नसबंदी कराने से मैरिज लाइफ पर कोई असर तो नहीं होगा?

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सवाल-

मैं 29 वर्षीय और 2 बच्चों की मां हूं. हम आगे बच्चा नहीं चाहते और इस के लिए मेरे पति स्वयं पुरुष नसबंदी कराना चाहते हैं. कृपया बताएं कि इस से वैवाहिक जीवन पर कोई असर तो नहीं होगा?

जवाब-

आज जबकि सरकारें पुरुष नसबंदी को प्रोत्साहन दे रही हैं, आप के पति का इस के लिए स्वयं पहल करना काफी सुखद है. आमतौर पर पुरुष नसबंदी को ले कर समाज में अफवाहें ज्यादा हैं. आप को यह जान कर आश्चर्य होगा कि भारत में पुरुष नसबंदी कराने वालों का प्रतिशत काफी निराशाजनक है.

दरअसल, पुरुष नसबंदी अथवा वासेक्टोमी पुरुषों के लिए सर्जरी द्वारा परिवार नियोजन की एक प्रक्रिया है. इस क्रिया से पुरुषों की शुक्रवाहक नलिका अवरुद्ध यानी बंद कर दी जाती है ताकि शुक्राणु वीर्य (स्पर्म) के साथ पुरुष अंग तक नहीं पहुंच सकें.

यह बेहद ही आसान व कम खर्च में संपन्न होने वाली सर्जरी है, जिस में सर्जरी के 2-3 दिनों बाद ही पुरुष सामान्य कामकाज कर सकता है. सरकारी अस्पतालों में तो यह सर्जरी मुफ्त की जाती है. अपने मन से किसी भी तरह का भय निकाल दें और पति के इस निर्णय का स्वागत करें.

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मर्दानगी शब्द भारतीय पुरुषों के लिए शान की बात होती है. वे सब कुछ खो सकते हैं परंतु अपनी मर्दानगी को नहीं. अपनी पत्नी का सहयोग करने से उन की इस तथाकथित मर्दानगी को बट्टा लग जाता है तथा पत्नी पर रोब गांठने से उन की मर्दानगी में चारचांद लगते हैं.

वे प्यार में अपनी जान देने तक की बात तो कर सकते हैं, परंतु पत्नी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्वयं नसबंदी करवाने के बारे में सोच भी नहीं सकते जबकि चिकित्सा विज्ञान आज इतनी तरक्की कर चुका है कि दर्दरहित यह प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में समाप्त हो जाती है.

इस के बावजूद हजार में से कोई 1 पुरुष ही है जो नसबंदी के लिए सहमत होता है और वह भी चोरीछिपे, रिश्तेदारों एवं समाज को बताए बिना. जबकि महिला नसबंदी खुले में शिविर लगा कर की जाती है. सरकार भी महिला नसबंदी का ही ज्यादा प्रचार करवाती है. नसबंदी करवाने के लिए महिलाओं को रुपए भी मिलते हैं.

ग्रामीण संस्था ‘आशा’ भी महिलाओं को ही नसबंदी के फायदे एवं नुकसान की जानकारी देती है. कुछ गांवों में तो टारगेट पूरा करने के लिए ट्रकों में भरभर कर महिलाओं को शिविरों में लाया जाता है. ये पैसों के लालच में यहां आ तो जाती हैं परंतु उचित देखभाल न होने के कारण कई बार हादसे का भी शिकार हो जाती हैं.

हमारे देश की यह विडंबना है कि परिवार नियोजन का सारा दारोमदार महिलाओं पर ही छोड़ दिया गया है. महिलाएं भी पुरुषों को कंडोम इस्तेमाल करने के लिए नहीं कह सकती हैं परंतु स्वयं बिना सोचेसमझे इस्तेमाल करने से नहीं हिचकतीं. बचपन से त्याग और कर्तव्य पालन की घुट्टी जो कूटकूट कर पिलाई जाती है उन्हें.

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कहींं आपके मैरिड लाइफ में मोबाइल तो नहीं बन रही दीवार ?

वैसे तो इंटरनैट ऐसी तकनीक है, जिस के फायदे गिनने लग जाएं तो समय कम पड़ जाए. लेकिन इस ने आम आदमी की जिंदगी में जो हड़कंप मचा रखा है वह भी कम नहीं है. एक जमाना था जब 4 लोग भी साथ बैठ जाएं तो हल्ला हो जाता था, आज 40 भी बैठ जाएं तो आवाज नहीं निकलती.

इंटरनैट क्रांति ने व्यवस्था को हिला कर रख दिया है. इस का सब से नकारात्मक प्रभाव पतिपत्नी के रिश्तों पर पड़ा है, क्योंकि मोबाइल ने बैडरूम में भी अपनी गहरी पैठ बना ली है. पहले जो समय पतिपत्नी एकदूसरे की बातें सुनने या लड़ाईझगड़े में बिताते थे, आज उस समय को मोबाइल खा रहा है. जहां दूर के लोगों के साथ बोलनाबतियाना बहुत अच्छा लगता है, वहीं अपने साथी की बातें कड़वी लगती हैं.

पतिपत्नी के रिश्ते के बीच में किसी का भी आना नुकसानदायक ही होता है. फिर चाहे वह मोबाइल ही क्यों न हो.

बैडरूम का समय पतिपत्नी दोनों का निजी समय होता है. आप दिन भर जो भी करें, जितने भी व्यस्त रहें सिर्फ बैडरूम के अंदर का समय एकदूसरे को देंगे तो भी हालात नियंत्रण में रहेंगे और घर की खुशियां बरकरार रहेंगी.

बैडरूम के अलावा बेहतरीन कफल टाइम बिताने के कुछ तरीके पेश हैं:

1. लेट नाइट ड्राइव:

ज्यादातर पतिपत्नी डिनर के बाद बैड पर जाते ही नैट की दुनिया में खो जाते हैं. कभीकभी नैट को छोड़ पार्टनर के साथ नाइट ड्राइव के बारे में सोचें. कभी आईसक्रीम खाने के बहाने तो कभी खुली हवा में सैर के बहाने.

2. कौफी और हम दोनों:

डिनर के बाद टैरेस या बालकनी में हौट कौफी के साथ रोमांटिक गपशप करें. एकदूसरे से न भी की बातें शेयर करें.

3. आउटिंग:

घर से बाहर जाने के लिए वीकैंड का इंतजार क्यों? कभीकभी वीक डे में जब शाम को औफिस से जल्दी निकलें, तो पहले से ही तय पौइंट पर पार्टनर को बुलाएं और मौल या नजदीकी मार्केट घूमने का मजा लें.

4. सर्फिंग भी शौपिंग भी:

नैट पर अकेले व्यस्त रहने के बजाय पार्टनर के साथ भी कभीकभी शौपिंग साइट्स विजिट करें. यकीन मानिए यह पार्टनर के साथ समय बिताने का बेहतरीन तरीका साबित होगा.

ज्यादातर लोग ऐंजौय करने के लिए अवसरों या सही समय का इंतजार करते रहते हैं जबकि छोटेछोटे पल उन्हें बड़ी खुशियां देने के कितने ही अवसर देते हैं. बस, जरूरत है इन पलों के सही उपयोग करने की

मैं शादीशुदा हूं, लेकिन किसी और लड़के के साथ सैक्स करती हूं…

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सवाल

मैं 31 वर्षीय शादीशुदा युवती व 4 वर्षीय बेटी की मां हूं. मैं एक लड़के से बहुत प्यार करती हूं. वह भी मुझ से बेइंतहा मुहब्बत करता है. मेरे विवाहिता व एक बच्ची की मां होने के बावजूद हम दोनों का प्रेम संबंध काफी घनिष्ठ है. हम ने बेखौफ हो कर शारीरिक संबंध भी बनाए हैं. लेकिन अब अचानक मुझे लगने लगा है कि यह सब अनाचार नहीं करना चाहिए, इसलिए मैं ने उस लड़के से दूरी बना ली है पर वह बारबार फोन करता है. मुझे मिलने के लिए बुलाता है. क्या एक बार मिल लूं? मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

आप शादीशुदा महिला हैं, बावजूद इस के किसी और लड़के से अवैध संबंध रख कर न केवल आप अपना दांपत्य जीवन दांव पर लगा रही थीं, बल्कि उस लड़के को भी गुमराह कर रही थीं. अच्छा है कि समय रहते आप को अपराधबोध हो गया और आप ने अपने कदम पीछे खींच लिए. आप पर न केवल आप के घरपरिवार की अपितु अपनी नन्ही बेटी की परवरिश की जिम्मेदारी है. इसलिए अपने फैसले पर अडिग रहें. अपने प्रेमी से साफसाफ कह दें कि आप उस से नहीं मिलना चाहतीं. वह आप से संपर्क साधने की कोशिश न करें.

