छोटी उम्र में बेटे के प्यार से करियर में क्या परेशानी आएंगी?

सवाल-

मैं अपने 15 वर्षीय बेटे को ले कर परेशान हूं. वह 10वीं कक्षा में पढ़ता है. मैं ने कुछ दिनों से नोटिस किया है कि वह अपने साथ ट्यूशन क्लास में पढ़ने वाली लड़की में खासी दिलचस्पी लेने लगा है. मुझ से भी उस की तारीफ करता है और फोन पर भी अकसर उस से बातें करता है. कहीं वह उस लड़की से प्यार तो नहीं करने लगा है? यदि वह इतनी छोटी उम्र में प्यारमुहब्बत के फेर में पड़ गया तो उस का कैरियर चौपट हो जाएगा. क्या करूं कि वह उस से दूर हो जाए?

जवाब-

आप का बेटा किशोरावस्था में है. इस उम्र में अपोजिट सैक्स की ओर इस प्रकार का आकर्षण स्वाभाविक है. यह प्यार नहीं, महज यौनाकर्षण है. यह जिस तेजी से किशोरों के दिलोदिमाग पर चढ़ता है. उसी वेग से उतर भी जाता है. आप का बेटा आप से अपनी बातें शेयर करता है, यह अच्छी बात है इस से वह भटकेगा नहीं. आप उसे उस लड़की से मिलने या बात करने से न रोकें. उसे बस समयसमय पर पढ़ाई के प्रति सचेत करती रहें. उसे समझाती रहें कि परीक्षा परिणाम अच्छा आने पर ही वह मनचाहा कैरियर चुन सकता है. वह आप की दोस्ताना सलाह को जरूर सुनेगा. वैसे भी आज की पीढ़ी के बच्चे अपने कैरियर के प्रति काफी सजग हैं. अत: आप बेवजह परेशान न हों.

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अलार्मकी आवाज से गीत की नींद खुल गई. कल की ड्रिंक का हैंगओवर था, इसलिए सिर भारी था. उन्होंने ग्रीन टी बना कर पी और फिर मौर्निंग वाक के लिए चली गईं. सुबह की ठंडी हवा और कुछ लोगों से हायहैलो कर के ताजगी आ जाएगी. फिर तो वही रोज का रूटीन कालेज, लैक्चर बस…

कल से नैना उन की सहेली उन के मनमस्तिष्क से हट ही नहीं रही थी. उन की कहानियों की आलोचना करतेकरते कैसे अपना आपा खो बैठती थी.

‘‘गीत, तुम्हारी कहानी की नायिका पुरुष के बिना अधूरी क्यों रहती है?’’

‘‘नैना, मेरे विचार से स्त्रीपुरुष दोनों एकदूसरे के पूरक हैं. एकदूसरे के बिना अधूरे हैं.’’

वह नाराज हो कर बोली, ‘‘नहीं गीत, मैं नहीं मानती. स्त्री अपनी इच्छाशक्ति से आकाश को भी छू सकती है. सफल होने के लिए दृढ़इच्छा जरूरी है.’’

बड़ीबड़ी बातें करने वाली नैना पति का अवलंबन पाते ही सबकुछ भूल गई और पिया का घर प्यारा लगे कहती हुई चली गई.

नैना के निर्णय से गीत का मन खुश था. वे मन ही मन मुसकरा उठीं और फिर वहीं बैंच पर बैठ गईं. बच्चों को स्कैटिंग करता देखना उन्हें अच्छा लग रहा था. वे बच्चों में खोई हुई थीं, तभी बैंच पर एक आकर्षक युवक आ कर बैठ गया. उन्होंने उस की ओर देखा तो वह जोर से मुसकराया. उस की उम्र 30-32 साल होगी.

वह मुसकराते हुए बोला, ‘‘माई सैल्फ प्रत्यूष.’’

‘‘माई सैल्फ गीत.’’

‘‘वेरी म्यूजिकल नेम.’’

‘‘थैंक्यू.’’

उस का चेहरा और पर्सनैलिटी देख गीत चौंक उठी थीं, जिस पीयूष की यादों को वे अपने मन की स्लेट से धोपोंछ कर साफ कर चुकी थीं, उस व्यक्ति ने आज उन यादों को पुनर्जीवित कर दिया था.

पूरी कहानी पढ़ने के लिए- छठी इंद्रिय- छोटी उम्र के प्रत्यूष के साथ गीत के रिश्ते की कहानी

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पैसा और रिश्ते: ऐसे बैठाएं तालमेल

एक पुरानी लोकोवित है ‘जब गरीबी दरवाजे पर आती है तो प्यार खिड़की से कूद कर भाग जाता है.’ वाकई कहने वाले ने सच ही कहा है. रिश्ते में समर्पण, श्रद्धा, ईमानदारी प्यार की वजह से होती है. पर यह प्यार पैसों के अभाव में खत्म हो जाता है. एक समय ऐसा था जब संबंध और उस की संवेदनशीलता ही महत्त्वपूर्ण मानी जाती थी.

रिश्ते बनते ही पैसों के तराजू में तोलने के बाद, संबंध बनाने की कोशिश शुरू करने से पहले उन में एकदूसरे के स्टेटस सिंबल को पहले आंका जाता है. यहां तक कि अपने रिश्तेदारों से भी भविष्य में संबंध बनाए रखने के लिए दोनों के आर्थिक स्तर को पहले तोला जाता है.

जिंदगी जीने के लिए जरूरत और सुविधा की चीजों को समेटने में पैसा ही काम आता है. सारी चीजों का मूल्य इसी पैसे के बदले तोला जाता है. वक्त के साथसाथ व्यक्ति के मूल्य को भी पैसे से ही आंका जाता है. जाहिर है संबंधों के फैले हुए तानेबाने भी इसी के इर्दगिर्द घूमने लगे.

यह जान कर भी कि जीवन जीने के लिए रोटी, कपड़ा और मकान के अलावा आसपास सुखद संबंध और उन का एहसास भी बहुत जरूरी होता है. अच्छे रिश्ते न केवल हमें हरदम भीतर से भरापूरा एहसास कराते हैं, साथ ही वक्तबेवक्त हमारी मदद भी करते हैं. यह अलग बात है कि रिश्तों में भी कैलकुलेशन होना नैचुरल है.

लोग पहले ही उन में एकदूसरे के लेनदेन का अनुमान लगा लेते हैं. तत्पश्चात यह निर्णय करते हैं कि किस रिश्ते को किस ढांचे में ढालना है. यह रिश्ता आसपास की कई सारी चीजों से प्रभावित होता है. इन में आर्थिक स्थिति प्राथमिक और अहम होती है.

डिपैैंडैंट रिलेशनशिप

इस बारे में चार्टड अकाउटैंट वर्षा कुमारी का मानना है कि हर रिश्ते को अच्छी तरह से बनाने के लिए पैसा अहम भूमिका निभाता है. माना कि रिश्तों के बनने और उन के स्वामित्व के लिए उन में प्यार, लगाव पर्सनैलिटी के तत्त्व समावेश होते हैं, लेकिन पैसे के बिना यह संबंध भी ज्यादा दिनों तक चलता.

प्यार को जाहिर करने, बनाए रखने के लिए पैसों की जरूरत तो पड़ती ही है.

फैशन डिजाइनर पूनम गुलाटी का कहना है कि हमारे जीवन में सब से करीबी रिश्ता पतिपत्नी का होता है. शादी के बाद कुछ समय तक मैं ने काम करना छोड़ दिया था. 3 साल बाद जब मैं ने बाहर काम करना शुरू किया तो अब मेरे व्यवहार को मेरे पति दूसरे ही तरीके से लेने लगे. मतलब मेरी हर बात पर वे यह कहने से नहीं चूकते कि अरे, अब तो तुम कमाने वाली हो गई हो, जबकि पहले मेरी उन बातों को मेरा भोलापन समझ जाता था.

बाकी रिश्तों से ऐसी प्रतिक्रिया तो मैं बरदाश्त कर लेती हूं पर अपने पति से ऐसा सुन कर मुझे वाकई दुख होता है. इस पैसे ने सारे संबंधों को ही बदल दिया है.

बाजारवाद का प्रभाव

समय के साथसाथ उपभोक्तावाद की वजह से भी पैसों का महत्त्व बढ़ता जा रहा है, साथ ही दूसरी चीजों का मूल्य घट गया है. आधुनिक समाज की सारी चकाचौंध पैसों पर ही टिक गई है. हमारे आसपास चलने वाले सारे मानसम्मान और संबंध पैसे के पैमाने से नापे जाने लगे. वहीं विज्ञापन भी लोगों की भावनाओं को भड़काता है. एक विज्ञापन कुछ साल पहले चला था टीवी में जिस में एक छोटा बच्चा घर से भाग कर रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाता है. वहां पर गरमगरम जलेबियों को देख कर उन के लालच में वापस घर लौट आता है.

यानी अभी से उस मासूम के दिलोदिमाग में यह बात बैठा दी गई है कि उस से जुड़े रिश्ते वापस घर नहीं बुलाते वरन वे जलेबियां ही उस के भीतर लालच पैदा करती हैं और वही रिश्तों को बनाए रखती हैं. अब जलेबियां नहीं पिज्जा, बर्गर और आईफोन का दौर है. फर्क इतना ही है.

