डैंड्रफ से चेहरे को भी होता है नुकसान

डैंड्रफ सिर पर होने वाली एक बेहद आम समस्या है जो बैक्टीरिया या सिर पर फंगल इन्फेक्शन की वजह से होती है. अक्सर सिर की त्वचा ज्‍यादा तैलीय या चिकनाई वाली होने पर यह समस्या हो जाती है. इस समस्या के कारण न सिर्फ बालों की मजबूती पर नकारात्मक असर पड़ता है, बल्कि डैंड्रफ की इस समस्या की वजह से अकसर शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ता है. लेकिन इसके नुकसान सिर्फ इतने ही नहीं हैं, डैंड्रफ के कई अन्‍य साइड इफेक्‍ट्स भी होते हैं. जैसे इससे चेहरे को भी कई नुकसान होते हैं. चलिए जानें डैंड्रफ के कारण चेहरे पर होने वाले नुकसान क्या होते हैं.

मुंहासों की समस्या का कारण

डैंड्रफ की समस्या से प्रभावित लोगों को मुंहासों की समस्या से जूझना पड़ता है. रूसी का सबसे प्रमुख लक्षण रूखी त्वचा के छिलके या पपड़ी जैसा गिरना होता है. इनके कारण रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और चेहरे तथा शरीर पर मुंहासे होने लगते हैं. जो लोग पहले से ही मुहांसों की समस्या से जूझ रहे होते हैं उनके लिए डैंड्रफ और भी ज्यादा समस्या का कारण बन सकती है. मुंहासे होने के कारणों में डैंड्रफ भी एक प्रमुख कारण होता है.

चेहरे पर यदि मुंहासे अधिक हो तो मुंहसों के साथ डैंड्रफ का भी उपचार करना चाहिए, क्योंकि जब तक डैंड्रफ साफ नहीं होंगे, तब तक मुंहासों का पूरी तरह उपचार नहीं किया जा सकता है. त्वचा विशेषज्ञों के अनुसार, पीठ पर होने वाले मुंहासे का सबसे बड़ा कारण भी अकसर डैंड्रफ ही होता है. इसलिए पीठ के मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए डैंड्रफ को खत्म करना जरूरी है.

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डैंड्रफ के इलाज के तरीके

डैंड्रफ के कारण बोलों व चेहरे आदि को होने वाले नुकसान से बचने के लिए आप इन उपायों को अपना सकती हैं. हफ्ते में कम से कम दो बार एंटी डैंड्रफ शैंपू लगायें और डैंड्रफ प्रभावित क्षेत्र जैसे सिर की त्वचा, कान, चेहरे आदि को भी अच्छे से साफ करें. इसके अलावा बालों को चेहरे से दूर रखें, क्योंकि अगर रूसी वाले बाल आपके चेहरे पर आएंगे तो इसकी वजह से मुंहांसे होने की संभावना भी अधिक हो जाती है.

आप हफ्ते में एक बार बालों की गर्म तेल से मालिश भी करें इसके कारण रूसी व इसके कारण होने वाले मुंहासों से छुटकारा पाया जा सकता है. इससे सिर की त्वचा स्वस्थ रहती है और सिर की त्वचा में रक्त का प्रवाह बेहतर बनता है. साथ ही अपने चेहरे को नियमित तौर पर साफ करें. मुंहासे अधिक होने पर त्वचा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें.

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क्या आप ऑनलाइन खरीदती हैं कॉस्मेटिक्स? पढ़ें खबर

कॉस्मेटिक शॉपिंग करते वक्त आपके दिमाग में अपनी त्वचा को लेकर कई सवाल आने लगते हैं जैसे, क्या यह क्रीम मेरी स्किन के लिए सही है, कहीं इस लिप्सटिक से कोई ऐलर्जी तो नहीं हो जाएगी, और फिर अगर ऑनलाइन कॉस्मेटिक शॉपिंग हो तो यह रिस्क और बढ़ जाती है, इस रिस्क को कम करने के लिए इन 4 बातों का ध्यान जरूर रखें.

हमेशा विश्वसनीय ऑनलाइन ब्राण्ड से ही शॉपिंग करें

आप हमेशा अच्छे और विश्वसनीय ऑनलाइन ब्राण्ड से ही कॉस्मेटिक सामान की शॉपिंग करें, हो सकता है कॉस्मेटिक सामान एक अच्छे ऑनलाइन ब्राण्ड की तुलना में किसी और ऑनलाइन साइट पर कम दामों में मिल रहा हो पर, एक अच्छे ऑनलाइन ब्राण्ड की क्वालिटी ही अच्छी और विश्वसनीय होती है.

वही चीजे इस्तेमाल करें जिसे आप पहले इस्तेमाल कर चुके हैं

हर ब्राण्ड के लिप्सटिक, मॉश्चराइजर और ब्लश में अलग अलग कैमिकल इस्तेमाल होते हैं, तो जब आप ऑनलाइन कॉस्मेटिक शॉपिंग करें तो उसी ब्राण्ड का सामान खरीदें, जिसे आप पहले भी लगा चुके हैं और जो आपकी त्वचा के लिए सही और अच्छा है.

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कैसे चुनें सही शेड्स और रंग

ऑनलाइन कॉस्मेटिक शॉपिंग करते वक्त ज्यादातर महिलाओं को यह चिंता होती है कि लिप्सटिक, फाउंडेशन, क्रीम, आईलाइनर का कौनसा रंग और शेड स्किन को सूट करेगा, ऑनलाइन शॉपिंग में टैस्टर भी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, इसलिए जो सामान आपको लेना है, तो आप किसी दुकान में जाकर उसके अलग अलग शेड आजमाकर देखें, और जो आपको पसंद हो उस चीज का ब्राण्ड और शेड नंबर लिख लें अगर वही सामान आपको ऑनलाइन कम दाम में मिल रहा है, तो उसे ऑनलाइन ऑर्डर करके खरीद लें.

अगर आपका ऑर्डर सील नहीं है, तो उसे रिजेक्ट करें

आप अपना ऑनलाइन कॉस्मेटिक शॉपिंग ऑर्डर लेते समय ध्यान से देखें कि आपका सामान अच्छे से सील है या नहीं, अगर सील खुली है या फिर नहीं है, तो ऑर्डर किया हुआ सामान बिल्कुल न लें.

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इन टिप्स से चमक उठेंगी Armpits

हर महिला के भीतर दर्पण निहारते समय नारी सौष्ठव, चिकनी मुलायम त्वचा और बालों रहित मुलायम बगलों की इच्छा बलवती हो उठती है.

कई बार तो इन छोटीछोटी बातों के कारण रिश्ता भी दरक जाता है. सामने वाला शर्म के चलते यह कह नहीं पाता कि आप के पसीने से बदबू आती है और आप हैं कि यह मानने को तैयार ही नहीं होतीं कि आप के पसीने से बदबू आती है, क्योंकि आप को स्वयं इस बात का एहसास ही नहीं होता.

