मगर नायरा ने नरेश से बात तक करना छोड़ दिया था. उस की तो बस एक ही जिद थी कि उसे अपनी मां से मिलना है. हार कर नरेश ने ही घुटने टेक दिए और बताया कि उस की मां दक्षिण अमेरिका के चिली में रहती है. नायरा के सामने एक बहुत बड़ी समस्या यह थी कि वहां जाने के लिए पैसे भी बहुत लगेंगे… वहां तक पहुंचेगी कैसे? वहां की भी तो यहां से अलग है. लेकिन जब उसे पता चला 12 टूरिस्टों में से एक ‘चिली’ का है तो उस की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. जब उस ने उस से बात की और अपनी समस्या से अवगत कराया तो वह नायरा की मदद के लिए तैयार हो गया. उस ने यह भी कहा कि वह नायरा को वहां की थोड़ीबहुत भाषा भी सिखा देगा. 46 साल का जेम्स बहुत ही अच्छा इंसान था. वह नायरा को ‘सिस्टर’ कह कर बुलाता था. जगहजगह घूमना और वहां की युनीक चीजों को अपने कैमरे में कैद करना उस का फैशन था.
सिर पर हाथ रखे बैठी नायरा सोच ही रही थी कि यहां तक तो समस्या सुल?झते दिख रहा है, लेकिन पैसे… वे कहां से आएंगे? बिना पैसे के वह उतनी दूर अपनी मां से मिलने कैसे जाएगी? तभी अपने सामने अपने पापा नरेश को खड़े देख वह उठ खड़ी हुई. उसे लगा नरेश फिर उसे सम?झने आया है कि वह अपनी जिद छोड़ दे. लेकिन नरेश ने उस के हाथों में ब्लैंक चैक पकड़ाते हुए कहा कि वह जितने चाहे पैसे निकल ले. लेकिन वह अपना ध्यान रखे. पहुंचने पर एक फोन जरूर कर दे. बोलते हुए नरेश की आंखों से आंसू गिर पड़े, जिन्हें वह अपनी शर्ट से पोंछने लगा ताकि नायरा देख न ले. लेकिन अगर नायरा को अपने पापा के आंसुओं की इतनी ही चिंता होती तो वह उन्हें छोड़ कर जाती ही क्यों?
उसे तो अब भी यही लग रहा था कि नरेश ने उसे उस की मां से छीन कर उसे अपनी
जिंदगी से बाहर फेंक दिया. उसे लगा रहा था दुनिया के सारे मर्द एकजैसे हैं. नरेश ने कितना सम?झया कि जैसा वह सम?झ रही है वैसा बिलकुल नहीं है और अगर उस की मां को उस से प्यार होता तो क्या वह एक बार फोन कर के उस का हालचाल नहीं पूछती? लेकिन अपनी मां की तरह ही जिद्दी नायरा, 7 समुंदर पार उस से जोली से मिलने निकल पड़ी. नायरा की बहुत सी आदतें जोली से मिलतीजुलती थीं. नायरा को भी अपनी मां की तरह आर्किटैक्चर बनने का शौक था. वह भी शादी में विश्वास नहीं रखती थी. वह भी अपनी मां की तरह देशदुनिया घूमना पसंद करती थी.
अमेरिका रवाना होते समय नरेश ने खुद की और जोली की एक पेयर फोटो नायरा को थमाते हुए कहा था कि यही उस की मां है. नरेश ने फोटो इसलिए दिया ताकि जोली को लगे कि नायरा सच कह रही है. नायरा ने देखा, देखने में वह बहुत कुछ अपनी मां जैसी ही है. रास्ते भर वह अपनी मां से मिलने के खयालों में खोयी रही. उसे तो लग रहा था जैसे वह सपना देख रही है. लेकिन यह सच था कि जेम्स की मदद से वह चिली पहुंच चुकी थी. लेकिन कई दिनों की कोशिशों के बाद भी उसे जोली के बारे में कुछ पता नहीं चल रहा था. फिर एक दिन जेम्स ने उसे बताया कि जोली का पता चल गया. उस की मां यहीं चिली में ही अपना आर्किटेक्चर का फर्म चलाती है. जेम्स ने ही सु?झया कि क्यों न वह आर्किटेक्चर में इंटर्नशिप के बहाने जोली से मिले. नायरा को यह आइडिया बहुत ही अच्छा लगा और उस ने वही किया. अपनी मां को अपने इतने करीब देख कर नायरा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मन तो किया उस का अपनी मां के गले लग जाए और कहे कि वह उस की बेटी है. लेकिन क्या वह किसी अंजान लड़की पर भरोसा करेगी? इसलिए नायरा को अभी कुछ बताना उचित नहीं लगा.
