इधर अमन और उस के पिता समझ चुके थे कि रमन का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है. वह दिनभर फोन और कंप्यूटर पर लगा रहता है हालांकि रीता के बारे में उन्हें कुछ पता न था. सेठ ने दोनों बेटों को बुला कर कहा, “मैं सोच रहा हूं, तुम दोनों की शादी पक्की कर दूं. सेठ जमुनालाल ने अपनी इकलौती बेटी दिया के लिए रमन में दिलचस्पी दिखाई है. हालांकि, दिया ट्वेल्फ्थ ड्रौपआउट है पर उस में अन्य सराहनीय गुण हैं. मैं देख रहा हूं कि रमन का जी पढ़ाई में नहीं लग रहा है. अमन के लिए भी एक लड़की है मेरी नजर में, कल ही उस के पिता से बात करता हूं. उसे तुम भी जानते हो, शालू, जो कुछ साल तुम्हारे ही स्कूल में पढ़ी थी. वह बहुत अच्छी लड़की है, मुझे तो पसंद है.“
अमन बोला, “हां, मैं शालू को जानता हूं पर पापा मेरी पढ़ाई अगले साल पूरी हो रही है, इसलिए तब तक मैं शादी नहीं करूंगा.“
“मैं ने शालू के पिता को भरोसा दिया है कि अमन मेरी बात नहीं टालेगा. उन्हें इनकार कर मुझे बहुत दुख होगा.“
“पापा, आप का भरोसा मैं नहीं टूटने दूंगा, न ही आप उन्हें इनकार करेंगे. बस, आप उन से कहिए कि चाहें तो सगाई अभी कर सकते हैं और शादी मेरे फाइनल एग्जाम के बाद होगी.”
“बहुत अच्छी बात कही है तुम ने बेटा, सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे वाली बात हुई. ठीक है, मैं उन्हें बता दूंगा.“
“ठीक है, शादी अगले साल ही होगी. इसी साल किसी अच्छे मुहूर्त देख कर तुम दोनों भाइयों की सगाई कर देता हूं.“
“ओके पापा.“
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एक महीने के अंदर दोनों भाइयों की सगाई होने वाली थी. रमन ने यह सूचना अपनी फेसबुक फ्रैंड रीता को बता दी. रीता ने उसे बधाई दी. अगले दिन से रीता के अकाउंट्स से रमन को धमकियां मिलने लगीं- “तुम ने एक नाबालिग लड़की से फेसबुक पर अश्लील हरकतें की हैं. मैं तुम्हारे सारे फोटो तुम्हारी मंगेतर, तुम्हारे पापामम्मी और सारे फ्रैंड्स व रिश्तेदारों को फौरवर्ड कर दूंगी और साथ ही, सोशल मीडिया पर भी.“
“तुम कैसी फ्रैंड हो… मैं ने तुम्हारी मदद की और अब तुम मुझे बेइज्जत करने की सोच रही हो?“ रमन ने कहा.
