मुझे और मेरे घरवालों को एक युवक ब्लैकमेल कर रहा है, मैं क्या करूं?

सवाल

मुझे एक युवक तंग कर रहा है. उस के पास मेरे कुछ फोटो हैं, जिन से वह मुझे और मेरे घर वालों को ब्लैकमेल कर रहा है. मैं क्या करूं? वह मुझ से जबरदस्ती शादी करना चाहता है पर मैं उस से शादी नहीं करना चाहती. वह मुझे कहता है कि अगर मैं ने उस से शादी नहीं की तो वह मुझे बदनाम कर देगा, प्लीज, मेरी हैल्प कीजिए?

जवाब

आप के पत्र से यह तो साफ है कि वह युवक सही नहीं है, लेकिन यह नहीं पता चला कि उस के पास आप के फोटोग्राफ कैसे पहुंचे और वह आप के पीछे क्यों पड़ा है? कहीं ऐसा तो नहीं कि आप का उस के साथ पहले अफेयर रहा हो और ब्रेकअप के बाद वह आप को न छोड़ना चाह रहा हो.

खैर, कारण क्या है आप अच्छी तरह जानती हैं. बहरहाल, अगर वह आप को तंग करता है या आप के घर वालों को आप के फोटो दिखा कर ब्लैकमेल करता है तो आप बिना झिझक अपने घर वालों को पहले तो सारी हकीकत बताएं, कभीकभी एकतरफा प्यार में पड़ कर भी युवक ऐसा करते हैं इसलिए उस के पेरैंट्स से अपने पेरैंट्स के साथ जा कर मिलें और उन्हें हकीकत से अवगत करवाएं. अगर फिर भी बात न बने तो पुलिस का सहारा ले सकती हैं. यकीन मानिए, वह आप का पीछा छोड़ देगा.

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जब सैक्स पार्टनर ब्लैकमेल करने लगे

युवावस्था में कब प्रेम हो जाए पता ही नहीं चलता और दो दिलों का साथ रहतेरहते सीधा सैक्स से संबंध न जुड़े इस से भी इनकार नहीं किया जा सकता. ऐसे में सैक्स संबंध तो बनते ही हैं और इस में दोनों की रजामंदी भी होती है. आपसी चाह व जवानी के आकर्षण में ये संबंध बन तो जाते हैं, लेकिन बाद में अधिकतर युवक अपनी इच्छापूर्ति के लिए या फिर अपनी मांगें मनवाने के लिए इन क्षणों का गलत इस्तेमाल करते हुए अपनी प्रेमिका से आगे भी इस की मांग करते हैं और अगर गर्लफ्रैंड न माने और उस की हरकतों की वजह से रिश्ता तोड़ दे तो फिर ब्लैकमेलिंग कर अपनी मनमानी करते हैं.

इस ब्लैकमेलिंग के कारण कई बार युवतियां इतना टूट जाती हैं कि वे गलत रास्ता अख्तियार कर लेती हैं. ऐसा ही कुछ दीपा के साथ भी हुआ. वह अपने प्रेमी के प्यार में इस कदर पागल हो गई कि उस ने अपना सबकुछ उसे सौंप दिया, लेकिन जब उसे अपनी इस गलती का एहसास हुआ तो उस ने अपने प्रेमी से भी भविष्य में इस गलती को न दोहराने और दोनों को खुद पर संयम रखने की बात कही. लेकिन उस के प्रेमी को तो ऐसा चसका लग गया कि अब वह बारबार दीपा से इस की मांग करने लगा व उस के न मानने पर वह उसे धमकाता हुआ ब्लैकमेल करने लगा.

दीपा भी लोकलाज के भय से उस की हर बात चुपचाप मानने लगी लेकिन जब स्थिति बेकाबू हो गई तो उस ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया. ऐसा सिर्फ दीपा के साथ ही नहीं बल्कि अधिकांश युवतियों के साथ होता है. इसलिए यदि आप भी अपने प्रेमी की ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रही हैं तो कोई गलत कदम उठाने के बजाय डट कर उस का मुकाबला करें, कदापि उस की ब्लैकमेलिंग का शिकार न बनें. आप यदि निम्न बातों पर ध्यान देंगी तो आसानी से राह निकल आएगी.

शर्तें मानने की भूल न करें

प्रेम में जहां युवतियां अपना सर्वस्व लुटाने को तैयार रहती हैं, वहीं प्रेमी को सबक सिखाने के लिए भी किसी हद तक जाने में गुरेज नहीं करतीं. ऐसे में अगर आप का प्रेमी आप से कोई गलत बात मानने को कहे और आप के न मानने पर उन अंतरंग क्षणों के उस ने जो वीडियो क्लिप बनाए थे, को उजागर करने के लिए कहे तो ऐसे में आप डरें नहीं और न ही उस की गलत बातों को मानें बल्कि उसे बोल्डली जवाब दें कि मैं तुम्हारी ऐसी धमकियों से डरने वाली नहीं हूं, क्योंकि उस में अगर मेरी गलती थी तो तुम भी बराबर के भागीदार थे और तुम ने ही मुझे ऐसा करने के लिए उकसाया है, इसलिए तुम्हें जो करना है कर लो. इस से उसे समझ आ जाएगा कि यहां बात बनने वाली नहीं है बल्कि यहां तो मेरे ही फंसने के चांसेज ज्यादा हैं. ऐसे में वह आप को दोबारा ब्लैकमेल करने की कोशिश नहीं करेगा.

गिड़गिड़ाएं नहीं, सामना करें

अकसर जब गलती हमारी तरफ से होती है तो हम खुद को सही साबित करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं. अगर आप का पार्टनर आप को ब्लैकमेल करे तो उस के सामने गिड़गिड़ाएं नहीं कि प्लीज मुझे माफ कर दो, तुम्हारे ऐसा करने से कौन मुझ से शादी करेगा, मेरे पेरैंट्स मुझे घर से निकाल देंगे वगैरावगैरा, बल्कि उसे ईंट का जवाब पत्थर से दें ताकि उस की अक्ल ठिकाने आ जाए.

अगर आप उस के सामने गिड़गिड़ाएंगी तो वह आप को और परेशान करेगा. एक बात याद रखें कि जुर्म करने वाला जितना दोषी होता है उतना ही जुर्म सहने वाला भी होता है. इसलिए जब वह आप को परेशान करे तो कड़े शब्दों में कह दें कि अगर दोबारा ऐसी हरकत करने की कोशिश की तो पुलिस को शिकायत कर धज्जियां उड़ाने में मुझे देर नहीं लगेगी. आप की हिम्मत देख कर वह कदम पीछे खींचने में ही अपनी भलाई समझेगा.

पेरैंट्स से न छिपाएं

सामने वाला आप को तभी ज्यादा तंग करता है जब उसे पता होता है कि आप अकेली हैं और घर पर डांट के डर से किसी से भी हमारे बीच बने अवैध संबंधों की बात शेयर नहीं करेंगी. ऐसे में भलाई इसी में है कि आप अपने पेरैंट्स से कुछ न छिपाएं. इस बात के लिए भी तैयार रहें कि पेरैंट्स यह सुन कर आप पर नाराज भी होंगे, लेकिन कुछ ही देर में वे नौर्मल हो कर आप को और आप की स्थिति को समझेंगे और आप को इस सिचुऐशन से बाहर निकालने के लिए जीजान लगा देंगे.

जब आप के बौयफ्रैंड को इस का पता चलेगा कि अब आप अकेली नहीं हैं तब उस के हौसले खुद ब खुद पस्त हो जाएंगे.

नशा न बाबा न

जब कुछ चीजें हमारे बस में नहीं रहतीं तब हम तनाव में रहने के कारण डिप्रैशन का शिकार हो जाते हैं और अपने गम को भुलाने के लिए नशीली चीजों का सेवन करने से भी नहीं कतराते, जिस से परिस्थितियां पहले से भी ज्यादा बदतर होने लगती हैं. ऐसे में आप खुद को कंट्रोल में रखें, क्योंकि आप की ऐसी हालत का कोई भी फायदा उठा सकता है और इस दौरान कोई भी ऐसा कदम न उठाएं जिस से आप को जिंदगीभर पछताना पड़े.

सब कुछ खत्म न समझें

भले ही आप अपने बौयफ्रैंड की ब्लैकमेलिंग से परेशान हों, लेकिन फिर भी इस की वजह से अपना सबकुछ न छोड़ दें. यह न सोचें कि मेरा तो सबकुछ खत्म हो गया है, बल्कि पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी जिंदगी जीएं, दोस्तों से मिलेंजुलें व घूमेंफिरें. यदि कोई फ्रैंड विश्वासपात्र है तो उस से अपने मन की हर बात शेयर करें. निश्चित ही आप को वहां से सही राय मिलेगी. इस दौरान उसे भी खुशी से जी कर दिखा दें कि उस की इन धमकियों से आप की लाइफ रुकने वाली नहीं है.

