मेरे पति को शादी से पहले अबौर्शन के बारे में नहीं पता, मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

मेरे विवाह को ढाई साल हुए हैं और मैं चाहते हुए भी  प्रैंगनैंट नहीं हो पा रही हूं. विवाह से ढाई साल पहले मैं ने गर्भपात कराया था. अब मुझे डाक्टर के पास चैकअप के लिए जाने में यह डर लगता है कि कहीं विवाह से पहले कराए गए गर्भपात की बात मेरे पति के सामने न खुल जाए. कृपया सलाह दें कि ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

अगर आप और आप के पति संतान के इच्छुक हैं, तो अच्छा होगा कि आप दोनों किसी फर्टिलिटी स्पैशलिस्ट से जल्दी राय लें और अपनी जांच तथा इलाज कराएं. अब और इंतजार करते रहने से लाभ नहीं. जहां तक आप के अतीत का सवाल है, तो यह बात आप अब भी छिपा सकती  हैं. जब तक आप खुद इस बारे में कोई जानकारी नहीं देंगी तब तक डाक्टर के लिए यह अनुमान लगा पाना संभव नहीं कि आप ने पहले गर्भपात कराया है. हां, क्लीनिकल हिस्टरी लेते वक्त वे आप से इस बाबत सवाल जरूर पूछेंगी. आप उस समय अगर चाहें तो इस का उत्तर न में दे सकती हैं. यद्यपि यह सच है कि डाक्टर से हिस्टरी छिपाना ठीक नहीं होता, लेकिन हालात को देखते हुए यही उचित होगा कि आप अतीत की घटनाओं के बारे में चुप ही रहें. यह बात ठीक से समझ लें कि प्रैगनैंट न होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. विकार पतिपत्नी में से किसी में भी हो सकता है. समस्या से उबरने के लिए धैर्य और हिम्मत रखने के साथसाथ डाक्टर पर भी विश्वास जरूरी है. बहुत से दंपती बारबार डाक्टर बदलते हैं. यह कतई ठीक नहीं है. ऐसा करने पर समस्या का समाधान नहीं निकल पाता.

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कई अध्ययनों में यह साफ हो गया है कि जैसेजैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती जाती है क्रोमोसोम में खराबी आने से असामान्य अंडों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. परिणामस्वरूप गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है, साथ ही अबौर्शन होने का खतरा भी बढ़ जाता है.

कुछ महिलाओं के अंडों की गुणवत्ता 20 या 30 साल में ही खराब हो जाती है तो कुछ की 43 साल की उम्र तक भी बरकरार रहती है. एक औसत महिला की अंडों की गुणवत्ता उम्र बढ़ने के साथ कम हो जाती है.

40 की उम्र में अबौर्शन कितना सुरक्षित: 40 तक आतेआते परिवार पूरी तरह सैटल हो जाता है और बच्चे भी बड़े हो जाते हैं. तब गर्भवती होने की खबर एक शौक के समान हो सकती है. ऐसे में अबौर्शन का निर्णय लेना जरूरी लेकिन कठिन हो जाता है. यह सही निर्णय होता है, पर आसान नहीं. 30 से 35 की उम्र में अबौर्शन कराने की तुलना में 40 पार के लोगों के लिए यह अधिक रिस्की होता है.

बढ़ते अबौर्शन के मामले

स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि मातृत्व में देरी न करें, क्योंकि 30 की उम्र पार करने के बाद फर्टिलिटी कम हो जाती है. बहुत सारी महिलाएं यह मानने लगी हैं कि गर्भनिरोधक उपायों की अनदेखी करना सुरक्षित है, इसलिए उन की संख्या बढ़ती जा रही है जो 40 के बाद अबौर्शन कराती है. आईवीएफ के बढ़ते चलन ने भी इस धारणा को मजबूत किया है कि उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं की प्रजनन क्षमता तेजी से कम होती है. 30 के बाद प्रजनन क्षमता कम हो जाती है, लेकिन इतनी कम भी नहीं हो जाती कि आप गर्भनिरोधक उपायों को नजरअंदाज कर दें.

मैं जिस लड़की से प्यार करता हूं, वह रिश्ते में मेरी भतीजी लगती है

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सवाल

मैं 28 वर्षीय युवक हूं. एक लड़की से 2 साल से प्यार करता हूं. वह भी मुझे चाहती है. हम दोनों शादी करना चाहते हैं. लड़की के घर वालों को एतराज नहीं है, परंतु मेरे घर वाले इस शादी का विरोध कर रहे हैं. कारण लड़की दूर के रिश्ते में मेरी भतीजी लगती है. क्या हम दोनों का विवाह संभव नहीं है? यदि है तो मैं अपने घर वालों को कैसे मनाऊं?

जवाब

लड़की से चूंकि आप की दूर की रिश्तेदारी है, इसलिए यह आप के रिश्ते में आड़े नहीं आएगी. खासकर तब जब लड़की वालों को इस रिश्ते से कोई एतराज नहीं है. आप को अपने घर वालों पर दबाव बनाना होगा. यदि आप की बात वे नहीं सुन रहे तो किसी सगेसंबंधी या पारिवारिक मित्र से मदद ले सकते हैं. वे उन्हें समझा सकते हैं कि इतनी दूर की रिश्तेदारी माने नहीं रखती. यदि लड़की आप के लिए उपयुक्त जीवनसंगिनी है और विवाह के लिए गंभीर है, तो घर वाले देरसवेर मान ही जाएंगे. लड़की के घर वाले भी उन्हें मना सकते हैं.

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‘‘बाबूजी…’’

‘‘क्या बात है सुभाष?’’

‘‘दिनेश उस दलित लड़की से शादी कर रहा है,’’ सुभाष ने धीरे से कहा.

‘‘क्या कहा, दिनेश उसी दलित लड़की से शादी कर रहा है…’’ पिता भवानीराम गुस्से से आगबबूला हो उठे.

वे आगे बोले, ‘‘हमारे समाज में क्या लड़कियों की कमी है, जो वह एक दलित लड़की से शादी करने पर तुला है? अब मेरी समझ में आया कि उसे नौकरी वाली लड़की क्यों चाहिए थी.’’

‘‘यह भी सुना है कि वह दलित परिवार बहुत पैसे वाला है,’’ सुभाष ने जब यह बात कही, तब भवानीराम कुछ सोच कर बोले, ‘‘पैसे वाला हुआ तो क्या हुआ? क्या दिनेश उस के पैसे से शादी कर रहा है? कौन है वह लड़की?’’

‘‘उसी के स्कूल की कोई सरिता है?’’ सुभाष ने जवाब दिया.

‘‘देखो सुभाष, तुम अपने छोटे भाई दिनेश को समझाओ.’’