नायरा को तो पता था वह उस की मां है, पर जोली तो नहीं जानती थी कि वह उस की बेटी है. लेकिन फिर भी उसे नायरा का साथ बहुत अच्छा लगता था. अच्छा लगने का एक कारण यह भी था कि नायरा इंडिया से थी. नहीं, उसे नरेश की याद नहीं आती थी. मगर कुछ तो था जो उसे इंडिया से जोड़े हुए था लेकिन क्या, नहीं पता उसे. नायरा यहां एक पीजी में रहती है जो जेम्स की मदद से मिला था. पीजी अच्छा था लेकिन जोली के पूछने पर कह दिया कि वहां उसे अच्छा नहीं लगता है. ताकि जोली उसे अपने घर आ कर रहने को इनवाइट करे और वह जरा नानुकर के बाद मान जाए. यह आइडिया भी उसे जेम्स ने ही दिया था. जेम्स फोन पर उस से उस का हालचाल लेता रहता था. खैर, नायरा अब जोली के साथ उस के घर आ कर ही रहने लगी थी. लेकिन उसे जोली को अपने बारे में बताने का मौका नहीं मिल रहा था.
इंसान शराब तब पीता है जब वह बहुत खुश हो या बहुत ज्यादा दुखी. जोली बहुत
दुखी थी क्योंकि आज उस के एकलौते बेटे का जन्मदिन था और वह अपनी मां से मिलना भी नहीं चाहता था. जोली का अपने पति ग्रेग से सालों पहले तलाक हो चुका था. दोनों के बीच बच्चे की कस्टडी को ले कर ?झगड़ा चला, लेकिन जीत ग्रेग की हुई. उस ने कोर्ट में यह साबित कर दिया कि जोली एक अच्छी मां नहीं और आस्टिन, जोली का बेटा उस का भविष्य उस के साथ सुरक्षित नहीं है. हालांकि, कोर्ट ने उसे अपने बेटे से मिलने की अनुमति दी थी. पर खुद आस्टिन ही अपनी मां से मिलना नहीं चाहता है. उसे उस की मां दुनिया की सब से बुरी मां लगती है. अपने बेटे को याद कर जोली पैग पर पैग लिए जा रही थी और बकबक बोले भी जा रही थी. ज्यादा शराब कहीं जोली को नुकसान न पहुंचा दे, यह सोच कर नायरा ने उसे और शराब पीने से रोका, तो वह कहने लगी कि उस से ज्यादा बदकिस्मत औरत इस दुनिया में और कोई नहीं होगी. कहते हैं इंसान जब नशे में होता है तो सच बोलता है और आज जोली भी सारी सचाई उगलने लगी. शराब के नशे में पुरानी सारी बातें उस ने नायरा के सामने खोल कर रख दीं. यह भी कि वह नरेश के बच्चे की मां बनने वाली थी और उस ने एक बेटी को जन्म दिया था.
‘‘तो अब वह बच्चा कहां है?’’ वह जानना चाहती थी कि आखिर ऐसा क्या हुआ था कि उसे अपनी बेटी को छोड़ कर यहां आना पड़ा.
‘‘बेटी को छोड़ कर. अरे नहीं, मुझे तो वह बच्चा चाहिए ही नहीं था,’’ शराब का एक घूंट भरते हुए वह बोली.
‘‘फुलिश मैन नरेश को लगा मैं उस से प्यार करती हूं और शादी करूंगी. पागल,’’ बोल कर एक ?झटके में ही पूरा ग्लास खाली कर दिया और ठहाके लगा कर आगे बोली, ‘‘वह बच्चा मेरी जिंदगी की पहली और आखिरी गलती थी जिसे मैं ने हमेशा के लिए खत्म कर दिया. मैं ने कितनी कोशिश की थी अबौर्शन कराने की पर सारे डाक्टरों ने मना कर दिया. अपने देश आ कर अबौर्शन करा नहीं सकती थी क्योंकि मुझे जेल नहीं जाना था. इसलिए मजबूरन मुझे वहां रहना पड़ा ताकि उस बच्चे को जन्म दे सकूं.’’
‘‘तो वह बच्ची कहां है अब?’’ नायरा ने पूछा.
‘‘कचरे के डब्बे में… मैं उसे कचरे के डब्बे में फेंक आई थी क्योंकि उस की असली जगह वही थी.’’
जोली की बात सुन कर नायरा सन्न रह गई. उस की आंखों से ?झर?झर आंसू बहने लगे.
