जब दोस्त इंप्रैशन जमाएं

प्रियंका और वाणी अपनी सहेली मुग्धा से काफी दिनों बाद मिली थीं. थोड़ी देर की औपचारिक बातचीत के बाद मुग्धा हमेशा की तरह अपनी चीजों की तारीफ करने लगी.

वह अपने बाल दिखाती हुई बोली, ‘‘यह देखो प्रियंका, मेरा नया हेयरस्टाइल. पिछले संडे ही पार्लर गई थी. साउथ दिल्ली का जो बैस्ट पार्लर है न, वहीं जाती हूं. वहां की स्टाफ तो मेरे बालों की तारीफ करती नहीं थकती. कहती है, ‘हीरोइनों से भी ज्यादा चमकदार और आकर्षक तेरे बाल हैं.’ मैं ने पूछा कि मु?ा पर कौन सा स्टाइल अच्छा लगेगा तो कहने लगी कि तुम्हारे ऊपर तो हर स्टाइल जमेगा. इन बालों को कैसे भी रख लो बेहतरीन ही लगेंगे. बाद में काफी सोचसम?ा कर मैं ने यह स्टाइल करवाया, बिलकुल लेटैस्ट और गौर्जियस.’’

सो, प्रियंका ने उस की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘वाकई तुम्हारे बाल बेहद खूबसूरत लग रहे हैं.’’

मुग्धा तब बोली, ‘‘और यह ड्रैस देखी तुम ने? बिलकुल लेटैस्ट स्टाइल की है. जानती हो, कनाडा से मेरे अंकल ले कर आए हैं. वे कह रहे थे कि हमारी बच्ची तो एकदम राजकुमारी लग रही है. जानती है ये अंकल जो हैं न मेरे, हमेशा यही कहते हैं कि तू मिस इंडिया कौन्टैस्ट में जाएगी तो जरूर जीत कर आएगी. एक्चुअली, मैं सुंदर हूं और इंटैलिजैंट भी. मगर क्या करूं समय ही नहीं मिलता किसी कंपीटिशन में पार्टिसिपेट करने का. पढ़ाई में भी तो अव्वल रहना है न.’’

प्रियंका ने उस की हां में हां मिलाते हुए कहा, ‘‘सच यार, तू जितनी खूबसूरत है उतनी ही स्मार्ट भी. तेरे जैसी लड़कियां कहां मिलती हैं. मु?ो प्राउड फील होता है यह सोच कर कि तू मेरी दोस्त है. आई एम ग्रेटफुल टू बी योर फ्रैंड. थैंक यू डियर, ओके बाय.’’ यह  कह कर प्रियंका वाणी के साथ आगे बढ़ गई.

वाणी आंखें तरेरती हुई बोली, ‘‘क्या यार प्रियंका, क्या जरूरत थी उस की तारीफ करने की? वह हर समय अपना इंप्रैशन जमाने की कोशिश में ही लगी रहती है. तू उस की इस आदत को और हवा देती है.’’

‘‘यार, मैं खुद उस की आदत से परेशान हूं. मगर मैं जानती हूं कि जब तक हम उसे एकनौलेज नहीं करेंगे वह इसी तरह अपना इंप्रैशन जमाने की कोशिश करती रहेगी. मैं तो यह जानती हूं कि जो लोग ज्यादा दिखावा करते हैं और अपने स्टेटस या पैसों का रोब ?ाड़ते हैं, असल में वे अपनी इनसिक्योरिटी छिपा रहे होते हैं. उन के अंदर कुछ खालीपन होता है जिसे छिपाने के लिए वे ऐसा करते हैं. हमें ऐसे लोगों से अलग तरह से पेश आना चाहिए. कभीकभी उन की तारीफ कर देनी चाहिए ताकि वे इस भावना से उबर सकें.’’

वाणी प्रियंका का चेहरा देखती रह गई. उसे अब बात सम?ा में आने लगी थी. प्रियंका के इस साइकोलौजिकल अप्रोच से वह भी इत्तफाक रखने लगी थी.

दरअसल कुछ लोगों की आदत होती है कि वे दूसरों के सामने अपनी ?ाठी तारीफ के पुल बांधने लगते हैं. सच हो या नहीं, उन्हें बस अपना इंप्रैशन जमाना होता है. कोई रुपयों का रोब ?ाड़ता है तो कोई अपनी जौब का. कोई अपने हुनर का तो कोई तेज दिमाग का. कुछ लोग नैगेटिव इंप्रैशन जमाते हैं तो कुछ पौजिटिव. कुछ ऐसे भी होते हैं जिन की बातों से अहंकार ?ालकता है. इस तरह के लोगों के साथ समय बिताना या बातें करना काफी अजीब लगता है. जब हमें पता होता है कि उन की बातों में जरा सी भी सचाई नहीं और वे केवल इंप्रैशन जमाने के लिए अपनी तारीफ किए जा रहे हैं तो बहुत कोफ्त होती है.

हमारी जिंदगी में ऐसे रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों की कमी नहीं होती. दोस्तों की यह आदत हमें खासतौर पर नागवार गुजरती है क्योंकि हम औलरेडी उन्हें बहुत करीब से जानते हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब कोई दोस्त हमें प्यारा हो मगर उस की इंप्रैशन जमाने वाली बातों से इरिटेशन होने लगे तो क्या करें?

सब से पहला उपाय यह है कि ध्यान दें कि क्या आप का दोस्त पौजिटिव इंप्रैशन जमा रहा है या नैगेटिव बातें कह रहा है या फिर उस की बातों में अहंकार दिख रहा है. यदि वह अपनी खूबियों और अपनी चीजों के बारे में बढ़ाचढ़ा कर कह रहा है तो उस पर ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं. उस की बातें एक कान से सुनें और दूसरे से निकाल दें.

इस के विपरीत यदि वह अपने नैगेटिव पहलू को आप के आगे उभारने की कोशिश कर रहा है ताकि आप उस से डर कर रहें तो ऐसे दोस्तों से दूरी बढ़ा लें. तीसरा यदि वह अहंकारपूर्ण शब्दों का प्रयोग कर रहा है और उस की बातों से उस का घमंड ?ालक रहा है तो भी आप को धैर्य रखने की जरूरत है.

समय के साथ ऐसे दोस्तों से दूरी बढ़ा लें जिन की बातों में सचाई कम, अहंकार ज्यादा हो. आप अपने लिए हम्बल, डाउन टु अर्थ और जैनुइन दोस्त चुनें जो आप के प्रति बिलकुल सच्चे हों. आप के दिमाग में यह बात क्लीयर होनी चाहिए कि आप को कैसा दोस्त चाहिए. अपनी पसंद के इंसान के साथ करीबी बढ़ाएं तो आप को एक तरह से संतुष्टि मिलेगी.

इनसिक्योरिटी का डर

वैसे लोग जो एरोगैंस या दिखावे में ज्यादा विश्वास करते हैं और अपने स्टेटस, पैसों या जौब का रोब ?ाड़ते हैं, दरअसल वे अपनी इनसिक्योरिटी छिपा रहे होते हैं. उन के अंदर कुछ ऐसा खालीपन होता है जिसे छिपाने के लिए वे रोब डालने की कोशिश करते हैं. हमें ऐसे लोगों पर दया करनी चाहिए. हमें यह सम?ाने का प्रयास करना चाहिए कि वे अपनी किसी कमी, डर, असुरक्षा या बुरी यादों से बचने के लिए ऐसा कर सकते हैं.

हमें नहीं पता होता कि वह बंदा बचपन से अब तक क्याक्या डील कर रहा है और किन परेशानियों से गुजरा है. वह शो औफ करने की कोशिश क्यों कर रहा है? ऐसा क्या है जो उसे ऐसे इंप्रैशन जमाना पड़ रहा है या दिखावा करना पड़ रहा है? इसलिए जो वह दिखा रहा है उस के लिए उसे ऐप्रिशिएट करें और एकनौलेज करें. फिर देखें, कैसे वह आप का सब से अच्छा और प्यारा दोस्त बन जाता है.

एकनौलेज करें

इस संदर्भ में मानवीय संबंध विशेषज्ञ आश्मीन मुंजाल कहती हैं, ‘‘आप जितना ही किसी बात से चिढ़ते हों, वह बात उतनी ही आप का पीछा करती है. मोर यू रेसिस्ट, मोर इट विल परसिस्ट. द मोमैंट यू एक्सैप्ट, इट विल डिसऐपियर्ड.’’ यही बात इस केस में भी लागू होती है. आप जितना ही चाहेंगे कि आप का दोस्त आप के आगे फालतू की बातें कर के अपना इंप्रैशन जमाने की कोशिश न करे तो यकीन मानिए ऐसा ही होगा. आप उस से पीछा नहीं छुड़ा पाएंगे.

ऐसे में आप उसे अवौयड कर सकते हैं तो कर दें. दरअसल अपनी जिंदगी में कुछ लोगों को तो आप अवौयड कर ही सकते हैं, जैसे पड़ोसी, कलीग्स या सहपाठी. मगर कुछ, रिश्तेदार या करीबी दोस्त को आप अवौयड नहीं कर सकते. इसलिए इन के साथ आप को अलग तरह से पेश आना होगा.

आप कुछ समय तक बिना परेशान हुए उस की बातें सुनें. सिर्फ सुनें ही नहीं, बल्कि जो वह दिखाना या बताना चाह रहा है उस के लिए उसे ऐप्रिशिएट भी करें. उस की बातों को एकनौलेज करें. उसे एहसास दिलाएं कि आप उस से प्रभावित हैं.

खुले दिल से उस की तारीफ करें

अगर आप का दोस्त अपनी सैलरी और एक्स्ट्रा प्रिविलेजेज के बारे में बढ़ाचढ़ा कर बता रहा है तो आप उस की तारीफ करते हुए कहें, ‘‘वाओ, कितना बढि़या है. तुम कितने हार्ड वर्किंग हो. तुम ने बहुत मेहनत कर इतनी तरक्की हासिल की है. सच, कमाल ही कर दिया. हम बहुत थैंकफुल हैं कि तुम्हारे जैसा दोस्त मु?ो मिला.’’

उस से यह सब कहने के बाद उस का रिऐक्शन देखिए. वह आप के प्रति औब्लाइज और थैंकफुल नजर आएगा. उस के चेहरे की सारी हेकड़ी गायब हो जाएगी और वह आप को गले लगाने की कोशिश करेगा. अगर आप ऐसा दोचार बार करेंगे तो यकीन मानिए, वह आप का बहुत रियल और करीबी दोस्त बन जाएगा.

दिल से तारीफ करें

हर इंसान को तारीफ और रिकग्निशन चाहिए. आप के दोस्त को जो प्रशंसा चाहिए, वह उसे दे दीजिए. रैसिस्ट करने के बजाय उसे एक्सैप्ट करें. दिल से एैप्रिशिएट करें. इस से वह शांत हो जाएगा. आप के आगे उस की शोऔफ करने की आदत भी कम हो जाएगी. वह आप के साथ रियल हो जाएगा. उस का एरोगैंस गायब हो जाएगा. आप का उस से एक अलग सा रिश्ता बन जाएगा. वह दूसरों के साथ जैसा था वैसा ही रहेगा, मगर आप के लिए बदल जाएगा.

याद रखें, हर इंसान में कुछ न कुछ अच्छी बात या विशेषता जरूर होती है. आप के दोस्त में सच में जो अच्छाई है उस पर ध्यान दें. अच्छाइयां ढूंढ़नी पड़ती हैं जबकि बुराई तो तुरंत नजर आ जाती है. एकनौलेज करना एक क्रिएटेड एक्ट होता है. आप वैसी चीज को फोकस में ला सकते हैं जिस पर कभी ध्यान जाता ही नहीं है. यानी आप क्रिएट कर सकते हैं. इस के लिए आप को बहुत सी चीजें मिल जाएंगी.