नियमित साफसफाई

हमारे शरीर में पसीना निकालने वाली अनेक ग्रंथियां हैं, जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने का काम करती हैं. कौस्मैटिक डर्मेटोलौजिस्ट डा. अमरजीत रेखी के अनुसार, पसीने की ये ग्रंथियां शरीर के अन्य भागों के मुकाबले बगलों में कई गुना अधिक होती हैं.

चिलचिलाती गरमी, अनजाना भय, कुतुहल या ऐसी किसी अन्य स्थिति के चलते बगलों से पसीना अधिक निकलने लगता है. घबराहट से चेहरे, हथेलियों, माथे पर भी पसीना आता है, लेकिन बगलों में आने वाले पसीने में बदबू भी आती है.

ऐसे में यदि आर्मपिट्स की ढंग से साफसफाई न हो, तो पसीने में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो कई बार फंगस का भी कारण बनते हैं. आर्मपिट्स शरीर के बाकी रंग की जगह गहरी या काली दिखाई देने लगती हैं.

कोलंबिया अस्पताल की डर्मेटोलौजिस्ट डा. नवदीप के अनुसार, बहुत टाइट कपड़े पहनने से पैदा हुई नमी शरीर के इन भागों से निकलते पसीने के वाष्पीकरण में बाधक होती है, जिस से त्वचा में मौजूद बैक्टीरिया पसीने में मिल कर दुर्गंध पैदा करते हैं और बगलों की त्वचा काली होने लगती है.

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दुर्गंधयुक्त पसीना

टोटल हैल्थ की आहार विशेषज्ञा एवं संस्थापिका अंजलि मुखर्जी का कहना है कि आहार में विशेष पौष्टिक तत्त्वों की कमी जैसे मैग्नीशियम या जिंक की कमी से भी पसीने की गंध प्रभावित होती है. जिस प्रकार मधुमेह का रोग या कब्ज कई बार दुर्गंध का कारण भी बनती है, ठीक उसी प्रकार मांसाहारी भोजन के अत्यधिक सेवन के कारण भी पसीना दुर्गंधयुक्त हो जाता है. मांसाहारी पदार्थों में पाए जाने वाले प्रोटीन में कोलीन नामक तत्त्व प्रचुर मात्रा में होता है. यदि किसी व्यक्ति विशेष में विशेष प्रकार का ऐंजाइम मौजूद न हो और वह कोलीन मांसाहारी भोजन का अधिक सेवन करता रहे, तो ऐसे में उस के पसीने के बदबूयुक्त होने की संभावना बढ़ जाती है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

मोटापे के कारण आर्मपिट्स में सलवटों के कारण, बारबार वैक्सिंग करना, बारबार बगलों की शेव करते रहने या हेयर रिमूवल क्रीम के कैमिकल के कारण, किसी विशेष डियोड्रैंट से, पाउडर के अत्यधिक छिड़काव, मौसम में बदलाव के कारण काफी हद तक आर्मपिट्स काली हो जाती हैं. यह लगभग सभी त्वचा रोग विशेषज्ञों का मानना है.

डाक्टर अमरजीत रेखी के अनुसार, यह कोई रोग नहीं जिस का उपचार न हो सके. निम्न छोटीछोटी बातों को ध्यान रख कर आर्मपिट्स की इस परेशानी से बचा जा सकता है:

– शरीर के हिस्से की साफसफाई का विशेष ध्यान रखें.

– स्नान करते समय लूफ का प्रयोग करें. आर्मपिट्स को उस से अच्छी तरह रगड़ कर धोएं. फिर अच्छी तरह पोंछ लें.

– अंडरआर्म्स को हमेशा किसी अच्छे नैचुरल मौइश्चराइजर से नम रखें.

– टाइट कपड़े न पहनें.

– ज्यादातर सूती कपड़े ही पहनें. पौलिएस्टर, नायलौन, सिंथैटिक कपड़े कम से कम पहनें.

– बाजार में उपलब्ध ग्लाइकोलिक या ऐजेलिक ऐसिड युक्त क्रीम का इस्तेमाल करें.

– बाहर निकलते समय पूरी बाजू के ढीलेढाले कपड़े ही पहनें.

– कौस्मैटिक सर्जरी करवाएं. किसी अच्छे डर्मेटोलौजिस्ट से ट्रीटमैंट लें.

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– परमानैंट लेजर हेयर रिमूवर एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. यह पसीने की दुर्गंध और कालेपन से छुटकारा दिलवाता है. इस का कोई साइडइफैक्ट भी नहीं होता.

– केसर में त्वचा को साफ करने के गुण मौजूद रहते हैं. केसर की कुछ पत्तियां 2 चम्मच लोशन में मिक्स कर अंडरआर्म्स पर कुछ देर लगाए रखें. कुछ दिनों तक नियमित ऐसा करने पर धीरेधीरे त्वचा का कालापन दूर हो जाएगा और पसीने की बदबू से भी छुटकारा मिलेगा.

– हरे सेब को हलका सा स्टीम कर अच्छी तरह मसल लें. अब इस गूदे को अंडरआर्म्स में कुछ दिन नियमित लगाएं. कालापन धीरेधीरे दूर हो जाएगा.

– सप्ताह में 1 बार औलिव औयल की कुछ बूंदें चीनी में डाल कर उसे अंडरआर्म्स वाले एरिया में फेशियल की तरह लगा कर रगड़ें. नतीजा कुछ ही दिनों में दिखने लगेगा.

– दही का लेप करें. फिर अच्छी तरह रगड़ें और धो कर पोंछ लें.

– बगलों के कालेपन को दूर करने के लिए इमली का पेस्ट भी अच्छा नतीजा देता है.

– खीरे के रस में कुछ बूंदें नीबू का रस डाल कर काली त्वचा पर लगाएं. ध्यान रहे शेविंग या वैक्सिंग करने के पूर्व या बाद में कुछ भी सिट्रिक न लगाएं. कई बार अधिक शेव करने से फौलिक्यूलाइटिस की स्थिति बन जाती है, जिस से त्वचा पर छोटेछोटे दाने उभर आते हैं. इसलिए सिट्रिक ऐसिड से गुरेज करें. शेव या वैक्सिंग से पहले या बाद में नीबू का प्रयोग भी न करें.

– आर्मपिट्स को सुंदर बनाने के लिए सफेद चने के आटे में कुछ बूंदें नीबू का रस, थोड़ी सी हलदी डाल कर पेस्ट बना कर बगलों में लगाएं. निरंतर प्रयोग से फायदा होगा.

– शलगम का रस भी कालापन दूर करता है.

– संतरे के सूखे छिलकों को पीस कर उस पाउडर में गुलाबजल मिला कर पेस्ट बनाएं और अंडरआर्म्स में 10 मिनट लगाए रखें. धीरेधीरे संतरे में मौजूद विटामिन सी त्वचा को ब्लीच कर देगा और आर्मपिट्स नर्ममुलायम हो जाएंगी.