अकसर देखने में आता है कि पत्नियां अपने पति से कहती हैं कि लगता है तुम मुझे प्यार नहीं करते. तभी काफी दिनों से मेरे लिए कोई गिफ्ट नहीं लाए अर्थात पतिपत्नी के प्रेम के बीच भौतिक चीजें जरूरी हैं.

मगर इन सारी स्थितियों से संबंधों में विसंगतियां आ गई हैं. पैसों की अधिकता या अभाव से संबंध कटने और बंटने लगे हैं. परिणामस्वरूप हमारे समाज में अकेलेपन से ग्रस्त एक बड़ा वर्ग विकसित हो रहा है.

भावनात्मक  रुख

शिक्षिका रश्मि सहाय का इस बारे में विचार कुछ भिन्न है. वे कहती हैं कि माना कि आज रिश्तों के बीच पैसा बहुत बुरी तरह से आ गया है, पर व्यक्तिगत रूप से मैं अपने रिश्तों के बीच पैसा नहीं आने देती हूं. यह महज मेरी भावुकता भी कही जा सकती है. मगर मेरा मानना है कि जब रिश्तों में हिसाबकिताब आने लगता है तो वे बोझ बनने लगते हैं.

अत: मेरी कोशिश यही रहती है कि पैसा बीच में न आए और यदि आता भी है तो मैं उसे प्राथमिकता नहीं देती हूं. हां, कई बार मुझे इस की वजह से फाइनैंशियल लौस भी सहना पड़ा है, पर हमारी जिंदगी भूरीपूरी भी तो इन्हीं संबंधों की वजह से है. भले आप इसे मेरा ओवर इमोशनल कहें या आप मुझे प्रैक्टिकल न कहें.

तो गर्लफ्रैंड खुश हो जाएगी

पढ़ाई लिखाई और ऐग्जाम्स के बाद अगर किशोरों की सब से बड़ी कोई परेशानी है तो वह है गर्लफ्रैंड को खुश रखना. बेचारे अपनी तरफ से खूब कोशिश करते हैं कि गर्लफ्रैंड खुश रहे, लेकिन फिर भी जरा सी चूक होते ही गर्लफ्रैंड मुंह फुला लेती है. अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो जरा गौर फरमाएं इन अचूक नुसखों पर जो आप की गर्लफ्रैंड का दिल जीतने में मददगार साबित होंगे.

–  अपनी गर्लफ्रैंड की पसंदीदा चीजों व चाहतों की एक लिस्ट बनाएं. व्यवहार विशेषज्ञों का मानना है कि लड़कियों को ऐसी चीजें बहुत याद रहती हैं लेकिन लड़के भूल जाते हैं. इसलिए आप हाथोंहाथ नोट कर लेंगे तो खास मौकों पर उसे गिफ्ट देने में आसानी रहेगी और वह अपनी मनपसंद चीज पा कर बेहद खुश हो जाएगी.

–  गर्लफ्रैंड की कोई फ्रैंड साथ हो या उस से मिलने आई हो तो उस से बस, हायहैलो ही करें. ज्यादा हाहा, हीही करने की जरूरत नहीं. फ्लर्ट करने की तो भूल कर भी कोशिश न करें. उस के जाने के बाद अपनी गर्लफ्रैंड से कहें, क्या पकाऊ है यार. यकीन मानिए आप की गर्लफ्रैंड फूली नहीं समाएगी.

–  गर्लफ्रैंड से कभी हलकीफुलकी बहस हो जाए, तो अगले दिन उसे सौरी कहें और पूछें, ‘तुम कल बुरा तो नहीं मान गई? क्या बताऊं, कल मेरा मूड ठीक नहीं था.’

यकीन मानिए उस का दिल पिघल जाएगा, यह सोच कर कि आप वाकई उस की परवा करते हैं. कई बार गर्लफ्रैंड किसी छोटीमोटी बात को भूल जाती है या इग्नोर कर देती है और आप उस के लिए भी सौरी कहते हैं, तब तो वह आप से और भी ज्यादा इंप्रैस हो जाती है.

–  जब कभी वह अपनी किसी समस्या या किसी के साथ हुए विवाद की चर्चा आप के साथ करे, तो धैर्यपूर्वक, पूरी सहानुभूति से उस की बात सुनें. अगर आप को कहीं उस की गलती लगे, तो भी उस वक्त ऐसा न कहें उसे अपनी बात शेयर करने और उसे सुना कर मन हलका करने वाला चाहिए होता है न कि उस की कमी ढूंढ़ने वाला. उसे कहें, ‘मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं. जब भी मेरी जरूरत हो, याद करना तुम आधी रात को कौल करोगी तो भी मैं हाजिर हो जाऊंगा.’ समस्या का हल करने में पूरी शिद्दत से उस की मदद करें. ऐसे समय में वह आप को ‘कौल मी’ का मैसेज दे तो तुरंत कौल बैक करें.

–  अगर कभी आप का गर्लफ्रैंड से झगड़ा हो जाए, वह रूठी हो और आप का फोन रिसीव न कर रही हो या फिर मैसेज का जवाब न दे रही हो, तो सोशल मीडिया पर उस की तारीफ करते हुए कोई रोमांटिक पोस्ट भेज दें. अगर आप चाहते हैं कि इसे सब न देखें, तो प्राइवेसी सैटिंग पर लगा दें. यकीन मानिए, वह आप से भले बातचीत न कर रही हो लेकिन सोशल मीडिया पर आप की गतिविधियों पर पूरी नजर रखती है. अपनी तारीफ सुनते ही उस का गुस्सा काफूर हो जाएगा.

–  जैसे कि युवक किसी सुंदर युवती को देख कर घूरने लगते हैं ऐसा आप के साथ हो और आप की गर्लफ्रैंड आप को रंगेहाथों पकड़ ले, तो फुरती से काम लीजिए और कहिए शायद स्कूल में मेरे साथ पढ़ती थी. कितनी मोटी और मैच्योर हो गई है या फिर ‘यह ड्रैस अगर तुम ने पहनी होती तो कितनी अच्छी लगती.’

जब भी गर्लफ्रैंड कोई नई ड्रैस ट्राई करे तो तारीफ करते हुए कहें, ‘क्या बात है यार, आजकल डाइटिंग पर हो क्या? बड़ी स्लिमट्रिम लग रही हो.’ गर्लफ्रैंड ऊपर से भले ही कुछ न कहे, लेकिन मन ही मन खुश हो जाएगी.

–  गर्लफ्रैंड ने कोई नया कोर्स शुरू किया है या जौब में कोई प्रोजैक्ट हाथ में लिया है तो उस में दिलचस्पी दिखाएं. उस की मदद करने की कोशिश करें या उस प्रौपर व्यक्ति के बारे में उसे बताएं जो उस के लिए मददगार साबित हो सकता है. आप को मदद की इतनी कोशिश करते देख उसे यकीनन बहुत अच्छा लगेगा और वह आप के इस अपनेपन की मुरीद हो जाएगी.

–  गर्लफ्रैंड का मूड उखड़ा हुआ या उसे उदास देखें, तो उस की हर बात में हां कह दें. उस स्थिति में उस से उलझना ठीक नहीं बल्कि उस से उदासी या नाराजगी का कारण पूछते हुए कहें कि तुम तो कभी ऐसे उदास रहती ही नहीं, किसी ने तुम्हें परेशान किया है क्या?

–  गर्लफ्रैंड की आलोचना करने से बचें. अगर आप को उस की कोई कमी बतानी भी है, तो भी उस की तारीफ करते हुए कहें, ‘तुम वाकई आज के हिसाब से बहुत इनोसैंट हो, लेकिन लोग तुम्हें ठीक से समझते नहीं.’

–  गर्लफ्रैंड डै्रस खरीदते समय जब आप की चौइस पूछे तो कभी भी ऐसा न कहें, ‘देख लो, तुम को जो पसंद हो. दोनों ही ठीक हैं.’ ऐसे जवाब से वह झुंझला जाएगी. बेहिचक दोनों में से किसी एक ड्रैस को छांट कर अलग करें और कहें, ‘वैसे तो दोनों ड्रैस अच्छी हैं, लेकिन यह तुम पर सौ फीसदी सूट कर रही है.’

–  अगर आप उस का बर्थडे भूल गए हैं और अचानक दोपहर या शाम को याद आता है, तो कौल भूल से भी न करें. वह भड़क जाएगी कि तुम्हें शाम को मेरा बर्थ डे याद आया क्या? बल्कि संभव हो तो उस के लिए एक सरप्राइज पार्टी और्गेनाइज करें. उस की फ्रैंड्स और म्यूचुअल फ्रैंड्स को खबर दें या फिर उस के गिफ्ट और खानेपीने का सामान ले कर दलबल सहित उस के घर पहुंच जाएं या उसे किसी रेस्तरां में इनवाइट करें. वह खुश हो जाएगी कि आप उस की इतनी परवा करते हैं. इस से आप के रिश्ते में और मिठास आ जाएगी.

कैसी हो डार्लिंग कह कर तो देखें

‘‘हाय डार्लिंग कैसी हो? क्या कर रही हो?’’ अगर रोज शाम को अपनी पत्नी से ऐसा कहें तो पतिपत्नी के बीच कोई कलह न होगी. अरे भई यह हम ने नहीं, पिछले दिनों खरगौन मध्य प्रदेश के एक कोर्ट ने एक शादीशुदा जोड़े के बीच हो रही रोजरोज की कलह को सुलझाने के लिए फैसला देते हुए ऐसा कहा. यकीन मानिए कोर्ट के इस अनूठे फैसले के बाद शादीशुदा जोड़े के बीच की कलह खत्म हो गई और दोनों फिर से एक हो गए.