‘‘बाबूजी, मैं तो समझा चुका हूं, मगर वह तो उसी के साथ शादी करने का मन बना चुका है,’’ सुभाष ने जब यह बात कही, तब भवानीराम सोच में पड़ गए. वे दिनेश को शादी करने से कैसे रोकें? चूंकि उन के लिए यह जाति की लड़ाई है और इस लड़ाई में उन का अहं आड़े आ रहा है.

भवानीराम पिछड़े तबके के हैं और दिनेश जिस लड़की से शादी करने जा रहा है, वह दलित है, फिर चाहे वह कितनी ही अमीर क्यों न हो, मगर ऊंचनीच की यह दीवार अब भी समाज में है. सरकार द्वारा भले ही यह दीवार खत्म हो चुकी है, मगर फिर भी लोगों के दिलों में यह दीवार बनी हुई है.

दिनेश भवानीराम का छोटा बेटा है. वह सरकारी स्कूल में टीचर है. जब से उस की नौकरी लगी है, तब से उस के लिए लड़की की तलाश जारी थी. उस के लिए कई लड़कियां देखीं, मगर वह हर लड़की को खारिज करता रहा.

बौयफ्रेंड का परिवार उसकी शादी कहीं और करना चाहता है, मैं क्या करूं?

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सवाल

मैं 24 साल की अनाथ हिंदू लड़की हूं और स्टेज शो करती हूं, मैं तलाकशुदा हूं. 30 साल के मुसलिम लड़के के साथ मैं डेढ़ साल से सेक्स कर रही हूं. मैं पेट से भी हुई, पर बच्चा अपने आप गिर गया. लड़के के घर वाले उस की कहीं और शादी करना चाहते हैं, पर वह नहीं चाहता. मैं क्या करूं?

जवाब

अगर वह लड़का कहीं और शादी नहीं करना चाहता, तो फिर दिक्कत क्या है? जब वह आप के साथ डेढ़ साल से सो रहा है, तो अब तक उसे आप से शादी कर लेनी चाहिए थी. आप अपने प्रेमी को जल्दी से जल्दी शादी करने के लिए कहें. अगर वह आनाकानी करे, तो समझ जाएं कि वह आप का फायदा उठा रहा था, तब उसे पूरी तरह छोड़ दें.

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वर्जिनिटी या कौमार्य के बारे में क्या आप को सही जानकारी है

वर्जिनिटी (कौमार्य) को व्यक्ति के संभोग से जोड़कर देखा जाता है. माना जाता है कि जिस व्यक्ति ने पहले कभी भी सेक्स नहीं किया हैं वह वर्जिन है. इस विषय को लेकर लोगों में कई तरह की बातें प्रचलित है. किसी के साथ सेक्स करना और वर्जिनिटी को खोना, दो अलग-अलग बातें हैं, जिस पर विशेषज्ञ कई तर्क रखते हैं. कई लोगों का मानना है कि महिला के साथ योनि सेक्स करने से वर्जिनिटी खो जाती है, जबकि कई बार योनि सेक्स न करके भी कई अन्य यौन गतिविधि (ओरल सेक्स व एनल सेक्स) करने से भी वर्जिनिटी खो जाती है.

एक महिला में वर्जिनिटी पूरी तरह से हाइमन के सही होने या न होने पर निर्भर करती है. विशेषज्ञों का कहना है कि वर्जिनिटी को हाइमन से जोड़कर देखना बेहद ही गलत है, क्योंकि इसके खोने की कई अन्य वजह भी होती हैं.

हाइमन झिल्ली क्या है?                 

हाइमन योनि मुख के पास ऊतकों से बनी एक पतली झिल्ली होती है. हाइमन के बारे में लोग मानते हैं कि योनि जब तक पूरी तरह से नहीं खुलती तब तक हाइमन (योनिद्वार) सुरक्षित रहती है. वहीं योनि के खुलते ही हाइमन झिल्ली टूट जाती है. वैसे देखा जाए तो हाइमन में प्राकृतिक रूप से इतना बड़ा छिद्र होता है, जिससे माहवारी के दौरान आपको कोई परेशानी नहीं होती है. इसके अलावा आप टैम्पोन भी आसानी से इस्तेमाल कर सकती हैं.

कुछ महिलाएं जन्म से ही बहुत ही छोटे हाइमन ऊतकों के साथ पैदा होती हैं, जिसे पहली नजर में देखने पर यह लगता है कि उनकी योनि में हाइमन की झिल्ली मौजूद नहीं है, जबकि कुछ दुर्लभ मामलों में हाइमन की झिल्ली महिलाओं की योनि को पूरी तरह से आवरण में लिए होती है, इन मामलों में डॉक्टरों की मदद से इसके अतिरिक्त ऊतकों को हटा दिया जाता है.

सामान्यतः पहली बार सेक्स करने के दौरान हाइमन की झिल्ली पर दबाव व खिंचाव पड़ता है. जिससे हाइमन के टूटने पर योनि में दर्द के साथ ही खून भी निकलता है, लेकिन ऐसा हर महिला के साथ हो, यह जरूरी नहीं है. हाइमन की झिल्ली के टूटने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं. साइकिल चलाने, दौड़ने व घुड़सवारी से भी कई बार हाइमन की झिल्ली टूट जाती है. एक बार महिलाओं की हाइमन की झिल्ली टूट जाए तो यह प्राकृतिक रूप में दोबारा विकसित नहीं हो पाती है.

वर्जिनिटी टेस्ट कैसे होता है

वर्जिनिटी या कौमार्य को जांचने के लिए जो परीक्षण किया जाता है उसमें हाइमन (योनिद्वार की झिल्ली) की मौजूदा स्थिति को ही जांचा जाता है. इस परीक्षण (Test/ टेस्ट) में यह माना जाता है कि हाइमन संभोग के बाद ही टूट या फट सकती है. इस टेस्ट को दो उंगलियों का परीक्षण (Two fingers Test) भी कहा जाता है. बताया जाता है इस तरह के टेस्ट को करने की प्रक्रिया की खोज सन 1898 में की गई थी. इस तरह की जांच के परिणामों की सटिकता न होने के कारण यह टेस्ट आज भी विवादस्पद विषय बना हुआ है. कई देशों ने इस परीक्षण को मानवीय कानूनों का उल्लघंन मानते हुए अवैध करार दिया है.

कई देशों में दो अंगुलियों के टेस्ट से ही किसी रेप पीड़िता की भी जांच की जाती है. इसमें अंदर प्रवेश करने वाली अंगुलियों के आधार पर डॉक्टर अपने विचार देता है और बताता है कि महिला के साथ किसी तरह की घटना हुई है या नहीं. एक रिपोर्ट में इस बात को बताया गया है कि महिला के योनिद्वार के लचीला होने का संबंध किसी भी तरह से बलात्कार से नहीं होता है. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में दो अंगुलियों से किए जाने वाले टेस्ट को भी न करने की सलाह दी गई है.