बगलों में दाने, फफोले, खुजली, जलन न हो, इसलिए इन नुसखों के साथ ही शरीर की साफसफाई पर भी पूरा ध्यान दें. साथ ही भोजन की पौष्टिकता का भी ध्यान रखें.

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जब खुबसूरत चेहरे से नजर हटाना हो मुश्किल  

पहले अधिकतर प्लास्टिक सर्जरी फायर वर्क्स या किसी दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों के किसी अंग या चेहरे को फिर से नार्मल बनाने के लिए किया जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से ब्यूटी को एनहांस करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी की जाती है. ब्रिटिशएसोसिएशन ऑफ़ एस्थेटिक प्लास्टिक सर्जन्स के अनुसार प्लास्टिक सर्जरी कराने वालों की संख्या बढ़ी है, इसमें वयस्कों से लेकर युवा सभी इसे करवाना चाहते है, क्योंकि उन्हें चमकती, सुरक्षित, स्वस्थ और जवां दिखने वाली त्वचा चाहिए.

ये सही है कि उम्र के बढ़ने के साथ त्वचा भी बेजान और रंगत खोने लगती है, ऐसे में सही तकनीक अपनाकर उसे कुछ हद तक ठीक या रोका जा सकता है. यही वजह है कि आज थोड़ी-थोड़ी दूरी पर एक कॉस्मेटिक सर्जन मिल जाते है, ऐसे में बिना जांच-परख के किसी भी प्लास्टिक सर्जन के पास जाने पर लेने के देने पड़ सकते है. द एस्थेटिक क्लिनिक की डॉ. रिंकी कपूर कहती है कि ये सब ठीक तरह से करवाने के लिए एक सही डॉक्टर के पास जाना जरुरी होता है, क्योंकि बढ़ते तनाव, प्रदूषण और चुनौतीपूर्ण मौसम को देखते हुए भारत में महिलाएं हमेशा अपनी त्वचा की स्थिति में सुधार करना चाहती है और सहायक तकनीकों पर खर्च करने को भी तैयार रहती है. उपभोक्ता आज इस बात की परवाह नहीं करते है कि वे अपने चेहरे पर क्या लगा रहे है, पर वेअच्छी तरह से सोच-समझकर ही विकल्प चुनते है.फेस रिजुविनेशन और सबसे अच्छा दिखने या महसूस करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है,जो निम्न है,

बोटॉक्स या फिलर्स

झुर्रियों, रेखाओं, आंखों के नीचे डार्क हिस्से को कम करने और स्किन ऐजको रोकने के लिए प्रयोग किया जाता है. बोटॉक्स मांसपेशियों में उन नर्व सिग्नल्स को ब्लॉक करती है,जहां इसे इंजेक्ट किया जाता है. नर्व सिग्नल्स को बाधित करने पर इंजेक्शन वाली मांसपेशी अस्थायी रूप से ढीली पड़ जाती है. चेहरे पर इन चुनी हुई मांसपेशियों को हिलाए बिना, कुछ झुर्रियों को नरम, कमजोर या हटाया जा सकता है. इंजेक्टेबल डर्मल फिलर्स असल में जेल जैसे पदार्थ होते है, जिनमें हयालूरोनिक एसिड जैसे प्राकृतिक पदार्थ होते है, जिन्हें त्वचा के नीचे इंजेक्ट किया जाता है, ताकि इसकी उपस्थिती में सुधार हो सके. झुर्रियों के लिए ये सबसे लोकप्रिय और मिनिमम इनवेसिव थिरेपी है.डर्मल फिलर्स में ऐसे तत्वहोते है, जो उम्र बढ़ने के कारण पतले या धंसे हुए क्षेत्रों को पहले की तरह बनाते है, जो अधिकतर गालों, होठों और मुंह के चारों तरफ पतले हुए त्वचा की वजह से होते है.

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उल्थेरा

त्वचा में कसाव लाने के लिएयह एक एडवांस, नॉन-सर्जिकल और नॉन-इनवेसिव तकनीक है जो फोकस्ड हाई-पावर अल्ट्रासाउंड की ऊर्जा काप्रयोग करती है, जिसका उद्देश्य चेहरे की विभिन्न गहराई पर स्किन टिश्यू को गर्म करना है. यह थिरेपी नए कोलेजन का गठन करती है जिससे नैचुरल हीलिंग प्रोसेस सक्रिय हो जाती है.इसमें त्वचा की लिफ्टिंग या कसावट का प्रभाव दिखता है, क्योंकि चेहरे, गर्दन और डेकोलेट(लो नेकलाइन )पर त्वचा में  ढीलापन  कम होने के साथ-साथ उसकी इलास्टिसिटी बढ़ जाती है. यह एक सुविधाजनक प्रक्रिया है, क्योंकि यह 30 से 90 मिनट तक ही करनी पड़ती है.इसमें किसी चीरे या जनरल एनेस्थेशिया की आवश्यकता नहीं होती है. बहुत कम तैयारी के साथ इसे किया जाता है और अधिकांश मामलों में मिनिमम या कोई रिकवरी टाइम की जरुरत नहीं पड़ती.

कार्बन डाई ऑक्साइड लेजर

त्वचाको फिर से जवां बनाने के लिएCO2 लेज़र स्किन रिसरफेसिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड लेजर (CO2) स्किन को सतह से हटाने (एब्लेटिव लेज़र) का काम करती है,जैसे किसी प्रकार का निशान, मस्से और गहरी झुर्रियों को दूर करने के साथ-साथ त्वचा में कसावट और स्किन टोन को बैलेंस करने में सहायक होता है.

एब्लेटिव लेज़र्स यानि CO2 लेज़र, त्वचा को लेसिरेट कर काम करती है. यह स्किन की पतली बाहरी परत (एपिडर्मिस) को हटाकर अंदरुनी त्वचा (डर्मिस) को गर्म करता है और नए कोलेजन फाइबर के विकास को बढ़ाता है. एपिडर्मिस ठीक होने और इस थिरेपी के बाद त्वचा साफ, चिकना और टाइट दिखाई देने लगती है.

नॉन-एब्लेटिव लेज़र, पल्स लाइट (IPL) डिवाइस, त्वचा को खराब नहीं करते है, बल्कि कोलेजन वृद्धि को प्रोत्साहित करते है, जिससे त्वचा की टोन और बनावट में सुधार होता है. यह कम इनवेसिव है और इसके ठीक होने में समय भी कम लगता है, लेकिन यह कम प्रभावी होता है. सर्जन इलाज की स्थिति और रोगी के कॉस्मेटिक लक्ष्यों के आधार पर लेजर के प्रकार का चयन करते है.