सोशल साइट्स से दूरी सही

ब्लैकमेलिंग के दौरान खुद को सोशल साइट्स से दूर कर लें, क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि वह आप के फोटो के साथ छेड़छाड़ कर के आप के प्रोफाइल पर टैग कर दे या फिर कुछ अश्लील बातें लिख कर आप को लोगों के सामने बदनाम करने की कोशिश करे. ऐसे में आप हर किसी को तो सफाई देने से रहीं और जरूरी भी नहीं कि हर कोई आप की बात पर विश्वास करे. इस से अच्छा है कि सोशल साइट्स से खुद को दूर ही रखें.

गलत कदम न उठाएं

हो सकता है कि आप ने भावनाओं में बह कर अपने प्रेमी के साथ एक रात बिता ली हो और इन अंतरंग पलों की वीडियो आप के पार्टनर ने चोरीछिपे बना ली हो और उसी के आधार पर वह आप को ब्लैकमेल कर रहा हो कि अगर तुम ने मेरे दोस्तों को खुश नहीं किया तो मैं यह वीडियो सोशल साइट्स पर वायरल कर दूंगा और आप इस डर से सुसाइड जैसा कदम उठा बैठें जो सही नहीं है, क्योंकि इस से नुकसान आप का ही होगा. दुनिया आप को ही गलत ठहराएगी. इस से अच्छा है कि डट कर उस का मुकाबला करें और उसे सबक सिखाएं, ताकि वह भविष्य में किसी और से ऐसी हरकत न कर पाए.

सोसायटी की चिंता न करें

जब आप ने बौयफ्रैंड बनाते वक्त सोसायटी की चिंता नहीं की थी तो अब क्या परवा.

अगर आप इस डर के मारे अकेले ही उस के सारे जुल्म सहती रहेंगी तो वह आप को और सताएगा. इसलिए जब भी वह आप को धमकी दे कि अगर मेरी बात नहीं मानी तो मैं तुम्हारी कालोनी में आ कर तुम्हारा तमाशा बनाऊंगा तो आप खुलेआम इस चैलेंज को ऐक्सैप्ट करें. फिर अगर उस ने आप के एरिया में आ कर सचाई बताने या फिर आप को फंसाने की कोशिश की तो आप इस बात को स्वीकार न करें कि आप के बीच रिलेशन था और उलटा उसे ही फंसा कर भीड़ के हवाले कर दें, जिस से भविष्य में वह किसी भी लड़की के साथ ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगा.

अकेले में मिलना यानी खतरा

हो सकता है कि आप का बौयफ्रैंड खुद को सुधारने की बात कहे और अपनी गलती का पश्चात्ताप करने के लिए आप को ऐसी अनजान जगह पर बुलाए जिस के बारे में आप ने पहले कभी नहीं सुना हो तो ऐसे में आप उस से बिलकुल न मिलें, क्योंकि भले ही आप उस की मीठीमीठी बातों में आ कर उसे माफ करने के बारे में सोच भी लें, लेकिन उस के मन में आप के प्रति क्या चल रहा है इस बारे में सिर्फ वही जानता है इसलिए उस पर दोबारा विश्वास करने की भूल न करें. साथ ही उस के दोस्तों की बातों में भी न आएं, क्योंकि हो सकता है कि यह भी उसी की कोई नई चाल हो, जिस में आप को फंसाने की साजिश हो. इसलिए भावुकता में आ कर होश न खोएं.

पुलिस से मदद लें

ब्लैकमेलिंग की सूचना तुरंत पुलिस को दें और पुलिस को पूरी बात से अवगत कराएं. इस बात से डरें नहीं कि अगर आप के साथी को पता चल गया तो वह आप को और तंग करेगा, क्योंकि पुलिस इस तरह से जांच करेगी कि आप का नुकसान भी नहीं होगा और अपराधी पकड़ा भी जाएगा.

इन बातों का रखें ध्यान

कोई आप को बाद में ब्लैकमेल न करे इस के लिए रिलेशन के दौरान इन बातों का ध्यान रखें :

पर्सनल बातें न बताएं : हम ब्लैकमेलिंग का शिकार तभी होते हैं जब अपने पार्टनर पर खुद से भी ज्यादा विश्वास कर उसे अपनी हर पर्सनल बात बता देते हैं, जिस से जब रिलेशन टूटता है तो वह इन्ही सब बातों से हमें ब्लैकमेल करने की कोशिश करता है. इसलिए कोशिश करें कुछ बातों को गुप्त रखने की.

खुद पर संयम रखना सीखें :  यह सच है कि जब 2 विपरीत सैक्स आमनेसामने होते हैं तो उन में एकदूसरे को पा लेने की इच्छा होती है और कई बार इसी इच्छा के चलते सारी हदें पार हो जाती हैं. भले ही उस दौरान आप खुद पर कंट्रोल न रख पाएं लेकिन अगर पार्टनर उन पलों को कैमरे में कैद करने को कहे तो साफ इनकार कर दें, क्योंकि वह इसी के जरिए आप को ब्लैकमेल कर सकता है.

अलर्ट रहें : अगर आप अपने बौयफ्रैंड को कुछ गलत करते देखें तो चुप न रहें, बल्कि उसे टोकें और खुद भी अलर्ट रहें.

लिखित प्रूफ न दें : आप चाहे अपने बौयफ्रैंड से कितना भी प्यार और उस पर कितना भी विश्वास करें लेकिन फिर भी लिखित में कोई ऐसा प्रूफ न छोड़ें जो आप को आगे चल कर मुसीबत में डाल दे.

इस तरह आप खुद को ब्लैकमेलिंग का शिकार होने से बचा सकती हैं.

मैं अपनी शादी से खुश नहीं हूं और पति से अलग होना चाहती हूं, मैं क्या करू?

सवाल

मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं. एक बेटा भी है. मैं अपनी शादी से खुश नहीं हूं और पति से अलग होना चाहती हूं पर वे मुझे छोड़ना नहीं चाहते, बावजूद इस के कि वे मुझे पसंद नहीं करते. हमेशा लड़ते रहते हैं. कई बार तो मारते पीटते भी हैं. मुझे समझ में नहीं आता कि उन से छुटकारा कैसे पाऊं? कृपया मेरी समस्या का कोई समुचित हल बताएं?

जवाब

आप ने पूरा खुलासा नहीं किया कि आप के पति आप को नापसंद क्यों करते हैं और आप लोगों में झगड़ा क्यों होता है? जहां तक आप के पति के आप को मारनेपीटने की बात है तो वह उचित नहीं है. इस के लिए पहली बार ही जब उन्होंने आप पर हाथ उठाया था आप को अपने सासससुर से इस की शिकायत करनी चाहिए थी.

आप की शादी को 3 साल हो चुके हैं. इतने सालों में आप पति के स्वभाव को जान चुकी होंगी, इसलिए कोशिश कर सकती हैं कि कोई ऐसा काम न करें, जिस से गृहकलह की नौबत आए. अब आप का बच्चा भी है और घर की अशांति का बच्चों की परवरिश पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. जहां तक आप के द्वारा पति को छोड़ने की बात है तो हम परिवार जोड़ने की सलाह देते हैं तोड़ने की नहीं. अत: पति को छोड़ने का विचार मन से निकाल दें. पति से तालमेल बैठाने का प्रयास करें.

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कमजोरों पर भारी पड़ता तलाक तलाक तलाक

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ इलाके की रहने वाली रेहाना की शादी 16 साल की उम्र में लखनऊ के परवेज से हो गई थी. रेहाना का परिवार गांव में रहता था. वह वहां के रहनसहन की आदी थी. 5वीं जमात तक पढ़ी रेहाना को पढ़नेलिखने का शौक था. उस के वालिद ने आगे स्कूल भेजने से बेहतर उस की शादी करना मुनासिब समझा. रेहाना को समझा दिया गया कि निकाह के बाद लखनऊ जाना, तो वहां पढ़ने के लिए अच्छेअच्छे स्कूल मिलेंगे.

रेहाना निकाह के बाद लखनऊ आ गई. वहां पर उस ने अपनी पढ़ाई की बात की, तो किसी ने उस की बात को तवज्जुह नहीं दी. धीरेधीरे वह रोजमर्रा की जिंदगी में उलझ गई. शादी के सालभर बाद ही रेहाना को एक बच्चा भी हो गया. रेहाना का पति नौकरी करने विदेश चला गया. अब वह कुछ दिन लखनऊ रहती, तो कुछ दिन मायके हैदरगढ़ चली जाती. इस बीच ससुराल में उस का कुछ मनमुटाव भी होने लगा. यह बात विदेश में नौकरी करने गए रेहाना के पति परवेज को भी पता चली, तो वह उसी को जिम्मेदार ठहराने लगा. रेहाना को यह पता नहीं था कि परवेज के मन में क्या है?