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शादी के बाद धोखा देने के क्या होते हैं कारण

धोखा देना इंसान की फितरत है फिर चाहे वह धोखा छोटा हो या फिर बड़ा. अकसर इंसान प्यार में धोखा खाता है और प्यार में ही धोखा देता है. लेकिन आजकल शादी के बाद धोखा देने का एक ट्रेंड सा बन गया है. शादी के बाद लोग धोखा कई कारणों से देते हैं. कई बार ये धोखा जानबूझकर दिया जाता है तो कई बाद बदले लेने के लिए. इतना ही नहीं कई बार शादी के बाद धोखा देने का कारण होता है असंतुष्टि. कई बार तलाक का मुख्‍य कारण धोखा ही होता है. लेकिन ये जानना भी जरूरी है कि शादी के बाद धोखा देना कहां तक सही है, शादी के बाद धोखे की स्थिति को कैसे संभालें. क्या करें जब आपका पार्टनर आपको धोखा दे रहा है.

शादी के बाद धोखा देने के कारण

असंतुष्टि- कई बार पुरूष को अपनी महिला साथी से संभोग के दौरान असंतुष्टि होती है जिसके कारण वह बाहर की और जाने पर विविश हो जाता है और जल्दी ही वह दूसरी महिलाओं के करीब आ जाता है, नतीजन वो चाहे-अनचाहे अपनी महिला साथी को धोखा देने लगता है.

खुलापन- समाज में आ रहे खुलेपन के कारण भी पुरूष अपनी महिला साथी को धोखा देने से नहीं चूकता. दरअसल, समाज में खुलापन आने के कारण लोग खुली मानसिकता के हो गए हैं जिससे उन्हें विवाहेत्तर संबंध बनाने में भी कोई दिक्कत नहीं होती और महिलाएं भी बहुत बोल्ड हो गई हैं. इस कारण भी पुरूष अपनी महिला साथी का धोखा देते हैं.

संभावनाओं के कारण- आजकल विवाहेत्तर संबंध बनने की संभावनाएं अधिक हैं यानी विवाहेत्तर संबंध आसानी से बन जाते हैं. जिससे पुरूष अपनी पत्नी को धोखा देने लगते हैं, यह सोचकर कि उन्हें कुछ पता नहीं चलेगा.

आपसी वार्तालाप ना होना- पुरूष अकसर चाहते हैं कि वो अपनी पत्नी से खूब बातें करें और उनकी पत्नी भी अपनी बातें शेयर करें लेकिन जब आपसी वार्तालाप या संवाद की स्थिति खत्म हो जाती है तो रिश्तों में दरार आने और धोखा देने की संभावना अधिक बढ़ जाती है.

प्रयोगवादी होना- लोग आजकल नए-नए एक्सपेरिमेंट करते हैं. जब कोई पुरूष रिश्तों से उबने लगता है तो वह एक्सपेरिमेंट करने से नहीं चूकता. लेकिन जब पत्नी इसमें सहयोग नहीं देती तो पुरूष धोखा देने लगते हैं.

महिलाओं का शादी के बाद धोखा देने के कारण

अफेयर होना- आमतौर पर महिलाएं शादी के बाद पुरूषों को इसीलिए धोखा देने लगती हैं, क्योंकि उनका शादी से पहले किसी से अफेयर होता है या फिर उनका पहला प्रेमी उन्हें परेशान और ब्लैकमेल करता है जिससे वे धोखा देने पर मजबूर हो जाती हैं.

विश्वास ना होना- इसीलिए कुछ महिलाएं धोखा देने लगती हैंक्योंकि उनका पति उन पर विश्वास नहीं करता या फिर बिना किसी वजह शक करता है.

बोरियत होना- कई बार महिलाएं घर में रहकर या फिर एक ही तरह के रूटीन से बोर हो जाती हैं और अकेले रहते-रहते वे बाहर की और आकर्षित होती हैं. नतीजन कई बार उनके इससे विवाहेत्तर संबंध भी बन जाते हैं.

साथी से विचार ना मिलना- कई बार पति से विचार ना मिलना या फिर हर समय घर के झगड़े के कारण भी महिलाएं बाहर की ओर आकर्षित होती हैं.

इसके अलावा भी बहुत से कारण हैं जिससे महिलाएं और पुरूष शादी के बाद भी अपने साथी को धोखा देने लगती हैं.

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मेरे पति की गर्लफ्रैंड है, क्या मेरा उनके साथ रहना सही है?

सवाल

मेरी शादी को 10 साल हो गए हैं, हमारा एक बेटा भी है. मेरे पति कार्पोरेट फील्ड में है, वह सुबह 10 बजे निकलते हैं और रात में 11 बजे वापस आते हैं. उनके पास हमारे लिए समय ही नहीं रहता. वो कहते हैं कि मैं बहुत थक गया हूं और खाना खाकर सो जाते हैं. फिर सुबह औफिस चले जाते हैं.

एक दिन मेरे बेटे ने उनका फोन ले लिया और गेम देखने लगा, गलती से उसने Whatsapp खोल लिया था. इसके लिए मेरे पति ने बेटे को बहुत डांटा हालांकि अभी वह 4 साल का है, तो वह मैसेज भी नहीं पढ़ सकता, लेकिन फिर भी पति ने बहुत फटकार लगाई. मुझे बुरा लगा मैं अपने बच्चे को कमरे में लेकर चली गई. हालांकि बाद में उन्होंने सौरी बोला.

Romantic couple out together at the ferris wheel in the park

मैं एक दिन सोच रही थी, जो पति मुझसे और बच्चे से इतना प्यार करता था उसमें कुछ दिनों से क्यों बदलाव आ रहे हैं. फिर मैंने सोचा कि काम के प्रेशर की वजह से पति का बिहेव बदलता जा रहा है. अब तो वह हर रविवार को बाहर जाने लगे थे. उन्होंने बताया था कि औफिस के काम की वजह से उन्हें रविवार को छुट्टी नहीं मिल रही है. मैं बहुत ही अकेला महसूस करने लगी थी फिर सोचती थी कि अच्छी लाइफ के लिए पैसे भी जरूरी है, कोई बात नहीं मेरे पति मुझे टाइम नहीं दे रहे हैं, लेकिन उस दिन मेरा शक सच में बदल गया.

जब वो फोन पर किसी लड़की से बात कर रहे थे और उससे ये कह रहे थे कि मुझे फोन मत करना मैं अपने बीवी और बच्चे के साथ हूं, तो मैं सन्न रह गई और मुझे पता चल गया कि मेरे पति को कोई गर्लफ्रेंड है. उस दिन मैं चुप रही, लेकिन दो दिन बाद फिर मैंने उन्हें उस लड़की से बात करते हुए सुन लिया. उस दिन मैंने उनसे कहा, आपके लाइफ में कोई लड़की है, मैं ये सच जानती हूं. वो सरप्राइज हो गए और उन्होंने सफाई देने के लिए न जाने कितने झूठ बोल दिए. हालांकि मैं इन चीजों से थक चुकी थी, मैं कमरे में आकर सो गई. अब मेरे पति और मेरे बीच सिर्फ काम के लिए बात होती है. समझ नहीं आ रहा मैं क्या करूं?

Closeup of an Indian couple sitting down looking scared and worried while on a phone call

जवाब

देखिए आपने बताया कि आपका एक बेटा भी है. कई मामलों में देखा गया है कि बच्चे होने के बाद जब पति का एक्सट्रा मैरिटल अफेयर होता है, तो पत्नियां सिर्फ बच्चे की भविष्य के लिए चुप हो जाती है और पति अपनी मनमानी करता है.

Indian woman in long evening blue dress spinding romantic time together with lover handsome boyfriend europe urban downtown city.

बेहतर है कि पहले आप अपने पति को समझाएं कि हमारा एक बेटा भी है, जब वो बड़ा होगा और उसे अपने पापा की सच्चाई पता चलेगी तो उस पर क्या असर पड़ेगा. आप उन्हें एहसास कराएं कि पहले आपदोनों एकदूसरे से कितना प्यार करते थे. कैसे आपदोनों पहली बार मिले थे. प्यार की बातों से उन्हें रिझाएं. आप मौडर्न ड्रैसेज भी पहनें.  अगर वो फिर पहले की तरह अपना रिश्ता कायम रखने की कोशिश करते हैं और आपसे अपनी गलती की माफी मांगते हैं, तो आप अपने रिश्ते को एक मौका जरूर दें.

लेकिन अगर आपके पति में कोई सुधार नहीं होता है, तो भलाई इसी में है कि आप उनसे अलग हो जाए, रही बात बच्चे को पढ़ाने और खर्च की तो आप खुद इंडिपेंडेंट बनें और बेटा सिर्फ आपका नहीं है, उसके पढ़ाई का खर्च आप अपने पति से भी लें. ऐसे पतियों को सबक जरूर सिखाना चाहिए. जो शादी के बाहर रिश्ते रखते हैं घर में आकर अच्छे पति होने का दिखावा करते हैं.

