कोरोना ने बदल दी ओटीटी प्लेटफौर्म की सूरत

योंतो 2015 से भारत में ओटीटी प्लेटफौर्म पैर पसारने लगे थे, मगर 2016 में भारत सरकार द्वारा मनोरंजन क्षेत्र में ‘सौ प्रतिशत एफडीआई’ का नियम लागू करने के साथ ‘नैटफ्लिक्स,’ ‘अमेजन,’ ‘डिज्नी प्लस हौट स्टार’ सहित कई ओटीटी प्लेटफौर्र्म भारत में तेजी से उभरे, पर 2020 में कोरोना महामारी और लौकडाउन के चलते सभी ओटीटी प्लेटफौर्र्म तेजी से लोकप्रिय हुए क्योंकि इस दौरान अपनेअपने घर में कैद हर इंसान के लिए मनोरंजन का एकमात्र साधन ओटीटी प्लेटफौर्म ही रहे. हर ओटीटी प्लेटफौर्म ने अपने साथ लोगों को जोड़ने के सारे तरीके अपनाए.

इन में से ज्यादातर ओटीटी प्लेटफौर्म मासिक या वार्षिक शुल्क लेते हैं, जबकि ‘जी-5’ और ‘सिनेमा पे्रन्योर’ जैसे कुछ ओटीटी प्लेटफौर्म दर्शकों से फिल्म देखने के प्रति फिल्म अलगअलग शुल्क वसूलते हैं.

मगर ओटीटी प्लेटफौर्म ‘एमएक्स प्लेयर’ अपने दर्शकों से कोईर् शुल्क नहीं लेता. कोई भी शख्स ‘एमएक्स प्लेयर’ पर स्ट्रीम हो रहे कार्यक्रम को मुफ्त में देख सकता है, मगर उसे हर कार्यक्रम या वैब सीरीज या फिल्म देखते समय बीचबीच में विज्ञापन भी देखने पड़ते हैं क्योंकि ‘एमएक्स प्लेयर’ विज्ञान पर आधारित ओटीटी प्लेटफौर्म है.

यों तो ‘गूगल प्ले स्टोर’ पर एमएक्स प्लेयर का एक प्रीमियम ऐप है, जो 5 डौलर में विज्ञापन स्ट्रिप्स चलाता है. लेकिन यह ऐप ज्यादातर विज्ञापन से मिलने वाले राजस्व पर ही निर्भर करता है. इन दिनों ‘एमएक्स प्लेयर’ करीब  3 दर्जन से अधिक स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय  ओटीटी प्लेटफौर्म संग प्रतिस्पर्धा कर रहा है.

फिलहाल ‘एमएक्स प्लेयर का स्वामित्व ‘टाइम्स ग्रुप’ के पास है और इस का मुख्यालय सिंगापुर  (71 राबिंसन रोड, सिंगापुर-068895) में है तथा यह कंपनी सिंगापुर के कानून के तहत संचालित होती है.

मोबाइल ऐप से ओटीटी प्लेटफौर्म तक

मूलत: एमएक्स प्लेयर की शुरुआत  कोरिया में एक ऐप के रूप में हुई थी, जो कि वीडियो फाइल के रूप में संग्रहीत वैब सीरीज  का प्रसारण स्थानीय मोबाइल फोन पर करता  था. छोटे संसाधनों का उपयोग करते हुए ऐप ने भारत जैसे उभरते बाजारों में कम लागत वाले ऐंड्रौइड स्मार्टफोन के साथ लाखों उपयोगकर्ताओं का विश्वास जीतने में कामयाब रहा. धीरेधीरे टाइम्स गु्रप की कंपनी ‘टाइम्स इंटरनैट’ ने इस  में निवेश शुरू किया. फिर 2017  के अंत में ‘टाइम्स इंटरनैट’ ने एमएक्स प्लेयर में  140 मिलियन डौलर का निवेश कर स्वामित्व  हासिल किया. उस के बाद एमएक्स प्लेयर  का मूल्यांकन 500 मिलियन डौलर आंका  गया था.

चाइनीज कंपनी टेनसेंट ने किया लगभग 111 मिलियन डौलर का निवेश

30 अक्तूबर, 2019 को एमएक्स प्लेयर ने सूचित किया था कि चीनी इंटरनैट की दिग्गज कंपनी टेनसेंट ने 110.8 मिलियन की राशि ‘एमएक्स प्लेयर’ ऐप में निवेश किए हैं और ‘एम एक्स प्लेयर’ वीडियो ऐप भारत और अन्य अंतर्राष्ट्रीय देशों में अपने कारोबार का विस्तार करना चाहता है.

‘‘एमएक्स प्लेयर’’ से पहले टेनसेंट ‘टाइम्स इंटरनैट’ के स्वामित्व वाले गाना विशाल ओला, टेक स्टार्टअप बायूज क्च२क्च ई कौमर्स, स्टार्टअप उडान और व्यापारियों के लिए बहीखाता सेवा ‘खाताबुक’ सहित कुछ भारतीय स्टार्टअप्स कंपनियों में निवेश किया था. टेनसेंट के ‘एमएक्स प्लेयर’ में निवेश करने पर ‘टाइम्स इंटरनेट’ के उपाध्यक्ष सत्यन गजवानी ने कहा था, ‘‘टेनसेंट संगीत और वीडियो में एक प्रमुख वैश्विक शक्ति है और हमें उन की क्षमताओं से सीखने और लाभ उठाने के लिए बहुत कुछ है.’’

जबकि ‘एमएक्स प्लेयर’ के सीईओ करण बेदी ने एक अखबार से बातचीत करते हुए कहा था, ‘‘निवेश के रूप में मिली इस रकम का उपयोग वीडियो ऐप के लिए मौलिक टीवी कार्यक्रमों का उत्पादन बढ़ाने और लाइसैंस प्राप्त साम्रग्री की अपनी सूची को व्यापक बनाने के लिए करेगा. फर्म ने अब तक अपने प्लेटफार्म पर 15 मौलिक शो जोड़े हैं तथा इस साल के अंत तक 20 अन्य का उत्पादन शुरू कर दिया है.

2019 तक भारत में एमएक्स प्लेयर के  175 मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता थे, जबकि वैश्विक स्तर पर 280 मिलियन से  अधिक उपयोगकर्ताओं को एकत्र किया था.

2020 में तेजी से बढ़ा एमएक्स प्लेयर

जी हां, कोरोनाकाल व लौकडाउन का फायदा ‘एमएक्स प्लेयर’ को भी मिला. इस संबंध में नवंबर, 2020 में एक अखबार से बात करते हुए एमएक्स प्लेयर के सीईओ करण बेदी कह चुके हैं, ‘‘हकीकत में आज की तारीख में ‘एमएक्स प्लेयर’ भारत का सब से बड़ा ओटीटी प्लेटफौर्म है. हमारे उपयोगकर्ताओं की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. हम ने अपने लक्ष्य को स्पष्ट रूप से पार कर लिया है. हमारे पास सब से बड़ा होने की दृष्टि थी, लेकिन यह नहीं सोचा था कि यह जल्दी से होगा, हमारे मन में थोड़ी लंबी अवधि की रूपरेखा थी. हम ने स्क्रैच से शुरुआत की. हमें मदद करने के लिए हमारे पीछे कोई भी टीवी नैटवर्क नहीं है.

जाहिर तौर पर ‘टाइम्स’ समूह व्यवसाय में बहुत सारी मीडिया कंपनियों को लाता है, लेकिन यह मुख्य रूप से एक समाचार समूह था न कि एक मनोरंजन समूह. हमारी टीम और शेयरधारक वास्तव में इसे उभारने में कामयाब रहे. ‘एमएक्स प्लेयर’ प्लेटफौर्म कुल मिला कर 220 एमएयू के करीब है. यह एक बहुत बड़ी छलांग है, जो हमारे अलगअलग मीडिया प्लेटफौर्मों पर हुई है और ‘एवरीटेनमैंट’ की अवधारणा संग हम लगातार नए उपयोगकर्ताओं के विस्तार का आधार तैयार करने में सफल रहे.

विस्तार का आधार

‘‘इतना ही नहीं हम अपने मौजूदा उपयोगकर्ताओं के विस्तार का आधार तैयार करने में सफल रहे. यही नहीं हम ने अपने मौजूदा उपयोगकर्ताओं के आधार को पूरी तरह से बनाए रखा है और पुन: प्राप्त किया है. जब हम ने ‘एमएक्स प्लेयर’ का अधिग्रहण किया था, तब 175 मिलियन उपभोक्ता थे.’’

एमएक्स प्लेयर ने 2018 के मध्य में फिल्में और वैब सीरीज की स्ट्रीमिंग शुरू की. आज लगभग 200 टीवी चैनलों, उन के वर्तमान और अतीत के सीरियलों के अलावा ‘गाना’ के साथ एकीकरण के माध्यम से संगीत का भी स्ट्रीमिंग करता है.