क्या हाइमन झिल्ली का सही होना ही आपकी वर्जिनिटी को बताता है?

इस विषय पर लंबे समय से बहस चल रही है, जबकि साइंस और चिकित्सा जगत इस बारे में अपने अलग ही तर्क समाज के सामने प्रस्तुत करते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि जिन महिलाओं की योनि में हाइमन झिल्ली टूटी हुई होती है, वह वर्जिन यानि की कौमार्य नहीं हैं. वहीं हाइमन से जुड़े कुछ मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि यह महिलाओं में जन्म से ही अधिक खुली हुई होती है, जबकि कई खेलों में हिस्सा लेने के दौरान भी हाइमन झिल्ली टूट जाती है, ऐसे में हाइमन को किसी महिला की वर्जिनिटी से जोड़ कर देखना बेहद गलत है.

हाइमन को ठीक करने की सर्जरी

हाइमन यानि योनिद्वार पर बनी ऊतकों की झिल्ली सेक्स या अन्य कारण से भी फट सकती है. कई बार तो कुछ महिलाओं के योनिद्वार पर इस प्रकार की झिल्ली होती ही नहीं हैं, ऐसे में उन महिलाओं के लिए अपनी वर्जिनिटी को साबित करने में मुश्किल हो सकती हैं. लेकिन लोगों में वर्जिनिटी टेस्ट के बढ़ते चलन के कारण हाइमन को ठीक करने वाली सर्जरी की शुरुआत हो चुकी है. हाइम्नोप्लास्टी (Hymenoplasty) नाम की यह सर्जरी किसी भी कॉस्मेटिक सर्जन से करवाई जा सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बेहद कम साइड इफेक्ट होते हैं और इस सर्जरी के बाद महिलाओं की हाइमन दोबारा पहले की तरह ही हो जाती है.

वर्जिनिटी (कौमार्य) खोने की सही उम्र क्या है?

किसी के साथ सेक्स करने का फैसला आपका अपना निजी निर्णय होता है, आप कब और किसके साथ अपनी वर्जिनिटी को खोते हैं इसका लोगों से कोई लेना देना नहीं है. किसी भी उम्र में आप पहली बार सेक्स कर सकते हैं. कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में वर्जिनिटी को खोने की उम्र दुनिया के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले अधिक है. माना जाता है कि भारत में इसकी औसत आयु 19.8 हैं, जबकि दुनिया भर में पहली बार सेक्स कर वर्जिनिटी को खोने वालों की औसत आयु 17.8 है.

वर्जिनिटी को खोने की उम्र आपके प्यार भरे संबंधों के आधार पर भी निर्भर करती है. यदि कोई व्यक्ति या आपका कोई दोस्त अपनी वर्जिनिटी खो चुका है, तो इसका यह मतलब बिलकुल नहीं हैं कि पहली बार सेक्स करने के लिए आप भी तैयार हैं. अगर आप केवल सेक्स करने के नजरीये से अपनी वर्जिनिटी को खोना चाहते हैं, तो यह जरूरी नहीं कि इसमें आपको अच्छा ही महसूस हो. इससे बेहतर यह होगा कि आप पहले खुद को सेक्स के लिए तैयार कर लें, इसके बाद ही इस क्रिया को करें.

इसके साथ ही आपको सेक्स करने से पूर्व इससे होने वाले यौन संक्रमणों, एसटीडी (यौन संचारित रोग) व उनसे बचावों के बारे में जानकारी लेना बेहद ही जरूरी होता है.

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एड्स और सैक्सुअल लाइफ से जुड़े खतरों के बारे में बताएं?

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सवाल

हम पतिपत्नी दोनों को मुखमैथुन करने में बहुत आनंद आता है. इस के अलावा हम अपने कुछ पारिवारिक मित्रों के साथ सामूहिक सैक्स भी करते हैं. यह क्रम काफी समय से चला आ रहा है. मैं ने सुना है कि एक से अधिक पुरुषों के साथ सैक्स संबंध बनाने से एड्स होने का खतरा होता है. क्या यह सच है? और मुखमैथुन से कोई स्वास्थ्य संबंधी हानि तो नहीं होती?

जवाब

1 से अधिक पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध रखना यौन रोग को तब आमंत्रण देगा जब उन में से किसी एक को यौन रोग होगा. असुरक्षित यौन संबंधों से एड्स जैसी भयावह बीमारी की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता. पर यदि सब नियमित जांच करा रहे हैं, तो कुछ न होगा. सामूहिक सैक्स से भले ही अभी आप लोग आनंदित हो रहे हों पर हां, भविष्य में आप का यह शौक मानसिक रूप से आप को भारी पड़ सकता है. अत: समझदारी से काम लें. जहां तक मुखमैथुन की बात है, यदि आप यौनांगों की स्वच्छता के प्रति जागरूक हैं, तो इस से स्वास्थ्य संबंधी कोई हानि नहीं होगी.

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टीबी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है जो हवा के जरिये एक इंसान से दूसरे में फैलती है और इसका बैक्टीरिया शरीर के जिस भी हिस्से में फैलता वहां के टिश्यू को पूरी तरह नष्ट कर देता है. समय पर इलाज कराने से बैक्टीरिया को फैलने से रोका जा सकता है और टीबी से बचा जा सकता है. एचआईवी पॉजिटिव लोगों में बार-बार टीबी होने की संभावना अधिक होती है. एड्स रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण उनका शरीर टीबी के बैक्टीरिया के वार को नहीं सह पाता है, जिस कारण वो टीबी से ग्रसित हो जाते हैं.

टीबी मायकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया से होता है. यह बैक्टीरिया हवा के द्वारा श्वासनली में प्रवेश करता है. टीबी के फैलने के कई अन्य कारण भी हैं जैसे कि छिंकना, खांसना, खुले में थूकना. आम तौर पर यह बीमारी फेफड़ों से शुरू होती है. यह बैक्टीरिया फेफड़ों के टिश्यू को नष्ट कर देता है. सही वक्त पर इलाज कराने से टीबी से निजात पाया जा सकता है.

एचआईवी पॉजिटिव लोगों के लिए टीबी ज्यादा खतरनाक है. अगर किसी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को एक बार टीबी हो जाता है, तो ठीक होने के बाद भी बार बार टीबी होने का खतरा रहता है.

