स्ट्रीट आर्ट का एक नमूना. मछली का कंकाल दिखा पश्चिमी फ्रांस के शहर नाते में.
स्ट्रीट आर्ट का एक नमूना. मछली का कंकाल दिखा पश्चिमी फ्रांस के शहर नाते में.
घने बाल जहां किसी महिला की खूबसूरती बढ़ाते हैं, वहीं हलके बाल खूबसूरती को कम कर देते हैं. ऐसे में खूबसूरती बरकरार रखने और स्टाइलिश दिखने के लिए अपने बालों को दें डिफरैंट लुक और यह लुक आप हलके बालों में पर्मिंग कर के ला सकती हैं.
दिल्ली प्रैस भवन में फेब मीटिंग के दौरान हेयरस्टाइलिश सी.एल. वर्मा ने पर्मिंग के आसान तरीकों के बारे में बताया, जिस की खास बातें आप के लिए पेश हैं यहां:
पर्मिंग टिप्स
– सब से पहले हेयर वाश करें.
– बालों को टौवेल ड्राई करें यानी सुखाएं.
– बालों के कई सैक्शन बनाएं.
– रोलर लगाने के तरीके जानें.
– हर रोलर पर 3 राउंड लोशन के साथ ऐप्लिकेशन करें.
– शौवर कैप व टौवेल से बालों को कवर करें.
– 15 मिनट के बाद उन रोल किए बालों को खोलें जिन्हें सब से पहले रोल किया है.
– हर रोलर की नमी को टिशू पेपर से सुखाएं.
– न्यूट्रिलाइजर लगाएं. एक बार बंधे हुए बालों में और एक बार खुले बालों में.
कैसे करें पर्मिंग
धुले हुए बालों को टौवेल ड्राई कर के नाक की सीध में टौप पर दोनों तरफ मांग निकालते हुए वी शेप में पीछे तक 1 सैक्शन बनाएं. फिर इयर टु इयर अगलबगल 2 सैक्शन बनाएं. फिर कान के ऊपर दोनों तरफ भी 1-1 सैक्शन बनाएं. ये 5 सैक्शन बन जाने के बाद आगे से आईब्रोज के सैंटर में रोलर लगाएं. अब 1-1 लट लेते हुए बालों के हर सिरे में पेपर से एक रोल बना कर लगाएं. रोलर्स को लेटा हुआ ही सैट करें.
सभी रोलर लगाने के बाद पर्मिंग लोशन हर रोलर पर बूंदबूंद कर डालें. एक राउंड डालने के बाद दूसरा राउंड भी डालें. फिर शौवर कैप से रोलर को कवर कर दें. ऊपर से उसे टौवे से कवर करें. 15 मिनट के बाद चैक कर के देखें कि बाल रोल हुए हैं या नहीं. इस के लिए सब से पहले वाले रोलर को देखें. बाल रोल हो गए हों तो 15 मिनट के बाद रोलर से बंधे बालों को सादे पानी से वाश कर लें. फिर टिशू पेपर से 1-1 रोलर का पानी सुखाएं. अच्छी तरह से एक बार रोलर के ऊपर से और एक बार रोलर के नीचे से.
फिर न्यूट्रिलाइजर लगाएं. न्यूट्रिलाइजर लगाने से पहले रोलर के बालों में नमी नहीं होनी चाहिए. फिर थोड़ी देर के बाद बालों को खोल दें. खोलने के बाद एक बार फिर इस में न्यूट्रिलाइजर लगा कर 5 मिनट छोड़ दें. उस के बाद पानी से वाश कर लें.
फिर बालों को नौर्मल रूप से सूखने दें, इस तरह से पूरे बालों में सौफ्ट कर्ल बन जाएंगे, जिन में से आधे बाल उठा कर क्लच लगा लें या खुला छोड़ दें. दोनों ही रूप में बाल घने और स्टाइलिश लगेंगे.
कई सालों के बाद शाहरुख खान एक बार फिर से छोटे परदे पर आप से रूबरू होंगे. वे जल्दी ही अंतर्राष्ट्रीय टैलीविजन शो ‘गौट टेलैंट’ के भारतीय संस्करण की मेजबानी करते नजर आएंगे. टीवी का परदा आज के बादशाह खान के लिए कोई नया नहीं है. उन्होंने अपने ऐक्टिंग कैरियर की शुरुआत छोटे परदे से ही की थी.
