2 कदम तुम चलो, 2 कदम हम

पति पत्नी का संबंध बेहद संवेदनशील होता है, जिस में अपने साथी के साथ प्यार होने के साथसाथ एकदूसरे के प्रति अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के निर्वाह का भाव भी होना जरूरी है. जब हम अपने साथी के प्रति अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वाह करते हैं, तो हमें अपने अधिकारों को मांगने की जरूरत नहीं पड़ती. वे स्वत: मिल जाते हैं. लेकिन जब हम अपने कर्तव्यों को तिलांजलि दे देते हैं और अधिकारों की मांग करते हैं, तो फिर यहीं से शुरुआत होती है प्रेमपूर्ण संबंधों में टकराव की. जैसाकि अनिल और रोमा के साथ हुआ.

‘‘यह क्या है, सारे कपड़े बिखरे पड़े हैं. जरा सी भी तमीज नहीं है,’’ घर को अस्तव्यस्त देख कर औफिस से आते ही अनिल का पारा चढ़ गया.

किचन में खाना बनाती रोमा उस की बात सुन कर एकदम से बोल पड़ी, ‘‘सामान बिखरा पड़ा है, तो ठीक कर दो न, क्या मेरी ही जिम्मेदारी है कि मैं ही घर के सारे काम करूं? मैं भी तो औफिस जाती हूं. लेकिन घर आने के बाद सारा काम मुझे ही करना पड़ता है. तुम तो सब्जी तक नहीं लाना चाहते. औफिस से आते ही खाना बनाऊं या घर समेटूं? खाने में देर होने पर भी तुम्हारा पारा चढ़ जाता है. खाना भी समय पर मिलना चाहिए और घर भी सजासंवरा. मैं भी इनसान हूं कोई मशीन नहीं.’’

रोमा की बात सही थी, लेकिन उस का कहने का तरीका तीखा था, जो अनिल को चुभ गया. फिर क्या था छोटी सी बात झगड़े में बदल गई और 3 दिनों तक दोनों में बोलचाल बंद रही.

एकदूसरे को समझें

आमतौर पर ऐसी स्थिति हर उस घर में होती है, जहां पतिपत्नी दोनों वर्किंग होते हैं. वहां काम को ले कर आपस में चिकचिक होती रहती है. इस का कारण यह है कि पति को पत्नी का पैसा तो चाहिए, लेकिन उस के काम में हाथ बंटाना उसे गंवारा नहीं. ऐसा नहीं है कि इस तरह की खटपट सिर्फ कामकाजी पतिपत्नी के बीच ही होती है. जो पत्नियां हाउसवाइफ हैं, उन के पति उन के बारे में यही सोचते हैं कि वे दिन भर औफिस में काम करते हैं और बीवी घर पर आराम करती है. जबकि सच यह है कि हाउसवाइफ भी दिन भर घरपरिवार की जिम्मेदारियों में आराम करने की फुरसत नहीं पाती है. सच तो यह है कि पतिपत्नी के बीच तकरार का कारण उन का एकदूसरे को न समझना और एकदूसरे के काम को कम आंकना है.

जब तक हम अपने साथी के प्रति प्रेम और आदर का भाव नहीं रखेंगे और उसे और उस के परिवार के सदस्यों को अपना नहीं समझेंगे, तब तक हम सुखमय पारिवारिक जीवन की कल्पना चाह कर भी नहीं कर सकते.

प्यार दो प्यार लो

प्यार कभी भी एकतरफा नहीं हो सकता है. अगर आप चाहते हैं कि आप का साथी आप को सराहे, तो इस के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप भी उसे उसी शिद्दत से प्यार करें, जिस तरह से वह करता है. सच तो यह है कि एकतरफा संबंधों की उम्र ज्यादा लंबी नहीं होती है. जब आप किसी के साथ वैवाहिक बंधन में बंध जाते हैं, तो यह बात बहुत ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो जाती है कि आप अपने साथी को उसी रूप में चाहें जैसा वह है. अगर आप उसे बदलने की कवायद में लग जाएंगे, तो आप दोनों के बीच कभी भी सहज प्रेमसंबंध नहीं बन पाएंगे. खुश रहने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप दोनों एकदूसरे से बिना शर्त प्यार करें.

थोड़ा आदर थोड़ा सम्मान

प्यार भरे संबंधों के लिए एकदूसरे को प्यार करने और एकदूसरे की भावनाओं की कद्र करने के साथसाथ यह भी बेहद जरूरी है कि आप अपने साथी को वही आदरसम्मान दें, जिस की आप उस से अपेक्षा करते हैं. अगर आप को अपने साथी की कोई बात अच्छी नहीं लगती है या आप को उस से शिकायत है, तो उसे चार लोगों के सामने बुराभला कहने के बजाय अकेले में बात करना उचित होता है.

माना कि आप की पत्नी ने खाना बनाया और उस में थोड़ा सा नमक ज्यादा हो गया, मगर आप ने उसे परिवार के सभी सदस्यों के सामने खरीखोटी सुना दी. इस से आप की पत्नी की भावनाएं ही आहत नहीं होती हैं उस का सम्मान भी खंडित होता है.

इसी तरह से आप के पति कोई सामान लाएं और उस में कुछ खराब निकल गया और आप ने उन्हें सुना दिया कि आप को तो कोई भी सामान खरीदने का तरीका नहीं आता है. इस से उन की भावनाएं आहत होंगी और आप दोनों के संबंध में न चाहते हुए भी दूरी आने लगेगी. ऐसी स्थिति से बचने के लिए यह जरूरी है कि आप दोनों एकदूसरे की कमियों को दूसरों के सामने जाहिर कर के अपने साथी को अपमानित करने के बजाय एकदूसरे की कमियों को दूर कर के उसे पूरा करने की कोशिश करें. पतिपत्नी एकदूसरे के पूरक होते हैं, आप को अपने जीवन में इस भावना को भरने की जरूरत है. तभी आप अपने जीवनसाथी को पूरा आदरसम्मान दे पाएंगे.

दायित्वों का निर्वाह

कोई भी काम किसी एक का नहीं है. अगर आप अपने मन में यह भावना रखेंगे तो कभी आप दोनों के बीच तकरार नहीं होगी. पतिपत्नी दोनों के लिए यह जरूरी है कि वे किसी काम को किसी एक पर थोपने के बजाय उसे मिलजुल कर करें. ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में जब पतिपत्नी दोनों ही कामकाजी हैं, तो ऐसे में पत्नी से यह अपेक्षा करना कि औफिस से आने के बाद घर समेटना, खाना बनाना, बच्चों को होमवर्क कराना सारी उस की जिम्मेदारी है, गलत बात है. घर आप दोनों का है, इसलिए जिम्मेदारियां भी आप दोनों की हैं. अगर आप दोनों एकसाथ मिल कर दायित्वों का निर्वाह करेंगे, तो आप को जीवन में खुशियों का समावेश स्वत: हो जाएगा. अगर आप ने अपनी पत्नी के साथ मिल कर घरेलू कामों को पूरा कर दिया, तो आप छोटे नहीं हो जाएंगे, उलटे इस से आप दोनों के संबंधों में प्रगाढ़ता ही आएगी. पतिपत्नी का संबंध साझेदारी का है, जिस में एकदूसरे के साथ अपना सुखदुख साझा करने के साथसाथ घरबाहर की जिम्मेदारियों में भी साझेदारी निभाने की जरूरत है. तभी आप अपने घर का माहौल हंसीखुशी से परिपूर्ण बना सकते हैं.

बहस है बेकार

यह सच है कि पतिपत्नी के संबंध में प्यार के साथ तकरार भी होती है, लेकिन छोटीछोटी बातों पर एकदूसरे से झगड़ना अच्छी बात नहीं है. अगर आप को अपने साथी की कोई बात अच्छी नहीं लगती है, तो उसे ले कर बेकार की बहस करना अच्छा नहीं है, क्योंकि कब छोटी सी बात भयंकर झगड़े का रूप ले लेती है, पता ही नहीं चलता है. अगर आप दोनों के बीच किसी बात को ले कर मनमुटाव हो गया है, तो एकदूसरे से माफी मांगने में झिझकें नहीं. सुखमय दांपत्य जीवन के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने संबंधों के बीच अपने अहं को न आने दें.

एकदूसरे की केयर करते हैं

‘‘आज की बिजी लाइफ में लोग अपना ही खयाल नहीं रख पाते, तो दूसरे का क्या रखेंगे. लेकिन पतिपत्नी के रिश्ते में यह लागू नहीं होता. भले ही वे अपना खुद का ध्यान न रख पाते हों, लेकिन अपने पार्टनर का ध्यान जरूर रखते हैं. यहीं से भावनात्मक जुड़ाव की शुरुआत होती है. वैसे रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए दांपत्य जीवन के पुराने ढर्रों से बाहर निकल कर उसे रोमांचित बनाने का भी प्रयास करना चाहिए. इस से बौंडिंग और भी मजबूत होती है.’’

– स्मिता व पोरस चड्ढा, शादी को 5 वर्ष बीत चुके हैं

इन बातों का रखें ध्यान

– सुखमय दांपत्य जीवन के लिए यह जरूरी है कि आप अपने साथी को उस की अच्छाईबुराई के साथ स्वीकार करें. उसे बदलने की कोशिश करने के बजाय उसे समझने की कोशिश करें.