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कई बार लगता है कि मेरे पति का किसी और के साथ संबंध है…

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सवाल-

मैं 31 वर्षीय वर्किंग वूमन हूं. पति भी वर्किंग हैं. हमारी शिफ्ट ड्यूटी की वजह से हमारे बीच ठीक से बातचीत नहीं हो पाती है. यह हमारे झगड़े का कारण बन गया है. अब तो हालत यह हो गई है कि लीव वाले दिन भी हम बात नहीं करते. हमारे बीच प्यार खत्म सा हो गया है. कई बार मुझे यह भी लगता है कि मेरे पति का किसी और के साथ अफेयर है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

पतिपत्नी के रिश्ते में कभी प्यार तो कभी तकरार होना स्वाभाविक है. आप की लाइफ इतनी बिजी हो गई है कि आप अपने परिवार के साथ ज्यादा टाइम नहीं बिना पाते. पतिपत्नी के रिश्ते को मजबूत करने के लिए एकदूसरे को समय दें. एकदूसरे की रिस्पैक्ट करना बहुत जरूरी है. जो भी बात आप को परेशान कर रही हो उसे अपने पार्टनर से शेयर करें और फिर साथ मिल कर उस का समाधान निकालें. फिर भी समाधान न निकल पाए तो काउंसलर या कपल थेरैपिस्ट की मदद लें.

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कहते हैं इंसान के विचार समुद्र की लहरों की तरह हरदम मचलने को तैयार रहते हैं, वहीं उस की भावनाओं की कोई थाह नहीं होती और यही भावनाएं हमें अपनों से जोड़े रखती हैं. भावनात्मक रिश्ता सीधा दिल से जा कर जुड़ता है. जरूरी नहीं कि भावनात्मक रिश्ता सिर्फ अपनों से ही जोड़ा जाए बल्कि यह कभी भी किसी के भी साथ जुड़ सकता है.

कई भावनात्मक रिश्ते ऐसे होते हैं, जिन का कोई नाम नहीं होता. इन में एकदूसरे के प्रति प्रेम, अपनेपन का भाव होता तो है लेकिन जरूरी नहीं कि इन के बीच शारीरिक आकर्षण भी हो. इसे हम दिल का रिश्ता कहते हैं. इस में उम्र का कोई बंधन नहीं होता है.

पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के 24 वर्षीय बेटे बिलावल भुट्टो और पाकिस्तान की 35 वर्षीय विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के बीच कुछ ऐसा ही रिश्ता देखने को मिला, जिस में उम्र का कोई बंधन नहीं दिखा.

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मैंने परिवार को बिना बताए शादी कर ली है, जिसके कारण मैं परेशान हूं…

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सवाल

मैं एक युवक से 1 साल 4 महीने से प्यार करती हूं. 2 महीने बात करने के बाद मैंने 6 अप्रैल, 2014 को उस से शादी कर ली. यह बात हम दोनों के परिवार वाले नहीं जानते. हम ने कोर्टमैरिज नहीं की. मैं अपना घर छोड़ कर 5 महीने से दिल्ली में जौब करके अकेली रहती हूं. वह युवक आर्मी में है और मुझ से बात करता रहता है. मैं अब 2 माह से गर्भवती हूं. मैं अकेली क्या करूं? वह अप्रैल में मेरे पास आया था. ऐसे में मैं अपने घर भी नहीं जा सकती.

जवाब

आप अपने परिवार वालों से बात करें. अपनी वास्तविकता से उन्हें अवगत करवाना जरूरी है. आप अपने पति से कहें कि वे अपने परिवार वालों से बात करें. आप दोनों की शादी हुई है, इस का आप के पास कानूनी सुबूत क्या है? आप जिस स्थिति में हैं इस में आप को भावनात्मक रूप से पति की, परिवार वालों की खास जरूरत है. आप अपने पति से खुल कर बात करें कि वे कब आएंगे? उन की अनुपस्थिति में आप स्थिति संभाल पाएं इस के लिए उन्हें विशेष प्रबंध करना होगा. ये सब आप जितनी जल्दी करें, उतना ही बेहतर होगा.

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जिंदगी के प्रति आप के नजरिए को बदल देती है प्रैगनैंसी

गर्भावस्था महिलाओं के लिए वह समय होता है जब वे शिशु की सुरक्षा के लिए अपने खानेपीने और स्वास्थ्य का हर संभव ध्यान रखती हैं. गर्भवती महिलाएं हमेशा खुश रहने और अपना ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखने की कोशिश करती हैं.

कुछ महिलाओं के लिए गर्भावस्था तकलीफदेह हो सकती है जैसे उन्हें मौर्निंग सिकनैस, पैरों में सूजन, चक्कर और मितली आना आदि परेशानियां हो सकती हैं. मगर आमतौर पर गर्भावस्था हमेशा महिलाओं में सकारात्मक बदलाव ले कर आती है. इस से उन के शरीर और दिमाग दोनों में संपूर्ण रूप से सकारात्मक बदलाव आते हैं.

शरीर पर गर्भावस्था के सकारात्मक प्रभाव

– गर्भावस्था का अर्थ है कम मासिकस्राव, जिस से ऐस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरौन हारमोन का संपर्क सीमित हो जाता है. ये हारमोंस स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं, क्योंकि ये कोशिकाओं की वृद्धि को प्रेरित करते हैं और महिलाओं के स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं. साथ ही गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान ब्रैस्ट सैल्स में जिस तरह के बदलाव होते हैं, वे उन्हें कैंसर कोशिकाओं में बदलने के प्रति अधिक प्रतिरोधक बना देते हैं.

– गर्भावस्था के दौरान पेल्विक क्षेत्र में रक्तसंचार बढ़ जाता है, प्रसव और डिलिवरी से गुजरने के बाद महिलाओं को खुद में एक नई ताकत महसूस होती है.

दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव

– बच्चा होने से औटोइम्यून डिसऔर्डस जैसे मल्टीपल स्केल्रोसिस के होने का खतरा कम हो जाता है.

– गर्भावस्था सकारात्मक व्यवहार ले कर आती है और महिला को मजबूत बनाती है. इस से जीवन में आने वाले बदलावों से लड़ने में आसानी हो जाती है, साथ ही नकारात्मक सोच व चिंता से भी बचाव होता है.

शिशु के जन्म के बाद सकारात्मक प्रभाव

– अधिकांश महिलाओं ने पाया है कि पहले बच्चे के जन्म के बाद उन की मासिकस्राव से जुड़ी तकलीफें काफी कम हो गई हैं.

– प्रसव के बाद अधिकांश महिलाओं के स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आते हैं और वे शराब, धूम्रपान जैसी बुरी लतें छोड़ देती हैं.