पतिपत्नी का रिश्ता बहुत ही खास होता है. शुरुआती दौर में तो सब अच्छा होता है, दोनों के बीच प्यारमनुहार सब होता है, लेकिन समय बीतने के साथ जीवन की आपाधापी और जिम्मेदारियों के बीच रिश्ते का नयापन खोने लगता है. जिंदगी भर साथ निभाने का वादा न जाने कहां खो जाता है. इस रिश्ते में नयापन, प्यार और विश्वास ताउम्र बना रहे, इस के लिए करने होंगे कुछ छोटेछछोटे प्रयत्न, जो इस रिश्ते की उम्र को बढ़ाएंगे.

1. छोटी छोटी बातों में बड़ी बड़ी खुशियां

कहते हैं खुशियां हमारे आसपास ही होती हैं. बस उन्हें ढूंढ़ने की जरूरत होती है, इसलिए पतिपत्नी दोनों को ही जीवन के हर पल में ढूंढ़नी होंगी खुशियां. ज्यादातर देखने में यही आता है कि 2 लोगों के बीच प्यार तो बड़ी आसानी से हो जाता है, लेकिन उस प्यार को निभाना बहुत मुश्किल होता है. बहुत से लोग इस तरह के संबंधों में रूटीन लाइफ जीने लगते हैं और उन की जिंदगी से प्यार और रोमानियत कहीं खो सी जाती है. अगर आप हैप्पी मैरिड लाइफ जीना चाहते हैं, तो यह कुछ ज्यादा मुश्किल नहीं है. इस के लिए बस आप को कुछ बातों का खयाल रखना होगा. पतिपत्नी का रिश्ता एकदूसरे के लिए कई छोटीछोटी चीजें करने से मजबूत होता है. जैसे प्यार से गले लगाना, सराहना करना, उस के लिए कुछ खास करना, उस की तरफ देख कर मुसकराना या सच्चे दिल से यह पूछना कि आज तुम्हारा दिन कैसा रहा? यही छोटीछोटी चीजें शादीशुदा जिंदगी में बड़ीबड़ी खुशियां ला सकती हैं.

2. प्यार वाली झप्पी

शादी में प्यार और खुशियां बनी रहें, इस के लिए उसे हर समय प्यार के खादपानी से सींचते रहना होगा. पतिपत्नी के बीच वह पल सब से खुशनुमा होता है जब वे एकदूसरे को प्यार से गले लगाते हैं या प्यार से सहलाते हैं. उन का एकदूसरे के प्रति यह व्यवहार दर्शाता है कि वे एकदूसरे से कितना प्यार करते हैं. दरअसल, ऐसा करते समय दोनों एकदूसरे के साथ इमोशनली अटैच होते हैं. प्यार की छोटी सी झप्पी पतिपत्नी के रिश्ते में बड़ेबड़े कमाल दिखाती है. मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि जब हम झगड़े के दौरान सामने वाले को गले लगाते हैं, तो उस के शरीर से गुस्से को बढ़ाने वाले हारमोन तेजी से कम होने लगते हैं. वह गुस्से को भूल कर आप के प्यार को महसूस करने लगता है यानी आप की प्यार की झप्पी उस के गुस्से को पल भर में दूर कर देती है.

3. दिन की शुरुआत किस औफ लव से

पतिपत्नी दिन की शुरुआत किस औफ लव से कर के अपने डगमगाते रिश्ते में सुधार लाने के साथसाथ अपने प्यार को फिर से जवान बना सकते हैं. एकदूसरे को गले लगाना और किस करना पतिपत्नी के बीच दिन की शुरुआत के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है. यह पतिपत्नी के रिश्ते के बीच रोमांस के जनून को बनाए रखता है.

4. खास पलों को रखें याद

पतिपत्नी एकदूसरे की लाइफ से जुड़े खास पलों को याद रखें. एकदूसरे का बर्थडे, ऐनिवर्सरी, पहली मुलाकात, प्रमोशन आदि याद रखें. साथ ही इन खास अवसरों पर एकदूसरे के लिए कुछ खास सरप्राइज भी प्लान करें. यह कोई मुश्किल काम नहीं, लेकिन इन छोटेछोटे कामों से आप अपने लाइफपार्टनर की जिंदगी में अपनी एक खास जगह जरूर बना सकते हैं.

5. कनैक्टिविटी जोड़े दिल के तार

आप कितने ही बिजी क्यों न हों, एकदूसरे को दिन में फोन जरूर करें, मैसेज भेजें. बस यह जानने के लिए कि सब कैसा चल रहा है, लंच किया या नहीं. ऐसी छोटीछोटी बातें पतिपत्नी को एकदूसरे से जोड़ती हैं और एक कामयाब शादी को गुजरते समय के साथ और भी खूबसूरत और मजबूत बनाती हैं. इस के अलावा जब भी खाली समय मिले इस बात पर विचार करें कि क्या आप अपने पार्टनर की सोच और उस की भावनाओं को समझते हैं? कितनी बार उस की तारीफ करते हैं? क्या उस के उन गुणों के बारे में सोचते हैं, जिन्हें देख कर आप उन की तरफ आकर्षित हुए थे और अपना जीवनसाथी बनाने का निर्णय लिया था?

6. प्लीज, सौरी, थैंक्यू से चलाएं जादू

आप मैट्रो में किसी से टकरा जाने पर भी सौरी कह देते हैं. वे लोग जिंदगी में शायद ही दोबारा हमें मिलें. जब हम उन्हें छोटी सी बात पर सौरी बोल देते हैं, तो घर में पति या पत्नी एकदूसरे को इमोशनली हर्ट करने के बाद भी सौरी कहना जरूरी क्यों नहीं समझते? ऐसा हरगिज न करें. गलती होने पर माफी जरूर मांगें. सौरी कहना बुरी बात नहीं है और न ही माफ करना मुश्किल काम है, माफी मांगने से झगड़ा आगे नहीं बढ़ता, इसलिए माफी मांगने में कंजूसी न करें. इसी तरह अगर आप के पार्टनर ने आप के घर व आप के लिए कुछ स्पैशल किया है, तो उसे थैंक्यू जरूर कहें. आप के द्वारा कहा गया थैंक्यू उसे कितनी खुशी देगा, इस का अंदाजा आप नहीं लगा सकते.

7. तारीफ से जीतें दिल

आप के पार्टनर ने कोई नई डिश बनाई, कोई नई ड्रैस पहनी, नया हेयरस्टाइल बनाया तो उस की तारीफ करना न भूलें. यह तारीफ हो सके तो घर वालों, दोस्तों के सामने भी करें. इस से आप के लाइफपार्टनर के दिल में आप के लिए प्यार बढ़ेगा. अगर आप के पार्टनर ने कुछ नया किया है, तो उस की तारीफ जरूर करें.

8. अपशब्दों से रखें दूरी

आपसी बातचीत के दौरान हमेशा शालीनता का ध्यान रखें. कभी अपशब्द या दिल दुखाने वाली बातें न करें. बहस करते समय खुद पर कंट्रोल रखें, क्योंकि झगड़े के दौरान कहे गए अपशब्द दिल को आहत कर देते हैं और रिश्ते में दूरी पैदा करते हैं.

लिव इन रिलेशन: क्या करें जब हो जाए ब्रेकअप

राखी कुछ दिनों से बेहद परेशान दिख रही थी. दफ्तर के काम में भी उस का मन नहीं लग रहा था. वह एक जिम्मेदार पद पर कार्यरत थी. ऐसे में बौस का उस पर झल्लाना लाजिम था. यह सब उस की सहकर्मी नीलिमा से न देखा गया और एक दिन लंच टाइम में उस ने राखी के मन को कुरेदा तो वह फफक उठी, ‘‘नीलिमा, मैं और मिहिर 1 साल से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे. मैं ने तो अपने मातापिता को भी मना लिया था शादी के लिए, लेकिन अब वह कह रहा है कि वह इस रिश्ते से ऊब चुका है. उसे स्पेस चाहिए. कुछ हफ्तों से हम एक छत के नीचे रह कर भी अजनबियों की तरह रह रहे हैं. 3 दिन से वह मुझे मिला भी नहीं है. न कौल, न मैसेज. कुछ भी रिप्लाई नहीं कर रहा,’’ और फिर वह फूटफूट कर रोने लगी.

नीलिमा ने राखी को जी भर कर रोने दिया. फिर दफ्तर के बाद उसे अपने घर ले गई. नीलिमा अपने मम्मीपापा और भैयाभाभी के साथ रहती थी. राखी को एक परिवार का भावनात्मक सहारा मिला और अपनी एक सहेली का हौसला, जिस से उस का मनोबल मजबूत हुआ और वह आगे की जिंदगी हंसतेहंसते बिता पाई. राखी जैसी न जाने कितनी लड़कियों को सहजीवन या लिव इन रिलेशनशिप ने अपने मकड़जाल में फंसाया हुआ है, जिस से निकलतेनिकलते वे टूट कर पूरी तरह बिखर जाती हैं और हाथ लगती है सिर्फ हताशा और मानसिक अवसाद. कुछ वर्षों पहले जब सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता दी थी तब युवावर्ग खुशी से झूम उठा था मानो खुले आसमान के साथसाथ अब उन्हें सुनहरे पंख भी मिल गए हों. मगर अब इस रिश्ते की स्वच्छंदता बहुतों को घायल कर रही है, जिन में महिलाएं, लड़कियां ज्यादा हैं.