– अपनेआप को अपने साथी से ज्यादा समझदार और महत्त्वपूर्ण समझने के बजाय उस का पूरक बनने की कोशिश करें. इस बात को समझें कि जिस तरह से साइकिल 1 पहिए से नहीं चल सकती है, उसी तरह पतिपत्नी रूपी साइकिल भी 1 पहिए से नहीं चल सकती. जब तक पतिपत्नी दोनों के बीच तालमेल नहीं होगा आप के जीवन में खुशियों का समावेश नहीं होगा.

– अपने जीवनसाथी के साथसाथ उस से जुड़े लोगों को भी पूरा आदरसम्मान दें.

– घर के काम को किसी एक की जिम्मेदारी समझने के बजाय उसे मिलबांट कर निबटाने की कोशिश करें.

– इस बात को समझें कि कोई भी संबंध एकतरफा नहीं चल सकता. अगर आप चाहते हैं कि आप का साथी आप को प्यार करे और आप का सम्मान करे, तो आप को भी ऐसा ही करना होगा.

– अपने जीवनसाथी की भावनाओं का खयाल रखें और महत्त्वपूर्ण दिनों पर उस का मनपसंद उपहार दें.

अच्छे दोस्त भी हैं

‘‘पतिपत्नी का रिश्ता ताउम्र हंसीखुशी निभाने के लिए आपस में दोस्ती का संबंध होना बहुत जरूरी है. यदि दोनों दोस्ती का रिश्ता रखेंगे, तो कभी भी दोनों के मध्य अहंकार का कोई स्थान नहीं होगा. यह सच है कि किसी महिला के लिए एक नए परिवार से जुड़ना, नए रिश्ते निभाना आसान नहीं होता. मगर यह चंद दिनों की बात होती है. बाद में यही अटपटी चीजें प्यारी लगने लग जाती हैं.’’

– डा. मीनाक्षी ओमर व रवि ओमर, शादी को 10 वर्ष बीत चुके हैं

साथी साथ निभाना

– अपने प्रेम को प्रगाढ़ करने के लिए एकदूसरे की भावनाओं को समझें.

– सरप्राइज उपहार दें. पत्नी अगर कामकाजी है और पति औफिस से पहले घर आए तो घर को सजासंवरा कर पत्नी को तारीफ करने का मौका दें.

– पत्नी अस्वस्थ है, तो पति घर पर रह कर पत्नी का खयाल रखे.

– एकसाथ घूमने जाएं. नए प्रेमी की तरह हाथ में हाथ डाले चलें.

– कभीकभी एकदूसरे को फूल उपहार में दें. इस से रिश्ते में गरमाहट बनी रहती है.

– हमेशा खुश रहने की कोशिश करें और संबंधों के बीच कभी भी स्वार्थ, अहं को न आने दें.

8 लव मेकिंग मिस्टेक्स

क्या  औफिस से घर पहुंचने पर आप थक कर चूर हो जाते हैं और आप के पार्टनर का प्यार भरा स्पर्श भी आप में उत्तेजना पैदा नहीं करता? क्या उस के साथ प्यार करना आप को पहाड़ खोदने जैसा लगता है?

जी हां, शाम को थक कर चूर हुए कई कपल्स अकसर घर आ कर अपने पार्टनर से मुंह बिचकाते नजर आते हैं. अगर आप के साथ भी ऐसा होता है तो मुंह बिचकाने से पहले सोचें कि शादी का मतलब यह कतई नहीं है कि रोमांटिक फीलिंग्स ही हवा हो जाएं. प्यार का एहसास उस समय कंप्लीट होता है, जब 2 जिस्म 1 जान बन जाते हैं. तब उन के बीच लव की फीलिंग इतनी होती है कि उन की बौडी भी एकदूसरे को ऐक्सैप्ट कर लेती है और तब वे लव मेकिंग करने लगते हैं.

इस दौरान कपल्स ऐसी कई गलतियां कर बैठते हैं, जिस से वे सैक्स को पूरी तरह ऐंजौय नहीं कर पाते. जानिए कैसे इन गलतियों से बचा जाए और लव मेकिंग से पहले किन बातों का ध्यान रखा जाए, ताकि जोड़ा दुनिया की सब से प्यारी फीलिंग को सम झ पाए और उसे दिल से अपना सके.

डिस्कस करने में हिचकिचाहट

कभीकभी एक पार्टनर अपनी लव मेकिंग को स्पाइसी तो बनाना चाहता है, लेकिन वह अपने पार्टनर से कुछ कहने में हिचकिचाता है. हो सकता है आप के साथ भी ऐसा होता हो. आप मानें या न मानें 90प्रतिशत केसेज में आप का पार्टनर भी नई चीजें करना पसंद करता है, लेकिन आप की ही तरह उसे भी बात करने में हिचकिचाहट या घबराहट होती है.

डिस्कस करने से घबराएं नहीं और यह कोई रूल नहीं है कि मेल पार्टनर ही पहल करे. दोनों में से कोई भी पहल कर सकता है और दर्जनों तरीकों में से किसी एक तरीके को चुन कर पूरे जोश से उसे ट्राई कर सकता है. सैक्स के बारे में डिस्कशन से जोड़े लव मेकिंग तो ऐंजौय करेंगे ही, अपने रिश्तों में मिठास भी लाएंगे.

कनविंस करना न आना

अगर एक पार्टनर थका हुआ है और सैक्स के मूड में नहीं है तो दूसरा कई बार उसे रेडी करने में असफल हो जाता है. एक सच यह भी है कि सैक्स के लिए जब कोई रेडी होता है, तो उस समय उस की बौडी से ऐड्रीनलीन कैमिकल रिलीज होता है, जो प्यार या सैक्स करने की भरपूर ऐनर्जी देता है.

पार्टनर को शाम को मूड में लाने के लिए सुबह 9 से 10 बजे के बीच उसे मैनुअली कई बार बेमतलब छुएं. दिन भर में इस समय टैस्टोस्टेरौन अपने हाई लैवल पर होता है. शाम को बैटर रिजल्ट के लिए आप सैक्सी गारमैंट्स पहनना भी न भूलें. यह उन्हें जरूर पसंद आएगा. ऐसा कर के आप अपनी लव मेकिंग को हमेशा के लिए स्ट्रौंग बना सकेंगे और पार्टनर में दिन भर के काम में थकान के बावजूद सैक्स की इच्छा बनी रहेगी.

जल्दबाजी का चक्कर

तुरंत मजे के चक्कर में कई पुरुष फोरप्ले अवौइड कर देते हैं. उन की कोशिश होती है कि वे जल्द से एक ही बाइट में पूरा सेब खा लें. लेकिन क्या आप को पता है कि फोरप्ले और्गेज्म की ओर बढ़ने में बहुत मदद करता है? अपने पार्टनर के साथ किसिंग, लव बाइट और टच करना आप की लव मेकिंग को ज्यादा मजेदार बनाता है, इसलिए स्पीड कम करिए, पूरा टाइम दीजिए और अपने पार्टनर को छेडि़ए. यह फौर्मूला शर्तिया ही काम करेगा और दोनों का मजा दोगुना हो जाएगा.

अगर आप को लगे कि किसी खास भूमिका में आप के पार्टनर को ज्यादा मजा आ रहा है, तो रुकें और उसे दोबारा करें. जितना ज्यादा आप उसे करेंगे, उतना ज्यादा मजा उसे आएगा और यह आप को भी अच्छा लगेगा. इस ढंग से आप यह गेम खेल कर पार्टनर को पूरे तौर पर सैटिस्फाई कर सकते हैं. इस से प्यार का मजा दोगुना भी हो जाएगा.

पोर्न मूवीज या टौय इस्तेमाल करना

सैक्स के दौरान कई लोगों को लगता है कि पोर्न मूवीज, वीडियो या फिर प्लास्टिक या रबर के टौय से मजा चरम पर पहुंचेगा. ऐसा सोचना या ऐसा करना गलत है. हालांकि टौयज का लव मेकिंग में खास महत्त्व है, लेकिन उन पर निर्भर होना खतरनाक हो सकता है. प्लेजर के लिए बाहरी सोर्स आप को कम मजा देंगे क्योंकि यह तो आप भी नहीं चाहेंगे कि आप के पार्टनर को आप के बजाय किसी सैक्स टौय से प्लेजर मिले.

कपल्स को अपने पार्टनर को सैटिस्फाई करने के लिए बाहरी चीजों के बजाय अपनी बौडी की मदद लेनी चाहिए. सैक्स टौयज को महज स्पाइस के तौर पर इस्तेमाल करें.

और्गेज्म के बारे में गलतफहमी

फीमेल पार्टनर को सैक्स से सैटिस्फाई न कर पाना, कई मेल पार्टनर्स को अपनी तौहीन लगती है, लेकिन उन को सम झने की जरूरत है कि ज्यादातर औरतें सिंपल या नौर्मल सैक्स से और्गेज्म हासिल नहीं कर पाती हैं. अगर पुरुष यह बात सम झ लें तो उन का यह प्रैशर जरूर कम हो जाएगा. अगर स्त्री और्गेज्म तक नहीं पहुंचती है, तो इस से परेशान होने की जरूरत नहीं है. इस के बजाय पुरुष को बड़ी चतुराई के साथ स्त्री को डाउन पोस्चर में ला कर सैटिस्फाई करना चाहिए.