– एक मां अपने आसपास खुशियों का खजाना देख कर खुशी और उत्साह से भर जाती है. जब भी मां अपने बच्चे को गोद में लेती या उसे स्तनपान कराती है तो औक्सीटोसिन हारमोन इस गहरे रिश्ते को जोड़ने में अहम भूमिका निभाता है. यह बहुत ही ताकतवर होता है, जिस की वजह से कोई भी कुछ घंटों के लिए और कई बार कुछ दिनों के लिए भी चिंता को भूल सकता है.

– शिशु के जन्म के बाद त्वचा चमकदार और बाल चमकीले हो जाते हैं, साथ ही कीलमुंहासों की समस्या से भी मुक्ति मिल जाती है.

 

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सेक्सुअल प्रौब्लम के कारण मेरी मैरिड लाइफ बर्बाद हो रही है, मैं क्या करूं?

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सवाल

मैं 22 साल का हूं. फोरप्ले के बाद बीवी के ऊपर लेट कर हमबिस्तरी करने पर भी महज 30 सैकंड में मैं पस्त हो जाता हूं. इस नाकामी पर बीवी के ताने सुन कर खुदकुशी करने का मन करता है. मैं क्या करूं?

जवाब

तजरबे की कमी के चलते ऐसा हो रहा होगा. आप एक बार मामला निबटने के बाद फिर से कोशिश करें, तो दूसरी पारी ज्यादा देर तक टिकेगी और धीरेधीरे आप का हौसला बढ़ जाएगा. अगर फिर भी 30 सैकंड में इजाफा न हो, तो किसी माहिर डाक्टर से इलाज कराएं. नीमहकीमों से कतई न मिलें.

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मेरठ का 30 वर्षीय मनोहर अपने वैवाहिक जीवन से खुश नहीं था, कारण शारीरिक अस्वस्थता उस के यौन संबंध में आड़े आ रही थी. एक वर्ष पहले ही उस की शादी हुई थी. वह पीठ और पैर के जोड़ों के दर्द की वजह से संसर्ग के समय पत्नी के साथ सुखद संबंध बनाने में असहज हो जाता था. सैक्स को ले कर उस के मन में कई तरह की भ्रांतियां थीं.

दूसरी तरफ उस की 24 वर्षीय पत्नी उसे सैक्स के मामले में कमजोर समझ रही थी, क्योंकि वह उस सुखद एहसास को महसूस नहीं कर पाती थी जिस की उस ने कल्पना की थी. उन दोनों ने अलगअलग तरीके से अपनी समस्याएं सुलझाने की कोशिश की. वे दोस्तों की सलाह पर सैक्सोलौजिस्ट के पास गए. उस ने उन से तमाम तरह की पूछताछ के बाद समुचित सलाह दी.

क्या आप जानते हैं कि सैक्स का संबंध जितना दैहिक आकर्षण, दिली तमन्ना, परिवेश और भावनात्मक प्रवाह से है, उतना ही यह विज्ञान से भी जुड़ा हुआ है. हर किसी के मन में उठने वाले कुछ सामान्य सवाल हैं कि किसी पुरुष को पहली नजर में अपने जीवनसाथी के सुंदर चेहरे के अलावा और क्या अच्छा लगता है? रिश्ते को तरोताजा और एकदूसरे के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए क्या तौरतरीके अपनाने चाहिए?

सैक्स जीवन को बेहतर बनाने और रिश्ते में प्यार कायम रखने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है? रिश्ते में प्रगाढ़ता कैसे आएगी? हमें कोई बहुत अच्छा क्यों लगने लगता है? किसी की धूर्तता या दीवानगी के पीछे सैक्स की कामुकता के बदलाव का राज क्या है? खुश रहने के लिए कितना सैक्स जरूरी है? सैक्स में फ्लर्ट किस हद तक किया जाना चाहिए?

इन सवालों के अलावा सब से चिंताजनक सवाल अंग के साइज और शीघ्र स्खलन की समस्या को ले कर भी होता है. इन सारे सवालों के पीछे वैज्ञानिक तथ्य छिपा है, जबकि सामान्य पुरुष उन से अनजान बने रह कर भावनात्मक स्तर पर कमजोर बन जाता है या फिर आत्मविश्वास खो बैठता है.

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शादी से पहले मैं फिजिकल रिलेशनशिप के बारे में जानना चाहता हूं?

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सवाल

मैं 23 साल का हूं. कुछ ही महीने में मेरी शादी होने वाली है. मैं जानना चाहता हूं कि फोरप्ले क्या होता है?

जवाब

सेक्स करने से पहले बीवी को जोश में लाने की कोशिश ही फोरप्ले कहलाता है. इस के तहत बीवी के होंठों, उभारों व खास अंगों को चूमा जाता है. यही काम बीवी भी कर सकती है, पति को जोश में लाने के लिए. इस से बाद में सैक्स करने से और भी ज्यादा मजा आता है.

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सैक्स से पहले छेड़छाड़ है बेहद जरूरी

प्रिया का कहना है कि उस का पति जिस्मानी रिश्ता बनाते समय बिलकुल भी छेड़छाड़ नहीं करता और न ही प्यार भरी बातें करता है. उसे तो बस अपनी तसल्ली से मतलब होता है. जब तन की आग बुझ जाती है, तो निढाल हो कर चुपचाप सो जाता है. वह बिन पानी की मछली की तरह तड़पती ही रह जाती है.

कुछ इसी तरह राजेंद्र का कहना है, ‘‘जिस्मानी रिश्ता कायम करते वक्त मेरी पत्नी बिलकुल सुस्त पड़ जाती है. वह न तो इनकार करती है और न ही प्यार में पूरी तरह हिस्सेदार बनती है. न ही छेड़छाड़ होती है और न ही रूठनामनाना. नतीजतन, सैक्स में कोई मजा ही नहीं आता.’’

इसी तरह सरिता की भी शिकायत है कि उस का पति उस के कहने पर जिस्मानी रिश्ता तो कायम करता है, पर वह सुख नहीं दे पाता, जो चरम सीमा पर पहुंचाता हो. हालांकि वह अपनी मंजिल पर पहुंच जाता है, फिर भी सरिता को ऐसा लगता है, मानो वह अपनी मंजिल पर पहुंच कर भी नहीं पहुंची. सैक्स के दौरान वह इतनी जल्दबाजी करता है, मानो कोई ट्रेन पकड़नी हो. उसे यह भी खयाल नहीं रहता कि सोते समय और भी कई राहों से गुजरना पड़ता है. मसलन छेड़छाड़, चुंबन, सहलाना वगैरह. नतीजतन, सरिता सुख भोग कर भी प्यासी ही रह जाती है.

