बैडरूमकी दीवार पर मर्फी रेडियो के पोस्टर बौय का फोटो आज भी मिलता है. जितना खूबसूरत बच्चा उतनी ही खूबसूरत अदा से मुसकराते हुए होंठों पर उंगली रखे पोज में रंगीन फोटो. यह फोटो शिखा के बैडरूम में पिछले 4 सालों से लगा था. सास
ने कहा था कि सुंदर बच्चे का फोटो देखने से बच्चा भी सुंदर होगा. बच्चे की राह देखतेदेखते पिछले साल उस की सास चल बसीं.
खानापीना खत्म कर शिखा नाइट लाइट की मध्यम रोशनी में मर्फी बौय को देखे जा रही थी. तभी पति अमर ने कमरे में प्रवेश करते ही कहा, ‘‘मैं ने डाक्टर से अपौइंटमैंट ले ली है. अब हमें चल कर टैस्ट करा लेना चाहिए. देखें डाक्टर क्या कहता है.’’
‘‘हां, पर यह पहले होता तो अम्मांजी की इच्छा पूरी होने की उम्मीद तो जरूर रहती.’’
‘‘आज से पहले डाक्टर ने कभी दोनों को टैस्ट करने के लिए नहीं कहा था… तुम्हारी सहेली जो डाक्टर है, उस ने भी कहा था कि कभीकभी प्रैगनैंसी में देर हो जाती है. वैसे हम ने भी
1 साल तक परहेज बरता था.’’
अमर ने ग्रैजुएशन के बाद एक प्राइवेट कंपनी में स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी जौइन कर ली थी. वह स्टेट लैवल बौक्सिंग चैंपियन
था. अच्छीखासी पर्सनैलिटी थी अमर की. औफिस में उस के दोस्त उस से कहते भी थे, ‘‘अरे यार बौक्ंिसग रिंग में तो तुम चैंपियन हो. अब अपनी गृहस्थी जमाओ… कम से कम अपने जैसा बलवान, हृष्टपुष्ट एक फ्यूचर चैंपियन तो पैदा करो.’’
‘‘वह भी हो जाएगा… जल्दी क्या है?’’ अमर कहता.
अब शादी के 5 साल बाद शिखा और अमर दोनों ने डाक्टर से इस विषय पर सलाह लेने की जरूरत महसूस की. डाक्टर ने दोनों के कुछ टैस्ट किए और फिर 2 दिनों के बाद जब वे मिलने गए तो डाक्टर बोला, ‘‘आप की रिपोर्ट्स तैयार हैं. शिखा की रिपोर्ट्स नौर्मल हैं. उन में मां बनने के सभी लक्षण हैं, पर…’’
‘‘पर क्या डाक्टर?’’ शिखा ने बीच में डाक्टर की बात काट कर पूछा.
‘‘आई एम सौरी, बट मुझे कहना ही होगा कि अमर पिता बनने के योग्य नहीं हैं.’’
कुछ पल डाक्टर के कैबिन में सन्नाटा रहा. फिर शिखा ने कहा, ‘‘पर डाक्टर आजकल मैडिकल साइंस इतनी तरक्की कर चुकी है… कोई मैडिसिन या उपाय तो होगा?’’
‘‘हां है क्यों नहीं… आईवीएफ तकनीक
से आप मां बन सकती हैं आजकल यह बहुत
ही आसान हो गया है. किसी सक्षम पुरुष के शुक्राणु का इस्तेमाल कर आप बच्चे को जन्म दे सकती हैं.’’
‘‘डाक्टर, इस के अलावा और कोई उपाय नहीं है?’’
‘‘सौरी, इस के अलावा एक ही उपाय बचता है कि आप किसी बच्चे को गोद ले लें. आप लोग ठीक से विचार कर के बता दें… मैं थोड़ी देर में आता हूं. अगर आप कुछ और समय चाहते हैं, तो आप अपनी सुविधा से अपना फैसला ले सकते हैं.’’
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शिखा और अमर दोनों ने कुछ देर तक डाक्टर के क्लीनिक में बैठेबैठे विचार किया कि अब और देर करने से कोई लाभ नहीं होगा और बच्चा आईवीएफ तकनीक से ही होगा. शिखा ने मन में सोचा कि इस से उसे मातृत्व का अनुभव भी होगा. फिर दोनों ने डाक्टर को अपना फैसला बताया.
डाक्टर बोला, ‘‘वैरी गुड. आप के कुछ और टैस्ट होंगे. मेरे क्लीनिक में कुछ डोनर्स के सैंपल्स हैं. देख कर 1-2 दिन में आप को खबर दूंगा. कोई बड़ा प्रोसैस नहीं है. जल्द ही आप का काम हो जाएगा.’’
1 सप्ताह के अंदर ही शिखा आईवीएफ तकनीक की देन से गर्भवती हुई. डाक्टर ने शिखा को नियमित चैकअप कराते रहने को कहा.