‘‘मुझे उस बच्चे से कुछ लेनादेना ही नहीं था तो फिर यहां ला कर क्या करती? पता नहीं, पर उसे जरूर लावारिस जानवर खा गए होंगे,’’ बोलते हुए जोली की जबान भी नहीं लड़खड़ाई.
आखिर कोई मां इतनी बेरहम दिल कैसे हो सकती है. नायरा को अपने पापा की याद सताने लगी थी. कहा था उन्होंने जैसे वह अपने पापा के बारे में सोच रही है, बात वह नहीं बल्कि… लेकिन कहां सुन पाई थी वह नरेश की पूरी बात. बीच में ही अपने कान बंद कर लिए थे ताकि कुछ सुन ही न पाए.
जोली की 1-1 बात उसे सूई की तरह चुभ रही थी. नायरा वहां से उठ कर जाने ही लगी कि उस का सिर घूम गया और वह वहीं पर गिर पड़ी. होश आया तो वह अस्पताल में थी. जोली उस के पास बैठी उस का माथा सहला रही थी, पूछ रही थी कि अचानक उसे क्या हो गया. लेकिन नायरा के पास कोई जवाब नहीं था. उसे तो बस अब अपने पापा के पास जाना था. नरेश ने अपनी बेटी की खातिर आज तक शादी नहीं की और इस औरत ने सिर्फ और सिर्फ अपना स्वार्थ देखा.
नायरा ने फोन कर अपने बीमार होने की बात जब नरेश को बताई, तो वह पागलों की तरह भागता हुआ यहां पहुंच गया. अचानक वर्षों बाद नरेश को अपने सामने देख कर जोली की आंखें फटी की फटी रह गईं. उसे अपनी आंखों पर भरोसा ही नहीं हो रहा था कि नरेश उस के सामने खड़ा है. लेकिन जब भरोसा हुआ और जाना कि नायरा कोई और नहीं, बल्कि उस की वही बेटी है जिसे वह कचरे में फेंक आई थी. बेटी के लिए उस के दिल में प्यार उमड़ पड़ा. कहने लगी, ‘‘मैं मानती हूं कि मु?झ से गलती हुई, बहुत बड़ी गलती हुई. लेकिन मुझे माफ कर दो नरेश. इतनी बड़ी सजा मत दो मुझे. प्लीज, नरेश लौटा दो मेरी बेटी मुझे,’’ जोली नरेश के सामने हाथ जोड़ कर कहने लगी, ‘‘बोलो न नायरा को वह मुझे छोड़ कर न जाए. नायरा मैं तुम्हारी मां हूं मैं ने तुम्हें जन्म दिया है. मेरा हक है तुम पर… और देखो, यह घर, औफिस यहां तक की अपना सारा बैंक बैलेंस भी मैं तुम्हारे नाम कर दूंगी. प्लीज, बेटा, माफ कर दो अपनी मां को. मत जाओ मुझे छोड़ कर,’’ घिघियाते हुए जोली दोनों के सामने हाथ जोड़ने लगी. सब उस की जिंदगी से जा चुके थे. अब उसे नायरा में ही अपना सहारा नजर आ रहा था.
‘‘माफ कर दूं आप को जिस ने मेरे पापा को सिर्फ यूज किया अपने स्वार्थ के लिए. मुझे लगा था पापा गलत है इसलिए इन से लड़?झगड़ मैं यहां आप के पास आ गई थी. लेकिन गलत थी मैं.
हमारे यहां एक कहावत है, ‘पूत भले ही कुपूत बन जाए, पर माता कभी कुमाता
नहीं होती.’ लेकिन आज देख रही हूं कि एक माता भी कुमाता हो सकती है. एक मां अपने बच्चे को मरने के लिए छोड़ सकती है,’’ बोलतेबोलते नायरा का स्वर तेज हो गया…, ‘‘और आप ने सोच भी कैसे लिए कि सबकुछ जानने के बाद भी मैं आप के साथ आ कर रहूंगी? नहीं चाहिए मुझे आप का यह घर, औफिस और बैंक बैलेंस.
‘‘पापा, आप ने सही कहा था, मेरी मां मर चुकी है,’’ कह कर नायरा अपने पापा का हाथ पकड़ कर जाने लगी, लेकिन फिर पलट कर बोली, ‘‘एक बात और… 2 बच्चों को जन्म देने के बाद भी आज तुम बेऔलाद हो और रहोगी क्योंकि तुम इसी लायक हो.’’
अपनी बेटी को जाते वह देखती रह गई क्योंकि उसे रोकने का उसे कोई हक नहीं था. उस के लिए तो उस की बेटी कब की मर चुकी थी.