , ” माँ क्या आप मुझसे खुश हैं?”
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प्रिया की सासने कहा , “बेशक, तुमने ऐसा क्यों पूछा? क्या तुम इस घर में सहज नहीं हो ? क्या आर्यन ने कुछ कहा? ”
प्रिया ने कहा,” नहीं माँ ,मैं बहूत खुश हूँ. आर्यन मुझे बहूत प्यार करता है. माँ बात सिर्फ इतनी है की आप दिन के अधिकांश समय कमरे के अंदर ही रहते हो , ऐसा लगता है कि आपने खुद को सीमित कर लिया है. आप हम लोगों से ज्यादा बात भी नहीं करते हो. क्या आप मुझसे खुश नहीं हो? ”
प्रिया की सासने निगाहें चुराते हुए कहा , “नहीं, ऐसा कुछ नहीं है.”
प्रिया ने अपनी सास का हाथ अपने हाथ में लिया.उसने महसूस किया की उस साठ वर्षीय महिला का हाथ नरम और मोटा था. उसके हाथों का खुरदरापन उस कठिन जीवन का दर्पण था जिसे उस बूढ़ी औरत ने देखा है, और झुर्रियों की कोमलता उसकी उम्र बढ़ने की याद दिलाती थी.
प्रिया भावुक हो गयी उसने कहा ,”सच बताओ न माँ , प्लीज.”
प्रिया की सासने कहा ,“आज कल की पीढ़ी परिवारों के साथ रहना पसंद नहीं करती है, उन्हें एकांत चाहिए होता है और जो कुछ हम पुराने लोग कहते हैं वो उन्हें हमारा हस्तक्षेप लगता हैं.मेरी दोनों बेटे पहले से ही शादीशुदा हैं, और उन्होंने मुझे छोड़ दिया. अब मेरे पास केवल आर्यन है, और मैं उसे इस उम्र में नहीं खो सकती.
प्रिया ने कहा , “आप आर्यन को क्यों खोयेंगी ?”
प्रिया की सासने कहा, “हर कोई मुझे आर्यन की शादी से पहले कह रहा था की आर्यन को उसकी पसंद की लड़की मिल रही है, और अब वह अपनी पत्नी और फिर बच्चों के साथ व्यस्त हो जाएगा.
मैं यही सोच के डर गयी थी की तुम लोगों का अपना जीवन जीने का तरीका है और अगर मैं कुछ भी कहूँगी तो तुम भी मुझे अकेला छोड़कर चले जाओगे , इसलिए मैंने सोचा कि मै तुम लोगों की लाइफ में ज्यादा disturbe न करू और तुम लोगों को अपना जीवन जीने दूं .इसलिए ही मै ज्यादा वक़्त अपने कमरे में ही रहती हूँ ताकि तुम्हे एकांत मिले. कम से कम इस तरह से तुम लोग मुझे अकेले छोड़कर तो कहीं नहीं जाओगे ”
यह सुनकर प्रिया की आँखें गीली हो गईं और उसकी आँखों से आँसू बहने लगे.
उसको वो वक़्त याद आया जब उसकी दोस्तों ने सास-बहू के रिश्ते के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन यह औरत जो उसके सामने बैठी थी वो समाज की छवि से बहूत अलग थी.
वह बुरी नहीं थी, वह सिर्फ एक बूढ़ी औरत थी, जो एक माँ थी, जो सिर्फ अपने बच्चों का साथ ,उनका प्यार, देखभाल और अपने प्रति उनका सम्मान चाहती थी.
प्रिया ने अपनी सास का हाथ अपने हाथ में लिया और रोते हुए कहा,” माँ अब आपके दो बच्चे हैं, पहला आर्यन और दूसरी मै . मैं आपकी बेटी हूँ, मैं आपको आर्यन से अधिक प्यार करूंगी, जब भी आपको मेरी आवश्यकता होगी, मैं आपकी देखभाल करूंगी, आप मेरी माँ हो, जिस दिन मैंने आर्यन को स्वीकार किया था वह दिन था जब मैंने आपको अपनी माँ के रूप में स्वीकार किया था. अब आप अकेली नहीं हैं, आप मुझे स्वीकार करें या न करें मैं आपकी बेटी हूं.
और एक चीज़ माँ , हम आपको कभी नहीं छोड़ेंगे. हम हमेशा यहां रहेंगे. आप हमारे बच्चों के साथ खेलेंगी और उन्हें कहानियाँ सुनाएंगी .आप पेड़ हैं और हम सिर्फ शाखाएं हैं. हमें आपकी आवश्यकता है.”