किसी की आंखें सुंदर हैं, किसी की बिंदी, किसी की ड्रैस और किसी का स्टाइल अच्छा लग सकता है. दुनिया में हर इंसान इस बात के लिए तड़प रहा है कि कोई उस की तारीफ करे. इसी तरह आप का दोस्त भी अटैंशन चाहता है तो वह उसे दे दो. ऐक्चुअली, बैस्ट गिफ्ट जो आप किसी को दे सकते हैं वह है रियल और जैनुइन एैप्रिसिएशन. उसे यह एहसास दिलाना कि उस ने यह काम अच्छा किया. इस से उस की कुछ पाने, बनने या प्रूव करने की तड़प को शांति मिलेगी. सच्चे दिल से यदि आप ऐसा कुछ दिनों तक करेंगे तो उस का एरोगैंस गायब हो जाएगा और एक अलग सा मैजिक होगा.

जानें क्यों होते हैं इमोशनल अफेयर्स

कहते हैं इंसान के विचार समुद्र की लहरों की तरह हरदम मचलने को तैयार रहते हैं, वहीं उस की भावनाओं की कोई थाह नहीं होती और यही भावनाएं हमें अपनों से जोड़े रखती हैं. भावनात्मक रिश्ता सीधा दिल से जा कर जुड़ता है. जरूरी नहीं कि भावनात्मक रिश्ता सिर्फ अपनों से ही जोड़ा जाए बल्कि यह कभी भी किसी के भी साथ जुड़ सकता है.

कई भावनात्मक रिश्ते ऐसे होते हैं, जिन का कोई नाम नहीं होता. इन में एकदूसरे के प्रति प्रेम, अपनेपन का भाव होता तो है लेकिन जरूरी नहीं कि इन के बीच शारीरिक आकर्षण भी हो. इसे हम दिल का रिश्ता कहते हैं. इस में उम्र का कोई बंधन नहीं होता है.

पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के 24 वर्षीय बेटे बिलावल भुट्टो और पाकिस्तान की 35 वर्षीय विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के बीच कुछ ऐसा ही रिश्ता देखने को मिला, जिस में उम्र का कोई बंधन नहीं दिखा.

क्यों होता है इमोशनल अफेयर

आज के तनाव भरे माहौल में लोग सुकून के पल तलाशते हैं. खासकर विवाहित पुरुष चाहते हैं कि घर पहुंच कर पत्नी उन की बातों को सुने व समझे, लेकिन घर के कामों व औफिस के बीच उलझी पत्नी, जब ऐसा नहीं कर पाती तो पति वह सुख बाहर तलाशने लगता है. अधिकतर देखा गया है कि कुछ विवाहित लोग अपने साथी को भावनात्मक लगाव प्रदान नहीं कर पाते या अपनी व्यस्तता के कारण अपने साथी को जरूरी समय नहीं दे पाते. ऐसे में उन के साथी का ध्यान अपने दोस्तों या सहकर्मियों की तरफ जाता है और वह अपना अधिक समय उन के साथ बिताने लगता है.

अगर इन दोस्तों या सहकर्मियों के बीच उसे ऐसा व्यक्ति मिल जाए, जो उस के रोते मन को भरने में सफल रहे तो उस व्यक्ति से रिश्ता बनने में ज्यादा समय नहीं लगता, क्योंकि आजकल अधिकतर लोग अकेलेपनके दौर से गुजर रहे हैं.

इस बारे में बालाजी ऐक्शन मैडिकल इंस्टिट्यूट की मनोवैज्ञानिक शिल्पी का कहना है, ‘‘आजकल समय की कमी के कारण अपने साथी से इमोशनल सपोर्ट न मिल पाना एक आम बात है. उसे जहां इमोशनल सपोर्ट मिलता है, वह उस तरफ आकर्षित होता चला जाता है. आजकल शारीरिक जरूरतें और सुंदरता प्राथमिकता नहीं हैं, क्योंकि हर रोज इंसान की जरूरतें बदल रही हैं. आज सब को अपने स्तर का साथी चाहिए, जिस के साथ वह अपने विचारों का आदानप्रदान कर सके.

‘‘यह मानव स्वभाव है कि खाना, पीना, सैक्स, सेफ्टी मिले तो हम सेफ महसूस करते हैं. समझसमझ की बात है आजकल लोगों का नजरिया बदल रहा है. युवावस्था में बच्चों को ऐक्सपोजर मिल रहा है और फिर कहते हैं न ‘दिल तो बच्चा है जी’ वह कभी भी किसी पर भी आ सकता है.’’

शिल्पी कहती हैं, ‘‘अगर आप के स्तर का साथी आप को नहीं मिला है, तो इस का मतलब यह नहीं कि आप उसे छोड़ दें या दूसरी तरफ मुड़ जाएं. आप को जरूरत है समझदारी दिखाने की. आप समझदारी दिखा कर रिश्ते को संभाल भी सकते हैं. जहां तक हो सके रिश्ते को संभालने की कोशिश करें.

‘‘किसी से इमोशनल रिश्ता जोड़ने से पहले सोचिए, समझिए. क्या वास्तव में इमोशनल रिश्ता है या सिर्फ टाइम स्पैंड करने के लिए एक साथी की जरूरत है. यह भी सोचिए कि यह इमोशनल रिश्ता कितने समय तक चलेगा. अगर आप किसी के साथ खुश रहते हैं, तो आप में हैप्पी हारमोंस आते हैं जो आप के जीवन में त्वरित बदलाव लाते हैं.‘‘

भावनात्मक लगाव निंदनीय नहीं है

कुछ लोग इमोशनल अफेयर्स में कोई बुराई नहीं मानते, क्योंकि उन्हें ऐसा महसूस होता है कि यह सिर्फ एक भावनात्मक जुड़ाव है. इसलिए इस का वैवाहिक जीवन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. भावनाएं हमारे व्यक्तित्व का अभिन्न अंग हैं. दिमाग के 2 मुख्य हिस्से होते हैं. एक तार्किक होता है, जो चीजों को तर्क के हिसाब से देखता है और दूसरा भावनात्मक, जिस का तर्क से दूरदूर तक कोई रिश्ता नहीं है. जब भी किसी से कोई नया रिश्ता जुड़ता है, तो वह भावनात्मक रूप से ही जुड़ता है.

किसी भी व्यक्ति के साथ भावनात्मक लगाव पहले से ही निर्धारित नहीं होता, न ही इस का कोई अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोई कब, कहां, किस के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ जाए और यह  लगाव इतना गहरा हो जाए कि व्यक्ति स्वयं को सुरक्षित महसूस करने लगे.

भावनात्मक लगाव ही व्यक्ति का मनोबल बढ़ाता है. उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं, जिस से व्यक्ति के जीवन में उत्साह बना रहता है और यही उत्साह सुकून दिलाता है. ऐसे रिश्ते को गलत नजरिए से न देखते हुए एक भावनात्मक रिश्ते की शुरुआत कह सकते हैं, जिस में एक ऐसा दोस्त जिस के साथ वह अपने सुखदुख बांट सके, जो उस की परेशानियों में उस का भरपूर साथ दे. कदमकदम पर अच्छेबुरे का ज्ञान कराए.

अपने जीवन में उपेक्षा झेल रहे व्यक्ति का बाहर किसी दोस्त के साथ एक स्वस्थ संबंध बनाना गलत नहीं है. अगर उस नए संबंध के कारण वह खुशी के चार पल बिता ले, तो इस में कुछ बुराई नहीं है.

भावनात्मक जुड़ाव में असुरक्षा

किसी भी व्यक्ति का अकेला होना भावनात्मक असुरक्षा का सब से बड़ा लक्षण होता है. जब कोई अपनों के बीच रहते हुए भी अकेलापन महसूस करे, तो उस में असुरक्षा की भावना पनपने लगती है. इस के कई कारण हैं

– कई बार व्यक्ति बिना वजह ही छोटीछोटी बातों पर गुस्सा हो जाता है या चिड़चिड़ा हो जाता है, जिस से भावनात्मक रिश्ते प्रभावित होते हैं.

– भावनात्मक असुरक्षा में व्यक्ति केयरलैस हो जाता है और अपने साथी की कोई परवा नहीं करता.

– उपेक्षा झेल रहा साथी तनाव के दौर से गुजरता है. उस का किसी काम में मन नहीं लगता.

– कई बार ऐसा होता है कि उन के संबंधों में दरार आ जाती है, जब एक साथी सही तरीके से प्रतिक्रिया नहीं करता तो दूसरा साथी भावनात्मक रूप से परेशान हो जाता है.

– कुछ लोग जब भावनात्मक रूप से किसी अन्य व्यक्ति से जुड़ जाते हैं, तब उन्हें कुछ खोने या अपने साथी से दूर होने का डर सताता है.

गहरे होते हैं भावनात्मक धोखे

भावनात्मक धोखे सैक्सुअल धोखे से कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि इस में व्यक्ति पूरी तरह से दिल से जुड़ा होता है. जब यह टूटता है, तो व्यक्ति अवसाद की स्थिति में पहुंच जाता है.

भावनात्मक शोषण से बचने के लिए जरूरी है मानसिक, भावनात्मक और व्यावहारिक तैयारी से स्वयं को मजबूत बनाया जाए.

जब बीवी कमाए, पति उड़ाए

आमतौर पर पुरुषों का कार्यक्षेत्र घर की चारदीवारी के बाहर होता है और घरगृहस्थी की जिम्मेदारी महिलाएं ही संभालती हैं. लेकिन अब इस का उलटा भी हो रहा है. पत्नी नौकरी करती है और पति बेरोजगार हो कर घर के काम करता है. कुछ आलसी किस्म के पति आर्थिक दृष्टि से पत्नी की कमाई पर निर्भर रहते हैं ‘खुदा दे खाने को तो कौन जाए कमाने को’ के सिद्धांत पर चलने वाले पति ताउम्र निठल्ले पड़े रहते हैं. वे घरेलू कामकाज और बच्चों की देखभाल तो कर सकते हैं, पर कोई कामधंधा नहीं.

ऐसे पतियों को और उन की पत्नियों को सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि घर पर रहने वाले पतियों को होती है दिल की बीमारियां, जो उन्हें असमय ही मौत के मुंह में धकेल देती हैं.

घर पर रह कर बच्चों की देखभाल करने वाले पतियों को दिल की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है. यह बात अमेरिका में किए गए एक अध्ययन के बाद सामने आई है. घर में रह कर बच्चों की जिम्मेदारी संभालने वाले पतियों को दिल की बीमारी होने और उन की जल्दी मौत होने की संभावना बढ़ जाती है.

यह बात कार्य से संबंधित तनाव और कोरोनरी बीमारी के बारे में किए गए एक अध्ययन के दौरान भी सामने आई थी. घर पर रहने वाले पतियों के स्वास्थ्य को इस तरह का खतरा इसलिए होता है क्योंकि उन्हें अपने परिजनों, मित्रों और साथियों का समर्थन या सहयोग नहीं मिलता है, जबकि घर के लिए काम छोड़ने वाली अकेली कमाऊ महिलाओं को हर तरह से वाहवाही मिलती है.