एकसाथ फिनिश करने की कोशिश

पार्टनर्स की एकसाथ फिनिश करने की कोशिश जैसी बातें हवाहवाई हैं. ऐसा होता नहीं है. इस के बजाय एक पार्टनर को पहले सैटिस्फाई करने की कोशिश होनी चहिए. इस में फीमेल पार्टनर पहले सैटिस्फाई हो तो बेहतर. ऐसे में दोनों को खूब मजा आएगा.

हर बार सैट रूटीन से चलना

अगर आप की सारी कसरत कपड़े उतारने और ‘प्लग’ को ‘सौकेट’ में फिट करने की कुछ मिनट की मेहनत तक है, तो यह काफी बासी और सैट रूटीन है. ऐसे में आप की लव मेकिंग चाहे कितनी भी फैंटास्टिक हो कुछ सालों के बाद बोरिंग हो ही जाती है, जिस का आप के रिश्ते पर भी असर पड़ सकता है. आप की लव लाइफ को बचाने का तरीका नए आइडियाज में छिपा है. अगर आप नए टिप्स और नई तकनीकें अपनाते हैं, तो इसे दोनों ऐंजौय करेंगे और आप हर बार प्यार में खो जाना चाहेंगे.

बेमतलब की बातें करना

अगर आप बिस्तर पर रोजाना लड़ाई झगड़े की या नैगेटिव बातें करेंगे, तो उस समय हो सकता है कि आप का मूड सैक्स से हट कर फ्यूचर प्लानिंग या लड़ाई झगड़े की बातें सुनने में रह जाए. अगर ऐसा कुछ करना हो तो बिस्तर

पर जाने के करीब 1 घंटा पहले कर लें. इस के लिए दोनों को यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए. दोनों पार्टनर्स की यही कोशिश हो कि वे एकदूसरे के मूड को स्पाइसअप करें और दोनों को चिल रखें, ताकि आप के बीच का प्यार बढ़ता

मेरे पति किसी दूसरी औरत से बात करते है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैंने शादी के 4 साल बाद एक दिन अपने पति को एक औरत से फोन पर बात करते सुना. औरत उन की पहले की परिचित थी और इस के बारे में उन्होंने स्वयं मुझे बताया था कि इस ने उन्हें प्रपोज किया था पर उन्होंने उस का प्रपोजल ठुकरा दिया था. इस के बाद दोनों में कोई संपर्क नहीं रहा. पर अपने कानों से उस से बातें करते सुन कर मुझे बहुत दुख हुआ. तब मैं ने उन से बात करना बंद कर दिया और उदास रहने लगी. फिर मैं ने भी एक युवक से जो विवाह से पहले मुझे चाहता था, से संपर्क स्थापित कर लिया. पति को जलाने के लिए मैं जानबूझ कर उन के सामने उस युवक से बातचीत करने लगी, जिस का असर यह हुआ कि पति ने अपनी परिचिता से बात करना बंद कर दिया और मुझ पर खूब प्यार लुटाने लगे. ज्यादा से ज्यादा समय घर पर बिताने लगे. तब परिणामस्वरूप मैं ने भी अपने मित्र को गुडबाय कह दिया. मैं पति से बहुत प्यार करती हूं और उन्हें खोना नहीं चाहती. रहरह कर मेरे मन में संदेह उपजता है कि कहीं पति दोबारा पुराना सिलसिला न शुरू कर दें. बताएं, मैं क्या करूं?

जवाब-

पतिपत्नी का रिश्ता आपसी विश्वास पर टिका होता है. आप के पति ने यदि आप के विश्वास को ठेस पहुंचाई थी, तो आप ने क्या किया? आप ने भी उन्हीं की तरह आचरण किया जो ठीक नहीं था. आप उन्हें वैसे भी समझा सकती थीं. पर जो हुआ सो हुआ. हालात सामान्य हो गए, यही खुशी की बात है. आप के पति आप का पूरा ध्यान रखते हैं, आप से प्यार करते हैं, तो आप भी उन्हें दिल खोल कर प्यार करें. इस से उन्हें कहीं और जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. सब से अहम बात यह कि आप अपने दिमाग में शक का कीड़ा न कुलबुलाने दें. पति पर भरोसा करें. सतर्कता बरतें पर जासूसी न करें.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

शादी का बंधन प्यार का बंधन

जो लोग वैलेंटाइन डे को केवल प्यार के इजहार से जोड़ कर देखते हैं, वे इस का सही अर्थ नहीं समझते. वैलेंटाइन डे प्यार के साथसाथ शादी से भी जुड़ा है. रोम में तीसरी शताब्दी के सम्राट क्लाडियस का अपने शासनकाल में यह मानना था कि शादी करने से पुरुषों की शक्ति और बुद्धि कम होती है. इसलिए उस ने अपने सैनिकों और अफसरों के लिए शादी न करने का फरमान जारी कर दिया. संत वैलेंटाइन ने इस बात का विरोध किया और सैनिकों और अफसरों को शादी करने का आदेश दिया. इस से नाराज हो कर क्लाडियस ने 14 फरवरी, 269 को उसे मौत की सजा दे दी. उसी की याद में लोगों ने वैलेंटाइन डे मनाने की शुरुआत की.

वैलेंटाइन डे और शादी के बीच रिश्ते को समझ कर अब भारत में भी युवाओं ने वैलेंटाइन डे को मैरिज डे के रूप में मनाने की शुरुआत कर दी है. इस से कट्टरवादी सोच को करारा जवाब मिला है.

कट्टरवादी लोग वैलेंटाइन डे की कितनी ही आलोचना कर लें, पर प्यार करने वालों के लिए इस दिन का महत्त्व कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है. 2015 में होने वाली शादियों की तारीखों को देखा जाए तो सब से अधिक शादियां वैलेंटाइन डे के ही दिन हो रही हैं. होटलों, मैरिज हौलों, ब्यूटीपार्लरों और मैरिज गार्डनों की बुकिंग में सब से ज्यादा मारामारी इसी दिन की है. इस की वजह यह है कि हम सामान्य व्यवहार में उदार होने लगे हैं. हम हर उस त्योहार को मनाने लगे हैं जिसे बहुत सारे लोग मनाते हैं. इस से साफ पता चलता है कि त्योहार अब किसी खास धर्म की बपौती नहीं रह गए हैं. वैलेंटाइन डे, चीनी नया साल, क्रिसमस, ईद, दीवाली आदि सभी लोग मिल कर मनाने लगे हैं. इसी वजह से सामान्य रीतिरिवाज वाले दिनों को पीछे छोड़ कर लोगों ने वैलेंटाइन डे के दिन शादी करने की शुरुआत कर दी है.

स्पैशल दिन बनाने की चाहत

रीतिका कहती हैं, ‘‘मैं अपनी शादी के दिन को स्पैशल दिन बनाना चाहती थी. मुझे लगा कि अगर हम शादी के दिन को पूरी जिंदगी स्पैशल फील करना चाहते हैं, तो क्यों न वैलेंटाइन डे के दिन ही शादी करें. इस से हमें हर साल एक अलग तरह का एहसास अनुभव होता रहेगा. शादी की सफलता में प्यार और रोमांस का सब से अहम रोल होता है. वैलेंटाइन डे के दिन शादी करने से यह हमेशा अनुभव होता रहेगा. हम जब भी अपनी शादी की सालगिरह मनाएंगे एक स्पैशल फीलिंग आती रहेगी.’’

खुशियों का बाजार

हाल के कुछ सालों से वैलेंटाइन डे के दिन प्यार का इजहार करने के लिए बाजार में तरहतरह के ऐसे उत्पाद आने लगे हैं, जो रिश्तों को रोमानी बनाने का पूरा काम करते हैं. होटलों में रुकने, घूमने या खाने जाएं तो वहां की सजावट अलग किस्म की होती है. इस से रोमांस की फीलिंग आती है. पत्रिकाएं, अखबार और टीवी से ले कर दूसरी तमाम जगहों पर केवल और केवल प्यार और रोमांस का माहौल रहता है. सब से खास बात यह कि ज्वैलरी से ले कर कपड़े तक कुछ भी खरीदने के लिए जाएं तो वैलेंटाइन डे औफर की भरमार रहती है. कुल मिला कर इस दिन खुशियों से बाजार भरा रहता है.

मैरिज डे बन गया वैलेंटाइन डे

वैलेंटाइन डे के दिन अपनी शादी की छठी सालगिरह मना रहे अर्पित और पारुल श्रीवास्तव कहते हैं, ‘‘वैलेंटाइन डे के दिन शादी कर के हम ने प्यार के बंधन को शादी के बंधन में बांधने का काम किया है. हमें इस दिन शादी की सालगिरह मना कर बहुत अच्छा अनुभव होता है. प्यार को शादी के बंधन में बांधने का इस से अच्छा दूसरा दिन नहीं हो सकता है. इस दिन हमारे साथ पूरी दुनिया प्यार के इस प्रतीक को मनाती है.’’  लैक्मे ब्यूटी सैलून की संचालक रिचा शर्मा कहती हैं, ‘‘शादी के लिए दुलहन को तैयार करने की सब से अधिक बुकिंग हमारे पास वैलेंटाइन डे के दिन की ही आ रही है. हाल के कुछ सालों से यह चलन धीरेधीरे बढ़ता ही जा रहा है. शादीशुदा कपल्स भी वैलेंटाइन डे के दिन थीम पार्टियों का आयोजन करने लगे हैं, जिस से इस दिन मेकअप कराने वालों की तादाद बढ़ जाती है,’’

समाज में अब रूढियां टूट रही हैं. लोग अपनी जिंदगी को अपनी तरह से जीना चाहते हैं. वे अपनी जिंदगी में किसी भी तरह के धर्म या आडंबर को जगह नहीं देना चाहते हैं.