लेजर पिग्मेंटेशन

लेज़र पिग्मेंटेशन रिमूवल एक ऐसी प्रक्रिया है, जो पिग्मेंटेशन और लालिमा को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है. इसे लेज़र स्किन रिजुवेनेशन के रूप में भी जाना जाता है. यह उम्र के साथ बनने वाले धब्बे, सनस्पॉट, हाइपरपिग्मेंटेशन, फ्लैट पिग्मेंटेड. बर्थमार्क और झाईयों जैसी त्वचा पर गैरजरूरी पिग्मेंटेशन को दूर करने के लिए सबसे एडवांस ट्रीटमेंट में से एक है. लेज़र गर्म होता है और पिग्मेंट को खत्म कर देता है.फिर पिग्मेंट को आसपास की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना सतह पर खींच लिया जाता है. एक बार सतह पर खींचे जाने के बाद, पिग्मेंटेशन के घाव हल्के या सूखकर, उस जगह से निकल जाते है,जहां इसका प्रयोग किया गया है, इससे त्वचा समान टोन और रंगत के साथ निखर जाती है.

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मेसोथेरेपी

त्वचा की चमक के लिए मेसोथेरेपी एक प्रक्रिया है, जिसमें त्वचा की सतह पर छोटे इंजेक्शन लगाए जाते है.इन इंजेक्शनों में त्वचा में स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य घटकों का कॉम्बिनेशन होता है, मसलन हयालूरोनिक एसिड जो उम्र के साथ कम होता जाता है. मेसोथेरेपी की इस प्रक्रिया में कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देना, झुर्रियों और महीन रेखाओं को कम करना है. इसके अलावा त्वचा की बनावट में सुधार, चेहरे की समरूपता और सेल्युलाईट को टारगेट करता है.इसमें इंजेक्शन अलग-अलग गहराई पर त्वचा में 1 से 4 मिलीमीटर तक दिया जाता है, लेकिन यह व्यक्ति की स्थिति और इलाज की प्रोसेस पर निर्भर करता है. कई बार डॉक्टर सुई को त्वचा में एक एंगल पर रखकर इंजेक्शन लगाते समय अपनी कलाई को फुर्ती से हटा लेता है.असल में प्रत्येक इंजेक्शन से त्वचा में सोल्यूशन की केवल एक ही छोटी बूंद अंदर जाती है.सही रिजल्ट पाने के लिए मेसोथेरेपी की कई सेशंस की आवश्यकता होती है. इसलिए डॉक्टर के पास 3 से 15 बार जाने के बाद ही सही परिणाम दिखता है.

पीलिंग ऑफ़ स्किन

त्वचा को रिजुवीनेट करने के लिएकेमिकल पील सबसे अच्छा प्रोसेस है. यह अधिकतर एजिंग फेस की त्वचा को जवां और बेजान होने से बचाती है.इससे निकलने वाली नयी स्किन आमतौर पर चिकनी और कम झुर्रीदार होती है.इस प्रोसेस का प्रयोग आमतौर पर चेहरे, गर्दन और हाथों पर, मुंह के आसपास और आंखों के नीचे की महीन रेखाएं, झुर्रियां, हल्के निशान, धब्बे आदि के लिए किया जाता है.

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अपनी Skin को बनायें जवां

ओट न सिर्फ एक हेल्‍दी ब्रेकफास्‍ट है बल्कि एक बेहतर ब्यूटी प्रोडक्ट भी है. यह आपकी त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद है और इससे बने फेसपैक से त्‍वचा को हमेशा के लिए जवां बनाया जा सकता है. इसमें मौजूद एक्सफोलिएटिंग, क्लींजिंग और मॉश्चराइजिंग तत्व इसे आपकी त्‍वचा के लिए बेहतर रेमेडी बना देते हैं. ओट फेस पैक को आसानी से घर पर बना सकते हैं. आइए जानते हैं ओट फेस पैक कैसे बनायें और इसका प्रयोग कैसे करें.

1. ओट मील और एलोवेरा स्क्रब

एलोवेरा का प्रयोग काफी समय से मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए किया जाता रहा है. इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी एलिमेंट मूहांसे, टैनिंग और संक्रमण जैसी त्‍वचा की समस्‍याआं को दूर करता है. ओटमील पाउडर को एलोवेरा जेल में अच्छे से मिलाकर चेहरे पर मसाज करें. 3 से 5 मिनट तक मसाज करने के बाद इसे सूखने दें, उसके बाद पानी से धो लें. इस नैचुरल स्क्रब से त्वचा की अंदरूनी सफाई होती है. इससे डेड स्किन के साथ ही ब्लैक हेड्स और व्हाइट हेड्स की समस्या भी दूर हो जाती है.

2. शहद और ओट फेसपैक

इस मॉश्चराइजिंग और एक्सफोलिएटिंग फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में थोड़ा कच्चा दूध और एक चम्‍मच शहद मिलाएं. इसे अच्छे से मिक्स कर लीजिए, फिर इस पेस्‍ट को चेहरे और गले पर लगाएं. जब यह सूख जाये तो इसे पानी से धो लें. ये फेस पैक ड्राई स्किन के लिए अच्छा है और इससे त्‍वचा में निखार आता है.

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3. ओट्स और गुलाबजल

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में 1 चम्मच गुलाबजल और 1 चम्मच शहद मिला लीजिए. इनका पेस्ट बना लें. इस पेस्‍ट को चेहरे पर 10 मिनट के लिए लगाएं और फिर चेहरा धो लें. फिर देखिये आपकी त्‍वचा चमक जायेगी.

4. ओटमील, दूध और नींबू

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच उबले ओट्स, 2 चम्मच दूध और 4 चम्मच नींबू का रस मिला लें. जब ओट्स ठंडे हो जाएं तो उसे चेहरे पर लगा लें. 20-25 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें. चेहरा निखर जायेगा.

5. ओटमील पैक और योगर्ट

थोड़े ओटमील को पानी में पका लें और इसे ठंडा होने दें. फिर चेहरे पर इसे लगा लें. इसे 15-20 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें, उसके बाद धो लें. 2 चम्मट ओट्स लें और उसमें दही मिला लें. इसे पूरे चेहरे पर, ख़ासतौर पर रोमछिद्रों वाले हिस्सों पर लगाएं और 20 मिनट तक सूखने दें. फिर ठंडे पानी से धो लें. इससे चेहरे में निखार आयेगा.

त्‍वचा को हेल्‍दी बनाने और उनको निखारने के लिए खानपान और नियमित व्‍यायाम भी बहुत जरूरी है.

ओट न सिर्फ एक हेल्‍दी ब्रेकफास्‍ट है बल्कि एक बेहतर ब्यूटी प्रोडक्ट भी है. यह आपकी त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद है और इससे बने फेसपैक से त्‍वचा को हमेशा के लिए जवां बनाया जा सकता है. इसमें मौजूद एक्सफोलिएटिंग, क्लींजिंग और मॉश्चराइजिंग तत्व इसे आपकी त्‍वचा के लिए बेहतर रेमेडी बना देते हैं. ओट फेस पैक को आसानी से घर पर बना सकते हैं. आइए जानते हैं ओट फेस पैक कैसे बनायें और इसका प्रयोग कैसे करें.