हमेशा तनाव में रहना

फिर पुरुषों पर यह भी सिद्ध करना होता है कि वे महिला से बेहर काम कर सकते हैं, इसलिए भी वे सदैव तनाव में रहते हैं. एक अध्ययन लगातार 10 वर्ष तक 18 वर्ष से ले कर 77 साल तक के 2,682 पतियों पर किया गया. इस अध्ययन से यह भी पता चला कि घर पर ही रहने वाले पति अपने अन्य हमउम्र लोगों की अपेक्षा 10 वर्ष पहले मर जाते हैं. अध्ययनकर्ताओं ने इन पतियों की उम्र, रक्तचाप कोलैस्ट्रौल, वजन, मधुमेह और धूम्रपान करने की आदत को जब आधार बनाया, तब भी इस अध्ययन के परिणाम सही निकले.

कम आय प्राप्त करने वाले या पढ़ाई बीच में ही छोड़ने को मजबूर होने वाले पुरुषों को भी दिल की बीमारी होने और समय से पूर्व का ग्रास बन जाने की संभावना अधिक होती है. अच्छी आय प्राप्त करने वाले पुरुषों जैसे डाक्टरों, वकीलों, इंजीनियरों, आर्किटैक्ट और शिक्षकों को दिल की बीमारी होने का खतरा तो होता है, पर अधिक नहीं.

आसान नहीं तलाक लेना

पत्नियों को यह याद रखना चाहिए कि वे निठल्ले पति से तलाक नहीं ले सकती क्योंकि भारतीय अदालतें हिंदू औरतों को पति सेवक आज भी मानती हैं और उन के लिए पति तो जन्मों का साथी होता है चाहे कोढ़ी हो, वेश्यागासी हो. निठल्ले पति का आवरण भी पत्नी के लिए अच्छा रहता है क्योंकि न से तो वह है और दूसरे हाथ मारते हुए डरते हैं. यही सामाजिक परंपराएं कई निठल्ले पतियों को उग्र बना देती हैं. वे मारपीट का सहारा भी लेने लगते हैं.

निठल्ले पतियों की मौत जल्दी भी इसलिए होती है कि न पत्नी, न बच्चे ऐसे जने की देखभाल ढंग से करते हैं. जरूरत पड़ने पर उन्हें इग्नोर किया जाता है. हां एक बार मद्रास उच्च न्यायालय ने हिम्मत दिखा कर बेरोजगार पति को कमाऊ पत्नी से गुजाराभत्ता दिलाने से इनकार कर दिया था जो पत्नी से अलग रहता था. ऐसे पति छोटी बीमारी भी कई बार नहीं बता पाते.

मेरा मंगेतर चाहता है मैं अपना वर्जिनिटी टैस्ट करवा लूं.क्या मैं यह रिश्ता तोड़ दूं या टैस्ट करवा लूं? आप ही मुझे सलाह दें ?

सवाल

मेरी अरेंज मैरिज होने वाली है. लड़का मुझे बहुत पसंद है. जैसी फैमिली मैं चाहती थी वैसी ही है. मेरा मंगेतर भी मुझे बहुत पसंद करता है. वह कानपुर का है. मैं दिल्ली की हूं. पता नहीं उस के किसी फ्रैंड ने उस के दिल में यह बात डाल दी है कि दिल्ली की लड़कियां सैक्स को ले कर बहुत एडवांस होती हैं. उन्होंने अपने बौयफ्रैंड से पहले ही सैक्स रिलेशन बनाए होते हैं.

मेरा मंगेतर चाहता है मैं अपना वर्जिनिटी टैस्ट करवा लूं. हालांकि, मैं यह कह रही हूं कि मेरा किसी के साथ कोई अफेयर नहीं रहा पर वह कह रहा है कि जब कोई सैक्स रिलेशन नहीं रहा तो टैस्ट करवाने से क्यों डर रही हो. मैं अपने मंगेतर को खोना नहीं चाहतीप्यार करने लगी हूं उस से लेकिनयह टैस्ट करवाना मुझे गंवारा नहीं. क्या मैं यह रिश्ता तोड़ दूं या टैस्ट करवा लूंआप ही मुझे इस दुविधा से निकालिए.

जवाब

आप के मंगेतर की यह बिलकुल नाजायज मांग है. रिश्ते में भरोसा भी कुछ चीज होती है. जब वह आप पर अभी से यकीन नहीं कर रहा तो आगे क्या करेगा. वह तो हर छोटीछोटी बात पर शक करने लगेगा. दूसरी बातक्या उस का खुद का दिमाग नहीं है जो फ्रैंड की बातों में आ गया है. वह आप से मिला है. आप दोनों ने बातें की होंगीएकदूसरे के बारे में जाना होगाक्या उन सब का कोई माने नहीं. वह आप को पहचान नहीं पाया कि आप कितनी सच्ची या कितनी झूठी हैं.

वैसे भी वह विवाह से पहले आप की वर्जिनिटी टैस्ट नहीं करवा सकता. यह कानूनन अपराध है. सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसारसिर्फ शादीशुदा दंपती को हीपति या पत्नीदोनों में से किसी पक्ष को मैडिकल जांच करवाने का अधिकार है. रिश्तों में दरार पड़ने परपति या पत्नी को एकदूसरे पर किसी भी तरह का शक होने परतलाक का केस करने परपति या पत्नी के मैडिकल टैस्ट के लिए कहने परअदालत के आदेश पर पति और पत्नी की मैडिकल जांच करवाई जा सकती है.

इसलिए आप का मंगेतर आप से जबरदस्ती यह टैस्ट नहीं करवा सकता और न ही आप को करवाना चाहिए. आप का आत्मसम्मान भी कोई चीज है. औरत ही क्यों इन परीक्षाओं से गुजरे. आप खुद सम?ादार हैं कि आप को ऐसे व्यक्ति से शादी करनी चाहिए या नहींजिसे आप पर भरोसा तक नहीं. फैसला सोचविचार कर लें और अपनी फैमिली को भी सारी स्थिति से अवगत करा दें और पूछें उन का क्या जवाब है. जो भी होलेकिन आखिरी फैसला आप का होना चाहिए. 

मैं और मेरी गर्लफ्रैंड शादी करने जा रहे हैं,मैं अपनी मैरिड लाइफ सक्सैसफुल बनाना चाहता हूं, इसके लिए हमे क्या करना चाहिए?.

सवाल

मेरी उम्र 28 साल की है और फाइनली मैं और मेरी गर्लफ्रैंड शादी करने जा रहे हैं. हम दोनों ही बहुत खुश हैं. फ्यूचर प्लानिंग करते हैं. नएनए सपने देख रहे हैं. सबकुछ बहुत सुंदर लग रहा है. बसएक बात फिर भी दिल के कोने में बैठी हैवह यह है कि अकसर लोग कहते हैं कि शादी के बाद बहुतकुछ बदल जाता है. जो हमें बहुत खूबसूरत लग रही है हकीकत की दुनिया में आ कर सब धूमिल हो जाएगी. इसलिए थोड़ा सा डर भी लग रहा है. मैं अपनी मैरिड लाइफ सक्सैसफुल बनाना चाहता हूं. आप कुछ सलाह दीजिए ताकि मेरे अंदर का डर खत्म हो सके.

जवाब 

शादी के बाद हर कपल की लाइफ में ढेरों बदलाव आते हैं. जिन का सामना हर कपल को करना पड़ता है. इन बदलावों को स्वीकार कर के ही मैरिड लाइफ सक्सैसफुल बनती है. ये बदलाव कुछ ऐसे हैं जैसे भले ही दोस्त और औफिस आप की प्राथमिकता हुआ करते थे पर शादी के बाद पार्टनर सही माने में प्राथमिकता बन जाता है. कई बार दूर रह कर जो व्यक्ति आप को बहुत आकर्षित करता है कभीकभी शादी के बाद ऐसा कुछ नहीं रहता. आप ने जितनी खूबसूरत जिंदगी की कल्पना की होती हैवैसा कुछ नहीं होता. ऐसे में कुछ दिनों में ही सम?ा आ जाता है कि अब आप को अपने पार्टनर की कमियों को भी ऐक्सैप्ट करना पड़ेगा. अचानक से लाइफ बदल जाती है. कई जिम्मेदारियां सिर पड़ जाती हैं. जिस से पहले के रूटीन और अपनी आदतों में बदलाव करने पड़ जाते हैं. लेकिन ये जिम्मेदारियां आप को जिम्मेदार बना देती हैं. शादी के बाद कपल एकदूसरे के प्रति अधिक सहज हो जाते हैं. पहले जिन चीजों को ले कर शर्मिंदगी महसूस होती थी वे रोज की बातें हो जाती हैं. कई चीजों का जो क्रेज बना होता हैवह कम हो जाता है.इस सब का यह मतलब नहीं कि आप शादी के नाम से अब घबराने लगें. बदलाव ही तो जिंदगी का नाम हैउन्हें कैसेकिस तरह से बखूबी टैकल करना हैयह आप की सम?ादारी है. होप फौर द बैस्ट.

एक्स बौयफ्रैंड बन न जाए मुसीबत

नेहा की शादी बड़ी धूमधाम से हुई थी. पति के नए घरपरिवार में नेहा को स्पैशल ट्रीटमैंट मिल रहा था. अक्षय अपने मातापिता का इकलौता बेटा था, ऐसे में उस की पत्नी नेहा की आवभगत भला क्यों न होती. 3 महीने हो गए थे, सास ने उसे रसोई में घुसने नहीं दिया था. नेहा 15 दिन के हनीमून के बाद लौटी तो जरूरत की हर चीज उस के कमरे में ही पहुंच जाती थी. घर के तीनों नौकर हर वक्त उस की खिदमत में हाजिर रहते थे.

किट्टी पार्टी, रिश्तेदारों और महल्ले में उस की सास उस की खूबसूरती और व्यवहार के कसीदे सुनाते घूमती थी. शाम को नेहा अकसर सजधज कर हसबैंड के साथ घूमने निकल जाती. दोनों फिल्म देखते, रैस्तरां में खाना खाते, शौपिंग करते. जिंदगी मस्त बीत रही थी. मगर अचानक एक दिन नेहा के सुखी वैवाहिक जीवन का महल भरभरा कर गिर पड़ा.

उस दिन उस की सास पड़ोसी के यहां बैठी थी. जब पड़ोसी के बेटे ने अपने कंप्यूटर पर नेहा के अश्लील चित्र उस की सास को दिखाए. ये चित्र उस ने नेहा के फेसबुक अकाउंट से डाउनलोड किए थे, जहां वह अपनी अर्र्द्धनग्न तसवीरें पोस्ट कर के सैक्स के लिए युवकों को आमंत्रित करती थी. शर्म, अपमान और दुख से भरी नेहा की सास ने बेटे को फोन कर के तुरंत घर बुलाया. पड़ोसी के कंप्यूटर पर बैठ कर नेहा का फेसबुक अकाउंट चैक किया गया तो अक्षय के भी पैरोंतले धरती डोल गई.

तसवीरें देख कर इस बात से इनकार ही नहीं किया जा सकता था कि यह नेहा नहीं थी और इस अकाउंट से यह साफ था कि वह एक प्रौस्टिट्यूट थी. उस ने वहां पर बाकायदा घंटे के हिसाब से अपने रेट डाल रखे थे. अपनी अश्लील कहानियां तसवीरों के साथ डाल रखी थीं. बड़ा हंगामा खड़ा हो गया. नेहा के परिवार वालों को बुलाया गया. खूब कहासुनी हुई. नेहा मानने को ही तैयार नहीं थी कि वह फेसबुक अकाउंट उस का था, मगर जो तसवीरें सामने थीं वे उसी की थीं. नेहा के मातापिता भी हैरान थे.