टूटते आडंबर

वैलेंटाइन डे को पश्चिमी सभ्यता का दिन मान कर जिस तरह से इस का विरोध किया गया था वह गलत था. वैलेंटाइन डे को अपनी शादी का दिन बना कर लोगों ने इस बात को साबित कर दिया है. इन लोगों ने कट्टरवादी लोगों और उन की सोच को करारा जवाब भी दिया है. समय के साथ चलना आज की जरूरत है. ऐसे में जिस दिन पूरी दुनिया खुशी मनाती हो हमें भी उस में शामिल हो जाना चाहिए. हमें धर्म के आडंबरों को इस से दूर रखना चाहिए ताकि हर तरह के लोग एकसाथ मिल कर खुशियां मना सकें.

कुछ साल पहले तक इस दिन सड़कों, पार्कों, सिनेमाहौलों और दूसरी जगहों पर लड़कालड़की का साथ खड़े होना मुश्किल होता था. कुछ कट्टरवादी लोग इस दिन ग्रीटिंग कार्ड तक बिकने नहीं देते थे. शहर और समाज को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस और प्रशासन को अलग से सुरक्षा इंतजाम करने पड़ते थे. मगर अब समाज ने कट्टरवादी विचारधारा को दरकिनार कर वैलेंटाइन डे को शादी का दिन बना कर सामाजिक स्वीकृति दे दी है. इस बारे में लखनऊ की अनिता मिश्रा कहती हैं, ‘‘कई देशों में हमारी सोच को दकियानूसी माना जाता है. वैलेंटाइन डे को जिस तरह से हमारे देश ने अपनाया है, उसे एक नई सोच दी है. इस से साफ पता चलता है कि हमारा देश और हमारी सोच दकियानूसी नहीं है. वैलेंटाइन डे को हमारे समाज ने प्यार के दायरे से बाहर निकाल कर परिवार और प्यार दिवस के रूप में मनाने का बड़ा काम किया है. यह बताता है कि हम रूढिवादी ताकतों और सोच को पछाड़ कर आगे बढ़ रहे हैं.’’

परिवार दिवस के रूप में नई पहचान

समाजशास्त्री डाक्टर दीपमाला सचान कहती हैं, ‘‘शादी और प्यार का रिश्ता एकदूसरे का पूरक होता है. ऐसे में प्यार को परिभाषित करने वाले दिन को शादी का दिन बना कर युवाओं ने जो शुरुआत की है वह बहुत सार्थक है. समाज भी इसे स्वीकार रहा है. आने वाले दिनों में यह और प्रचलित होगा. इस से कट्टरता के नाम पर वैलेंटाइन डे का विरोध करने वालों को करारा जवाब मिल रहा है. लोगों ने बता दिया है कि समाज में कट्टरता फैलाने वालों के लिए कोई जगह नहीं रह गई है.’’

वैलेंटाइन डे को जिस तरह से प्यार के साथ जोड़ कर पहले प्रचारप्रसार किया गया था, उस से एक अलग तरह का संदेश युवाओं में गया. इसे उन्होंने लड़कियों को प्रभावित करने का जरीया समझ लिया था. अब इसे परिवार दिवस के रूप में जगह मिल गई है. वैलेंटाइन डे के दिन शादी कर के युवाओं ने इस दिन को परिवार दिवस के रूप में मान्यता देने का काम किया है. इस से समाज में वैलेंटाइन डे की नई पहचान बनी है. इस का विरोध करने वालों को भी अब यह समझ में आने लगा है. यही वजह है कि साल दर साल वैलेंटाइन डे के विरोध की घटनाएं कम होने लगी हैं. वैलेंटाइन डे का विरोध करने वाले केवल प्रतीकात्मक विरोध करने के लिए विरोध प्रदर्शन करने भर तक सीमित रहने लगे हैं.

मेरी शादी होने वाली है शादी के बाद ससुराल में मेरी लाइफ कैसी रहेगी इसको लेकर मुझे चिंता हो रही है.

सवाल

मैं 25 साल की हूं और जल्द ही मेरी शादी होने वाली है. शादी के बाद ससुराल में मेरी जिंदगी कैसी होगी, यह सवाल मुझे बहुत परेशान करता है. ऊपर से खुश हूं लेकिन अंदर ही अंदर यह डर खाए जा रहा है. इस तनाव को कैसे दूर करूं?

जवाब

शादी के बाद विशेषकर एक लड़की की जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है. नई जिम्मेदारियों का खयाल अकसर तनाव का कारण बनता है. लेकिन यह आप को मानसिक रूप के साथसाथ शारीरिक रूप से भी बीमार कर सकता है. शादी जैसे माहौल में विशेषकर दूल्हादुलहन का पौजिटिव रहना बेहद जरूरी है. इस के लिए सब से पहले खुद को इन सब सवालों से मुक्त कर दें. रोज हैल्दी नाश्ता करें क्योंकि यह आप को पूरे दिन ऐक्टिव रहने में मदद करता है. फाइबर, हरी सब्जियां, फलों और ड्राई फ्रूट्स का सेवन अवश्य करें. दिनभर ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं. दोस्तों के साथ समय बिताएं और हंसीमजाक में शामिल हों. इस से आप को तनाव से मुक्ति मिलेगी.

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जल्द ही मेरा निकाह होने वाला है. घर में तरहतरह के लोग आ कर मुझे तरहतरह की सीख दे कर जाते हैं. यह माहौल मेरे तनाव का कारण बन गया है. इस कारण मैं अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकलती हूं, तो मम्मी चिल्लाने लगती हैं. मैं ये सब बातें और बरदाश्त नहीं कर सकती. इस तनाव को कैसे दूर करूं?

आप का परेशान होना स्वभाविक है लेकिन यदि आप अपने परिवार वालों के सामने अपनी बात रखेंगी तो वे इसे जरूर समझेंगे. उन्हें बताएं कि कैसे लोगों की बातें आप को परेशान कर रही हैं. वे कोई न कोई हल जरूर निकालेंगे. इस के अलावा आप लोगों की बातों से बचने के लिए काम का बहाना बना सकती हैं. यदि कोई अच्छी सीख दे रहा है तो अवश्य लें लेकिन यदि आप को लगता है कि इस से आप सिर्फ तनावग्रस्त हो रही हैं तो उन्हें प्यार से यह बात समझएं. तनाव से बचने के लिए दिनभर अच्छी गतिविधियों में शामिल हों. अच्छा खाएं, अच्छा पीएं. सुबह उठ कर व्यायाम करें.

डाक्टर गौरव गुप्ता
साइकोलौजिस्ट, डाइरैक्टर,
तुलसी हैल्थकेयर

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शादीशुदा होने के बावजूद मैं कुछ दिनों से किसी दूसरे के प्रेम में पड़ गई हूं?

सवाल

मैं 28 साल की महिला हूं. मैं और मेरे पति एक दूसरे का बहुत खयाल रखते हैं, मगर इधर कुछ दिनों से मैं किसी दूसरे के प्रेम में पड़ गई हूं. हमारे बीच कई बार शारीरिक संबंध भी बन चुके हैं. मुझे इस में बेहद आनंद आता है. मैं अब पति के साथसाथ प्रेमी को भी नहीं खोना चाहती हूं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

आप के बारे में यही कहा जा सकता है कि दूसरे के बगीचे का फूल तभी अच्छा लगता है जब हम अपने बगीचे के फूल पर ध्यान नहीं देते. आप के लिए बेहतर यही होगा कि आप अपने ही बगीचे के फूल तक ही सीमित रहें. फिर सच्चाई यह भी है कि यदि पति बेहतर प्रेमी साबित नहीं हो पाता तो प्रेमी भी पति के रहते दूसरा पति नहीं बन सकता. एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर आग में खेलने जैसा है जो कभी भी आप के दांपत्य को झुलस सकती है. ऐसे में बेहतर यही होगा कि आग से न खेल कर इस संबंध को जितनी जल्दी हो सके खत्म कर लें. अपने साथी के प्रति वफादार रहें. अगर आप अपनी खुशियां अपने पति के साथ बांटेंगी तो इस से विवाह संबंध और मजबूत होगा.

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एक रिलेशनशिप में एक-दूसरे के प्रति ईमानदार होना जरुरी होता है, तभी एक रिश्ता सही रहता है. एक-दूसरे की भावनाओं को समझना रिश्ते को मजबूत बनाता है. लेकिन आज के समय में बहुत से पुरूष अपने रिश्ते के प्रति वफादार नहीं रहते हैं और अपने पार्टनर को धोखा देते हैं. जो पुरूष अपनी साथी को धोखा देने के बारे में सोचते हैं उन्हें इस बात का बिल्कुल आभास नहीं होता है कि वे कुछ गलत कर रहें हैं. पुरूषों की अपेक्षा महिलाएं अपने साथी को कम धोखा देती हैं.