1. ओट मील और एलोवेरा स्क्रब

एलोवेरा का प्रयोग काफी समय से मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए किया जाता रहा है. इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी एलिमेंट मूहांसे, टैनिंग और संक्रमण जैसी त्‍वचा की समस्‍याआं को दूर करता है. ओटमील पाउडर को एलोवेरा जेल में अच्छे से मिलाकर चेहरे पर मसाज करें. 3 से 5 मिनट तक मसाज करने के बाद इसे सूखने दें, उसके बाद पानी से धो लें. इस नैचुरल स्क्रब से त्वचा की अंदरूनी सफाई होती है. इससे डेड स्किन के साथ ही ब्लैक हेड्स और व्हाइट हेड्स की समस्या भी दूर हो जाती है.

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2. शहद और ओट फेसपैक

इस मॉश्चराइजिंग और एक्सफोलिएटिंग फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में थोड़ा कच्चा दूध और एक चम्‍मच शहद मिलाएं. इसे अच्छे से मिक्स कर लीजिए, फिर इस पेस्‍ट को चेहरे और गले पर लगाएं. जब यह सूख जाये तो इसे पानी से धो लें. ये फेस पैक ड्राई स्किन के लिए अच्छा है और इससे त्‍वचा में निखार आता है.

3. ओट्स और गुलाबजल

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में 1 चम्मच गुलाबजल और 1 चम्मच शहद मिला लीजिए. इनका पेस्ट बना लें. इस पेस्‍ट को चेहरे पर 10 मिनट के लिए लगाएं और फिर चेहरा धो लें. फिर देखिये आपकी त्‍वचा चमक जायेगी.

4. ओटमील, दूध और नींबू

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच उबले ओट्स, 2 चम्मच दूध और 4 चम्मच नींबू का रस मिला लें. जब ओट्स ठंडे हो जाएं तो उसे चेहरे पर लगा लें. 20-25 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें. चेहरा निखर जायेगा.

5. ओटमील पैक और योगर्ट

थोड़े ओटमील को पानी में पका लें और इसे ठंडा होने दें. फिर चेहरे पर इसे लगा लें. इसे 15-20 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें, उसके बाद धो लें. 2 चम्मट ओट्स लें और उसमें दही मिला लें. इसे पूरे चेहरे पर, ख़ासतौर पर रोमछिद्रों वाले हिस्सों पर लगाएं और 20 मिनट तक सूखने दें. फिर ठंडे पानी से धो लें. इससे चेहरे में निखार आयेगा.

त्‍वचा को हेल्‍दी बनाने और उनको निखारने के लिए खानपान और नियमित व्‍यायाम भी बहुत जरूरी है.

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कभी ना फेकें इन 4 फलों के छिलके, स्किन को चमकाने में आएंगे बड़े काम

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

फल हर किसी के फेवरेट होते हैं . नाश्ते में खाना हो या वर्कआउट से पहले फल हमेशा लोगों की पहली पसंद होते हैं. स्वादिष्ट होने के साथ पोषक तत्वों से भरपूर फलों में बहुत सा टैलेंट है. आप इनका इस्तेमाल अपने चेहरे पर चमक लाने के लिए कर सकते हैं. लेकिन कई बार हम कुछ फलों के छिलकों को बेकार समझकर डस्टबिन में फेंक देते हैं. जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए. फलों के छिलके बाजार में मिलने वाले किसी  फेस मास्क की ही तरह, अच्छे होते हैं. सबसे अच्छी बात है कि चिकनी और मुलायम स्किन के लिए आपको स्पा में हजारों रूपए खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि फलों के छिलकों से आप अपनी स्किन की चमक कैसे बरकरार  रख सकते हैं.

संतरा-

आप अपनी स्किन और जरूरतों के आधार पर संतरे और एलोवेरा का फेस पैक बना सकते हैं. इसके लिए धूप में सुखाए गए छिलकों को पीसकर महीन पाउडर बना लें. यदि आप इसमें एलोवेरा मिलाने की सोच रहे हैं, तो एलोवरेा जेल के साथ थोड़ा सा गुलाबजल डालें और पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को अपनी स्किन पर लगाएं. ठंडे पानी से अपना चेहरा धोने से पहले 15 मिनट के लिए इसे सूखने दें. अगर फेस पैक लगाना आपके लिए परेशानी का सबब है , तो बस संतरे के पाउडर को अपनी स्किन पर रगड़ लीजिए. चेहरे पर लगभग पांच तक तक सर्कुलर मोशन में मालिश करें  और धो लें. स्किन बहुत कोमल हो जाएगी.

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पपीता-

पपीता के छिलके को फेंकने से पहले जान लें कि पपीते का छिलका या खाने के बाद बचा हुआ भाग मुहांसों को साफ करने के साथ शुष्क स्किन को मॉइस्चराज करता है. इसके लिए आधा कप बचे हुए पपीते को मैश करके 2 बड़े चम्मच दूध और 1  बड़ा चम्मच शहद मिलाएं. इसे तक तक मिलाएं, जब तक की एक बारीक पेस्ट न मिल जाए. इसे स्किन पर लगाएं, 15 मिनट तक सूखने दें और फिर ठंडे पानी से धो लें.

केला-

केले का छिलका किसी काम नहीं आएगा, ये सोचकर आप इसे फेंक देते होंगे. लेकिन बता दें कि केले का छिलका मुहासों का इलाज करने और स्किन की गंदगी को साफ करने के लिए बहुत अच्छा है. इसके लिए एक ताजे केले का छिलका लें और धीरे से अपने चेहरे पर भीतरी परत को रगड़ें. छिलका जल्द ही भूरा होने लगेगा और आपकी स्किन पर एक चिपचिपा सा अवशेष छोड़ देगा. जब ऐसा हो, तो आपको रूक जाना चाहिए. इसे अपनी स्किन पर तब तक लगा रहने दें जब तक यह सूख ना जाए. फिर ठंडे पानी से धो लें.

तरबूज- 

वैसे तो तरबूज गर्मियों में बहुत ज्यादा मिलता है. बॉडी हो हाइड्रेट करने के लिए यह एक शानदार फल है. लेकिन स्किन को हाइड्रेट करने के लिए भी इसके छिलके का इस्तेमाल कर सकते हैं. तरबूज को चबाने के बाद जो छिलका बचता है , इसे आप हाइड्रेटिगं फेस पैक में बदल सकते हैं. लगभग 10 मिनट के लिए छिलका ठंडा करें. इसे पतले टुकड़ों में काट लें. अब इन ठंडी पट्टियों को अपने चेहरे पर लगाएं और लगभग 15 मिनट तक रिलेक्स करें और फिर ठंडे पानी से धो लें. स्किन में पानी की कमी को पूरा करने के लिए आप हफ्ते में एक या दो बार सा कर सकते हैं.

यहां बताए गए फलों के छिलकों से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है, इसलिए इनका इस्तेमाल करने से पहले स्किन पैच टेस्ट जरूर कर लें.