नेहा का कहना था कि वह फेसबुक पर कभी थी ही नहीं. उस ने लाख मिन्नतें कीं, लाख सफाई दी, लाख कहा कि यह फर्जी अकाउंट है, मगर सब बेकार. उस को उसी दिन उस के मातापिता के साथ मायके वापस जाना पड़ा. उस की ससुराल वाले ऐसी बहू को एक पल के लिए भी अपने घर में नहीं रखना चाहते थे जिस के चरित्र के बारे में महल्ले वालों को भी पता चल चुका था. अक्षय के परिवार के लिए यह घटना शर्म से डूब मरने जैसी थी. जैसे उन के मुंह पर भरे बाजार किसी ने कालिख पोत दी थी. इस परिवार का महल्ले में बड़ा आदरसम्मान था.

उधर नेहा का रोरो कर बुरा हाल था. मायके लौटते वक्त उसे बारबार अपने ऐक्स बौयफ्रैंड नितिन का खयाल आ रहा था. हो न हो, यह काम उसी का हो सकता है. उसी ने बदला लेने के लिए उस की ऐसी तसवीरें सोशल मीडिया पर अपलोड की हैं. मगर ये तसवीरें उस ने कब और कैसे खींचीं, यह बात नेहा को परेशान कर रही थी.

नितिन के साथ वह 3 साल प्रेम में रही. कालेज खत्म होने के बाद उस ने पाया कि नितिन शादी या अपने फ्यूचर को ले कर बिलकुल चिंतित नहीं है. न तो वह जौब ढूंढ़ रहा था, न किसी कंपीटिशन की तैयारी कर रहा था. वह, बस, सैरसपाटा, मौजमस्ती में ही जी रहा था. ज्यादातर समय उस की जेब खाली होती थी. यहां तक कि जब वे घूमने जाते या फिल्म देखने जाते तो सारा खर्चा नेहा ही करती थी क्योंकि उस को कालेज खत्म करते ही जौब मिल गई थी.

एक साल तक तो नेहा ने नितिन के इस लापरवाह व्यवहार को बरदाश्त किया मगर फिर उस ने फ्यूचर प्लानिंग को ले कर उस से सवाल पूछने शुरू कर दिए. आखिर उस की भी जिंदगी का सवाल था. उस के सवालों से नितिन खी?ा उठता. उस से लड़ने लगता. नेहा को एहसास हो गया कि नितिन पति लायक मैटीरियल नहीं है. वह घरगृहस्थी की जिम्मेदारी नहीं उठाना चाहता है. जबकि नेहा अब सैटल होना चाहती थी. नेहा के मातापिता को उस की शादी की जल्दी थी. एक से एक रिश्ते आ रहे थे. अच्छे पढ़ेलिखे और बढि़या जौब वाले हैंडसम पुरुषों के रिश्ते थे, जिन्हें नजरअंदाज करना बेवकूफी थी.

आखिरकार तंग आ कर नेहा ने नितिन के साथ अपने रिश्ते को खत्म करने का फैसला कर लिया. नितिन को उस का दूर होना काफी अखरा था.

ब्रेकअप की बात पर वह उस से काफी लड़ा?ागड़ा भी. मगर, कब नौकरी करोगे? कब शादी करोगे? कब अपने मांबाप से मिलवाओगे? नेहा के ऐसे सवालों का उस के पास कोई जवाब न था. नितिन से अलग होने के सालभर के अंदर ही नेहा की शादी अक्षय से हो गई. इस बीच वह न तो नितिन से मिली और न ही उस से फोन पर कोई बात हुई. इतना वक्त गुजरने के बाद नितिन इस तरह नेहा के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बना कर बदला लेगा, उसे बदनाम करने की कोशिश करेगा, ऐसा उस ने सपने में भी नहीं सोचा था.

नेहा के कहने पर उस के मातापिता ने पुलिस के साइबर सैल में नितिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया, मगर पुलिस की लेटलतीफी के चलते 6 महीने बीत चुके हैं, नितिन अभी तक उन के हत्थे नहीं चढ़ा है. इधर अक्षय के वकील की ओर से नेहा को तलाक का नोटिस मिल चुका है. ऐक्स बौयफ्रैंड की जलन और बदले की भावना ने नेहा की अच्छीभली खुशहाल जिंदगी खत्म कर दी है.

मेरठ की रागिनी भी अपने ऐक्स बौयफ्रैंड की हरकतों से परेशान है. पेशे से टीचर रागिनी को उस का ऐक्स बौयफ्रैंड मधुर आएदिन रास्ते में रोक कर डरानेधमकाने की कोशिश करता है. रागिनी 5 साल तक मधुर के साथ रिलेशनशिप में थी. मधुर की मोहक छवि ने रागिनी के दिलोदिमाग पर जैसे कब्जा कर लिया था. वह अपनी आधी से ज्यादा सैलरी उस पर लुटाने लगी थी. मगर शादी की बात पर मधुर भी चुप लगा जाता था.

रागिनी के मातापिता ने भी कई बार मधुर से शादी के बारे में पूछा, मगर उस ने कोई पक्का जवाब नहीं दिया. आखिरकार तंग आ कर रागिनी ने उस से संबंध तोड़ लिए. कोलकाता के एक बड़े बिजनैसमैन प्रकाश के साथ जब से रागिनी का रिश्ता तय हुआ है, वह खुश तो बहुत है मगर दिल में मधुर का भय भरा हुआ है. यह डर इतना हावी है कि वह न तो शादी की खरीदारी के लिए घर से बाहर निकल रही है, न किसी से अपने रिश्ते की बात शेयर कर रही है. उसे और उस के मातापिता को डर है कि जैसे ही मधुर को पता चलेगा कि उस की शादी तय हो गई है, वह जरूर कोई न कोई गलत हरकत करेगा. हो सकता है वह उस के होने वाले पति की जानकारी प्राप्त कर के वहां कोई ऐसी बात पहुंचा दे जिस से यह रिश्ता टूट जाए. हो सकता है वह रागिनी के साथ मारपीट करे या उसे शारीरिक नुकसान पहुंचाए. ये तमाम बुरे खयाल रागिनी की खुशियों पर ग्रहण की तरह चस्पां हो गए हैं.

इस डर से रागिनी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट भी डिलीट कर दिए हैं, अपना मोबाइल फोन का नंबर भी बदल दिया है, मगर डर है कि, जाता ही नहीं है. मधुर के कारण ही रागिनी के मातापिता बेटी की शादी कोलकाता जा कर कर रहे हैं. लड़के वालों को पहले तो यह बात अटपटी लगी थी, मगर इस में उन्हें ही सहूलियत नजर आई कि चलो, भारीभरकम बरात ले कर मेरठ नहीं जाना पड़ेगा. काफी खर्चा बच जाएगा, यह सोच कर वे राजी भी हो गए.

मेरठ में रागिनी के मातापिता ने बेटी की शादी की बात बहुत नजदीकी रिश्तेदारों को बताई है. कुछ गिनेचुने लोग ही शादी अटैंड करने के लिए कोलकाता जा रहे हैं. सबकुछ बेहद गुपचुप तरीके से प्लान हो रहा है. ऐक्स बौयफ्रैंड रागिनी के लिए ऐसा हौआ बन गया है कि वह अपनी खुशियां तक एंजौय नहीं कर पा रही है.

‘प्यार’ शब्द किसी के भी मन में उमंग जगा देता है. 2 लोग जब प्यार में होते हैं तो उन के लिए एकदूसरे की खुशी सब से ज्यादा जरूरी होती है. लेकिन हर लव स्टोरी सक्सैसफुल हो, ऐसा होता नहीं है. रिश्ते टूटते भी हैं और यहीं से पैदा होती है नफरत. जरूरी नहीं कि हर केस में ऐसा हो, लेकिन ज्यादातर में ऐसा होता है. ब्रेकअप होने पर कुछ लोग अपनी जिंदगी में मस्त हो जाते हैं या दूसरा साथी ढूंढ़ लेते हैं, वहीं कुछ लोग बदला लेने की ठान लेते हैं. सोचते हैं कि वह मेरी नहीं हुई तो किसी और की कैसे हो सकती है?

शाहरुख खान की फिल्म ‘डर’ आप को याद होगी. ‘क…क….क… किरण’ वाली. यह भी दिल टूटे आशिक की कहानी है, जो ऐसा ही सोचता कि तू मेरी न हुई तो तु?ो किसी और का होने न दूंगा. खैर, वह तो फिल्म थी जिस में जूही चावला एक पगलाए आशिक से बच जाती हैं, मगर नेहा और रागिनी की जिंदगी कोई फिल्म नहीं है, हकीकत है. वे अपने ऐक्स बौयफ्रैंड की गलत हरकतों, साजिश और बदले का शिकार बन गई हैं.

रिश्ता तोड़ते वक्त रखें सावधानी

एक मशहूर गीत के बोल हैं, ‘वो अफसाना जिसे अन्जाम तक लाना न हो मुमकिन, उसे एक खूबसूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा…’ किसी के साथ रिश्ते में होना बेहद खूबसूरत एहसास है, मगर यह सुंदर सपना जब टूटता है तो बड़ी चोट पहुंचती है.

प्रेम संबंध टूटने की कुछ वजहें होती हैं, जैसे दोनों में से किसी एक का शादी के लिए राजी न होना, घरवालों का दबाव होना, धर्मजाति का अलगअलग होना, लड़के का नौकरी न करना, कोई फ्यूचर प्लानिंग न होना वगैरहवगैरह. जब आप को लगे कि आप का रिश्ता किसी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता तो ठीकठीक वजहें सामने रख कर अलगअलग राह चुनने के लिए अपने पार्टनर से खुल कर बात करें. अगर वह आप से सचमुच प्यार करता है तो वह आप की बात को जरूर सम?ोगा.

ऐसे में आप आपसी सम?ाते के साथ एकदूसरे से खुशीखुशी अलग हो सकते हैं. यदि आप का बौयफ्रैंड आप से किसी मतलब से जुड़ा हुआ है तो वह आप को धमकी देने की या डराने की कोशिश करेगा. हो सकता है वह आप को ब्लैकमेल भी करे. ऐसे में तुरंत अपने मातापिता को उस के बारे में बताएं और उस की पुलिस कंपलैंट करें. ऐसे लोगों से डरने की कतई जरूरत नहीं है. डरने से उन के हौसले बुलंद होंगे और आप ठगी व ब्लैकमेलिंग का शिकार बन सकती हैं.

इस के अलावा, ब्रेकअप के वक्त और उस के बाद कुछ बातें आप को ध्यान में रखनी चाहिए ताकि भविष्य में जिस से भी आप की शादी हो, उस के साथ आप खुश रह सकें और कभी अपने ऐक्स बौयफ्रैंड की किसी साजिश का शिकार न बनें.

बौयफ्रैंड से धीरेधीरे दूरी बनाएं

अगर आप की शादी तय हो गई है तो जरूरी नहीं कि आप एक ?ाटके में अपने प्रेमी से रिश्ता तोड़ दें. जब रिश्ता बनने में वक्त लगता है तो उसे खत्म करने में भी लगेगा. इसलिए दूरी धीरेधीरे बनाएं. उसे उन बातों का एहसास दिलाएं कि वे क्या मजबूरियां हैं जिन के कारण आप उस से दूर हो रही हैं. आप उस को इस बात के लिए तैयार करें कि वह उन मजबूरियों को सम?ो और अपनी उन कमियों को माने जिन के कारण आप उस से दूर हो रही हैं.

खुल कर सारी बात करें. अपनी परेशानी और अपनी इच्छाएं बताएं. एक पल में सबकुछ खत्म करने की कोशिश न करें, क्योंकि हो सकता है कि सामने वाला अचानक हुए खालीपन को बरदाश्त न कर पाए. उसे समय दें और धीरेधीरे सारे कौन्टैक्ट खत्म करें. अगर आप के फोटोज या अन्य चीजें उस के पास हों तो उन्हें वापस लेने की कोशिश करें.