  1. साथी के प्रति वफादार नहीं होते हैं…

कुछ ऐसे पुरूष होते हैं जो अपने साथी के लिए वफादार होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें किसी की भावनाओं की कद्र नहीं होती. इस तरह के पुरूष सिर्फ अपनी महिला साथी का इस्तेमाल करते हैं. वे उन्हें स्पेशल महसूस कराते हैं. लेकिन वास्तव में वह अपनी साथी के लिए बिल्कुल भी ईमानदार नहीं होते हैं.

  1. असुरक्षित महसूस करते हैं…

हर व्यक्ति धोखा दे ऐसा जरुरी नहीं होता है. लेकिन कुछ ऐसे पुरुष होते हैं जो अपने रिश्ते को लेकर थोड़े असुरक्षित होते हैं. जिसके कारण ना चाहते हुए भी वह अपने पार्टनर के साथ गलत कर बैठते हैं. उन्हें इस बात का डर होता है कि कहीं वे अपने साथी को खो तो नहीं देंगे. इस डर की वजह से वे अपने रिश्ते के प्रति ईमानदार नहीं रह पाते हैं और अपने पार्टनर को धोखा दे बैठते हैं.

  1. रिश्ते की कद्र नहीं…

हमेशा लोगों को जितना मिलता है उससे अधिक पाने कि इच्छा होती है. और इनके पास जो होता है वह उसकी कद्र नहीं करते हैं. ऐसा पुरूषों के साथ भी होता है कि उन्हें जैसी पार्टनर मिली होती है वह उन्हें कम ही लगता है. उनके दिमाग में हमेशा यह बात होती है कि जो मिला है उन्हें उससे और बेहतर मिल सकता है. ऐसे पुरूषों में अपने पार्टनर को धोखा देने की प्रवृत्ति अधिक होती है क्योंकि इन्हें जितना मिलता है उसमें उन्हें संतुष्टि नहीं मिलती है.

  1. भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं…

पुरूष भावनात्मक और मानसिक रूप से कमजोर होते हैं इसलिए उन्हें उन्हें बेवकूफ बनाना आसान होता है. मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण उनमें सेल्फ कंट्रोल की कमी होती है इस वजह से उनके लिए अपने पार्टनर को धोखा देना ज्यादा मुश्किल नहीं होता है. ऐसे लोग बहुत जल्दी लोगों से प्रभावित हो जाते हैं और कभी-कभी दूसरे की बातें सुनकर अपने पार्टनर की भावनाओं को नजरअंदाज कर देते हैं.

मेरे जीजा जी बड़े भाई की तरह मुझ से स्नेह करते हैं पर मेरे पति उन्हें पसंद नहीं करते, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी शादी को 1 साल हुआ है. यों तो पति और ससुराल वाले सब अच्छे हैं, पर पति को मेरा मायके जाना पसंद नहीं है. दरअसल, हमारा कोई भाई नहीं है. इसीलिए मेरी बड़ी बहन सपरिवार मम्मी पापा के पास रहती है. बहन मुझ से 10 साल बड़ी है. मेरे जीजा जी बिलकुल बड़े भाई की तरह मुझ से स्नेह करते हैं पर मेरे पति उन्हें पसंद नहीं करते. मुंह से कुछ नहीं कहते पर उन का चेहरा सब बयां कर जाता है. पति को कैसे समझाऊं?

जवाब

आप की शादी को थोड़ा ही वक्त बीता है, अभी आप को अपने पति को समय देना चाहिए. यदि आप के पति नहीं चाहते कि आप मायके ज्यादा जाएं या अपने बहनोई से खुल कर बात करें. तो आप उन्हें शिकायत का मौका न दें. हो सकता है कि समय के साथ उन का व्यवहार बदल जाए और उन्हें रिश्तों की अहमियत समझ आने लगे.

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सबक : साली ने जीजा को चखाया मजा

कल्पना से मेरी शादी 2 साल पहले हुई थी. उस की छोटी बहन शालिनी उस समय 16 साल की थी. वह कल्पना से ज्यादा खूबसूरत थी, चंचल भी बहुत थी.

कल्पना से शादी तय होने से पहले मैं अगर उसे देख लेता, तो उसी से शादी करता.

मैं ने कल्पना से शादी तो कर ली थी, मगर शालिनी को पाने की इच्छा मन में रह गई थी.

वैसे भी कहावत है कि साली आधी घरवाली होती है. मेरे 2 दोस्तों ने इस की पुष्टि भी की थी. उन्होंने मुझे बताया था कि उन के भी अपनी सालियों से नाजायज रिश्ते हैं.

मैं ने तय कर लिया था कि कोशिश करूंगा, तो मैं भी शालिनी को पा लूंगा.

शालिनी ने शादी के दिन मेरी खातिरदारी में कोई कमी नहीं की थी. मेरे साथ वह बराबर बनी रहती थी. वह कभी हंसीमजाक करती थी, तो कभी छेड़छाड़.

शालिनी ने बातोंबातों में यह भी कह दिया था, ‘‘आप इतने हैंडसम हैं कि मैं आप पर फिदा हो गई हूं. अगर मैं आप को पहले देख लेती, तो झटपट आप से शादी कर लेती. दीदी को पता भी नहीं चलने देती.’’

मैं ने भी झट से कह दिया था, ‘‘चाहो तो अब भी तुम मुझे अपना बना सकती हो. तुम्हारी दीदी को पता भी नहीं चलेगा.’’

उस ने भी मुसकराते हुए कह दिया था, ‘‘ऐसी बात है, तो किसी दिन आप को अपना बना लूंगी.’’

पता नहीं, शालिनी ने मजाक में यह बात कही थी या दिल से, मगर मैं ने उस की यह बात दिल में बैठा ली थी.

एक पत्नी से जो सुख मिलने चाहिए, वे तमाम सुख कल्पना से मुझे मिले. वह मेरी छोटीछोटी जरूरतों का भी खयाल रखती थी. इस के बावजूद मैं शालिनी को पाने की तमन्ना जेहन से निकाल नहीं पाया.

एक बार फोन पर मैं ने कहा था कि किसी बहाने से तुम से मिलने मुंबई आ जाऊं? तो उस ने जवाब दिया था, ‘‘आ जाते तो अच्छा होता, मेरे दिल को करार मिल जाता.

‘‘मगर, ऐसे में मामामामी को शक भी हो सकता है, इसलिए थोड़ा इंतजार कीजिए. मौका देख कर मैं खुद ही कोलकाता आ जाऊंगी?’’

उस के बाद मैं ने कभी मुंबई जाने का विचार नहीं किया. दरअसल, मैं नहीं चाहता था कि मेरे चलते शालिनी की बदनामी हो.

इसी तरह 2 साल बीत गए. एक दिन अचानक शालिनी ने फोन पर कहा, ‘जीजाजी, अब आप के बिना रहा नहीं जाता. हफ्तेभर बाद मैं आप के पास आ रही हूं.’

मैं खुशी से खिल उठा. शालिनी 12वीं पास कर कालेज में चली गई थी. वह गरमी की छुट्टियों में कोलकाता आ रही थी.

एक हफ्ते बाद शालिनी आई. उसे रिसीव करने मैं अकेले ही रेलवे स्टेशन पहुंच गया था. वह पहले से ज्यादा गदरा गई थी. उस की खूबसूरती देख कर मेरे मुंह से लार टपक गई. मुझ से रहा नहीं गया, तो उस से कह दिया, ‘‘तुम तो पहले से ज्यादा खूबसूरत हो गई हो. तुम्हें चूम लेने का मन करता है.’’

‘‘रास्ते पर ही चूमेंगे क्या…? पहले घर तो पहुंचिए,’’ कह कर शालिनी ने मुसकान बिखेर दी.

घर पहुंचने के बाद उस से अकेले में मिलने का मौका नहीं मिला. वह अपनी बहन के साथ चिपक सी गई थी.

उस रात मुझे ठीक से नींद नहीं आई. रातभर यही सोचता रहा कि जब शालिनी के साथ हमबिस्तरी करूंगा, तो वह कितना सुखद पल होगा.

रातभर जगे रहने के चलते मेरी आंखें लाल हो गई थीं. सुबह बाथरूम से बाहर आया, तो शालिनी से सामना हो गया.

मेरी तरफ देखते हुए उस ने कहा, ‘‘क्या बात है जीजाजी, आप की आंखें लाल हैं. क्या रात में नींद नहीं आई?’’

‘‘नहीं?’’

‘‘क्यों?’’

‘‘रातभर तुम्हारी याद आती रही?’’

‘‘मेरी क्यों? दीदी तो आप के साथ थीं. आप मुझ से जो चाहते हैं, वह दीदी भी तो दे ही सकती हैं. फिर मेरे लिए क्यों परेशान हैं?’’

‘‘देखो शालिनी, फालतू की बात मत करो. तुम अच्छी तरह जानती हो कि मैं तुम्हें पाना चाहता हूं. जब तक तुम्हें पा नहीं लूंगा, मुझे चैन नहीं मिलेगा.’’

मैं ने शालिनी को बांहों में लेना चाहा, तो वह बिजली सी तेजी के साथ बाथरूम में चली गई और झट से भीतर से दरवाजा बंद कर लिया.

फिर अंदर से वह बोली, ‘‘मुझे पाने के लिए सही मौका आने दीजिए जीजाजी. मैं खुद अपनेआप को आप के हवाले कर दूंगी.’’