एक दिन फोन पर बात करते ही दोनों के बीच झगड़ा होने लगा. गुस्से में आ कर परवेज ने रेहाना को ‘तलाक तलाक तलाक’ कह कर तलाक दे दिया.इस बात की जानकारी रेहाना के मायके और ससुराल वालों को भी हुई. उन लोगों ने बात को संभालने के बजाय दोनों का अलगाव कराने का फैसला कर लिया. निकाह के 4 साल के अंदर ही 20 साल की रेहाना तलाकशुदा औरत बन कर ही मायके में रह कर मेहनतमजदूरी कर के अपना पेट पालने को मजबूर हो रही है.

यह केवल रेहाना की बात नहीं है. गांवों और कसबों में रहने वाली कमजोर परिवार की बहुत सारी मुसलिम लड़कियां इस तरह की परेशानियों से गुजर रही हैं. कुछ सालों में उत्तर प्रदेश और बिहार के गांवकसबों में रहने वाली लड़कियों के मातापिता उन की शादी शहरों में करने लगे हैं, ताकि वे सुखी जिंदगी गुजरबसर कर सकें. शादी के समय अपनी अच्छी माली हालत बताने वाले लड़कों के परिवार शादी के बाद लड़कों को नौकरी करने किसी और देश या शहर भेज देते हैं, जहां पर वे नौकरी करते हैं. घर में उन का रहना कम होने लगता है.पतिपत्नी के अलग रहने से दोनों के बीच दूरियां बढ़ती जाती हैं. एक समय ऐसा आता है कि ये दूरियां तनाव, लड़ाईझगड़े में बदल जाती हैं. फोन, ह्वाट्सऐप और सोशल मीडिया के बढ़ते चलन से बातबात पर तलाक देने की घटनाएं बढ़ गई हैं. छोटीछोटी बातचीत और लड़ाईझगड़े में ये मर्द अपनी औरतों को तलाक देने लगे हैं. मुसलिम तलाक कानून 3 तलाक को ले कर पसोपेश की हालत में है. ऐसे में इस का खमियाजा औरतों को उठाना पड़ता है.

आंकड़े बताते हैं कि साल 2014 में महिला शरीआ अदालतों में 235 तलाक के मामले आए थे. इन में से 66 फीसदी मामलों में बातचीत करतेकरते मुंहजबानी तलाक ही लिया गया था. जिन औरतों को तलाक मिला, उन में से 90 फीसदी से ज्यादा औरतें इस तरह के तलाक से खुश नहीं हैं. मुसलिम समाज में आज भी 55 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में ही कर दी जाती है. इन में से आधी औरतों के पास निकाहनामा नहीं होता है. मुसलिम समुदाय में इस तरह के तलाक की अहम वजह किसी और से शादी भी होती है. 90 फीसदी औरतें अपने पतियों की दूसरी शादी के खिलाफ हैं. मुसलिम समाज में घरेलू हिंसा के मामले भी बढ़े हैं. औरतें बातबात पर तलाक के डर से अपनी बात किसी से कहने में डरती हैं. उन को लगता है कि इस से उन का पति उन को तलाक दे देगा. तलाक के डर से वे मारपीट को चुपचाप सहती रहती हैं.

छोटी छोटी वजहें

बातबात पर तलाक देने के मामलों को देखा जाए, तो बहुत छोटीछोटी वजहें सामने आती हैं. रेहाना ने बताया कि उस के पति ने लड़ाईझगड़ा शुरू करने से पहले कहा था कि तुम को खाना बनाना नहीं आता. जब भी तुम गोश्त बनाती हो, उस में तेल ज्यादा रहता है. उस को खाने के बाद हमारे घर वालों का पेट खराब हो जाएगा. वे बीमार हो जाएंगे. जब तुम घर के लोगों के लिए खाना तक नहीं बना सकती हो, तो तुम्हारे साथ निकाह कर के रहने का क्या फायदा? इस के बाद ही उस ने तलाक दे कर रेहाना को छोड़ दिया. दरअसल, मुसलिम कानून में औरतों के बजाय आदमियों को ज्यादा हक दिए गए हैं. ऐसे में औरतें हमेशा अपने को असुरक्षित महसूस करती हैं. आदमियों को लगता है कि 3 बार तलाक कहने से उन को बीवी से छुटकारा मिल जाएगा. एक बार तलाक हो जाने के बाद कोई भी औरत की बात को सही नहीं मानता. ऐसे में आदमियों के हौसले बढ़ते जाते हैं.

समाज के दूसरे तबकों को देख कर मुसलिम बिरादरी की लड़कियां भी फैशनेबल पोशाक में रहना चाहती हैं. जब वे ऐसा करती हैं, तो उन के समाज के कट्टरवादी लोग एतराज करते हैं. यहीं से औरतों का विरोध होने लगता है.

20 साल की फरहाना ने बताया कि उस ने इंटर तक की पढ़ाई पूरी की थी. शादी के बाद वह अपनी सहेलियों से मिलती, तो वे सब फैशन से रहती थीं. एक बार उस ने भी फैशनेबल पोशाक पहन ली. इस से उस की सास नाराज हो गईं और इस बात की शिकायत उस के पति को कर दी, जिस के बाद मारपीट से शुरू हुई कहानी तलाक तक पहुंच गई. इस तरह के हालात का सामना कर रही रजिया ने बताया कि उस का तलाक इसलिए हो गया, क्योंकि अपनी ननद की शादी में उस ने कपड़ों और गहनों की खरीदारी की थी. यह बात ननद की ससुराल वालों को पसंद नहीं आई. ननद की ससुराल वालों की शिकायत पर उसे तलाक दे दिया.

पहले भारतीय समाज में शादी टूटने की घटनाएं कम होती थीं. हाल के कुछ सालों में ये घटनाएं बढ़ चुकी हैं. शादी टूटने की सब से ज्यादा घटनाएं मुसलिम बिरादरी में बढ़ रही हैं. महज 10 सालों के अंदर शादी टूटने की घटनाएं 3 गुना ज्यादा बढ़ गई हैं. छोटेबड़े सभी शहरों में एकजैसे हालात हैं. देश में सब से ज्यादा तलाक मुंबई में होते हैं. एक साल में मुंबई में औसतन 11 हजार, दिल्ली में 8 हजार और लखनऊ में 3 हजार तलाक होते हैं. दिल्ली में हर साल फैमिली कोर्ट में 15 हजार से ज्यादा अर्जियां तलाक के लिए डाली जाती हैं. केरल, पंजाब और हरियाणा में तलाक के मामले तेजी से बढ़े हैं. वहां हर साल 3 से 6 हजार तलाक के केस फाइल होते हैं.

तलाक की कहानी

मुसलिम तबके में किसी आदमी को अपनी पत्नी से छुटकारा पाने के लिए तलाक शब्द को कहने का हक हासिल है. 3 बार तलाक शब्द को दोहरा कर वह पत्नी को तलाक दे सकता है. मुसलिम धर्म के जानकार मानते हैं कि इस तरह बातबात पर तलाक लेना सही नहीं है. तलाक शब्द को एकसाथ ही 3 बार में नहीं बोला जा सकता है. एक महीने में एक बार ही तलाक बोला जा सकता है. इस से पतिपत्नी को तलाक लेने में 3 महीने तक का समय मिल जाता है.

सही बात यह है कि लोग इस बात का पालन नहीं करना चाहते. लोग एक बार में ही तलाक शब्द को 3 बार में बोल कर तलाक लेना पसंद करते हैं. मुसलिम तबके के लोग भी इस बात को ज्यादा प्रचारित नहीं करना चाहते कि तलाक को किस तरह से देना होता है. मर्द इस भ्रम को बनाए रखना चाहते हैं, जिस से वे औरतों का शोषण कर सकें.

कम पढ़ीलिखी लड़की इस तरह के दबाव में आ कर टूट जाती है. वह 3 बार कहे गए तलाक को ही सही मान लेती है. वह इस को अपनी किस्मत मान कर समझौता कर लेती है. कम उम्र में तलाक होने से औरतें जिंदगीभर दुख भोगती रहती हैं. इस में से कई दिमागी बीमारियों का शिकार हो कर टूट जाती हैं.

रेहाना कहती है, ‘‘तलाक देने के तरीकों से मुसलिम औरत हमेशा नुकसान में रहती है. जब तक 3 तलाक को सही तरह से इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, तब तक मर्द मनमानी करते रहेंगे.’’ तलाक को ले कर सुप्रीम कोर्ट ने भी सुझाव दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही शादी में दिए गए स्त्रीधन और मिलने वाले सामान की पूरी लिस्ट भी बनाई जाए.

