ऐसे चश्में से छुड़ाएं स्क्रैच

चश्मे पर स्‍क्रैच पड़ जाने की वजह से हमें नया चश्मा बनवाना पड़ता है, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे, जिसका इस्तेमाल करके आप चश्मों पर पड़ने वाले स्क्रेच को आसानी से दूर कर सकते हैं. तो आइए आपको बताते हैं कैसे करें चश्मों पर लगने वाले स्क्रैच को दूर…

1. नारियल का जमा हुआ तेल करे इस्तेमाल

प्‍ला‍स्‍टिक आई रिपेयर के लिए, नारियल का जमा हुआ तेल या फिर मोम काम आ सकता है. इनको लगाने के बाद चश्‍में को कपड़े से पोंछ दीजिए.

2. टूथपेस्ट है बेस्ट

घर में आपका टूथपेस्‍ट इस कार्य को आसानी से कर सकता है. एक कपड़े से टूथपेस्‍ट ले कर चश्‍में के स्‍क्रैच वाले स्‍थान पर धीरे धीरे रगडिए और देखिए कि निशान हल्‍का हो चुका होगा.\

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3. मैटर पौलिश से चमकाएं चश्मा

आप जिससे अपनी कार के शीशे को साफ करती हैं, यानी की विंडशीट वाटर रैपेलेंट के दा्रा स्‍क्रैच को साफ कर सकती हैं. इसके अलावा मेटल पौलिश से भी यह कार्य बड़ी आसानी से किया जा सकता है.

4. बेकिंग सोडा करें इस्तेमाल

थोड़ा सा बेकिंग सोड़ा और पानी लेकर पेस्‍ट तैयार करें और उसे स्‍क्रैच वाले स्‍थान पर लगा दें. इससे आपके चश्‍में बिल्‍कुल ब्रैंड न्‍यू लगने लगेगें.

5. बेबी शैंपू का करें इस्तेमाल

एक बूंद बैबी शैंपू लेकर एक सूती कपड़े की मदद से इसे अपने चश्मे पर पड़े स्क्रैच पर रब करें. इस शैंपू में केमिकल नहीं होता है और केमिकल फ्री साबुन लेंस को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. साथ ही शीशे पर से स्क्रैच दूर हो जाते हैं.

6. एल्कोहल है सही तरीका

आप अपने चश्मे को साफ करने के लिए आप एल्कोहल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके लिए एक माइक्रोफाइबर कपड़े या सूती कपड़े का इस्तेमाल कर सकते हैं. एल्कोहल की कुछ बूंदे लेकर कपड़े पर लेकर इनसे आप अपने चश्मों को रब करें. इससे आपके शीशे साफ हो जाएंगे. [ये भी पढ़ें: बोतल का पानी खुलने के बाद कितने समय तक पीने लायक रहता है.

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7. सफेद सिरका

आपके चश्मे को साफ करने के लिए किचन में मौजूद व्हाइट विनेगर या सफेद सिरका का इस्तेमाल कर सकते हैं. सफेद सिरका में थोड़ा बेकिंग सोडा मिला लें. इससे चश्में को रब करें और स्क्रैच से निजात पाएं.

कभी कभी रेफ्रिजरेटर में अपने चश्मे को रखने से और उस पर बर्फ के थक्‍को को हटाने पर भी खरोंच कम हो जाती है. इसको आप आजमा सकती हैं.

सोलो ट्रिप न भूलें  बातें

सोलो ट्रिप पर जाने के लिए केवल घूमना जरूरी नही है. आप अपनी सोलो ट्रिप को कैसे इन्जौय करें, इसके लिए आज हम आपको टिप्स बताएंगे.

1. अकेले घूमने वालों को हमेशा अपने साथ एक गेम जैसे चेस, ताश, लूडो आदि रखना चाहिए. पूरी दुनिया के लोग इस तरह के गेम खेलने का आनद लेते हैं. गेम के बहाने वे आप से जुड़ सकते हैं.

2. सामान जितना कम होगा ट्रैवलिंग का मजा उतना ज्यादा आएगा. वरना घूमने से पहले सामान रखने के लिए क्लॉकरूम और होटल ढूंढने में ही वक्त, ताकत और पैसा खर्च होता रहेगा.

3. अपने साथ बहुत सारे कपड़े या सामान रखने के बजाय होठों पर मुस्कान और मन में धैर्य ले कर चलिए. इसी तरह दूसरों से अपेक्षाएं न रखें. इन्हें घर में ही छोड़ कर आगे बढ़े.

4. लोकल मार्केट में घूमना न भूलें. यहाँ आप को सांस्कृतिक, सामाजिक और पारिवारिक विभिन्नताओ के बीच एक जुड़ाव महसूस होगा. लोग हमेशा आप को कुछ नया सिखाने को तत्पर मिलेंगे.

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5. अजनबियों से दोस्ती करें. खास कर ऐसे अजनबियों से दोस्ती करने का मौका कतई न चूकें जिन के पास हर तरह के ज्ञान का भंडार हो. अकेले घूमते हुए अपने आप को अजनबियों से दोस्ती का तोहफ़ा दीजिए. उन से सवाल पूछिए. हर विषय पर उन के विचार जानिए.

6. ध्यान रखें कि आप दिन की रोशनी में ही अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएं. जब भी आप को किसी नई जगह जाना हो तो दिन का समय चुनिए. क्यों कि दिन में रास्ता ढूंढना आसान होता है. दिन में आप खुली हुई दुकानों या आतेजाते लोगों से सही दिशा का पता लगा सकते हैं.

7. आप अकेले निकलें हैं तो छोटीछोटी चीजें अब्जॉर्ब कर बहुत कुछ सीख सकते हैं. कभी पार्क की बेंच पर, कभी किसी कैफे में बैठ कर और कभी यों ही कहीं खड़े हो कर लोगों की गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं. इस से आप को बहुत कुछ नया जानने को मिलेगा.

8. जब आप अकेले ट्रेन में हो तो अपने सामान का खास ख़याल रखें. सब से पहले तो बड़े सामान सीट के नीचे डाल कर चेन लगा ले. इन के अलावा यदि बैगपैक पास में है तो उसे भी बगल की सीट से बांध दीजिए ताकि कोई चुपके से इसे उठा कर चलता न बने.

9. झपटमारों और पीछा करने वालों से सावधान रहें. अपने आसपास के लोगों पर नजर रखें. ध्यान रखें कि भले ही आप अकेले होने के बावजूद कंफर्टेबल महसूस कर रहे हो मगर सामने वाला बहुत ही चालाकी से आप पर नजर रख सकता है. डरें नहीं मगर आप अकेले हैं इसलिए झपटमारों से ख़ास सावधान रहे.

10. यदि आप किसी सुनसान इलाके की तरफ जा रहे हैं तो किसी न किसी को यह बात बता कर निकलिये कि आप कहां जा रहे हैं. क्यों कि यदि आप किसी प्रॉब्लम में फंस जाएं तो कोई तो हो जो आप की खोज खबर ले सके.