2 दिन बाद कल्पना की तबीयत कुछ खराब थी, तो उस ने खाना बनाने के लिए शालिनी को रसोई में भेज दिया.

मौका ठीक देख कर मैं रसोई में गया. शालिनी खाना बनाने में बिजी थी. उस की पीठ दरवाजे की तरफ थी. पीछे से एकबारगी मैं ने उसे बांहों में भर लिया.

पहले तो वह घबराई, मगर मुझे देखते ही सबकुछ समझ गई. वह जोर लगा कर मेरी बांहों से अलग हो गई, फिर बोली, ‘‘अगर दीदी ने देख लिया होता, तो मेरा जीना मुश्किल कर देतीं. कहीं ऐसा किया जाता है क्या?

‘‘मुझे पाने  के लिए जिस तरह आप बेकरार हैं, मैं भी आप को पाने के लिए उसी तरह बेकरार हूं. मगर उस के लिए सही मौका चाहिए न.’’

कुछ सोचते हुए शालिनी ने कहा, ‘‘आप ऐसा कीजिए कि रात में जब दीदी गहरी नींद में सो जाएं, तो मेरे कमरे में आ जाइए.

‘‘दीदी जल्दी से गहरी नींद में सो जाएं, इसलिए उन के दूध में नींद की दवा मिला दूंगी. आप जा कर कैमिस्ट से नींद की दवा ले आइए.’’

शालिनी की बात मुझे जंच गई.

कुछ देर बाद नींद की दवा ला कर मैं ने उसे दे दी.

नींद की दवा ले कर शालिनी पहले मुसकराई, फिर बोली, ‘‘आप सो मत जाइएगा, नहीं तो रातभर जल बिन मछली की तरह मैं तड़पती रह जाऊंगी.’’

‘‘कैसी बात करती हो. तुम्हें पाने के लिए मैं खुद तड़प रहा हूं, फिर सो कैसे जाऊंगा. तुम दरवाजा खोल कर रखना. मैं हर हाल में आऊंगा.’’

रात का भोजन करने के बाद मैं अपने कमरे में जा कर बिस्तर पर लेट गया.

कल्पना 10 बजे के बाद बिस्तर पर आई और बोली, ‘‘आज मुझे तंग मत कीजिएगा. न जाने क्यों नींद से मेरी आंखें बंद होती जा रही हैं.’’

मैं समझ गया कि शालिनी ने नींद की दवा वाला दूध उसे पिला दिया है.

कुछ देर बाद ही कल्पना गहरी नींद में सो गई.

थोड़ी देर बाद बिस्तर से उठ कर मैं यह जानने के लिए मां के कमरे में गया कि वे भी सो गई हैं या जगी हुई हैं?

मां भी गहरी नींद में थीं.

जब मैं शालिनी के कमरे में गया, उस समय रात के 11 बज गए थे.

शालिनी मेरा इंतजार कर रही थी. वह फुसफुसाई, ‘‘आप ने अच्छी तरह देख लिया है न कि दीदी गहरी नींद में सो गई हैं?’’

‘‘मैं ने उसे हिलाडुला कर देखा है. वह गहरी नींद में है.’’

अचानक मुझे कुछ खयाल आया और मैं ने शालिनी से कहा, ‘‘आज हम दोनों के बीच जो कुछ भी होगा, वह तुम भूल से भी दीदी को मत बताना.’’

‘‘अगर बता दूंगी तो क्या होगा?’’ पूछ कर शालिनी मुसकरा उठी.

‘‘तुम बेवकूफ हो क्या? हमबिस्तरी की बात किसी को नहीं बताई जाती. अगर तुम्हारी दीदी को पता चला गया, तो तुम्हारी तो बेइज्जती होगी ही, मुझे भी नहीं छोड़ेगी.

वह पूरे महल्ले में मुझे बदनाम कर देगी. मैं सिर उठा कर चल नहीं पाऊंगा,’’ मैं ने उसे समझाने की कोशिश की.

‘‘ऐसी बात है तो मुझ से हमबिस्तरी क्यों करना चाहते हैं? पत्नी के वफादार बन कर रहिए,’’ उस ने मुझे सीख देने की कोशिश की.

उस की बात से मैं चिढ़ गया और कहा, ‘‘तुम तो नाहक में बात बढ़ा रही हो. मैं तुम्हें हर हाल में पाना चाहता हूं और आज पा कर रहूंगा. वैसे भी तुम मेरी साली हो और साली पर जीजा का हक होता ही है.’’

‘‘तुम दीदी या किसी और को बताओगी तो बता देना. तुम्हें पाने के लिए मैं बदनामी सह लूंगा.’’

‘‘मैं ने तो ऐसे ही कहा था. आप नाराज क्यों हो गए? मैं जानती हूं कि ऐसी बातें किसी को नहीं बताई जाती हैं. मैं तो खुद आप को पाना चाहती हूं, फिर किसी को क्यों बताऊंगी.’’

मैं समय बरबाद नहीं करना चाहता. दरवाजा बंद करने लगा, तो शालिनी ने रोक दिया. कहा, ‘‘दरवाजा बंद करने से पहले मेरी एक बात सुन लीजिए.’’

‘‘बोलो?’’

‘‘बात यह है कि मैं पहली बार आप से संबंध बनाऊंगी, इसलिए मुझे शर्म आएगी.

‘‘मैं चाहती हूं कि हमबिस्तरी के समय कमरे में अंधेरा हो और हम दोनों में से कोई किसी से बात न करे. जो कुछ भी हो चुपचाप हो.’’

शालिनी का बेलिबास शरीर देखने की बहुत इच्छा थी. मुझे उस की इच्छा का भी ध्यान रखना था, इसलिए उस की बात मैं ने मान ली.

वह खुश हो कर बोली, ‘‘अब आप पलंग पर जा कर बैठिए. मैं बाथरूम हो कर तुरंत आती हूं.’’

लाइट बंद कर और दरवाजा बंद कर शालिनी चली गई. मैं उस के लौटने का इंतजार करने लगा.

कुछ देर बाद ही शालिनी आ गई. दरवाजा अंदर से बंद कर वह पलंग पर आई, तो मेरा दिल खुशी से बल्लियों उछलने लगा.

मेरा 2 साल का सपना पूरा होने जा रहा था. उसे बांहों में भर कर मैं ने खूब चूमा. उस के बाद…

घुप अंधेरा होने के चलते भले ही उस का शरीर नहीं देख पाया, मगर उसे भोगने का मौका तो मिला था.

मैं ने पूरे जोश के साथ उस के साथ हमबिस्तरी की. मंजिल पर पहुंचते ही मुंह से निकल गया, ‘‘मजा आ गया शालिनी.’’

शालिनी कुछ बोली नहीं.

कुछ देर बाद बिस्तर से उठ कर उस ने अपने कपड़े ठीक कर लिए.

मैं ने भी अपने कपड़े दुरुस्त कर लिए, तो उस ने लाइट जला दी.

फिर तो मेरी बोलती बंद हो गई. आंखों के आगे अंधेरा छा गया.

शालिनी समझ कर अंधेरे में जिस के साथ मैं ने हमबिस्तरी की थी, वह शालिनी नहीं, बल्कि पत्नी कल्पना थी. वह मुसकरा रही थी.

उस की मुसकान देख कर मैं शर्म से पानीपानी हो गया.

मैं कुछ कहता, उस से पहले कल्पना बोली, ‘‘आप तो मुझे प्यार करने का दावा करते थे. कहते थे कि किसी पराई औरत से नाजायज संबंध बनाने से बेहतर मर जाना पसंद करूंगा, फिर यह क्या था?’’

मैं चाह कर भी कुछ बोल नहीं पा रहा था. सिर उठा कर मैं उसे देख भी नहीं पा रहा था.

अचानक दरवाजे पर किसी ने हौले से दस्तक दी. कल्पना ने दरवाजा खोल दिया.

दरवाजे पर शालिनी थी. वह झट से अंदर आ गई. फिर मुसकराते हुए मुझ से बोली, ‘‘क्यों जीजाजी, मजा आया?’’

मेरे कुछ कहने से पहले कल्पना बोली, ‘‘तुम्हारे जीजाजी को बहुत मजा आया शालिनी.’’

‘‘सच जीजाजी?’’

मैं कुछ बोल नहीं पाया. मगर यह समझ गया कि सब शालिनी और कल्पना की मिलीभगत है.

मेरे नजदीक आ कर शालिनी बोली, ‘‘आप तो साली को आधी घरवाली समझते थे, फिर आप ने शर्म से सिर क्यों झुका लिया?’’

फिर वह मुझे समझाते हुए बोली, ‘‘देखिए जीजाजी, साली को आधी घरवाली समझ कर उस के साथ नाजायज संबंध बनाने की सोच छोड़ दीजिए.

‘‘पत्नी को इतना प्यार कीजिए कि उसी में आप को हर दिन एक नया शरीर मिलने का एहसास होगा, जैसा कि आज आप ने महसूस किया.’’

कुछ देर चुप रह कर शालिनी ने कहा, ‘‘मैं ने दीदी के साथ मिल कर आप को जो सबक सिखाया, उस के लिए माफ कर दीजिएगा.

‘‘दरअसल बात यह थी कि जब मुझे एहसास हो गया कि आप मेरा जिस्म पाना चाहते हैं, तो एक दिन मैं ने आप का इरादा दीदी को बताया.

