इथियोपिया ऐतिहासिक दृष्टि से अफ्रीका का ऐसा महत्त्वपूर्ण देश है. जहां आधुनिक मानव जाति के आदिम पूर्वजों के सब से पुराने सुबूत मिलते हैं. माना जाता है कि यहीं से पहली बार होमोसीपियंस, जिन से आधुनिक मानव जाति का उद्गम हुआ, ने मध्यपूर्व तथा उस से आगे के क्षेत्रों में फैलना शुरू किया और शायद इसीलिए यह दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां आदिम संस्कृति के चिह्न जहांतहां बिखरे मिलते हैं. इस की राजधानी अदिस अबाबा विषुवत रेखा के एकदम करीब स्थित है. समुद्रतल से लगभग 8 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण बारहों महीने यहां की जलवायु बहुत खुशगवार बनी रहती है.
स्थानीय भाषा में अदिस अबाबा का अर्थ होता है ‘नया फूल’. सच में ऊंची-नीची पहाड़ियों पर करीब 1 हजार साल पहले बसाए गए इस नगर के चारों ओर फैली हरियाली, लंबी-चौड़ी तथा साफ-सुथरी सड़कें, ऊंचे-ऊंचे यूकेलिप्टस के पेड़ तथा गगनचुंबी अट्टालिकाओं के बीच देश के प्राचीन राजसी गौरव का बखान करता हुआ भव्य राजमहल देख कर यह नगर आप को किसी फूल से कम नहीं लगेगा. हवाई अड्डे से होटल पहुंचने तक की अपनी यात्रा के दौरान ही हम अत्याधुनिकता के बीच सिमटे इस के ऐतिहासिक गौरव का बखान पढ़ चुके थे.
यहां पर हम आप को यह बताना चाहेंगे कि इस देश का राजवंश, जिस के अंतिम शासक थे हेल सिलासी, जिन्हें 1974 की कम्युनिस्ट क्रांति के दौरान अपदस्थ कर दिया गया था, बिना किसी बाधा के हजारों साल पहले के पुरातन येरूशलम के राजा सोलेमन तथा शीबा की महारानी मकेदा के पुत्र मेनेलिक प्रथम के समय से ही चला आ रहा था. कहते हैं कि मकेदा अपने जमाने की सब से सुंदर महारानी थीं और आज भी उन के सौंदर्य से जुड़े अनेक किस्से आप को इथियोपिया के बूढ़े लोगों से सुनने को मिल जाएंगे.
होटल पहुंचते पहुंचते रात हो गई थी और नैरोबी से अदिस अबाबा तक की लंबी हवाई यात्रा के कारण थकान भी महसूस होने लगी थी. सो हम रात का खाना खाने के बाद जल्दी ही नींद की गोद में झूलने लगे थे. रात को 3 बजे अचानक हमारी नींद टूट गई. हमारी सांस जोर से फूलने लगी थी और इसी वजह से नींद में भी विघ्न पड़ गया था. अगले दिन सुबह होटल के मैनेजर से जब हम ने बात की तो उस ने मुसकराते हुए हमारी शंका का समाधान किया, ‘‘समुद्रतल से ऊंचाई ज्यादा होने के कारण औक्सीजन की कमी हो जाती है और यह चूंकि आप का पहला दिन है, आप अभी इस के अभ्यस्त नहीं हुए हैं, इसलिए रात को आप की सांस फूलने लगी थी.’’
अगले दिन सुबह हम ने इस नगर की परिक्रमा मेस्केल स्क्वायर से शुरू की, जहां से साइडेस्ट किलो एवेन्यू की ओर पैदल चलतेचलते हम ने नगर के कुछ महत्त्वपूर्ण स्थान जैसे अफ्रीका हाल, संसद भवन, राजमहल, विदेश मंत्रालय की खूबसूरत इमारत, जो किसी आर्किटैक्चरल आश्चर्य से कम नहीं है, इथियोपिया का पहला आधुनिक स्कूल जो मेनेलिक द्वितीय ने 1880 के दशक में बनवाया था, त्रिनिटी और्थोडौक्स कैथेड्रल तथा नैशनल म्यूजियम आदि देखे.
इथियोपियन नैशनल म्यूजियम की गिनती इथियोपिया या केवल अफ्रीका के ही नहीं, बल्कि दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ संग्रहालयों में होती है. आदिम मानव जाति के विकास से जुड़ी अनेक दुर्लभ चीजें यहां देखने को मिलेंगी, जिन में से एक आदिम महिला लूसी की प्रतिकृति विशेष रूप से उल्लेखनीय है.