11. जिंदगी में जब भी आप अकेले निकले तो अपने साथ कुछ खानेपीने की हैल्थी चीजें जैसे नट्स, ड्राइफ्रूट्स, डार्क चॉकलेट वगैरह रख लें ताकि आप जब चाहें अपनी एनर्जी वापस पा सकें और स्नैक्स खिला कर दूसरों से भी दोस्ती बढ़ा सकें.

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सफर में कहीं न हो जाए बैगपैक चोरी

जब आप अकेले सफर कर रहे होते हैं तो बैगपैक चोरी हो जाने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है. आप ट्रेन में हों या बस में या किसी स्थानीय वाहन पर, आप कभी भी कहीं भी झपटमारों के शिकार बन सकते हैं. बेहतर होगा कि आप सफर के लिए ऐसे बैग का चुनाव करें जो कैरी करने में आसान होने के साथ ही चोरी होने से भी आसानी से बचाए जा सकें. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही बैग्स के बारे में जो भीड़भाड़ में आसानी से छीने न जा सकें.

1. डोरी वाला बैगपैक

कोशिश करें ऐसा बैगपैक खरीदने की जिन में डोरियां लगी होती हैं. ये जिप से भी जुड़ी होती हैं. जब आप बैग बंद करें और सफर के लिए निकलें तो इन डोरियों को अपने कमर से बाँध लें. ताकि यदि कोई आप का बैग खोलने की कोशिश करेगा आप को पता चल जाएगा.

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2. अलार्म वाला बैगपैक

आप चाहें तो अपने बैग में एक ऐसा डिवाइस लगवा सकते हैं जिसे टच करते ही अलार्म बजना शुरू हो जाए. इस से कोई भी आप के बैग में हाथ लगाएगा तो आप सतर्क हो जाएंगे.

3. लौक करें बैगपैक

जब भी अकेले सफर पर निकलें तो बैग में लौक लगाना न भूलें. इस से बैग में रखे कीमती सामानों को कोई चुरा नहीं सकेगा. आप पूरे रास्ते निश्चिंत हो कर सफर कर सकेंगे और आप का सामान भी सुरक्षित रहेगा.

4. पैसे अलग-अलग जगह रखें

मान लीजिए आप कहीं घूमने निकले और अपना सारा सामान एक जगह रख कर उस जगह का आनंद लेने लगे. अचानक आप का ध्यान जाए कि सामान तो कहीं गायब हो गया. आप पूरी तरह से खाली हो गए. आप ने सारे रूपए अपने बैग में रखे थे. उस समय आप को पछतावा होगा कि सारा समान एक ही जगह क्यों रख दिया.

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आ गया बागबानी का सीजन

बागबानी का शौक हर किसी को होता है, इस शौक को चाहे वह अपनेआप लग कर पूरा करे या फिर माली रख कर. मगर बागबानी का शौक पूरा करने के लिए कुछ समय तो देना ही पड़ता है. पूरे बाग को रंगबिरंगे फूलों से सजाने के लिए पेड़पौधों का, गमलों का ध्यान तो रखना ही पड़ेगा. ऐसा नहीं है कि सिर्फ 4-5 पौधे लगाए और पूरा बाग सज गया या सिर्फ गमले में पानी भर दिया और हो गई बागबानी.

पौधे लगाने के बाद उन की उचित देखरेख भी जरूरी है. जरूरत पड़ने पर उन में खाद और कीटनाशक का भी प्रयोग किया जाता है. गमलों का प्रयोग, किस तरह का बीज बोएं, कितनी धूप दिखानी है, कितना तापमान पौधे के लिए जरूरी है? कितना पानी, कितनी उर्वरक देनी जरूरी है? इन सब बातों का ध्यान रखना पड़ता है, कुछ यों:

मौसम: बरसात के मौसम में जहां गुलमेहंदी, गमफरीना, नवरंग, मुर्गकेश आदि पौधे लगाए जा सकते हैं वहीं सर्दी के मौसम में पैंजी, पिटुनिया, डहेलिया, गैंदा, गुलदाऊदी आदि लगाए जा सकते हैं. इन के अलावा बारहमासी फूलों के पौधे जैसे गुड़हल, रात की रानी, बोगनविलिया आदि भी लगाए जा सकते हैं. यह जरूरी नहीं है कि आप ढेरों पौधे लगाएं. आप उतने ही पौधे लगाएं, जितने की देखरेख आसानी से कर सकें.

रंगबिरंगे फूल जो सितंबर माह से नवंबर तक खिलते हैं, वे कई तरह के होते हैं. उन में सेवंती और गेंदे के ढेर सारे विकल्प नर्सरी में उपलब्ध होते हैं. सितंबर से ले कर नवंबर के शुरुआती दिनों तक कभी भी इन्हें लगा सकते हैं.

यदि सिर्फ फूल वाले पौधे लगाना चाहते हैं, तो पिटुनिया, सालविया, स्वीट विलियम, स्वीट एलाइसम, चाइना मोट, जेनिया, गुलमेहंदी, गमफरीना, सूरजमुखी और डहेलिया जैसे विकल्प चुन सकते हैं और यदि सजीले पौधों से बगीचे को सजाना है, तो कोलियस इंबेशन आदि बैस्ट हैं.

कुछ पौधे जैसे मनीप्लांट, क्रोटौन, कैक्टस और ड्राइसीना इनडोर प्लांट हैं यानी हम ये पौधे, छाया में, कमरे में कहीं भी लगा सकते हैं.

इन सब में मनी प्लांट आसानी से मिलने वाला और हमेशा हराभरा रहने वाला पौधा है. इस के हरे पतों पर हलके हरे सफेद धब्बे सुंदर लगते हैं.

ऐसा ही एक और इनडोर पौधा है कैक्टस. इन कांटेदार पौधों की भी देखभाल करनी पड़ती है. इन्हें लगाते समय मिट्टी में नीम खली, गोबर की खाद और रेत बराबर मात्रा में मिलाना चाहिए. पानी काफी कम देना पड़ता है. हर साल पेड़ को निकाल कर सड़ी जड़ें काट देनी चाहिए और फिर से इन्हें गमले में लगा देना चाहिए. बहुत तेज धूप होने या तेज बरसात में पौधों को छाया में ही रखना बेहतर होता है. अपने समय से इन में फूल आते हैं, जिन की खूबसूरती देखते ही बनती है.

गेंदा: गैंदे की पौध साल में 3 बार लगा सकते हैं. नवंबर, जनवरी और मईजून में. यह कीड़ों से सुरक्षित रहता है. इस की कई किस्में होती हैं. जैसे हजारा, मैरी गोल्ड, बनारसी या जाफरानी जो कि बहुत छोटे फूल देता है. यदि इस के फूलों को सुखा कर रख लें तो इस से अगली बार की पौध तैयार कर सकते हैं. सूखा फूल बीज के लिए तैयार हो जाता है.

