Mother’s Day Special: प्रेग्नेंसी के आखिरी दिनों में भी फैशन का ख्याल रखती हैं ये एक्ट्रेस

बौलीवुड एक्ट्रेसेस अपने फैशन के लिए अक्सर सुर्खियां बटोरती हैं. वहीं बौलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर से लेकर लीजा हेडन तक प्रैग्नेंसी में अपने बेबी बंप को नए लुक में फ्लौंट करती नजर आती हैं, जिसे फैंस ट्राय करने की कोशिश करते नजर आती हैं. इसी बीच बौलीवुड एक्ट्रेस लीजा हेडन ने अपनी प्रैग्नेंसी के आखिरी महीने में कुछ लुक्स शेयर की हैं, जो प्रैग्नेंसी के लिए स्टाइलिश और कंफरटेबल हैं. आइए आपको दिखाते हैं लीजा हेडन के लुक्स…

प्रैग्नेंसी में ड्रेस भी है अच्छा औप्शन

प्रैग्नेंसी के आखिरी दिनों में फैशन की बात करें तो हर महिला अपना बेबी बंप अक्सर छिपाती हुई नजर आती हैं. लेकिन बौलीवुड एक्ट्रेसेस की बात करें तो वह अपने लुक्स अक्सर शेयर करती हैं, जो स्टाइलिश और कंफरटेबल होते हैं. वहीं हाल ही में लीजा हेडन ने फॉरेस्ट ग्रीन आउटफिट पहना था, जिसमें स्वीटहार्ट नेकलाइन के साथ ब्रॉड कट शोल्डर्स डिजाइन और फुल स्लीव्स पैटर्न उनके लुक को स्टाइलिश बना रहा था. वहीं कपड़े की बात करें तो यह काफी स्ट्रैचेबल है, जो कंफर्ट लेवल को बनाए रखता है.

 

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कंफर्ट के लिए ट्राय करें ये लुक

 

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लीजा हेडन ने अपने कई लुक फैंस के साथ शेयर किए हैं, जिनमें ब्लैक कलर का आउटफिट भी शामिल है. शॉर्ट लेंथ ड्रेस के साथ स्पगैटी स्लीव्स बस्ट लाइन को कंफर्ट के अनुसार डिजाइन किया गया है, जो लीजा के लुक को ट्रैंडी और कंफर्टेबल बना रहा है.

मिनी ड्रेस है बेस्ट औप्शन

 

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समर में प्रैग्नेंसी वेकेशन के लिए अगर आप कोई औप्शन तलाश कर रही हैं तो लीजा की ये वाइट कलर की कॉटन के कपड़े वाली मिनी ड्रैस काफी अच्छा औप्शन है. रफ्फल पैटर्न वाली लीजा की ये ड्रैस कंफर्ट लेवल के हिसाब से अच्छा औशन है.

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पार्टी के लिए परफेक्ट लुक

 

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अगर आप प्रैग्नेंसी के आखिरी दिनों में सिंपल लुक के साथ पार्टी का हिस्सा बनना चाहती हैं तो लीजा हेडन की ये प्लैन यैलो और क्रीम कौम्बिनेशन वाली ड्रैस काफी अच्छा औप्शन है. प्रैग्नेसी के आखिरी दिनों में ये लुक आपके कंफर्ट और स्टाइल का ख्याल रखेगा.

Mother’s Day Special: मुक्ति-भाग 2

और उस के बाद तो अनेक परेशानियों का सिलसिला शुरू हो गया था. उधर, सुनील फोन पर लगातार हिदायतों पर हिदायतें देता जा रहा था और इधर शिवानी पर शामत आ रही थी. अपने पति पर घर छोड़ कर और एंबुलैंस पर मां को अकेले अपने दम पर पटना ले जाना, किसी विशेषज्ञ जिस का नाम सुनील ने ही बताया था उस से संपर्क करना और प्राइवेट वार्ड में रख कर मां का औपरेशन करवाना, नर्स के रहते भी दिनरात उन की सेवा करते रहना इत्यादि कितनी ही जहमतों का काम वह 3 हफ्तों तक करती रही थी. इस का एकमात्र पुरस्कार शिवानी को यह मिला था कि मां का प्यार उस के प्रति बढ़ गया था और अब वे उसी का नाम जपने लगी थीं.

सुनील के न चाहने पर भी मोबाइल की घंटी फिर बज उठी. एक झिझक के साथ सुनील ने मोबाइल उठाया. उधर शिवानी ही थी, जोर से बोल उठी, ‘‘अंकल, मैं शिवानी बोल रही हूं.’’

शिवानी के मुंह से अंकल शब्द सुन कर सुनील को ऐसा लगता था जैसे वह उस के कानों पर पत्थर मार रही हो. लाख याद दिलाने पर भी कि वह उस का मामा है, शिवानी उसे अंकल ही कहती थी. स्पष्ट था कि यह संबोधन उसे एक व्यावसायिक संबंध की ही याद दिलाता था, रिश्ते की नहीं.

‘‘हां, हां, मैं समझ गया, बोलो.’’

‘‘प्रणाम अंकल.’’

‘‘खुश रहो, बोलो, क्या बात है?’’

‘‘आप लोग कैसे हैं, अंकल?’’

सुनील जल्दी में था, इसलिए खीझ गया पर शांत स्वर में ही बोला, ‘‘हम लोग सब ठीक हैं, पर तुम बताओ मां कैसी हैं?’’

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‘‘नानीजी ने तो खानापीना सब छोड़ रखा है,’’ सुनील को लगा जैसे उस की छाती पर किसी ने हथौड़ा चला दिया हो. उसे चिंता हुई, ‘‘कब से?’’

‘‘कल रात से. कल रात कुछ नहीं खाया, आज भी न नाश्ता लिया और न दोपहर का खाना ही खाया.’’

‘‘अब रात का खाना उन्हें अवश्य खिलाओ. जो उन को पसंद आए वही बना कर दो. खाना थोड़ा गला कर देना ताकि उसे वे आसानी से निगल सकें. निगलने में दिक्कत होने से भी वे नहीं खाती होंगी.’’

‘‘हम ने तो कल खिचड़ी दी थी.’’

‘‘उसे भी जरा पतला कर के दो और घी वगैरह मिला दिया करो. मां को खिचड़ी अच्छी लगती है.’’

‘‘इसीलिए तो अंकल, लेकिन कहती हैं कि भूख नहीं है.’’

‘‘डाक्टर से पूछ कर देखो. भूख न लगने का भी इलाज हो सकता है.’’

‘‘वे कहती हैं, खाने की रुचि ही खत्म हो गई है. इस का क्या इलाज है? शायद मेरे हाथ से खाना ही नहीं चाहतीं.’’

उस लड़की की बात में सुनील को साफ व्यंग्य झलकता दिखाई पड़ा. ‘‘फिर भी, तुम डाक्टर से पूछो,’’ वह शांत स्वर में ही बोला.

‘‘जी अच्छा, अंकल.’’

