सीरियल से संसद तक का सफर

नई सरकार की सब से युवा कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी ने अपना सफर 1998 में मिस इंडिया में भाग ले कर शुरू किया, लेकिन फाइनल में वे सफल नहीं हुईं. इस के बाद मुंबई में कैरियर बनाने की सोची और एकता कपूर के धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में लगातार 7 साल तक अभिनय किया. 2003 में राजनीति में कदम रखने के बाद चांदनी चौक से कपिल सिब्बल के खिलाफ और अमेठी से राहुल गांधी के विरुद्ध लड़ीं. हालांकि दोनों ही जगह उन्हें हार का सामना करना पड़ा फिर भी पार्टी में अपना स्थान बनाने में वे सफल रहीं. लेकिन राजनीति में आने के बावजूद भी स्मृति ने ऐक्टिंग को अलविदा नहीं कहा है. स्मृति निर्देशक उमेश शुक्ला की आने वाली फिल्म ‘औल इज वैल’ में आसिन की मां का किरदार निभा रही हैं.

मोगैंबो खुश हुआ

लंबा कद, मजबूत कदकाठी, बेहद दमदार आवाज और जबरदस्त संवाद अदायगी जैसी खूबियों के मालिक अमरीश पुरी अपने बड़े भाई मदन पुरी का अनुसरण करते हुए फिल्मों में काम करने मुंबई पहुंचे थे. लेकिन पहले ही स्क्रीन टैस्ट में विफल रहे तो भारतीय जीवन बीमा निगम में नौकरी कर ली. बीमा कंपनी में नौकरी के साथ ही वे नाटककार सत्यदेव दुबे के लिखे नाटकों पर पृथ्वी थिएटर में काम करने लगे. 1971 में उन्हें पहली फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ मिली, लेकिन उस के द्वारा वे कोई खास जगह नहीं बना पाए. लेकिन मशहूर बैनर बौंबे टाकीज में कदम रखने के बाद उन्हें बड़ेबड़े बैनर की फिल्में मिलनी शुरू हो गईं. अमरीश पुरी ने वैसे खलनायकी को ही अपना कैरियर का आधार बनाया. लेकिन उन की फिल्मों में श्याम बेनेगल की कलात्मक फिल्में ‘निशांत’ (1975), ‘मंथन’ (1976), ‘भूमिका’ (1977), ‘कलयुग’ (1980) और ‘मंडी’ (1983) आदि भी सुपरहिट रहीं. जिन में उन्होंने नसीरुद्दीन शाह, स्मिता पाटिल और शबाना आजमी जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया और अपनी अदाकारी का जौहर दिखा कर अपना सिक्का जमाने में कामयाब हुए.

इसी दौरान उन्होंने अपना कभी नहीं भुलाया जा सकने वाला किरदार गोविंद निहलानी की 1983 में प्रदर्शित फिल्म ‘अर्द्धसत्य’ में निभाया. इस फिल्म में उन के साथ ओम पुरी भी थे. अमरीश के कैरियर में धमाका 1987 में आई फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ के मोगैंबो से हुआ. उन की पंच लाइन ‘मोगैंबो खुश हुआ’ दर्शक दोहराने लगे. मोगैंबो का किरदार विशेष रूप से डाइरैक्टर शेखर कपूर ने तैयार किया था. लेकिन किरदार को न भूलने वाली ऐक्टिंग अमरीश पुरी ने की थी. कुछ फिल्मों में अमरीश को पौजिटिव रोल करने के मौके भी मिले. प्रियदर्शन की फिल्म ‘मुसकराहट’ में एक झक्की जज के रोल को उन्होंने कुछ इस अंदाज में जिया कि पूरी फिल्म में दर्शक मुसकराते रहे. राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘घातक’ में भी बीमार पिता का रोल उन्होंने बखूबी निभाया. फिल्म ‘फूल और कांटे’, ‘दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे’, ‘राम लखन’, ‘सौदागर’, ‘करण अर्जुन’, ‘घायल’, ‘गदर’, ‘दामिनी’ जैसी कई फिल्मों में उन की मुद्राएं, संवाद बोलने का अंदाज और बौडी लैंग्वेज देखने लायक है. 12 जनवरी, 2005 को कैंसर से उन का निधन हुआ. उन के गुजरने के बाद बौलीवुड को उन के जैसा दमदार खलनायक अभी तक नहीं मिल पाया है.