कुछ दिनों के बाद जब अमर ने बड़ी शान से औफिस में दोस्तों से कहा कि वह पिता
बनने वाला है, तो एक दोस्त ने कहा, ‘‘आखिर हमारे चैंपियन ने बाजी मार ली. अब तुम्हें हम लोगों का मुंह मीठा कराना होगा.’’
दोस्तों के कहने पर औफिस की कैंटीन में ही उन्हें मिठाई खिलाई. दोस्तों ने उस से कहा, ‘‘इस छोटीमोटी पार्टी से तुम बचने वाले नहीं हो. हम लोगों को सपरिवार पार्टी देनी होगी.’’
‘‘ठीक है, वह भी होगी.’’
करीब 4 महीने बाद डाक्टर ने शिखा से कहा, ‘‘आप के बच्चे की ग्रोथ बिलकुल ठीक है. अब आप निश्चिंत रहें. आप का बच्चा स्वस्थ और हृष्टपुष्ट होगा.’’
इस खुशी में उस दिन रात अमर ने अपने घर पर दोस्तों को सपरिवार आमंत्रित किया. शिखा भी घर पर पार्टी की तैयारी में लगी थी. उसी समय कौल बैल बजी. उस ने दरवाजा खोला तो एक आदमी बाहर खड़ा था. वह बोला, ‘‘नमस्ते मैडम.’’
‘‘मैं ने आप को पहचाना नहीं, पर लगता है पहले कहीं देखा है… अच्छा बोलिए क्या काम है? अभी साहब घर पर नहीं हैं.’’
‘‘कोई बात नहीं है, मुझे सिर्फ आप ही से काम है.’’
‘‘मुझ से? मुझ से भला क्या काम हो सकता है आप को?’’
‘‘मैडम, आप के पेट में जो बच्चा है वह मेरा है.’’
‘‘क्या बकवास कर रहे हो? गैट लौस्ट,’’ बोल कर शिखा दरवाजा बंद करने लगी.
उस आदमी ने हाथ से दरवाजा पकड़ कर कहा, ‘‘अब मेरी बात ध्यान से सुनिए वरना बाद में शर्मिंदगी होगी और पछताना पड़ेगा. अमर बहुत शान से पार्टी दे रहा है बाप बनने की खुशी में. मैं पार्टी के बीच में ही आ कर सब को बताऊंगा कि यह बच्चा अमर का नहीं, मेरा है. उस की सारी मर्दानगी की हवा निकाल दूंगा मैं.’’
शिखा और अमर दोनों ने आईवीएफ की बात छिपा रखी थी और अभी तक सभी से बता रखा था कि यह बच्चा उन का अपना है. वह डर गई और फिर बोली, ‘‘आखिर तुम क्या चाहते हो? हमें परेशान कर के तुम्हें क्या मिलेगा?’’
‘‘मुझे और कुछ नहीं चाहिए, सिर्फ
क्व2 लाख दे दीजिए. मैं अपनी जबान बंद रखूंगा.’’
‘‘इतनी बड़ी रकम हम लोग तुम्हें नहीं दे सकते हैं.’’
‘‘देखिए, पैसे तो आप को देने ही होंगे, हंस कर या रो कर… आज नहीं तो कल… अब आप बताएं मैं रात में पार्टी में आऊं या नहीं.’’
शिखा कुछ देर सोचने लगी, फिर बोली, ‘‘अभी मेरे पास मुश्किल से क्व2 हजार हैं. उन्हें आप को दे रही हूं.’’
‘‘ठीक है, आप अभी वही दे दीजिए. बाकी आप एकमुश्त देंगी… मुझे डिलिवरी के पहले पूरी रकम मिल जानी चाहिए.’’
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शिखा ने उस आदमी को क्व2 हजार देते हुए कहा, ‘‘अभी इन्हें रखो. बाकी के लिए मैं अमर से बात करती हूं.’’
‘‘ठीक है, मैं 2 दिन बाद फिर आऊंगा.’’
उस रात पार्टी के बाद शिखा ने अमर को ब्लैकमेलर वाली बात बताई तो अमर बोला,
‘‘क्व2 लाख हमारे लिए बहुत बड़ी रकम होती है. कहां से लाऊंगा… उस के लिए मुझे कर्ज लेना होगा… पर यह तो ब्लैकमेलिंग हुई… उसे हमारा पता किस ने दिया होगा?’’
‘‘मुझे लगता है उस आदमी को कभी मैं ने डाक्टर के क्लीनिक में देखा है.’’
‘‘डाक्टर ऐसा नहीं कर सकता है, फिर भी एक बार मैं उस से बात करता हूं.’’
दूसरे दिन अमर डाक्टर के पास पहुंचा तो डाक्टर ने कहा, ‘‘हम लोग ऐसी सूचनाएं गुप्त रखते हैं. इसीलिए हम 3 शपथ पत्र तैयार करते हैं- पहला आईवीएफ के लिए आप दोनों की सहमति का, दूसरा यह कि आप लोग कभी डोनर के बारे में जानकारी नहीं लेंगे और अगर किसी तरह से आप को यह मालूम भी हो जाए तो आप इसे किसी को नहीं बताएंगे और साथ ही आप के बच्चे का डोनर की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होगा.’’