‘‘फिर जैसा हो बताना. तुम चाहो तो व्हाट्सऐप कौल कर सकती हो.’’

‘‘नहीं अंकल, अब तो अमेरिका फोन करना सस्ता हो गया है. कोई बात नहीं. रात में फिर से कोशिश कर के देखती हूं.’’ वास्तव में शिवानी के पास पैसे की कोई कमी तो थी नहीं, फिर भी, उस की उदारता की उस ने जिस तरह उपेक्षा कर दी वह उसे अच्छा नहीं लगा.

‘‘जरूर.’’

‘‘अंकल, वहां अभी क्या समय हो रहा है?’’

‘‘यहां सुबह के 7 बज रहे हैं.’’

‘‘अच्छा, प्रणाम अंकल.’’

‘‘खुश रहो.’’

शिवानी सुनील के दूर के रिश्ते की बहन की बेटी थी. उस का घर तो भरापूरा था, उस का पति, 3 बेटे और 2 बेटियां. पर आय सीमित थी. हाईस्कूल कर के उस का पति किसी तरह कोई सिफारिश पहुंचा कर रांची के एंप्लौयमैंट एक्सचेंज औफिस में लोअर डिवीजन क्लर्क बन गया था.

सुनील जब किसी तरह मां को  अपने साथ अमेरिका में नहीं रख  सका तो वह भारत में एक ऐसा परिवार ढूंढ़ने लगा जो मां को अपने साथ रखे तथा उन की देखभाल करे, खर्च चाहे जो लगे. पर उसे ऐसा कोई परिवार जल्दी नहीं मिला. कोई इस तरह की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता था. नजदीकी रिश्तेदारी में तो कोई मिला ही नहीं. किसी तरह उसे शिवानी का पता चला.

शिवानी को उस ने पहले देखा भी नहीं था, पर इस पारस्परिक रिश्ते को वे दोनों जानते थे. इस में संदेह नहीं था कि शिवानी को लगा कि सुनील की मां, जिसे वह नानी कहती थी, को रखने से उस की आर्थिक स्थिति में सुधार आ जाएगा. सुनील ने शुरू में ही उसे सबकुछ समझा दिया था. हफ्तों खोज करने के बाद उसे यह परिवार मिला था. सो वह उन पर ज्यादा ही निर्भर हो गया था. शिवानी को उस की मां को केवल पनाह देनी थी. काम करने के लिए उस ने अलग से एक नर्स रखने की अनुमति दे रखी थी. खर्च के लिए पैसे देने में उस ने कंजूसी नहीं की. मां को समझा दिया कि शिवानी के यहां उन्हें कोई तकलीफ नहीं होगी.

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चलते समय मां की आंखें उसे वैसी ही लगीं जैसा बचपन में वह अपनी गाय को बछड़े से बिछुड़ते हुए देखा करता था. दुखभरी आवाज में मां ने पूछा, ‘आते तो रहोगे न, बेटा?’

सुनील ने तपाक से उत्तर दिया था, ‘जरूर मां, कुछ ही महीनों में यहां फिर आना है. और फिर मोबाइल तो है ही, मोबाइल पर जब कभी भी बात हो जाया करेगी.’

‘बेटा, मैं तो बहरी हो गई हूं, फोन पर क्या बात कर सकूंगी?’

‘मां, तुम नहीं, शिवानी तुम्हारा समाचार देती रहेगी. यह भी तो नतिनी ही हुई तुम्हारी. तुम्हें यह बहुत अच्छी तरह रखेगी.’

‘यह क्या रखेगी, तुम्हारा पैसा रखाएगा,’ मां ने धीरे से कहा.

बेटे ने चलते समय मां के पैर छुए, तो मां ने कहा, ‘जुगजुग जियो. अब हमारे लिए एक तुम्हीं रह गए हो, बेटा.’

सुनील अपनी सफाई में किसी तरह यही बोल पाया, ‘मां, अगर मैं तुम्हें अमेरिका में रख पाता तो जरूर रखता. तुम्हें कई बार बता चुका हूं. मैं तो वहां तुम्हारा इलाज भी नहीं करा सकता.’

‘तुम ने तो कहा था कि साल दो साल में तुम रिटायरमैंट ले लोगे और फिर भारत वापस आ जाओगे.’

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सुनील की जैसे चोरी पकड़ी गई. इस बात की तसल्ली उस ने मां को बारबार दी थी कि वह उन्हें शिवानी के पास अधिक से अधिक 2 साल के लिए रख रहा था, जैसे ही वह रिटायर होगा, भारत आ जाएगा और उन्हें साथ रखेगा. उस घटना को 5 साल बीत गए थे. पर सुनील नहीं जा पाया था मां से मिलने.

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थ्रिलर फिल्मों में निर्देशक के विजन को समझने की जरुरत होती है- मनोज बाजपेयी

बचपन से अभिनय की इच्छा रखने वाले अभिनेता मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने ‘बेंडिट क्वीनफिल्म से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा. उन्हें पॉपुलैरिटी फिल्म ‘सत्या’ से मिली. इस फिल्म ने उन्हें उस समय की सभी बड़े अभिनेताओं की श्रेणी में रख दिया. इस फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया. हिंदी के अलावा उन्होंने तमिल और तेलगू भाषाओं में फिल्में की है.

बिहार के पश्चिमी चंपारण के एक छोटे से गाँव से निकलकर यहाँ तक पहुंचना और कामयाबी हासिल करना मनोज बाजपेयी के लिए आसान नहीं था. साधारण और शांत व्यक्तित्व के मनोज फिल्मों के लिए ‘चूजी’ नहीं, उन्हें जो भी कहानी प्रेरित करती है, वे उसे कर लेते है.यही वजह है कि उन्होंने हर तरह की फिल्में की है. उनके इस सफ़र में उनकी पत्नी नेहा और बेटी का साथ है, जिनके साथ वे क्वालिटी टाइम बिताना पसंद करते है. लॉक डाउन के इस समय में वे उत्तराखंड के किसी होटल में अपने परिवार के साथ समय बिता रहे है.

मनोज बाजपेयी को बचपन से कवितायें  पढ़ने का शौक है. उन्हें हिंदी और अंग्रेजी  में हर तरह की कवितायें पढ़ी है. उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कार भी जीता है,पर वे कविता खुद लिखते नहीं. साल 2019 में साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री अवार्ड से भी नवाजा गया है. अभी उनकी फिल्म ‘मिसेज सीरियल किलर’ डिजिटल पर रिलीज हो चुकी है. बातचीत हुई, पेश है कुछ खास अंश.

सवाल-लॉक डाउन में कहाँ है और क्या कर रहे है?

मैं अपने परिवार के साथ उत्तराखंड के एक होटल में हूं. पहाड़ों और वादियों का लुत्फ़ उठा रहा हूं. मैं इधर एक शूटिंग के लिए आया था और परिवार वाले भी यहाँ मुझसे मिलने आ गए थे. इतने में लॉक डाउन हो गया और यही रहने लगा हूं. मुझे अच्छा लग रहा है कि मुंबई की भीड़ भाड़ से दूर यहाँ प्राकृतिक वातावरण के बीच में दो महीने से रह रहा हूं.