नैंसी के साथ तो बहुत ही बुरा हुआ. 6 महीने तक प्रकाश के साथ सहजीवन में रहने के बाद अचानक एक हादसे में प्रकाश की मौत हो गई. किसी तरह वह इस सदमे से खुद को उबारती है तो पता चलता है कि वह मां बनने वाली है और अब गर्भपात की समयसीमा भी निकल चुकी है. ऐसे में वह जीवन से हताश हो कर आत्महत्या जैसा गलत कदम उठा लेती है और पीछे छोड़ जाती है अपना रोताबिलखता परिवार और उन के अनमोल सपने जो कभी उन्होंने नैंसी के लिए देखे थे.

महानगरों में ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे. अब सवाल यह उठता है कि यदि विवाह संस्था बंधन और लिव इन आजादी है, तो फिर इस आजादी में इतनी तकलीफ क्यों सहन करनी पड़ रही है लड़कियों को? इस का जवाब है समाज की दोयमदर्जे की मानसिकता. भारतीय महिलाओं के लिए संबंधों को तोड़ पाना अभी भी आसान नहीं है. सामाजिक ही नहीं भावनात्मक स्तर पर भी. पुरुष तो ऐसे रिश्तों से अलग हो कर शादी भी कर लेता है और समाज स्वीकार भी लेता है, परंतु वही समाज महिला के चरित्र पर उंगली उठाता है.

ऐसी स्थिति में क्यों न हम कुछ बातों का खयाल रखते हुए एक सुकून भरी जिंदगी जीएं. लिव इन रिश्ते के टूटने पर पलायनवादी होने से अच्छा है कि हम इसे अपना अनुभव समझते हुए सबक लें. यह सच है कि महिलाओं के लिए साथी के साथ को भूलना और जीवन के आगामी संघर्षों से मुकाबला करना आसान नहीं होता. लेकिन जिंदगी रुकने का नहीं, निरंतर चलने का नाम है. बस जरूरत है तो इस रिश्ते से जुड़े कुछ पहलुओं पर गौर करने की ताकि लिव इन रिलेशनशिप से टूट कर न बिखरें. खुद को रखें व्यस्त: यदि आप नौकरी करती हैं, तो आप के लिए खुद को व्यस्त रखना थोड़ा आसान होगा. अपने औफिशियल टारगेट को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करें. हर वक्त यह न सोचती रहें कि अपने पार्टनर को कैसे मनाया जाए क्योंकि आप के पार्टनर ने मानसिक तैयारी के साथ ही आप को छोड़ा है, इसलिए वह तो आने से रहा.

नौकरी न करने वाली लड़कियों को भी चाहिए कि वे ज्यादा से ज्यादा समय परिवार के साथ बिताएं और साथ ही अपने अंदर के किसी हुनर को पहचानते हुए उसे निकालने का प्रयास करें. वे सारे कार्य करें जो कभी आप समय की कमी के कारण नहीं कर पाती थीं. कभीकभी अपनी भावनाओं को डायरी के पन्नों में भी ढालने का प्रयास करें. मन की तकलीफ कुछ कम हो जाएगी.

कुछ तो लोग कहेंगे:

जब आप ने लिव इन रिलेशनशिप में रहने का फैसला किया होगा तब अवश्य ही लोगों की बातों को नजरअंदाज किया होगा. लोग क्या कहेंगे, इस वाक्य को कई बार सिरे से खारिज किया होगा. तो बस अभी वही करते रहिए. शांति से उन की नकारात्मक बातों को अनसुना कीजिए. कभी भी अपनी तरफ से सफाई देने या अपना पक्ष रखने की कोशिश न कीजिए, क्योंकि आप ने कोई अपराध नहीं किया है.

हीनभावना न पनपने दें:

आप केवल दोस्ती के एक रिश्ते से अलग हुए हैं. अत: स्वयं को तलाकशुदा न समझें. आप ने कोई अपराध नहीं किया है. यौन शुचिता के तराजू पर भी खुद को न तौलें. शारीरिक संबंध बनाना एक प्राकृतिक क्रिया है. इसे लेकर अपने मन में हीनभावना न पालें. साथी के साथ बिताए सुखद पलों को ही जीवन में स्थान दें. साथी के प्रति मन में नफरत का भाव न रखें. आमनेसामने होने पर भी दोस्ताना व्यवहार करें और किसी भी प्रकार का ताना या उलाहना न दें. कानून है आप के साथ: यदि आप लंबे समय से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं और आप का बच्चा भी है तो ऐसे में यदि आप का साथी आप को आप की मरजी के खिलाफ छोड़ना चाहता है तो आप कानून का सहारा ले सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में यह फैसला सुनाया है कि लिव इन के कारण पैदा हुए बच्चे नाजायज नहीं कहे जाएंगे. आप सीआरपीसी की धारा 125 के तहत बच्चे के गुजाराभत्ते के लिए अर्जी दाखिल कर सकती हैं, क्योंकि अधिक समय तक लिव इन रिश्ते में रहने के कारण आप को कानूनन पत्नी का दर्जा मिलता है.

साथी के द्वारा मारपीट या जबरदस्ती करने पर भी आप न्यायालय से घरेलू हिंसा कानून के तहत इंसाफ एवं गुजाराभत्ते की मांग कर सकती हैं या हिंदू अडौप्शन ऐंड मैंटनैंस एक्ट की धारा 18 के तहत भी अर्जी दाखिल कर सकती हैं. न छिपाएं होने वाले जीवनसाथी से: टूटे रिश्ते के गम से बाहर निकलने के लिए शादी एक बेहतर विकल्प है, पर इतना याद रखें कि शादी

से पहले आप अपने भावी जीवनसाथी को अपने लिव इन रिलेशनशिप के बारे में अवश्य बताएं, साथ ही उन्हें यह आश्वस्त करें कि आप अपने पुराने रिश्ते को नए रिश्ते पर कभी हावी नहीं होने देंगी.

पुरुष भी दें ध्यान:

यह सही है कि सहजीवन से अलग होने का परिणाम सब से ज्यादा लड़कियों को ही भुगतना पड़ता है, परंतु कुछ समय संवेदनशील पुरुष भी प्रभावित होते हैं, इस बात को नकारा नहीं जा सकता. जयंत की पार्टनर ने उसे छोड़ने के बाद उस के खिलाफ शादी का झांसा दे कर बलात्कार करने का इलजाम लगा दिया था. काफी मुश्किलें झेलने के बाद वह इस से छुटकारा पा सका.

ऐसे पुरुषों के लिए ही दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों में पुलिस को बलात्कार के बजाय विश्वास भंग (क्रिमिनल ब्रीच औफ ट्रस्ट)का मुकदमा दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया है, ताकि पुरुषों को भी न्याय मिल सके.

क्या शादी से पहले रिलेशन के बारे में मेरे पति को पता लग सकता है?

सवाल-

सुना है यदि विवाहपूर्व किसी युवती ने सैक्स संबंध बनाए हों तो उस के पति को इस बारे में पता चल जाता है. मैं जानना चाहती हूं कि यदि किसी युवती ने 2 बार किसी से सैक्स किया हो तो क्या कोई ऐसा उपाय है, जिस से सुहागरात को उस के पति को इस की भनक न लगे? क्या यौनांग में पहले जैसा कसाव रहता है?

जवाब-

1-2 बार शारीरिक संबंध बनाने से यौनांग में ढीलापन नहीं आता. जब तक आप स्वयं अपने मुंह से यह स्वीकार नहीं करेंगी कि पहले किसी से अवैध संबंध बना चुकी हैं तब तक पति पर यह बात जाहिर नहीं होगी. आप विवाह बाद पति से प्यार करेंगी तो वे इस फालतू बात को कभी कोई महत्त्व नहीं देंगे.

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अलकायदा के पूर्व प्रमुख ओसामा बिन लादेन की सब से बड़ी पत्नी ने दावा किया है कि ओसामा की सब से छोटी पत्नी चौबीसों घंटों सैक्स करना चाहती थी. द सन के अनुसार खैरियाह ने कहा कि अमल हमेशा ओसामा के साथ सोने के लिए झगड़ा करती थी. मुझे ओसामा के पास नहीं जाने देती थी.

क्या कहता है सर्वे

अमेरिका ने भी सैक्स की लत को 2012 में मानसिक विकृति करार दिया और इस काम को लास एंजिल्स की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अंजाम दिया है. भारत में यह समस्या अभी शुरुआती दौर में है. लेकिन एक ओर मीडिया और इंटरनैट पर मौजूद तमाम उत्तेजना फैलाने वाली सामग्री की मौजूदगी तो दूसरी ओर यौन जागरूकता और उपचार की कमी के चलते वह दिन दूर नहीं जब सैक्स की लत महामारी बन कर खड़ी होगी. क्याआप को फिल्म ‘सात खून माफ’ के इरफान खान का किरदार याद है या फिर फिल्म ‘मर्डर-2’ देखी है? फिल्म ‘सात खून माफ’ में इरफान ने ऐसे शायर का किरदार निभाया है, जो सैक्स के समय बहुत हिंसक हो जाता है. इसी तरह ‘मर्डर-2’ में फिल्म का खलनायक भी मानसिक रोग से पीडि़त होता है. फिल्म ‘अग्नि साक्षी’ में भी नाना पाटेकर प्रौब्लमैटिक बिहेवियर से पीडि़त होता है. इसे न सिर्फ सैक्सुअल बीमारी के रूप में देखना चाहिए, बल्कि यह गंभीर मानसिक रोग भी हो सकता है.