‘‘हां, हमें याद है पर, तीसरा शपथपत्र कौन सा है?’’
‘‘तीसरा हम डोनर से लेते हैं कि वह अपना अंश स्वेच्छा से दे रहा है और उसे यह जानने का हक नहीं होगा कि उस का अंश किसे दिया गया. अगर किसी तरह उसे पता चल भी जाए तो वह इसे किसी को नहीं बताएगा और होने वाले बच्चे पर उस का कोई अधिकार नहीं होगा.’’
‘‘पर शिखा ने कहा है कि उस आदमी को शायद पहले आप के क्लीनिक में देखा है. कहीं आप का ही कोई स्टाफ तो उस से मिला नहीं है?’’
‘‘हम पूरी सावधानी बरतते हैं, पर स्वार्थवश इस के लीक होने की संभावना हो सकती है,’’ डाक्टर बोला.
‘‘हम से गलती सिर्फ इतनी हुई है कि हम ने किसी से इस तकनीक की बात न कह कर इसे अपना बच्चा बताया है,’’ अमर बोला.
‘‘खैर, आप आगे भी यह बता सकते हैं.’’
‘‘नहीं डाक्टर, इट्स टू लेट… वह ब्लैकमेल कर रहा है… लगता है हमें पैसे देने ही होंगे.’’
डाक्टर कुछ देर सोचने के बाद बोला, ‘‘आप उसे एक पैसा भी नहीं देंगे. आप लोग खासकर शिखाजी को थोड़ी होशियारी से काम लेना होगा और जरा साहस भी दिखाना होगा.’’
‘‘वह कैसे?’’
‘‘देखिए 2 रास्ते हैं- या तो अबौर्शन
करवा लें या…’’
‘‘प्लीज डाक्टर अबौर्शन की बात न कीजिए… शिखा टूट जाएगी.’’
‘‘मैं भी यही चाहता हूं… शिखाजी से कहें कि जब वह आदमी पैसों के लिए आए तो बिलकुल न डरें, बल्कि बोल्ड हो कर उसे फेस करें.’’
‘‘वह किस तरह?’’
‘‘अगली बार जब वह आए तो शिखाजी को बोलना होगा कि हां, मुझे अब पता चल गया है कि मेरा रेप तुम ने ही किया था और उसी के चलते मैं प्रैगनैंट हूं. अब मैं पुलिस को सूचित करने जा रही हूं. यह बात उसे धमकाते हुए बोल्डली कहनी होगी.’’
2 दिन बाद वह आदमी बाकी के रुपए लेने आने वाला था. शिखा ने उस दिन अमर को छुट्टी लेने को कहा, क्योंकि उसे डर था कहीं वह आदमी उस पर हमला न कर बैठे.
ठीक 2 दिन बाद ब्लैकमेलर जब पैसे मांगने आया तो शिखा ने ऊंची आवाज में कहा, ‘‘मैं ने भी पता किया है, मेरे गर्भ में तुम्हारा ही अंश है… उस दिन जो तुम ने मेरा बलात्कार किया था उसी का नतीजा है यह. बलात्कार के दिन तुम ने नकाब से चेहरा ढक रखा था, मैं पहचान नहीं सकी थी, पर आज तुम स्वयं चल कर मेरे सामने आए हो, इस से अच्छी बात और क्या हो सकती है. मैं ने उस दिन रुपए देने से पहले सैल फोन से तुम्हारा फोटो भी खींच रखा है. अब आसानी से पुलिस तुम्हें पकड़ सकती है.’’
पासा पलटते देख वह आदमी गिड़गिड़ाने लगा और बोला, ‘‘मैडम, आप ऐसा न
करें, मैं जेल चला जाऊंगा, मैं भी बालबच्चेदार आदमी हूं.’’
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‘‘फिर तुम मेहनत कर क्यों नहीं कमाते हो… चलो मेरे क्व2 हजार वापस करो.’’
वह आदमी अपनी जेब से क्व5 सौ का एक नोट शिखा को देते हुए बोला, ‘‘मैडम, अभी मेरे पास इतने ही हैं… इन्हें रख लो. बाकी मैं जल्द ही लौटा दूंगा.’’
शिखा ने नोट उसे लौटाते हुए कहा, ‘‘इस से अपने बच्चों के लिए खिलौने और मिठाई मेरी तरफ से दे देना. बेहतर होगा कि तुम आगे से इस तरह के गलत काम न करने का वादा करो.’’
नोट वापस ले कर ब्लैकमेलर वहां से तुरंत खिसक लिया.
उस के जाने के बाद शिखा ने पति से पूछा, ‘‘क्या तुम ने सचमुच पुलिस को फोन किया है?’’
‘‘नहीं, एक झूठ रेप का तुम ने कहा और दूसरा झूठ मैं ने कहा… चलो बला टल गई,’’ और फिर दोनों जोर से हंस पड़े.