गुड़हल: दूसरा फूल है गुड़हल का. इसे सितंबर से अक्तूबर में लगाना चाहिए. गुड़हल कई रंगों का होता है. जैसे लाल, गहरा लाल, गुलाबी, बैंगनी, नीला आदि. समयसमय पर इस में खाद डालते रहना चाहिए. नियमित सिंचाई भी जरूरी है.

सूरजमुखी: एक खूबसूरत पौधा है सूरजमुखी. इस के कई साइज हैं. बड़ा सूरजमुखी गोभी के फूल से भी बड़ा होता है. इस के बीजों से तेल भी निकाला जाता है. छोटा सूजरमुखी ढेर सारे पीले फूल देता है. इसे अप्रैल में लगाना चाहिए. यह बगीचे की शान बढ़ाता है.

जीनिया: एक और सुंदर दिखने वाला पौधा है जीनिया. यह 3 किस्मों में मिलता है. बड़े फूलों वाला, छोटे पौधे और कम अगेन किस्म. छोटी किस्म पर्सियन कारपेट कहलाती है. इसे अगस्त या सितंबर में लगाना चाहिए, ताकि बरसाती कीड़ों से बचाया जा सके. इस के कागज के जैसे रंगीन फूल पेड़ पर कभी नहीं सूखते.

तुलसी: यह लगभग हर घर में मिलता है. इस की 3 किस्में होती हैं- रामा तुलसी, श्यामा तुलसी और बन तुलसी. वर्ष में कभी भी  लगा सकते हैं. रामा और श्यामा का प्रयोग घरों में ज्यादातर होता है. यह कई औषधीय गुणों वाला पौधा है. यह पौधा वातावरण को शुद्ध रखता है. इस की पत्तियों को चबाने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है.

डहेलिया: डहेलिया को क्यारियों और गमलों दोनों में उगाया जा सकता है. इसे उगाने के लिए पूर्णरूप से खुला स्थान चाहिए, जहां कम से कम 4 से 6 घंटे धूप आती हो.

ऐस लगाएं पौधे

पौध लगाने की सब से अच्छी विधि कटिंग द्वारा पौधा तैयार करना है. पुराने पौधों की शाखाओं के ऊपरी भाग से 8 सैंटीमीटर लंबी कटिंग काट लें. इन को मोटे रेत में 2 इंच की दूरी पर डेढ़ इंच गहराई में लगाएं. लगाने के बाद 3 दिन तक कटिंग लगाए गए गमलों को छायादार स्थान पर रखें. इन से 15 दिन के बाद जड़ें निकल आती हैं. इस के बाद ही इन्हें 10 से 12 इंच के गमलों में लगाते हैं. ये पौधे ज्यादा धूप या पानी से मुरझा जाते हैं, इस बात का विशेष ध्यान रखें.

यदि पौधे को गमले में उगाना है, तो उस में 3 हिस्से मिट्टी एवं 1 भाग गोबर की खाद मिला कर भर दें. ऊपर का हिस्सा कम से कम

1 से डेढ़ इंच खाली हो ताकि पानी के लिए जगह मिल सके. एक गमले में एक ही पौधा रोपें. पौधा रोपने के तुरंत बाद पानी देना चाहिए और

यदि क्यारी में लगाया हो तो 40-50 सैंटीमीटर दूरी पर रोपें. क्यारी को 10-12 इंच गहरा खोद लें. इस के बाद 100 ग्राम सुपर फास्फेट, 100 ग्राम सल्फेट पोटैशियम, 25 ग्राम मैग्नीशियम सल्फेट प्रति वर्ग मीटर क्षेत्र के हिसाब से दें. साथ ही फूलों में चमक लाने के लिए खड़ी फसल में 1 चम्मच मैग्निशियम सल्फेट को 10 लिटर पानी में घोल कर छिड़काव कर दें.

क्यारियां कंकड़पत्थर रहित होनी चाहिए. उन की मिट्टी में 5 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से गोबर की खाद अवश्य मिला दें (3 हिस्से मिट्टी+1 हिस्सा गोबर की खाद+25 ग्राम यूरिया+50 ग्राम डीएपी+25 ग्राम हड्डी की खाद+रेता).

अगर आप डहेलिया को गमलों में उगाना चाहते हैं तो गमले कम से कम 12 से 14 इंच के अवश्य लें. मिट्टी व गोबर की खाद की बराबर मात्रा को गमलों में भर दें. ध्यान रहे गमले का ऊपरी हिस्सा कम से कम 2 से ढाई इंच खाली हो ताकि गमलों में पानी के लिए जगह मिल सके.

गरमी पड़ने पर सप्ताह में 2 बार पानी देने की जरूरत पड़ती है. जाड़े के मौसम में 8 से 10 दिनों के अंतराल पर पौधों को पानी देना चाहिए.

 – मोनिका अग्रवाल  किसान नर्सरी, मुरादाबाद से बातचीत पर आधारित

DIWALI 2019: गोल्ड खरीदने के गोल्डन रूल्स

भारत में गोल्ड को लग्जरी से ज्यादा इन्वैस्टमैंट के रूप में देखा जाता है. फिर सोने की लगातार बढ़ती कीमत ने इस बात को साबित भी कर दिया है कि गोल्ड निवेश का एक अच्छा जरीया है.

फाइनैंस सलाहकार अभिनव गुलेचा कहते हैं, ‘‘गोल्ड में निवेश करने से महिलाओं के दोनों शौक पूरे हो जाते हैं. पहला उन के गोल्ड कलैक्शन में इजाफा हो जाता है और दूसरा उन की इन्वैस्टमैंट की ख्वाहिश भी पूरी हो जाती है.’’

सोने में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. गहनों के रूप में या फिर सिक्कों के रूप में सोना खरीदने के अलावा भी सोने में और कई तरीकों से पैसे लगाए जा सकते हैं. इन के अलावा सोने में निवेश के लिए म्यूचुअल फंड प्रारूप भी उपलब्ध है. गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड फंड भी अच्छे विकल्प हैं. यह निवेशक की अपनी सहूलियत पर निर्भर करता है कि वह इन में से किस विकल्प को चुनता है. आइए, इन विकल्पों पर एक नजर डालते हैं.

1. गोल्ड ईएमआई स्कीम

गोल्ड में निवेश का यह सब से आसान तरीका है. आजकल हर ज्वैलरी ब्रैंड गोल्ड पर तरहतरह की स्कीमें ला रहा है. जैसे 12 महीनों में 11 किस्तें ग्राहक भरे और 12वीं किस्त ज्वैलरी ब्रैंड खुद भरेगा. यदि आप 1,000 की किस्त हर महीने भरें तो 12वें महीने एक निश्चित तिथि पर आप 12,000 की कोई भी गोल्ड ज्वैलरी ले सकती हैं. लेकिन अभिनव की मानें तो यह ज्यादा फायदे का सौदा नहीं है. वे कहते हैं, ‘‘इस तरह की स्कीम तब फायदेमंद होगी जब आप को अपना ज्वैलरी कलैक्शन बढ़ाना हो, क्योंकि इस स्कीम से आप को जमा की गई किस्तों के मूल्य की ज्वैलरी ही मिलेगी. यदि आप इसे पैसों में कन्वर्ट कराना चाहें तो भी नहीं करा सकतीं.’’