पतिपत्नी के बीच उम्र में कितना होना चाहिए गैप ?

कहा जाता है कि प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती, किसी भी उम्र में प्यार हो सकता है, वैसे ही शादी की कोई उम्र नहीं होती, किसी भी उम्र में शादी की जा सकती है और पति-पत्नी में अंतर कितना सही है, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि प्यार सबसे पहले होता है, जिसमे मानसिक और शारीरिक अट्रैक्शन शामिल होता है. इसमें आयु का अंतर किसी रिश्ते को कितना प्रभावित करता है, उसे समझ पाना काफी मुश्किल है, क्योंकि आयु के अंतर का असर सिर्फ सेक्स के समय होता है, अगर सेक्स जरुरी नहीं, तो शादी किसी भी आयु में कितने भी फर्क के साथ की जा सकती है और उसका असर रिश्ते की बोन्डिंग पर कभी नहीं पड़ता.

यही वजह है कि क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और अंजलि तेंदुलकर के बीच 6 साल का ऐज गैप है, जिसमे अंजलि 6 साल बड़ी है, प्रियंका चोपड़ा और निक जोनास के बीच 10 साल का एज गैप है, जिसमे प्रियंका निक से 10 साल बड़ी है. जबकि दिलीप कुमार और सायरा बानो के बीच 22 साल का एज गैप रहा और उनकी जोड़ी हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री की मिसाल रही. धर्मेन्द्र और हेमामालिनी के बीच 13 वर्ष, राजेश खन्ना और डिंपल के बीच 16 वर्ष, कबीर बेदी और प्रवीण दुसांज के बीच 29 वर्ष, मिलिंद सुमन और अंकिता कुंवर के बीच 25 साल का एज गैप आदि कई उदहारण है. उन सभी की जोड़ी अच्छी चल रही है. हालांकि लम्बे समय से भारत में उम्र के गैप को शादी के लिए जरुरी माना गया है, जिसमे पति का पत्नी से बड़ा होना जरुरी माना गया है, लेकिन समय के साथ इसमें आज परिवर्तन आ रहा है और उम्र के गैप को जरुरी अब नहीं समझा जाता.

अटलांटा की यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च के हिसाब से पति-पत्नी के बीच 5 साल का एज गैप सही माना गया है. रिसर्च के अनुसार जिन कपल्स के बीच ऐज गैप 5 साल होता है, उनमें तलाक की संभावना 18% होती है. वहीं, जिन कपल्स के बीच ऐज गैप 10 साल है, उनमें तलाक की संभावना 39% है और यदि एज गैप 20 साल है तो तलाक की संभावना 95% होती है.

विवाह में एज गैप की नहीं होती परिभाषा

इस बारें में हीलिंग सर्कल की मैरिज काउंसलर आरती गुप्ता कहती है कि मैरिज में एज गैप की कोई परिभाषा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि दो व्यक्ति के व्यक्तिगत भावनाएं अलग होती है, जिसमे उनके माहौल, शिक्षा, जॉब, रहन-सहन आदि कई बातें उससे जुडी हुई होती है. गैप की जरुरत भी क्यों चाहिए, पहले जमाने में लोग सोचते थे कि एक की अधिक उम्र होने पर वह अधिक परिपक्व रहेगा, सम्हालेगा, जिसमे लड़के को ही बड़ा होना जरुरी मानते थे. तब पुरुष डोमिनेट समाज की ये सोच थी. अब भी समाज पुरुष प्रधान रखना चाहती है, लेकिन वह अब नहीं है, क्योंकि ग्लोबलाईजेशन और वुमन एम्पावरमेंट की वजह से ये सब आज मायने नहीं रखती. अब दो लोगों का आपस में गठबंधन हो रहा है और उन दोनों का आपस में क्या कम्फर्ट लेवल है, उनकी परिपक्वता कितनी है, उनकी सोच क्या है, आदि, ये सब फ्लेक्सिबल चीजे है, जिसमे किसी को भी जज करने की जरुरत नहीं. अभी लडकियां कई जगहों पर लड़के से बड़ी होने पर भी शादियाँ हो रही है और उनकी जिंदगी अच्छी चल रही है. सभी मानते है कि लड़कियां लड़कों से अधिक मेच्योर होती है. पहले भी देखा गया है कि महिलाओं में जन्म से ये सारी बातें अंतर्निहित होती है, जिसमे घर, रिश्ते, बच्चे  सबको सम्हालते हुए पति के पैसे से परिवार चलाती थी. मेरे पास मेडिकली कोई प्रूव नहीं है कि लड़की की उम्र कम होने पर सेक्सुअली या रिप्रोडक्शन में वह बेहतर होती है. मैं उस बात से सहमत नहीं हूँ.

शिक्षित होना आवशयक  

भारत सरकार ने महिलाओं की शादी की न्‍यूनतम कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का विधेयक संसद में पेश किया था. महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव दिया था. जबकि पुरुषों के लिए उम्र 21 साल ही रहेगा, क्या इससे जनसंख्या कंट्रोल हो सकेगा? पूछने पर हंसती हुई अंजलि कहती है कि जनसँख्या कंट्रोल होगा या नहीं, ये कहना मुश्किल है, क्योंकि मैं अर्बन एरिया में रहती हूँ और ये भी सही है कि लड़कियों की शादी की उम्र बढाने पर जनसँख्या पर कुछ असर देखने को मिल सकता है, क्योंकि उनमे जागरूकता जनसँख्या को लेकर बढ़ सकती है. गांवों में बहुत कम उम्र में लड़कियों की शादी हो जाती है और बर्थ कंट्रोल की सुविधा नहीं है, ऐसे में कानून बनाकर और शिक्षित कर ही इस पर कंट्रोल किया जा सकता है. इसके साथ-साथ आकड़ों पर अधिक गौर करना होगा, जिससे जनसँख्या कंट्रोल के बारें में जानकारी मिल सकती है, लेकिन इन सबमे लड़कियां और लड़कों का शिक्षित होना सबसे अधिक जरुरी है.

हर उम्र में शादी की परिभाषा अलग  

अधिक उम्र में शादी करने वालों की संख्या आज बढ़ रही है, इसकी वजह के बारें में पूछने पर आरती कहती है कि आजकल लोग अधिक उम्र में भी शादियाँ कर रहे है, ये अच्छी बात है. इसमें वे सेक्स के लिए शादी नहीं कर रहे है. वे अपना एक साथी चाहते है, सेटल होना चाहते है, वे अपनी जिंदगी को किसी के साथ शेयर करना चाहते है और ये किसी भी रूप में गलत नहीं. उस रिलेशनशिप में शादी की परिभाषा अलग होती है. यंग एज में शादी करने का अर्थ है कि लड़के और लड़कियां मैच्योर हो चुके है, बच्चे पैदा करने की उम्र है और परिवार को आगे बढ़ाना है. इन सारी जरूरतों को पूरा करने के लिए दो परिवार एकसाथ होते है और उनकी शादी होती है.

वजह डोमिनेशन  

इसके आगे काउंसलर कहती है कि आयु का अंतर सिर्फ डोमिनेशन के लिए होता है, जहाँ पुरुष खुद को महिला से बड़े होने की वजह से अकलमंद, अधिक पढ़ा-लिखा समझते है और अपनी बातें पत्नी को मनवाने की कोशिश करते है. लकिन यहाँ यह समझना जरुरी है कि अब वे दिन रहे नहीं. यहाँ मैं अर्बन परिवेश की बात कर रही हूँ, क्योंकि मैं बड़े शहर में रहती हूँ, जबकि गांवों और छोटे शहरों में आज भी लड़के का लड़की से बड़े होने को सही मानते है. उसमे भी बदलाव आ रहा है और पूरी तरह से बदलाव आने में समय लगेगा. जितनी जल्दी समाज और परिवार इसे समझ लें, सोच को बदल लें और बहाव में बहने के लिए तैयार हो, उतना ही पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी. जितना उसका विरोध करेंगे, परिवार टूटता चला जायेगा और आज कई घर, विरोध की वजह से टूट चुके है.