इस के बाद भी अभी तक इस बात पर अमल नहीं किया गया है. अगर 3 तलाक के गलत इस्तेमाल से शादियों को टूटने से बचाना है, तो सुप्रीम कोर्ट की बात को मानना ही पडे़गा. मर्दों को लगता है कि अगर तलाक देने के तरीके में कोई रुकावट आएगी, तो उन की मनमानी पर असर पड़ेगा, जिस से वे औरत को आसानी से तलाक दे कर दूसरी शादी नहीं कर सकेंगे.

सोशल साइटें बनीं सौतन

पिछले 4-5 सालों में सोशल साइटों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है, जिस में आदमी और औरत दोनों ही अलगअलग दोस्त बनाते हैं. सब से बड़ा जरीया फेसबुक और ह्वाट्सऐप हैं. पहले यह लत शहरों तक ही सिमटी थी, पर अब मोबाइल फोन, फेसबुक और ह्वाट्सऐप गांवकसबों तक पहुंच गए हैं. बातबात पर तलाक के मामलों को अलग कर के देखा जाए, तो सोशल साइटें तलाक की अहम वजहें बन रही हैं. स्कूल में पढ़ाने वाली सलमा फेसबुक और वाट्सऐप दोनों का इस्तेमाल करती थीं.

वे जब स्कूल से वापस आतीं, तो कुछ देर सोशल साइट्स पर बिताती थीं. एक बार उन के पति ने उन का फोन देखा तो पता चला कि सलमा रात को किसी मर्द दोस्त से चैटिंग कर रही थी. पति ने इस बात को ले कर पहले झगड़ा शुरू किया और बाद में सलमा को तलाक दे दिया. मुसलिम बिरादरी में अभी भी औरतों पर तमाम तरह की पाबंदी हैं. ऐसे में सोशल साइटें सौतन बन गई हैं. बातबात पर होने वाले तलाक में फेसबुक और ह्वाट्सऐप की बातों को सुबूत की तरह से पेश किया जाने लगा है. 50 फीसदी से ज्यादा लोग अपने साथी के अकाउंट पर नजर रखते हैं. 60 फीसदी लोग यह चाहते है कि उन की पत्नी अपने मोबाइल फोन में किसी तरह का पासवर्ड लौक न लगाएं.

30 फीसदी लोगों में फेसबुक और वाट्सऐप को ले कर हफ्ते में एक बार झगड़ा जरूर होता है. सोशल साइटों ने शादीशुदा जिंदगी में परेशानी खड़ी कर दी है. इस का सब से ज्यादा असर मुसलिम बिरादरी पर पड़ रहा है. अब मुसलिम बिरादरी भी इन मामलों को ले कर जागरूक होने लगी है. 3 तलाक कानून से उस की परेशानियां और भी ज्यादा बढ़ती जा रही हैं.

मुसलिम देश भी हैं परेशान

भारत में 3 तलाक भले ही चल रहा हो, पर मुसलिम देशों में इस पर बैन लगाया जाना शुरू हो गया है. पाकिस्तान में 3 तलाक को बंद कर दिया गया है. मुसलिम देशों में गुस्से, नशे और जोश में दिए गए तलाक को सही नहीं माना जाता है. अलगअलग देशों में तलाक को ले कर अलगअलग कानून हैं. मुसलिम देशों में औरतों की हालत बेहद खराब है. यूरोपीय देशों में मुसलिम जोड़ों के लिए अलग कानून है. 3 तलाक को वहां भी अच्छा नहीं माना जाता है. इस को रोकने के वहां भी अलगअलग कानून बने हैं. उन देशों में रहने वालों के माली और सामाजिक हालात भारत से अलग हैं.

ऐसे में भारत में 3 तलाक को ले कर ज्यादा जागरूकता नहीं है. भारत में तमाम औरतों ने अपने संगठन बना कर 3 तलाक  का विरोध करना शुरू किया है. इस से समाज में जागरूकता तो आ रही है, पर अभी भी बड़ा हिस्सा 3 तलाक को सही मानता है. आपसी विरोधऔर सहमति के बीच 3 तलाक का प्रचलन जारी रहने से औरतों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सब से ज्यादा परेशानी गांवकसबों में रहने वाली औरतों के सामने आती है. कम पढ़ीलिखी गरीब औरतें अपनी शिकायत तक सही से नहीं करा पाती हैं. 3 तलाक ने इस तरह की औरतों की जिंदगी को बरबाद कर दिया है.

 

 

हमारी शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए कुछ उपाय बताएं?

सवाल

मैं 26 वर्षीय युवती हूं. विवाह को 2 वर्ष हो चुके हैं. हमारी सैक्स लाइफ ठीक नहीं है. हम दोनों का वजन काफी अधिक है. इस के अलावा वे हमेशा थकेथके रहते हैं. ऐसा कोई उपाय बताएं जिस से हमारी शादीशुदा जिंदगी खुशहाल हो सके.

जवाब

व्यायाम, सैर करने के अलावा आप को अपने खानपान पर भी समुचित ध्यान देने की आवश्यकता है. बेहतर होना कि किसी आहार विशेषज्ञ से अपना डाइट चार्ट बनवा लें और उसी के अनुसार दिनचर्या बनाएं. वजन से छुटकारा पा लेने के बाद आप की समस्याएं स्वत: सुलझ जाएंगी. संतानोत्पत्ति के लिए भी आप को अपने वजन को कम करना आवश्यक है.

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सफल वैवाहिक जीवन के सूत्र

‘‘समीर, कितनी देर कर दी लौटने में? तुम्हारा इंतजार मुझे बेचैन कर देता है.’’

‘‘ओह सीमा, क्या सचमुच मुझ से इतना प्यार करती हो?’’ समीर भावुक हो उठे.

‘‘देखो, कितने मैसेज भेजे हैं तुम्हें?’’

‘‘क्या करूं, डार्लिंग. दफ्तर में काम बहुत ज्यादा है,’’ समीर ने सीमा को कस कर अपनी बांहों में भींच लिया. फिर जेब से फिल्म के 2 टिकट निकाल कर बोले, ‘‘आज की शाम तुम्हारे नाम. पहले एक कप गरम कौफी हो जाए, फिर फिल्म. डिनर किसी अच्छे रेस्तरां में करेंगे.’’ समीर ने प्यार से पत्नी की आंखों में झांका तो उस ने अपना सिर समीर की चौड़ी छाती पर टिका दिया. करीब 4 साल बाद.

‘‘समीर, आज एटीएम से कुछ पैसे निकाल लेना.’’

‘‘हद करती हो. पिछले हफ्ते ही तो 2 हजार रुपए निकाल कर दिए थे.’’

‘‘2 हजार में कोई इलास्टिक तो लगी नहीं थी कि पूरा महीना चल जाते.’’

‘‘फिर भी, थोड़ा कायदे से खर्चा किया करो. बैंक में नोटों का पेड़ तो लगा नहीं है कि जब चाहा तोड़ लिए.’’ रोजमर्रा की जिंदगी में अपने इर्दगिर्द हम ऐसे कई उदाहरण देखते हैं. अपनी निजी जिंदगी में भी ऐसा ही कुछ महसूस करते हैं. दरअसल, विवाह के शुरुआती दिनों में, पतिपत्नी एकदूसरे के गुणों और आकर्षण से इस कदर प्रभावित होते हैं कि अवगुणों की तरफ उन का ध्यान जाता ही नहीं. जाता भी है तो उसे नजरअंदाज कर देते हैं. धीरेधीरे जब घर बसाने और घर चलाने की जिम्मेदारी आ पड़ती है तो तकरार, बहस और समझौते की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और दोनों एकदूसरे पर दोष मढ़ना शुरू कर देते हैं, जबकि सचाई यह है कि शादी के शुरू के बरसों में सैक्स का आकर्षण तीव्र होने के कारण ये नजदीकियां बनी रहती हैं और धीरेधीरे जब सैक्स में संतुष्टि होने लगती है तो उत्तेजना कम होने लगती है और पहले वाला आकर्षण नहीं रह पाता. फलत: उन के संबंध उबाऊ होने लगते हैं.