‘एमएक्स प्लेयर’ ने भारत में होईचोई जैसी सभी वैब सीरियल निर्माताओं और सोनी और सन सहित शीर्ष 5 टीवी स्थानीय केबल नैटवर्क में से 3 के साथ सम झौता किया है और अब कई विदेशी वैब सीरीज व फिल्मों को हिंदी में डब कर स्ट्म कर रहा है.

डिश टीवी इंडिया की भागीदारी

अप्रैल, 2020 में लौकडाउन के समय ही डिश टीवी ने घोषणा की थी कि उस ने अपने ग्राहकों को वीडियो औन डिमांड सामग्री की पेशकश करने के लिए एमएक्स प्लेयर के साथ भागीदारी की है. डिश टीवी और डी2एच उपयोगकर्ता अपने ऐंड्रौइड सैट टौप बौक्स के माध्यम से एमएक्स प्लेयर की सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.

उपयोगकर्ता अब लोकप्रिय एमएक्स प्लेयर की मौलिक वैब सीरीज व फिल्म, टीवी सीरियल, म्यूजिक वीडियो और फिल्मों को कई शैलियों और भाषाओं में स्ट्रीम करने में सक्षम होंगे.

सा झेदारी पर टिप्पणी करते हुए डिश टीवी इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक और समूह के सीईओ अनिल दुआ ने कहा था, ‘‘एमएक्स प्लेयर के साथ हमारी सा झेदारी हमारी ऐंड्रौइड बौक्स उपयोगकर्ताओं के लिए 10 से अधिक भाषाओं में फैले बड़े कंटैंट लाइब्रेरी तक पहुंचना आसान बनाती है.

हमारे ग्राहकों के लिए अद्वितीय सामग्री की पेशकश हमेशा हमारे लिए एक सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस सा झेदारी के माध्यम से हम ने अपना वादा पूरा करने के लिए एक और कदम उठाया है.’’

खर्च व परेशानी

माना कि ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘एमएक्स प्लेयर’’ पर उपलब्ध किसी भी वैब सीरीज या फिल्म को दर्शक मुफ्त में देख सकता है. (लेकिन इंटरनैट या यों कहें कि वाईफाई का खर्च तो उसे वहन ही करना पड़ता है.) लेकिन दर्शक की अकसर शिकायत रहती है कि फिल्म या वैब सीरीज रुकरुक कर चलती है अथवा आवाज टूटती रहती है, जिस के चलते उन का इंटरनैट का बिल बढ़ जाता है.

एमएक्स प्लेयर का बिजनैस मौडल क्या है

अब अहम सवाल यह है कि जब दर्शक ‘एमएक्स प्लेयर’ के कार्यक्रम मुफ्त में देखता है, तो फिर ‘एमएक्स प्लेयर’ की अपनी कमाई का जरीया क्या है? जैसा कि हम ने पहले भी बताया कि यह ओटीटी प्लेटफौर्म विज्ञापन पर आधारित है यानी एमएक्स प्लेयर की कमाई का जरीया विज्ञाप होते हैं, जिन्हें वह अपने वीडियो पर लगा कर धन कमाता है.

यह विज्ञापन उस के प्लेटफौर्म के उपयोगकर्ताओं की संख्या बल पर मिलते हैं, मगर विज्ञापन की रकम विज्ञापन को जितने दर्शक देखते हैं, उस आधार पर मिलती है. सूत्रों की मानें तो यह लगभग 23 पैसे प्रति व्यू है. जबकि बैनर विज्ञापन के लिए 13 पैसे प्रति व्यू है. वीडियों की सूची के बीच रखे गए विज्ञापन के लिए 10 पैसे प्रति व्यू है.

2019 के अंत तक एमएक्स प्लेयर के भारत में 280 मिलियन से अधिक सक्रिय मासिक उपयोगकर्ता हो चुके थे, जो देश के अन्य ओटीटी प्लेटफौर्म के मुकाबले अधिक संख्या थी. गत वर्ष इंगलैंड व अमेरिका में भी यह देखा जाने लगा है. इस के अलावा अब एमएक्स प्लेयर दूसरे निर्माता से उन की वैब सीरीज या फिल्म के प्रसारण अधिकार लेने के बजाय स्वयं मौलिक कार्यक्रम बनाने की दिशा में प्रयासरत है.

लेकिन वैब सीरीज ‘आश्रम अध्याय 1’ और ‘अध्याय 2’ की संयुक्त दर्शक संख्या एक बिलियन रही. इस से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस प्लेटफौर्म के उपयोगकर्ताओं का आधार कितना विशाल है. इसी वजह से इस प्लेटफौर्म पर लोग विज्ञापन देना पसंद करते हैं.

प्रत्येक ऐपिसोड में लगभग 6-7 विज्ञापन होते हैं. हर विज्ञापन की अवधि 30 सैकंड से ले कर 2 मिनट तक की होती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वैब सीरीज के दोनों अध्याय को मिला कर करीब 6 बिलियन विज्ञापन देखे गए. लेकिन ‘एमएक्स प्लेयर’ की हर वैब सीरीज या फिल्म को इतने दर्शक नहीं मिल रहे हैं.

निर्माताओं के साथ ऐग्रीमैंट

‘एमएक्स प्लेअर’ अपने प्लेटफौर्म पर किसी भी वैब सीरीज या फिल्म के प्रसारण के अधिकार हासिल करने के लिए 15 पन्नों का लंबाचौड़ा ऐग्रीमैंट करता है. इस के अनुसार ‘एमएक्स प्लेयर’ पूरे 24 माह तक सारे अधिकार रखता है. इस बीच वह कंटैंट का किसी भी रूप में उपयोग कर सकता है और अपने हिसाब से उस में विज्ञापन आदि जोड़ कर स्ट्रीम करेगा.

इस के एवज में ‘एमएक्स प्लेयर’ निर्माता को महज उस फिल्म या वैब सीरीज के लिए मिले नैट विज्ञापन राशि का सिर्फ 40-60% ही दिया जाता है. यह प्रतिशत निर्माता व कंटैंट को देख कर तय होता है जब कि ऐग्रीमैंट बनाने के खर्च से ले कर स्टांप ड्यूटी तक का खर्च भी निर्माता को ही वहन करना पड़ता है.

ऐग्रीमैंट के अनुसार हर तीन माह में इस का हिसाब किया जाता है और निर्माता को देय राशि, उस के बाद 60 दिन में देने की बात कही गई है. लेकिन अब तक कई निर्माताओं से बात करने से पता चला कि किसी को भी ‘एमएक्स प्लेयर’ से कोई रकम नहीं मिली. लेकिन सभी निर्माता फिलहाल चुप रहने में ही अपनी भलाई सम झ रहे हैं.

वास्तव में यदि अब तक ‘एमएक्स प्लेयर्स’ पर प्रसारित फिल्मों पर गौर किया जाए, तो ज्यादातर कम बजट वाली फिल्में या वैब सीरीज ही ज्यादा प्रसारित हुई हैं. इसी बीच ‘आश्रम’ सहित कुछ बड़ी वैब सीरीज भी प्रसारित हुईं. ‘एमएक्स प्लेयर’ की इस नीति के चलते अभी तक छोटे निर्माताओं को आर्थिक रूप से कोई लाभ भले न हुआ हो, मगर उन छोटे निर्माताओं का इस माने में भला हो गया कि कई वर्षों से डब्बे में बंद उन की फिल्में दर्शकों तक पहुंच गईं. एमएक्स प्लेयर ने कुछ फिल्मों को वैब सीरीज के नाम पर कई ऐपीसोडों में विभाजित कर के भी स्ट्रीम किया.

मगर अफसोस की बात यह है कि ‘एमएक्स प्लेयर’ की तरफ से किसी भी वैब सीरीज या फिल्म का सही ढंग से प्रचार नहीं किया जाता. ‘आश्रम’ या ‘बिसात’ जैसी वैब सीरीज, जिन के निर्माण से बड़े निर्माता जुड़े हुए हैं, इन के विज्ञापन जरूर दिए गए. वैसे ‘एमएक्स प्लेयर’ की पीआर टीम तो खुद को किसी से कम नहीं सम झती. वास्तव में पीआर टीम की कोई जवाबदेही तय नहीं है.

पीआर टीम पत्रकारों को प्रैस रिलीज भेज कर अपने कर्तव्यों की ‘इतिश्री’ सम झ लेती है. इस का खमियाजा ‘एमएक्स प्लेयर’ के साथ ही इस प्लेटफौर्म पर अपनी वैब सीरीज या फिल्म देने वाले निर्माताओं को भी भुगतना पड़ रहा है.