सैक्सोलौजिस्ट डाक्टर बीर सिंह, डाक्टर एम.के. मजूमदार और मनोचिकित्सक डाक्टर स्मिता देशपांडे से बातचीत के आधार पर जानें कि सैक्सुअल मानसिक रोग कैसेकैसे होते हैं:

पूरी खबर पढ़ने के लिए- जब अजीब हो सैक्सुअल व्यवहार

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

ये 6 बातें लड़कियां पार्टनर को कभी नहीं बताती

कई बार हमारे साथ होता है या फिर हम इस बात पर विश्वास करते है कि हमारा पार्टनर हमें हर चीज बता देता हैं. हम उस पर आंख बंद करके विश्वास करते है. लेकिन आप जानते है कि आपकी पार्टनर आपसे कई बातें छिपाती है.

जिनके बारे में वह हर संभव कोशिश करती है कि आपको पता न चले. लेकिन हम आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में बता रहे है जो हमेशा लड़कियां अपने पार्टनर से छिपाती है. इसमें लिए सोशल मीडिया में एक सर्वे किया गया जिसमें ये सामने आई कि आखिर लड़किया क्या चीज अपने पार्टनर से छिपाती है. जानिए

1. लड़कियां कभी भी अपने पिछले अफेयर्स के बारें में नहीं बताती है. चाह कुछ भी हो. अगर बताती है तो आधी अधूरी बात. अगर आपके साथ भी ऐसा है तो आप उससे कतई उसके पिछली लाइफ के बारे में न पूछे.

2. लड़किया कभी भी अपने को कमजोर नहीं महसूस होने देती है. जैसे कि वह कभी भी नहीं बता सकती है कि उन्हे काक्रोच से तो डर लगता है लेकिन पार्लर जाकर वैक्स कराने में बिल्कुल नहीं लगता है.

3. कई बार जब आप उनकी फैमली के बारे में पूछते है तो वह बढ़ा चढ़ाकर बताती है. कभी भी वह अपनी फैमली के बारे में नकारात्मक चीजें नहीं बोलते है. वह अपने माता-पिता के प्यार, भाई के प्रति आकर्षण वह सब सच नहीं बोलती. एक सर्वे में यह बात सामने आभ कि कोई भी लड़की अपने पार्टनर से अपने परिवार के बारे में सबी चीजें सही नहीं बोलती है.

4. आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि जब आप अपनी पार्टनर से उसकी सुंदरता के बारें में पूछते है, तो वह गोल-गोल बाते बना दती है. या फिर हंस के टाल देती है. वह कभी आपके सामने जाहिर नहीं होने देगी कि आखिर वह इतनी सुंदर कैसे है. मेकअप के द्वारा या फिर नेचुरल.

5. कभी भी आपकी पार्टनर अपने गुजरे हुए पल बहुत छिपा कर रखती है. अगर आप उनसे पूछेगे कि आपसे रिश्ते में आने के बाद वह पहले की जिंदगी के बारें में क्या महसूस करती है. तो वह यह बात कभी नहीं बताना चाहती है.

6. लड़किया ऐसी होती है जो अपने पार्टनर से हर बात शेयर नहीं करना चाहती. और बात दोस्तों की हो तो फिर बिल्कुल भी नहीं. इस बारे में उन्हें लगता है कि उनके रिश्ते से उनके दोस्तों से संबंधो के बारें में कुछ लेना देना नहीं है.

मैरिड लाइफ बनाएं पहले जैसी खुशहाल

विवेक कई दिनों से अपनी पत्नी आशु के साथ अंतरंग संबंध बनाना चाह रहा था, पर आशु कोई न कोई बहाना बना कर टाल देती. रोज की नानुकर से तंग आ कर एक दिन आखिर विवेक ने झल्लाते हुए आशु से कहा कि आशु, तुम्हें क्या हो गया है? मैं जब भी तुम्हें प्यार करना चाहूं, तुम कोई न कोई बहाना बना कर टाल देती हो. कम से कम खुल कर तो बताओ कि आखिर बात क्या है?

यह सुन कर आशु रोते हुए बोली कि ये सब करने का उस का मन नहीं करता और वैसे भी बच्चे तो हो ही गए हैं. अब इस सब की क्या जरूरत है?

यह सुन कर विवेक हैरान रह गया कि उस की बीवी की रुचि अंतरंग संबंध में बिलकुल खत्म हो गई है. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यों हो गया जबकि उस की पत्नी पहले इस सब में बहुत रुचि लेती थी?

यह परेशानी सिर्फ विवेक की ही नहीं है, बल्कि ऐसे बहुत से पति हैं, जो मिडिल ऐज में आने पर या बच्चों के हो जाने पर इस तरह की समस्याओं से जूझते हैं.

कम क्यों हो जाती है दिलचस्पी

सैक्सोलौजिस्ट डा. बीर सिंह का कहना है कि कई बार पतिपत्नी के बीच प्यार में कोई कमी नहीं होती है, फिर भी उन के बीच सैक्स को ले कर समस्या खड़ी हो जाती है. विवाह के शुरू के बरसों में पतिपत्नी के बीच सैक्स संबंधों में जो गरमाहट होती है, वह धीरेधीरे कम हो जाती है. घरेलू जिम्मेदारियां बढ़ने के कारण सैक्स को ले कर उदासीनता आ जाती है. इस की वजह से आपस में दूरी बढ़ने लगती है. इस समस्या से बाहर आने के लिए पतिपत्नी को एकदूसरे से अपने सैक्स अनुभव शेयर

करने चाहिए. अपनी सैक्स अपेक्षाओं पर खुल कर बात करनी चाहिए. इस के अलावा उन कारणों को भी ढूंढ़ें जिन की वजह से साथी

सैक्स में रुचि नहीं लेता, फिर उन्हें दूर करने की कोशिश करें. ये कारण हर कपल के अलगअलग होंगे. आप को बस उन्हें दूर करना है, तब आप की सैक्स लाइफ फिर से पहले जैसी खुशहाल हो जाएगी.

यह भी एक कारण

उम्र बढ़ने के साथसाथ एक स्त्री कामक्रीड़ा में पहले जैसी दिलचस्पी क्यों नहीं लेती है? अमेरिका में चिकित्सकों और शोधकर्ताओं की पूरी टीम इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने में जुट गई. इस में एक अहम जानकारी सामने आई, जो निश्चित तौर पर एक स्त्री की सैक्स संबंधी दिलचस्पी की पड़ताल करती है. दरअसल, यह सवाल स्त्री की उम्र और सैक्स के रिश्ते से जुड़ा है. कई लोग मानते हैं कि स्त्री की उम्र उस की सैक्स संबंधी दिलचस्पी पर काफी असर डालती है. यह माना जाता है कि उम्र बढ़ने के साथसाथ एक स्त्री कामक्रीड़ा में पहले जैसी दिलचस्पी नहीं लेती.

हालांकि शोध से यह बात साफ हो गई कि मध्य आयुवर्ग की महिलाओं में संभोग के प्रति दिलचस्पी होना अथवा न होना सिर्फ बढ़ती उम्र पर निर्भर नहीं करता. यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन के लाइफपार्टनर का स्वास्थ्य कैसा है? और सैक्स संबंधी गतिविधियों में वे कितनी रुचि लेते हैं.

भावनात्मक कारण

आम धारणा के विपरीत शोध में यह पाया गया कि मध्य आयु में भी महिलाएं न सिर्फ सैक्सुअली सक्रिय होती हैं, बल्कि कई मामलों में उन की दिलचस्पी बढ़ती हुई नजर आई. शोध के दौरान जब यह जानने की कोशिश की गई कि जो महिलाएं सैक्स में सक्रिय नहीं हैं उस के पीछे क्या वजह है तो पता चला कि कई भावनात्मक कारणों से उन की सैक्स और अपने पार्टनर में दिलचस्पी खत्म हो चुकी होती है. पार्टनर में दिलचस्पी घटना या किसी प्रकार की अक्षमता का सीधा असर महिलाओं की यौन सक्रियता पर पड़ता है. ऐसी भी महिलाएं हैं, जिन की सैक्स में दिलचस्पी खत्म होने की और भी वजहें हैं. मगर उन की संख्या कम है.