प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक रौबर्ट स्टर्नबर्ग ने ‘टैं्रगुलर थ्योरी औफ लव’ के अंतर्गत कहा है कि आदर्श विवाह वह है, जिस में 3 गुणों का समावेश हो- इंटीमेसी (घनिष्ठता), कमिटमैंट (समर्पण) और पैशन (एकदूसरे के नजदीक रहने की गहरी इच्छा). तीनों गुणों का संतुलन ही वैवाहिक जीवन को सफल बनाता है. विवाह के कुछ सालों बाद यदि पति शेव कर रहा हो और बगल से गुजरती पत्नी की उस से टक्कर हो जाए तो उसे बाहुपाश में लेने के बजाय, ‘‘अरे यार, जरा देख कर चलो,’’ यही वाक्य उस के मुंह से निकलेगा. ऐसा नहीं है कि एक अंतराल के बाद उभरती दूरी को मिटाया नहीं जा सकता. आदर्श स्थिति तो यह होगी कि ऐसी दूरी ही न आए. कैसे, आइए, देखें:

स्वयं को आकर्षक बनाए रखें

यदि आप अपनेआप को घर में आकर्षक बना कर नहीं रखतीं तो आप के पति यह समझ सकते हैं कि आप उन की पसंद की चिंता नहीं करतीं. ‘विवाह के 10 साल बाद भी आप अपने पति को आकर्षित कर सकती हैं’ यह फीलिंग ही आप को गुदगुदा देती है. पति के मुंह से ‘लुकिंग ब्यूटीफुल’ सुन कर आप स्वयं को मिस यूनीवर्स से कम नहीं समझेंगी.

प्यार के समय को बदलिए

अगर आप प्यार के समय को, रात के लिए और अंतिम कार्य के रूप में छोड़ती हैं तो इसे सुबह अपनाइए. प्यार को शयनकक्ष तक सीमित रखने के बजाय प्यार के क्षणों को पहचानिए और उन का उपयोग कीजिए. ड्राइंगरूम, रसोई, बगीचा या जहां कहीं भी आप को मौका मिले, आप इन क्षणों का उपयोग कीजिए.

एकांत का सदुपयोग करें

यदि परिवार संयुक्त हो या बच्चे दिन भर आप के पास रहते हों तो आप को एकांत नहीं मिलता. कुछ समय के लिए बच्चों को घर से बाहर भेज दें या खुद घर से बाहर निकल कर कुछ समय एकसाथ एकांत में बिताएं, नजदीकियां बढ़ेंगी.

प्यार के अलगअलग तरीकों को अपनाएं

प्यार को नीरस या उबाऊ नित्यक्रिया बनाने के बजाय, अच्छा होगा कि सप्ताह 2 सप्ताह के लिए इसे बंद कर दें और जब आप की वास्तविक इच्छा हो तभी प्यार के क्षणों का आनंद लें. प्यार के अलगअलग तरीकों को अपनाइए, इस से भी संबंधों में नवीनता आएगी.

दूर करें भ्रांतियां

दरअसल, संस्कार और परंपरागत मूल्यों के नाम पर हमेशा से ही सैक्स के प्रति हमारे मनमस्तिष्क में अनावश्यक भ्रांतियां भर दी जाती हैं. इस के कारण हम में से कुछ लोग सैक्स को अनैतिक समझने लगते हैं और एक मजबूरी के तौर पर निभाते हैं. यह ठीक है कि सैक्स के प्रति संयम और शालीनता का व्यवहार आवश्यक है, लेकिन जब यही भाव दांपत्य जीवन में मानसिक ग्रंथि का रूप धारण कर लेता है, तब पतिपत्नी दोनों का जीवन भी पूरी तरह अव्यवस्थित हो जाता है.

एकदूसरे की भावनाओं को समझें

दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि दंपती एकदूसरे की शारीरिक जरूरतों को ही नहीं, भावनात्मक जरूरतों को भी समझें. यदि आप के मन में किसी विषय को ले कर किसी प्रकार का संशय या सवाल है तो इस बारे में अपने जीवनसाथी से खुल कर बात करें. अपनी इच्छाओं का खुल कर इजहार करें. लेकिन हर बार केवल अपनी बात मनवाने की जिद से आप के साथी के मन में झुंझलाहट पैदा हो सकती है. इसलिए अपनी इच्छाओं की संतुष्टि के साथसाथ अपने साथी की संतुष्टि का भी ध्यान रखें.

इन बातों का भी ध्यान रखें:

एकदूसरे के प्रति अपने प्यार को प्रदर्शित करें.

रोजमर्रा की समस्याएं बेडरूम तक न ले जाएं.

अनावश्यक थकाने वाले कामों से बचें.

अगर प्यार को आप वास्तव में महत्त्व देती हैं तो अनावश्यक व्यस्तताओं से बचें.

मीठीमीठी, प्यारीप्यारी बातें कर के, स्पर्श या चुंबन द्वारा आप अपने साथी को सैक्स के लिए धीरेधीरे प्रेरित करें.

यदि किसी कारणवश आप की इच्छा न हो तो आप के इनकार में भी प्यार और वह अदा होनी चाहिए कि आप का जीवनसाथी बिना किसी नाराजगी के आप की बात मान ले.

समय के साथसाथ आप के जीवनसाथी में परिपक्वता और परिस्थितियों का विश्लेषण और आकलन करने की क्षमता बढ़ती जाती है. जिस बात के लिए ब्याह के शुरुआती दिनों में वह तुरंत हामी भर देता था, अब सोचविचार कर हां या न कहेगा. इसलिए किसी भी मसले को धैर्यपूर्वक सुलझाएं. यकीन मानिए, इस तरह आप दोनों का रिश्ता न सिर्फ प्रगाढ़ होता जाएगा, बल्कि इस के साथ ही आप का दांपत्य जीवन भी नीरस नहीं होगा. उस में बेशुमार खुशियां भी शामिल हो पाएंगी.

देवर है आशिक नहीं

अलकेश न केवल सगे भाई की पत्नी बल्कि चाचाताऊ के बड़े भाई की पत्नियों को भी फ्लाइंग किस और उन से फ्लर्टिंग करता रहता है. उस की इस आदत का बुरा मानना भी छोड़ दिया है. अपनी हमउम्र भाभी के साथ घंटों मोबाइल पर बात करता है. भाई को शक होता पर मुंह बंद कर लेता वरना जीवन दांव पर लग जाएगा.

मंटी भाभी को खूब उपहार दे कर उन का दिल जीत बैठा है. भाभी भी उस का बहुत ध्यान रखती है. अचानक एक दिन नव दंपती को अलग रहने का फरमान जारी कर दिया गया. जब दोनों ने बहुत पूछा तो मां को कहना पड़ा कि देवरभाभी में कभी भी खिचड़ी पक सकती है. इस की उम्र ही ऐसी है. वह अनजाने बहक सकता है. कामधाम करता नहीं कि उस की भी शादी कर दी जाए. अत: यही विकल्प है. तब दोनों ओर से रिश्तों को ताकीद किया गया तब वे सहज हुए. भाभी ने उचित दूरी बना कर गृहस्थी बना ली.

क्यों होता है ऐसा

हमउम्र या कम उम्र मेें सहज रूप से भी देवरभौजाई में आकर्षण की संभावना अधिक रहती है. ऐसे में देवर आशिकमिजाज हो तो यह संभावना बहुत अधिक बढ़ सकती है. सदैव देवर जानबूझ कर ही भौजाइयों के प्रति आकर्षण का शिकार नहीं होते अनजाने भी होते हैं. ऐसे में उन्हें समय रहते समझना जरूरी है. भाभी हमारे घर आई ही इस काम के लिए है यह सोच देवर की हो ठीक नहीं है. भाभियों के खुलेपन को भी देवर आशिकमिजाजी उभारने का आधार बना लेते हैं.

पतिपत्नी की आपसी कलह भी आशिकमिजाज देवरों को अपने लिए स्कोप के रूप में दिखाई देती है. ऐसी स्थिति में उन की आशिकमिजाजी फूलतीफलती है.

भाभी द्वारा आशिकमिजाजी पहचान न पाना या उसे ही सहज व्यवहार सम?ा लेना आशिकमिजाजी देवर को स्वीकृति लगती है. हमारे लोकगीतों में देवरों की रोमांटिक छवि बखान की गई है जो जीवन की हकीकत से मेल नहीं खाती.

देवर दूसरा वर नहीं देवर भाभी दोनों ही कुछ खुलेपन को सहज मानते हैं. कई भाभियां इसी सोच में आशिकमिजाज देवरों की करतूतें पहचान नहीं पातीं. कभी आभास हो भी जाता है तो प्रतिरोध नहीं कर पातीं. उन्हीं ही दोषी माना जाएगा, इस डर से वे मुंह नहीं खोलतीं.

एक अनुभवी प्रिंसिपल शिवराम गौड कहते हैं कि ये स्थितियां वहां ज्यादा कौमन और सहज हैं जिस समाज में पति की मृत्यु के बाद देवर से शादी का रिवाज है. वहां स्थितियों को सहज स्वीकारने की ये स्थितियां बनी होंगी मगर अब वे बंदिशें कम होती जा रही हैं.

पति के अन्य रिश्तों जैसा ही ये रिश्ता भी पति के मांबाप, भाईबहन, बूआ, मामा आदि सभी रिश्ते वधू को उसी रूप में मानते हैं तो भाई का रिश्ता भी भाई ही माना जाना चाहिए.