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सवाल-इस फिल्म को करने की ख़ास वजह क्या है?

इसकी स्क्रिप्ट बहुत अच्छी थी. निर्देशक शिरीष कुंदर के साथ मैंने कई शोर्ट फिल्में की थी. इस वजह से हम दोनों की केमिस्ट्री बहुत अच्छी हो गयी थी. साथ ही हम दोनों पडोसी भी है. भूमिका बड़ी नहीं है, पर बहुत पावरफुल है. इसके अलावा शिरीष एक अच्छे निर्देशक भी है, इसलिए उनके साथ काम करने की इच्छा हुई और मैंने फिल्म की.

सवाल-आप किसी भी फिल्म में एक अलग छाप छोड़ते है, ये कैसे होता है? इसके लिए आपको क्या अलग से मेहनत अपनी भूमिका के लिए करनी पड़ती है?

मैं अपना काम करता हूं. दर्शकों को पसंद आता है इसकी ख़ुशी मुझे है. मैं कई सालों से काम कर रहा हूं. हर फिल्म के साथ वर्कशॉप करना, अभिनय की तकनीक को सीखना आदि करता आ रहा हूं. मेहनत, लगन और तकनिकी ज्ञान सब होने पर ही ये शायद हो पाता है. दर्शकों का प्यार ही मुझे यहाँ तक ले आया है और मैं अच्छा काम कर पा रहा हूं.

सवाल-आपके यहां तक पहुंचने में परिवार किस तरह से सहयोग देता है?

परिवार के सहयोग के बिना कुछ भी नहीं हो सकता. परिवार मेरी व्यस्तता को जानता और समझता है. साथ ही उसका आदर भी करता है. परिवार के साथ मेरा तालमेल हमेशा सही रहा है. समय मिलते ही मैं अधिक से अधिक समय उनके साथ बिताता हूं. काम के समय परिवार पूरा सहयोग देता है, ताकि मैं स्वछंद तरीके से काम को अंजाम दूँ. ये सामंजस्य है, जो बना हुआ है और मैं अपने आपको इस बारें में भाग्यशाली समझता हूं.

सवाल-कोरोना वायरस की वजह से कुछ एहतियात हर रोज बरतने को कही जा रही है, क्या लॉक डाउन के बाद इंडस्ट्री में भी कुछ बदलाव आयेगा?

लॉक डाउन एक न एक दिन अवश्य खुलेगा. वायरस भी एक दिन पूरे समाज से जायेगा. तब तक मास्क पहनना और अपना ख्याल रखना बहुत जरुरी है. उसके लिए क्या रास्ता अपनाया जायेगा, उसपर एसोसिएशन काम कर रही है. कैसे शूटिंग की जायेगी, कैसे सावधानी बरतते हुए इसे अंजाम दिया जायेगा आदि विषयों पर भी विचार किया जा रहा है. थिएटर को खोलने पर भी चर्चा हो रही है, लेकिन जब भी ये खुलेगी दर्शक आयेगे, क्योंकि समूह में बैठकर जो मजा फिल्म और नाटक देखने में है, उसे अकेले बैठकर नहीं लिया जा सकता. ये सही है कि ओटीटी प्लेटफार्म से जो मजा अभी दर्शक ले रहे है. आगे फिल्मों से उनकी अपेक्षा अधिक हो जाएगी. फिल्मों को भी उस स्तर पर प्रभावशाली कहानी कहने की जरुरत होगी.

सवाल-थ्रिलर फिल्म को बनाना कितनी चुनौती होती है, किस बात का बहुत ख्याल रखना पड़ता है?

इसमें चुनौती निर्देशक की होती है, निर्देशक पूरी फिल्म को देख रहा होता है और वह उसकी सुर और लय को पहचानता है, ऐसे में निर्देशक के विजन को समझने की बहुत जरुरत होती है. निर्देशक के साथ चलने और उसकी सुर को समझने पर काम आसान हो जाता है.

सवाल-आगे और क्या करने की सोच रहे है?

कोरोना वायरस के आने के बाद मैंने भविष्य की प्लानिंग करना छोड़ दिया है. आज जो है उसी के बारें में बात करें और जितना हो सके उसे जीने की कोशिश करें. ये एक बहुत बड़ी सीख है. मेरी दो फिल्में पूरी हो चुकी है. फॅमिली मैन 2 आने वाली है, लेकिन आगे समय में क्या परिवर्तन आएगा. इसके बारें में कुछ नहीं कह सकते.

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सवाल-क्या आप मानते है कि हमारी इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बदलाव होने की जरुरत है?

हमने अपने जीवन और समाज में मेडिकल फैसिलिटी को लेकर उतना काम नहीं किया, जितनी जरुरत है. ये सेवा जन-जन तक गरीब लोगों में उपलब्ध हो. उन्हें हर तरह की सुविधा मिले, इसपर काम नहीं किया गया. इस पर अब सोचने की जरुरत है, क्योंकि आज पता चला है कि डॉक्टर नर्सेज और पैरामेडिकल स्टाफ हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलू है.

सवाल-मां के साथ बिताया पल जिसे आप याद करते है?

मां शब्द पैदा होने के बाद से ही आप से जुड़ जाता है और जितना समय इस दुनिया में हम जीते है आप के साथ वह जुड़ा रहता है. इसलिए धरती को भी मां का दर्जा दिया गया है, जो सबसे अधिक विकराल और सबसे अधिक नम्र है. मेरा अस्तित्व और जो मैं आज हूं वह मां की वजह से है. हर दिन उनका है और हर दिन उनको चरणस्पर्श है.

Mother’s Day 2020: काश ! तुम भी मुझे अपनी मां की तरह चाहो, सास- बहू का रिश्ता मुझे अच्छा नहीं लगता

प्रिया और आर्यन ने दो महीने पहले शादी कर ली थी. यह एक प्रेम विवाह था. उनके माता-पिता इस शादी के खिलाफ थे लेकिन आर्यन प्रिया  को सच्चे दिल से प्यार करता  था ,उसने  हार नहीं मानी. उसने प्रिया के माता-पिता और अपनी माँ को  सहमत करने के सभी प्रयास किए . अंत में किसी तरह दोनों के परिवार इस शादी के लिए राज़ी हो गए.

दोनों सुखी जीवन बिता रहे थे. एक  दोपहर, प्रिया रसोई में काम कर रही थी, जबकि आर्यन अपने कमरे में सो रहा था. उसने अपना काम पूरा कर लिया और अपनी सास को लंच के लिए बुलाने चली गई. उसने दरवाजा खोला, और कई फोटो एलबमों के बीच, उसने अपनी सास को  बिस्तर पर बैठा पाया.