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2. गोल्ड फ्यूचर्स

गोल्ड फ्यूचर्स के जरीए सोना खरीदने के लिए पूरी राशि की जरूरत नहीं पड़ती. इस प्रक्रिया में मार्जिन मनी से काम चल जाता है. किसी भी वक्त सौदा किया जा सकता है और समाप्त भी. इस में लिक्विडिटी की समस्या नहीं होती. आप चाहें तो कैश में सौदे का निबटान कर दें या फिर इस की फिजिकल डिलिवरी ले सकती हैं.

आप के पास यह सुविधा भी होती है कि आप अगली ऐक्सपायरी में सौदे को रोलओवर कर लें. लेकिन इस के कुछ नुकसान भी हैं. पहली बात तो यह कि फ्यूचर्स में जोखिम अधिक होता है. इस के अलावा सौदे की ऐक्सपायरी से पहले आप को निर्णय लेना ही होता है. गोल्ड फ्यूचर्स में खरीदारी और बिक्री दोनों ही वक्त ब्रोकरेज देना पड़ता है. इसलिए इस प्लान में इन्वैस्ट करने से पहले किसी अच्छे इन्वैस्टमैंट सलाहकार से राय जरूर ले लें.

3. गोल्ड फंड

गोल्ड फंड म्यूचुअल फंड का ही एक रूप है, जिस में अंतर्राष्ट्रीय फंडों के जरीए सोने की माइनिंग से संबंधित कंपनियों में निवेश किया जाता है. गोल्ड फंड में निवेश के कई फायदे हैं. यह इलैक्ट्रौनिक फौर्म में रखा होता है, जिस से इस की हिफाजत की चिंता नहीं रहती है. इस तरह की योजनाओं में निवेश करने से निवेशकों को फंड मैनेजर के कौशल और सक्रिय फंड प्रबंधन का फायदा मिलता है.

अभिनव बताते हैं, ‘‘गोल्ड फंड का सब से बड़ा फायदा यह है कि इसे बगैर डीमैट अकाउंट के औपरेट किया जा सकता है और इस में एसआईपी (सिप) सुविधा भी है. सिप के जरीए छोटी रकम से भी निवेश किया जा सकता है. इस प्लान में आप महज कुछ सौ रुपए की राशि से भी सोने में निवेश कर सकती हैं. गोल्ड फंड में सिप से मिलने वाले रिटर्न पर कोई संपत्ति कर भी नहीं लगता. लेकिन इस की कुछ सीमाएं हैं. कौस्ट औफ होल्डिंग के हिसाब से गोल्ड फंड ईटीएफ से थोड़ा महंगा पड़ता है.’’

4. गोल्ड ईटीएफ

गोल्ड ईटीएफ वे म्यूचुअल फंड होते हैं, जो सोने में निवेश करते हैं और शेयर बाजार में लिस्टेड होते हैं यानी इन के जरीए सोने में निवेश करने के लिए यह जरूरी है कि आप के पास डीमैट और ट्रेडिंग खाता हो. हालांकि यह घरेलू महिलाओं के लिए थोड़ा कठिन है, लेकिन कामकाजी महिलाओं के लिए डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना आजकल कोई मुश्किल काम नहीं है. लेकिन अभिनव की मानें तो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना भले ही आसान है, लेकिन इस की भी अपनी सीमाएं हैं.

वे बताते हैं, ‘‘इस के लिए आप को ब्रोकरेज चार्ज और फंड मैनेजमैंट चार्ज देना होता है. गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने वाले निवेशकों को फंड मैनेजर के कौशल और सक्रिय फंड प्रबंधन का भी कोई फायदा नहीं मिल पाता.’’

पूरे भारत में लोग दीवाली पर सोने की शौपिंग करते हैं. अगर आप भी इस बार दीवाली पर सोना खरीदने का मूड बना रही हैं, तो कुछ बातों का खयाल जरूर रखें. खासतौर पर गोल्ड की क्वालिटी और प्योरिटी का वरना लेने के देने पड़ सकते हैं. आइए, जानते हैं इन जरूरी बातों को:

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5. कैरेट रेटिंग चैक करें

यह सभी को पता होता है कि गोल्ड की प्योरिटी कैरेट से मापी जाती है. कैरेट के मुताबिक ही गोल्ड की कीमत तय की जाती है. प्योर गोल्ड 24 कैरेट में आता है, लेकिन यह बेहद सौफ्ट होता है, इसलिए ज्वैलरी बनाने के लिए इस में कुछ इंप्योरिटी डाली जाती है, जिस से 24 की जगह 22 कैरेट गोल्ड से ज्वैलरी तैयार होती है.

कई बार ज्वैलरी खरीदते वक्त जौहरी ग्राहक को 24 कैरेट गोल्ड कह कर ज्यादा पैसे ऐंठ लेता है जबकि ज्वैलरी हमेशा 22 कैरेट या 18 कैरेट गोल्ड से ही तैयार की जाती है. गोल्ड में कैरेट के हिसाब से ही ज्वैलरी की कीमत लगाई जाती है. इसलिए ज्वैलरी खरीदते समय इस बात का पूरा खयाल रखें कि आप कितने कैरेट की गोल्ड ज्वैलरी ले रही हैं और फिर उसी हिसाब से पेमैंट करें.

6. हौलमार्क चार्ज

हौलमार्क के गहने खरीदते वक्त आप को थोड़ी कीमत अधिक देनी होगी. उस में इस परीक्षण की लागत को भी शामिल किया जाता है. कई बार हौलमार्क के गहनों की कीमत भी अलगअलग दुकानों पर अलगअलग हो सकती है. इसलिए कई जगहों पर पता कर के ही सही जगह से हौलमार्क ज्वैलरी खरीदें.

7. गोल्ड रेट जरूर चैक करें

आप जब गोल्ड खरीदने जाएं तो उस दिन गोल्ड का रेट क्या है, यह जरूर पता कर लें. इस के बाद पेमैंट करते वक्त भी गोल्ड की कीमत जरूर पूछें, क्योंकि गोल्ड की कीमत घटतीबढ़ती रहती है.

8. मेकिंग चार्ज

मेकिंग चार्ज अलगअलग गहनों के मुताबिक अलगअलग होता है, जिसे ज्वैलर्स सोने के गहने बनाने के मेहनताने के रूप में लेते हैं. ऐसे में ज्वैलरी खरीदते वक्त अलगअलग जगहों के मेकिंग चार्ज की जानकारी जरूर लें ताकि आप के गहनों की कीमत में कम से कम मेकिंग चार्ज हो, क्योंकि जब भी आप गहने बेचेंगी मेकिंग चार्ज की कीमत का नुकसान आप को ही उठाना पड़ेगा. ऐसे में कम मेकिंग चार्ज वाली खरीदारी ही फायदे का सौदा है. हां, ध्यान रखें आप सोने में जितने अधिक नगों और डिजाइनों की मांग करेंगी, उन पर मेकिंग चार्ज भी उतना ही अधिक होगा और फिर सोने की शुद्धता भी उतनी ही कम होगी.