लीसा हेडन का नया बौयफ्रैंड

इन दिनों लीसा हेडन हरियाणवी छोरे रणदीप हुड्डा को डेट कर रही हैं. इस से पहले रणदीप की गर्लफ्रैंड नीतू चंद्रा थी. पर किसी अनबन के कारण दोनों की राहें जुदा हो गई हैं. लीसा और रणदीप हाल ही में एक होटल से डिनर कर के बाहर निकलते हुए कैमरे में कैद हो गए. दरअसल, जब वे होटल से निकले और फोटोग्राफर उन का पीछा करने लगे तो रणदीप ने उन्हें फोटो खींचने की इजाजत दे दी. रणदीप लिसा से एक पार्टी के दौरान मिले थे. इस के बाद से ही मिलने का सिलसिला चलने लगा. लिसा और रणदीप ने साथ में किसी फिल्म में काम नहीं किया है, लेकिन दोनों अच्छे दोस्त बन गए हैं.

अब कंगना के भी भाव बढ़े

फिल्म ‘क्वीन’ और ‘रिवौल्वर रानी’ की सफलता के बाद लगता है कि और हीरोइनों की तरह ही कंगना का दिमाग भी 7वें आसमान पर पहुंच गया है. तभी तो कंगना ने सुजौय घोष की फिल्म ‘कहानी’ के सीक्वल में काम करने से मना कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक मुंहमांगी कीमत न मिलने के कारण कंगना ने फिल्म से किनारा कर लिया है. हालांकि कंगना का इस के बारे में कहना है कि उन्होंने डेट प्रौब्लम की वजह से यह फिल्म छोड़ी है. इस से पहले उन्हें एक शादी समारोह में कार्यक्रम पेश करने के एवज में 3 करोड़ की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था.

तमन्ना का बिकनी अवतार

साजिद खान की फिल्म ‘हमशक्ल’ में तमन्ना के लुक को देख कर आप होश में नहीं रहेंगे, जिस में 1 नहीं 3 हौट गर्ल्स आप को मदहोश करने आ रही हैं. तीनों हसीनाएं एकसाथ बिकनी में दिखाई देंगी, जिस के लिए तीनों ने अपने फिगर को स्लिम बनाया है. तीनों में तमन्ना और ईशा तो पहले से स्लिम थीं, बिपाशा ने खासतौर पर मेहनत की है.

ऐसा पहली बार नहीं हो रहा कि साजिद ने अपनी फिल्म की किसी हीरोइन को बिकनी पहनाई है. उन की तो हर फिल्म में ऐसा ही एक सीक्वैंस होता है.

चुंबन पर चर्चा

आलिया और वरुण धवन की फिल्म ‘हंपटी शर्मा की दुलहनिया’ के प्रोमो पर सैंसर बौर्ड की कैंची चलने वाली है, क्योंकि बोर्ड को इस फिल्म के प्रोमो में दिखाए जाने वाले आलिया और वरुण के स्मूच सीन से एतराज है. सैंसर बोर्ड ने फिल्म निर्माता करण जौहर को इस सीन को हटाने के निर्देश दिए हैं. लेकिन करण ने बोर्ड से सवाल किया है कि इन दिनों कई ऐसी फिल्में आई हैं जिन में लिपलौक के सींस भरे हुए थे. जब उन पर कोई सवाल नहीं उठाया गया तो फिर उन की फिल्म पर क्यों? इसी फिल्म के ट्रेलर लौंच के दौरान आलिया ऊप्स मूवमैंट की भी शिकार हो गईं. हुआ यह कि आलिया और वरुण फिल्म के ट्रेलर लौंच के इवेंट के दौरान इतने उत्साहित हो गए कि वरुण ने आलिया को गोद में उठा लिया. तब आलिया की हलके हरे रंग की पारदर्शी सलवार से उन की अंडरगारमैंट नजर आने लगी. इस सीन को फोटोग्राफरों ने अपने कैमरे में तुरंत कैद कर लिया.

जलवा ए हुस्न

कांस के रैड कारपेट पर इस बार भी बौलीवुड सुंदरियों का जलवा कायम रहा. लगातार 13 बार कांस फिल्म महोत्सव में शिरकत करने वाली ऐश्वर्या राय बच्चन गोल्डन गाउन में वजन घटाने के कारण पहले की तरह पतली और बेहद खूबसूरत नजर आ रही थीं. लेकिन ग्लैमर की इस चकाचौंध में भी उन का ध्यान अपनी बेटी पर टिका था. उन के अलावा सोनम कपूर भी पीच कलर के डिजाइनर साड़ी गाउन में सभी की निगाहों में थीं. फिल्म ‘स्लमडौग मिलेनियर’ से औस्कर जीतने वाली और रातोंरात मशहूर होने वाली फ्रीडा भी लाइट पीच कलर के गाउन में रैड कारपेट पर नजर आईं.