वह अपनी सास के पास जाकर  बिस्तर पर बैठ गई. हालाँकि उनके बीच कुछ भी नकारात्मक नहीं था, लेकिन दोनों के रिश्ते में बर्फ की एक परत थी, जो  उन्हें एक-दूसरे के प्रति अनुकूल होने से रोक रही थी.

प्रिया ने अपनी सास से कहा , “क्या कर रहे हो माँ?”

उसकी सास ने कहा , “अरे प्रिया, कुछ नहीं, बस पुरानी तस्वीरों को देख रही  थी”.

प्रिया ने कहा , “क्या मैं भी उन्हें देख सकती हूँ?”

उसकी सास ने मुस्कुराते हुए कहा , “ज़रूर”

वे दोनों ही पुरानी तस्वीरों  को  देखने लगी . प्रिया की सास  प्रिया को उन सभी यादों के बारे में बता रही थी जो  उन तस्वीरों  के साथ संबंधित थीं. उन्होंने प्रिया को आर्यन  की बचपन की वो तस्वीरें दिखाईं, जब वह पैदा हुआ था, जब वह एक फ्रॉक पहने हुए था, जब वह नहा रहा था. प्रिया आर्यन की बचपन की तस्वीरों को  बेहद प्यार से देख रही थी. कुछ देर बाद प्रिया ने अपनी साससे कहा, “माँ, क्या मैं कुछ पूछ सकती हूँ?”

उसकी सासने कहा,”हाँ प्रिया पूछो”.

प्रिया ने कहा , ” माँ क्या आप मुझसे खुश हैं?”

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प्रिया की सासने कहा , “बेशक, तुमने  ऐसा क्यों पूछा? क्या तुम इस  घर में सहज नहीं हो ? क्या आर्यन ने कुछ कहा? ”

प्रिया ने कहा,” नहीं माँ  ,मैं बहूत खुश हूँ. आर्यन मुझे  बहूत प्यार करता है. माँ बात सिर्फ इतनी है की आप दिन के अधिकांश समय कमरे के अंदर ही रहते हो , ऐसा लगता है कि आपने खुद को सीमित कर लिया है. आप हम लोगों से ज्यादा बात भी नहीं करते हो. क्या आप मुझसे खुश नहीं हो? ”

प्रिया की सासने  निगाहें चुराते हुए कहा , “नहीं, ऐसा कुछ नहीं है.”

प्रिया ने अपनी सास का हाथ अपने हाथ में लिया.उसने महसूस किया की उस  साठ वर्षीय महिला का हाथ नरम और मोटा था. उसके हाथों का खुरदरापन उस कठिन जीवन का दर्पण था जिसे उस बूढ़ी औरत ने देखा है, और झुर्रियों की कोमलता उसकी उम्र बढ़ने की याद दिलाती थी.

प्रिया भावुक हो गयी उसने कहा ,”सच बताओ न माँ , प्लीज.”

प्रिया की सासने कहा ,“आज कल की पीढ़ी परिवारों के साथ रहना पसंद नहीं करती है, उन्हें एकांत चाहिए होता है और जो कुछ हम  पुराने लोग कहते हैं वो उन्हें हमारा  हस्तक्षेप लगता  हैं.मेरी दोनों बेटे पहले से ही शादीशुदा हैं, और उन्होंने मुझे छोड़ दिया. अब मेरे पास केवल आर्यन है, और मैं उसे इस उम्र में नहीं खो सकती.

प्रिया ने कहा , “आप आर्यन को क्यों खोयेंगी ?”

प्रिया की सासने कहा, “हर कोई मुझे आर्यन की शादी से पहले कह रहा था की आर्यन को उसकी पसंद की लड़की मिल रही है, और अब वह अपनी पत्नी और फिर बच्चों के साथ व्यस्त हो जाएगा.

मैं यही सोच के डर गयी थी की तुम लोगों का अपना जीवन जीने का तरीका है और अगर मैं कुछ भी कहूँगी  तो तुम भी  मुझे अकेला छोड़कर चले जाओगे , इसलिए मैंने सोचा कि मै तुम लोगों की लाइफ में ज्यादा disturbe न करू और तुम लोगों को अपना जीवन जीने दूं .इसलिए ही मै ज्यादा वक़्त अपने कमरे में ही रहती हूँ ताकि तुम्हे  एकांत मिले. कम से कम इस तरह से तुम  लोग मुझे अकेले छोड़कर तो कहीं नहीं जाओगे  ”

यह सुनकर प्रिया की आँखें गीली हो गईं और उसकी आँखों से आँसू बहने लगे.

उसको वो वक़्त याद आया जब  उसकी  दोस्तों ने सास-बहू के रिश्ते के बारे  में चेतावनी दी थी, लेकिन यह औरत  जो उसके सामने बैठी थी वो समाज की छवि से बहूत अलग थी.

वह बुरी नहीं थी, वह सिर्फ एक बूढ़ी औरत थी, जो एक माँ थी, जो सिर्फ अपने बच्चों का साथ ,उनका प्यार, देखभाल और अपने प्रति उनका  सम्मान चाहती थी.

प्रिया ने अपनी सास का हाथ अपने हाथ में लिया और रोते हुए कहा,” माँ  अब आपके दो बच्चे हैं, पहला आर्यन और दूसरी मै . मैं आपकी  बेटी हूँ, मैं आपको  आर्यन  से अधिक प्यार करूंगी, जब भी आपको मेरी आवश्यकता होगी, मैं आपकी  देखभाल करूंगी, आप  मेरी माँ हो, जिस दिन मैंने आर्यन को स्वीकार किया था वह दिन था जब मैंने आपको अपनी माँ के रूप में स्वीकार किया था. अब आप अकेली नहीं हैं, आप मुझे स्वीकार करें या न करें  मैं आपकी बेटी हूं.

और एक चीज़ माँ , हम आपको कभी नहीं छोड़ेंगे. हम हमेशा यहां रहेंगे. आप हमारे बच्चों के साथ खेलेंगी और उन्हें कहानियाँ सुनाएंगी .आप पेड़ हैं और हम सिर्फ शाखाएं हैं. हमें आपकी आवश्यकता है.”

प्रिया की सास ने प्रिया की  ओर देखा. अब उन्हें  समझ में आया कि उनका बेटा इस लड़की से इतना प्यार क्यों करता है.उन्होंने प्रिया को अपने गले लगा लिया.

दरवाजे पर खड़े आर्यन ने चुपचाप अपनी आँखें पोंछ लीं. जिन दो औरतों से वह सबसे ज्यादा प्यार करता था , वे आखिरकार खुद को एक नए रिश्ते में बाँध रही थी.

दोस्तों, दरसअल हमारे समाज में एक सोच पत्थर की लकीर बन गयी है चाहे जितना भी सर पटक लो,लकीर नहीं मिटती. चूंकि लकीर को मिटाने की कोशिश भी पूरे दिल से नहीं की जाती . तो लकीर जस की तस रहती हैं और हां उसके आगे एक लंबी लकीर खींच दी जाती हैं, और फिर लंबी,लंबी और फिर लंबी.. ……. तो क्या आपको लगता हैं कि लकीर कभी मिट पाएगी??बिल्कुल भी नहीं क्योंकि वो छोटी लकीर तो अब भी वहीं हैं.