यहां पर उल्लेखनीय है कि इथियोपिया की संस्कृति दुनिया की सब से पुरानी संस्कृति है और इस पुरातन संस्कृति से जुड़ी मानव जाति के विकास के हजारों साल पुराने इतिहास का सफर आप इस संग्रहालय में घूम कर कुछ समय में ही पूरा कर सकते हैं. किस तरह आदिम युग से पाषाण युग की तरफ मनुष्य ने कदम रखा, किस तरह का जीवन वे लोग जीते रहे होंगे और किस तरह शिकार से ले कर रहनसहन की विभिन्न चीजों, साथ ही मानव की कलात्मक प्रवृत्तियों का विभिन्न कालों में विस्तार और विकास हुआ, ये सब एक सीमित जगह में देखना और अनुभव करना बहुत रोमांचक है.
इथियोपियन नैशनल म्यूजियम से थोड़ी दूरी पर मसकल स्क्वायर के अंतिम छोर पर स्थित है एक और संग्रहालय, जो इस देश के कम्युनिस्ट शासन के दुष्कर्मों तथा अत्याचारों की कहानी सुनाता है. यह ’रेड टैरर म्यूजियम’ के नाम से जाना जाता है. इस संग्रहालय का निर्माण 2010 में हुआ था और इस में आम जनता पर हुए कम्युनिस्टों के जुल्मोसितम और फिर 1990 के दशक के भीषण अकाल की दर्दभरी दास्तान से जुड़े चित्र तथा चीजें रखी गई हैं. इस संग्रहालय में काम करने वाले कर्मचारी खुद उस जुल्म तथा भुखमरी के शिकार हो चुके हैं और उन के मुंह से यह दिल दहला देने वाली कहानी सुन कर आप की आंखें नम हो जाएंगी.
इन 2 संग्रहालयों के अलावा अदिस अबाबा का इथनोलौजिकल म्यूजियम, अदिस अबाबा म्यूजियम, इथियोपियन नैशनल हिस्ट्री म्यूजियम, इथियोपियन रेलवे म्यूजियम तथा नैशनल पोस्टल म्यूजियम भी उल्लेखनीय हैं. यह आप की दिलचस्पी पर निर्भर करता है कि आप ये सारे संग्रहालय देखना पसंद करेंगे या नहीं. अगर आप के पास समय की कमी हो तो भी हम चाहेंगे कि आप इथियोपियन इथनोलौजिकल म्यूजियम देखने जरूर जाएं, जो अदिस अबाबा विश्वविद्यालय के कैंपस के भीतर स्थित है. इस में आप को इस देश की विभिन्न प्रजातियों के जीवन, संस्कृति, कला तथा धर्म से जुड़ी अनेक दिलचस्प चीजें देखने का अवसर मिलेगा. यह शायद इथियोपिया का सब से ज्यादा दिलचस्प संग्रहालय है.
संग्रहालयों के बाद आप मेनेलिक द्वितीय एवेन्यू पर स्थित अफ्रीका हाल देखना न भूलें, जहां आजकल संयुक्त राष्ट्रसंघ के अफ्रीका संबंधी आर्थिक आयोग का प्रधान कार्यालय स्थित है. असल में संयुक्त राष्ट्रसंघ के इथियोपिया स्थित लगभग सभी कार्यालय इसी भवन में विद्यमान हैं. इस भवन का नाम अफ्रीका भवन इसलिए रखा गया क्योंकि यहीं पर सब से पहले और्गेनाइजेशन और अफ्रीकन यूनिटी नामक संस्था की नींव पड़ी थी, जो आजकल अफ्रीकन यूनियन के नाम से जानी जाती है. इस के थोड़ा आगे स्थित है इथियोपिया का संसद भवन, जिस का निर्माण सम्राट हेल सिलासी ने करवाया था. आज भी देश की संसद का सत्र यहीं आयोजित किया जाता है. केवल कम्युनिस्ट शासन के दौरान संसद को शेंगो हाल में स्थानांतरित कर दिया गया था. इस भवन का निर्माण कम्युनिस्टों ने ही करवाया था.
इथियोपिया में पुरातन गिरजाघरों की भरमार है. इन में से एक मेधाने अलेम को तो हम ने अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से होटल जाते समय पहले देख लिया था. इस कैथेड्रल के नाम का अर्थ होता है ‘दुनिया का रक्षक’ और यह अफ्रीका महाद्वीप का दूसरे नंबर का सब से बड़ा गिरजाघर है. इस के अलावा अदिस अबाबा का दूसरा गिरजाघर है सैंट जौर्ज कैथेड्रल, जो चर्च रोड के उत्तरी सिरे पर स्थित है. इस का निर्माण 1896 में हुआ था. चर्च की गोलाकार इमारत बाहर से इतनी प्रभावशाली नजर नहीं आती, लेकिन भीतर प्रवेश करने के बाद आप इस के सौंदर्य से प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे. इस में एक छोटा सा संग्रहालय भी स्थित है, जिस में आप को पादरियों की, विभिन्न समारोहों में पहनने वाली पोशाकें तथा कुछ पुरातन पांडुलिपियां भी देखने को मिलेंगी.