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काले रंग से जुड़ी परेशानियों का सुझाव बताएं?

सवाल-

मेरी कुहनियां शरीर के बाकी अंगों से ज्यादा काली नजर आती हैं और बहुत खराब लगती हैं. इन्हें गोरा करने का कोई तरीका बताएं?

जवाब-

कुहनियों के रंग को हलका करने के लिए सब से पहले उन पर ब्लीच कर लें. रोज आधे नीबू को निचोड़ कर उस में नमक मिलाएं. फिर अब उस से कुहनियों को धीरेधीरे रगड़ें. कुछ देर बाद धो लें और उस पर मौइस्चराइजिंग क्रीम लगा लें. ऐसा 15-20 दिन रैग्युलर करने से कुहनियों का रंग हलका होने लगेगा. अगर इस से फायदा न हो तो कैमिकल पील की जा सकती है जिस से त्वचा की एक लेयर निकल जाती है और अंदर से रंग गोरा दिखने लग जाता है. मगर कैमिकल पील के लिए ऐक्सपर्ट के पास ही जाएं.

सवाल- 

मेरा रंग सांवला है और मुझे समझ नहीं आता है कि मैं किस रंग की लिपस्टिक लगाऊं जो मुझ पर सब से ज्यादा समय सुंदर लगे?

जवाब-

सांवला रंग आजकल ज्यादा पसंद किया जाता है. इसे सैक्सी और ग्लैमरस कहा जाता है. ऐसे रंग पर ब्राइट रैड कलर की लिपस्टिक बहुत अच्छी लगती है. आप चाहें तो औरेंज भी लगा सकती हैं. सांवले रंग पर डीप ब्राउन जैसेकि सिनेमन व चौकलेट ब्राउन बहुत अच्छी लगती है. रोज पिंक से ले कर मोव तक सभी ब्राइट पिंक अच्छी लगती हैं. मैरून भी अच्छी लगती है पर ब्राउनी मैरून को अवौइड करें. पर्पल शेड सांवले रंग पर भी अच्छे लगते हैं लेकिन डीप पर्पल को अवौइड करें. सांवले रंग पर न्यूड शेड अवौयड करने चाहिए.

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-समस्याओं के समाधान ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा 

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हर दुलहन चाहती है कि उस का स्टाइल और लुक ऐसा हो, जिस से वह न सिर्फ उस के जीवनसाथी के, बल्कि ससुराल वालों के भी दिल का नूर बन जाए. तो ऐसा क्या किया जाए, जिस से दुलहन की खूबसूरती पति का मन मोह ले?

सैलिब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट ओजस राजानी बताती हैं कि सब से पहले दुलहन की पर्सनैलिटी, स्किन टाइप, बालों का टैक्स्चर, कलर, आईब्रोज शेप और फेस कट को परखना होता है. अगर इस में कहीं किसी तरह की कमी है, तो दुलहन को ऐक्सरसाइज और स्किन केयर रूटीन की सलाह दी जाती है, जिस से मेकअप से पहले स्किन और जवां व निखरीनिखरी दिखाई दे.

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स्किन केयर रूटीन

स्किन केयर रूटीन के बारे में बात करते हुए ब्राइडल मेकअप आर्टिस्ट आकांक्षा नाइक का कहना है कि दुलहन के लिए अपनी स्किन टाइप के बारे में पता होना बेहद जरूरी है.

शादी से पहले उसे रोजाना क्लींजिंग, टोनिंग और मौइश्चराइजिंग का रूटीन अपनाना चाहिए. यदि स्किन ड्राई है तो सोप फ्री कंसीलर का इस्तेमाल करना चाहिए. त्वचा को दिन में 2 बार मौइश्चराइज भी करना चाहिए.

यदि स्किन टाइप औयली है, तो क्लींजिंग के साथसाथ दिन में 2-3 बार चेहरा धोना भी जरूरी है. औयली स्किन टाइप के लिए टोनिंग बेहद जरूरी है. इस से चेहरे के पोर्स बंद होते हैं और त्वचा से तेल का रिसाव रुकता है. इस के साथसाथ त्वचा को मौइश्चराइज्ड करने के लिए वाटर बेस्ड मौइश्चराइजर लगाना चाहिए. औयली स्किन के लिए फेस मास्क लगाना भी बेहद जरूरी है. इस से चेहरे की डैड स्किन से छुटकारा मिलता है और त्वचा सांस ले पाती है.

Winter Special: सर्दियों में चेहरे लगाएं बाजरे के आटे का फेस पैक, मिलेंगे कई फायदे

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

सर्दियां शुरू हो चुकी हैं. इस मौसम में चेहरे की समस्याएं अक्सर बढ़ जाती हैं. यही वजह है कि गर्मियों के मुकाबले इस मौसम में चेहरे का बहुत ख्याल रखना पड़ता है. आपने देखा होगा कि सर्दियों में लोग बाजरे की रोटी और हरी सब्जियां बड़े चाव से खाते हैं. वो इसलिए कि बाजरा सेहत  के लिए बहुत अच्छा होता है. पर क्या आप ये जानते हैं कि सर्दियों में बाजरा आपके चेहरे के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. दरअसल, इस मौसम में आपके पोर्स और त्वचा में कई परतें जमा हो जाती हैं. बाजरे का आटा आपके चेहरे से डेड स्किन को हटाने और त्वचा की चमक लौटाने में मदद करता है. वहीं इसे लगाने से ब्लैकहेड्स की समस्या भी दूर हो जाती है. ब्यूटी एक्सपट्र्स की मानें, तो इस साबुत अनाज में रूटीन और विटामिन बी जैसे एक्टिव कंपोनेंट होते हैं, जो आपको क्लीयर और मॉश्चुराइज्ड स्किन प्रदान करते हैं. तो आइए हम आपको बताते हें कि बाजरे का फेसपैक कैसे बनाया जाता है और बताएंगे इससे होने वाले फायदों के बारे में भी.

त्वचा के लिए फायदेमंद बाजरा

अच्छी बात ये है कि सर्दियों में बाजरा आपको हर जगह आसानी से मिल जाएगा. इस मौसम में आपकी त्वचा पर गंदगी जमा हो जाती है, ऐसे में यह डेड स्किन को हटाने का काम करता है. सर्दियों में आपकी त्वचा में निखार लाने का यह बेहतरीन नुस्खा है. इतना ही नहीं सर्दियों में जिन लोगों की त्वचा बहुत ऑयली हो जाती है, उनके लिए बाजरे का फेस पैक बहुत फायदेमंद साबित  होता है. इसे लगाने के बाद चेहरे पर एक्स्ट्रा ऑयल की टेंशन दूर हे जाती है और चेहरे का रंग पहले से काफी साफ हो जाता है. इसके अलावा बाजरा नए स्किन सेल्स के निर्माण को बढ़ावा देता है, फाइन लाइन्स और झुर्रियों को भी उम्र से पहले चेहरे पर झलकने नहीं देता.