समाज की इस भ्रांति को तोड़ अगर सास और बहू  अपने रिश्ते के बीच कोई भी लकीर ना खिचने दें और ज्यों ही लकीर जैसी चीज समझ आए तो समझदारी से उसे मिटा दे तो ना रहेगी लकीर और ना रहेंगे लकीर के निशान.

जहां तक मुझे लगता है की सास और बहू का रिश्ता केवल प्यार और अधिकार के ऊपर आधारित होता है.दोनों ही एक ही व्यक्ति के प्रति अपने अधिकारों को लेकर कुछ ज्यादा ही सजग होती हैं.

उनकी यह अधिकारों की लड़ाई धीरे-धीरे तकरार में बदल जाती है. शादी के बाद अक्सर मां को लगता है की उनका बेटा बदल गया है और अब वह सिर्फ अपनी बीवी और उसके घर के बारे में सोच रहा है.

अगर गहराई से सोचे तो एक माँ जो पूरे लाड़-प्यार से अपने पुत्र को बड़ा करती है और उसका विवाह करती है वह  आखिर अपनी बहू से बैर क्यों रखेगी.दोस्तों यह कोई बैर नहीं है ,  यह सिर्फ उस माँ का अपने बेटे को खोने का डर है जो उस माँ के अन्दर असुरक्षा की भावना को पैदा करता है.

आप अपनी सास की असुरक्षा को दूर करें. उन्हें  एक अतिरिक्त के रूप में न देखें. वह परिवार की जड़ है. उन्होंने  अपने बेटे को जन्म दिया है और उसका पालन-पोषण किया है, और फिर उन्होंने  उसे आपको उपहार में दिया है. उनके  साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसे आप अपने भाई की पत्नी से अपनी माँ के लिए चाहती  हैं. वैसे भी किसी भी वृक्ष को उसकी जड़ से काट कर हम हरा-भरा नहीं रख सकते.

जैसे आप डांट-डपट और झगड़ने के बाद  अपनी मां के खिलाफ कोई शिकायत नहीं रखती  हैं, और आप सब कुछ भूल जाती हैं, वैसे ही आप अपनी सास  के लिए  कोई शिकायत न रखें.वह आपकी माँ जैसी   ही  है.

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यदि वो आपके लिए 10% भी अपने आप को ढालती  है, तो आप अपने आप को भाग्यशाली समझें, क्योंकि यदि आपको खुद को 25 की उम्र में बदलना मुश्किल लगता है, तो कल्पना करें कि 55 की उम्र में बदलना उनके  लिए कितना मुश्किल होगा.

आज के इस लेख के माध्यम से मेरी आप सभी औरतों से जो किसी न  किसी घर की बहू है , ये गुज़ारिश है की अपनी सास को अपने पति की माँ के रूप में न देखें.पहले उसे एक महिला के रूप में देखें और  उसके जीवन और उसके संघर्षों के बारे में जानें . फिर स्वतः ही आप उसका सम्मान करना शुरू कर देंगी .

दोस्तों एक माँ अपने बेटे का मुंह देखने के लिए 9 महीने इंतज़ार करती है ,तो वो उसे इतना प्यार करती है.और वही माँ अपनी बहू का मुंह देखने के लिए 25 साल इंतज़ार करती है, तो सोचो वो उसे कितना प्यार करेगी.

Mother’s Day 2020: 44 की उम्र में भी इतनी स्टाइलिश हैं रवीना टंडन

फैशन के मामले में बौलीवुड एक्ट्रेसेस का कोई जवाब नही है. कईं एक्ट्रेसेस ऐसी भी हैं जो उम्र बढ़ने के बावजूद अपने स्टाइल को कम नहीं होने देती. उन्हीं एक्ट्रेसेस में से एक हैं 44 साल की रवीना टंडन. रवीना इन दिनों स्टार प्लस के रियलिटी शो में जज बनती हुईं नजर आईं थीं, जहां वह ब्यूटीफुल लुक में दिखीं.  आज हम आपको रवीना के कुछ इंडियन लुक्स के बारे में बताएंगे, जिसे आप किसी भी पार्टी या शादी में ट्राय कर सकते हैं.

एक्ट्रेस रवीना टंडन 4 बच्चों की मां हैं, जिनमें पूजा और छाया नाम से दो बेटियां गोद ली हुई हैं. पूजा की उम्र 11 साल और छाया 8 साल थी, जब उन्हें गोद लिया गया था. रवीना ने हमेशा ही मां के तौर पर अपनी जिम्मेदारी समझी. बेटियों को पढ़ाया-लिखाया और उनकी शादी करवाई.

1. सिंपल आउटिंग के लिए परफेक्ट है रवीना की ये ड्रेस

अगर आप भी किसी सिंपल आउटिंग के लिए या बाहर घूमने का प्लैन कर रही हैं और कुछ सिंपल या ट्रैंडी कपड़े पहनना चाहती हैं तो रवीना की ये ड्रेस परफेक्ट है. रवीना की ये ग्रीन ड्रेस लौंग और फुल स्लीव है अगर आप थोड़े मोटे या थोड़े चबी हैं तो ये ड्रेस आपके लिए परफेक्ट रहेगी. आप इस ड्रेस के साथ सिंपल शूज या नौर्मल हिल्स भी ट्राय कर सकती हैं.

 

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2. ब्लैक कलर है पार्टी परफेक्ट

 

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अगर आप पार्टी के लिए ब्लैक पहनने की सोच रहीं हैं तो रवीना की ये ड्रेस आपके लिए परफेक्ट रहेगी. सिंपल एंब्रौयडरी के साथ शर्ट नेक वाली ये ड्रेस आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. शादी या सगाई के लिए आजकल ऐसी ड्रेसेस ट्रैंड में हैं.

3. सूट हो साड़ी बनारसी कपड़ा है परफेक्ट

 

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#weddingblues … love traditional handwoven banarasis .. jump always at the chance to do desi.. comfortable always ❤️♥️?? @warp_n_weft

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साड़ियों की बात करें तो लोगों की जुबान पर केवल बनारसी साड़ी का नाम आता है, लेकिन आजकल बनारसी सूट भी डिमांड में हैं. सिंपल डार्क ब्लू प्लाजो के साथ ग्रे कुर्ते के कौम्बिनेशन में रवीना का लुक स्टाइलिश के साथ-साथ ट्रेंडी भी है. आप इसे सगाई या साड़ी में सिंपल ज्वैलरी के साथ ट्राय कर सकती हैं.

4. साड़ी है औल टाइम परफेक्ट औप्शन

 

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When I get confused between long earrings or smaller ? Outfit : @raw_mango , bracelet @laramorakhia Jewellery : @motifsbysurabhididwania

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अगर आप किसी पार्टी में या फिर कहीं गैदरिंग में जाने की सोच रही हैं तो सिंपल साड़ी के साथ स्टाइलिश ब्लाउज ट्राय कर सकती हैं. आप ओकेशन के हिसाब से सिल्वर ज्वैलरी के साथ साड़ी को रवीना की तरह ट्राय कर सकती हैं.