उम्र से नहीं है कोई संबंध

इस शोध में मध्य आयुवर्ग की सैक्स संबंधी हर दिलचस्पी को शामिल किया गया था, जिस में हस्तमैथुन भी शामिल था. शोध के दौरान महिलाओं का एक बड़ा वर्ग सैक्सुअल ऐक्टिविटीज में उम्र बढ़ने के साथ ज्यादा सक्रिय होता पाया गया. शोध से यह स्पष्ट सामने आया कि किसी भी स्त्री की सैक्स संबंधी सक्रियता का उस की उम्र से कोई सीधा संबंध नहीं है. इस आधार पर मनोवैज्ञानिकों और सैक्स सलाहकारों ने कुछ कारण और सुझाव भी रखे:

– ध्यान दें कि आप का पार्टनर किसी दवा के साइड इफैक्ट की वजह से भी सैक्स में दिलचस्पी खो सकता है. यदि ऐसा है तो डाक्टर से सलाह लें.

– कई महिलाएं मानसिक दबाव के चलते भी सैक्स में रुचि नहीं लेतीं.

– बच्चों में ज्यादा व्यस्त हो जाने और सामाजिक मान्यताओं के चलते महिलाओं को लगता

है कि सैक्स में बहुत दिलचस्पी लेना उचित नहीं है.

– कई बार बच्चों के हो जाने के बाद महिलाएं अपने शरीर को ले कर असहज हो जाती हैं और हीनभावना का शिकार हो जाती हैं. इस के चलते भी वे सैक्स से जी चुराने लगती हैं.

– बढ़ती उम्र में घरपरिवार और कामकाज की बढ़ती जिम्मेदारियों के कारण वे थकने लगती हैं और सैक्स के लिए उन में पर्याप्त ऐनर्जी नहीं बचती.

– कई महिलाएं अपने पति के साथ एकांत चाहती हैं और ऐसा न होने पर सैक्स के प्रति उन की रुचि घटने लगती है.

– अगर पतिपत्नी के बीच तनाव रहता है और रिश्ता आपस में सही नहीं है तो इस से भी सैक्स लाइफ पर विपरीत असर पड़ता है.

गाइनोकोलौजिस्ट, डाक्टर अंजली वैश के अनुसार कुछ बीमारियां भी होती हैं, जिन की वजह से सैक्स में रुचि कम हो जाती है. ड्रग्स, शराब, धूम्रपान का सेवन करने से भी सैक्स में रुचि कम हो जाती है, डाइबिटीज की बीमारी भी महिलाओं में सैक्स ड्राइव को घटाती है, गर्भावस्था के दौरान और उस के बाद हारमोन चेंज के कारण सैक्स में महिला कम रुचि लेती है, अगर डिप्रैशन की समस्या हो तो हर समय अवसाद में डूबी रहती हैं. वे ऊटपटांग बातें सोचने में ही अपनी सारी ऐनर्जी लगा देती हैं. सैक्स के बारे में सोचने का टाइम ही नहीं मिलता है.

कई महिलाएं बहुत मोटी हो जाती हैं. मोटापे के कारण सैक्स करने में उन्हें काफी दिक्कत होती है. अत: वे सैक्स से बचने लगती हैं.

दवा भी कम जिम्मेदार नहीं

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, कई ऐसी दवाएं हैं जिन से सैक्स लाइफ पर असर पड़ता है. सैक्स के लिए जरूरी हारमोंस शरीर की जरूरत व संदेशों को मस्तिष्क तक पहुंचाने वाले तत्त्व डोपामाइन व सैरोटोनिन और सैक्स अंगों के बीच तालमेल बहुत जरूरी होता है. डोपामाइन सैक्स क्रिया को बढ़ाता है और सैरोटोनिन उसे कम करता है. जब दवाएं इन हारमोंस के स्तर में बदलाव लाती हैं तो कामेच्छा में कमी आती है. पेनकिलर, अस्थमा, अल्सर की दवा, हाई ब्लडप्रैशर और हारमोन संबंधी दवा से कामेच्छा में कमी हो सकती है.

मगर यह जरूरी नहीं कि आप की सैक्स लाइफ में अरुचि सिर्फ दवा की वजह से ही हो. इसलिए अगर आप को अपनी सैक्स लाइफ में बदलाव महसूस हो रहा है, तो दवा बंद करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें.

सैक्स में रुचि कैसे पैदा करें

सैक्स में जरूरी है मसाज: जब आप पार्टनर के नाजुक अंगों पर हाथों से हौलेहौले तेल लगा कर मसाज करेंगे तो यह उस के लिए बिलकुल नया अनुभव होगा. तेल आप के और पार्टनर के बीच जो घर्षण पैदा करता है उस से प्यार में बढ़ोतरी होती है और सैक्स की इच्छा जाग उठती है. मसाज एक ऐसी थेरैपी है, जिस से न सिर्फ शरीर को आराम मिलता है, बल्कि अपनी बोरिंग सैक्स लाइफ को भी फिर से पहले जैसी बना सकती हैं.

ऐक्सपैरिमैंट कर सकते हैं: अगर आप का पार्टनर सैक्सुअल ऐक्सपैरिमैंट नहीं करता है या ऐक्सपैरिमैंट करने से बचता है तो फेंटैसी की दुनिया में आप का स्वागत है. अगर आप सैक्स के बारे में अच्छी फेंटैसी कर सकती हैं तो अपने बैडरूम से बाहर निकले बिना आप अपने पार्टनर के साथ जंगल में मंगल कर सकती हैं. आप अपने पार्टनर के साथ जो चाहती हैं उसे फेंटैसी के जरीए महसूस करिए. आप की अपने पार्टनर से सारी शिकायतें दूर हो जाएंगी, क्योंकि आप का पार्टनर आप को खयालों में जो मिल गया है.

बारबार हनीमून मनाएं: सैक्स संबंधों में बोरियत न हो, इस के लिए पतिपत्नी को चाहिए कि हर साल वे हनीमून पर जाएं और इसे वे आपस में घूमने जाना न कह कर हनीमून पर जाना कहें. इस से उन के बीच ऐक्साइटमैंट बना रहता है. जब हनीमून पर जाएं तो एकदूसरे को वहां पहली बार बिताए लमहे याद दिलाएं. इस तरह घूमने और हनीमून के बारे में बात करने पर सैक्स संबंधों की याददाश्त ताजा हो जाएगी.

सैक्स में नयापन लाएं: कहीं ऐसा तो नहीं कि आप के सैक्स करने का एक ही तरीका हो और उस तरीके से आप की पत्नी बोर हो गई हो? अत: उस से इस विषय पर बात करें और सैक्स करने के परंपरागत तरीके छोड़ कर नएनए तरीके अपनाएं. इस से सैक्स संबंधों में एक नयापन आ जाएगा.

अपने साथी को समय दें: शादी के कुछ सालों बाद कुछ जोड़ों को लगता है कि सहवास में उन की रुचि कम होती जा रही है. सहवास उन्हें एक डेली रूटीन जैसा उबाऊ कार्य लगता है. इसलिए सहवास को डेली रूटीन की तरह न लें, बल्कि उसे पूरी तरह ऐंजौय करें. रोज करने के बजाय हफ्ते में भले ही 1 बार करें लेकिन उसे खुल कर जीएं और अपने पार्टनर को एहसास दिलाएं कि ऐसा करना और उस के साथ होना आप के लिए कितना खास है.

सैक्स ऐसा जिसे दोनों ऐंजौय करें: सिर्फ आप अपने मन की बात ही पार्टनर पर न थोपते रहें, बल्कि सैक्स में उस की इच्छा भी जानें और उस का सम्मान करें. जिन तरीकों में आप दोनों कंफर्टेबल हों और ऐंजौय कर सकें, उन्हें अपनाएं.

नियमित करें सैक्स: यह सच है कि तनाव और थकान का पतिपत्नी के यौन जीवन पर बुरा असर पड़ता है. मगर वहीं यह भी सच है कि सैक्स ही आप के जीवन में पैदा होने वाले दबावों और परेशानियों से जूझने का टौनिक बनता है. इसलिए कोशिश करें कि सप्ताह में कम से कम 3 बार संबंध जरूर बनाएं. इस से सैक्स लाइफ में मधुरता बनी रहेगी.

एकदूसरे के प्रति प्यार को बढ़ावा दें : अधिकतर जोड़ों के शादी के बाद कुछ सालों तक संबंध अच्छे रहते हैं, लेकिन जैसेजैसे समय बीतता जाता है वैसे काम व अन्य कारणों से उन के बीच दूरी बढ़ती जाती है, जिस से उन्हें आपस में प्यार करने का मौका नहीं मिलता. इस से उन के बीच सैक्स संबंधों में खटास आने लगती है. वैवाहिक जीवन में उत्पन्न हुई इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए आवश्यक है कि पतिपत्नी आपस में बातचीत करने के लिए कुछ समय निकालें. एकदूसरे से अच्छी बातें करें और एकदूसरे की बातों को सुनें, शिकायतों को दूर करने की कोशिश करें. एकदूसरे का सम्मान करें, इस से सैक्स लाइफ भी काफी बेहतर होगी.

पहल करें: अकसर महिलाएं सैक्स के लिए पहल करने में हिचकिचाती हैं, इसलिए आप द्वारा पहल करने में कोई बुराई नहीं है, बल्कि आप का पहल करना महिला को सुखद एहसास में डुबो देता है. यदि बच्चे छोटे हैं तो सैक्स लाइफ में मुश्किलें तो आती ही हैं और महिलाएं इतनी खुली व रिलैक्स भी नहीं रह पातीं. ऐसे में बच्चों के सोने का इंतजार करने से अच्छा है कि जब मौका मिले प्यार में खो जाएं.