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बाजरे का फेस पैक कैसे बनाएं-

बाजरे का फेस पैक बनाने के लिए सामग्री-

बाजरे का आटा- 2 बड़े चम्मच

गुलाबजल- आधा छोटा चम्मच

कच्चा दूध- आधा कप

बाजरे का फेस पैक बनाने की विधि-

बाजरे का फेस पैक बनाने के लिए 1 कटोरी लें. इसमें बाजरे का आटा डालें और कच्चा दूध मिलाकर पेस्ट बना लें. जब दोनों सामग्री अच्छे से मिक्स हो जाएं, तो इसमें गुलाबजल मिला लें. तैयार फेस पैक को अपने चेहरे पर लगाएं. इससे आपकी त्वचा में निखार आ जाएगा.

बाजरे का फेस पैक इस्तेमाल करने के तरीके-

– आप बाजरे के फेस पैक को क्लींजर की तरह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं.

– इसके अलावा इस फेस पैक को अपनी गर्दन और चेहरे पर अच्छे से लगाएं. फिर कम से कम 20 से 25 मिनट बाद अपने चेहरे को साफ कर लें. जब आपके चेहरे से फेस पैक सूख जाए, तो इस पानी का छिड़काव करके इसे गीला कर लें. अब हल्के हाथों से चेहरे की मालिश कर पैक हटाएं.

– आप चाहें, तो इस फेस पैक को आप स्क्रब की तरह भी यूज कर सकते हैं. इससे सर्दियों में चेहरे की डेड स्किन निकल सकती है. इसका इस्तेमाल हफ्ते में एक बार करना अच्छा है.

बाजरा खाने के फायदों को तो आपने जरूर आजमाया होगा, लेकिन अब त्वचा पर बाजरे के फायदे जानने हैं, तो बाजरे के आटे से बना नेचुरल फेस पैक जरूर ट्राय करें. फिर देखिएगा, आपकी स्किन पहले से ज्यादा ग्लो करने लगेगी.

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Winter Special: सर्दियों में कैसे करें स्किन की केयर

सर्दी का मौसम आते ही त्वचा संबंधी समस्याएं विकराल रूप ले लेती हैं. सर्दियों में नमी की कमी के कारण त्वचा में रूखापन बढ़ने लगता है, जिस के कारण त्वचा बेजान व रूखी नजर आती है. त्वचा में खिंचाव होने के कारण इचिंग होने लगती है और जब रूखापन अधिक होने लगता है तो त्वचा में स्क्रैच पड़ने लगते हैं. इस वक्त शरीर व त्वचा को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत पड़ती है. आइए जानते हैं कैसे करें सर्दियों में अपनी देखभाल…

• सूर्य की अल्ट्रावायलट किरणों से झांइयां, टैनिंग जैसी समस्याएं पैदा होती हैं. इसलिए जब भी धूप का आनंद लेना हो, तो एस.पी.एफ. 15 से 30 तक कोई भी लोशन बौडी पर लगा लें और सीधी पड़ने वाली सूर्य की किरणों से बचें. सर्दियों में सी.टी.एम. यानी क्लींजिंग, टोनिंग एवं मौइश्चराइजिंग को अपने दैनिक क्रियाकलाप में अवश्य शामिल करें. क्लींजिंग जहां डस्ट, पसीने और गंदगी को रिमूव करता है, वहीं टोनर आप की स्किन के पी.एच. को बैलैंस करता है. मौइश्चराइजर त्वचा के रूखेपन को खत्म करने में सहायक होता है.

• फिगारो या बादाम का तेल बौडी मसाज में इस्तेमाल करें. इस में लैवेंडर आयल, रोज आयल एवं वीटजर्म आयल की 4-4 बूंदें मिला कर रखें. नहाने के बाद पूरी बौडी में विंटर केयर या बौडी लोशन इस्तेमाल करें. कोल्ड क्रीम या आयल बेस्ड क्रीम का उपयोग चेहरे के लिए करें. अगर आप विटामिन ई युक्त क्रीम का उपयोग करती हैं, तो यह त्वचा को पोषण देने का कार्य करेगी. सर्दी में हाथों एवं पैरों की नियमित देखभाल करें.

• पैरों के लिए किसी अच्छी कंपनी की फुट क्रीम यूज करें. माह में 1 बार पार्लर जा कर पैडिक्योर अवश्य कराएं ताकि नेल्स की डैड स्किन रिमूव हो सके और फटी एडि़यों का भी ट्रीटमैंट किया जा सके. पैराफिन वैक्स से आप घर में ही अपनी फटी एडि़यों का इलाज स्वयं कर सकती हैं. गरम पैराफिन वैक्स फटी एडि़यों में भर कर क्ंिलग फिल्म से रैप कर 10-15 मिनट रखने से एडि़यां सौफ्ट हो जाती हैं. ग्लिसरीन में नीबू एवं रोज वाटर मिला कर शीशी में भर के रख लें. हफ्ते में 2 बार इसे चेहरे पर लगाएं. होंठों को फटने से बचाने के लिए लिपबाम का इस्तेमाल करें. गुलाब की पंखुडि़यों को भी पीस कर इन में मिला सकती हैं. यह होंठों को कालेपन से बचाता है.

• सर्दियों में मेहंदी का उपयोग कम करें, क्योंकि मेहंदी लगाने से बाल ड्राई होते हैं. अगर बहुत जरूरी हो तो मेहंदी में दही मिला कर लगाएं. बालों में कंडीशनर या हेयर स्पा जरूर लगाएं.

• सर्दियों में मेकअप करते वक्त खयाल रखें कि स्किन को फेसवाश कर मौइश्चराइजर लगा कर 15 मिनट तक छोड़ दें. फिर क्रीम बेस्ड फाउंडेशन यूज करें. लिक्विड आईलाइनर यूज न कर के केक आईलाइनर यूज करें. पेनकेक को वाटर के साथ मिक्स कर लगाने से मेकअप में क्रैक्स नहीं पड़ते.

• सर्दी के मौसम में त्वचा रूखी न हो, इस के लिए जैतून का तेल या बौडी लोशन और वाटर बेस्ड क्रीम इस्तेमाल करें. मौइश्चर कम होने से स्किन में पैच हो जाते हैं. जगहजगह सफेद रंग की स्किन निकलने लगती है. आयल ड्राई होने पर पिंपल्स और एक्नों वाली स्किन हो जाती है. अत: स्किन का ग्लो बना रहे, इस के लिए प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं और फेस पर हाइड्रोमाइश, हाइडे्रटिंग एम्पयूल या मौइश्चराइजर इस्तेमाल करें. माह में 1 बार फेशियल अवश्य कराएं.