9. रिटर्न पौलिसी जान लें

ज्वैलर या सेल्समैन से रिटर्न पौलिसी और प्रामाणिकता के सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी जरूर ले लें. हो सकता है कल को आप का अपनी ज्वैलरी बेचने का मन बन जाए, तब यह सर्टिफिकेट आप के काम आएगा. दूसरे, इस सर्टिफिकेट से यह भी पता चल जाएगा कि आप ने जो गोल्ड खरीदा है वह असली है. इस बात को याद रखें कि प्योर गोल्ड रिटर्न के दौरान लेबर चार्जेज के अलावा दूसरा कोई चार्ज नहीं काटा जाता.

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DIWALI 2019: इन खूबसूरत कैंडल्स से सजाएं घर

दीवाली के फेस्टिवल में सबसे ज्यादा जरूरी है रोशनी. दिवाली पर अगर घर में रोशनी न हो तो दिवाली का मतलब नही है. रोशनी के लिए हम घर में दीये, लाइट्स और कैंडल लगाते हैं, जो घर को जगमगा देता है. वहीं मार्केट में घरों को अलग लिक देने के लिए मार्केट में कई स्टाइलिश और ट्रेंडी कैंडल आ गई हैं, जो घर को जगमग बनाने के साथ-साथ खूबसूरत लुक भी देगा. आइए आपको बताते हैं ट्रेंडी कैंडल के औप्शन…

1. फ्लेवर्ड कैंडल्स से महकाएं घर

बाजार में अनार, अमरूद, सेब, ब्लू बेरी, स्ट्राबेरी समेत तमाम तरह के फ्लेवर्स में भी कैंडल्स उपलब्ध हैं, जिन्हें खरीद आप अपने घर में खुशबू बिखेर सकती हैं.  सिर्फ फल ह नहीं बाजार में गुलाब, तितली, दिल, कमल, चांद-तारे के शेप वाली बड़ी कैंडल्स भी मिल रहे हैं.

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2. मशाल वाली कैंडल से सजाएं घर

 

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अब कैंडल्स सिर्फ कैंडल्स नहीं रह गईं बल्कि मशाल की शक्ल भी ले चुकी हैं. इसे स्टैंड पर लगाने के लिए इसके पीछे मेटल की स्टिक भी लगी होती है. मशाल कैंडल रात भर आपका घर रोशन कर सकती है. इसके अलावा तोप और साइकिल के डिजाइन वाली जेल कैंडल्स की भी काफी डिमांड है. ये कैंडल्स किफायती होने के साथ-साथ काफी स्टाइलिश भी हैं. इनके जरिये आप अपने घरों का स्टाइल स्टेटमेंट भी बढ़ा सकती हैं.

3. फ्लोटिंग कैंडल है अट्रेक्टिव

बदलते वक्त के साथ-साथ मोमबत्तियों के पैटर्न और डिजाइन में भी बदलाव आ गया है. अब मोमबत्तियां सिर्फ एक जगह रखी-रखी पिघलती नहीं बल्कि तैरती भी हैं. बाजार में कई डिजाइन और शेप की फ्लोटिंग कैंडल्स उपलब्ध हैं. फ्लोटिंग कैंडल्स की काफी वरायटी बाजार में मौजूद है.

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4. रिमोट से जलेगी कैंडल


फ्रेगरेंस और जेल वाली कैंडल्स के अलावा एलईडी कैंडल्स भी बाजारों में इतरा रही हैं. इनमें सबसे खास हैं रिमोट सेंसिंग टेक्नोलाजी से लैस एलईडी कैंडल्स. इसमें 10-12 कैंडल्स का सेट होता है, जो एक-दूसरे से कनेक्टेड रहती हैं और रिमोट के एक-बटन के इशारे पर कैंडल्स झिलमिलाने लगती हैं.

लुभावने औफर्स न निकाल दें दिवाला

फैस्टिव सीजन की शुरुआत होते ही बाजार सुनहरे औफर्स से सराबोर नजर आते हैं और भला डिस्काउंट किसे नहीं भाता. लेकिन ज्यादा बचत का लोभ कई बार आप की जेब ढीली भी करा देता है, क्योंकि बंपर फैस्टिवल औफर्स के चक्कर में काम न आने वाला सामान भी खरीद लिया जाता है, जो आप के लिए फायदे का सौदा न हो कर घाटे का सौदा बन जाता है. ऐसे में इस दीवाली समझदारी से करें खरीदारी.

1. बड़े डिस्काउंट से बचें

आप जब भी सेल सीजन में कुछ खरीदने के लिए निकलें, तो आप को यही सलाह है कि देखें, सोचें और फिर खरीदें. बड़े डिस्काउंट औफर्स के चक्कर में बिलकुल न फंसें. उदाहरण के तौर पर आप एक नौनस्टिक पैन खरीदने के लिए बाजार जाती हैं, तो दुकानदार आप को पैन सैट खरीदने पर 30% की छूट का औफर देता है और आप बचत के चक्कर में एक नौनस्टिक पैन खरीदने के बजाय पूरी नौनस्टिक कुकिंग रेंज घर ले आती हैं और खुद को स्मार्ट खरीदार समझती हैं, जबकि दुकानदार बड़े डिस्काउंट की ऐसी तरकीबों को अपना कर एक पैन के बजाय आप से पूरी नौनस्टिक कुकिंग रेंज खरीदवा देता है और आप की जेब से ज्यादा पैसा निकलवा लेता है.

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2. मुफ्त उपहार के चक्कर में न आएं

कुछ खरीदने पर कुछ मुफ्त मिलना सभी को भाता है. लेकिन सेल में किसी भी आइटम के साथ मिलने वाला मुफ्त उपहार खरीदार को लुभाने का एक तरीका है. एक माइक्रोवेव के साथ फ्री कैसरोल पाएं या राइस कुकर के साथ लंच बौक्स का औफर देख अधिकांश इस तरह के मुफ्त उपहार के लालच

में फंस जाते हैं और दुकानदार की चाल को समझ नहीं पाते कि कोई दुकानदार मुफ्त में कुछ भी नहीं देता है, बल्कि उस ने पहले ही कैसरोल का दाम माइक्रोवेव की कीमत में जोड़ लिया होता है. इसलिए दीवाली पर दुकानदारों के द्वारा दिए जाने वाले इस तरह के लुभावने औफर्स पर गौर जरूर फरमाएं. जो भी खरीदें अकलमंदी से खरीदें.

3. शौपिंग की योजना बनाएं

सेल मतलब फायदे का सौदा और यह सौदा आप के लिए तभी फायदेमंद होगा जब आप समय रहते अपनी खरीदारी निबटा लेंगी. कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जो दीवाली से 2 दिन पहले खरीदारी करने निकलती हैं और सोचती हैं कि आखिरी समय में दाम कम होंगे जबकि होता इस का बिलकुल उलटा है. आखिरी समय में दुकानदार कीमत घटाता नहीं, बल्कि बढ़ा देता है, क्योंकि उसे पता होता है कि त्योहार सिर पर है, तो यकीनन ग्राहक को आइटम किसी भी कीमत पर बेचो उसे खरीदनी ही है. इसलिए स्मार्ट बनें और शौपिंग ऐडवांस में करें.