एक अन्य पुराना गिरजाघर गोला स्ट्रीट माइकेल चर्च नगर के बीचोबीच स्थित है, जहां आप को इथियोपिया के पुराने से ले कर आधुनिकतम, लगभग सभी चित्रकारों की कलाकृतियां देखने को मिल जाएंगी. अदिस अबाबा के अन्य दर्शनीय स्थलों में प्रमुख हैं नैशनल पैलेस, जो पहले जुबली पैलेस के नाम से जाना जाता था. इस का निर्माण सम्राट हेल सिलासी की रजत जयंती के उपलक्ष्य में 1955 में हुआ था. अब इस में इथियोपिया के राष्ट्रपति का निवास है.
दूसरा पुराना राजमहल इंपीरियल पैलेस के नाम से जाना जाता है, जहां कभी सम्राट मेनेलिक निवास करते थे. इस में आजकल इस देश के विभिन्न मंत्रियों के दफ्तर स्थित हैं. आप इथियोपिया के कुछ स्थानीय सोवीनियर खरीदना चाहते हैं, तो नगर के बीचोबीच स्थित मरकाटो बाजार जरूर जाएं. यह अदिस अबाबा का सब से बड़ा बाजार है. यहां स्थानीय लोगों के उपयोग की लगभग सभी चीजें मिलती हैं. यही कारण है कि यहां हर समय स्थानीय लोगों की भीड़ रहती है.
आप नेत्सा आर्ट विलेज भी जा सकते हैं, जो फ्रैंच दूतावास के सामने एक सुंदर पार्क में स्थित है. इस विलेज में आप को इथियोपिया के कलाकारों तथा कारीगरों द्वारा बनाए गए अनेक चित्र तथा दस्तकारी की वस्तुएं देखने का अवसर तो मिलेगा ही, साथ ही इन में से आप अपनी मनपसंद चीजें भी खरीद सकते हैं. इस शहर में रेस्तरां तथा कौफी हाउस की भी कोई कमी नहीं है, जहां स्वादिष्ठ स्थानीय व्यंजनों के साथसाथ कौंटिनैंटल डिशेज भी आसानी से मिल जाती हैं. इतना ही नहीं, यहां कुछ भारतीय रेस्तरां भी हैं. इन में ‘ज्वैल औफ इंडिया’ सब से ज्यादा लोकप्रिय है.
अदिस अबाबा अपनी रात की रंगीनियों के लिए भी दुनियाभर में मशहूर है. शोरशराबे वाला संगीत तथा आप के साथ पश्चिमी नृत्य करने वाली इथियोपियन बालाएं. बोल रोड पर, जो अफ्रीका रोड के नाम से भी जाना जाता है, आप को लाइन से नाइट क्लब, बार तथा इस देश के परंपरागत नृत्यों का विशेष प्रदर्शन (हबेशा शो) करने वाले स्थान मिल जाएंगे. जहां कहीं भी आप को संगीत का शोर सुनाई दे, समझ लें कि वहां आप अपनी रात गुजारने जा सकते हैं. सामान्यतया रात में 10-11 बजे के करीब इन स्थानों पर लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है.
इस क्षेत्र के अलावा लगभग पूरे शहर में ही जगहजगह ये क्लब बिखरे हुए हैं, जिन में से प्रमुख हैं- मेमो क्लब, सिल्वर बुलेट वार, माई बार, कौंकौर्ड, डोम क्लब, इल्यूजन, डिवाइन टैंपटेशन, इंडिगो, द केव तथा करामारा. इन में से कुछ तो किसी वेश्यालय से कम नहीं हैं. देह का व्यापार यहां खुलेआम चलता है और इस पर यहां कोई कानूनी पाबंदी भी नहीं है. छोटी जगहों पर जो काम खुलेतौर पर चलता है वहीं दूसरी तरफ कौंकौर्ड जैसे महंगे क्लबों में, जहां भीतर प्रवेश करने के लिए आप को एक मोटी फीस चुकानी पड़ती है, ये सबकुछ परदे के पीछे चलता है. कौंकौर्ड में प्रवेश करने के 3 मिनट के भीतर ही हमें एहसास हो गया था कि यहां भी सुंदर इथियोपियन लड़कियों को माध्यम बना कर आप की जेब काटने के पुराने हथकंडे अपनाए जाते हैं. इस सब का अनुभव हम नैरोबी, मोंबासा तथा ऐसी ही अन्य कितनी ही जगहों पर पहले भी कर चुके थे.
हम अपनी मेज पर बैठे बैंड के संगीत का आनंद ले रहे थे, तभी एक सुंदरी हमारे पास मुसकराती हुई बैठ जाती है और फिर शुरू होती है उस की फरमाइश. अब यह सब तो आप पर निर्भर करता है कि आप रात की मदहोशियों में उस सुंदरी के साथ डूबना चाहते हैं, या फिर संगीत और वहां की रौनक के बीच केवल कुछ समय बिता कर अपने होटल वापस लौटना चाहते हैं.