मनोज की हालत तो सब से अलग  है. उस का कहना है, ‘‘मेरी पत्नी इतनी शरमीली है कि जिस्मानी रिश्ता ही नहीं बनाने देती. अगर मैं उस के संग जबरदस्ती करता हूं, तो वह नाराज हो जाती है. छेड़छाड़ करता हूं, तो तुनक जाती?है, मानो मैं कोई पराया मर्द हूं. समझाने पर वह कहती है कि अभी नहीं, इस के लिए तो सारी जिंदगी पड़ी हुई है.’’

इसी तरह और भी अनगिनत पतिपत्नी हैं, जो एकदूसरे की दिली चाहत को बिलकुल नहीं समझते और न ही समझने की कोशिश करते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि शादीशुदा जिंदगी कच्चे धागे की तरह होती है. इस में जरा सी खरोंच लग जाए, तो वह पलभर में टूट सकती है.

पतिपत्नी में छेड़छाड़ तो बहुत जरूरी है, इस के बिना तो जिंदगी में कोई रस ही नहीं, इसलिए यह जरूरी है कि पति की छेड़छाड़ का जवाब पत्नी पूरे जोश से दे और पत्नी की छेड़छाड़ का जवाब पति भी दोगुने मजे से दे. इस से जिंदगी में हमेशा नएपन का एहसास होता है.

अगर जिस्मानी रिश्ता कायम करने के दौरान या किसी दूसरे समय पर भी पति अपनी पत्नी को सहलाए और उस के जवाब में पत्नी पूरे जोश के साथ प्यार से पति के गालों को चूमते हुए अपने दांत गड़ा दे, तो उस मजे की कोई सीमा नहीं होती. पति तुरंत सैक्स सुख के सागर में डूबनेउतराने लगता है.

इसी तरह पत्नी भी अगर जिस्मानी रिश्ता कायम करने से पहले या उस दौरान पति से छेड़छाड़ करते हुए उस के अंगों को सहला दे, तो कुदरती बात है कि पति जोश से भर उठेगा और उस के जोश की सीमा भी बढ़ जाएगी.

कभीकभी यह सवाल भी उठता है कि क्या जिस्मानी रिश्ता सिर्फ सैक्स सुख के लिए कायम किया जाता है? क्या दिमागी सुकून से उस का कोई लेनादेना नहीं होता? क्या जिस्मानी रिश्ते के दौरान छेड़छाड़ करना जरूरी है? क्या छेड़छाड़ सैक्स सुख में बढ़ोतरी करती है? क्या छेड़छाड़ से पतिपत्नी को सच्चा सुख मिलता है?

इसी तरह और भी कई सवाल हैं, जो पतिपत्नी को बेचैन किए रहते हैं. जवाब यह है कि जिस्मानी रिश्तों के दौरान छेड़छाड़ व कुछ रोमांटिक बातें बहुत जरूरी हैं. इस के बिना तो सैक्स सुख का मजा बिलकुल अधूरा है. जिस्मानी रिश्ता सिर्फ सैक्स सुख के लिए ही नहीं, बल्कि दिमागी सुकून के लिए भी किया जाता है.

कुछ पति ऐसे होते हैं, जो पत्नी की मरजी की बिलकुल भी परवाह नहीं करते, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. पत्नी की चाहत का भी पूरा खयाल रखना चाहिए, नहीं तो आप की पत्नी जिंदगीभर तड़पती ही रह जाएगी.

कुछ औरतें बिलकुल ही सुस्त होती हैं. वे पति को अपना जिस्म सौंप कर फर्ज अदायगी कर लेती हैं. उन्हें यह भी एहसास नहीं होता कि इस तरह वे अपने पति को अपने से दूर कर रही हैं.

कुछ पति जिस्मानी रिश्ता तो कायम करते हैं और जल्दबाजी में अपनी मंजिल पर पहुंच भी जाते हैं, परंतु उन्हें इतना भी पता नहीं होता कि इस के पहले भी और कई काम होते हैं, जो उन के मजे को कई गुना बढ़ा सकते हैं.

कुछ औरतें शरमीली होती हैं. वे जिस्मानी रिश्तों से दूर तो होती ही हैं, छेड़छाड़ को भी बुरा मानती हैं.

अब आप ही बताइए कि ऐसे हालात में क्या पत्नी पति से और पति पत्नी से खुश रह सकता है?

नहीं न… तो फिर ऐसे हालात ही क्यों पैदा किए जाएं, जिन से पतिपत्नी एकदूसरे से नाखुश रहें?

इसलिए प्यार के सुनहरे पलों को छेड़छाड़, हंसीखुशी व रोमांटिक बातों में बिताइए, ताकि आने वाला कल आप के लिए और ज्यादा मजेदार बन जाए.

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अबौर्शन के कारण मेरी मैरिड लाइफ में प्रौब्लम हो रही है, मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

मैं 35 वर्षीय विवाहिता हूं. मेरी 13 साल की बेटी है. 2 बार गर्भपात से भी गुजर चुकी हूं. मेरी वैजाइना बिलकुल ढीली हो गई है. इस वजह से मेरे पति और मुझे सैक्स के समय संतुष्टि नहीं मिलती. कोई ऐसा इलाज बताएं जिस से कि यह पहले जैसी टाइट हो जाए. इंटरनैट पर मैं ने कुछ जैल क्रीम के बारे में पढ़ा था. क्या जैल क्रीम असरदायक होती है? पति औपरेशन के लिए राजी नहीं हैं. बताएं, क्या करूं? 

जवाब-

आप का इशारा शायद ऐस्ट्रोजन युक्त क्रीम और जैली की ओर है. इस की उपयोगिता उन महिलाओं के लिए होती हैं, जो मेनोपौज से गुजर चुकी होती हैं, जिन के शरीर में प्राकृतिक रूप से ऐस्ट्रोजन बनना बंद हो चुका होता है उन की योनि की प्राकृतिक नमी भी खत्म हो चुकी होती है. यह स्थिति 45 से 50 साल की उम्र के बाद ही कुछ महिलाओं में देखने को मिलती है. उस शुष्क हुई योनि की अंदरूनी सतह में कोशिकीय भरणपोषण और तरलता लौटाने में ऐस्ट्रोजन युक्त क्रीम उपयोगी सिद्ध होती है. आप के मामले में जरूरत योनि की ढीली हुई पेशियों में फिर से पहले जैसी चुस्ती लौटाने की है. इस के लिए नियम से श्रोणि पेशियों का व्यायाम करें. यह व्यायाम बिलकुल सरल है. आप इसे लेटे हुए, बैठे हुए या खड़े हुए किसी भी मुद्रा में कर सकती हैं. बस, श्रोणि पेशियों को इस प्रकार सिकोड़ें और भींच कर रखें मानो मूत्रत्याग की क्रिया पर रोक लगा रही हैं. 10 की गिनती तक श्रोणि पेशियों को भींचे रखें और फिर उन्हें ढीला छोड़ दें. अगले 10 सैकंड तक श्रोणि पेशियों को आराम दें. इस के लिए 10 तक गिनती गिनें. यह व्यायाम पहले दिन 10-12 बार दोहराएं. फिर धीरेधीरे बढ़ाते हुए सुबहशाम 20-25 बार करने का नियम बना लें. 2-3 महीनों के भीतर ही आप योनि की पेशियों को फिर से कसा हुआ पाएंगी.