4. स्कीमों से रहें सावधान

आप को हर शोरूम में बाय 2 गैट 1 फ्री या बाय 3 गैट 1 फ्री जैसी स्कीमें देखने को मिल जाएंगी. लेकिन क्या आप को पता है कि ये ग्राहकों को आकर्षित करने और सेल बढ़ाने का एकमात्र तरीका है. दरअसल, दुकानदार को पता होता है कि ग्राहक 40, 50 या 60% छूट पर आकर्षित हो न हो, लेकिन फ्री मिलने वाली चीज पर उस का ध्यान जरूर जाएगा और जब ग्राहक उस के चंगुल में फंस जाता है, तो वह उस से अधिक कीमत वसूल लेता है और उसे सस्ती कीमत वाला फ्री उपहार देता है. इस तरह के औफर्स से बचने का सब से अच्छा तरीका यह है कि अगर आप कीमत कम करना जानती हैं, तो उस के जरीए ही बचत करें न कि इन बाय 2 गैट 1 फ्री के चक्कर में पड़ें.

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5. जिस की जरूरत वही खरीदें

हम सेल के दौरान गजब छूट देख कर मन को काबू में नहीं रख पाते हैं और जरूरत से ज्यादा खरीदारी कर लेते हैं. ऐसे में घर से निकलने से पहले लिस्ट जरूर बना लें ताकि आप का बजट न बिगड़े. जब शौपिंग पर जाएं तो लिस्ट में लिखा सामान ही खरीदें.

6. भारी न पड़े ईएमआई

आजकल लगभग हर बैंक खरीदारी पर नो कौस्ट ईएमआई की सुविधा दे रहे हैं. यह सुविधा तो अच्छी है, मगर यदि इस का बिना सोचेसमझे इस्तेमाल किया जाए तो मुसीबत भी बन सकती है. त्योहारी सीजन में कई बैंक इस पर कम डाउनपेमैंट का औफर भी देते हैं. यहां सावधान रहने की जरूरत है. कम डाउनपेमैंट

के साथसाथ हर महीने आने वाली किश्त का हिसाब भी कर लें. ऐसा न हो कि लालच में आ कर ‘यह भी ले लो वह भी ले लो’ की तर्ज पर खरीदारी कर लें और फिर किश्तें चुकाने में पसीना आ जाए.

7. बस थोड़ी शौपिंग और

मल्टीब्रैंड स्टोर औफर्स की झड़ी लगाने में सब से आगे रहते हैं. आप ने अपनी पसंद और जरूरत का सारा सामान ले लिया और बिलिंग काउंटर पर पहुंच गईं. बिल बनाने वाला बिल बनातेबनाते आप को पौइंट्स से ले कर बचत वाले कई विकल्प बताता रहता है. यदि आप का टोटल क्व2,500 हुआ है तो वह यह भी लालच देगा कि यदि आप क्व500 की शौपिंग और कर लें तो क्व3,000 की कुल शौपिंग पर एक आकर्षक गिफ्ट फ्री है. यदि आप उस के झांसे में आ गईं तो फ्री गिफ्ट के चक्कर में बजट से ऊपर शौपिंग कर लेंगी और जब गिफ्ट खोलने पर सस्ता और गैरजरूरी सामान निकलेगा तो अपना माथा भी पीट लेंगी.

8. डिस्काउंट ट्रैप से बचें ऐसे

– शौपिंग करने के लिए बड़े बाजारों की जगह छोटे और लोकल बाजारों में जाएं. वहां अच्छा विकल्प मिलने के अवसर

बढ़ जाते हैं और ज्यादा डिस्काउंट भी मिलता है.

– मासिक बजट बनाएं और उस पर अडिग रहें. इस तरह आप अधिक खर्च से बच सकती हैं.

– खरीदारी करने से पहले जानकारी इकट्ठी कर लें. अखबार में देखें, इंटरनैट पर खोजें.

– स्टोर पर 40 से 50% से ज्यादा का डिस्काउंट नहीं मिलता, इसलिए इस से ज्यादा डिस्काउंट का इंतजार न करें.

– सेल के शुरुआती समय में ही खरीदारी करने जाएं.

– भीड़ से बचने के लिए दिन के समय और वीक डेज में ही खरीदारी करने जाएं.

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कैशलैस ट्रांजैक्शन है बड़े काम की चीज

एक जमाना था जब रुपए निकालने के लिए बैंकों में लंबी लाइन लगी होती थी. तब नौकरीपेशा व्यक्ति हो या व्यापारी नकदी लेनदेन न सिर्फ मुसीबत भरा था, बल्कि रकम ज्यादा होने पर पुलिस की मदद भी लेनी पड़ती थी. वक्त बदला तो एटीएम लौंच हुए, लेकिन तब भी दिक्कतें कम नहीं हुईं. अब कैशलैस का जमाना आ गया है और यह उन सभी मुसीबतों से छुटकारा दिलाता है जो हम ने इस से पहले झेली थीं. यह न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि आसान भी है.

1. क्या है कैशलैस ट्रांजैक्शन

कैशलैस ट्रांसजैक्शन का मतलब है, जिस में लोगों को हाथ व पौकेट में नगदी रखने की जरूरत नहीं होती है, बल्कि वे इलैक्ट्रौनिक माध्यम यानी इंटरनैट बैंकिंग, क्रैडिट कार्ड, डैबिट कार्ड, यूपीआई, वालेट आदि के जरीए लेनदेन करते हैं. यहां तक कि औनलाइन पेमैंट कर के जीभर कर शौपिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं. इस से शौपिंग, फंड ट्रांसफर करने, बिल पेमैंट करने व रिसीव करने में बहुत आसानी होती है.

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2. लेनदेन में आसानी

इस से वित्तीय लेनदेन करने में आसानी होती है. आप को कैश के लिए बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं, न ही एटीएम जाने की जरूरत पड़ती है. बस कहीं भी बैठे लेनदेन कर सकते हैं, जो मिनटों में होने के साथसाथ आप के समय की बचत भी करता है.

3. पैसा चोरी होने का खतरा नहीं

आज कड़ी सुरक्षा बड़ा सवाल बन गई है. ऐसे में जब भी हम बैंक, एटीएम जाते हैं या फिर किसी को नकदी देते हैं तो हमें यही डर सताता है कि कहीं हम लूट, ठगी आदि का शिकार न हो जाएं. इसी डर के साए में हम पैसों का आदानप्रदान करते हैं जबकि औनलाइन ट्रांजैक्शन हमें इन सभी खतरों से छुटकारा दिलाने का काम करती है. इस में आप बेखौफ पैसों का लेनदेन कर सकते हैं. लेकिन इस बात का खास ध्यान रखें कि अपने अकाउंट डिटेल किसी से भी शेयर न करें और न ही औनलाइन पासवर्ड सेव करें.