लगता है, कपिल शर्मा फिल्मों के हीरो बन कर ही रहेंगे. तभी तो यशराज का फिल्मों से पत्ता कटने के बाद अब कपिल को थ्रिलर और सस्पैंस के बादशाह अब्बास मस्तान का साथ मिल गया है. सूत्रों के मुताबिक, पहली बार अब्बास मस्तान अपनी यूएसपी से इतर कौमेडी फिल्म दर्शकों को देने वाले हैं. फिल्म में कपिल शर्मा के अपोजिट 5 हीरोइनें होंगी. फिल्म की शूटिंग नवंबर से शुरू होगी. अब्बास ने इस खबर की पुष्टि कर दी है.
स्टार टीवी के धारावाहिक ‘सरस्वतीचंद्र’ में मुख्य किरदार निभाने वाले गौतम रोणे आजकल जेल जाने के लिए बहुत उतावले हो रहे हैं. उन का यह उतावलापन भारत के जेलों में रह रहे उन के प्रशंसकों की भारी तादाद की वजह से है. गौरतलब है कि गौतम का शो डेली प्रसारित किया जाता है और कैदी उसे बड़े चाव से देखते हैं. उन का पूरा दिन शो के इंतजार में ही बीतता है. यही कारण है कि गौतम अपने पसंदीदा फैन्स से मिलने के लिए जेल का दौरा करना चाहते हैं.
आप को ‘विवाह’ फिल्म में अमृता राव की छोटी बहन का किरदार निभाने वाली छुटकी तो याद होगी. अमृता प्रकाश ने उस रोल को निभाया था और आजकल वे कई टीवी धारावाहिकों में काम कर रही हैं. टीवी धारावाहिकों के बारे में उन का कहना है कि वे अब छोटे परदे पर काम करना पसंद करती हैं क्योंकि शोज की क्वालिटी अब सुधरी है और यहां रोचक कहानियों ने जगह ले ली है. अमृता ने कहा, ‘‘90 के दशक की तरह टीवी अब प्रयोगात्मक हो रहा है, जब रिश्ते और स्टार बैस्ट सेलर्स जैसे शोज आया करते थे. शो पूरी तरह से शौर्ट फिल्म जैसे शूट हो रहे हैं, इस से 1 घंटे में पूरी सीरीज खत्म हो जाती है. अमृता ‘स्मृति’, ‘सात फेरे’, ‘ये मेरी लाइफ है’ जैसे डेली सोप्स का हिस्सा रही हैं और इस समय ‘सावधान इंडिया’, ‘ये है आशिकी’ और ‘गुमराह’ में काम कर रही हैं.
अब मुंबई में भी महिलाओं के प्रति अपराध लगातार बढ़ रहे हैं. आम लोगों की तो छोडि़ए, अब तो टीवी ऐक्ट्रैस भी सुरक्षित नहीं. पिछले दिनों मुंबई के निक्सन स्टूडियो में धारावाहिक ‘ये है मोहब्बतें’ की ऐक्ट्रैस दिव्यांका त्रिपाठी के साथ सैट पर छेड़छाड़ की खबर सामने आई है. एक शराबी दिव्यांका के साथ छेड़छाड़ कर रहा था. दिव्यांका ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जब हम लोग शूटिंग के लिए तैयार हो रहे थे, तभी एक शराबी मेरे पास आ गया और उस ने मेरे साथ छेड़खानी शुरू कर दी. यही नहीं, उस ने मेरे साथ अभद्र भाषा में बात भी की. मैं ने उस शख्स को नजरअंदाज करने की कोशिश की, लेकिन उस की बदसुलूकी बढ़ती ही जा रही थी. जब बात ज्यादा हो गई तब मेरे साथियों ने उसे पुलिस को सौंप दिया.
साजिद के निर्देशन में बनी अजय की महाफ्लौप फिल्म ‘हिम्मतवाला’ का पक्ष लेते हुए अजय देवगन का कहना है कि हर असफलता के लिए निर्देशक की जिम्मेदारी नहीं होती. फिल्म के निर्माण में कई लोगों का सहयोग होता है, इसलिए किसी एक को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं. जब फिल्म हिट होती है तो उस का श्रेय सभी लेते हैं, उसी तरह उस के फ्लौप होने की जिम्मेदारी भी सभी की होनी चाहिए किसी एक की नहीं. साजिद के साथसाथ मैं भी फिल्म के असफल होने के लिए जिम्मेदार हूं.