शिप्रा के पति का निधन हो गया. उस के हमउम्र कुंआरे देवर से सब ने शादी के लिए कहा पर उन दोनों में भाईबहनों का सा नाता था. दोनों ने इस सच को उजागर किया. सम?ाने पर अपनी भावनाएं मुखर कीं. देवर कहता था कि

वह भाई के बच्चे पालेगा पर भाभी ने उस पर कहीं और शादी करने का दबाव बनाया. कई लड़कियां दिखाईं.

देवर इसी शर्त पर शादी के लिए माना जब भाभी भी शादी के लिए तैयार हुईं. दोनों ने एकदूसरे के जीवनसाथी देखे पसंद किए. आज उन का जीवन बेहद खुशहाल है. दोनों के जीवनसाथी भी इस रिश्ते को अटूट मानसम्मान देते हैं. शिप्रा के भाई कहते हैं कि सचमुच हम से भी आगे है यह रिश्ता.

गृहस्थी टूट सकती है

आशिकमिजाज देवर भले लुभाता हो पर यह आकर्षण गृहस्थी को चौपट कर सकता है, उस में दीमक लग सकती है. आशिकमिजाज देवर कुंआरा हो या शादीशुदा उसे शुरू से ही अपनी मर्यादा बता दें. रिजर्व रहें. एक सीमा तक ही संबंधों का विस्तार करें.

कैसे निबटें

आशिकमिजाजी कतई न सहें. तुरंत प्रतिरोध करें. पति व सास को बताएं. अपने पीहर के बजाय ससुराल वालों से कहें अन्यथा उन्हें लगेगा कि आप उन के घर की बदनामी कर रही हैं. बेहतर होगा कि ननदों को राजदार बनाएं. उन्हें आसपास रखें.

  •  प्रतिरोध करने पर भी देवर न माने तो उस से बोलना छोड़ देने में भी कोई बुराई नहीं है.
  •  हदों की हिदायत देने पर भी उस की आशिकमिजाजी पर कोई असर न हो तो मनोवैज्ञानिक तक पहुंचाने में पति की मदद ली जा सकती है. देवर का यह आचरण सहना या स्वीकारना अथवा उसे छिपाना किसी भी नजरिए से उपयुक्त नहीं है

यह अन्याय है

ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर बनाना और पत्नी से छिपा कर रखना अब और मुश्किल होता जा रहा है. वैसे ही हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैंहर जगह आईडी पूछी जाती है. हर जगह भीड़ उमड़ी रहती है और ऊपर से प्यार के दुश्मन दिल्ली हाई कोर्ट के जज कहते हैं कि अगर पति पर शक है तो पत्नी किसी होटल का रिकौर्ड मांग सकती है.

एक ऐडल्ट्री के मामले में पत्नी ने पति की जयपुर यात्रा के दौरान एक होटल से गैस्टों का रिकौर्ड और सीसीटीवी फुटेज मांगी पर होटल ने गैस्ट की राइट टू प्राइवेसी’ के नाम पर देने से इनकार कर दिया. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हिंदू मैरिज ऐक्ट के अंतर्गत ऐडल्ट्री मैट्रीमोनियल औफैंस है और उस के लिए सुबूत जुटाने का हक पत्नी को है. उस ने आदेश दिया है कि पति और उस की प्रेमिका की कौल रिकौर्डहोटल स्टे रिकौर्डसीसीटीवी फुटेज दिलवाई जाए ताकि वह साबित कर सके कि पति ऐडल्ट्री का गुनहगार है.

यह अन्याय है. प्रेमियों को मिलने देने का हक नहीं छीना जा सकता चाहे प्रेमियों में से एक या दोनों पहले से विवाहित ही क्यों न हों और वे विवाह तोड़ना नहीं चाहते हों. घर की रसोई का उबाऊ खाना बाहर के ठेले वाले के खाने से भी घटिया लगने लगे तो भला खाने वाले का क्या दोष. बेकार में हाई कोर्ट पति के प्रेम को अपराध बता रहा है. उन्हें प्रेम से जीने का हक पति को देना चाहिए. हम तो कहेंगे कि पत्नी को फटकार लगे कि तुम में क्या कमी हो गई कि पति बाहर जा रहा है और इतना बड़ा रिस्क ले रहा है और मोटे पैसे दे रहा है.

घर के सुगंधित बिस्तर की जगह इंपर्सनल होटलों के कमरों में प्रेमिका से रोमांस आखिर कितने दिन भाएगा. घर का कुत्ता 2-4 दिन बाहर लगा कर लौट ही आएगा का सिद्धांत भूलना नहीं चाहिए.

पत्नी भी मूर्ख है कि ऐडल्ट्री साबित करने के चक्कर में अपनी पोल खोल रही है कि पति को उस में कोई आकर्षण नहीं दिख रहा है और वह किसी और के चक्कर में शहरशहर मारा फिर रहा है. यह बेहद शर्मनाक है. हर प्रेमी को सम्मानजनक जगह मिलनी ही चाहिए और पत्नी या पुलिस डंडा घुमाते घूमे यह बिलकुल इजाजत नहीं होनी चाहिए.

पतिपत्नी के वादों का क्यावादे तो तोड़ने के लिए होते हैं. प्रधानमंत्री कहते रहे हैं कि हरेक की जेब में 15 लाख आएंगे. आए क्यापंडितमौलवी कहते रहते हैं कि ईश्वरअल्लाह छप्पर फाड़ कर देंगे. दिया क्याअब उन के खिलाफ क्या कर सकते हैंकुछ नहीं नतो वादे तोड़ने वाले पति के पीछे क्यों लट्ठ ले कर फिरे हो?

भईजो किक छिपछिपा कर प्रेम करने में मिलती है वह शादीशुदा पत्नी से प्रेम में कहां मिलेगी. बुरा हो कानूनबाजों का जो वे पतियों का जीना हराम कर रहे हैं.               

आखिर क्या है सैकंड हैंड हसबैंड?

कुछ औरतें शादीशुदा पुरुषों के साथ डेट कर रही हैं और आने वाले समय में उन के विवाह बंधन में बंधने की संभावनाएं हैं. ऐसे  एक विवाह की चर्चा हर बार जोरों पर होती है उन के अपने सर्कल में. सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है?

2012 में सैफ ने करीना कपूर से शादी की थी. इस से पहले वे 13 साल तक अमृता से वैवाहित रिश्ते में बंधे रह चुके थे और उन के 2 बच्चे भी थे. बच्चों ने नए पिता को सहज अपना लिया.

मौडलिंग करती करिश्मा ने भी एक बैचलर से प्यार किया और सगाई भी. लेकिन शादी की एक व्यवसाई संजय से, जो तलाकशुदा था. संजय 7 साल तक शादीशुदा रहा फिर अपनी पत्नी से अनबन के कारण तलाकके लिए अदालत पहुंचा.

मान्यता एक पीआर कंपनी में काम करती है. पहले उस की 2 शांदियां हो चुकी थीं, जिन में से एक की कोविड की बीमारी से मौत हो गई थी. पहले पति से उन की एक बेटी है. अब मान्यता के और नए पति के जुड़वां बच्चे हैं.

श्रीदेवी को तो जानते ही होंगे जिन्होंने फिल्म निर्माता बोनी कपूर से जोकि पहले से ही मोना से विवाहित थे और उन के 2 बच्चे भी थे 1996 में विवाह कर लिया था. हालांकि इस से पहले श्रीदेवी और मिथुन चक्रवर्ती की गुपचुप शादी की चर्चा भी बौलीवुड में उड़ी थी. ‘इंग्लिशविंग्लिश’ की सफलता के बाद श्रीदेवी को नए कैरियर से बहुत उम्मीदें थीं पर वे दुबई में बाथटब में मरी पाई गईं.

यकीन के साथ कहा जा सकता है कि अब बढ़ते तलाकों और बेसब्री के कारण औरतों का शादीशुदा या तलाकशुदा मर्दों के साथ शादी करने का सिलसिला बढ़ता जाएगा.

1.क्या कहती हैं मैरिज काउंसलर

एक मैरिज काउंसलर के अनुसार बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं जो शादीशुदा पुरुषों से प्यार करने लग जाती हैं, उन के प्रेम में पड़ जाती हैं. फिल्मी दुनिया में तो ऐसे कई उदाहरण हैं जैसेकि हेमामालिनी, जयाप्रदा और श्रीदेवी ऐसे पुरुषों के न सिर्फ प्यार में गिरफ्तार हुईं बल्कि उन्हीं से शादी भी की. क्या अच्छे कुंआरे लड़कों की कमी होती है या फिर कोई और कारण है? ऐसे अफेयर्स महिलाओं को द अदर वूमन या होम ब्रेकर का टैग लगा देते हैं और लोग यहां तक भी कह देते हैं कि सैलिब्रिटीज सैकंड हैंड हसबैंड का दौर चलता है.