“मैं कुछ नहीं जानती, एक नाबालिग लड़की से ऐसी गंदी हरकतें करने के पहले तुम्हें सोचना चाहिए था. अगर तुम अपने परिवार को बेइज्जती और बदनामी से बचाना चाहते हो तो तुम को मुझे 10 लाख रुपए देने होंगे. सेठ रोशनलाल के बेटे हो और सेठ जमुनालाल के इकलौते दामाद बनने जा रहे हो. इतनी रकम जुटाना कोई बड़ी बात नहीं है.“
“इतनी बड़ी रकम मैं नहीं दे सकता.“
“अगर तुम नहीं मानते, तब मुझे भी मजबूर हो कर सख्त कदम उठाना होगा. सभी को तुम्हारी गंदी और अश्लील हरकतों की जानकारी देनी होगी. दोनों परिवारों की बदनामी तो होगी ही और तुम दोनों भाइयों की शादी का क्या होगा, वह तुम समझ सकते हो.“
कुछ दिनों तक दोनों के बीच ऐसा ही चलता रहा. रमन बहुत परेशान और दुखी रहने लगा. घरवालों के पूछने पर कुछ बताता भी नहीं था. अब सगाई में मात्र 10 दिन रह गए थे. रीता ने रमन से कहा, “ब मैं और इंतजार नहीं कर सकती. तुम्हें, बस, 3 दिन का समय दे रही हूं. तुम रुपए ले कर जहां कहूं वहां आ जाना. कब और कहां, मैं थोड़ी देर में बता दूंगी. वरना, अंजाम तुम समझ सकते हो.“
एक रात अमन छोटे भाई रमन के कमरे के सामने से गुजर रहा था. रमन का कमरा अधखुला था. उस ने रमन को कमरे में तकिए में मुंह छिपा कर सिसकते देखा. वह रमन के पास गया और उस से रोने का कारण पूछा. रमन अपने भाई के गले लग कर रोने लगा. अमन ने उसे चुप कराया और कहा, “अपने भाई से अपने दुख का कारण शेयर करो. अगर मैं तुम्हारा दुख कम नहीं कर सका, तब भी शेयर करने से कम से कम मन का बोझ कम हो सकता है. चुप हो जाओ और अब शेयर करो अपनी बात.“
रमन ने रोते हुए अपने और रीता के बीच हुई सारी बातें बताईं. रमन की बातें सुन कर अमन बोला, “बस, इतनी सी बात है. तुम अब इस की चिंता छोड़ दो. हम दोनों मिल कर उस रीता की बच्ची को छठी के दूध की याद दिला देंगे. इतना ही नहीं, हम दोनों की भावी पत्नियां भी रीता को सबक सिखाने में हमारी मदद करेंगी.“
“पर क्या शालू भाभी और दिया को यह बताना सही होगा?“
“अगर सही नहीं है तो इस में कुछ गलत भी नहीं है. तुम्हारी गलती इतनी है कि तुम अपनी नादानी और बेवकूफी के कारण रीता के ब्लैकमेल के जाल में फंस चुके हो. तुम्हें शायद पता नहीं है कि शालू को आईटी की अच्छी जानकारी है. दिया तुम्हारी भावी पत्नी है, उसे तुम सचाई बता सकते हो. इतना ही नहीं, दिया ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट ले चुकी है. इन दोनों को अपने जैसा कमजोर न समझो. हम चारों मिल कर इस स्थिति से निबटने का कोई उपाय निकाल लेंगे. तुम दिया को कौन्फिडैंस में लो और रीता से बात करते रहो कि पैसों का इंतजाम कर रहा हूं, कुछ समय दो.“
“क्या हमें पुलिस की मदद लेनी होगी?“ रमन ने पूछा.
“नहीं, अगर लेनी भी पड़ी तो रीता को पकड़ने के बाद. आखिर तुम्हारी तसवीरें तो उस के मोबाइल या अन्य सिस्टम में स्टोर हैं और वह तुम्हें गलत साबित कर सकती है.”
दोनों भाई और उन की भावी पत्नियों ने मिल कर रीता से निबटने का प्लान बनाया. रमन ने रीता को फोन कर कहा, “देखो 10 लाख रुपए का इंतजाम तो मैं नहीं कर सकता, 5 लाख रुपए तो तैयार ही समझो. इतने से तुम्हारा काम हो जाना चाहिए.“
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फोन की बातें अमन, दिया और शालू भी सुन रहे थे. रीता ने कहा, “नहीं, 5 लाख से काम नहीं चलेगा.“
रमन बोला, “तब ठीक है, कल के पेपर में मेरे सुसाइड करने की खबर पढ़ कर तुम्हारा काम हो जाना चाहिए.“
“अरे नहीं यार, मैं उतनी जालिम नहीं हूं. तुम्हारे मरने से मुझे क्या हासिल होगा. ऐसा करो, 2 लाख और दे देना. बस, फुल एंड फाइनल,“ रीता बोली.
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