प्रिया की सास ने प्रिया की ओर देखा. अब उन्हें समझ में आया कि उनका बेटा इस लड़की से इतना प्यार क्यों करता है.उन्होंने प्रिया को अपने गले लगा लिया.
दरवाजे पर खड़े आर्यन ने चुपचाप अपनी आँखें पोंछ लीं. जिन दो औरतों से वह सबसे ज्यादा प्यार करता था , वे आखिरकार खुद को एक नए रिश्ते में बाँध रही थी.
दोस्तों, दरसअल हमारे समाज में एक सोच पत्थर की लकीर बन गयी है चाहे जितना भी सर पटक लो,लकीर नहीं मिटती. चूंकि लकीर को मिटाने की कोशिश भी पूरे दिल से नहीं की जाती . तो लकीर जस की तस रहती हैं और हां उसके आगे एक लंबी लकीर खींच दी जाती हैं, और फिर लंबी,लंबी और फिर लंबी.. ……. तो क्या आपको लगता हैं कि लकीर कभी मिट पाएगी??बिल्कुल भी नहीं क्योंकि वो छोटी लकीर तो अब भी वहीं हैं.
समाज की इस भ्रांति को तोड़ अगर सास और बहू अपने रिश्ते के बीच कोई भी लकीर ना खिचने दें और ज्यों ही लकीर जैसी चीज समझ आए तो समझदारी से उसे मिटा दे तो ना रहेगी लकीर और ना रहेंगे लकीर के निशान.
जहां तक मुझे लगता है की सास और बहू का रिश्ता केवल प्यार और अधिकार के ऊपर आधारित होता है.दोनों ही एक ही व्यक्ति के प्रति अपने अधिकारों को लेकर कुछ ज्यादा ही सजग होती हैं.
उनकी यह अधिकारों की लड़ाई धीरे-धीरे तकरार में बदल जाती है. शादी के बाद अक्सर मां को लगता है की उनका बेटा बदल गया है और अब वह सिर्फ अपनी बीवी और उसके घर के बारे में सोच रहा है.
अगर गहराई से सोचे तो एक माँ जो पूरे लाड़-प्यार से अपने पुत्र को बड़ा करती है और उसका विवाह करती है वह आखिर अपनी बहू से बैर क्यों रखेगी.दोस्तों यह कोई बैर नहीं है , यह सिर्फ उस माँ का अपने बेटे को खोने का डर है जो उस माँ के अन्दर असुरक्षा की भावना को पैदा करता है.
आप अपनी सास की असुरक्षा को दूर करें. उन्हें एक अतिरिक्त के रूप में न देखें. वह परिवार की जड़ है. उन्होंने अपने बेटे को जन्म दिया है और उसका पालन-पोषण किया है, और फिर उन्होंने उसे आपको उपहार में दिया है. उनके साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसे आप अपने भाई की पत्नी से अपनी माँ के लिए चाहती हैं. वैसे भी किसी भी वृक्ष को उसकी जड़ से काट कर हम हरा-भरा नहीं रख सकते.
जैसे आप डांट-डपट और झगड़ने के बाद अपनी मां के खिलाफ कोई शिकायत नहीं रखती हैं, और आप सब कुछ भूल जाती हैं, वैसे ही आप अपनी सास के लिए कोई शिकायत न रखें.वह आपकी माँ जैसी ही है.
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यदि वो आपके लिए 10% भी अपने आप को ढालती है, तो आप अपने आप को भाग्यशाली समझें, क्योंकि यदि आपको खुद को 25 की उम्र में बदलना मुश्किल लगता है, तो कल्पना करें कि 55 की उम्र में बदलना उनके लिए कितना मुश्किल होगा.
आज के इस लेख के माध्यम से मेरी आप सभी औरतों से जो किसी न किसी घर की बहू है , ये गुज़ारिश है की अपनी सास को अपने पति की माँ के रूप में न देखें.पहले उसे एक महिला के रूप में देखें और उसके जीवन और उसके संघर्षों के बारे में जानें . फिर स्वतः ही आप उसका सम्मान करना शुरू कर देंगी .
दोस्तों एक माँ अपने बेटे का मुंह देखने के लिए 9 महीने इंतज़ार करती है ,तो वो उसे इतना प्यार करती है.और वही माँ अपनी बहू का मुंह देखने के लिए 25 साल इंतज़ार करती है, तो सोचो वो उसे कितना प्यार करेगी.