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मेरा बौयफ्रैंड मुझ से 5 साल बड़ा है, क्या इससे फिजिकल रिलेशनशिप पर कोई फर्क पड़ेगा?

सवाल-

मैं 26 साल की हूं और मेरा बौयफ्रैंड मुझ से 5 साल बड़ा है. क्या इस वजह से सैक्स संबंध में कोई परेशानी आ सकती है? मैं उस से सैक्स करना चाहती हूं पर कभीकभी लगता है कि वह मेरा साथ नहीं दे पाता, क्योंकि एक बार जब देर तक फोरप्ले करने के बाद वह अपना पैनिस इंसर्ट करने की कोशिश कर रहा था तो बारबार की कोशिशों के बावजूद वह कामयाब नहीं हो पा रहा था. क्या उसे कोई परेशानी है? कृपया सलाह दें?

जवाब-

आप के पार्टनर की उम्र इतनी भी नहीं है कि वह सैक्स करने में सक्षम नहीं हो. सच तो यह है कि अगर उचित आहार संबंधी निर्देशों का पालन करें और नियमित व्यायाम की आदत डालें तो सैक्स का आनंद लंबी आयु तक किया जा सकता है.

ऐसा आमतौर पर सैक्सुअल इंटरकोर्स की जानकारी के अभाव में होता है. हो सकता है हड़बड़ी में अथवा किसी भय की वजह से वह सैक्स संबंध बनाने में नाकामयाब रहा हो. सैक्स आराम से निबटाने वाली प्रक्रिया है, जिस में दोनों का ही मन शांत हो और वातावरण भी शांत हो.

बेहतर होगा कि सैक्स से पहले आप दोनों फोरप्ले का आनंद लें. जब साथी पूरी तरह सैक्स के लिए तैयार हो जाए तभी पैनिस इंसर्ट करने को कहें. यकीनन, आप दोनों को ही इस में चरमसुख मिलेगा. पर ध्यान रहे, पुरुष साथी से इस दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने को जरूर कहें.

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सैक्स: मजा न बन जाए सजा

पहले प्यार होता है और फिर सैक्स का रूप ले लेता है. फिर धीरेधीरे प्यार सैक्स आधारित हो जाता है, जिस का मजा प्रेमीप्रेमिका दोनों उठाते हैं, लेकिन इस मजे में हुई जरा सी चूक जीवनभर की सजा में तबदील हो सकती है जिस का खमियाजा ज्यादातर प्रेमी के बजाय प्रेमिका को भुगतना पड़ता है भले ही वह सामाजिक स्तर पर हो या शारीरिक परेशानियों के रूप में. यह प्यार का मजा सजा न बन जाए इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखें.

सैक्स से पहले हिदायतें

बिना कंडोम न उठाएं सैक्स का मजा

एकदूसरे के प्यार में दीवाने हो कर उसे संपूर्ण रूप से पाने की इच्छा सिर्फ युवकों में ही नहीं बल्कि युवतियों में भी होती है. अपनी इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए वे सैक्स तक करने को तैयार हो जाते हैं, लेकिन जोश में होश न खोएं. अगर आप अपने पार्टनर के साथ प्लान कर के सैक्स कर रहे हैं तो कंडोम का इस्तेमाल करना न भूलें. इस से आप सैक्स का बिना डर मजा उठा पाएंगे. यहां तक कि आप इस के इस्तेमाल से सैक्सुअल ट्रांसमिटिड डिसीजिज से भी बच पाएंगे.

अब नहीं चलेगा बहाना

अधिकांश युवकों की यह शिकायत होती है कि संबंध बनाने के दौरान कंडोम फट जाता है या फिर कई बार फिसलता भी है, जिस से वे चाह कर भी इस सेफ्टी टौय का इस्तेमाल नहीं कर पाते. वैसे तो यह निर्भर करता है कंडोम की क्वालिटी पर लेकिन इस के बावजूद कंडोम की ऐक्स्ट्रा सिक्योरिटी के लिए सैक्स टौय बनाने वाली स्वीडन की कंपनी लेलो ने हेक्स ब्रैंड नाम से एक कंडोम बनाया है जिस की खासीयत यह है कि सैक्स के दौरान पड़ने वाले दबाव का इस पर असर नहीं होता और अगर छेद हो भी तो उस की एक परत ही नष्ट होती है बाकी पर कोई असर नहीं पड़ता. जल्द ही कंपनी इसे मार्केट में उतारेगी.

ऐक्स्ट्रा केयर डबल मजा

आप के मन में विचार आ रहा होगा कि इस में डबल मजा कैसे उठाया जा सकता है तो आप को बता दें कि यहां डबल मजा का मतलब डबल प्रोटैक्शन से है, जिस में एक कदम आप का पार्टनर बढ़ाए वहीं दूसरा कदम आप यानी जहां आप का पार्टनर संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करे वहीं आप गर्भनिरोधक गोलियों का. इस से अगर कंडोम फट भी जाएगा तब भी गर्भनिरोधक गोलियां आप को प्रैग्नैंट होने के खतरे से बचाएंगी, जिस से आप सैक्स का सुखद आनंद उठा पाएंगी.

कई बार ऐसी सिचुऐशन भी आती है कि दोनों एकदूसरे पर कंट्रोल नहीं कर पाते और बिना कोई सावधानी बरते एकदूसरे को भोगना शुरू कर देते हैं लेकिन जब होश आता है तब उन के होश उड़ जाते हैं. अगर आप के साथ भी कभी ऐसा हो जाए तो आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा लें लेकिन साथ ही डाक्टरी परामर्श भी लें, ताकि इस का आप की सेहत पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े.

पुलआउट मैथड

पुलआउट मैथड को विदड्रौल मैथड के नाम से भी जाना जाता है. इस प्रक्रिया में योनि के बाहर लिंग निकाल कर वीर्यपात किया जाता है, जिस से प्रैग्नैंसी का खतरा नहीं रहता. लेकिन इसे ट्राई करने के लिए आप के अंदर सैल्फ कंट्रोल और खुद पर विश्वास होना जरूरी है.