मेंटल और इमोशनल कम्पेटिबिलिटी जरुरी

आरती कहती है कि कई लोग मुझसे एज गैप को लेकर अपनी समस्या का जिक्र करते है और मुझे उन्हें समझाना पड़ता है, कि हर उम्र की सोच और जरूरतें अलग होती है. आज जमाना समानता का होता जा रह है, दोनों में परिपक्वता खुद को ही लाना पड़ता है, एज गैप से अधिक मेंटल और इमोशनल कम्पेटिबिलिटी का होना बहुत जरुरी है. मेरे और मेरे पति के बीच काफी एज गैप है, लेकिन उन्होंने मुझे शादी के बाद सारी शिक्षा लेने के लिए सहयोग दिया. रिलेशनशिप को निखारना पड़ता है. मेरा सभी यूथ से कहना है कि एक्सेप्टिंग, एडजस्टमेंट, कोम्प्रोमाईज़, लव, गिविंग एंड रिसीविंग आदि सभी चीजे ह्यूमन रिलेशनशिप को बनाए रखने में सहायक होती है, इसे अपनाने की कोशिश करें, ताकि एक मजबूत रिश्ता बनी रहे.

कहीं, पति उम्र में बड़ा है, तो कहीं पत्नी लेकिन फिर भी शादी अच्छी चल रही है. ऐसे में यह निष्कर्ष निकला जा सकता है कि सफल शादी के लिए पति-पत्नी में एज गैप से ज्यादा एक दूसरे के लिए प्यार, इज्जत और समझ होना जरूरी है.

डिलीवरी के बाद से शादीशुदा जिंदगी में तनाव है, मैं क्या करुं?

सवाल

मैं 30 वर्षीय विवाहित महिला हूं. 2 माह पूर्व नौर्मल डिलीवरी के जरिए मैं एक स्वस्थ बच्चे की मां बनी हूं. मेरे पति चाहते हैं कि हम पहले की तरह शारीरिक संबंध बनाएं. लेकिन मैं डरती हूं कि कहीं इस से कुछ परेशानी तो नहीं होगी. मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या यह उपयुक्त समय है शारीरिक संबंध बनाने का?

जवाब
आमतौर पर महिलाओं को सामान्य डिलीवरी के 6 हफ्ते के बाद सैक्स संबंध बनाने की सलाह दी जाती है. लेकिन यह प्रत्येक महिला के शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार होने पर भी निर्भर करता है. कई बार जल्दबाजी संक्रमण का कारक बन सकती है. इसलिए, आप के लिए यही बेहतर होगा कि आप सैक्स संबंध बनाने से पूर्व एक बार अपनी गाइनीकोलौजिस्ट से अवश्य सलाह कर ले.

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सेक्स के ये चार राज बड़े काम के हैं

वे आपके इशारों को नहीं समझ रहे हैं और आपने तय कर रखा है कि आप भी उन्हें नहीं बताने वालीं कि आप क्या चाहती हैं. पर कुछ तरीके ऐसे भी हैं जिनके सहारे सेक्स के दौरान आप बिन कुछ कहे अपनी इच्छाओं को पूरा करवा सकती हैं.

मादकता हमेशा सेक्सी लौन्जरीज, सेंशुअल परफ्यूम या स्मोकी आंखों में ही नहीं छिपी होती. सच है कि ये चीजें निजी पलों में उत्साह का संचार करती हैं, लेकिन कभी-कभी मन की बात मनवाने के लिए छल और चालाकी से भी गुरेज करें.

अक्सर पुरुषों को हल्का-सा इशारा समझ में नहीं आता और आपका शर्मीलापन लंबे इंतजार का कारण बन सकता है, जबकि र्स्माट चालें इस खेल में आपको मनचाहा नतीजा दे सकती हैं.

अपने भीतर की युवती को बाहर निकालें

वे मूड में नहीं हैं और आप हैं. हो सकता है कि वे सचमुच थके हुए हों या फिर केवल उन्हें थोड़ा उकसाने की जरूरत हो. ऐसे में समय की कसौटी पर खरे उतरे हथियार इस्तेमाल करें. ‘‘जब मैं सेक्स चाहती हूं और वे बहानेबाजी कर रहे होते हैं तो मैं सेक्स के झटपट सेशन का सुझाव देती हूं,’’ कहती हैं रोहिणी. वहीं नित्या कहती हैं, ‘‘मैं लौन्जरी उतारकर स्नग टी-शर्ट पहन लेती हूं. लेकिन ये नहीं दिखती कि मैं इसकी मांग कर रही हूं. फिर यदि वे किताब पढ़ रहे हैं तो मैं उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए फिजूल के सवाल पूछने लगती हूं.’’

इंतजार करवाएं

अपने साथी के साथ सेक्स के दौरान हम जानते हैं कि आगे क्या होनेवाला है. सेक्शुअल गतिविधियों का क्रम जैसे पूरी तरह पता होता है-गर्दन पर चुंबन, होंठों पर गहन चुंबन, नाभि पर चुंबन… इस एकरसता से उबरना चाहती हैं? तो इसे चुहलबाजी के साथ करें. खेलें और उन्हें आनंद से वंचित रखें. जहां बात खुद को बेहतर समझने का खेल खेलने की हो तो पुरुष इसे किसी महिला के साथ खेलने से कभी बोर नहीं होते.

हिम्मत करें

आप उम्मीद करती हैं कि वे घिसी-पिटी सेक्शुअल गतिविधियों के बजाय आपके शरीर के दाएं हिस्से पर ज्यादा समय बिताएं? तो उन्हें चुनौती देने की कोशिश करें. प्रत्येक पुरुष को चुनौती पसंद होती है. वो पूरी बेशर्मी से उसका सामना करेंगे. उनसे कहें कि आपको नहीं लगता कि आप ‘फलां’ चीज में अच्छे हैं और वे तुरंत आपको गलत साबित करने में जुट जाएंगे. यहां तरकीब ये है कि यह बात उन्हें चुनौती देने की तरह कहिए, व्यंग्य या ताने की तरह नहीं.

बाद का प्यार जरूर पाएं

संतुष्टिदायक पलों के बाद उनकी बेरुखी हमेशा ही झगड़े का करण बनता है. इस उन्माद के बाद उन्हें अकेला छोड़ दें, क्योंकि इजेकुलेशन के बाद उनके हार्मोन्स का स्तर उन्हें शिथिल कर देता है और वे आराम करना चाहते हैं. लेकिन कौन-सा पुरुष ये नहीं सुनना चाहता कि निजी पलों के दौरान उसका प्रदर्शन कितना बेहतरीन था? ‘‘जब मैं अपने बौयफ्रेंड को बताती हूं कि कहां-कहां उनका स्पर्श और चुंबन मुझे रोमांचित कर गया और जब उन्होंने कमान संभाली तो मैंने कितनी गर्माहट महसूस की तो वो मुझे अपनी ओर खींचकर आलिंगन में ले लेते हैं. मुझे लगता है जब कोई आपको प्यार करता है और इसका एहसास करता है तो आपको भी उसे ऐसा ही महसूस कराना चाहिए,’’ ये कहना है रानी का.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

 

गर्लफ्रेंड से हर Boyfriend चाहता है ये 5 बातें

आप भले ही बोलें के मेरा ब्वॉयफ्रेंड मुझसे कुछ नहीं छुपाता और हर बात शेयर करता, वह बहुत आपेन है. लेकिन ऐसा नहीं है. कुछ बातें ऐसी होती हैं जो व्वॉयफ्रेंड के दिल में होती हैं लेकिन उसे वह जुबान पर लाना नहीं चाहता.

1. साथ का अहसास

लड़के देखने में बड़े तेज होते हैं. वह हमेशा अपनी गर्लफ्रेंड की तुलना करते रहते हैं. ऐसे में जब आप अपने पार्टनर के साथ कहीं डिनर में जा रही होती हैं तो पूरी तरह से सज संवरकर जाना चाहती हैं. बड़ी सी गाउन और बेहद फैशन के साथ निकलने की कोशिश करती हैं. ब्वॉयफ्रेंड को आपका हमेशा सरल लिबास और कम फैशन भाता है जिससे कि साथ चलने में एक दूसरे का अहसास हो सके. भारी कपड़ों के साथ दूर रहना पड़ता है. उस वक्त आपकी खुशी और घंटों ड्रेस को लेकर बिताए समय का लिहाज कर वह कुछ नहीं बोलता लेकिन दिल में यही होती है सिंपल और सोबर ही आप ज्यादा सुंदर दिखती हैं.

2. शायद रिश्ता गहरा नहीं है

रिलेशनशिप में आने के बाद लड़कों को बातों-बातों में यह अहसास होता है कि शायद उसकी गर्लफ्रेंड की ओर से यह रिश्ता अभी पक्का नहीं है. वह इस कदर अटैच नहीं है जितना की ब्वॉयफ्रेंड. ऐसे में वह अक्सर इस रिश्ते को जांचने की कोशिश करता है लेकिन इस बात को बोलता नहीं. इमोशनली वह अंदर से घुटता रहता है. इसे जांचने के लिए अक्सर वह फिजिकल रिलेशन या किस का सहारा लेता है कि आप क्या बोल रही हैं.