बौयफ्रैंड के दिए गिफ्ट नष्ट कर दें

जब हम किसी के साथ रिलेशनशिप में होते हैं तो हमारे बीच तमाम चीजों का आदानप्रदान होता है. हम बर्थडे, वैलेंटाइन डे या अन्य कई मौकों पर अपने प्रिय को गिफ्ट देतेलेते हैं. आप के बौयफ्रैंड ने भी आप को गिफ्ट, कार्ड या कपड़े इत्यादि दिए होंगे. उन्हें आप जितनी जल्दी खुद से दूर कर देंगी, उतनी जल्दी आप उस की यादों से मुक्त हो पाएंगी. बौयफ्रैंड के दिए गिफ्ट को संभाल कर रखना कोई सम?ादारी नहीं है और उन्हें अपने साथ अपने पति के घर ले जाना तो महाबेवकूफी कहलाएगी. इसलिए उन तमाम चीजों को या तो लौटा दें या नष्ट कर दें. कोशिश करें कि आप ने भी उसे जो गिफ्ट या कार्ड्स वगैरह दिए हैं, वे सब उस से वापस मिल जाएं. उन चीजों को भी नष्ट कर दें. नए जीवन में पुरानी चीजों की छाया नहीं पड़नी चाहिए.

ब्रेकअप के बाद खुद को समय दें

ब्रेकअप के बाद अकसर यह एहसास होता है कि यह कुछ वक्त की दूरी है, हम फिर एक हो जाएंगे. इस एहसास से निकलना आसान नहीं होता है. ज्यादातर लोग ब्रेकअप के बाद उत्पन्न हुए खालीपन को भरने के लिए तुरंत कोई दूसरा दोस्त ढूंढ़ लेते हैं या शादी के लिए तैयार हो जाते हैं, यह ठीक नहीं है. बौयफ्रैंड के साथ बिताए पलों को भूलने के लिए और सचाई को पूरी तरह स्वीकार करने के लिए खुद को समय दें, चिंतन करें और अपनेआप को सम?ाएं कि आप ने जो कदम उठाया है वह बिलकुल ठीक है. नया दोस्त या जीवनसाथी चुनने में हड़बड़ी न करें. ठंडे दिमाग से अच्छे भविष्य की आशा संजो कर, ठोंकबजा कर नए रिश्ते में जाएं ताकि दोबारा आप को जुदाई का दर्द न सहना पड़े. इस के लिए अगर ब्रेकअप के बाद आप को सालदोसाल का वक्त लेना पड़े तो गलत नहीं है. इस बीच आप अपनी पसंदीदा चीजें करें. ध्यान, व्यायाम, खानपान आदि पर ध्यान दें.

चाहें तो कहीं फुलटाइम या शौर्टटाइम नौकरी कर लें. इस से आप को पुरानी बातें भूल कर भविष्य की योजनाएं बनाने में आसानी होगी.

शादी में बौयफ्रैंड को भूल कर भी न बुलाएं

भले आप आपसी सम?ाते के तहत अपने बौयफ्रैंड से अलग हुई हों और हो सकता है आप शादी के बाद भी अपने लवर को दोस्त की हैसियत से अपने करीब रखना चाहें तो इस में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन कोशिश करें कि आप उसे अपनी शादी पर न बुलाएं क्योंकि उस वक्त एकदूसरे का सामना करना मुश्किल होगा और आप खुद उस की मौजूदगी में किसी और से शादी करने में असहज महसूस करेंगी.

वहीं, आप का ऐक्स बौयफ्रैंड उस व्यक्ति से जलन महसूस करेगा जिस के गले में आप वरमाला डाल रही हैं. यह जलन कब बदले की भावना में बदल जाए, कहा नहीं जा सकता. अपनी शादी की फोटोज भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर न डालें, न दोस्तों को व्हाट्सऐप वगैरह करें. इन फोटोज के सामने आने पर आप के ऐक्स के मन में जलन पैदा होगी, जो भविष्य में आप के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है.

हसबैंड को सबकुछ न बताएं

यह गलत होगा कि आप अपने जीवनसाथी से अपने पिछले रिश्ते की बात छिपाएं, लेकिन जरूरी यह भी नहीं कि अपने अतीत के बारे में ‘सबकुछ’ बताया जाए. आजकल स्कूलकालेज में बौयफ्रैंडगर्लफ्रैंड बनना आम बात है. इस को ले कर अकसर पति अपनी पत्नी से सवाल नहीं करते हैं. जवानी में अपोजिट सैक्स के प्रति आकर्षण होना एक स्वाभाविक क्रिया है. लोग यह मानने को तैयार ही नहीं होते कि स्कूलकालेज में आप का कोई प्रेमी या प्रेमिका नहीं रहा होगा. यह आम चलन है. इसलिए पति से यह बताना कि हां, आप का प्रेमी था, कोई गजब ढाने वाली बात नहीं होगी.

हां, अगर आप अपने प्रेमी के बेहद करीब थीं और उस से आप के शारीरिक संबंध थे, या आप उस से कभी प्रैग्नैंट हुईं या आप का अबौर्शन हुआ तो जरूरी नहीं कि आप अपने पति को ये सारी बातें बताएं, क्योंकि यह कन्फेशन आप के रिश्ते में कड़वाहट भर देगा. इसलिए भावुकता में बह कर अतीत को पति के सामने खोल कर रख देना कोई सम?ादारी नहीं होगी. कोई भी पुरुष भले खुद को बेहद आधुनिक या खुले विचारों का बताए मगर यह बात कतई बरदाश्त नहीं कर सकता कि उस की पत्नी पहले किसी के साथ सो चुकी है.

पैसों का हिसाबकिताब खत्म करें

ऐसे कई प्रेमी जोड़े होते हैं जो जौइंट अकाउंट, इंश्योरैंस पौलिसी, प्रौपर्टी इंवैस्टमैंट मिल कर करते हैं शायद यह सोच कर कि उन दोनों को रिश्ते को साथ आगे ले कर जाना है. लेकिन अगर ब्रेकअप हो रहा है तो यह सुनिश्चित कर लें कि आप पैसेप्रौपर्टी से जुड़े सारे हिसाबकिताब निबटा लें ताकि अन्य व्यक्ति से आप की शादी के बाद कोई परेशानी पैदा न हो.

शादी दूसरे शहर में करें

बौयफ्रैंड से ब्रेकअप के बाद जब आप नए रिश्ते में नया जीवन शुरू करें तो कोशिश करें कि किसी नए शहर में करें. अपने शहर में वही जगहें, वही पिक्चर हौल, वही बाजार, वही पार्क जहां आप अपने बौयफ्रैंड की बांहों में बांहें डाले घूमा करती थीं, जहां आप ने अपने जीवन के सब से सुखद पल बिताए थे. ऐसे में पुरानी यादें हर वक्त आप के दिल पर तारी रहेंगी और आप को अपने नए जीवनसाथी के रंग में कभी रंगने न देंगी. जब आप पति के साथ उन्हीं जगहों पर होंगी तो मन ही मन पति की तुलना अपने बौयफ्रैंड से भी करती रहेंगी. बौयफ्रैंड की हर हरकत आप को याद आएगी. दिल में टीस उठेगी और आप अपने पति के साथ अपना वैवाहिक जीवन कभी एंजौय नहीं कर पाएंगी. इसलिए कोशिश करें कि शादी के लिए किसी अन्य शहर में रहने वाले पुरुष को चुनें. यदि ऐसा संभव न हो और शादी अपने ही शहर के लड़के से हो जाए तो अन्य शहर में नौकरी करने के लिए उन्हें प्रेरित करें. पुरानी जगह छोड़ने पर पुरानी यादें भी पीछे छूट जाती हैं और आने वाला वक्त हर घाव भर देता है.

पति की तुलना बौयफ्रैंड से न करें

हर शख्स की अपनी पर्सनैलिटी, आदतें, चाहतें और काम करने के तरीके होते हैं. हमारी दोस्ती किसी व्यक्ति से तब होती है जब उस की बातें, आदतें, पसंदनापसंद हम से मिलतीजुलती होती हैं. आप के बौयफ्रैंड की बहुत सी बातें शायद आप से मिलती होंगी, तभी आप की दोस्ती हुई और हो सकता है जिस व्यक्ति से आप की शादी हुई है, उस की आदतें आप से कतई न मिलती हों. उस हालत में आप को अपने बौयफ्रैंड का खयाल आ सकता है.

सुमन को गाने का शौक था. उस का बौयफ्रैंड भी गाता था. इस हौबी के चलते ही दोनों एकदूसरे के करीब आए थे. मगर किसी कारणवश दोनों शादी नहीं कर पाए. सुमन की शादी एक चार्टर्ड अकाउंटैंट से हुई है, जो गीतसंगीत में जरा भी रुचि नहीं रखता. ऐसे में सुमन को हर वक्त अपने बौयफ्रैंड की याद आती है और वह अकसर अपने रूखे पति की तुलना उस से करती है. यही वजह है कि उस का वैवाहिक जीवन सुखी नहीं है.

वह हर वक्त अनमनी सी रहती है. हालांकि उस के पति में और कई खूबियां हैं, मगर सुमन ने उन खूबियों की ओर अब तक नजर नहीं डाली है. याद रखें कि आप ने जिस व्यक्ति से शादी की है वह आप के ऐक्स से बहुत बेहतर है, क्योंकि उस ने आप को स्थायित्व दिया है, आप को आर्थिक सुरक्षा दी है, समाज के सामने आप को अपना बनाया है, आप पर विश्वास किया है और अपना घर आप के हवाले किया है.

क्या आप का बौयफ्रैंड आप को कभी इतना सब दे सकता था? शायद नहीं. तो इसलिए कभी भी अपने पति की तुलना उस व्यक्ति से न करें जो बेहद कमजोर था, जिस के अंदर आप को अपनाने की ताकत नहीं थी, जिस ने आप को प्रेम में धोखा दिया, आप के भोले मन को छला और आप को पीड़ा पहुंचाई.

मै 5 साल से रिलेशनशिप में हूं, पर मै अब बोर हो गया हूं,क्या मुझे अब ब्रेकअप कर लेना चाहिए?

सवाल

मैं अपनी गर्लफ्रैंड के साथ 5 साल से रिलेशनशिप में हूं. वह बहुत अच्छी है. मेरी सारी बातें मान जाती है. मेरा खयाल भी बहुत रखती है लेकिन पता नहीं क्यों कुछ दिनों से मेरा दिमाग कुछ इधरउधर दौड़ रहा है. शायद मैं इस रिलेशनशिप से बोर हो गया हूं. क्या ऐसा सिर्फ मेरे साथ हो रहा है या रिलेशनशिप जो लंबे समय से चल रही हो उस में बोरियत होने लगती है. क्या मुझे ब्रेकअप कर लेना चाहिए या मैं गलत सोच रहा हूं और गलत दिशा में जा रहा हूं? मुझे सही रास्ता सुझाएं ताकि मैं कुछ गलत फैसला न ले लूं.
जवाब

आप कहीं बेवजह रिश्ता तोड़ने में तो नहीं लगे. आप को ऐसी गर्लफ्रैंड मिली जो आप का हर तरह से खयाल रखती है, आप की हर बात मानती है तो आप उसे टेकन फौर ग्राटेंड ले रहे हैं. गर्लफ्रैंड आप को नखरे दिखाती, आप की हर बात काटती, आप के प्रति बेपरवाह होती, क्या यह चाहते हैं आप?