अभी भी श्रोता मेरा गायन पसंद करते हैं : उषा उत्थुप

70 और 80 के दशक की मशहूर भारतीय पौप, जैज और प्लेबैक सिंगर उषा उत्थुप आज भी अपनी गायकी की वजह से उतनी ही लोकप्रिय हैं. उन्होंने 13 भारतीय भाषाओं और 8 विदेशी भाषाओं में गाने गाए हैं. कोलकाता की सिंगर दीदी के नाम से जानी जाने वाली 66 वर्षीय उषा उत्थुप ने संगीत की विधिवत ट्रेनिंग नहीं ली है. पर उन का परिवार हमेशा वैस्टर्न और भारतीय शास्त्रीय संगीत सुनता था. यहीं से उषा के मन में संगीत के प्रति रुचि पैदा होने लगी तो उन्होंने संगीत को ही अपना पैशन बना लिया और इस क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई.

एक बार स्कूल में उषा उत्थुप को संगीत की कक्षा से इसलिए निकाल दिया गया कि उन की आवाज संगीत के लिए फिट नहीं है. तब उन्होंने निश्चय किया कि वे इसी क्षेत्र में आगे बढ़ेंगी. 9 साल की उम्र में उन्होंने पहला गाना गाया, जिसे श्रोताओं ने काफी पसंद किया.

20 साल की उम्र में उन्होंने चेन्नई के एक नाइट क्लब में गाने गाए. किसी भी शो में वे हमेशा साड़ी में दिखती थीं. वे साड़ी गहनों और गोल बड़ी बिंदी के लिए जानी जाती हैं.

उन के इस शौक के बारे में पूछे जाने पर वे कहती हैं, ‘‘जब से मैं बड़ी हुई हूं, मां को हमेशा साड़ी में देखा और उन्हीं को अपना आदर्श माना. मैं अपनी सारी डै्रसेज खुद डिजाइन करती हूं.’’

मेहनत, ईमानदारी व लगन

उषा उत्थुप को जीवन में अधिक संघर्ष नहीं करना पड़ा, क्योंकि उन्हें शुरू से पता था कि उन्हें क्या करना है यानी वे अपने कैरियर के प्रति फोकस्ड थीं. वे कहती हैं, ‘‘सभी को अपने क्षेत्र में अच्छा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. जीवन में कभी अच्छा तो कभी बुरा दौर भी आता है. अगर बुरा दौर न आए तो व्यक्ति आगे नहीं बढ़ सकता, पर देखना यह पड़ता है कि आप अपने संघर्ष को कैसे लेते हैं. मैं 45 सालों से गा रही हूं और अभी भी श्रोता मेरा गायन पसंद करते हैं. एक समय ऐसा भी था जब श्रोता लताजी और आशाजी के गाने ही सुनते थे. ऐसे में मैं ने अपनी अलग पहचान बनाई. श्रोताओं ने मेरी आवाज को पसंद किया और मुझे बहुत प्यार दिया.’’

उषा उत्थुप नए गायकों की तारीफ करती हैं. वे कहती हैं, ‘‘मुझे खुशी है कि करीब सवा अरब की जनसंख्या वाले हमारे देश में आज कितने ही सिंगरों को मौका मिल रहा है. पर मौका मिलने पर टिके रहना बहुत मुश्किल है. इस के लिए मेहनत, ईमानदारी और लगन बहुत आवश्यक है. अच्छी आवाज हमेशा रहती हैं. खराब आवाज गायब हो जाती है. मैं स्वयं को बहुत खुशहाल मानती हूं. मेरा गाना ‘डार्लिंग…’ बहुत मशहूर हुआ. इस के अलावा फिल्म ‘कहानी’ और ‘रिवौल्वर रानी’ में भी मैं ने गाने गाए हैं.’’