4. उठाएं छूट का लुत्फ

कार्ड से ट्रांजैक्शन पर सरकार ने ₹2,000 तक की पेमैंट को सर्विस टैक्स से फ्री कर दिया है, साथ ही अगर आप डिजिटल माध्यम जैसे क्रैडिट कार्ड, डैबिट कार्ड, ई वालेट से ईंधन भरवाते हैं, रेलवे टिकट वगैरह बुक करवाते हैं, तो आप छूट का लाभ उठा सकते हैं.

5. उधार से छुटकारा

शौपिंग पर गए और आप के पास खुले पैसे या कम पैसे होने के कारण आप ने दुकानदार से उधार कर लिया, जिस से धीरेधीरे आप पर उधार बढ़ता ही जाता है. लेकिन कैशलैस सिस्टम आप को इस आदत से छुटकारा दिलाता है. इस में आप को दुकानदार के पास भी खड़े हो कर समय बरबाद करने की जरूरत नहीं होती.

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6. इमरजैंसी में फायदेमंद

मुसीबत कब आ जाए किसे पता होता है. ऐसे में हर किसी के घर में हमेशा कैश रहे यह भी जरूरी नहीं. ऐसे में इमरजैंसी की दशा में यह सुविधा वरदान है. इस से हौस्पिटल में औनलाइन पेमैंट कर के आप मरीज को बेहतर इलाज दे सकते हैं.

7. सुविधा भी कमाई भी

देश अब कैशलैस सिस्टम की तरफ बढ़ रहा है. अपनी रोजमर्रा की चीजों के लिए लोग अब पेटीएम, यूपीआई, गूगल पे आदि का सहारा ले रहे हैं, जिस से मिनटों में चाहे रेल टिकट हो या मूवी टिकट, मैट्रो कार्ड रिचार्ज करवाना हो या फिर शौपिंग वगैरह सब संभव है.

इन से न सिर्फ मिनटों में काम हो जाते हैं, बल्कि इस से मिलने वाले ढेरों औफर्स का भी लाभ उठा पाते हैं. इस तरह के औफर्स आम हैं. वालेट से 10 बार मैट्रो कार्ड रिचार्ज करवाने पर ₹200 का कैशबैक, 6 महीने तक लगातार टीवी रिचार्ज करवाने पर 1 महीने का रिचार्ज फ्री, मूवी टिकट बुक करवाने पर ₹50 रुपए का कैशबैक जैसे औफर आदि. इस तरह यह माध्यम न सिर्फ सुविधा का जरीया है, बल्कि आप की बचत का भी माध्यम बनता जा रहा है.

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त्यौहारों में घर का मेकओवर करें कुछ ऐसे

त्यौहारों में घर की पंटिंग और साफ-सफाई करना तो आम है, पर घर की हर बार नए-नए अंदाज़ में मेकओवर कम बजट में करना एक चुनौती है, क्योंकि इस समय घर को  एक पारंपरिक लुक देने की कोशिश की जाती है. इस बारें में इलिसियम एबोड्स एलएलपी इंटीरियर एक्सपर्ट हेमिल पारिख बताते है कि जब भी घर की साफ-सफाई करते है, तो उसमें से निकाले गए दिए, कैंडल, वाल पेपर आदि जिसकी सजावट आप कर सकते है, उसे एक जगह पर रख दे और जरुरत के अनुसार उसकी सजावट करें. हमेशा नैचुरल तरीके से सजाया गया घर सबकी आकर्षण का केंद्र और फ्रेश लुक देता है. घर को आकर्षक और सुंदर तरीके से सजाने के कुछ टिप्स निम्न है…

1. पुराने चीजों को हटाकर एक साफ-सुथरा दें लुक 

पौजिटिव माहौल के लिए सभी पुराने चीजों को हटाकर एक साफ-सुथरा लुक दें, फूलों की सजावट से घर का परिवेश बहुत ही ताजगीपूर्ण हो जाता है और इससे उसमें रहने वालों का मूड भी फ्रेश हो जाता है, इसमें ताज़े फूलों के प्रयोग करने पर रोज-रोज उसे बदलने की जरुरत होती है,जबकि आर्टिफीसियल फूलों की सहायता से भी घर को सजा सकते है, इसमें गेंदा, गुलाब, बेला, आर्किड, आदि फूलों की माला और स्टिक अधिक खुबसूरत लगता है.

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2. कलरफुल चीजों से सजाएं घर

त्यौहारों में रंग-बिरंगे बल्ब देखने में सुंदर लगते है, जो सही तरीके से हर कमरे में लगाई  जानी चाहिए, यह आपकी खुशहाली को भी बताता है, ऐसे छोटे-छोटे बल्ब से बालकनी और खिडकियों को अलग-अलग आकार के साथ सजाया जा सकता है, इसके अलावा ट्रेडिशनल लैम्प, मिट्टी और पीतल के दिए , एलइडी लाइट,स्ट्रिप्स आदि भी लगाया जा सकता है,

3. सिल्क या ब्रोकेड के कपड़े से दें अलग लुक

फेस्टिवल में सिल्क या ब्रोकेड के कपड़े एक अलग लुक देते है, इसमें पुरानी सिल्क और ब्रोकेड की साड़ियों या दुपट्टों का प्रयोग अच्छी तरह से किया जा सकता है, इसमें लाल, गुलाबी, ऑरेंज, बैगनी आदि चटकीले रंगों को लेकर पर्दें, सोफे और टेबल को क्रिएटिव तरीके से बांधे या बिछा दें, ये अपनी अलग सुन्दरता को फैलाते है.

4. खाली दीवारों को सजाएं

खाली दीवारों को त्यौहार में सजाना अच्छा रहता है, इसके लिए पहले अलग-अलग रंगों को लेकर उन्हें एक वाल गहरा तो दूसरा हल्का शेड, के अनुसार रंग लगा लें, इसमें वाल पेपर भी अच्छा काम करता है,जो सस्ती होने के साथ-साथ आकर्षक लुक भी देता है,

5. गलीचा का औप्शन करें ट्राय

गलीचे को कमरे में सजाना त्यौहारों में अच्छा औप्शन है, एक सुंदर कार्पेट कमरे की सुन्दरता को फर्निचर के साथ आकर्षक बनाती है, फर्निचर के हिसाब से ही कार्पेट का रंग गहरा और हल्का होने की जरुरत है.

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6. फूलों से सजाएं घर

त्यौहारों में रंगोली बनाना आम है, इसके लिए चटकीले रंगों को लेकर खूबसूरत रंगोली बनाकर क्रिएटिव तरीके से दिए या फूलों से सजाया जा सकता है.

7. फूलों या लाइट से रखें सजाकर

अगर घर में पीतल की सजावट की वस्तुएं है, तो उन्हें साफ कर रौशनी युक्त स्थान पर फूलों या लाइट से सजाकर रखे, इससे घर का लुक ट्रेडिशनल हो जायेगा.