फिटनैस का भी खयाल रखें: अच्छी सैक्स लाइफ के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से फिट रहना भी जरूरी है. इस के लिए बैलेंस्ड डाइट लें. थोड़ीबहुत ऐक्सरसाइज करें. भरपूर नींद लें. सिगरेट, शराब का सेवन न करें.

कल्पना करें: अगर आप को सैक्स करते समय किसी और पुरुष की या फिर किसी बौलीवुड ऐक्टर आदि की कल्पना उत्तेजित करती है और सैक्स का आनंद बढ़ाती है तो ऐसा करें. इस के लिए मन में किसी तरह का अपराधबोध न आने दें. ऐसा करना गलत नहीं है क्योंकि सब का सैक्स करने और उस के बारे में सोचने का तरीका अलग होता है.

फ्रैश मूड में आनंद उठाएं: अगर पतिपत्नी दोनों वर्किंग हैं, व्यस्त हैं, रात को देर से आते हैं, तो उन की सैक्स लाइफ न के बराबर होती है और महिला ऐसे में इसे बोझ की तरह लेती है. इसलिए अगर वह थकी हुई है तो जबरदस्ती न करें. सुबह उठ कर फ्रैश मूड में सैक्स का आनंद उठाएं.

गंदी बातें अच्छी हैं: सैक्स के लिए मूड बनाने के लिए कुछ भी किया जा सकता है.

आप को लगता है कि कहीं आप की डर्टी टौक्स और डार्क फेंटैसी सुन कर पार्टनर का मूड न बिगड़ जाए, इसलिए आप चाहते हुए भी उन से यह सब शेयर नहीं करते हैं तो जान लें कि ऐसा नहीं है. सच तो यह है कि हर लड़की अपने पार्टनर से ऐसी बातें सुनने के लिए बेकरार रहती है. इसलिए बेझिझक उन से ऐसी बातें करें. जैसे ही आप की बातें शुरू होंगी उन की बेचैनी भी बढ़ती जाएगी.

सैक्स लाइफ का अंत नहीं है बच्चे का आना

अगर आप का मानना है कि बच्चे के आने के बाद सैक्स लाइफ खत्म हो जाती है तो जरा रुकिए. दुनिया भर में हो रही स्टडी के मुताबिक मां बनने के कुछ समय बाद कामेच्छा स्वाभाविक रूप से लौट आती है. आमतौर पर बच्चे के जन्म के 6 हफ्ते बाद डाक्टर महिलाओं को सैक्स संबंध बनाने की इजाजत दे देते हैं. लेकिन इतने समय में भी सब महिलाएं सहज नहीं हो पातीं. कई महिलाओं की सैक्स संबंध इच्छा को लौटने में साल भर तक का समय लग जाता है. शुरू में अंतरंग पलों के लिए समय निकालना मुश्किल होता है. लेकिन धीरेधीरे गाड़ी ट्रैक पर लौटने लगती है, इसलिए बच्चे का होना सैक्स पर पूर्णविराम नहीं है, बल्कि एक नई शुरुआत है.

रिसर्च बताती है कि बच्चों के जन्म के बाद क्लाइमैक्स की तीव्रता बढ़ जाती है. इस का कारण है नर्व एंडिंग का ज्यादा सैंसिटिव होना.

बनाएं पत्नी का मूड ऐसे

– महिलाओं की पीठ काफी सेंसिटिव होती है. थोड़ा सा अंधेरा कीजिए, म्यूजिक प्ले कीजिए और पत्नी की पीठ पर हौलेहौले हाथ फिराते हुए मसाज कीजिए. फिर आगे का जादू खुद ही चल जाएगा.

– पार्टनर के कानों से खेलिए और हौले से कुछ कहिए. एकदम से यह न कहें कि आप का करने का मन है.

– गले में गुदगुदी कीजिए. देखिएगा कुछ ही देर में पत्नी आंहें भर रही होगी.

– फुट मसाज दीजिए. पत्नी के पैरों को सहलाते हुए बताएं कि आप उन से कितना प्यार करते हैं. बस वह एकदम से आप को बांहों में भर लेगी और उस के लिए पत्नी का तुरंत मूड बन जाएगा.

वियाग्रा: राइट चौइस है

कई हिंदी फिल्मों के सुहागरात के दृश्यों में दिखाया गया है कि दुलहन बनी नायिका रात को दूध का गिलास ले कर कमरे में दाखिल होती है. रोमांटिक मूड में बैठा बैचेन नायक गटागट दूध पीता है और फिर कमरे की बत्ती बुझा कर नायिका को आगोश में ले कर बिस्तर पर लुढ़क जाता है. कुछ फिल्मों में प्रतीकात्मक रूप से दिखाया गया है कि सुहागरात मन रही है. तब दर्शक मान लेता था कि हो न हो सहवास से पहले दूध पीने से सैक्स पावर बढ़ती है. समाज में फैली यह धारणा एकदम बेवजह भी नहीं है.

समाज बदल गया तो धारणाएं भी बदलीं. लेकिन दूध की महत्ता कम नहीं हुई पर यह शादी के शुरुआती दिनों तक ही सिमटी है शादी के कुछ साल बाद लोग सैक्स पावर बढ़ाने के लिए क्या लेते हैं इस सवाल का एक जबाब इंटरनैट पर भी मौजूद है. एक कंपनी की वैबसाईट में एक महिला पहले अपना दुखड़ा रोते बता रही है कि शादी के 8 साल बाद पिछले कुछ दिनों से पति के ढीलेपैन के चलते उसे सैक्स में पहले सा मजा नहीं आ रहा था जिस के चलते वह उदास व दुखी रहने लगी थी और चिड़चिड़ी भी हो गई थी.

फिर एक दिन उसे फलां टैबलेट के बारे में पता चला कि इस के सेवन से सैक्स घंटों चलता है और दुर्लभ जड़ीबूटियों से बने होने के कारण इस का कोई साइड इफैक्ट भी नहीं है पोर्न फिल्मों वाले कलाकार भी इसे लेते हैं. इसे लेने के बाद लंबे समय तक सैक्स कर पाते हैं. उस ने बिना वक्त गवाए तुरंत ये गोलियां और्डर कर दीं. छठे दिन कूरियर से कैश औन डिलिवरी पर आ गईं. उसी रात उस ने पति को यह खिला भी दी.

बस उस रात से उस विज्ञापनीय महिला की जिंदगी बदल गई. अब वह बहुत खुश है क्योंकि पति की शीघ्रपतन, अरुचि और कमजोरी जैसी कमियां इस गोली के सेवन से दूर हो गई हैं. उस का सैक्स ड्राइव न्यूट्रल से टौप गियर में आ गया है. इसे देख लगता ऐसा है कि सड़क छाप खानदानी नीमहकीम और कंपनियां स्क्रीन पर अपना धंधा चला रही हैं क्योंकि दौर डिजिटल है और इस के बिना आप नमक भी नहीं बेच सकते.

उक्त महिला अपने दुखड़े में यह तक कहते देखीसुनी जा सकती है कि विभिन्न उत्तेजक क्रियाओं से बात नहीं बनी तो उस ने पति को वियाग्रा तक खिलाई, लेकिन उस का भी कोई खास असर नहीं हुआ.

पत्नियां करें पहल

ऐसे लोगों के लिए वियाग्रा वरदान है. विज्ञापनीय महिला की तरह आम पत्नियां पतियों के ढीलेपन को ले कर इस हद तक चिंतित और दुखी नहीं हैं और न ही उन्हें होना चाहिए कि नीमहकीमी करने लगें क्योंकि इस के नुकसान आए दिन गुल खिलाते रहते हैं. पत्नियों को चाहिए कि वे पति को वियाग्रा दें क्योंकि यह सुरक्षित है बशर्ते इसे कुछ सावधानियों के साथ लिया जाए तो अच्छी बात यह भी है कि इस की लत नहीं पड़ती. अधिकतर पतियों का आत्मविश्वास 1-2 बार में लौट आता है.

भोपाल के पौश इलाके शाहपुरा की मनीषा मार्केट के एक कैमिस्ट अनिल लालवानी बताते हैं कि दौर जागरूकता का है. कई युवतियां अपने बौयफ्रैंड के लिए वियाग्रा खरीदती हैं, लेकिन महिलाओं की तादाद न के बराबर है. हां 30 पार के पुरुष जरूर वियाग्रा निस्संकोच ले जाते हैं. मुमकिन है उन की पत्नियों की सहमति इस में रहती हो. वैसे यह भी सच है कि दवाओं के

75 फीसदी कस्टमर पुरुष ही होते हैं. अनिल इस बात में सहमति दिखाते हैं कि अगर जरूरत महसूस हो तो पत्नियों को वियाग्रा खरीदने में हिचकना नहीं चाहिए.

अनिल की बात की पुष्टि करते और उसे विस्तार देते हुए सरकारी कालेज की एक अधेड़ उम्र की प्रोफैसर कहती हैं कि आमतौर पर भारतीय पत्नियां पति की सैक्स कमजोरियों से समझौता कर लेती हैं. उन्हें डर रहता है कि शिकायत करने या कहने पर पति इसे अन्यथा लेगा और हर्ट भी हो सकता है. अगर वह बुरा मान गया और एक सामान्य सी बात को उस ने आरोप समझा तो जिंदगी और गृहस्थी पर इस का बुरा असर पड़ेगा. एक पति हजार तरीकों से पत्नी को परेशान करने के अधिकार रखता है वैसे भी एक उम्र के बाद महिलाएं तमाम दूसरी परेशानियों के साथसाथ पति की सैक्स कमजोरी से भी समझौता कर लेती हैं और जो मिल जाता है उसी से संतुष्ट रहती हैं.