‘एमएक्स टकाटक’ और ‘एमएक्स गेमिंग’

‘‘एमएक्स प्लेयर’’ के 2 अन्य प्लेटफार्म हैं- ‘‘एमएक्स टकाटक’’ और ‘‘एमएक्स गेमिंग.’’ ‘एमएक्स गेमिंग’ तो काफी चर्चित ऐप है. वास्तव में दर्शक किसी वैब सीरीज या फिल्म को देखते समय विज्ञापन मजबूरी में देखता है. मगर गेमिंग ऐप पर वह स्वयं चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा विज्ञापन हों, जिस से उस के बोनस पौइंट बढ़ जाएं.

इस संबंध में करण बेदी ने कहा है, ‘‘जहां तक ग्राहकों का सवाल है, तो गेमिंग एक ‘इंगेजमैंट’ और विज्ञापन के लिए सब से अच्छे प्लेटफौर्मों में से एक है. भारत अभी भी सब्सक्रिप्शन वीडियो औन डिमांड फ्रैंडली के बजाय बहुत एडवर्टाइजिंग वीडियो औन डिमांड फ्रैंडली मार्केट है.

इसलिए जब हम वीडियो में कोई विज्ञापन दिखाते हैं या उस व्यक्ति को प्रदर्शित करते हुए कहते हैं, ‘ठीक है, मु झे अपने वीडियो को जारी रखने के लिए विज्ञापन को देखना होगा.’ गेमिंग में इस के विपरीत, गेमर्स अधिक विज्ञापन चाहते हैं क्योंकि यह विज्ञापन उन के खेल में अलगअलग सकारात्मक परिणाम लाते हैं. इसलिए यदि आप एक अतिरिक्त जीवन चाहते हैं, या आप खेल में एक शक्ति चाहते हैं तो विकल्प यह है कि इसे खरीदें या विज्ञापन देखें. ज्यादातर लोग विज्ञापन देखना पसंद करते हैं. हर जगह लोग किसी भी तरह से विज्ञापनों से बचना चाहते हैं, मगर यहां गेम खेलने वाला अधिक बोनस पौइंट पाने के लिए और अधिक विज्ञापन की मांग करते हैं.

यदि आप वास्तव में चाहते हैं कि आप का ब्रैंड दर्शकों के साथ प्रतिध्वनित हो, तो इसे लगाने का सही स्थान वह है जहां लोग इसे मजबूरी के रूप में अधिक दोस्ताना तरीके से देखना चाहते हैं. इसलिए गेमिंग ऐंगेजमैंट और हमारे राजस्व में वृद्धि के लिए एक बहुत ही सकारात्मक बदलाव है.

टिकटौक पर पाबंदी

जहां तक ‘एम एक्स टकाटक’ का सवाल है, तो भारत में चाइनीज ऐप ‘टिकटौक’ बच्चों से ले कर बूढ़ों तक काफी लोकप्रिय रहा है. कईर् लोगों ने ‘टिकटौक’ बन कर काफी धन कमाया. मगर चीन से संबंधों में कड़वाहट आने के बाद भारत सरकार ने कई ‘टिकटौक’ सहित कई और चाइनीज ऐपों पर पाबंदी लगाई. ‘टिकटौक’ के बंद होते ही उसी तर्ज पर ‘एमएक्स प्लेयर’ तुरंत ‘एमएक्स टकाटक’ ले कर आ गया और उसे सब से बड़ा फायदा यह हुआ कि ‘टिकटौक’ पर लोकप्रियता बटोर चुके आधे से ज्यादा मौलिक कंटैंट बनाने वाले लोग ‘एमएक्स टकाटक’ के संग जुड़ गए.

एमएक्स टकाटक से जुड़ने पर लोगों को एक फायदा यह हो रहा है कि उन्हें उन की लोकप्रियता के आधार पर ‘एमएक्स प्लेयर’ की वैब सीरीज या फिल्म से जुड़ने के साथसाथ बौलीवुड से भी जुड़ने का अवसर मिलने की संभवनाएं हैं. इसलिए ‘एमएक्स प्लेयर’ के कर्ताधर्ताओं को यकीन है कि ‘एमएक्स टकाटक’ एक दिन ‘टिकटाक’ से अधिक लोगों तक पहुंच जाएगा.

‘एमएक्स प्लेयर’ की कार्यशैली में तमाम कमियां हैं, यदि इन पर गौर कर के सुधार किया जाए तो इस तरह के ओटीटी प्लेटफौर्म और अधिक लोकप्रिय हो सकते हैं. वैसे भी ‘प्राइस वाटर हाउस कूपर्स’ के अनुसार दुनिया में दूसरे सब से बड़े इंटरनैट बाजार के रूप में जाना जाने वाले भारत देश में वीडियो स्ट्रीमिंग का बाजार अगले 4 वर्षों में 1.7 बिलियन डौलर का होने वाला है.

  उपयोगकर्ता हैं मगर दर्शक

‘एमएक्स प्लेयर’ के मासिक उपयोगकर्ताओं की संख्या 280 मिलियन से भी अधिक है. इस के बावजूद ‘एमएक्स प्लेयर’ के दावे के ही अनुसार ‘चक्रव्यूह’ को महज 70 मिलियन, ‘बुलेट्स’ को 68 मिलियन, ‘डैंजर्स’ को 48 मिलियन लोगों ने ही देखा. यह महज प्रचार की कमी और वैब सीरीज की गुणवत्ता में कमी का ही नतीजा है.

  ‘एमएक्स प्लेयर’ को 100 से 150 मिलियन डौलर के निवेश  की तलाश

इन दिनों चर्चा है कि ‘एमएक्स प्लेयर’’ करीब 150 मिलियन डालर की राशि जुटाने के लिए प्रयत्नशील है. सूत्रों की मानें तो वर्तमान निवेशक ‘टेनसेंट’ अमेरिकन कंपनी के साथ हाथ मिलाने की तैयारी कर रहा है और उस के बाद हो सकता है कि इस का नाम बदल कर ‘यूनीकार्न’ हो जाए. पर इस संबंध में स्पष्ट कुछ नहीं है. न्यूयौर्क स्थित मर्चेंट बैंक राइन गु्रप इस सौदे पर एमएक्स प्लेयर को सलाह दे रहा है.

राइन अपने स्वयं के पैसे के साथ नए दौर में भी भाग लेने की संभावना है. पर ‘एमएक्स प्लेयर’ की तरफ से इस की पुष्टि नहीं की गई

  कुछ चर्चित वैब सीरीज

‘एमएक्स प्लेयर’ ने अब तक ‘हे प्रभु,’ ‘थिंकिस्तान’ और ‘अपरिपक’ सहित तमाम वैब सीरीज को बड़े पैमाने पर कालेज के छात्रों को लक्ष्य कर के बनाया. लेकिन कंपनी धीरेधीरे क्वीन जैसी वैब सीरीज के साथ मंच को पौपुलर कर रही है.

इतना ही नहीं पोंगा पंडितों की पोल खोलने वाली ‘आश्रम’ जैसी वैब सीरीज भी स्ट्रीम की. मादक द्रव्यों, ड्रग्स के कारोबार के इर्दगिर्द घूमती कहानी पर वैब सीरीज ‘हाई’ उस वक्त प्रसारित हुई, जब बौलीवुड में ड्रग्स की जांच एनसीबी कर रही थी. इस के अलावा ‘रक्तांचल,’ ‘भौकाल,’ ‘आप के कमरे में कौन रहता है,’ ‘बुलेट्स,’ ‘शोर इन द सिटी’ ‘चक्रव्यूह,’ ‘द मिसिंग स्टोन,’ ‘पतिपत्नी और पंगा,’ ‘बीहड़ का बागी,’ ‘हैलो मिनी,’ ‘एक थी बेगम,’ ‘विश लिस्ट’ जैसी वैब सीरीज के साथ ही ‘आखेट,’ ‘लंगड़ा राज कुमार’ जैसी कई छोटे बजट की फिल्में स्ट्रीम हो रही हैं.

इसी 26 अप्रैल से विक्रम भट्ट की रहस्य रोमांच प्रधान वैब सीरीज ‘बिसात’ भी स्ट्रीम होना शुरू हुई है. ज्ञातव्य है कि यह ओटीटी प्लेटफौर्म बोल्डनैस व सैक्स को ज्यादा परोसता आ रहा है..