सैक्स के बजाय करें फोरप्ले

फोरप्ले में एकदूसरे के कामुक अंगों से छेड़छाड़ कर के उन्हें उत्तेजित किया जाता है. इस में एकदूसरे के अंगों को सहलाना, उन्हें प्यार करना, किसिंग आदि आते हैं. लेकिन इस में लिंग का योनि में प्रवेश नहीं कराया जाता. सिर्फ होता है तन से तन का स्पर्श, मदहोश करने वाली बातें जिन में आप को मजा भी मिल जाता है, ऐंजौय भी काफी देर तक करते हैं.

अवौइड करें ओरल सैक्स

ओरल सैक्स नाम से जितना आसान सा लगता है वहीं इस के परिणाम काफी भयंकर होते हैं, क्योंकि इस में यौन क्रिया के दौरान गुप्तांगों से निकलने वाले फ्लूयड के संपर्क में व्यक्ति ज्यादा आता है, जिस से दांतों को नुकसान पहुंचने के साथसाथ एचआईवी का भी खतरा रहता है.

यदि इन खतरों को जानने के बावजूद आप इसे ट्राई करते हैं तो युवक कंडोम और युवतियां डेम का इस्तेमाल करें जो छोटा व पतला स्क्वेयर शेप में रबड़ या प्लास्टिक का बना होता है जो वैजाइना और मुंह के बीच दीवार की भूमिका अदा करता है जिस से सैक्सुअल ट्रांसमिटिड डिजीजिज का खतरा नहीं रहता.

पौर्न साइट्स को न करें कौपी

युवाओं में सैक्स को जानने की इच्छा प्रबल होती है, जिस के लिए वे पौर्न साइट्स को देख कर अपनी जिज्ञासा शांत करते हैं. ऐसे में पौर्न साइट्स देख कर उन के मन में उठ रहे सवाल तो शांत हो जाते हैं लेकिन मन में यह बात बैठ जाती है कि जब भी मौका मिला तब पार्टनर के साथ इन स्टैप्स को जरूर ट्राई करेंगे, जिस के चक्कर में कई बार भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि पौर्न साइट्स पर बहुत से ऐसे स्टैप्स भी दिखाए जाते हैं जिन्हें असल जिंदगी में ट्राई करना संभव नहीं लेकिन इन्हें देख कर ट्राई करने की कोशिश में हर्ट हो जाते हैं. इसलिए जिस बारे में जानकारी हो उसे ही ट्राई करें वरना ऐंजौय करने के बजाय परेशानियों से दोचार होना पड़ेगा.

सस्ते के चक्कर में न करें जगह से समझौता

सैक्स करने की बेताबी में ऐसी जगह का चयन न करें कि बाद में आप को लेने के देने पड़ जाएं. ऐसे किसी होटल में शरण न लें जहां इस संबंध में पहले भी कई बार पुलिस के छापे पड़ चुके हों. भले ही ऐसे होटल्स आप को सस्ते में मिल जाएंगे लेकिन वहां आप की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती.

हो सकता है कि रूम में पहले से ही कैमरे फिट हों और आप को ब्लैकमैल करने के उद्देश्य से आप के उन अंतरंग पलों को कैमरे में कैद कर लिया जाए. फिर उसी की आड़ में आप को ब्लैकमेल किया जा सकता है. इसलिए सावधानी बरतें.

अलकोहल, न बाबा न

कई बार पार्टनर के जबरदस्ती कहने पर कि यार बहुत मजा आएगा अगर दोनों वाइन पी कर रिलेशन बनाएंगे और आप पार्टनर के इतने प्यार से कहने पर झट से मान भी जाती हैं. लेकिन इस में मजा कम खतरा ज्यादा है, क्योंकि एक तो आप होश में नहीं होतीं और दूसरा पार्टनर इस की आड़ में आप के साथ चीटिंग भी कर सकता है. हो सकता है ऐसे में वह वीडियो क्लिपिंग बना ले और बाद में आप को दिखा कर ब्लैकमेल या आप का शोषण करे.

न दिखाएं अपना फोटोमेनिया

भले ही पार्टनर आप पर कितना ही जोर क्यों न डाले कि इन पलों को कैमरे में कैद कर लेते हैं ताकि बाद में इन पलों को देख कर और रोमांस जता सकें, लेकिन आप इस के लिए राजी न हों, क्योंकि आप की एक ‘हां’ आप की जिंदगी बरबाद कर सकती है.

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सैक्स के बाद के खतरे

ब्लैकमेलिंग का डर

अधिकांश युवकों का इंट्रस्ट युवतियों से ज्यादा उन से संबंध बनाने में होता है और संबंध बनाने के बाद उन्हें पहचानने से भी इनकार कर देते हैं. कई बार तो ब्लैकमेलिंग तक करते हैं. ऐसे में आप उस की ऐसी नाजायज मांगें न मानें.

बीमारियों से घिरने का डर

ऐंजौयमैंट के लिए आप ने रिलेशन तो बना लिया, लेकिन आप उस के बाद के खतरों से अनजान रहते हैं. आप को जान कर हैरानी होगी कि 1981 से पहले यूनाइटेड स्टेट्स में जहां 6 लाख से ज्यादा लोग ऐड्स से प्रभावित थे वहीं 9 लाख अमेरिकन्स एचआईवी से. यह रिपोर्ट शादी से पहले सैक्स के खतरों को दर्शाती है.

मैरिज टूटने का रिस्क भी

हो सकता है कि आप ने जिस के साथ सैक्स रिलेशन बनाया हो, किसी मजबूरी के कारण अब आप उस से शादी न कर पा रही हों और जहां आप की अब मैरिज फिक्स हुई है, आप के मन में यही डर होगा कि कहीं उसे पता लग गया तो मेरी शादी टूट जाएगी. मन में पछतावा भी रहेगा और आप इसी बोझ के साथ अपनी जिंदगी गुजारने को विवश हो जाएंगी.

डिप्रैशन का शिकार

सैक्स के बाद पार्टनर से जो इमोशनल अटैचमैंट हो जाता है उसे आप चाह कर भी खत्म नहीं कर पातीं. ऐसी स्थिति में अगर आप का पार्टनर से बे्रकअप हो गया फिर तो आप खुद को अकेला महसूस करने के कारण डिप्रैशन का शिकार हो जाएंगी, जिस से बाहर निकलना इतना आसान नहीं होगा.

कहीं प्रैग्नैंट न हो जाएं

आप अगर प्रैग्नैंट हो गईं फिर तो आप कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगी. इसलिए जरूरी है कोई भी ऐसावैसा कदम उठाने से पहले एक बार सोचने की, क्योंकि एक गलत कदम आप का भविष्य खराब कर सकता है. ऐसे में आप बदनामी के डर से आत्महत्या जैसा कदम उठाने में भी देर नहीं करेंगी.

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