यहां कुछ ऐसी वजहें दी जा रही हैं जो बताएंगी कि प्यार, शादी और सैक्स के लिए महिलाएं शादीशुदा मर्द ही क्यों प्रैफर करती हैं?

2.वह एक चैलेंज होता है

एक शादीशुदा पुरुष के साथ विवाह करना एक महिला के लिए दूसरी महिला पर विजय पा लेने की तरह होता है. ऐसे पुरुषों को अपनी ओर आकर्षित कर लेना उस के अनुभव, आत्मविश्वास और क्षमता को और भी बढ़ा देता है. ऐसे पुरुषों को अपना बना लेना इन महिलाओं के लिए एक ट्रौफी पा लेने की भांति होता है. उन्हें पाना असंभव को संभव बनाने जैसा होता है. बहुत सी महिलाएं ऐसी चीजें पाना चाहती हैं जो किसी और महिला से जुड़ी हों या उस के पास हों. शादीशुदा पुरुषों को पाने की एक वजह ऐसी महिलाओं में ईर्ष्या या बदला लेने की प्रवृत्ति के कारण आई हुई हो सकती है.

3.एक शादीशुदा पुरुष के पास हर जवाब होता है

बहुत सी महिलाएं मानती हैं कि बैचलरों की तुलना में शादीशुदा पुरुष उन की भावनात्मक और भौतिक जरूरतों को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं. उन के पास सभी सवालों के जवाब मौजूद होते हैं और ऐसी समस्याओं से निबटने और उन से उबरने की कला में वे पहले से ही अनुभवी होते हैं.

4.अवैधानिक फल

समाज ऐसी महिलाओं को सपोर्ट नहीं करता, जो अन्य महिलाओं के पति को छीन लेती हैं. पहले से अनुभवी पुरुषों को पाने की लालसा सामाजिक लिहाज से गलत मानी जाती है, यही बात कुछ महिलाओं को खासतौर से इस ओर आकर्षित करती है. बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें अपनी प्लेट से कहीं ज्यादा दूसरों की प्लेट का खाना स्वादिष्ठ दिखता है. यह मनुष्य की सामान्य आदत है कि जो उस के पास नहीं होता, उसे वही अच्छा लगता और लुभाता है. शादीशुदा पुरुषों का साथ कुछ महिलाओं के आत्मविश्वास को और भी बढ़ा देता है.

5.कोई रिश्ता नहीं रखने की प्रवृत्ति:

कैरियर केंद्रित महिलाओं के लिए शादीशुदा पुरुष आदर्श महसूस होते हैं, जो उन के साथ सैक्स के लिए तो तैयार हो जाते हैं लेकिन शादी नहीं करना चाहते. जब वे किसी ऐसे को पसंद करती हैं, जो उन का नहीं हो सकता तो ऐसे पुरुषों को उन की पत्नियों के साथ या उस रिश्ते से संघर्ष भी नहीं करना पड़ता. इस तरह दोनों ही के लिए ऐसे रिश्ते से न तो कोई रिस्क रह जाता है और न ही ऐतराज.

6.शादीशुदा पुरुष बिस्तर पर अच्छे होते हैं

बहुत सी महिलाएं मानती हैं कि शादीशुदा पुरुष, जिन्हें सैक्स का काफी अनुभव होता है, वे बैचलर लड़कों के मुकाबले काफी अच्छे होते हैं. ऐसे ही कुछ शादीशुदा पुरुष हैं जिन्हें वे सोच में अपने साथ पाती हैं और महसूस करती हैं कि उन के साथ वे बेहतरीन वक्त गुजार पाएंगी.

7.वाइल्ड अट्रैक्शन

कुछ शादीशुदा पुरुष आकर्षक और चार्मिंग होते हैं जिन्हें देर तक ऐंजौय करना पसंद होता है. बहुत सी महिलाओं के लिए ऐसे पुरुषों से निकलने वाली तरंगोंको रोक पाना परेशानी भरा सबब होता है.

8.योग्य सिंगल पुरुष नहीं चुन पातीं

योग्य सिंगल पुरुष कम ही मिल पाते हैं. इस प्रतियोगिता से पार पाने के लिए वे शादीशुदा पुरुषों का ही चुनाव कर लेती हैं.

9.यह प्यार भी हो सकता है

प्यार किसी से भी हो सकता है. जैसाकि प्यार के बारे में प्रसिद्ध है कि प्यार अंधा होता है और जब कोई प्यार में होता है तो यह माने नहीं रह जाता कि वह शादीशुदा है या सिंगल.

10.मैट कौपीइंग

बहुत सी महिलाएं यह मानती हैं कि यदि किसी पुरुष के साथ या पीछे कोई और महिला है तो वह पुरुष जरूर कुछ न कुछ खास की तलाश में होगा. बस, उन की इस तलाश को पूरा कर के वे खुद को खुशहाल मानने लगते हैं.

11. सैक्स ऐडिक्ट

कुछ महिलाएं सिर्फ सैक्स करना चाहती हैं, चाहे उन के साथ कोई भी क्यों न हो. उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह व्यक्ति सैक्स ऐडिक्ट होगा जबकि वह उन के साथ समर्पित नहीं भी हो सकता है.

बहरहाल, वजह जो भी हो, इतना अवश्य है कि अब राजनीति, बिजनैस में सैकंड हैंड हसबैंड प्रेम दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है और अब बड़े पैमाने पर नजर आने लगा है. अब अखबारों में, मैट्रीमोनियल साइटों, फेसबुक पर सैकड़ों औरतों के बायोडाटा दिख जाएंगे जिन्हें सैकंड हसबैंड से कोई आपत्ति नहीं है.

लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

सवाल-

मैं अपने बौयफ्रैंड के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहती हूं. मैं जानना चाहती हूं कि इस दौरान जब हम शारीरिक संबंध बनाएं तो हमें क्याक्या सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि मैं गर्भवती न होऊं?

जवाब-

शारीरिक संबंध बनाने के उपरांत गर्भधारण से बचने के लिए आप को अपनी सुविधानुसार कोई गर्भनिरोधक प्रयोग करना चाहिए. 

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आज राहुल के दोस्त विनय के बेटे का नामकरण था, इसलिए वह औफिस से सीधे उस के घर चला गया था.

वैसे, राहुल को ऐसे उत्सव पसंद नहीं आते थे, पर विनय के आग्रह पर उसे वहां जाना ही पड़ा, क्योंकि विनय उस का जिगरी दोस्त जो था.

‘‘यार, अब तू भी सैटल हो ही जा, आखिर कब तक यों ही भटकता रहेगा,’’ फंक्शन खत्म होने के बाद नुक्कड़ वाली पान की दुकान पर पान खाते हुए विनय ने राहुल से कहा. ‘‘नहीं यार,’’ राहुल पान चबाता हुआ बोला, ‘‘तुझे तो पता है न कि मुझे इन सब झमेलों से कितनी कोफ्त होती है?

‘‘भई, मैं तो अपनी पूरी जिंदगी पति नाम का पालतू जीव बन कर नहीं गुजार सकता. मैं सच कहूं तो मुझे शादी के नाम से ही चिढ़ है और बच्चा… न भई न.’’

‘‘अच्छा यार, जैसी तेरी मरजी,’’ इतना कह कर विनय खड़ा हुआ, ‘‘पर हां, एक बात तेरी जानकारी के लिए बता दूं कि मेरी पत्नी राशि की मुंहबोली बहन करिश्मा फिदा है तुझ पर. उस बेचारी ने जब से तुझे मेरी शादी में देखा है तब से वह तेरे नाम की रट लगाए बैठी है. उस ने जो मुझ से कहा वह मैं ने तुझे बता दिया, अब आगे तेरी मरजी.’’

उस के बाद काफी समय तक दोनों की मुलाकात नहीं हो पाई, क्योंकि अपने घर वालों के तानों से तंग आ कर अब राहुल ज्यादातर टूर पर ही रहता था.

‘‘न जाने क्या है हमारे बेटे के मन में, लगता है पोते का मुंह देखे बिना ही मैं इस दुनिया से चली जाऊंगी,’’ जबजब राहुल की मां उस से यह कहतीं, तबतब राहुल की बेचैनी बहुत बढ़ जाती.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मेरे पति पुरुष नसबंदी कराना चाहते हैं. लेकिन इससे वैवाहिक जीवन पर कोई असर तो नहीं होगा?

सवाल

मैं 29 वर्षीय और 2 बच्चों की मां हूं. हम आगे बच्चा नहीं चाहते और इस के लिए मेरे पति स्वयं पुरुष नसबंदी कराना चाहते हैं. कृपया बताएं कि इस से वैवाहिक जीवन पर कोई असर तो नहीं होगा?