दूसरी बार मां बनने वाली हैं नेहा धूपिया, पति और बेटी के साथ फ्लॉन्ट किया बेबी बंप

बीते कई दिनों शादी से लेकर नए मेहमान का घर में आने का सिलसिला जारी है. हालांकि इस दौरान इंडस्ट्री से बुरी खबर भी सुनने को मिली थी. इसी बीच बौलीवुड एक्ट्रेस नेहा धूपिया ने अपनी दूसरी प्रैग्नेंसी की खबर से फैंस को चौंका दिया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

बेबी बंप की शेयर की फोटो

 

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एक्ट्रेस नेहा धूपिया (Neha Dhupia) ने फैंस को अपनी दूसरी प्रैग्नेंसी की खुशखबरी दी है.  दरअसल, नेहा धूपिया ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक फोटो पोस्ट की है, जिसमें वह पति अंगद बेदी और बेटी मेहर के साथ नजर आ रही हैं. वहीं फोटो में उनका बेबी बंप साफ नजर आ रहा है.

 

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फोटो के साथ लिखा खास मैसेज

 

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प्रैग्नेंसी की खबर शेयर करते हुए नेहा धूपिया ने लिखा, ‘इस फोटो का कैप्शन सोचने में 2 दिन लग गए. सबसे बेहतरीन कैप्शन जो हम सोच पाए. वो था, ‘थैंक यू गॉड.’ वहीं नेहा के पति अंगद ने भी फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘घर का नया प्रोडक्शन जल्द ही आ रहा है.’

 

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बता दें, रोडीज में नजर आने वाली नेहा धूपिया मिस इंडिया भी रह चुकी हैं. वह कई बौलीवुड फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं.  वहीं 10 मई 2018 को नेहा धूपिया ने अंगद बेदी संग शादी की थी, जिसके बाद उनकी बेटी मेहर का जन्म हुआ था. हांलांकि नेहा धूपिया कई बार सोशलमीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार भी हो चुकी हैं. लेकिन उनका मानना है कि उन्हें इस ट्रोलिंग से कोई फर्क नही पड़ता.

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करीना कपूर की छोटे बेटे ‘जेह’ की फोटो हुई वायरल! तैमूर से तुलना कर रहे फैंस

बौलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर खान आए दिन किसी ना किसी बात पर ट्रोलिंग का सामना करती रहती हैं. दरअसल, हाल ही में रिलीज हुई अपनी बुक ‘प्रेग्नेंसी बाइबल’ को लेकर करीना सोशलमीडिय पर छाई हुई थीं. वही अब उनके दूसरे बेटे जेह की फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो गई है, जिसे देखकर फैंस का रिएक्शन देखने को मिल रहा है. आइए आपको दिखाते हैं फोटोज की झलक…

किताब में देखने मिली अनदेखी फोटोज


दरअसल, करीना की बुक ‘प्रेग्नेंसी बाइबल’ से उनके बेटे की फोटो वायरल हुई है, जिसे देखकर फैंस दावा कर रहे हैं कि ये उनके दूसरे बेटे जेह की फोटोज हैं. जबकि करीना कपूर खान ने जेह के जन्म से अब तक एक भी फेस दिखाते हुए फोटोज शेयर नही की हैं. वहीं फोटोज देखने के बाद फैंस उनके बेटे को तैमूर की तरह ही प्यार दे रहे हैं.

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किताब में की अनकही बातें शेयर

 

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दरअसल करीना ने अपनी किताब में मां बनने के सफर को लेकर अनकहे किस्से शेयर किए हैं. उन्होंने लिखा, ‘तैमूर के जन्म के वक्त मुझे नहीं पता था कि बच्चे के पूप को कैसे साफ करते हैं या डायपर कैसे पहनाते हैं. मेरे ठीक से डायपर ना पहना पाने के कारण तैमूर का टॉयलेट कई बार लीक हो जाता था. वहीं दूसरी तरफ करीना ने एक मां के तौर पर यह भी सलाह दिया है कि बच्चे के जन्म के बाद ज्यादा से ज्यादा काम न करें. वह काम करें जो आसान है, क्योंकि अगर मां कंफरटेबल फील करेगी तो बच्चा भी इसे महसूस करता है.

बता दें, हाल ही में सोशलमीडिया पर वायरल हुआ था कि करीना कपूर खान के दूसरे बेटे का नाम जेह रखा गया है. हालांकि कहा जा रहा है कि उनका नाम मंसूर रखा जाएगा, जो कि उनके दादा के नाम पर रखा जाएगा.

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REVIEW: जानें कैसी है फरहान अख्तर की स्पोर्ट्स फिल्म ‘Toofan’

रेटिंगः तीन स्टार

निर्माताः रितेश सिद्धवानी, फरहान अख्तर, राकेश ओमप्रकाश मेहरा

निर्देशकः राकेश ओमप्रकाश मेहरा

कलाकारः फरहान अख्तर, मृणाल ठाकुर, परेश रावल, विजय राज,  मोहन अगाशे, हुसेन दलाल,  दर्शन कुमार, सुप्रिया पाठक, अभिषेक खंडेकर, गगन शर्मा, राकेश ओमप्रकाश मेहरा व अन्य.

अवधिः दो घंटे 42 मिनट

ओटीटी प्लेटफार्मः अमेजॉन प्राइम वीडियो

मशहूर धावक स्व.  मिल्खा सिंह के जीवन पर फिल्म बना चुके फिल्मकार राकेश ओप्रकाश मेहरा इस बार एक दूसरे स्पोर्ट्स बाक्सिंग पर फिल्म‘‘तूफान’’लेकर आए हैं, जो कि अमेजॉन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही है.

कहानीः

कहानी शुरू होती है जफर(विजय राज)  के इशारे पर एक रेस्टारेंट के मालिक व उसके गुर्गों की डोंगरी के युवा गैंगस्टर अजीज अली(फरहान अख्तर)  द्वारा पिटाई करने से. उसके बाद अपनी मरहम पट्टी कराने वह अस्पताल जाता है,  जहां डॉं. अनन्या प्रभु(मृणाल ठाकुर )  उसे गैंगस्टर कह कर बाहर बैठने के लिए कह देती है. डॉं.  अनन्या का मानना है कि हर इंसान अपनी पसंद से ही अच्छा या बुरा इंसान बनता है. जबकि नर्स मिसेस डिसूजा(सुप्रिया पाठक ) ऐसा नही मानती. नर्स मिसेस डिसूजा उसके घाव की सफाई करने के बाद डॉ.  अनन्या से उसकी मरहम पट्टी करने के लिए कहती है. डॉं. अनन्या की बातों का अजीज अली पर काफी गहरा असर होता है. वास्तव में अजीज अली अनाथ है और उसे माफिया नेता जफर ने पाला है. अजीज अली, जफर के लिए वसूली करने का काम करता है और जो धन उसे मिलता है, उसे वह एक अनाथालय के बच्चो में खर्च करता रहता है. दूसरी बार वह मशहूर बॉक्सिंग कोच नाना प्रभू(परेश रावल)  के पास बॉक्सिंग सीखने जाता है, तो अजीज अली के एटीट्यूड के चलते उनके बाक्सर से पिटकर पुनः डॉं. अनन्या के पास पहुॅचता है. इस बार डां.  अनन्या कहती है कि उसे तय करना है कि उसे बॉक्सर बनना है या गैंगस्टर.

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डॉ.  अनन्या के पिता तथा बॉक्सिंग कोच नाना प्रभू बम विस्फोट में अपनी पत्नी सुमिति को खो चुके हैं. इसलिए उनकी नजर में हर मुस्लिम अपराधी है. फिर भी वह अजीज अली में मौजूद ताकत को देखकर उसे एक गैंगस्टर और बाक्सर के अंतर को समझाते हुए उसे बॉक्ंिसग की कोचिंग देते हैं. अजीज अली राज्य स्तर पर बाक्सिंग में विजेता बनता है और नाना प्रभू उसे तूफान नाम देते हैं. इसी बीच नाना प्रभू को पता चलता है कि उनकी बेटी के साथ अजीज अली उर्फ तूफान शादी करने की सोच रहे हैं, यह बात उन्हे पसंद नहीं आती. वह इसे ‘लव जेहाद’ की संज्ञा देते हैं. मगर पिता के खिलाफ जाकर डां. अनन्या, अजीज अली से शादी करने के लिए घर छोड़ देती है. अनन्या हिंदू है और वह धर्म परिवर्तन नही करना चाहती,  इसलिए मुस्लिम बस्ती में भी किराए का मकान नही मिलता. एक किराए के घर के लिए आठ लाख डिपोजिट और अस्सी हजार मासिक किराया देना है. फिलहाल डॉ.  अनन्या औरतों के होस्टल में रहने लगती है. अजीज अली उर्फ तूफान दिल्ली राष्ट्रीय बौक्सिंग चैंपियन प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जाता है,  जहां बारह लाख की रकम लेकर बॉक्सिंग रिंग में हार जाता है, मगर उस पर मैच फिक्सिंग का आरोप सही साबित होने के चलते पांच वर्ष का बाक्सिंग खेलने पर प्रतिबंध लग जाता है. इस घटनाक्रम से नाना प्रभू की इज्जत पर भी धब्बा लगता है. डॉ.  अनन्या भी नाराज होकर उससे संबंध खत्म करने का निर्णय लेती है, पर अजीज अली का मैनेजर कहता है कि सारी गलती उसकी है. उसके बाद अजीज अली और डॉ.  अनन्या कोर्ट मैरिज कर लेते हैं. नर्स डिसूजा उन्हे अपना मकान किराए पर रहने के लिए देती है. डॉ. अनन्या एक बेटी को जन्म देती है. अब अजीज अली ने ट्यूरिस्ट का व्यापार शुरू कर दिया है. सब कुछ खुश हैं. नाना प्रभू ने जरुर संबंध खत्म कर दिए हैं. पांच वर्ष बाद अजीज अली पर से प्रतिबंध हट जाता हैलेकिन अजीज अली को अब बाक्सिंग में रूचि नही है. उधर डा. अनन्या उसका बौक्सिंग का लायसेंस लेकर आते समय सड़क  पर बम विस्फोट में मारी जाती हैं. अब पत्नी अनन्या के लिए वह पुनः बौक्सिंग में उतरता है. कहानी में कई मोड़ आते हैं.