3. फिजिकल रिलेशन

भले ही आपका ब्वॉयफ्रेंड यह बोले की वह रिश्ते में सेक्स को ज्यादा अहमियत नहीं देता लेकिन लड़के ऐसा कतई नहीं हो​ते. अपनी गर्लफ्रेंड के साथ वो सेक्स के बारे में सोचते ही हैं. यह कोई जरूरी नहीं कि हर रोज ही सेक्स करें लेकिन कभी-कभी की तो चाहत होती ही है. इन चीजों को आप खुद भी नोटिस कर सकते हैं. नए रिश्ते में भले ही वह कुछ न बोले लेकिन जैसे ही रिश्ता पुराना होता है. वह अपने घर पर अकेला होने पर ​बुलाता है या फिर आपको यह जरूर बताएगा कि उसके दोस्त का कमरा अक्सर खाली होता है. इन सब बातों से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह क्या चाहता है.

4. दोस्तों के साथ नाइट आउट

लड़कों की हमेशा यह ख्वाहिश रखते हैं कि उन्हें ऐसी गर्लफ्रेंड मिले जो दोस्तों के साथ उनके नाइटआउट्स पर ऐतराज न करे. हालांकि ज्यादातर लड़कियों को लड़कों के इस तरह के प्लान्स से चिढ़ होती है. ऐसे में लड़के अपनी गर्लफ्रेंड को नाइट आउट के बारे में बोलने से घबराते हैं. इस बारे में जांचने के लिए अक्सर वो अपने दोस्त की नाइट आउट की कहानियां गर्लफ्रेंड को सुनाते हैं लेकिन खुद बोलने में परहेज करते हैं.

5. नजदीक लेकिन थोड़ी दूरी

रिलेशन में आने के साथ ही लड़की को लगता है कि ब्वॉयफ्रेंड पर उसका अधिकार हो गया और हर छोटी बड़ी बातों में उसे शामिल करने लगती है. परंतु लड़के दोस्ती और प्यार में थोड़ा फासला रखना चाहते हैं. उनकी कोशिश यही होती है​ कि उनके हर काम में गर्लफ्रेंड की दखल अंदाजी न हो. ऐसे में जब लड़की जब ज्यादा नजदीक आने लगती है तो उन्हें इस बात को बोलने से कतराते हैं. उनको डर होता है कि कहीं बुरा न मान जाए और रिश्ता खराब न हो जाए. ऐसे में दिल की बात दिल में ही रह जाती है.

एक लड़के ने मेरे साथ फिजिकल रिलेशन बना लिए हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 19 वर्षीय युवती हूं. एक लड़के से बहुत प्यार करती हूं. वह भी मुझे बहुत प्यार करता है पर आजकल मुझ से नाराज है. उस की नाराजगी की वजह भी मैं स्वयं हूं. दरअसल, वह थोड़ा शक्की स्वभाव का है. बातबात पर शक करता है. उस के इस व्यवहार से मैं बहुत परेशान हो गई थी.

बातबात पर वह मुझे कठघरे में खड़ा कर देता था. उसे सबक सिखाने के लिए मैं ने एक बेवकूफी भरा कदम उठाया. मैं ने एक लड़के से दोस्ती कर ली.

वह लड़का काफी शातिर निकला. उस ने बहलाफुसला कर मेरे साथ शारीरिक संबंध बना लिए और उस के बाद उस ने मुझ से बात करना भी बंद कर दिया. अपनी बचकाना हरकत के लिए मैं बहुत पछता रही हूं.

मेरा बौयफ्रैंड जो मेरी इतनी परवाह करता था अब मुझे भाव नहीं दे रहा. बताएं क्या करूं?

जवाब

अपने बौयफ्रैंड के शक्की स्वभाव से आप परेशान थीं तो इस के लिए आप उसे समझा सकती थीं कि दोस्ती में एकदूसरे पर भरोसा होना जरूरी है वरना दोस्ती आगे नहीं बढ़ती. आप ने नासमझी में जो गलती की उस के लिए आप को अपराधबोध हो रहा है. यही पर्याप्त है. अपने बौयफ्रैंड को मनाने का प्रयास करें. वह आप से प्यार करता है, इसलिए मान जाएगा. व्यर्थ चिंता न करें.

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सैक्स: मजा न बन जाए सजा

पहले प्यार होता है और फिर सैक्स का रूप ले लेता है. फिर धीरेधीरे प्यार सैक्स आधारित हो जाता है, जिस का मजा प्रेमीप्रेमिका दोनों उठाते हैं, लेकिन इस मजे में हुई जरा सी चूक जीवनभर की सजा में तबदील हो सकती है जिस का खमियाजा ज्यादातर प्रेमी के बजाय प्रेमिका को भुगतना पड़ता है भले ही वह सामाजिक स्तर पर हो या शारीरिक परेशानियों के रूप में. यह प्यार का मजा सजा न बन जाए इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखें.

सैक्स से पहले हिदायतें

बिना कंडोम न उठाएं सैक्स का मजा

एकदूसरे के प्यार में दीवाने हो कर उसे संपूर्ण रूप से पाने की इच्छा सिर्फ युवकों में ही नहीं बल्कि युवतियों में भी होती है. अपनी इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए वे सैक्स तक करने को तैयार हो जाते हैं, लेकिन जोश में होश न खोएं. अगर आप अपने पार्टनर के साथ प्लान कर के सैक्स कर रहे हैं तो कंडोम का इस्तेमाल करना न भूलें. इस से आप सैक्स का बिना डर मजा उठा पाएंगे. यहां तक कि आप इस के इस्तेमाल से सैक्सुअल ट्रांसमिटिड डिसीजिज से भी बच पाएंगे.

अब नहीं चलेगा बहाना

अधिकांश युवकों की यह शिकायत होती है कि संबंध बनाने के दौरान कंडोम फट जाता है या फिर कई बार फिसलता भी है, जिस से वे चाह कर भी इस सेफ्टी टौय का इस्तेमाल नहीं कर पाते. वैसे तो यह निर्भर करता है कंडोम की क्वालिटी पर लेकिन इस के बावजूद कंडोम की ऐक्स्ट्रा सिक्योरिटी के लिए सैक्स टौय बनाने वाली स्वीडन की कंपनी लेलो ने हेक्स ब्रैंड नाम से एक कंडोम बनाया है जिस की खासीयत यह है कि सैक्स के दौरान पड़ने वाले दबाव का इस पर असर नहीं होता और अगर छेद हो भी तो उस की एक परत ही नष्ट होती है बाकी पर कोई असर नहीं पड़ता. जल्द ही कंपनी इसे मार्केट में उतारेगी.

ऐक्स्ट्रा केयर डबल मजा

आप के मन में विचार आ रहा होगा कि इस में डबल मजा कैसे उठाया जा सकता है तो आप को बता दें कि यहां डबल मजा का मतलब डबल प्रोटैक्शन से है, जिस में एक कदम आप का पार्टनर बढ़ाए वहीं दूसरा कदम आप यानी जहां आप का पार्टनर संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करे वहीं आप गर्भनिरोधक गोलियों का. इस से अगर कंडोम फट भी जाएगा तब भी गर्भनिरोधक गोलियां आप को प्रैग्नैंट होने के खतरे से बचाएंगी, जिस से आप सैक्स का सुखद आनंद उठा पाएंगी.

कई बार ऐसी सिचुऐशन भी आती है कि दोनों एकदूसरे पर कंट्रोल नहीं कर पाते और बिना कोई सावधानी बरते एकदूसरे को भोगना शुरू कर देते हैं लेकिन जब होश आता है तब उन के होश उड़ जाते हैं. अगर आप के साथ भी कभी ऐसा हो जाए तो आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा लें लेकिन साथ ही डाक्टरी परामर्श भी लें, ताकि इस का आप की सेहत पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े.

पुलआउट मैथड

पुलआउट मैथड को विदड्रौल मैथड के नाम से भी जाना जाता है. इस प्रक्रिया में योनि के बाहर लिंग निकाल कर वीर्यपात किया जाता है, जिस से प्रैग्नैंसी का खतरा नहीं रहता. लेकिन इसे ट्राई करने के लिए आप के अंदर सैल्फ कंट्रोल और खुद पर विश्वास होना जरूरी है.

सैक्स के बजाय करें फोरप्ले

फोरप्ले में एकदूसरे के कामुक अंगों से छेड़छाड़ कर के उन्हें उत्तेजित किया जाता है. इस में एकदूसरे के अंगों को सहलाना, उन्हें प्यार करना, किसिंग आदि आते हैं. लेकिन इस में लिंग का योनि में प्रवेश नहीं कराया जाता. सिर्फ होता है तन से तन का स्पर्श, मदहोश करने वाली बातें जिन में आप को मजा भी मिल जाता है, ऐंजौय भी काफी देर तक करते हैं.