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बता दें, इन दिनों नच बलिए के सीजन 6 में रवीना जज के रूप में नजर आ रही हैं, जिसमें वे जोड़ियों के डांस और कैमिस्ट्री को जज करती दिखाई दे रही हैं.

Mother’s Day 2020: lockdown के दौरान ऐसे करें मां के साथ सेलिब्रेट

हमारे जीवन का वह  व्यक्ति जो हमेशा हमारी देखभाल करता है, चाहे हम कितने भी करीब या दूर हों, जो जानता है कि हम उस समय क्या चाहते हैं, हमारी मां के अलावा कोई नहीं है.माँ  वह है जो हमारी देखभाल करना, हमारी जरूरतों, माँगों, नखरे को पूरा करना और हमारे जीवन को बेहतर बनाना कभी नहीं भूलती.

लेकिन क्या आपने कभी अपनी माँ को उसकी निस्वार्थ सेवा के लिए धन्यवाद दिया है? यदि हाँ, तो यह बहुत अच्छी बात है और यदि नहीं, तो आपको अपनी गलतियों को ठीक  करने का विशेष अवसर मिला है ‘Mother’s Day’ के रूप में. आखिरकार, आपकी माँ आपके अस्तित्व का कारण है और वह आपके सभी प्यार, सम्मान और ध्यान की हकदार है.

जी हाँ दोस्तों, ‘Mother’s Day’ बस आने ही वाला है. हर साल, हम अपनी माओं के साथ मई के दूसरे रविवार  को ‘Mother’s Day’ सेलिब्रेट करते है.इस साल ‘Mother’s Day’ 10 मई को है.

हालांकि, इस साल, यह थोड़ा अलग होगा क्योंकि आप में से कई कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण लॉकडाउन में फंस गए हैं.बाहर जाने की बहुत कम या कोई गुंजाइश नहीं होने से,हम अपने घर नहीं जा सकते हैं.हममे से बहुत कम वो खुशनसीब है जो lockdown से पहले ही अपने घर चले गए .

पर कोई बात नहीं दोस्तों ,भले ही हम लॉकडाउन में हो ,भले ही हमारे आस-पास की चीजें समान न  हो , लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है की हम  अपनी माँ के साथ ‘Mother’s Day’ सेलिब्रेट नहीं कर सकते.

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भले ही हम उनके  पास हो या न हो, हम घर से ही हम अपनी माँ के लिए इस दिन को ख़ास बना सकते है. आखिरकार माँ और बच्चे के बीच की सबसे मज़बूत डोर ‘एहसास’ ही तो है.

तो चलिए जानते है की हम घर से ही इस दिन को अपनी माँ के लिए कैसे ख़ास बना सकते है-

1- वर्चुअल मदर्स डे पार्टी का आयोजन करें

यदि सही तरीके से प्लानिंग की  जाए तो एक वर्चुअल  पार्टी भी  मज़ेदार हो सकती है. वर्चुअल पार्टी में शामिल होने के लिए आप अपने सभी भाई-बहनों और परिवार के सदस्यों के साथ समन्वय कर सकते हैं। आप अपनी माँ का पसंदीदा गीत भी अपनी माँ को dedicate कर के सुना सकते है. आप और आपके भाई-बहन कुछ यादगार किस्से भी साझा कर सकते हैं, जो आपकी माँ के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं। वर्चुअल पार्टी के दौरान ,अंताछरी खेलना भी एक अच्छा विचार है. स्काइप, ज़ूम और व्हाट्सएप जैसे कई वीडियो कॉलिंग ऐप आपके इस  दिन को यादगार बनाने में मदद कर सकते हैं.

2- अपने हाथों से अपनी माँ के लिए एक प्यारा सा लैटर लिखें

इस दुनिया में कुछ भी हाथों से लिखे गए शब्दों के जादू की जगह नहीं ले सकता. व्हाट्सएप messages , फेसबुक स्टिकर और टिकटॉक वीडियो के समय में, अपने हाथों से लिखे गए लैटर का  अपना ही आकर्षण है.इसकी जगह कोई नहीं ले सकता .

अपनी माँ के लिए अपने हाथों से  एक छोटा सा पत्र लिख कर उसके निस्वार्थ भाव के लिए धन्यवाद दें और उनको यह विश्वास दिलाएं की चाहे कुछ भी हो जाये आप हमेशा उनके साथ हो.

इतने वर्षों से आपकी माँ ने आपके लिए जो कुछ भी किया है उसने लिए अपनी माँ के प्रति अपना आभार व्यक्त करना वास्तव में दिल को छू लेने वाला हो सकता है. और यकीन मानिये ये आपकी  माँ को बहुत अच्छा लगेगा.

3- बेक-ए-केक

‘Mother’s Day’ बिना कुछ मीठा पूरा नहीं होगा.लॉकडाउन के इस समय में,जब सारी बेकरी और रेस्टोरेंट बन्द है तो  ‘Mother’s Day’ के लिए केक मिलना  थोड़ा मुश्किल होगा. तो क्यूँ न इस ‘Mother’s Day’ अपनी माँ के लिए अपने हाथों से केक bake किया जाये.यकीन मानिये ये करने से आपको बहुत satisfaction मिलेगा.

दोस्तों मैंने अपने पहले आर्टिकल में घर पर ही बिना ओवन,बिना माइक्रोवेव के केक बनाना बताया था अगर आप चाहे तो आप search कर सकते हैं.

4- एक वर्चुअल डांस क्लास  में भाग लें

विशेष रूप से लॉकडाउन के लिए कई गतिविधियां ऑनलाइन होस्ट की जाती हैं. कोई भी इन कक्षाओं में अपना और अपनी माओं  का आसानी से पंजीकरण कर सकता है और डांस  या music सीखने के लिए एक मजेदार समय का आनंद ले सकता है.

5- ऑनलाइन गिफ्ट कार्ड भेजें

अगर आप इस ‘Mother’s Day’ अपनी माँ से दूर हैं तो कोई बात नहीं ,आप अपनी माँ को एक ऑनलाइन गिफ्ट कार्ड भेजकर अपनी feeling उनके लिए express कर सकते हैं. आप इसमें अपनी माँ की कोई भी पुरानी  या नयी तस्वीर डाल  सकते हैं और इसके साथ विशेष नोट्स और संदेश भी जोड़ सकते  है.यकीन मानिये यह ,इस मदर्स डे को आपकी माँ  के लिए यादगार बना सकते हैं.

6- एक Video Collage बनाएं

ये तो आप जानते ही हैं की आपका बचपन और उसकी यादे आपकी माँ के लिए कितनी अनमोल है.अगर आपने कभी गौर किया हो तो जब भी आपकी माँ आपके बचपन की बाते करती है तो उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक होती है .