• सनबर्न और टैनिंग होने पर ऐंटीटैनिंग पैक लगाएं. सर्दियों में केले और पपीते का पैक लगाएं. मिल्क और हनी का पैक त्वचा में फेयरनैस तो देगा ही, त्वचा में कसाव भी लाएगा. चंदन का तेल ऐंटीसैप्टिक का काम करता है. इसलिए बौडी में इचिंग, स्क्रैचेस पड़ने पर जैतून के तेल में चंदन का तेल मिला कर उस जगह पर लगाने से फायदा होगा. पिंपल्स व एक्ने होने से रोकने के लिए कुकुंबर जैल में ट्रीट्री आयल की 2 बूंदें डाल कर रात में सोने के पहले पिंपल्स वाली जगह पर लगाएं. पपीता एंजाइम लोशन से डेली हलके हाथों से 5 मिनट तक मसाज करें. अरोमा का क्लौव पैक लगाएं.

• सर्दियां आते ही जहां चटपटे, मसालेदार खाने में रुचि उत्पन्न होती है, वहीं तीजत्योहारों से भरे मौसम में तलाभुना, मिठास से भरपूर स्वादिष्ठ व्यंजन भी हमारे आहार में शामिल होता है. यह खानपान न केवल हमारी पाचन प्रणाली को, हैल्थ को भी नुकसान पहुंचाता है. हमारी त्वचा में भी कई समस्याएं पैदा करता है. जहां सर्दियों में त्वचा में नमी की कमी के कारण रूखापन, क्रैक्स, इचिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, वहीं गलत खानपान से पिंपल्स, ब्लैकहैड्स आदि समस्याओं से भी रूबरू होना पड़ता है.

• सर्दियों में आप तलाभुना स्वादिष्ठ भोजन संयमित मात्रा में लें, परंतु इस के साथ वाक, एक्सरसाइज एवं वर्कआउट अवश्य करें. सुबह की ताजा हवा आप को नमी व शुद्ध आक्सीजन भी देती है. इस मौसम में मौसंबी, अनार एवं पपीते का शेक अवश्य लें. पपीता पाचन में तो सहायक होगा ही, आप को पिंपल्स और एक्ने होने से भी बचाएगा. अंकुरित चने, मूंग, मटर, लोबिया को नीबू, नमक के साथ सलाद के रूप में अवश्य लें. रोजाना जूस, सूप या कोई भी लिक्विड अवश्य लें. बासी व ठंडे खाने से बचें.

Skin Tone हल्‍का करने के लिये नेचुरल Bleach

आपकी त्वचा की स्थिति इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आप त्वचा पर क्या लगाती हैं परंतु इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप क्या खाती हैं तथा आप अपनी त्वचा की देखभाल किस तरह करती हैं. अपना त्वचा को हाथ लगाने से बचें, केमिकल आधारित उत्पादों का उपयोग न करके अपने रोम छिद्रों को बंद होने से बचाएं, त्वचा के लिए सुरक्षित क्लीन्ज़र्स का उपयोग करें और सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात कि अपने शरीर को हाइड्रेट रखें.

बाहर जाने से 30 मिनिट पहले सनस्क्रीन लगायें, सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक धूप में न जाएँ तथा चेहरे को बचाने के लिए उसे स्कॉर्फ से न ढंके. ऐसा करने से बाहर के बैक्टीरिया और धूल आपके स्कॉर्फ में फंस जाते हैं जो त्वचा की सतह से रगड़ खाने के बाद खुजली का कारण बन सकते हैं.  यहां त्वचा की रंगत को निखारने के लिए कुछ प्राकृतिक तरीके बताए गए हैं.

1. संतरे

संतरे में सिट्रिक एसिड और विटामिन सी पाया जाता है जो त्वचा को प्राकृतिक रूप से ब्लीच करता है.

इसका उपयोग कैसे करें

एक चम्मच संतरे के छिलके के पाउडर को दूध के साथ मिलकर पेस्ट बनायें. इसे अपनी गर्दन और चेहरे पर लगायें. इसे सूखने दें तथा बाद में धो डालें. उत्तम परिणामों के लिए इस आयुर्वेदिक उपचार को प्रतिदिन अपनाएं.

2. हल्दी

हल्दी में प्राकृतिक एंटी ऑक्सीडेंटस पाए जाते हैं तो त्वचा से विषारी पदार्थों को बाहर निकालते हैं तथा टैनिंग को दूर करते हैं.

इसका उपयोग कैसे करें

एक चम्मच हल्दी में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दही मिलाकर पेस्ट बनायें. इस पेस्ट की पतली परत अपने चेहरे और गर्दन पर लगायें. इसे 30 मिनिट तक सूखने दें फिर धो कर साफ़ कर लें.

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3. पपीता

पपीते में विटामिन ए, सी और एंजाइम्स होते हैं जो त्वचा को पुनर्जीवित करते हैं तथा त्वचा की रंगत को निखारते हैं.

इसका उपयोग कैसे करें

एक पके हुए पपीते का गूदा लें तथा इसमें एक चम्मच नीबू का रस मिलाएं. इसे गीले चेहरे पर लगायें. इसे 30 मिनिट तक लगा रहने दें तथा बाद में धो डालें. यह स्किन को प्राकृतिक रूप से ब्लीच करने का सबसे सुरक्षित तरीका है.

4. आंवला

आंवला या भारतीय गूसबेरी एंटीऑक्सीडेंटस, विटामिन सी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरा हुआ है अत: यह आपकी त्वचा के लिए एक वरदान है. फाइन लाइंस को दूर करना, त्वचा की रंगत को सुधारना तथा त्वचा में कसाव लाना आदि सब कुछ आंवला कर सकता है.

इसका उपयोग कैसे करें

एक चम्मच आंवले का रस लें तथा इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं. रुई का एक फाहा लें तथा इस घोल में डुबायें, अतिरिक्त घोल को निचोड़कर निकाल दें तथा इसे थपथपा कर अपने चेहरे पर लगायें. इसे सूखने दें तथा बाद में धो डालें. उत्तम परिणामों के लिए इसे प्रतिदिन रात में सोने से पहले लगायें.

5. मूली

मूली में त्वचा की रंगत निखारने के गुण होते हैं जो त्वचा को एक सप्ताह में गोरा बना सकते हैं तथा त्वचा में कसाव ला सकते हैं.

इसका उपयोग कैसे करें

मूली को कद्दूकस करके इसका रस निकाल लें. इसे अपने चेहरे पर लगाकर छोड़ दें तथा 15 मिनिट बाद धो डालें.

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6. दही

दही में लेक्टिक एसिड पाया जाता है जो त्वचा की अशुद्धियों को दूर करता है त्वचा को एक्स्फोलियेट करता है (मृत त्वचा को निकालता है) और रोम छिद्रों को खोलता है जिससे त्वचा उजली होती है.

इसका उपयोग कैसे करें

प्रतिदिन रात में सोने से पहले चेहरे पर दही लगायें. इसे 15 मिनिट तक लगा रहने दें तथा बाद में धो डालें. उत्तम परिणामों के लिए प्राकृतिक स्किन ब्लीचर्स का उपयोग प्रतिदिन करें.

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