8. इसका भी रखें ध्यान

आज के व्यस्त जीवन में समय का अभाव है, ऐसे में कुछ सजावट ऐसी है, जिसे आप तुरंत कर घर को सुंदर बना सकती है, जो इस प्रकार है…

  • क्विक मेकओवर में पर्दे को बदलकर क्लासी लुक दें,
  • छोटे-छोटे प्लांट्स के बबली पौट रखकर उसे रंग-बिरंगी लाइट से सजायें,
  • गोल्डन कलर के डेकोरेटिव पीस को लेकर आकर्षक रूप में सजायें,
  • बाथरूम में नैपकिन, टोवेल्सऔर डोर मैट्स एक ही रंग के रखें,
  • पौट प्यूरी से घर को सुगन्धित बनाएं,
  • सुंदर डेकोरेटिव फ्रेम वाले मिरर से जरुरत के अनुसार सजायें,
  • ब्रास और सिल्वर के एक्सेसरीज को फ्रेश फूलों, लैंप और दिए से सजाने पर ट्रेडिशनल लुक आ जाता है.

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7 नैचुरल फ्रैगरैंस जो घर का कोना-कोना महकाएं

लेखक- पूजा भारद्वाज   

आप का घर सुंदर है, साफ है और सजा हुआ है, लेकिन फ्रैश नहीं है, तो घर आने वाले मेहमानों का ध्यान सजावट पर नहीं, बल्कि घर में मौजूद अजीब सी स्मैल पर जाएगा और उन का वहां बैठना दूभर हो जाएगा. अगर आप ऐसी स्थिति से बचना चाहती हैं और रासायनिक रूम फ्रैशनर नहीं, बल्कि घरेलू फ्रैशनर से घर महकाना चाहती हैं, तो इन टिप्स पर अमल करें:

होममेड फ्रैशनर की बात है अलग

घर को महकाने के लिए वैसे तो बाजार में अनेक प्रोडक्ट्स मौजूद हैं, लेकिन होममेड प्राकृतिक फै्रशनर की बात ही कुछ और है, क्योंकि ये मूड को बेहतर बनाने के साथसाथ वातावरण को भी सुगंधित बनाते हैं और स्वास्थ्य को भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. इन की प्राकृतिक खुशबू इतनी लुभावनी होती है कि तनमन ताजगी से खिल उठता है.

1. बेकिंग सोडा और नीबू

एक कटोरे में पानी भर कर उस में कुछ बूंदें नीबू रस की डालें. नीबू रस में ऐसी ताकत होती है, जो आसपास की स्मैल को कवर कर देती है. इस के अलावा एक कांच कि बोतल में बेकिंग सोडा और नीबू के छोटेछोटे टुकड़े काट कर घर के किसी कोने में रख दें. पूरे घर में खुशबू रहेगी और फ्रैशनैस बनी रहेगी.

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2. कपूर

वैसे तो कपूर का प्रयोग हवन सामग्री में खूब किया जाता है, लेकिन यह घर को फ्रैश करने का भी काम करता है, क्योंकि कपूर जैसे ही हवा के संपर्क में आता है, तो वह उड़ने लगता है और घर को पूरी तरह से महका देता है. अत: इसे होम फ्रैशनर के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है और इसे बनाना भी बेहद आसान है. इस के लिए बस आप को एक जार में कपूर, बेकिंग सोडा, नीबू के छिलके और गुलाब की कुछ पंखुडि़यां डालनी हैं और कांच के जार को किसी सुंदर से नैट से कवर कर रख देना है. यह जब भी हवा के संपर्क में आएगा तो इस से खुशबू उड़ने लगेगी, जिस से घर की बदबू दूर हो जाएगी.

3. फ्लोरल स्प्रे

ताजे फूल घर को सुंदर बनाने और महकाने का काम करते हैं, लेकिन क्या आप को पता है कि सूखे फूल भी आप के घर को महकाते हैं. जी हां, जिन फूलों के सूखने के बाद आप फेंक देती हैं, वे भी घर को खुशबूदार बना सकते हैं. घर को महकाने के लिए इन फूलों के साथ आप को ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी हैं. बस फ्रैश गुलाब की पत्तियां और कुछ सूखे फूल बांध कर घर की किसी खिड़की या टेबल के बीच रखने हैं ताकि जब भी पंखा चले तो हवा से इन की खुशबू पूरे घर में फैल जाए. आप चाहें तो फूलों से एयर फ्रैशनर स्प्रे भी बना सकती हैं. अपनी पसंद के खुशबूदार फूल ले कर उन की पत्तियों को लगभग आधे घंटे तक पानी में उबालें और फिर उस पानी को छान कर स्प्रे बोतल में भर लें. ठंडा होने पर घर में स्प्रे करें.

4. औरेंज पील कैंडल

अगर आप को संतरे की महक रिफ्रैशिंग लगती है और घर के कोनेकोने में इस की महक चाहती हैं तो संतरे के छिलकों को यूज कर औरेंज पील कैंडल से घर को खुशबूदार बना सकती हैं. आप को बस इतना करना है कि इन छिलकों में थोड़ा सा नीबू का रस व जैतून का तेल डालना है, साथ में 10 बूंदें असैंशियल औयल की भी डाल दें.

5. गुलाबजल

घर में गुलाब की लुभावनी महक चाहती हैं, तो अपने इंडोर प्लांट्स और बालकनी में रखे पौधों में गुलाबजल छिड़कें. हवा के साथ इस की महक पूरे घर में फैल जाएगी जो होम फ्रैगरैंस का काम करेगी.

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6. कौफी कैंडल

हम जब कौफी शौप में जाते हैं, तो वहां मौजूद कौफी की महक हमें इतना प्रभवित करती है कि उस कौफी शौप से बाहर निकलने का मन नहीं करता है. अगर आप वैसी ही कौफी की भीनी-भीनी सुगंध अपने घर में भी चाहती हैं, तो कौफी कैंडल का प्रयोग करें. आप इन कैंडल्स को घर पर भी बना सकती हैं. कुछ टी लाइट कैंडल्स को पिघला कर एक जैली जार में भरें और उस के निचले भाग में कौफी पाउडर डाल सैट होने दें. अगर आप इतनी भी मेहनत नहीं करना चाहती हैं तो 1 कप में कौफी बींस भर कर घर के किसी कोने या सैंटर टेबल पर रख दें या फिर किसी पुराने मोजे में कौफी भर कर खिड़की पर टांग दें.

7. एअर फ्रैशनर जैल

ये एअर फ्रैशनर जैल टौक्सिनफ्री होते हैं, इसलिए घर के लिए अच्छे रहते हैं. इन्हें घर पर बनाना काफी आसान भी है. जिलेटिन में अपनी पसंद के किसी भी एसैंशियल औयल जैसेकि लैवेंडर, बेसिल, औरेंज, रोजमैरी आदि यूज किया जा सकता है, जिस से घर का कोनाकोना महक उठता है.

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