लेखन व निर्देशनः

कहानी में कुछ भी नयापन नही है. फिल्म में जिस अंदाज में ‘लव जेहाद’और हिंदू मुस्लिम की बात पिरोयी गयी है, वह कम से कम फिल्मकार राकेश ओमप्रकाश मेहरा की शैली से मेल नही खाता. मगर राकेश मेहरा की निर्देशन में जबरदस्त वापसी जरुर कही जा सकती है. फिल्म के दृश्यों को जिस तरह से उन्होने गढ़ा है, वह कमाल के हैं. इतना ही नही राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने अपनी चिर परिचित शैली के अनुसार खेल संघों में व्याप्त भ्रष् टाचार पर भी कुठाराघात किया है तो वहीं खेल के प्रति युवाओं की बदलती सोच का भी सटीक चित्रण किया है. फिल्म की लंबाई अखरती है. फिल्म का दूसरा हिस्सा शानदार है. पर फिल्म की लंबाई अखरती है.

कहानी में कुछ नयापन नही है. इस तरह की कहानी कई बार बन चुकी हैं. जिन्होने ‘मैरी कॉम’, ‘दंगल’,  सुल्तान’, ‘साला खड़ूस’देखी है, उन्हे बार बार यही अहसास होगा कि वह एक पुरानी कहानी देख रहे हैं. प्रेमिका से प्रेरणा लेकर जिंदगी बदल लेने वाली कहानियां भी कई फिल्मों में दोहरायी जा चुकी हैं.  मगर दूसरी फिल्मो से इतर फिल्म‘‘तूफान’’एक मुक्केबाज की जिंदगी में सब कुछ खो देने के बाद पुनः वापसी की कहानी है. बहरहाल, राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने ‘तूफान’से साबित कर दिखाया कि एक बेहतरीन पटकथा और बेहतरीन निर्देशन से चिरपरिचित सी लगने वाली कहानी पर भी कितनी बेहतरीन फिल्म बन सकती है.

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अभिनयः

अजीज अली के किरदार में फरहान अख्तर ने बेहतरीन अभिनय किया है. उन्होने मुंबई के डोंगरी इलाके में रहने वाले लड़की की बोलचाल की भाषा और बॉडी लैंगवेज को भी सटीक ढंग से पकड़ा है.  वहीं अनन्या के किरदार में मृणाल ठाकुर अपना प्रभाव छोड़ जाती हैं. बाक्सिंग कोच नाना प्रभू के किरदार में परेश रावल ने काफी सधा हुआ अभिनय किया है. अजीज अली के दोस्त के किरदार में हुसेन दलाल भी अपने उत्कृष्ट अभिनय से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाने में सफल रहे हैं. सुप्रिया पाठक, विजय राज और दर्शन कुमार की प्रतिभा को जाया किया गया है.

Youth को बॉडी बिल्डिंग के बारें में क्या कहना चाहते है फरहान अख्तर, पढ़ें इंटरव्यू

‘कोविड 19 की वजह से समय कुछ ऐसा आया है कि जो कुछ प्लानिंग किसी ने भी भविष्य के लिए आज से डेढ़ साल पहले किया है, वह अब प्लान नहीं रहा, सबकी शिड्यूल और टाइमिंग अलग हो चुकी है. मैं जिस कहानी का निर्देशन करना चाहता हूं या जिस लोकेशन पर उसे करना चाहता हूं, उसे कर पाऊंगा या नहीं, इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता. जब काम करने की क्लियरिटी मिलेगी, तब मैं आगे किसी फिल्म का निर्देशन करूँगा’… ये कहना है अभिनेता फरहान अख्तर का. उनकी फिल्म ‘तूफान’ अमेजन प्राइम विडियो पर रिलीज होने वाली है.

फ़िल्मी परिवार में पैदा होने के बावजूद फरहान अख्तर ने परिवार के किसी का सहारा नहीं लिया और अपने बलबूते पर इंडस्ट्री मेंपहचान बनायी. वे आज एक निर्माता,निर्देशक के अलावा अभिनेता, पटकथा लेखक और सिंगर भी है. इस दौरान फिल्मों की सफलता और असफलता का दौर भीआया, पर उन्होंने इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया. उनसे बात हुई पेश है कुछ अंश.

सवाल-ये फिल्म थिएटर में नहीं, ओटीटी पर रिलीज हो रही है, क्या आपको कोई रिग्रेट है?

फिल्म को थिएटर में रिलीज होगी, ऐसा सोचकर बनाई गई थी, लेकिन पिछले डेढ़ सालों में जो हालत कोरोना की वजह से पूरे विश्व में हुई है, ऐसे में मेरी फिल्म अगर ओटीटी पर रिलीज हो रही है, तो मैं खुद को खुशकिस्मत समझता हूं, क्योंकि इस समय किसी को भी थिएटर में जाना ठीक नहीं और थिएटर खुले भी नहीं है. निर्देशक राकेश ओमप्रकाश  मेहरा ने एक दिन मुझसे कहा था कि पेंडेमिक की वजह से घरों में रहने वाली छोटी स्क्रीन आज बड़ी हो चुकी है. यही एक डिवाइस मनोरंजन का साधन है और इसके द्वारा मेरी फिल्म पूरे विश्व में करोड़ो लोगों को दिखाई जायेगी. 7करोड़ जनसँख्या पूरे विश्व में देख सकते है और यही मेरे लिए सौभाग्य की बात है. मुझे कोई रिग्रेट नहीं है, क्योंकि कोविड की वजह से दुनिया में फिल्मों की मार्केटिंग बहुत बदली है और हमें भी एक कदम आगे बढ़कर इसे अपनाने की जरुरत है.

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सवाल-क्या ओटीटी पर फिल्म रिलीज होने पर बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का प्रेशर कम रहता है?

फिल्म देखने पर सभी फिल्म में परफोर्मेंस की तारीफ करते है. फिर चाहे वह थिएटर हॉल में हो या घर में छोटी स्क्रीन पर, इसलिए मैंने कभी भी किसी फिल्म को लेकर प्रेशर महसूस नहीं किया. यह एक जिम्मेदारी होती है, जिसमें मैं अपने परफोर्मेंस पर अधिक ध्यान देता हूं. अगर दर्शकों को परफोर्मेंस सही दिखा, तो एक अभिनेता के नाते मेरा काम हो गया.

सवाल-आप एक बार फिर से स्पोर्ट्स फिल्म कर रहे है, क्या आपको स्पोर्ट्स फिल्में करना अधिक पसंद है?

मुझे फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ और तूफान’ फिल्म में भी काम करने का मौका मिला. दोनों फिल्मों की कहानियों, परफोर्मेंस और खुद से बहुत कुछ सीखा है.

सवाल-फरहान, आपने इस फिल्म में अपनी बॉडी पर बहुत काम किया है और एक मसल्स वाले बॉक्सर की भूमिका निभाई है, क्या फिल्मों के लिए इस तरह के एक्सपेरिमेंट करना शरीर के लिए सही होता है?