अवौइड करें ओरल सैक्स

ओरल सैक्स नाम से जितना आसान सा लगता है वहीं इस के परिणाम काफी भयंकर होते हैं, क्योंकि इस में यौन क्रिया के दौरान गुप्तांगों से निकलने वाले फ्लूयड के संपर्क में व्यक्ति ज्यादा आता है, जिस से दांतों को नुकसान पहुंचने के साथसाथ एचआईवी का भी खतरा रहता है.

यदि इन खतरों को जानने के बावजूद आप इसे ट्राई करते हैं तो युवक कंडोम और युवतियां डेम का इस्तेमाल करें जो छोटा व पतला स्क्वेयर शेप में रबड़ या प्लास्टिक का बना होता है जो वैजाइना और मुंह के बीच दीवार की भूमिका अदा करता है जिस से सैक्सुअल ट्रांसमिटिड डिजीजिज का खतरा नहीं रहता.

पौर्न साइट्स को न करें कौपी

युवाओं में सैक्स को जानने की इच्छा प्रबल होती है, जिस के लिए वे पौर्न साइट्स को देख कर अपनी जिज्ञासा शांत करते हैं. ऐसे में पौर्न साइट्स देख कर उन के मन में उठ रहे सवाल तो शांत हो जाते हैं लेकिन मन में यह बात बैठ जाती है कि जब भी मौका मिला तब पार्टनर के साथ इन स्टैप्स को जरूर ट्राई करेंगे, जिस के चक्कर में कई बार भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि पौर्न साइट्स पर बहुत से ऐसे स्टैप्स भी दिखाए जाते हैं जिन्हें असल जिंदगी में ट्राई करना संभव नहीं लेकिन इन्हें देख कर ट्राई करने की कोशिश में हर्ट हो जाते हैं. इसलिए जिस बारे में जानकारी हो उसे ही ट्राई करें वरना ऐंजौय करने के बजाय परेशानियों से दोचार होना पड़ेगा.

सस्ते के चक्कर में न करें जगह से समझौता

सैक्स करने की बेताबी में ऐसी जगह का चयन न करें कि बाद में आप को लेने के देने पड़ जाएं. ऐसे किसी होटल में शरण न लें जहां इस संबंध में पहले भी कई बार पुलिस के छापे पड़ चुके हों. भले ही ऐसे होटल्स आप को सस्ते में मिल जाएंगे लेकिन वहां आप की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती.

हो सकता है कि रूम में पहले से ही कैमरे फिट हों और आप को ब्लैकमैल करने के उद्देश्य से आप के उन अंतरंग पलों को कैमरे में कैद कर लिया जाए. फिर उसी की आड़ में आप को ब्लैकमेल किया जा सकता है. इसलिए सावधानी बरतें.

अलकोहल, न बाबा न

कई बार पार्टनर के जबरदस्ती कहने पर कि यार बहुत मजा आएगा अगर दोनों वाइन पी कर रिलेशन बनाएंगे और आप पार्टनर के इतने प्यार से कहने पर झट से मान भी जाती हैं. लेकिन इस में मजा कम खतरा ज्यादा है, क्योंकि एक तो आप होश में नहीं होतीं और दूसरा पार्टनर इस की आड़ में आप के साथ चीटिंग भी कर सकता है. हो सकता है ऐसे में वह वीडियो क्लिपिंग बना ले और बाद में आप को दिखा कर ब्लैकमेल या आप का शोषण करे.

न दिखाएं अपना फोटोमेनिया

भले ही पार्टनर आप पर कितना ही जोर क्यों न डाले कि इन पलों को कैमरे में कैद कर लेते हैं ताकि बाद में इन पलों को देख कर और रोमांस जता सकें, लेकिन आप इस के लिए राजी न हों, क्योंकि आप की एक ‘हां’ आप की जिंदगी बरबाद कर सकती है.

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सैक्स के बाद के खतरे

ब्लैकमेलिंग का डर

अधिकांश युवकों का इंट्रस्ट युवतियों से ज्यादा उन से संबंध बनाने में होता है और संबंध बनाने के बाद उन्हें पहचानने से भी इनकार कर देते हैं. कई बार तो ब्लैकमेलिंग तक करते हैं. ऐसे में आप उस की ऐसी नाजायज मांगें न मानें.

बीमारियों से घिरने का डर

ऐंजौयमैंट के लिए आप ने रिलेशन तो बना लिया, लेकिन आप उस के बाद के खतरों से अनजान रहते हैं. आप को जान कर हैरानी होगी कि 1981 से पहले यूनाइटेड स्टेट्स में जहां 6 लाख से ज्यादा लोग ऐड्स से प्रभावित थे वहीं 9 लाख अमेरिकन्स एचआईवी से. यह रिपोर्ट शादी से पहले सैक्स के खतरों को दर्शाती है.

मैरिज टूटने का रिस्क भी

हो सकता है कि आप ने जिस के साथ सैक्स रिलेशन बनाया हो, किसी मजबूरी के कारण अब आप उस से शादी न कर पा रही हों और जहां आप की अब मैरिज फिक्स हुई है, आप के मन में यही डर होगा कि कहीं उसे पता लग गया तो मेरी शादी टूट जाएगी. मन में पछतावा भी रहेगा और आप इसी बोझ के साथ अपनी जिंदगी गुजारने को विवश हो जाएंगी.

डिप्रैशन का शिकार

सैक्स के बाद पार्टनर से जो इमोशनल अटैचमैंट हो जाता है उसे आप चाह कर भी खत्म नहीं कर पातीं. ऐसी स्थिति में अगर आप का पार्टनर से बे्रकअप हो गया फिर तो आप खुद को अकेला महसूस करने के कारण डिप्रैशन का शिकार हो जाएंगी, जिस से बाहर निकलना इतना आसान नहीं होगा.

कहीं प्रैग्नैंट न हो जाएं

आप अगर प्रैग्नैंट हो गईं फिर तो आप कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगी. इसलिए जरूरी है कोई भी ऐसावैसा कदम उठाने से पहले एक बार सोचने की, क्योंकि एक गलत कदम आप का भविष्य खराब कर सकता है. ऐसे में आप बदनामी के डर से आत्महत्या जैसा कदम उठाने में भी देर नहीं करेंगी.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मैरिड लाइफ में इन 8 टिप्स से रहें खुश

पत्नी कामकाजी हो या होममेकर घर को सुचारु रूप से चलाने में उस का योगदान कमतर नहीं होता. लेकिन विश्वास, समझदारी व समानता के बीच संतुलन बिगड़ने पर आप के बीच गलतफहमी पैदा हो सकती है और फिर कभी न खत्म होने वाली तूतू, मैंमैं. यहां हम चर्चा करने जा रहे हैं उन बातों की, जिन से दूर रह कर आप अपना दांपत्य जीवन सुखी रख सकती हैं.

जब एक लड़की शादी के बाद एक नए घर, नए माहौल और नए लोगों से रूबरू होती है, तो उसे बहुत सारी बातों का खयाल रखना पड़ता है. मसलन, खुद को नए माहौल में ढालना, वहां के लोगों की आदतों, रीतिरिवाजों, कायदेकानूनों, खानपान आदि को समझना. उन की दिनचर्या के मुताबिक खुद की दिनचर्या निर्धारित करना. उन की जरूरतों का ध्यान रखना वगैरहवगैरह. मगर सब से अधिक सावधानी उसे पति के साथ अपने मधुर संबंध विकसित करते वक्त बरतनी पड़ती है. पतिपत्नी के बीच रिश्ता विश्वास व समझदारी से चलता है और आज के आधुनिक समाज में एक और शब्द समानता भी जुड़ चुका है.

1. आप हमेशा सही नहीं हैं:

कुछ युवतियों को यह गलतफहमी होती है कि वे जो करती हैं या कहती हैं वह हमेशा सही होता है. यदि पति किसी काम को कुछ अलग तरीके से करते हैं और आप उस काम को अपने तरीके से करने के लिए मजबूर कर रही हैं, तो आप को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. आप के पति या परिवार के अन्य सदस्यों की सोच और तरीका आप से भिन्न हो कर भी सही हो सकता है. आप को धैर्य रख कर उसे देखना व समझना चाहिए.

2. बाल की खाल न निकालें:

देखा गया है कि अविवाहित जोड़े एकदूसरे से ढेर सारे सवालजवाब करते हैं और घंटों बतियाते रहते हैं बिना बोर हुए, बिना थके. मगर शादीशुदा जिंदगी में आमतौर पर ऐसा नहीं होता. आप के ढेरों सवाल और किसी मैटर में बाल की खाल निकालना आप के साथी को बैड फीलिंग दे सकता है. अत: याद रखें कि अब न तो आप उन की गर्लफ्रैंड हैं और न ही वे आप के बौयफ्रैंड.