अरे, आप को तो खुश होना चाहिए कि आप को इतनी अच्छी लड़की मिली है. खुश होना चाहिए आप को जो इतनी केयर करने वाली गर्लफ्रैंड आप के पास है वरना गर्लफ्रैंड क्याक्या नहीं नखरे उठवातीं अपने ब्रौयफ्रैंड से.

पता नहीं क्यों ब्रेकअप का खयाल आप के जेहन में आया. अपने मन की कुछ उल?ाने हैं तो उन पर विचार कीजिए. किसी भी रिश्ते में ताजगी बनाए रखने का एक ही तरीका है एकदूसरे को भरपूर समय देना. आप का समय आप के पार्टनर के लिए किसी कीमती तोहफे से भी ज्यादा होता है जो उसे सारे जहां की खुशियां दे सकता है. अगर आप का पार्टनर आप के साथ समय बिताने को बेताब रहता है तो फिर आप लकी हैं क्योंकि समय से कीमती कुछ नहीं. इतने प्यारे साथी को भूल से भी न जाने दें. ब्रेकअप करने की एक और महत्त्वपूर्ण वजह होती है आपस में एकदूसरे को सम्मान न देना. लेकिन आप के रिश्ते में आप का पार्टनर आप को हर तरह से सम्मान देता है तो फिर आप को ऐसे रिश्ते को खत्म करने से पहले एक बार सोच लेना चाहिए.

इंसान की फितरत बड़ी खराब होती है. जिंदगी में सब अच्छा चल रहा होता है तो हमें कुछ खालीखाली सा लगने लगता है. ऐसे में कोई दूसरा विकल्प तलाशने लगते हैं लेकिन यह बिलकुल गलत है.

कई बार पार्टनर के साथ ट्यूनिंग मैच नहीं होना या फिर आदतें अलगअलग होना इस की वजह हो सकती है. पसंदनापसंद एक सी नहीं होती. लेकिन आप के केस में ऐसा कुछ भी नहीं है. आप का अपनी गर्लफ्रैंड से रिश्ता आप के लिए सब से अच्छा तोहफा है. इसे तोड़ें नहीं, बल्कि सहेज लें.

Valentine’s Special: कैसें संभाले Intimate रिलेशनशिप को

जब लगातार दूसरे महीने भी पीरियड्स नहीं आए तो 44 वर्षीय निमिषा घबरा उठी. एक आशंका उन के जेहन में कौंध गई कि कहीं वह प्रैगनैंट तो नहीं हो गई.

एक सरकारी विभाग में ऊंच पद पर कार्य कर रही निमिषा के संबंध अपने ही सहकर्मी मनीष से थे पर इस की हवा किसी को उन्होंने नहीं लगने दी थी. दफ्तर में वे एकदूसरे से औपचारिक तरीके से पेश आते थे. अपने काम से काम रखने वाली निमिषा कब और कैसे मनीष के इतने नजदीक आ गई कि उस से वर्षों से दबी सैक्स इच्छा पूरी करने को तैयार हो गई.

अब वह घबरा रही है कि कहीं गर्भ न ठहर गया हो. शहर के दूरदराज के कैमिस्ट के यहां से वह झिझकते झिझकते प्रैगनैंसी किट लाई और यूरिन टैस्ट किया तो 2 गुलाबी लाइनें देख उस के होश उड़ गए.

कुछ पारिवारिक वजहों के चलते निमिषा वक्त रहते शादी नहीं कर पाई थी, इस का उसे कोई खास मलाल नहीं था, लेकिन करीब 10 साल पहले तक मां बनने की इच्छा होती थी, फिर धीरेधीरे कब इस सुखद अनुभूति को भी दूसरे जज्बातों की तरह तनहाई निगल गई इस का भी उसे पता नहीं चला.

करीब 4 साल पहले जब मनीष उस के नजदीक आया तो सारी वर्जनाएं टूट गईं हालांकि परिचय को सैक्स तक पहुंचने के दिन मनीष ने उसे समझया भी था कि सोचा लो कोई जबरदस्ती नहीं, कल को यदि मन में कोई गिल्ट या पछतावा आए तो सैक्स बहुत जरूरी नहीं.

हरज की बात नहीं

मगर निमिषा के लिए अब खुद को और नियंत्रित कर पाना मुश्किल लग रहा था. खुद उस ने यह फैसला लेने के पहले बहुत सोचविचार कर लिया था और इस नतीजे पर पहुंची थी कि इस में कोई हरज की बात नहीं. आखिर कब तक अपनी इच्छा को मारती रहेगी. मनीष की हिचक को देख खुद उस ने उसे बढ़ावा दिया और फिर यह रोजरोज का तो नहीं पर महीने में 2-3 बार का सिलसिला हो गया.

मनीष से वह बहुत खुल गई थी और जबजब वह सैक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करता था तो निमिषा ही मजाक में उसे टोक देती थी कि अब क्या बुढ़ापे में बच्चा होगा तो जवाब में मनीष उसे समझता था कि यह खतरा तो 60 के बाद तक या मेनोपौज तक बना रहता है और तुम्हारी प्रतिष्ठा और मेरी घरगृहस्थी के लिए यह सावधानी भी जरूरी है.

जरूरी बातें

पिछले 2-3 बार से जल्दबाजी में मनीष कंडोम नहीं खरीद पाया था क्योंकि कैमिस्टों पर तो कोविड-19 वालों की भीड़ लगी रहती थी, जिस का नतीजा सामने था. मौका पा कर जब निमिषा ने मनीष को प्रैगनैंट होने की बात बताई तो एक दफा तो वह भी घबरा गया जो पहले से ही 2 बच्चों का पिता था, लेकिन फिर जल्द ही संभल भी गया. शाम को अंधेरा होते ही हमेशा की तरह अपनी गाड़ी पार्किंग में खड़ी कर के पैदल ही निमिषा के घर पहुंचा और हमेशा की तरह पीछे के दरवाजे से दाखिल हुआ तो निमिषा का उतरा चेहरा देख ग्लानि से भर उठा.

काफी देर विचारविमर्श करने के बाद दोनों ने फैसला किया कि जितनी जल्दी हो सके अबौर्शन करा लेना ही बेहतर रास्ता है. मनीष को थोड़ीबहुत जानकारी डाक्टरों की थी पर दोनों साथ जाएं कैसे इस में वे हिचक रहे थे.

आखिर में तय हुआ कि निमिषा अकेले ही जा कर लेडी डाक्टर से बात करेगी और अबौर्शन करा लेगी. मनीष अप्रत्यक्ष रूप से उस के साथ रहेगा.

मनीषा ने जब योजना के मुताबिक डाक्टर को सारा सच बता दिया तो कोई खास दिक्कत नहीं आई. लेडी डाक्टर ने जांच कर आश्वस्त किया कि भ्रूण अभी 8 सप्ताह के लगभग का है और आसानी से अबौर्शन हो जाएगा तो उन्हें सुकून मिला और डाक्टर से बात कर लेने से घबराहट भी कम हुई.

3 दिन बाद ही छुट्टी ले कर वह चुपचाप भरती हो गईर् और 2 दिन बाद गर्भ से छुटकारा पा कर घर वापस भी आ गई. पड़ोसी को यह कह कर गई थी कि 3 दिन के लिए बाहर टूर पर जा रही है.

सावधानी हटी दुर्घटना घटी

हफ्तेभर बाद ही वह और मनीष के शहर के एक नामी होटल में कौफी पीते जश्न मना रहे थे क्योंकि एक मामली चूक भयंकर बखेड़ा करने वाली थी. उंगलियां एक प्रतिष्ठित परिवार की अकेली रह रही महिला के चालचलन पर भी उठ सकती थीं जिस की अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारियां थीं और उस के सहकर्मी पर भी उठतीं जिस के बारे में लोग यह जानते थे कि वह अपने बीवी बच्चों को बहुत प्यार करता है.

मनीष बेवजह 2 पाटों के बीच पिसना नहीं चाहता था तो निमिषा की मजबूरी यह थी कि प्राइवेसी और सैक्स के मामले में मनीष उसे भरोसेमंद और समझदार व्यक्ति लगा था जो आखिरकार निकला भी. प्रैगनैंसी की बात सुनते ही खुद की बराबर की गलती और लापरवाही मानते जैसे निमिषा चाहे वैसा करने की बात पूरी ईमानदारी से उस ने कह दी थी कि उस पर अमल करने के लिए दृढ़ भी दिख रहा था.

वैसे भी मनीषा को उस पर किसी तरह का शक नहीं था इसलिए अबौर्शन कराने में उसे ज्यादा मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ा जितनी कि वह सोच रही थी. दोनों अब भी पहले की तरह तयशुदा दिनों में मिलते हैं, लेकिन कोई रिस्क नहीं उठाते.

हरेक के लिए जरूरी

वजहें कुछ भी हों निमिषा जैसी अकेली रह रही महिलाओं के लिए सैक्स संबंध बनाने से पहले यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि यह कभीकभी बेहद दिक्कत वाला काम भी साबित हो सकता है. लिहाजा किसी किस्म की लापरवाही काफी महंगी पड़ सकती है.

सैक्स किसी भी वयस्क के लिए किसी भी लिहाज से वर्जित नहीं है पर कुछ बातें ऐसी हैं जिन्हें अकेली रह रही महिला वह भी अधेड़ावस्था में नजरअंदाज नहीं कर सकती और अगर करेगी तो बड़ी दिक्कतों में पड़ जाएगी.

सैक्स संबंध क्यों जिम्मेदारी से निभाएं

समझदार और समाज के प्रति जवाबदेह लोगों के बीच मरजी से बने सैक्स संबंध क्यों जिम्मेदारी से निभाने चाहिए लापरवाही से नहीं, आइए जानते हैं:

– जिस से सैक्स संबंध बनाएं वह विश्वसनीय होना चाहिए.

– विश्वसनीयता आंकने का हालांकि कोई तयशुदा पैमाना नहीं पर वह हर लिहाज से बराबरी का होना चाहिए.

– आमतौर पर शादीशुदा गृहस्थ पुरुष सैक्स संबंधों के लिए विश्वसनीय होते हैं क्योंकि उन पर कई पारिवारिक व सामाजिक जिम्मेदारियां होती हैं जिन के चलते वे भी आप की तरह नहीं चाहते कि ये संबंध आम हों.

– सैक्स संबंध रोजरोज खुलेआम या दिनदहाड़े नहीं बनाना चाहिए.

– आतेजाते कोई देखे नहीं या जासूसी या फिर निगरानी न करे इस बात का खयाल रखा जाना चाहिए.

– सैक्स करने के लिए महिला का खुद का ही घर उपयुक्त रहता है बजाय पुरुष के साथ कहीं और जाने के क्योंकि खुद के घर में सुरक्षा भी रहती है और बेफिक्री भी.

– सैक्स के लिए घर के बाहर खासतौर से होटलों में जाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि आजकल आए दिन पुलिस ताकझंक करते हैं और होटल वाले भी रिश्ते को ले कर कभीकभी प्रमाण मांगने लगते हैं.

– संबंध शारीरिक स्तर तक ही सीमित रहे तो बेहतर है. पुरुष से भावनात्मक लगाव या प्यार करना बाद के लिए दिक्कत देने वाला काम साबि होता है. कोई पुरुष अपनी गृहस्थी और सामाजिक प्रतिष्ठा में आग लगाना पसंद नहीं करता.

– मोबाइल पर ज्यादा बात न करें कि कहीं दूसरा रिकौर्ड न कर रहा हो. जिस के साथ आज खुशी से रहे हैं वह कल को ब्लैकमेल भी कर सकता है.