‘‘दीदी को मेरी बात पर यकीन नहीं हुआ. उन्हें आप पर पूरा यकीन था. उन्होंने मुझ से कहा कि आप मर जाएंगे, मगर किसी पराई औरत से संबंध नहीं बनाएंगे.

‘‘उस के बाद मैं ने दीदी को सुबूत देने का फैसला कर लिया. यह बात साबित करने के लिए ही मुझे मुंबई से कोलकाता आना पड़ा.’’

मैं सबकुछ समझ गया था. गलती के लिए पत्नी और साली से माफी मांगनी पड़ी. पत्नी का मैं ने विश्वास तोड़ा था, इसलिए वह मुझे माफ नहीं करना चाहती थी, मगर शालिनी के समझाने पर माफ कर दिया.

मुझे माफी मिल गई, तो शालिनी से पूछा, ‘‘मैं यह नहीं समझ पाया कि कमरे में तुम्हारी दीदी कब और कैसे आईं?’’

‘‘मैं ने दीदी को अपनी सारी योजना बता दी थी. उन्हें नींद की दवा नहीं दी गई थी.

‘‘जब आप दीदी को छोड़ कर मेरे पास आए थे, उस समय वे जगी हुई थीं.

‘‘आप को कमरे में बैठा कर मैं बाथरूम के बहाने गई और दीदी को भेज दिया.

‘‘अंधेरा होने के चलते आप को जरा भी शक नहीं हुआ कि साली है या घरवाली.’’

उम्र में शालिनी मुझ से छोटी थी, मगर उस ने मुझे ऐसा सबक सिखाया कि उस की चतुराई पर मैं गर्व किए बिना न रह सका.

शालिनी की सूझबूझ से मैं अपने चरित्र से गिरने से बच गया था.

तीज स्पेशल 10 टिप्स: ऐसे मजबूत होगा पति-पत्नी का रिश्ता

जीवन की खुशियों के लिए पति-पत्नी के रिश्ते को प्यार, विश्वास और समझदारी के धागों से मजबूत बनाना पड़ता है. छोटी-छोटी बातें इग्नोर करनी होती हैं. मुश्किल के समय में एक-दूसरे का सहारा बनना पड़ता है. कुछ बातों का ख्याल रखना पड़ता है. जैसे…

1 मैसेज पर नहीं बातचीत पर निर्भर रहे…

ब्राइघम यूनिवर्सिटी में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक जो दंपत्ति जीवन के छोटे-बड़े पलों में मैसेज भेज कर दायित्व निभाते हैं जैसे बहस करना हो तो मैसेजेज, माफी मांगनी हो तो मैसेज, कोई फैसला लेना हो तो मैसेज, ऐसी आदत रिश्तों में खुशी और प्यार कम करती है. जब कोई बड़ी बात हो तो जीवनसाथी से कहने के लिए वास्तविक चेहरे के बजाय इमोजी का सहारा न लें.

2 ऐसे दोस्तों का साथ जिन की वैवाहिक जिंदगी खुशहाल है…

ब्राउन यूनिवर्सिटी में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक यदि आप के निकट संबंधी या दोस्त ने डिवोर्स लिया है तो आप के द्वारा भी यही कदम उठाए जाने की संभावना 75% तक बढ़ जाती है. इस के विपरीत यदि आप के प्रियजन सफल वैवाहिक जीवन बिता रहे हैं तो यह बात आप के रिश्ते में भी मजबूती का कारण बनता है.

3 पति-पत्नी बनें बेस्ट फ्रेंड्स…

द नेशनल ब्यूरो औफ इकनोमिक द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जो दंपत्ति एक-दूसरे को बेस्ट फ्रेंड मानते हैं वे दूसरों के देखे अपनी वैवाहिक जिंदगी में दोगुना अधिक संतुष्ट जीवन जीते हैं.

4 छोटी-छोटी बातें भी होती हैं महत्वपूर्ण…

मजबूत रिश्ते के लिए समय-समय पर अपने जीवनसाथी को स्पेशल महसूस कराना जरूरी है. यह जताना भी जरूरी है कि आप उन की केयर करते हैं और उन्हें प्यार करते हैं. इस से तलाक की नौबत नहीं आती. आप भले ही ज्यादा कुछ नहीं पर इतना तो कर ही सकते हैं कि प्यार भरा एक छोटा सा नोट जीवनसाथी के पर्स में डाल दें या दिनभर के काम के बाद उन के कंधों को प्यार से सहला दें.

5 सरप्राइज दें…

उन के बर्थडे या अपनी एनिवर्सरी को खास बनाएं. कभी-कभी उन्हें सरप्राइज दें. ऐसी छोटी-छोटी गतिविधियां आप को उन के करीब लाती हैं. वैसे पुरुष जिन्हे अपनी बीवी से इस तरह का सपोर्ट नहीं मिलता उन के द्वारा तलाक दिए जाने की संभावना दोगुनी ज्यादा होती है. जब कि स्त्रियों के मामले में ऐसा नहीं देखा गया है. इस की वजह यह है कि स्त्रियों का स्वभाव अलग होता है. वे अपने दोस्तों के क्लोज होती हैं. ज्यादा बातें करती हैं. छोटी-छोटी बातों पर उन्हें हग करती हैं. अनजान लोग भी महिलाओं को कौन्प्लीमेंट देते रहते हैं. जबकि पुरुष स्वयं में सीमित रहते हैं. उन्हें फीमेल पार्टनर या पत्नी से सपोर्ट की जरूरत पड़ती है.

6 आपसी विवादों को बेहतर ढंग से करें हैंडल…

पतिपत्नी के बीच विवाद और झगड़े होने बहुत स्वाभाविक है और इन से बचा नहीं जा सकता. मगर रिश्ते की मजबूती इस बात पर निर्भर करती है कि आप इन्हे किस तरह हैंडल करते हैं. अपने जीवनसाथी के प्रति हमेशा सौम्य और शिष्ट व्यवहार करने वालों के रिश्ते जल्द नहीं टूटते. झगड़े या विवाद के दौरान चिल्लाना, अपशब्द बोलना या मारपीट पर उतारू हो जाना रिश्ते में जहर घोलने जैसा है. ऐसी बातें इंसान कभी भूल नहीं पाता और वैवाहिक जिंदगी पर बहुत बुरा असर पड़ता है.

एक अध्ययन में इस बात का खुलासा किया गया है कि कैसे फाइटिंग स्टाइल आप की मैरिज को प्रभावित करती है. शादी के 10 साल बाद वैसे कपल्स जिन्होंने तलाक ले लिया और वैसे कपल्स जो अपने जीवनसाथी के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहे थे, के बीच जो सब से महत्वपूर्ण अंतर पाया गया वह था शादी के 1 साल के अंदर के अंदर उन के आपसी विवाद और झगड़ों को निपटाने का तरीका.

कपल्स जिन्होंने शादी के प्रारंभिक वर्षों में ही अपने जीवनसाथी के साथ समयसमय पर क्रोध और नकारात्मक लहजे के साथ व्यवहार किया उन का तलाक 10 सालों के अंदर हो गया. अली इयर्स ऑफ मैरिज प्रोजेक्ट में भी अमेरिकी शोधकर्ता ओरबुच ने यही पाया कि अच्छा, जिंदादिल रवैया और मधुर व्यवहार रहे तो परेशानियों के बीच भी कपल्स खुश रह सकते हैं.  इस के विपरीत मारपीट और उदासीनता भरा व्यवहार रिश्ते को कमजोर बनाता है.

7 बातचीत का विषय हो विस्तृत…

पति-पत्नी के बीच बातचीत का विषय घरेलू मामलों के अलावा भी कुछ होना चाहिए. अक्सर कपल्स कहते हैं कि हम तो आपस में बातें करते ही रहते हैं. संवाद की कोई कमी नहीं. पर जरा गौर करें कि आप बातें क्या करते हैं. हमेशा घर और बच्चों के काम की बातें करना ही पर्याप्त नहीं होता. खुशहाल दंपति वे होते हैं जो आपस में अपने सपने, उम्मीद, डर, ख़ुशी और सफलता सबकुछ बांटते हैं. एकदूसरे को जानने समझने का प्रयास करते हैं. किसी भी उम्र में और कभी भी रोमांटिक होना जानते हैं.

8 अच्छे समय को करे सेलिब्रेट…

जर्नल औफ पर्सनैलिटी और सोशल साइकोलौजी में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक अच्छे समय में पार्टनर का साथ देना तो अच्छा है पर उस से भी जरूरी है कि दुख, परेशानी और कठिन समय में अपने जीवनसाथी के साथ खड़ा होना. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन पर मोनिका लेविंस्की ने जब यौन शोषण का आरोप लगाया, उस वक्त भी हिलेरी क्लिंटन ने अपने पति का साथ नहीं छोड़ा. उन दिनों के साथ ने दोनों के रिश्ते को और भी मजबूत बना दिया.

9 रिस्क लेने से न घबराएं…

पति-पत्नी के बीच यदि नोवेल्टी, वैरायटी और सरप्राइज का दौर चलता रहता है तो रिश्ते में भी ताजगी और मजबूती बनी रहती है. साथ मिल कर नएनए एक्साइटमेंटस से भरी एक्टिविटीज में इन्वौल्व हों, नई-नई  जगह घूमने जाएं, रोमांचक सफर का मजा ले, लौन्ग ड्राइव पर जाएं, एक-दूसरे को खानेपीने, घूमने, हसने ,मस्ती करने और समझने के नए-नए औप्शन दे. कभी भी रिश्ते में नीरसता और उदासीनता को झांकने न दे. जिंदगी को नई-नई सरप्राइज से सजा कर रखे.