आप अपने बचपन और अपनी माँ की कुछ सबसे प्यारी तस्वीरों को खोजने के लिए थोड़ा होमवर्क करें और उनका   पसंदीदा  गीत(जो वो बचपन में आपके लिए गाया करती थी ) के साथ एक वीडियो कोलाज बनाएं .यकीन मानिये उनके चेहरे की चमक फिर से वापस आ जाएगी.

7-पूरा दिन साथ में बिताये

दोस्तों जिस माँ ने आपके लिए अपनी पूरी ज़िन्दगी खर्च कर दी है  क्या उस उस माँ के लिए हम एक दिन भी नहीं निकाल सकते .दोस्तों अपने आपसे एक वादा करिए की यह पूरा एक दिन आपकी माँ के नाम होगा. अपनी माँ को यह बताने के लिए कि आप पूरी दुनिया में उससे सबसे ज्यादा प्यार करते हैं और अपने आपको खुशकिस्मत मानते है की वो आपकी माँ है.

 मै तुझे क्या दूं ऐ माँ ,तेरे होने से ही तो मेरी ज़िन्दगी है

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Mother’s Day 2020: ‘मां’ बहुत याद आती हो तुम

‘मां’ कितना प्यारा शब्द है न. इस छोटे से शब्द में मेरी पूरी दुनिया समाई हुई है.आज न जाने क्यूँ मुझे अपना पूरा बचपन जीने का मन कर रहा है.आज न जाने क्यूँ तेरी गोद में सिर रखकर रोने को मन कर रहा है .आज न जाने क्यूँ तेरे आँचल में छिप जाने को मन कर रहा है.

मां काश मै महसूस कर पाती  तुम्हारी वो ख़ुशी जब तुमने मुझे अपने अन्दर पहली बार महसूस किया था. मां काश मैं देख पाती  तुम्हारे चेहरे की वो ख़ुशी जब तुमने मुझे पहली बार अपनी गोद में लिया था.

कितनी नींद खराब की है न मैंने तुम्हारी. वह रात-रात भर तुम्हारा जगना और मुझे अपनी गोद में लेकर लोरी सुनाना और फिर  सुबह-सुबह उठना, जैसे तुम्हारा सारा वक्त बस मेरा ही होकर रह गया था.

मां तुमने मेरा हाथ पकड़ के कदम से कदम मिलाकर चलना सिखाया और मुझे लगा था कि मैं अपने आप ही चलने लगी  हूं.

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मुझे क्या चाहिए हमेशा मुझसे पहले तुम्हें पता चल जाता था. तुम कैसे मेरी मन की बात को बिना कहे जान जाती  थी ? चोट तो मुझे लगती थी पर दर्द तुमको मुझसे ज्यादा होता था.

इंजेक्शन तो मुझे लगता  था पर आंसू तुम्हारे आँखों से निकलते थे. खुद मेरा स्कूल में एडमिशन करवाया तुमने पर पहले ही दिन मुझको खुद से दूर भेजने के ख्याल से तुम रो पड़ी थी और फिर मैंने तुम्हे कितना समझाया था की ‘तुम रो मत मां मै जल्दी आ जाउंगी ‘.

मेरी सैतानियों पर तुम्हारी वो डांट  जिसमें प्यार असली होता था और गुस्सा बिल्कुल नकली.जब मै कोई शरारत करके छिप जाती थी तब तुम मुझसे दुनिया का सबसे प्यारा झूठ  बोलती थी ‘आ जाओ मेरे पास, मै मारूंगी  नहीं’.

जब मैं किसी बुरे सपने से डरकर तुम्हारे आँचल में छिप जाती थी तब मैंने ये कभी नहीं सोचा था की कभी तुम्हें भी डरा हुआ देखूंगी मै.जब मैं हाई फीवर में तप रही थी तब डर के मारे तुम्हारी हाथ पैर ठंडे पड़ गए थे.मुझे सिर्फ बुखार ही तो था मां!  पर तुमने तो न जाने कितनी मन्नते मांग डाली मेरे लिए. बोर्ड एग्जाम में मेरे अच्छे नंबर से पास  होने की खुशी में तो तुम नाच उठी थी मां.

पर थोड़ी बड़ी होने पर जाने-अनजाने मेरी एक अपनी एक अलग सी  दुनिया बनने लगी थी ……तुमसे दूर…….

मुझे ऐसा लगने लगा था कि तुम मुझे समझ नहीं पाती .डांटना, झगड़ना, लड़ना, मनाना जैसे लगा ही रहता था. नए –नए  दोस्तों के साथ मेरी  नई-नई मस्ती मजाक वाली यादें बनती गई, पर इन सबके बीच में मै अपनी पुरानी दोस्त को कब भूल गई मुझे पता ही नहीं चला. मै अपनी नयी दुनिया में इतनी खो सी गयी कि मै तुम्हारा अकेलापन देख ही नहीं पायी .

ना कभी तुम्हारी फिक्र समझ पाई और ना कभी तुम्हारी खामोशी सुन पाई.तुमने मुझे क्या कुछ नहीं दिया ‘मां ‘.लाइफ के हर मोड़ पर मेरा साथ दिया, मेरा ख्याल रखा………

मां जिस आजादी के लिए मैं तुमसे  सारी उम्र लडती  रही , वो सारी आजादी आज मेरे पास है, फिर भी ना जाने क्यों मेरे दिल की हर धड़कन आज बहुत उदास है .

मै कहती थी न ‘मैं वही करूंगी  जो मेरा जी करेगा’. आज मैं वही करती हूं जो मेरा जी करता है .ऐसा नहीं है मां की मुझे कोई रोकने वाला नहीं है . बात तो सिर्फ इतनी है मां कि जब मै  सुबह देर से उठती हूँ , तो मुझे कोई टोकने वाला नहीं है.

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पर पता नहीं आज मुझे यह सारी बातें अचानक कैसे याद आ रही हैं. जैसे एक ही पल में सब समझ आ गया हो. हो सकता है ये इसलिए हो की शायद अब मै भी एक ‘मां’ हूँ.

मां तुम मुझे बहुत याद आती हो.

I love you ‘मां’

एक मुद्दत से मेरी मां नहीं सोई,मैंने इक बार कहा था मुझे डर लगता है

Mother’s Day 2020: मां मां होती है

Mother’s Day 2020: 46 की उम्र में भी इतनी फैशनेबल हैं मंदिरा बेदी, यंग हिरोइनो को देती हैं मात

स्पोर्ट्स के साथ-साथ टीवी और फिल्मों में अपनी पहचान बनाने वाली मंदिरा बेदी इन दिनों अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के साथ मालदीव में वेकेशन मना रही हैं, जिसकी फोटोज वह सोशल मीडिया पर लगातार शेयर कर रही हैं. मंदिरा 46 साल की उम्र में फिट रहती है. वहीं उनके फैशन के बात करें तो जिस तरह उनकी फिटनेस लोगों को इंस्पायर करता है उतना ही लोगों को उनका फैशन बहुत अच्छा लगता है. मंदिरा के अगर वेस्टर्न से लेकर इंडियन फैशन की बात करें तो दोनों में वे बेहद खूबसूरत लगती हैं. आज हम उनके 46 साल की उम्र में भी कैसे ट्रेंडी फैशन रखें इसके बारे में बात आपको बताएंगे…

1. लाइट साड़ी है पार्टी परफेक्ट

अगर आप किसी शादी या पार्टी में कुछ सिंपल ट्राय करना चाहती हैं तो मंदिरा बेदी की ये साड़ी परफेक्ट औप्शन है. सिंपल स्किन कलर के साथ औफ स्लीव ब्लाउज आपके लुक को क्लासी और फैशनेबल बनाएगा.