फिल्म में दिखाए बॉडी को देखकर खुद उसे करने की कोशिश कभी न करें. फिटनेस हमेशा सही होता है, लेकिन इस क्षेत्र के किसी एक्सपर्ट के साथ बॉडी बनाने की कोशिश करनी चाहिए. बहुत सारे यूथ फिल्मों को देखकर खुद वैसी बॉडी बना लेने की कोशिश करते है, जो गलत है. बॉडी बिल्डिंग एक विज्ञान है और उसके अनुसार कितना वर्कआउट,कितना सोना, पानी पीना, डाइट, व्यायाम आदि को व्यक्ति की शारीरिक बनावट के आधार पर करना सही होता है. एक्सपर्ट के बताये रास्ते पर चलना जरुरी है. ट्रेनर और न्यूट्रीशियन ही सही तरीका बता सकते है. इस फिल्म में मैंने जो भी किया है, उसमें बॉक्सिंग की टीम, मेरे ट्रेनर समीर जारा, डॉ. आनंद फिजियोथेरेपिस्ट आदि के अनुसार मैंने 8 महीने की ट्रेनिंग शूटिंग से पहले लिया है. हर हफ्ते 6 दिन और 5 घंटा हर दिन सब वे मोनिटर करते थे. मुझे मोटा दिखना है, लेकिन मेरा वजन बढ़ नहीं रहा था. मेरी लाइफ में कभी भी मैं 74 किलो से अधिक वजन का नहीं रहा, लेकिन इस फिल्म में मैं 86 किलो तक का वजन बढाया था. मैं उस समय 3 हज़ार कैलरी से अधिक खा रहा था. मेरा माइंड मेरे इस काम को रिफ्यूज कर रहा था. 78से 79 के बीच सूई अटक गयी. उस समय कड़े कदम उठाने पड़े, वह मेरे लिए बहुत कठिन काम था. ऐसी फिटनेस के लिए एक एक्सपर्ट का साथ होना बहुत जरुरी है.

सवाल-आज के यूथ कई बार जिम के बाद प्रोटीन शेक ले लेते है, क्या इसे लेना सही होता है? आपकी राय क्या है?

प्रोटीन शेक लेना गलत नहीं, इससे मसल्स को ताकत मिलती है और ये जरुरी भी है. अगर आप बहुत अधिक वर्कआउट करते है, तो भोजन के द्वारा उसे पूरा करना संभव नहीं होता, इसलिए प्रोटीन शेक लेना पड़ता है. बॉडी बनाने के लिए कुछ चीजों से हमेशा दूर रहना चाहिए, मसलन स्टेरॉयड लेना, किसी तरह का इंजेक्शन लगाना और गोलियां खा लेना, ये सब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, क्योंकि इसके साइड इफ़ेक्ट बहुत ख़राब होते है. बॉडी बनाने के लिए बॉडी को समय दीजिये, इससे थोड़े दिनों बाद ही आपको इसका रिजल्ट मिल जायेगा.

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सवाल-कोरोना काल और लॉकडाउन में आपका समय कैसे बीता ?

इस समय में कभी अच्छा तो कभी ख़राब रहा, लेकिन मैं अपने परिवार और दोस्तों के साथ कभी-कभी मिला करता था, किताबे पढना, फिल्मों को देखना आदि करने का समय मिला है, लेकिन इस दौरान बहुत सारें ऐसे दृश्य भी देखने को मिले, जिससे मन बहुत दुखी होता था. ऐसे कई लोग थे, जो अपने प्रिय व्यक्ति को अपने आँखों के सामने कोविड की वजह से खो रहे थे और उन्हें अंतिम दर्शन भी नहीं कर पा रहे थे. मैंने इस दौरान सोशल मीडिया के ज़रिये जरुरत मंदों की सेवा की है. पिछले कुछ महीने कुछ भी सही नहीं था.

बेटे की मां बनीं एक्ट्रेस Dia Mirza, 4 महीने पहले की थी दूसरी शादी

बीते दिनों बॉलीवुड एक्ट्रेस दीया मिर्जा ने अचानक शादी और प्रैग्नेंसी की खबर से फैंस को चौंका दिया था, जिसके कारण उन्हें ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ा था. इसी बीच दीया मिर्जा ने अपने मां बनने की खबर से फैंस को चौंका दिया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर….

शादी के 4 महीने बाद बनीं मां 

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दीया मिर्जा ने हाल ही में अपने फैंस को जानकारी दी है कि वो दो महीने पहले ही मां बन चुकी हैं. दरअसल, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया कि उन्होंने 14 मई को एक बेटे को जन्म दिया है जिसका नाम अव्यान आजाद रखा है. वहीं उन्होंने ये भी बताया कि उनका बेबी सी सेक्शन औपरेशन के जरिए हुआ है.

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लिखा इमोशनल पोस्ट

 

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दीया मिर्जा ने फैंस के साथ अपनी खुशी शेयर करते हुए एक इमोशनल पोस्ट करते हुए अपनी प्रैग्नेंसी में आने वाले कौम्पलीकेशन्स की जानकारी दी. और बताया कि प्रीमैच्‍योर (Premature Baby) होने के चलते उनका बेटा अव्यान आजाद दो महीने से ICU में भर्ती है, जिसके चलते सभी फैंस और सेलेब्स उन्हें बधाई देने के साथ दुआएं दे रहे हैं.

बता दें, दीया मिर्जा ने 15 फरवरी 2021 को हैदराबाद में बिजनेसमैन वैभव रेखी से शादी की थी, जिनकी एक बेटी भी है. वहीं इसके बाद अचानक अपने हनीमून पर दीया मिर्जा ने अपनी प्रैग्नेंसी फोटोज शेयर करके फैंस को चौंका दिया था.

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क्या मां बनने वाली हैं सोनम कपूर? वीडियो देख फैंस ने पूछा सवाल

बौलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर (Sonam Kapoor) आए दिन सुर्खियों में रहती हैं. जहां लोग उनके फैशन के दीवाने हैं तो वहीं कई लोग उन्हें ट्रोल करने के नए-नए तरीके ढूंढते हैं. इसी बीच भारत लौटीं सोनम कपूर एक बार फिर कौंट्रवर्सी का शिकार हो गई हैं. दरअसल, हाल ही में इंग्लैंड से लौंटी सोनम को देखते ही फैंस कयास लगाने लग गए हैं कि क्या वह प्रैग्नेंट हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

मुंबई लौटीं सोनम कपूर

 

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कोरोना के चलते लंबे वक्त से इंग्लैंड के नॉटिंग हिल स्थित घर में रह रहीं सोनम कपूर हाल ही में अपनी फैमिली के पास पहुंचीं. जहां एयरपोर्ट पर पिता अनिल कपूर उन्हें लेने आए तो वह इमोशनल होती हुईं नजर आईं. इस दौरान वह एयरपोर्ट पर पति के बिना नजर आईं. दरअसल, काफी समय से अपनी फैमिली से दूर थीं, जिसके कारण वह फैमिली क काफी मिस कर रही थीं और इसी कारण वह इंडिया लौटी हैं.

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फैंस लगा रहे कयास

 

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वहीं एयरपोर्ट से वायरल हुई वीडियो देखकर फैंस ने कयास लगाना शुरु कर दिया है कि कहीं सोनम कपूर प्रैग्नेंट लगा रहे हैं. हालांकि सोनम बीते कई महीनों से अपनी अगली फिल्म ब्लाइंड की शूटिंग करती नजर आईं थीं. बता दें, सोनम कपूर ने साल 2018 में बिजनेसमैन आनंद आहूजा से शादी की थी, जिसके बाद वह फिल्मी दुनिया की काफी कम फिल्मों में नजर आईं थीं. वहीं इस कोरोना काल में उन्होंने अपनी पीसीओडी से जुड़ी बीमारी का भी खुलासा किया था, जिसे सुनकर फैंस चौंक गए थे.

बता दें, सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से सोनम कपूर नेपोटिज्म को लेकर ट्रोलिंग का सामना कर रही हैं. वहीं कई बार वह सोशलमीडिया से ब्रेक भी ले चुकी हैं. हालांकि उन्होंने इस बारे में फैंस के सामने अपनी बात भी रखी थी.

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फिल्म ‘मिमी’ में सरोगेटेड मदर के रोल में नजर आएंगी कृति सैनन, ट्रेलर हुआ वायरल

पिछले 15 वर्षों से बॉलीवुड में कार्यरत निर्माता दिनेश वीजन  ठोस पारिवारिक मनोरंजन वाली फिल्में परोसते आए हैं. जिनमें ‘बीइंग सर्कस’,  ‘हाईजैक’, ‘लव आज कल’, ‘कॉकटेल’,  ‘लेकर हम दिल दीवाना’,  ‘हैप्पी एंडिंग’, ‘बदलापुर’, ‘हिंदी मीडियम’,  ‘लुका छुपी’जैसी कई सफल फिल्मों का समावेश है. अब ‘जियो स्टूडियो’’के साथ मिलकर दिनेश वीजन एक फिल्म ‘‘मिमी’’लेकर आ रहे हैं, जिसका ट्रेलर आज जारी किया जा चुका है.