– पीरियड्स का विशेष खयाल रखें खासतौर से यह कि उम्र का गर्भधारण से कोई संबंध नहीं होता. जरा सी लापरवाही से गर्भ ठहर सकता है जैसाकि निमिषा के साथ हुआ.

– गर्भनिरोधकों की जानकारी शैक्षणिक तरीके से हासिल कर खासतौर से पत्रपत्रिकाओं से. जरूरत पड़ने पर डाक्टर से भी जानकारी ली जा सकती है.

– सैक्स को आदत न बनाएं, इस के लिए जरूरी है कि बीचबीच में संबंधों में लंबा गैप दें.

– यह ठीक है कि जिस से सैक्स संबंध बनाएंगी उस से बहुत कुछ छिपा नहीं रह पाएगा लेकिन फूहड़ हंसीमजाक और अश्लील मैसेज तथा सोशल मीडिया पर अश्लील कहीं जाने वाली पोस्टों के आदानप्रदान से बचें.

– बहुत ज्यादा पुरुषों से सैक्स संबंध स्थापित करने से बचें.

– शराब या किसी दूसरे नशे में आदी पुरुष से संबंध न बनाएं न ही उस के साथ बैठ कर कभी शराब पीएं. अगर यह संबंध बनाए रखने की जिद है तो संबंध तोड़ लेना ही बेहतर होता है.

– पार्टनर से पैसों का लेनदेन कतई न करें.

– अगर कभी वह किसी भी तरह की ब्लैकमेलिंग करे या संबंध उजागर करने की धमकी दे तो डरें बिलकुल नहीं उलटे उसे धमकाएं कि आप की एक शिकायत से उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है.

Valentine’s Special: इन टिप्स से खुशहाल बनाएं रिश्ता

आज पतिपत्नी का रिश्ता मित्रता, प्यार, सहभागिता का बन गया है, जिस में दोनों को एकदूसरे को समझाने के बजाय एकदूसरे को समझने की कोशिश करनी पड़ती है. ऐसा करने पर ही एक सुखी वैवाहिक जीवन की कल्पना की जा सकती है. उम्र के जिस पड़ाव पर पतिपत्नी शादी की दहलीज पार करते हैं वह एक अहम पड़ाव और दौर होता है. शुरू के कुछ वर्ष उन को खुद में बदलाव लाने के होते हैं. वैवाहिक संबंध की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता:

2 अलगअलग व्यक्तित्व वाले शख्स दांपत्य सूत्र में बंध जाते हैं. दोनों को अपने अतीत को भूल कर एकदूसरे में समाना होता है. कुछ छोड़ना पड़ता है कुछ अपनाना पड़ता है.

पतिपत्नी दोनों विलक्षण और अद्भुत किस्म के व्यक्तित्व होते हैं, जिन में आवश्यक बदलाव धीमी गति से आवश्यकता के अनुसार ही संभव होता है. दोनों से तीव्र गति से बदलाव की अपेक्षा करना अव्यावहारिक है.

दोनों के काम करने के तरीके और दिनचर्या भिन्न होने के कारण उन्हें नए माहौल में ऐडजस्ट करने के लिए कुछ समय देना होता है. यह ससुराल पक्ष के लोगों के लिए परीक्षा की घड़ी होती है. धैर्यपूर्वक इस कसौटी पर खरा उतरने का परिणाम यह होता है कि रिश्ते स्वाभाविक रूप से विकसित होते हैं और सभी को रिश्तों में आनंद और सुकून मिलता है.

नए दांपत्य रिश्ते में 2 ऐसे लोग बंधते हैं जो अलगअलग पारिवारिक वातावरण, संस्कारों और परंपराओं की संस्कृति में पलेबढ़े होते हैं. ऐसे में पतिपत्नी के लिए आवश्यक बदलाव को स्वीकार करना नामुमकिन नहीं होता है, मुश्किल जरूर होता है. इस बदलाव को जिम्मेदारी और सूझबूझ से अपनी शख्सीयत में लाया जाए.

सूझबूझ है जरूरी

हां यह समझना बहुत जरूरी है कि जैसे ही नई दुलहन ससुराल में प्रवेश करती है सब उसे उस की जिम्मेदारी महसूस कराने लग जाते हैं जबकि उन्हें नई बहू के अधिकारों के प्रति सजग होने की जरूरत होती है. पतिपत्नी के अधिकारों का संरक्षण हर हाल में होना चाहिए ताकि उन्हें स्पेस और स्वतंत्रता महसूस हो सके. वह जमाना लद गया जब पत्नी को दासी या गुलाम समझा जाता था. आज की पत्नियां शिक्षित, परिपक्व और सकारात्मकता के गुणों से परिपूर्ण होती हैं. उन्हें ससुराल पक्ष के लोग किसी भी तरह हलके में नहीं ले सकते हैं. आज की नारी पढ़ीलिखी और सजग है.कहते हैं, व्यवहारकुशलता इस में है कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. अधिकार छीन कर नहीं लिए जाते हैं. पत्नी अपने अधिकारों का संरक्षण सूझबूझ के साथ कर सकती है. पत्नी के कुछ अधिकार इस प्रकार हैं:विवाह के बाद उसे अधिकार है कि वह अपनी पसंद का पहनावा पहन सके. वह सास बहुत अच्छी मानी जाती है जो नई बहू को इस बात की स्वतंत्रता देती है.

मधु एक स्मार्ट लड़की थी. उस ने देखा कि उस के पति के पास उस की पसंद के अनुसार ड्रैस नहीं थी. अत: मधु ने नीतियुक्त तरीके से इस का हल ढूंढ़ निकाला. एक दिन जब वह शौपिंग के लिए गई तो अपने पति के लिए अपनी पसंद की शर्ट और पैंट खरीद लाई. सास के लिए भी एक साड़ी खरीद लाई. इस व्यवहारकुशलता का असर यह हुआ कि सास को साड़ी पसंद आई. पति को भी मधु द्वारा लाई गई ड्रैस अच्छी लगी. सास अच्छे मूड में थीं अत: मधु से बोलीं, ‘‘अगली बार शौपिंग के लिए जाओ तो अपनी पसंद के कुछ सूट और साडि़यां खरीद लाना. तुम पर दोनों ही ड्रैसेज अच्छी लगती हैं. पैसे मुझ से ले जाना.’’

विवाह के बाद भी पति को यह अधिकार होता है कि वह अपने मित्रों से पहले की तरह मिलताजुलता रहे. पत्नी निरर्थक टोकाटाकी न करे. अपने मित्रों से मिलतेजुलते रहने के लिए पति को प्रेरित करती रहे. बस पति को चाहिए कि पारिवारिक सीमाओं में रह कर कुछ समय पत्नी के साथ अवश्य बिताए.कामकाजी महिला की दिनचर्या बहुत व्यस्त होती है. सुबह बच्चों को तैयार करना, नाश्ता व खाना बनाना, पति का टिफिन तैयार करना फिर खुद तैयार हो कर दफ्तर के लिए निकलना. सारे दिन की व्यस्तता के बाद शाम को घर आ कर फिर खाना बनाना. इन सब कामों को बखूबी करने पर वह डिजर्व करती है कि उसे परिवार से सम्मान मिले. पति को इस बात का एहसास हो कि वह वर्किंग वूमन है. घर में उस का सम्मान हो, यह उस का अधिकार है. कामकाजी पत्नी को घर पर पूरा आराम मिलना चाहिए. स्त्री जिसे अपने अधिकारों की रक्षा करनी होती है वह डिजर्विंग होनी चाहिए. हमारे सामने 6 प्रकार के दोषों की चर्चा होती है- शराब पीना, दुष्टों का संग, पति से अलग रहना, अकेले घूमना, अधिक सोना तथा दूसरों के घर में निवास करना पत्नी के लिए दोष हैं. इन्हें उसे अपने जीवन से दूर रखना चाहिए. ऐसे में पत्नी कुलकुटुंब की भलीभांति सेवा करती हुई स्वयं भी सुरक्षित रहती है और पत्नी का कर्तव्य भी निभाती है.

ऐसे बैठाएं तालमेल

नेहा का जब विवाह हुआ तो उस ने सुन रखा था कि ससुराल में पहुंचने पर सास नई बहू के आभूषणों पर यह कह कर कब्जा कर लेती है कि इन्हें सुरक्षित रखना है. इस से पहले कि सास इस विषय में कुछ कहतीं, नेहा ने सास से कहा कि मम्मीजी मैं 2 सैट अपने पास रख लेती हूं, क्योंकि पति के साथ डिनर पार्टियों में जाना होगा. बाकी जेवर आप अपनी अलमारी में रख लें या बैंक के लौकर में रखवा दें. इस प्रकार उस के अपने अधिकार की भी रक्षा हो गई और सास भी ऐसा करने के लिए हंसीखुशी राजी हो गईं. जब हनीमून के लिए प्रस्ताव आया तो नेहा ने सास से कहा, ‘‘मम्मीजी, हम बाहर जा कर अंडरस्टैंडिंग बनाने के पक्ष में नहीं हैं. यहीं आप सब के पास रह कर आप सब के साथ अपने संबंध मधुर और स्थायी बनाएंगे. इस के बाद जब कभी नेहा रेस्तरां में डिनर के लिए अपने पति के साथ जाती थी, तो अपनी सास और ससुर के लिए खाना पैक करवा कर जरूर ले आती थी. सासससुर दोनों को यह बात बहुत अच्छी लगती. नववधू का यह अधिकार होता है कि जो आभूषण उस के मातापिता ने इतने चाव से बनवा कर उसे दिए हैं उन का इस्तेमाल करने की उसे स्वतंत्रता हो.

कामकाजी पत्नी का अपनी मासिक तनख्वाह पर पूरा हक होता है. सासससुर को यह अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए कि वह पूरी सैलरी उन के हाथ पर रखे. पति भी कमाता है और पत्नी भी परिश्रम से तनख्वाह अर्जित करती है. अच्छा होगा दोनों मिल कर घर चलाएं. उन के अधिकारों की सुरक्षा तभी होती है जब वे दोनों मिल कर घर के सदस्यों के साथ मधुर संबंध बनाए रखते हैं और समयसमय पर उन के लिए उपहार ला कर उन्हें उन की अहमियत का एहसास दिलाते हैं. उन के साथ अपनापन बनाए रखते हैं.

बनाएं बेहतर माहौल

चीन के महान दार्शनिक कन्फ्यूशियस का मत है, ‘‘हम उसी चीज से घृणा करते हैं जो चीज हमें अति प्यारी होती है.’’ सास अपनी बहू पर शासन करने को अच्छा समझती है, लेकिन जब बहू उस पर शासन करने की प्रवृत्ति रखती है तो उसे अच्छा नहीं लगता है. अत: सुझाव है कि पतिपत्नी के अधिकारों की रक्षा सासससुर और ससुराल पक्ष के रिश्तेदारों द्वारा ऐसे की जानी चाहिए कि ये अधिकार मांगने की नौबत ही न आए. ऐसा माहौल बनाया जाए जिस में पतिपत्नी को पर्याप्त स्पेस मिले और वैवाहिक संबंध को आनंदपूर्वक जीने की स्वतंत्रता मिलती रहे.

मैं अपनी फीलिंग्स को कैसे कंट्रोल करुं?

सवाल

मैं एक 20 वर्षीय युवती हूं. मेरा मन सैक्स करने का करता है. ऐसा कोई उपाय बताएं जिस से सैक्स की फीलिंग न हो?