राइट औफ क्वालिटी सैक्स

मगर यह गलत नहीं तो सही भी नहीं है. ये प्रोफैसर आगे कहती हैं कि अच्छी गुणवत्ता बाला सैक्स किसी भी पत्नी का हक है और यह अगर वियाग्रा से मिले तो हरज क्या? सैक्स लाइफ में बोझिलता 40 के बाद आनी शुरू हो जाती है. इस में हैरानी की बात यह होती है कि कमी पतिपत्नी दोनों में ही नहीं रहती. दफ्तर और घर के काम का बोझ, जिम्मेदारियां उलटासुलटा खानपान, व्यायाम न करना आदि शरीर को पहले सा ऐक्टिव नहीं रहने देता फिर सैक्स के नाम पर क्या होगा, वही होगा जो इफरात से हो रहा है कि थोड़ी देर कोशिश की और जो भी बना कर के सो गए. न पहले सा रोमांस होता है न डायलोग होते, न फोर प्ले होता और न ही उसी अवस्था में लिपट कर दोनों सुबह तक सोते.

बात सच है क्योंकि एक उबाऊ सैक्स न केवल दिन बल्कि पूरी जिंदगी को नीरस बना देता है खासतौर से महिलाएं इस से ज्यादा प्रभावित होती हैं जो अर्ध को ही पूर्ण सुख मानने को मजबूर हो जाती हैं. लेकिन उन की खीज और अधूरापन. कोई नहीं समझ पाता कई बार तो वे खुद भी नहीं समझ पातीं कि वे बातबात में झल्ला क्यों रही हैं.

अधूरे सैक्स की वजह से झल्लाहट

यह झल्लाहट होती है अधूरे सैक्स की वजह से जिसे वे कोशिश करें तो नीना की तरह दूर कर सकती है. नीना पति अमन के ढीलेपन से आजिज आ गईं थीं. उन्होंने वियाग्रा के बारे में पढ़ासुना

था सो एक दिन हिम्मत कर कैमिस्ट से नीले रंग की 2 गोलियां खरीदे लाई. फिर पति को पूरे प्यार से बताया कि अब शादी के बाद वाले दिनों सा मजा नहीं आता, इसलिए आप के लिए वियाग्रा ले आई हूं. ट्राई कर के देखें. अमन उम्मीद के मुताबिक गुस्सा नहीं हुए बल्कि बोले कि मैं खुद कई दिनों से लाने का सोच रहा था पर लाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था. चल अब जब तू ले ही आई है तो आज सालों बाद सालों पहले सा लुत्फ उठाते हैं और फिर दोनों ने वही लुत्फ उठाया भी.

यानी जरूरी नहीं कि वियाग्रा लाने और खाने की बात पर पति वही प्रतिक्रिया दे जो पत्नियों के दिलोदिमाग में बैठी हो. मुमकिन है पति पत्नी की इस पहल का स्वागत करे और यह बात मन में ही दबा जाए कि मैं तो कब से इसे खाने की सोच रहा था कि देखें इस से कुछ होता है या नहीं.

उलट इस के न्यू कपल्स इस झंझट में नहीं पड़ते. 26 वर्षीय श्वेता अपने पति को हर शनिवार वियाग्रा देती क्योंकि यह वीकैंड उन का सैक्स डे होता है. श्वेता ने वियाग्रा से संबंधित सारा लिटरेचर पढ़ रखा है और पति अपूर्व को भी पढ़ा रखा है. अभी तक इन दोनों को कोई परेशानी नहीं आई है.

सावधानी भी है जरूरी

अगर सावधानियों के साथ पति को वियाग्रा ला कर दी जाए तो ध्यान बस इतना रखना पड़ता है कि उस की सेहत का नुकसान न हो. अगर पति को शुगर हो, दिल की बीमारी हो, ब्लड प्रैशर रहता हो तो वियाग्रा डाक्टर से लाह कर खानी चाहिए. इस की 1 गोली पुरुष के प्राइवेट पार्ट में रक्तसंचार बढ़ा देती है जिस से वह इरेक्टाइल डिसफंक्शन से बच जाता है. उस का आत्मविश्वास वापस आ जाता है और फिर यह जरूरी नहीं कि वह हर बार इसे ले. कुछ जिम्मेदारी पत्नियों की भी बनती है कि वे पति के जोश को ठंडा न पड़ने दें जैसे पति के कपड़ों, सेहत और दूसरी चीजों का ध्यान रखती हैं वैसे ही पति के सैक्स का भी ध्यान रखें.

ऐसा होना निहायत मुमकिन है कि पत्नी पति के लिए वियाग्रा खरीद कर लाए. इस प्रतिनिधि ने 4 महिलाओं से यह सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि हां वे पति को वियाग्रा ला सकती हैं लेकिन पति से चर्चा के बाद. अगर पति एतराज जताएगा तो यह आइडिया वहीं ड्रौप हो जाएगा. लेकिन चोरीछिपे भी वियाग्रा दी जा सकती है. यह कोई हरज की बात नहीं. पति समझाने को तैयार हो जाए तो बात बहारों के लौटने जैसी होगी और लगेगा भी कि हम जिंदगी के एक बड़े सुख को पूरे मन से ऐंजौय कर रहे हैं.

छाई रहेगी एक खुमारी

आखिर में एक या कई उन जैसी पत्नियों की बात जिन्हें मालूम है कि सहवास से पहले पति वियाग्रा लेता है और कई बार तो उन्हें इस की खूबियां गिनाते लेता है, लेकिन वह सावधानियों का भी पालन करता है. ऐसे पतियों पर पत्नियां बलिहारी जाती हैं क्योंकि कोई रिस्क इस में नहीं हैं. मगर इश्क सौ फीसदी है. तो देर और झिझक किस बात की जाइए अनिल जैसे किसी कैमिस्ट के पास और ले आइए 2 गोलियां वियाग्रा की, फिर पति से अन्तरंग क्षणों में इसे खाने को कहिए और आनंद लीजिए. दूध वाली रात को याद करते गिलास के साथ प्लेट में एक गोली वियाग्रा की रखिए और आधा घंटे बाद बत्तियां बुझा दीजिए. अगली सुबह आप का जिस्म मीठे दर्द के साथ मुसकरा रहा होगा, होंठ पहले की तरह थरथरा रहे होंगे, आंखें मुंद रही होंगी. शरीर में एक अजीब सी खुमारी होगी.

अपने परफेक्ट मैच को पहचानें ऐसे

हम अक्सर अपने आसपास अपने जैसे लोगों को ढूंढने की कोशिश करते रहते हैं, जो हमारे जैसा महसूस करता हो या व्यवहार करता हो. ये तलाश रिलेशनशिप के लिए बहुत अहम बन जाती है. एक परफेक्ट मैच हमें जिंदगी में बेहतर काम करने और खुश रहने का मौका देता है.

लेकिन अक्सर हम किसी इंसान के हमारे परफेक्ट मैच बनने को लेकर दुविधा में रहते हैं. कुछ बातों का ध्यान रखते हुए आप अपने लिए एक परफेक्ट मैच का पता लगा सकते हैं.

–  अगर आप सामने वाले व्यक्ति और खुद में बहुत सी समानताएं देखते हैं तो ऐसा व्यक्ति आपका परफेक्ट मैच बन सकता है. आपके बीच मिलने वाली समानताएं आपके रिश्ते को मजबूती से आगे बढ़ने में काफी मदद करेंगी.

–  इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि रिश्ते के भविष्य को लेकर आपका साथी गोलमोल बातें या इस विषय को टालने की कोशिश तो नहीं करता. अगर यह बात आप सामने वाले व्यक्ति में पाते हैं तो यह सतर्क होने का समय है.

–  किसी इंसान के परफेक्ट मैच बनने में आपके परिवार और दोस्तों की पसंद भी बहुत मायने रखती है. यदि आपके साथी को आपके परिवार वाले और दोस्त भी आपके साथ पसंद करते हैं, तो मान लीजिए यह आपका परफेक्ट मैच बनने की पूरी काबिलियत रखता है.

–  जब भी आप किसी को परफेक्ट मैच समझने की कोशिश करते हैं तो इस बात का ध्यान जरुर रखें कि उस इंसान के लाइफ गोल्स क्या हैं. आप उन लक्ष्यों को पूरा करने में उसका साथ दे सकते हैं या नहीं. यदि उसके लाइफ गोल्स आपकी पसंद के उलट हैं, तो वह इंसान आपका परफेक्ट मैच नहीं बन सकता. कभी ना कभी लाइफ गोल्स को लेकर आपके बीच मतभेद आ सकते हैं.

– अगर आपका साथी बार-बार आपसे अपने चले जाने के बाद की स्थिति को सोचने पर मजबूर करता   है, तो भी वह आपका परफेक्ट मैच नहीं हो सकता. ऐसे वह आपको अकेले जिंदगी बिताने के लिए तैयार रहने को कहता है. अक्सर यह बात उसका आपकी जिंदगी से बहुत जल्द चले जाने की ओर इशारा करती है.

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