फिल्म‘‘मिमी’की कहानी सरोगेट मदर’के इर्द गिर्द घूमती है. यह फिल्म सफल मराठी फिल्म‘‘मला आई व्हायच’’का हिंदी रूपांतरण है, जिसे लक्ष्मण उतेकर ने निर्देशित किया है और इसमें मुख्य किरदार में कृति सैनन हैं. इसके अलावा इसमें पंकज त्रिपाठी व साई ताम्हणकर भी हैं. ,

इस अद्भुत कहानी में हास्य और भावनाओं का एक दिलकश मिश्रण है. फिल्म का ट्रेलर हमें ना सिर्फ गुदगुदाता है, बल्कि हंसाकर लोट-पोट भी करता है. फिल्म के ट्रेलर में पंकज त्रिपाठी और कृति सैनन के बीच कुछ दमदार कॉमिक टाइमिंग का अहसास होता है. इनके बीच की नोकझोक और केमिस्ट्री आपको उत्साहित होने पर मजबूर कर देती है. यह हमें कहानी की एक दिलचस्प झलक भी देता है. ट्ेलर के अनुसार यह कहानी एक उत्साही और बेपरवाह लड़की की अद्वित्यीय कहानी है,  जो जल्दी पैसा कमाने के लिए सरोगेट मदर बन जाती है. जब उसकी योजना अंतिम क्षण में बिगड़ जाती है, तो क्या सब कुछ खत्म जाता है? आगे क्या होता है? मिमी का ट्रेलर हमें निश्चित रूप से फिल्म के बारे में  कई अनुमान लगाने के लिए मजबूर कर देता है!

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फिल्म‘‘मिमी’’की चर्चा करते हुए निर्माता दिनेश विजन कहते है- “यह ट्रेलर फिल्म ‘मिमी’ की तरह ही गर्मजोशी,  उत्साह और हंसी से भरा है. यह हमारी पहली एक्सक्लूसिव ओटीटी रिलीज है, और सिनेमाघरों में परिवार के संग लौटने के लिए कुछ समय लग सकता है. ‘मिमी’ के साथ हम परिवारों के लिए उनके घरों में आराम से बैठकर देखने वाला एक अच्छा सिनेमा लाए हैं. हमें उम्मीद है कि कृति सैनन का प्यारा और हास्यपूर्ण अवतार ज्यादा से ज्यादा दर्शकों को खुशी देगा. इस फिल्म को ‘जियो सिनेमा’और ‘नेटफ्लिक्स’दो ओटीटी प्लेटफार्म एक साथ तीस जुलाई से स्ट्रीम करने वाले हैं. ’’

कृति सैनन अपने इंस्टाग्राम पर रिलीज की तारीख की घोषणा के साथ फिल्म का एक नया पोस्टर साझा कर चुकी हैं.  कृति सैनन कहती हैं-‘‘यह उपदेशात्मक या गंभीर नहीं है. ऐसा नहीं है कि आप सरोगेसी पर फिल्म देखने जा रहे हैं और यह एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म होगी. यह एक बहुत ही मनोरंजक फिल्म है,  जो हास्य से भरपूर है,  और बहुत सारे उतार-चढ़ाव से भरी है. मैंने जिस महिला की भूमिका निभाया है, उसकी तमन्ना फिल्म अभिनेत्री बनने की है. ’’

फिल्म‘‘मिमी’’में शामिल कई लोगों के पुनर्मिलन का प्रतीक है.  इस फिल्म में कृति सैनन,  पंकज त्रिपाठी,  निर्देशक लक्ष्मण उटेकर और निर्माता दिनेश विजान सफलतम रोमांटिक-कॉमेडी ‘लुका छुप्पी’ के बाद एक साथ आए हैं.

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‘जियो स्टूडियो ’ और दिनेश विजान की कंपनी मैडॉक फिल्म्स प्रोडक्शन निर्मित तथा लक्ष्मण उटेकर  निर्देशित फिल्म‘‘मिमी’’में कृति सैनन,  पंकज त्रिपाठी,  साई तम्हंकर,  सुप्रिया पाठक और मनोज पाहवा ने अभिनय किया है. लक्ष्मण उटेकर ने रोहन शंकर के साथ ‘मिमी’की कहानी और पटकथा लिखी है,  जिन्होंने संवाद भी लिखे हैं. यह फिल्म  30 जुलाई 2021 से जियो सिनेमा और नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होगी.

REVIEW: जानें कैसी है जिम्मी शेरगिल और आशा नेगी की फिल्म ‘Collar Bomb’

रेटिंगः दो स्टार

निर्माताः विक्रम मेहरा और सिद्धार्थ आनंद

निर्देशकः ज्ञानेश झोटिंग

कलाकारः जिम्मी शेरगिल, आशा नेगी, राजश्री देशपांडे, स्पर्श श्रीवास्तव,  नमन जैन व अन्य

अवधिः एक घंटा 26 मिनट

ओटीटी प्लेटफार्मः हॉट स्टार डिज्नी

’किसी को भी जाति-धर्म और रूप-रंग से देख कर उसके बारे में फैसला लेना गलत है. ’’ तथा ‘‘इंसान का एक गलत फैसला कितने गंभीर परिणाम दे सकता है’’इस बात को रेखांकित करने वाली रहस्य रोमांच प्र्रधान फिल्म‘‘कालर बम’’लेकर आए हैं निर्देशक ज्ञानेश झोटिंग. तीन लघु फिल्मों का लेखन व निर्देशन कर शोहरत बटोरने के बाद ज्ञानेश की बतौर निर्देशक ‘‘कॉलर बम’’ पहली फीचर फिल्म है. जो कि ‘हॉट स्टार डिजनी’पर स्ट्रीम हो रही है.

कहानीः

शिमला के नजदीक सनावर के पुलिस अफसर मनोज कुमार हेसी (जिम्मी शेरगिल )अपने 12 वर्षीय बेटे अक्षय(नमन जैन ) को पढ़ने के लिए दूसरी जगह भेजना चाहते हैं, क्योंकि वह चाहते हैं कि उनका बेटा अक्षय उनसे इतनी दूर रहे कि उनके अतीत की गलती का असर अक्षय पर न पड़े. उसके बाद वह बेटे अक्षय के साथ सनावर के ‘सेंट जॉर्ज स्कूल’ जाते हैं, जहां स्कूल की एक लड़की नेहा के गायब होने और हत्या की गुत्थी सुलझाई थी और आज स्कूल में नेहा की मौत पर शोक सभा है. स्कूल के प्रिंसिपल, पुलिस अफसर मनोज की प्रशंसा करते हैं, जबकि मनोज का ज्यूनियर नेगी उन पर कटाक्ष करता है. पर सुरक्षा गार्ड नेगी को बाहर ले जाते हैं. तभी गले में विस्फोटक लटकाए आत्मघाती हमलवार शोएब अली(स्पर्श श्रीवास्तव ) हाथ में बंदूक लिए पहुंचता है. और वहां मौजूद सभी बच्चों को बंधक बना लेता है. वह घोषणा करता है कि हर मां बाप को अपने बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए किसी एक का बलिदान देना होगा.

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कुछ देर बाद वह डायरी के कुछ पन्ने पढ़ते हुए मनोज हेती से कहता है कि उन्हे एक घंटे के अंदर तीन सही जवाब ढूढ़कर इसके गले में लटक रहे  तीन बटन सही कर सभी बच्चों को जीवित बचा सकते हैं. पता चलता है कि शोएब, रीटा नामक महिला के लिए काम कर रहा है. रीटा के कहने पर ही वह मनोज हेती से कुछ टॉस्क पूरा करवा रहा है. इसी बीच शोएब एक बच्ची को मार देता है.  दूसरी तरफ यह खबर आग की तरह फैल जाती है. एएसआई सुमित्रा अपने तरीके से जांच करते हुए बरकत अली के ढाबे पर पहुंचती है, तो पता चलता है कि शोएब कुछ समय तक बरकत अली के ढाबे पर काम करता रहा है और पब्लिक उस ढाबे को आतंकी को पनाह देने वाला मानकर फूंक देती है. एएसआई सुमित्रा (आशा नेगी) ढाबा चलाने वाले बुजुर्ग बरकत अली को बचाती है और भीड़ को उकसाने वाले नेता को एक्सपोज करती है. यहां मनोज हेसी के अतीत का वह सच समाने आता है, जिसकी वजह से यह सब हो रहा होता है. सुमित्रा को सारी गलती मनोज हेती में नजर आने लगती है. लोग समझ जाते हैं कि अतीत में की गई एक भूल का बदला मनोज हेसी से लिया जा रहा है.