जवाब

आज जबकि सरकारें पुरुष नसबंदी को प्रोत्साहन दे रही हैं, आप के पति का इस के लिए स्वयं पहल करना काफी सुखद है. आमतौर पर पुरुष नसबंदी को ले कर समाज में अफवाहें ज्यादा हैं. आप को यह जान कर आश्चर्य होगा कि भारत में पुरुष नसबंदी कराने वालों का प्रतिशत काफी निराशाजनक है.

दरअसल, पुरुष नसबंदी अथवा वासेक्टोमी पुरुषों के लिए सर्जरी द्वारा परिवार नियोजन की एक प्रक्रिया है. इस क्रिया से पुरुषों की शुक्रवाहक नलिका अवरुद्ध यानी बंद कर दी जाती है ताकि शुक्राणु वीर्य (स्पर्म) के साथ पुरुष अंग तक नहीं पहुंच सकें.

यह बेहद ही आसान व कम खर्च में संपन्न होने वाली सर्जरी है, जिस में सर्जरी के 2-3 दिनों बाद ही पुरुष सामान्य कामकाज कर सकता है. सरकारी अस्पतालों में तो यह सर्जरी मुफ्त की जाती है. अपने मन से किसी भी तरह का भय निकाल दें और पति के इस निर्णय का स्वागत करें.

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सवाल

मैं 42 वर्षीय हूं. 1 बेटा है जो होस्टल में रह कर पढ़ाई करता है. मैं और मेरी पत्नी दोनों कामकाजी हैं. समस्या वृद्ध पिता को ले कर है. वे चलनेफिरने में लाचार हैं और उन की विशेष देखभाल करनी पड़ती है. समय की कमी की वजह से हम उन की उचित देखभाल नहीं कर पा रहे. क्या उन्हें किसी वृद्धाश्रम में रख सकते हैं? किसी वृद्धाश्रम की जानकारी मिले तो हमारा काम आसान हो जाएगा?

जवाब

बेहतर यही होगा कि आप अपने वृद्ध पिता की देखभाल के लिए दिन में कोई केयर टेकर रख लें. इस अवस्था में वृद्धों को सिर्फ आर्थिक ही नहीं शारीरिक व मानसिक रूप से भी अपनों का साथ पसंद होता है. फिर सुबहशाम और छुट्टी के दिन तो उन्हें आप का साथ मिल ही रहा है. इस से वे बोर भी नहीं होंगे और उचित देखभाल की वजह से स्वस्थ भी रहेंगे.

पाठक अपनी समस्याएं इस पते पर भेजें : गृहशोभा, ई-8, रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली-110055.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या 9650966493 पर भेजें.

सास के कारण मैं परेशान हो गया हूं, मैं क्या करुं?

सवाल-

मेरा 2 वर्ष पूर्व ही विवाह हुआ है. मेरी 45 वर्षीय सास बेहद खूबसूरत है. वह विधवा है और अकेली रहती है. एक दिन मैं किसी काम से ससुराल गया तो वह टीवी पर ब्लू फिल्म देख रही थी. मुझे देख कर शरमा गई, पर फिल्म बंद नहीं की. कनखियों से मुझे देखती रही. धीरेधीरे हम दोनों ही उत्तेजित होने लगे और फिर आलिंगनचुंबन करतेकरते हमबिस्तर हो गए. उस दिन से यह सिलसिला लगातार चल रहा है. मैं डरता भी हूं पर खुद पर नियंत्रण नहीं कर पाता. कहीं मैं संकट में तो नहीं पड़ जाऊंगा?

जवाब-

आप की कुछ समय पहले ही शादी हुई है. घर में जवान पत्नी है बावजूद इस के आप उस की अधेड़ उम्र मां (जो आप के लिए भी मां समान है) से अवैध संबंध बना रहे हैं. सब से हैरतअंगेज तो आप की सास का व्यवहार है, जो अपनी ही बेटी के घर में सेंध लगा रही है. जरा सोचिए, यदि आप की पत्नी को कभी आप के रिश्ते की भनक लग गई तो उस पर क्या गुजरेगी. अवैध संबंध ज्यादा दिनों तक छिपे नहीं रहते. देरसवेर जगजाहिर हो ही जाते हैं. तब आप का दांपत्य जीवन तो तहसनहस होगा ही समाज में बदनामी भी होगी. अत: समय रहते संभल जाएं.

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धोखा देना इंसान की फितरत है फिर चाहे वह धोखा छोटा हो या फिर बड़ा. अकसर इंसान प्यार में धोखा खाता है और प्यार में ही धोखा देता है. लेकिन आजकल शादी के बाद धोखा देने का एक ट्रेंड सा बन गया है. शादी के बाद लोग धोखा कई कारणों से देते हैं. कई बार ये धोखा जानबूझकर दिया जाता है तो कई बाद बदले लेने के लिए. इतना ही नहीं कई बार शादी के बाद धोखा देने का कारण होता है असंतुष्टि. कई बार तलाक का मुख्‍य कारण धोखा ही होता है. लेकिन ये जानना भी जरूरी है कि शादी के बाद धोखा देना कहां तक सही है, शादी के बाद धोखे की स्थिति को कैसे संभालें. क्या करें जब आपका पार्टनर आपको धोखा दे रहा है.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मेरे ब्रौयफ्रैंड ने ऐसे समय में मुझसे रिश्ता तोड़ लिया जब मुझे उस की जरूरत थी. क्या करूं?

सवाल

मैं 27 वर्षीय युवती हूं. कुछ महीने पहले मेरा ऐक्सिडैंट हुआ. मैं स्कूटी से जा रही थीपीछे से कार ने मुझे हिट किया. मुझे काफी चोट आई. आगे के 4 दांत टूट गए. हाथ में फ्रैक्चर हो गया. चेहरे पर भी चोट आई. मैंने सब सहा लेकिन यह नहीं सहा जा रहा कि मेरे ब्रौयफ्रैंड ने ऐसे समय में मुझसे रिश्ता तोड़ लिया जब मुझे उस की सब से ज्यादा जरूरत थी. बसएक बार मुझे देखने अस्पताल आया था. अब फोन करती हूं तो मेरा फोन पिक नहीं करता. कहां तो मेरे साथ जीनेमरने की कसमें खाता था. मैं उसे बहुत प्यार करती हूं. उस की यह हरकत मुझे हर्ट कर रही है. मुझे उस का मैंटली सपोर्ट चाहिए था लेकिन उस ने तो मु?ा से मुंह ही फेर लिया. अब आप ही बताइएक्या मुझे भी उसे छोड़ देना चाहिए या उस का इंतजार करूं कि शायद वापस आ जाए?

जवाब

आप भी कमाल करती हैं. जिस वक्त आप को अपने ब्रौयफ्रैंड की सब से ज्यादा जरूरत थी, उस वक्त उस ने आप का साथ छोड़ दिया. उस बौयफ्रैंड का आप इंतजार करेंगी, हद है. यह तो आंखों पर पट्टी बांधना जैसा है. किसी के लिए इतना भी पागल मत बनिए कि उस का सहीगलत भी आप न समझे.

आप का ब्रौयफ्रैंड खुदगर्ज इंसान है. ऐक्सिडैंट तो कभी भी किसी के साथ हो सकता है. ऐसे वक्त में तो अपनों का साथ दिया जाता है, न कि साथ छोड़ना चाहिए. वह बिलकुल भी सर्पोटिव नहीं है. मुसीबत में पल्ला ?ाड़ कर भाग जाने वालों में से है. ऐसे इंसान को प्यार करना आप की भूल साबित होगा. अच्छा हुआ वक्त रहते आप को उस की नीयत के बारे में पता चल गया, वरना पछताना ही पड़ता.

आप अपनी सेहत की तरफ ध्यान दें. स्ट्रैस में सेहत को खराब न होने दें. आजकल बहुत अच्छेअच्छे मैडिकल ट्रीटमैंट आ गए हैं. डैंटल ट्रीटमैंट भी हो जाएगा. फ्रैक्चर तो डेढ़दो महीने में ठीक हो जाता है. चेहरे की चोटों के निशान फेशियल सर्जरी से दूर हो जाएंगे. हां, आप के दिल पर जो जख्म लगा है, वह गहरा है लेकिन कोई बात नहीं. ऐसे स्वार्थी ब्रौयफ्रैंड का न रहना ही अच्छा है, पूरी लाइफ आप के सामने है. आप सम?ादार लड़की लगती हैं, हर फैसला अपने हित में ले कर कीजिए. बौयफ्रैंड को बायबाय कीजिए और जिंदगी को हाय करते हुए उस से हाथ मिलाइए.

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