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2. कड़ाईदार सूट है शादियों के लिए परफेक्ट औप्शन

अगर आप किसी शादी या पार्टी में सूट ट्राय करना चाहती हैं तो आप मंदिरा बेदी का ये मेहंदी कलर सूट ट्राय कर सकती हैं. ये आपके लिए शादी में जाने के लिए परफेक्ट लुक होगा. अगर आप इस हैवी सूट के साथ सिंपल पटयाला पजामा और जूती ट्राय करें तो ये आपके लुक को सिंपल और खुबसूरत लुक देगा.

3. लौंग स्कर्ट और रेड टौप है पार्टी परफेक्ट

अगर आप किसी पार्टी या शादी में जा रही हैं और कुछ नया ट्राय करना चाहती हैं तो ये लुक आपके लिए परफेक्ट रहेगा. सिंपल प्लेन औफ शोल्डर टौप के साथ चेक लौंग सकर्ट आपके लुक को सिंपल रखेगा. साथ ही ड्रैस के साथ हैवी गोल्डन इयरिंग्स आपके लुक को सिंपल रखेगा.

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बता दें, एक्ट्रेस मंदिरा बेदी बौलीवुड की हिट फिल्म दिल वाली दुल्हनियां जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं. साथ ही काफी टीवी शो होस्ट और कईं रोल भी अदा कर चुकी हैं. वहीं खेल के मैदान में कौमेंट्री भी करती हुईं नजर आ चुकी है.

Mother’s Day 2020: Snacks खाने की भूख को मिटाएं कुछ ऐसे

लॉक डाउन के चलते सभी लोग घरों में कैद है, ऐसे में चाहे अनचाहे भी लोग टीवी स्क्रीन को देखते हुए, काम करते हुए या कोई गेम खेलते हुए कुछ न कुछ स्नैकिंग करते रहते है. ये देखने में तो सिंपल लगता है, पर कम एक्सरसाइज और बार-बार मंचिंग व्यक्ति को कई शारीरिक समस्या में डाल सकती है. मसलन मोटापा, मधुमेह, एसिडिटी, अपच आदि.

इस समय घर पर रहते हुए  हेल्दी स्नैकिंग करने की जरुरत है, ताकि शरीर स्वस्थ रहे और किसी प्रकार की बीमारी न हो. इस बारें में मुंबई की न्यूट्रिशनिस्ट माधुरी रुइया कहती है कि गलत मंचिंग से शारीरिक कई समस्याएं होती है, ऐसे में नट्स सबसे अधिक लाभदायक होता है, जिससे शारीरक समस्या तो आयेगी नहीं, साथ ही स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा. इसमें खासकर बादाम की गुणवत्ता सबसे अधिक है, क्योंकि इसमें विटामिन, खनिज, प्रोटीन और फाइबर भरे हुए होते है. नियमित इसका सेवन सभी के लिए उपयोगी होता है. इसके फायदे निम्न है,

बादाम वजन को घटाने में सबसे अधिक कारगर होती है, अगर आपको एक जगह बैठकर काफी समय तक काम करना है तो एक मुट्ठी बादाम अपने पास रखे, इससे मेन मील के बीच में भूख भी नहीं लगेगी और किसी प्रकार की जंक फ़ूड खाने से भी बच सकते है.

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बादाम स्किन को मुलायम और जवां बनाती है, खासकर जिसकी स्किन रुखी हो और सूर्य की किरणों से बचाना हो, तो बादाम स्किन की खोयी नमी और पोषण को बनाये रखने में कारगर होती है, किसी प्रकार की मोयास्चराइजर स्किन को बाहरी प्रोटेक्शन दे सकती है, पर बादाम अंदर से स्किन को निखारती है और स्किन की ग्लो को भी बढ़ाती है,

बादाम हेल्दी स्नैक होने के साथ-साथ आसानी से मिलता भी है, साथ ही पोषण से भरपूर होने की वजह से कभी भी खाया जा सकता है, ये शरीर के सारे विटामिन्स और मिनरल्स में संतुलन बनाये रखती है, इसे अधिक टेस्टी बनाने के लिए रोस्ट करने के साथ-साथ किसी भी डिश में मिलाया भी किया जा सकता है,

ये टाइप 2 डायबिटीस को मेनेज करने में सक्षम होती है, इसे रोज व्यक्ति अपने डेली डाइट में शामिल कर सकता है,ये ब्लड शुगर के प्रभाव को कम करती है और इन्सुलिन के स्तर को बनाये रखती है,इससे डायबिटीस की बीमारी को बहुत हद तक मेन्टेन किया जा सकता है,

आज की जीवनशैली भागदौड़ वाली हो चुकी है, कम समय में लोग बहुत सारी चीजे पा लेना चाहते है, ऐसे में स्ट्रेस सबकी जिंदगी में बहुत बढ़ चुकी है, जिसका असर शरीर पर बहुत अधिक पड़ने लगता है, घर पर रहकर आजकल लोग बहुत अधिक तनावग्रस्त हो रहे है, ऐसे में सही डाइट और नियमित एक्सरसाइज ही आपको हेल्दी रख सकती है. बादाम, टोटल और एल डी एल कोलेस्ट्रोल को कम करती है ,जिससे हार्ट डेमेज होने से बचता है,

ये जानकर ख़ुशी होगी कि आलमंड में 15 पोषक तत्व होते है, मसलन विटामिन इ, मैग्नीशियम, प्रोटीन, राइबोफ्लेविन जिंक आदि ये केवल स्फूर्ति को ही नहीं बढाते, बल्कि मसल्स मास के ग्रोथ को भी बनाए रखती है.

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बादाम में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करती है,इसलिए हड्डी की बीमारी ओस्टियोपोरोसिस होने के कम चांसेस होते है, इसके अलावा इससे दांत भी मजबूत रहते है,

आलमंड में फाइबर की मात्रा अधिक होने से पाचन क्रिया ठीक रहती है, जिससे कोलोन कैंसर का खतरा कम हो जाता है,

स्मरण शक्ति को मजबूत बनाने के लिए भी बादाम अधिक उपयोगी होता है, इसे नियमित डाइट में लेना सभी के लिए जरुरी है, अल्जाईमर के मरीज भी इसका सेवन कर सकते है.

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