3. साथी के साथ को दें प्राथमिकता:

कभी पति के सामने रहते परिवार के अन्य सदस्यों को पति से आगे न रखें. अगर आप ऐसा करती हैं, तो आप अनजाने में ही सही अपनी खुशहाल जिंदगी में सूनापन भर रही होती हैं. मान लीजिए आप के पति ने आज आप के साथ मूवी देखने जाने का प्लान बनाया है और आज ही आप की मां आप को फोन कर के शौपिंग मौल में आने को कहती हैं. अगर आप अपने पति को सौरी डार्लिंग बोल कर अपनी मां के पास शौपिंग मौल चली जाती हैं, तो यह पति को बुरा लगेगा. उन के मन में तो यही आएगा कि आप की जिंदगी में उन की अहमियत दूसरे नंबर पर है. यदि आप अपनी मां को सौरी बोल कर फिर कभी आने को कह दें तो आप की मां से आप के रिश्ते में कोई कमी नहीं आएगी.

4. दूसरों के सामने पति की इंसल्ट न करें:

दूसरों के सामने अपने पार्टनर की गलतियां बताना असल में उन की इंसल्ट करना है. ऐसा कर के आप अपने पति को कमतर आंक रही हैं. यदि आप अपने पति की बात बीच में ही काट रही हैं, तो आप उन्हें यह मैसेज दे रही हैं कि आप को उन की कही बातों की कोई परवाह नहीं है.

5. धमकी न दें:

पतिपत्नी के बीच थोड़ीबहुत नोकझोंक तो होती रहती है और इस से प्यार कम भी नहीं होता, बल्कि रूठनेमनाने के बाद प्यार और गहरा होता है. मगर इस नोकझोंक को आप बहस का मुद्दा बना धमकी पर उतर आएं तो अच्छा न होगा. आप ने छोटी सी बात पर ही अपने पति को अलग हो जाने की धमकी दे दी तो आप का प्यार गहरा होने के बजाय खत्म होने लगेगा.

6. शर्मिंदा न करें:

कभीकभी कई बातें ऐसी हो जाती हैं जब कमी आप के पार्टनर की होती है. मगर ऐसे में एक समझदार बीवी चाहे तो अपने पति को शर्मिंदगी से बचा सकती है. मान लीजिए आप कार की ड्राइविंग सीट पर हैं और किसी ऐसे रैस्टोरैंट में खाने जा रही हैं, जहां आप के पति अपने दोस्तों के साथ कई बार जा चुके हैं. काफी देर हो गई, लेकिन आप के पति को रैस्टोरैंट की सही लोकेशन याद नहीं आ रही. ऐसी स्थिति में पति पर झल्लाने या चिल्लाने से आप के पति शर्मिंदा तो होंगे ही, साथ ही आप का डिनर भी खराब होगा. अच्छा यह होगा कि आप कहें अगर वह रैस्टोरैंट नहीं मिल रहा तो मुझे एक और रैस्टोरैंट का पता है जहां हम डिनर कर सकते हैं.

7. पति की इज्जत करें:

कुछ पत्नियों को यह कहते सुना जाता है कि मैं अपने पति की इज्जत तब करूंगी जब वह इस लायक हो जाएगा. ऐसा कर के आप अनजाने में अपने पति को आप की इज्जत न करने की सलाह दे रही हैं. याद रखें यदि आप पति सेप्यार और रिस्पैक्ट से बात करती हैं, तो आप के पति को भी आप से प्यार और इज्जत से बात करने के लिए सोचना ही पड़ेगा. एक बात को बारबार न दोहराएं: किसी काम को ले कर उन्हें उस की याद बारबार न दिलाएं जैसेकि उन की दवा, डाइट, जीवन बीमा की किस्त या घर के किसी और काम की. ऐसा करने से आप उन की पत्नी कम और मालकिन ज्यादा लगेंगी. पति को काम की सूची न बताएं: पत्नियां पति के लिए हमेशा काम की लंबी सूची तैयार रखती हैं. आज यह कर देना, कल यह कर देना, उस तारीख को यह ले कर आना आदि. ऐसा कर के वे पति को यह एहसास करा रही होती हैं कि वे दांपत्य जीवन को सुचारु रूप से चलाने में असफल हो रहे हैं और हमेशा काम का बोझ बना रहता है.

8. अपने घरेलू काम की गिनती न करें:

अकसर पत्नियां पति के आते ही अपनी दिनचर्या को डिटेल में पति को बताने लगती हैं कि आज मैं ने यह काम किया, यह चीज बनाई, यहां गई, ऐसा किया और काम करतेकरते थक गई. ऐसा कर के औफिस से थकहार कर आए पति को आप अपनी भी थकान दे रही होती हैं. विवाद का निबटारा करें खुद: अगर कभी आप के बीच कोई विवाद हो जाए तो उसे खुद ही सुलझाएं. किसी तीसरे को अपनी निजी जिंदगी में कतई शामिल न होने दें.

 

आसान नहीं ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर

विवाहेत्तर संबंध किस तरह आप की खुशहाल जिंदगी पर ग्रहण लगा सकता है, क्या जानना नहीं चाहेंगे…

खा  ने की टेबल पर बैठा जयंत पाल कहीं खोया हुआ था. वह कुछ खा भी नहीं रहा था. तभी उस की वाइफ अपूर्वा ने उसे टोकते हुए कहा, ‘‘आप कहां खोए हुए हैं?’’ ‘‘कहीं नहीं,’’ कहते हुए जयंत ने अपूर्वा की बात को टाल दिया.

असल में जयंत रिया के बारे में सोच रहा था. रिया जयंत की गर्लफ्रैंड है. वह 2 सालों से उस के साथ रिलेशनशिप में है. जयंत को हाल ही में बिजनैस में घाटा हुआ है. अब वह सोच रहा है कि वह अपनी शादी और रिलेशनशिप दोनों को कैसे मैनेज करेगा. रिया पूरी तरह से जयंत पर निर्भर है. वह अपनी कमाई का एक भी पैसा अपने ऊपर खर्च नहीं करती है. लेकिन बिजनैस में हुए घाटे की वजह से जयंत अब रिया का खर्चा नहीं उठा पा रहा है. उस ने सोचा कि वह रिया से बात करेगा लेकिन इस का कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि वह सोचती है कि औरतों की सभी जरूरतों का ध्यान मर्दों को रखना चाहिए.

रिया की ऐसी सोच ने जयंत को परेशान कर दिया है. अब वह रिया से रिश्ता तोड़ना चाहता है. लेकिन प्रौब्लम यह है कि रिया इस के लिए भी तैयार नहीं है. जयंत बड़ी दुविधा में है कि इस समस्या का छुटकारा कैसे होगा.

न व्यावहारिक न किफायती

ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर न तो व्यावहारिक है न ही किफायती. यह अपने साथ कई खर्चे और प्रौब्लम ले कर आता है. ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर कई तरह के होते हैं. जिन लोगों के पार्टनर इमोशनल नहीं होते, ऐसे लोग अपनी मैरिज से बाहर इमोशन ढूंढ़ते हैं. ये लोग एक ऐसे पार्टनर की खोज में निकलते हैं जिस से ये इमोशनली जुड़ सकें. इस तरह के अफेयर को इमोशनल अफेयर कहते हैं.

जो लोग अपनी मैरिड लाइफ से बोर हो चुके होते हैं और अपनी लाइफ में एक स्पार्क चाहते हैं. ऐसे लोग वन नाइट स्टैंड का कौन्सैप्ट अपनाते हैं. इस के अलावा लोग कुछ सैक्स ऐडिक्ट अफेयर भी करते हैं. ऐसा अफेयर वे लोग करते हैं जो सैक्स ऐडिक्ट होते हैं. ऐसे लोगों के लिए सैक्स ही सबकुछ होता है. कुछ लोग लव ऐडिक्ट अफेयर भी करते हैं. ऐसा अफेयर वे लोग करते हैं जो लव ऐडिक्ट होते हैं. इन के लिए लव बहुत इंपौर्टैंट होता है.

सुमित जाटव की शादी को 2 साल हो गए हैं. लेकिन वह अपनी पुरानी गर्लफ्रैंड प्रिया को नहीं भूल पाया है. वह अपनी वाइफ और गर्लफ्रैंड दोनों के साथ रिलेशन रखना चाहता है लेकिन प्रौब्लम यह है कि वह अपनी वाइफ के साथ दिल्ली में रहता है और उस की गर्लफ्रैंड बैंगलुरु में जौब करती है. उस के लिए दोनों रिलेशन को मैनेज करना मुश्किल हो गया है.