10 केवल प्यार काफी नहीं…

हम जिंदगी में अपने हर तरह के कमिटमेंट्स के लिए पूरा समय देते हैं. ट्रेनिंग्स लेते हैं. प्रयास करते हैं ताकि हम उसे बेहतर तरीके से आगे ले जा सके जैसे खिलाड़ी खेल के टिप्स सीखता रहता है, लौयर किताबें पढ़ता है, आर्टिस्ट्स वर्कशौप्स करता है. उसी तरह शादी को सफल बनाने के लिए हमें कुछ न कुछ नया सीखने और करने को तैयार रहना चाहिए.  सिर्फ अपने पति/पत्नी को प्यार करना ही काफी नहीं. उस प्यार का अहसास कराना और उस की वजह से मिलने वाली खुशी को सेलिब्रेट करना भी जरूरी है. साइंटिफिक दृष्टि से देखें तो इस तरह के नए-नए अनुभव शरीर में डोपामिन सिस्टम को एक्टिवेट करते हैं जिस से आप का दिमाग शादी के प्रारंभिक वर्षों में महसूस करने वाले रोमांटिक पलों को जीने का प्रयास करता है. एक-दूसरे को सकारात्मक बातें कहना तारीफ करना और साथ रहना रिश्ते में मजबूती लाता है.

तीज 2023: सफल शादी के राज, सूरत नहीं सीरत

लड़के की हाइट कितनी है? कम तो नहीं है. हमें तो अच्छी हाइट का लड़का चाहिए. रिश्ता आने के बाद सबसे पहले पूछा जाने वाला प्रश्न . आखिर हमारा समाज हमेशा ही ऐसा क्यों मानता है कि लड़के को  हमेशा ही लड़की से हाइट में लंबा होना चाहिए .अगर लड़का लंबा और लड़की उससे कम हाइट की हो  तब ही उनकी जोड़ी अच्छी क्यों लगती है? क्या इसके पीछे कोई ठोस कारण है या फिर यह महज़ हमारा  एक मानसिक विकार है.

ऐसा क्यों हैं ? क्या यह कोई सामाजिक ठप्पा है जो शादी के सर्टिफिकेट पर लगना ही चाहिए?

दोस्तों आजकल हमारे समाज में यह अजीब सा प्रचलन हो चला है कि हम अपने जीवन साथी को अपनी निगाह से ज्यादा दूसरों की निगाहों से देखना पसंद करते हैं. अगर दूसरे बोलते हैं कि आपका साथी अच्छा है तो आप खुश होते हैं और  अगर वही लोग आपके साथी में कमियाँ निकालते हैं तो हमें भी अपने साथी में हजारों कमियां नज़र आने लगती है. यह गलत है क्योंकि केवल आप ही अपने जीवनसाथी की आंतरिक सुंदरता को पहचानते हैं.

यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो “लोग क्या कहेंगे” के बारे में बहुत सोचता है, तो मेरा विश्वास करो कि लोग हमेशा कुछ कहेंगे.हाइट तो सिर्फ संख्या है.अगर आप समाज और दूसरे लोगों की इतनी परवाह करेंगे और यह सोचेंगे की दूसरे लोग आपके बारे में क्या सोचते है तो यकीन मानिए आप कभी खुश नहीं रह पाएंगे.यह सोच  आपको हमेशा परेशान करती रहेगी.

अगर आपके पार्टनर में कोई कमी है तो यकीन मानिए कि आप से ज्यादा उसे यह चीज परेशान करती है और अगर आप भी उस पर कमेंट करेंगे तो वह अपना आत्म विश्वास  खो देगा. कमेंट करने की जगह उसका सहारा बनिए. उसे महसूस कराइए कि उसमे कोई कमी नहीं है और वह आपके लिए एकदम परफेक्ट है.

आपको यह दिखावा करने की ज़रूरत नहीं है कि वह लंबा है.बिना किसी वजह उसकी इस कमी पर ध्यान न देने की कोशिश करें. यदि आप उसके दोस्तों या अन्य लोगों को उसकी ऊंचाई के बारे में मजाक करते हुए नोटिस करते हैं, तो आपको निश्चित रूप से कभी भी इसमें शामिल नहीं होना चाहिए. आपकी यह प्रतिक्रिया उसे बहुत बेहतर महसूस कराएगी. आपका साथी इस बात की थोड़ी परवाह कर सकता है कि दूसरे क्या सोचते हैं, लेकिन वह इस बात को ज्यादा तवज्जो देगा कि आप क्या सोचते हैं.उसके साथ ईमानदार रहें और  उसे समय- समय पर महसूस कराते रहें कि वो अभी भी आपके लिए आकर्षक हैं इससे उसे पता चल जाएगा कि आप उसे कितना चाहते हैं  और उसकी हाइट आपके लिए कोई मायने नहीं रखती. अगर आप उसकी इस एक कमी को नज़रंदाज़ करेंगे तो यकीन मानिये वो भी आपकी हजारों कमियों को नज़रंदाज़ करेगा. आप अपने जीवनसाथी से  दिल और आत्मा से प्यार करना सीखें क्योंकि वे ही कीमती  चीजें हैं बाकि तो सब दिखावा है.

मैं ये नहीं कहती की शादी के लिए आप अपने जीवनसाथी की शारीरिक विशेषताओं पर ध्यान न दें लेकिन शारीरिक विशेषताओं के साथ -साथ आंतरिक सुन्दरता भी बहुत जरूरी है.

हममें से ज्यादातर लोग रिश्तों में धोखा खाते है और अंत तक कभी भी सही व्यक्ति को नहीं पा पाते, क्योंकि हमारी पहली प्रमुखता ही रूप और कद काठी होती है हमें कभी लोगों के चरित्र और आत्मा की परवाह होती ही नहीं. हमें यह नहीं भूलना चाहिए, अगर दिल या आत्मा खोखली है, तो किसी भी तरह का अच्छा लुक किसी को खूबसूरत नहीं बनाता . हमें लोगों को  उनकी शारीरिक बनावट पर निर्णय लेने के बजाय, उनकी आंतरिक सुंदरता को समझना महत्वपूर्ण है.

यदि आप अपने जीवन-साथी के रूप में सिर्फ उसके शारीरिक सौंदर्य की तलाश कर रहें है तो यकीन मानिये की आप अभी शादी करने के लिए पूरी तरह  परिपक्व नहीं हैं.

शादी दो दिलों और आत्माओं का मिलन है और एक दूसरे से जीवन भर प्यार करने का वादा है. आसमां में जोड़ियाँ वो सबकी बनाता है,जिसपे जिसका नाम लिखा वो उसे मिल जाता है.

मेरे पति के 2 युवतियों से संबंध हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं विवाहित युवती हूं. मेरे पति के 2 युवतियों से संबंध हैं. मैं बहुत परेशान हूं और मुझे गृहशोभा से बहुत उम्मीद है. कृपया बताएं कि मैं ऐसा क्या करूं जिस से अपने पति को उन युवतियों के चंगुल से बचा सकूं?

जवाब-

लगता है, आप अपनी घरगृहस्थी में कुछ ज्यादा ही व्यस्त हो पति के प्रति लापरवाह होती गईं. घर में अपेक्षित प्यार और तवज्जो न मिलने के कारण ही आप के पति ने बाहर दूसरी महिलाओं से संबंध बना लिए. उन्हें वापस पाने के लिए आप को अब थोड़े धीरज से काम लेना होगा. पति जब भी घर आएं उन के साथ बिलकुल सामान्य व्यवहार करें. उन्हें तानेउलाहने न दें वरना वे घर आने से भी कतराने लगेंगे, जो आप के हित में नहीं होगा. पति जितनी देर घर रहें उन्हें भरपूर प्यार दें. धीरेधीरे उन का बाहर से वैसे भी मोहभंग हो जाएगा. विवाहित पुरुषों को युवतियां ज्यादा दिनों तक घास नहीं डालतीं, साथ ही अवैध संबंधों की मियाद भी ज्यादा लंबी नहीं होती. इसलिए चिंता छोड़ कर पति को वापस पाने के प्रयास में लग जाएं.

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लगभग एक साल पहले भंवरताल गार्डन जबलपुर में रहने वाली आयशा ने स्वास्थ्य महकमे में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात अपने पति डा. शफातउल्लाह खान की हत्या इसलिए करवा दी थी, क्योंकि उस का पति अपने विभाग की कई महिला कर्मचारियों से अवैध संबंध रखता था. अपनी अय्याशी की वजह से पत्नी के साथ संबंध भी नहीं बनाता था और पत्नी को प्रताडि़त करता था. हद तो तब हो गई जब पति ने पत्नी की नाबालिग भतीजी को अपनी हवस का शिकार बना लिया और इस से नाबालिग को गर्भ ठहर गया. तंग आ कर पत्नी ने सुपारी दे कर उस की हत्या करवा दी. इसी तरह दिसंबर 2019 में नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव थाना क्षेत्र में एक युवक आशीष की हत्या उस के दोस्त पंकज ने इसलिए कर दी थी, क्योंकि आशीष ने पंकज की पत्नी से सैक्स संबंध बना रखे थे.

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