लेखन निर्देशनः

फिल्म ‘कालर बम’ की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी इसकी कथा व पटकथा है. फिल्म का संदेश बेहतरीन है और कुछ रोमांचक दृश्य भी अच्छे गढ़े गए हैं, लेकन पूरी कहानी व पटकथा फिल्म को मटियामेट कर देती है. आत्मघाती हमलावर शर्त रखता है कि हर बच्चे के माता पिता में से किसी एक को बलिदान देना होगा, पर चंद मिनटों में कहानी पुलिस अफसर मनोज पर जाकर टिक जाती है. फिल्म का रहस्य उसी वक्त खत्म सा हो जाता है, जब शिमला के स्कूल की शिक्षक रीटा(राजश्री देशपांडे ) पहाड़ी की बजाय मराठी भाषा में गीत गाती है. फिल्म का क्लायमेक्स और अंत उत्साहित नही करता. कहानी के बीच में हो रही हत्याएं व कुछ लोगों की निजी जिंदगी, मैथ्यू नामक लड़के की  कहानी से लोगो की समझ में नही आता कि आखिर यह सब क्यों हो रहा है?हमलावर की पहली शर्त हो या मैथ्यू की जिंदगी का मसला बस कुछ बेवजह ठूंसा सा लगता है. हमलावर कौन है, क्यों है, कुछ भी स्पष्ट नही होता. कभी लगता है कि यह आतंकी हमला है और कभी हिंदू-मुस्लिम जैसा रंग दिखता है.

फिल्म के समापन के समय का संवाद -‘‘जिंदगी सिर्फ एक कड़ी है. हमारे लिए हुए फैसलो से बनी एक कड़ी. . . इंसान का एक गलत फैसला कितना गंभीर परिणाम ला सकता है. . ’’को नजरंदाज कर दे, तो फिल्म के संवाद असरदार नही है.

कैमरामैन जीतन हरमीत सिंह ने हिल स्टेशन की खूबसूरती को बेहतरीन ढग से पेश किया है.

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अभिनयः

पूरी फिल्म में जिमी शेरगिल ने शानदार अभिनय किया है. उनके करोड़ो प्रशंसक उन्हें पुलिस या फौजी वर्दी में पसंद भी करते है. नमन जैन का अभिनय भी ठीक ठाक है. उसके चेहरे के भाव काफी कुछ कह जाते हैं. राजश्री देशपांडे फिल्म में देर से सक्रिय होती हैं, पर अपने अभिनय की छाप छोड़ जाती हैं. सुमित्रा के किरदार में आशा नेगी का किरदार काफी लंबा है, मगर वह अपने किरदार से न्याय नहीं कर पाती. इतना ही नही वह बोल-चाल की भाषा में पहाड़ी टोन को ठीक ढंग से नहीं पकड़ पायी. स्पर्श श्रीवास्तव बुरी तरह से निराश करते हैं. उनका चेहर हर जगह एकदम सपाट नजर आता है, जबकि उनके पास अपनी अभिनय प्रतिभा को दिखाने के भरपूर अवसर थे.

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रेटिंग: ढाई स्टार

निर्माताः बी एच प्रोडक्शन और एंग्री एडम प्रोडक्शन

लेखक व निर्देशकःकीथ थॅामस

कलाकारः डेव डेविस,  मेनाशे लुस्टिग और माल्की गोल्डमैन

अवधिः एक घंटा तीस मिनट

ओटीटी प्लटफार्मः अमेजॉन प्राइम

भाषा: अंग्रेजी और हिंदी

द इनविजिबल मैन,  इंसिडियस फ्रैंचाइजी,  द पर्ज फ्रैंचाइजी,  हैलोवीन फ्रैंचाइजी,  हैप्पी डेथ डे फ्रैंचाइजी,  स्प्लिट,  ग्लास जैसी कई द इनविजिबल मैन,  इंसिडियस फ्रैंचाइजी,  द पर्ज फ्रैंचाइजी,  हैलोवीन फ्रैंचाइजी,  हैप्पी डेथ डे फ्रैंचाइजी,  स्प्लिट,  ग्लास जैसी कई पैरानॉमल गतिविधि पर आधारित फिल्मों के निर्माता इस बार एक यहूदी प्रथा पर मनोवैज्ञानिक हॉरर फिल्म‘‘द विजिल’’ लेकर आए है. यह फिल्म अंग्रेजी भाषा में है, मगर अमेजॉन प्राइम पर इसे हिंदी में देखा जा सकता है.

यहूदी रीति रिवाज के अनुसार किसी इंसान की मृत्यू होने पर अंतिम संस्कार होने तक उस इंसान के पार्थिव शरीर को रात भर घर के अंदर रखा जाता है और घर का एक सदस्य रात भर उस पार्थिव शरीर के पास बैठकर उसकी निगरानी करते हुए उसे बुरी आत्माओं से बचाने के लिए धार्मिक मंत्रो का उच्चारण करता है, इस इंसान को उस वक्त ‘शूमर’कहा जाता है और इस प्रथा को ‘विजिल’की संज्ञा दी गयी है. जिस घर में कोई नही होता, वह पेशेवर शूमर को पैसे देकर बुलाते हैं.

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कहानीः

यह एक रात की कहानी है. यह कहानी याकोव (डेव डेविस) की है, जो कि अपने ब्रोकलिन के अपने हसीदिक समुदाय को छोड़कर आधुनिक दुनिया के अनुकूल रहने के लिए संघर्ष कर रहा है. उसके लिए महिलाओं के साथ बातचीत करना मुश्किल है. मोबाइल फोन का उपयोग करना भी उसके लिए एक चुनौती है. पैसे की कमी है. नौकरी की तलाश में दर दर भटक रहा है. तभी एक पुराना रब्बी उसे मृत लिटवाक पर निगरानी रखने वाले शूमर बनने की नौकरी की पेशकश करता है. पहले वह मना कर देता है. मगर जब रब्बी उसे पांच घंटे के इस काम के लिए चार सौ डॉलर देने की बात करता है, तो मना नहीं कर पाता. रब्बी के साथ वह लिटवाक के घर जाता है, जहां  घर की एकमात्र सदस्य और मनोभं्रंश से पीड़ित श्रीमती लिटवाक (लिन कोहेन) उसे जाने के लिए कहती हैं. पर रब्बी के कहने पर याकोव रूक जाता है. रात में याकोव अजीब आवाजें सुनता है,  चीजें देखता है,  रोशनी करता है और टिमटिमाता है. वह स्वयं एक मानसिक स्थिति से पीड़ित है, जिसकी दवाएं ले रहा है. आस पास घटित हो रही घटनाओं व आवाजों से डर कर वह अपने डाक्टर को फोन करता है, अपनी मित्र सहर को फोन करता है. इस बीच उसे नींद की झपकी लगती है और व सपने में देखता है कि वह एक छोटे बालक के साथ कहीं जा रहा है. रास्ते में कुछ लोग उस बालक की हत्या कर देते हैं, पर वह उसे बचाता नही है. अब बालक इसके लिए उसे दोषी मानता है.  काफी परेशान होने पर श्रीमती लिटवाक उसे बताती हैं कि उनके पति को एक राक्षस,  एक माजिक द्वारा प्रेतवाधित किया गया है, जो घर पर आक्रमण करता है और अब उसे भी नहीं छोड़ेगा. वह कहती है कि वह याकोव को भी नही छोड़ेगा. याकोव उसे घर से निकलने का असफल प्रयास कर ख्ुाद को चोटिल कर लेता है. अंत में श्रीमती लिटवॉक उसे जलती हुई मोमबत्ती देकर एक उपाय बताती है, जिसे याकोव करता है और बुरी आत्मा लिटवाक के शरीर को छोड़कर चली जाती है.

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लेखन व निर्देशनः

जीवन और मृत्यु,  धार्मिक कट्टरवाद, अंधविश्वास, भूत, प्रेत, पिशाच और आधुनिक दुनिया,  पागलपन और विवेक के बीच अंतर्विरोधों की मनोवैज्ञनिक कहानी को फिल्मकार कीथ थॉमस पेश करने में सफल रहे हैं. कम लागत में बनायी गयी फिल्म में छोटी छोटी कई कमियां है. फिल्म का क्लायमेक्स बहुत ही घटिया है. यह एक हॉरर फिल्म है, मगर फिल्म एक भी पल के लिए डराती नही हे. जबकि लेखक व निर्देशक ने यहूदी धार्मिक रीति रिवाज के इर्द गिर्द विश्वास व अविश्वास की फैंटसी रचने की कोशिश जरुर की है.  फिल्मकार इस बात के लिए बधाई के पात्र है कि उन्होने इस फिल्म में  वास्तविक और कल्पित,  दुः ख और अपराधबोध,  आंतरिक राक्षसों और अतीत के घटनाक्रमो के बोझ को लेकर सवाल उठाए हैं. फिल्म की गति धमी है. कैमरामैन की कमजोरी इस फिल्म को सुस्त बनाती है.

अभिनयः

याकोव के किरदार मे डेव डेविस ने शानदार अभिनय किया है. अन्य कलाकार ठीक ठाक हैं.

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