मखमली आवाज के धनी मोहम्मद रफी साहब ने फिल्म ‘पगला कहीं का’ के लिए जब ‘तुम मुझे यों भुला न पाओगे…’ गीत गाया था, तो उन्हें कतई यह लगा न होगा कि इसे वे अपने लिए गा रहे हैं. लेकिन हुआ यही. उन्हें इस दुनिया से विदा हुए लंबा अरसा हो गया है, लेकिन यह सच है कि लोग उन्हें वाकई भुला नहीं पाए हैं. और आज भी उन की दिल को छू लेने वाली आवाज के कायल हैं. केवल 13 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला स्टेज शो किया था. यह घटना कुछ ऐसे हुई कि रफी अपने भाई हमीद के साथ उस समय के मशहूर गायक केएल सहगल का एक कार्यक्रम देखने गए. इत्तफाक से कार्यक्रम के दौरान बिजली चली गई और सहगल ने गाने से इनकार कर दिया. ऐसे में रफी ने मंच संभाला और अपनी आवाज का जादू बिखेरा.
मशहूर संगीतकार नौशाद अपने अधिकतर गाने तलत महमूद से गवाते थे. एक बार उन्होंने रिकौर्डिंग के दौरान तलत महमूद को सिगरेट पीते देख लिया तो वे उन से चिढ़ गए और अपनी फिल्म ‘बैजू बावरा’ के लिए उन्होंने रफी को साइन किया. नौशाद शुरू में रफी से कोरस गाने गवाते थे. गायकी के इस जादूगर ने नौशाद के लिए पहला गीत 1944 में फिल्म ‘पहले आप’ के लिए गाया था. उसी समय उन्होंने फिल्म ‘गांव की गोरी’ के लिए ‘अजी दिल हो काबू…’ गीत गाया था. रफी इसी गीत को हिंदी भाषा में अपना पहला गीत मानते थे. सुरों के बेताज बादशाह को 1960 में ‘चौदहवीं का चांद’ के लिए पहली बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था. फिर उन्हें 1968 में ‘बाबुल की दुआएं लेती जा…’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था. रफी को सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का फिल्मफेयर पुरस्कार 6 बार मिला. इस के अलावा उन्हें इस क्षेत्र में 2 बार प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया था.
1950 और 1960 के दशक में मोहम्मद रफी कई संगीतकारों के पसंदीदा गायक बन गए थे. इन में ओपी नैयर, शंकरजयकिशन और सचिनदेव बर्मन मुख्य हैं. एसडी बर्मन ने उस दौर में रफी को अभिनेता देव आनंद की आवाज बना दिया था. गीत चाहे ‘दिन ढल जाए…’ हो या ‘तेरेमेरे सपने…’ अथवा ‘हर फिक्र को धुएं में…’ इन गीतों को कौन भूल सकता है. 31 जुलाई 1980 में आवाज की दुनिया का यह चहेता शख्स सिर्फ 55 साल की उम्र में हम सब को अलविदा कह गया. इस गायक के बारे में किसी गीतकार ने ठीक ही लिखा है कि न फनकार तुझ सा तेरे बाद आया, मोहम्मद रफी तू बहुत याद आया…
आज रफी इस दुनिया में नहीं हैं पर अपने चाहने वालों के दिलों में वे हमेशा जिंदा रहेंगे.
80 के दशक में आई रेखा की फिल्म ‘खूबसूरत’ ने उस समय काफी धमाल मचाया था. राकेश रोशन और रेखा की जोड़ी को लोग आज भी याद करते हैं. उसी फिल्म की रीमेक फिल्म ‘खूबसूरत’ का हाल ही में ट्रेलर रिलीज हुआ, जिस में सोनम कपूर और फयाद खान मुख्य भूमिकाएं निभा रहे हैं. लोग इस नई फिल्म को पुरानी फिल्म से कंपेयर कर रहे हैं जबकि नई फिल्म के ट्रेलर लौंच के दौरान सोनम कपूर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे भले ही ‘खूबसूरत’ फिल्म के रीमेक में काम कर रही हैं, लेकिन वे खुद को किसी भी तरह से रेखाजी के साथ कंपेयर नहीं करतीं. उन्होंने पुरानी फिल्म में जो अभिनय किया है उसे कौपी कर पाना नामुमकिन है और मैं ने ऐसी कोई कोशिश भी नहीं की है.