वह कहता है कि बारबार बैंगलुरु जाने से उस की बीवी को उस पर शक होने लगा है. अपना ऐक्सपीरियंस बताते हुए वह ऐक्स्ट्रा मैरिड अफेयर से दूर रहने की सलाह देता है. उस का मानना है कि 2 रिलेशन एकसाथ चलना आसान नहीं है और इसे ऐंजौय करने के लिए आप के पास बहुत सारा पैसा होना चाहिए.

आसान नहीं छिपाना

शादीशुदा होते हुए अफेयर रखना आसान नहीं है क्योंकि आप अपनी मैरिड लाइफ से छिप कर यह अफेयर कर रहे हैं. ऐसे में कभी भी आप का भांड़ा फूट सकता है. उस वक्त आप इसे कैसे संभालेंगे यह आप को सोचना होगा.

वाणी प्रिया कहती है, ‘‘ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर निभाना आसान नहीं है क्योंकि यह बहुत जोखिम भरा है. साथ ही साथ यह बहुत खर्चीला भी है. इस से न केवल आप की मैरिड लाइफ खतरे में पड़ सकती है बल्कि यह आप का डिवोर्स भी करवा सकता है. लेकिन अगर आप मैरिज और अफेयर दोनों का खर्चा उठा सकते हैं तो बेशक आप ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर रख सकते हैं. अगर आप की मैरिड लाइफ का चार्म खत्म हो गया है तो अपने पार्टनर से इस बारे में खुल कर बात करें.’’

राहुल प्रजापति की गर्लफ्रैंड इशिता 3 महीने की प्रैगनैंट है. अब वह उसे शादी के लिए फोर्स कर रही है. लेकिन राहुल पहले से ही शादीशुदा है. ऐसे में वह अपनी पत्नी को डिवोर्स दिए बिना इशिता से शादी नहीं कर सकता. लेकिन इशिता लगातार उस पर शादी का दबाव बना रही है. राहुल अब उस घड़ी को कोस रहा है. जब उस ने ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर किया था.

जेब पर भारी

जब अर्जुन रामपाल और उन की पत्नी मेहर जेसिया का डिवोर्स नहीं हुआ था उस से पहले ही अर्जुन लिव इन रिलेशनशिप में था. इसी बीच उन की गर्लफ्रैंड प्रैगनैंट हो गई. इस के बाद उन्होंने मेहर को डिवोर्स दे दिया. आज वे अपनी लिव इन पार्टनर से बिना शादी ही अपना रिश्ता निभा रहे हैं. ऐसा वे इसलिए कर पाए क्योंकि वे अमीर हैं लेकिन अगर आप अमीर नहीं हैं तो ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर आप की जेब पर भारी पड़ेगा.

‘ग्लीडन’ एप्प भारत में 2017 में आया. इस के 30% यूजर्स भारतीय हैं. इस डेटिंग ऐप की पहुंच न सिर्फ मुंबई, बैंगलुरु, दिल्ली, कोलकाता जैसे बड़े शहरों तक है बल्कि मेरठ, भोपाल, पटना जैसे शहरों के लोग भी इसे यूज कर रहे हैं. ऐप पर जहां पुरुष 24 से 30 साल की महिलाओं को, वहीं महिलाएं 31 से 40 साल की उम्र वाले पुरुषों को तलाशती हैं. डेटिंग एप ग्लीडन ने रिसर्च में पाया कि 53% इंडियन वूमन अपने पति के अलावा किसी अन्य पुरुष के साथ इंटिमेट रिलेशन में हैं, जबकि ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर रखने वाले पुरुषों की संख्या 43% हैं.

क्या कहते हैं आंकड़े

आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों के ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर ज्यादा होते हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं की संख्या 12% और पुरुषों की संख्या 28% है. सर्वे में 77% वूमन ने माना कि उन की मैरिड लाइफ बेजान होने की वजह से उन्होंने ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर किया. 72% वूमन को एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर करने का कोई पछतावा नहीं है.

इस के अलावा 10 में से 7 वूमन ने माना कि उन के हसबैंड घर के कामों में उन का हाथ नहीं बंटाते. इस की वजह से उन्होंने ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर किया. 10 में से 4 वूमन ने माना कि अननोन लोगों के साथ फ्लर्ट करने से हसबैंड के साथ उन की इंटीमेसी बेहतर हुई है.

जिन महिलाओं के पति दूसरे शहर में जौब करते हैं या ज्यादा समय तक घर से दूर रहते हैं. उन की पत्नियां ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की ओर जल्दी आकर्षित होती हैं. इसलिए यह जरूरी है कि दूर होते हुए भी अपने रिश्ते में प्यार बनाए रखें.

वहीं अगर पुरुषों की बात करें तो कई बार पत्नी के प्रैगनैंट होने पर पति के ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के चांस बढ़ जाते हैं. इस के अलावा पत्नी से सैक्सुअल डिजायर पूरी न होने की वजह से भी पति अकसर ऐसा कदम उठाते हैं.

वजह क्या है

दिल्ली की रहने वाली अदिति यादव (बदला हुआ नाम) के लिए प्रौब्लम तब खड़ी हुई जब मयंक को पता चला कि अदिति का ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर है. उस ने इस के पीछे की वजह जाननी चाही तो उसे पता चला कि वह अदिति को उतना वक्त नहीं दे पाता जितना कि वह चाहती है. वह कहता है कि ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के कई कारण हो सकते हैं. जरूरी है कि आप उन कारणों को पहचानें और उन पर काम करें.

झारखंड महिला हैल्पलाइन 181 ‘अभयम’ ने कुछ आंकड़े पेश किए. इन आंकड़ों से हर घंटे एक ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से जुड़ा केस रिकौर्ड किया गया. 2018 से 2022 में हैल्पलाइन पर आने वाली शिकायतें बढ़ने लगीं. जहां 2018 में 3,837 शिकायतें आईं थीं. वहीं 2022 में 9,382 तक पहुंच गईं. इन आंकड़ों से यह पता चलता है कि बीते 5 सालों में ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर ढाई गुना बढ़े हैं.

ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर करने की लोगों के पास अपनी कई वजहें होती हैं. लेकिन फिजिकल नीड, इमोशनल अटैचमैंट न होना, डोमैस्टिक वायलैंस, कम्युनिकेशन गैप अटैंशन की कमी, अकेलापन, बच्चे की रिस्पौंसिबिलिटी,

 

सैक्सुअल नीड न पूरी होना, कम एज में शादी होना, थौट्स न मिलना, लाइफ की प्रायौरिटी अलगअलग होना, कौमन इंटरैस्ट का न होना, रिलेशन में स्पार्क न होना, अट्रैक्शन की कमी होना, बैड पर खराब परफौर्मैंस होना, कैरियर अचीवमैंट जैसी तमाम  वजहों से पार्टनर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की तरफ बढ़ते हैं. लेकिन इन सब में सब से कौमन ‘फिजिकल नीड’ है.

कपिल वर्मा कहते हैं, ‘‘अगर किसी महिला के हसबैंड को पता चलता है कि उस की वाइफ का कहीं अफेयर चल रहा है तो बेहतर यही होगा कि वह इसे इग्नोर करे और उन कारणों को खोजे जिन की वजह से उस की पत्नी को ऐक्स्ट्रा मैरिड की जरूरत पड़ी. इस के अलावा वह अपनी मैरिड लाइफ पर वर्क करे.’’

क्या कहता है कानून

आईपीसी की धारा 497 के तहत अगर कोई मैरिड मैन किसी मैरिड वूमन के कंसल्ट से फिजिकल रिलेशन बनाता है तो उस वूमन का हसबैंड एडल्टरी के नाम पर उस पुरुष के खिलाफ केस दर्ज करा सकता है. लेकिन अपनी वाइफ के खिलाफ कोई काररवाई नहीं कर सकता न ही ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर करने वाले मैन की वाइफ इस दूसरी महिला के खिलाफ कोई काररवाई कर सकती है.

भारतीय दंड संहिता की धारा 497 महिला की गरिमा के अधिकार का उल्लंघन करती है. यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है. धारा 497 मनमानी है क्योंकि स्त्री पर पुरुष की कानूनी संप्रभुता गलत है. वाइफ हसबैंड की प्रौपर्टी नहीं है.

ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर न सिर्फ पैसे खर्च कराता है बल्कि इसे ज्यादा दिनों तक छिपाया भी नहीं जा सकता. अफेयर की बात पता चलते ही पार्टनर आप का जीना दुर्भर कर देता है. ऐसे में अगर आप डिवोर्स के बारे में सोचते हैं तो यह इतना आसान नहीं होगा क्योंकि हमारे देश में डिवोर्स लेना आसान नहीं है. डिवोर्स होने के बाद आप को फाइनैंशियल क्राइसेस से गुजरना पड़ सकता है. अगर आप अमीर हैं तो ठीक है नहीं तो कई तरह की प्रौब्लम्स आप को झेलनी पड़ सकती हैं.

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