जवाब

सैक्स की फीलिंग नौर्मल फीलिंग है, लेकिन आप की समस्या से लगता है कि आप इस के बारे में बहुत ज्यादा सोच रही हैं. आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ चेंज करें. फ्रैंड सर्कल में ऐसी फ्रैंड्स के साथ कम रहें जो केवल सैक्स से संबंधित बातें ही करती हों. पौर्न साइट्स न देखें, हैल्दी मनोरंजन से भरपूर किताबें पढ़ें. जैसे ही आप का ध्यान इस ओर डाइवर्ट होने लगे, स्वयं को कहीं और व्यस्त कर लें. सुधार दिखने पर आप को अच्छा लगेगा.

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सैक्स जानकार कैसोनोवा और क्लियोपेट्रा

29 वर्षीय प्रिया तंदुरुस्त शरीर की आकर्षक युवती है. उस की शादी हुए 3 साल हो चुके हैं, लेकिन 3 साल में उसे एक भी रात वह यौनसुख प्राप्त नहीं हो पाया, जिस की हर युवती को चाह होती है. दूसरी ओर 28 वर्षीय कामकाजी रत्ना सिंह है जिस की शादी को 2 वर्ष हुए हैं. वह अपने पति की कामुकता से परेशान है. रत्ना थकीहारी अपने काम से आती है तो रात को पति कामवर्धक औषधियों का सेवन कर उस के साथ भी नएनए प्रयोग करता है. दोनों ही स्थितियों में किसी को भी सच्चा सुख नहीं मिलता, इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने यौन जीवन में संतुलन बनाएं. अगर किसी में यौन उत्तेजना सामान्य है तो उसे अतिरिक्त दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए. यदि किसी व्यक्ति की यौन उत्तेजना में कमी है तो वह निम्न लवफूड्स का प्रयोग कर वैवाहिक सुख का आनंद ले सकता है.

एफ्रोडाइस संज्ञा एक ऐसा द्रव्य है जो समुद्र से निकली विशाल घोंघा मछली एफ्रौडाइट से प्राप्त होता है. एफ्रोडाइट को कामुकता का प्रतीक माना जाता है. इस के द्रव्य को एफ्रोडाइस कहते हैं.

एफ्रोडाइस, यौनशक्तिवर्द्धक द्रव्य है जिस से स्त्रीपुरुष में यौनशक्ति या यौन अभिरुचि उत्पन्न होती है.

प्राकृतिक रूप से हम ऐसे कुछ खाद्य पदार्थों से पहले ही परिचित हैं, जो यौन क्षमता बढ़ाते हैं, जिन में ऐसे फल व सब्जियां प्रमुख हैं जिन का आकार स्त्री व पुरुष के गुप्तांगों से मिलताजुलता है. इन फल व सब्जियों के अंदर कुछ ऐसे गुण छिपे होते हैं जो मानव की यौन क्षमता को बढ़ाने में कारगर हैं. ये सभी फल पुरुष की कामुकता से जुड़े हैं, जबकि स्त्री की कामुकता बढ़ाने के लिए चैरी, खजूर, अंजीर, खास प्रकार की मछली और सीप जैसे खाद्य पदार्थ प्रमुख हैं.

केला एक ऐसा फल है, जिस में खनिज द्रव्य और ब्रोमेलिन प्रचुर में उपलब्ध है, जो पुरुष क्षमता को बढ़ाता है और यह फल सर्वसुलभ और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. सस्ता होने के कारण इस का प्रयोग आम लोग भी आसानी से कर सकते हैं.

प्राचीन यूनान में जब अंजीर की फसल की कटाई शुरू होती थी तो रीतिरिवाज के अनुसार रतिक्रीड़ा की जाती थी. क्लियोपेट्रा को भी अंजीर बहुत पसंद थे जिन्हें वह चाव से खाती थी. सब फलों में प्राचीनतम माने गए फल द्राक्ष का संबंध भी कामोत्तेजक गतिविधि से जोड़ा जाता है. वैसे द्राक्ष का फल काफी उत्तेजक है और स्वादिष्ठ होता है.

19वीं शाताब्दी में फ्रांस में सुहागरात से पहले दूल्हे को जो भोजन दिया जाता था उस में शतावरी को विशेष स्थान दिया जाता था, जबकि काफी समय पहले एशिया के मध्यपूर्व देशों के सुलतान व अमीर उमरा गाजर को स्त्रियों की उत्तेजना बढ़ाने में सहायक मानते थे.

कुछ व्यंजनों को भी उत्तेजना बढ़ाने में सहायक माना गया है. उदाहरणस्वरूप चौकलेट. चौकलेट को परंपरागत रूप से उत्तेजक माना गया है. इसलिए सदियों पहले ईसाई पादरियों और ननों को चौकलेट खाने की सख्त मनाही थी. कच्चे घोंघों में प्रचुर मात्रा में जस्ता होता है जिस के सेवन से लंबे समय तक संभोगरत रहने की शक्ति बढ़ सकती है. भूमिगत गुच्छी यानी ट्रफल भी ऐसा ही महंगा व सुगंधित पदार्थ है.

शैंपेन को भी लंबे अरसे से प्यार का पेय माना गया है, जो शादी के अवसर पर या विजयोत्सव मनाते समय भी ऐयाश लोगों में पानी की तरह बहाया जाता है. कहा जाता है कि व्हिस्की पिलाने से औरत बहस करना बंद करती है. बियर से उसे यौन आनंद मिलता है. रम से वह सहयोग करने लगती है. शैंपेन से होश खो बैठने पर कामुक हो उठती है. केवियर एक ऐसी मछली है जो मनुष्य के शरीर में उत्तेजना बढ़ाती है. यद्यपि निश्चित रूप से यह कहना कठिन है कि ऐसा क्यों माना जाता है.

साधारणातया हम कह सकते हैं कि अधिक शक्ति बढ़ाने वाले पदार्थ दुर्लभ हैं और इन का मूल्य भी काफी है, इसी कारण लोग अधिक आनंद लेने के लिए इन के दीवाने हैं. डामैना को चाय की तरह उबाल कर नियमित एक कप पीने से हारमोंस नियंत्रण में रहते हैं और इस से शारीरिक शक्ति भी प्राप्त होती है. एक प्रकार के लालमिर्च के मसाले से एंडोर्फोंस हारमोंस भी बढ़ाता है. गरम सूप या सौस पर मिर्च छिड़क कर प्रतिदिन खाने से भी लाभ होता है. अगर युवक जिनसेंग का प्रयोग करते हैं तो कामोत्तेजना अधिक होती है. अगर युवतियां इस का प्रयोग करती हैं तो उन की भी पिपासा बढ़ जाती है. जिनसेंग प्रसिद्ध चीनी द्रव्य है जो अश्वगंधा जैसा प्रतीत होता है.

भारत और मध्यपूर्व एशियाई देशों में लहसुन जोकि एक अच्छा विषाणुनाशक भी है, सदियों से युवकों की उत्तेजना बढ़ाने के लिए लोकप्रिय है. इस की अप्रिय दुर्गंध से बचाव के लिए खाने के बाद लौंग या छोटी इलायची का प्रयोग कर सकते हैं. प्याज और शहद का मिश्रण भी उपयोगी है. अदरक, लाल रास्फरी के पत्ते और गुड़हल या जाबा कुसुम कामोत्तेजना बढ़ाने के लिए काफी प्रचलित रहे हैं.

शहद से भी यह प्रकट होता है कि इस में भी कामवर्धक गुण हैं, लेकिन ध्यान रहे कि शहद शुद्ध हो. कुछ समाज आज भी  नवविवाहितों को शहद का पान कराते हैं. फिर चांदनी रात हो आशा और अरमानों की अंगड़ाइयां लेती हुई नववधु हो, तत्पश्चात लज्जा और मर्यादा का आवरण धीरेधीरे हट रहा हो और फिर काम और रति का युद्ध शुरू हो, कैसी रोमांटिक कल्पना है? यह भी बता दें कि शहद में विटामिन  ‘बी’ और एमिनो एसिड प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह प्राकृतिक रूप से कामोत्तेजक सिद्ध हुआ है.

मिस्र में हड्डियों का सूप यानी पाया का भी काफी चलन है. हलाल की गई भेड़ की टांग की हडिड्यों के साथ ताजा कटी प्याज, लहसुन, पुदीना, लालमिर्च आदि को एकसाथ डाल कर 2 घंटे तक मिश्रण कर जो लुगदी तैयार होती है उस का भक्षण कर न जाने कितने मध्य एशियाई तथा मिस्रवासियों ने महिलाओं पर जुल्म ढाए हैं.

कामसूत्र में नीले सूखे कमल का चूर्ण, घी और शहद एकसाथ मिला कर खाने को कहा गया है, जिस से पुरुषों में खोई हुई शक्ति दोबारा लौट आती है. इसी प्रकार भेड़ा या बकरे के अंडकोश को उबाल कर चीनी डाल कर जो पेय बनता है, इसे पीने से भी अधिक शक्ति मिलती है.

इसी तरह इत्र या सुंगधित तेल की मालिश भी सुख के लिए लाभदायक है. ग्रीष्मऋतु की एक गरम शाम को ठंडी हवा का झोंका और प्रिया का उन्मुक्त्त स्पर्श इस से अधिक उत्तेजक और क्या हो सकता है.

एक कथानुसार साम्राज्ञी नूरजहां को पानी में गुलाब की पंखडि़या मिला कर स्नान करना पसंद था. एक दिन नहाने में देर हो गई तो उस ने देखा कि पानी के ऊपर एक तरल पदार्थ तैर रहा है. वह समझ गई कि यह गुलाब की पंखडि़यों से निकला इत्र है जो दालचीनी, तेल की तरह कामोत्तेजक है. इसी तरह वनिला, चमेली, धनिया और चंदन का लेप या इत्र लगाने से भी स्त्रीपुरुष उन्मुक्त होते हैं.

शराब और नशीले द्रव्यों से कुछ हद तक कामोत्तेजना बढ़ती है, लेकिन इन का नुकसान अधिक है. ये कामोत्तेजना द्रव्य नहीं हैं. इन की छोटी खुराक शुरू की शर्म व संकोच दूर करने में सहायक होती है, लेकिन यदि कोई स्त्री या पुरुष इन का अधिक मात्रा में लंबे समय तक सेवन करता है तो आगे चल कर युवक ढीला हो जाता है तथा युवती में चरमोत्कर्ष के आनंद को ले कर कुछ समस्याएं पैदा हो सकती हैं, क्योंकि इन से मस्तिष्क प्रभावित होता है.

इसी प्रकार मारीलुआना व वियाग्रा जैसे पदार्थ भी अस्थायीरूप से यौनसुख की इच्छा या संभोग सुख थोड़ाबहुत बढ़ाते हैं. पर बेहोशी की सी हालत में. आप को  वार्निंग दी जाती है कि कृपया ड्रग्स से दूर रहें, क्योंकि अगर एक बार आप इन के आदी हो गए तो इन से पीछा छुड़ाना मुश्किल है. वियाग्रा जैसी दवाएं डाक्टर के परामर्श के बाद ही प्रयोग करें. युवतियों में भी हारमोंस की कमी को डाक्टर की सहायता से पूरी करें.

फिर आखिरी सवाल यही है कि क्या सचमुच ऐसी दवा यौनशक्ति में वृद्धि करती है. ऐसी दवा केवल तब ही लाभप्रद होती है, जब आदमी का मन भी कामवासना की तृप्ति करने में सहयोग करे.

औषधि निर्माता व विक्रेता केवल जरूरतमंदों का मात्र आर्थिक शोषण करते हैं. अगर इंसान अपने खानपान व व्यायाम पर विशेष ध्यान देते हुए प्रकृति के नियमों का पालन करे तो उस की यौन क्षमता स्वत: ही बनी रहेगी.

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