पाड़ा कल्चर

संगीत की दुनिया में पिछले कुछ सालों से काफी बदलाव आया है. आज सुर से अधिक ताल हावी हो रहा है. पर उषा उत्थुप इस बदलाव का स्वागत करते हुए कहती हैं, पहले सब को एकसाथ वाद्यसंगीत के साथ गाना पड़ता था. कोरस सिंगिंग में अगर एक ने गलती की तो फिर से पूरा गाना गवाया जाता था. आज तकनीकी सुविधा की वजह से गायन बहुत आसान हो गया है. आज गा तो कोई भी सकता है, पर आवाज में कोई विशेषता नहीं होगी तो गाना अच्छा नहीं लगेगा. स्टूडियो में तो आप कुछ भी कर सकते हैं. पर जब आप शो में स्टेज पर गाते हैं तो आप को रीटेक का अवसर नहीं मिलता. मुझे हरिहरन, शंकर महादेवन, रूपकुमार राठौड़, शान, श्रेया घोषाल आदि के गाने पसंद हैं.

मुंबई की उषा उत्थुप पिछले कुछ सालों से अपने परिवार के साथ कोलकाता में रह रही हैं. शादी के बाद वे अपने पति के साथ यहां आई थीं. कोलकाता के बारे में वे कहती हैं, ‘‘यहां का पाड़ा कल्चर यानी पड़ोसी संस्कृति मुझे बहुत पसंद है. यहां के लोग बहुत ही केयरिंग और शेयरिंग प्रवृत्ति के हैं. मुझे ऐसी संस्कृति कहीं और देखने को नहीं मिली.’’ 

दूसरी शादी पहली से ज्यादा सुखद

फिल्म अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने फिल्ममेकर आदित्य चोपड़ा से शादी कर ली. इटली में हुई इस शादी में दोनों ही परिवारों के करीबी लोग शामिल हुए. आदित्य और रानी एकदूसरे को काफी समय से जानसमझ रहे थे. फिल्मी दुनिया में इस युगल के प्यार की चर्चा काफी समय से हो रही थी. इस चर्चा पर रोक तब लगी जब यशराज फिल्म्स ने इन दोनों की शादी की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘हमें यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आदित्य चोपड़ा और रानी मुखर्जी 21 अप्रैल, 2014 को इटली में शादी के बंधन में बंध गए.’’

36 साल की रानी मुखर्जी ने 42 साल के आदित्य चोपड़ा से शादी करने के बाद कहा, ‘‘आज मुझे यश अंकल की सब से ज्यादा याद आ रही है.’’

यश अंकल यानी यशराज चोपड़ा आदित्य चोपड़ा के पिता थे. कुछ अरसा पहले उन का देहांत हो गया था. रानी मुखर्जी ने यश चोपड़ा की कई फिल्मों में काम किया है. वे उन की बहुत इज्जत करती थीं. आदित्य चोपड़ा और रानी के बीच रोमांस की खबरें बहुत पहले से उठ रही थीं. यह रानी की पहली और आदित्य चोपड़ा की दूसरी शादी है. आदित्य का पहली पत्नी पायल खन्ना से 2009 में तलाक हो चुका है. रानी मुखर्जी अभी भी फिल्में कर रही हैं. उन की 2 फिल्में ‘किल दिल’ और ‘मर्दानी’ आने वाली हैं.

फिल्म अभिनेत्रियां पहले कैरियर खत्म होने के बाद ही ऐसी शादी करती थीं. रानी ने जिस तरह से अपने कैरियर के बीच में यह फैसला किया उस से साफ है कि अब उन के प्रशंसक इस तरह की शादियों को ले कर अपना पुराना दकियानूसी नजरिया बदलने लगे हैं. यही वजह है कि ऐसी शादियां करने के बाद भी हीरोइनों की फिल्में खूब पसंद की जा रही हैं.

रानी मुखर्जी की ही तरह अपने कैरियर के उत्थान में ही करीना कपूर ने भी तलाकशुदा सैफ अली खान से शादी की. सैफ और करीना की उम्र में काफी अंतर है. सैफ ने 2004 में अमृता सिंह से तलाक लिया था. इस के बाद 2012 में करीना और सैफ ने शादी की. करीना कपूर और सैफ अली खान दोनों के परिवार फिल्मी दुनिया के बहुत मशहूर परिवार हैं. करीना कपूर का शाहिद कपूर के साथ लंबे समय तक रोमांस चला और उन की कई फिल्में हिट रहीं. लेकिन करीना ने जब शादी करने का फैसला किया तो सैफ अली खान को ही पसंद किया. सैफ हीरो और प्रोड्यूसर हैं. शादी के बाद दोनों के कैरियर में किसी तरह की रुकावट नहीं आई.

फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन अपने गंभीर किस्म के अभिनय के चलते कई बड़े पुरस्कार जीत चुकी हैं. उन की अदाकारी को देख कर कोई उन से नासमझी की उम्मीद भी नहीं कर सकता है. विद्या ने शादी के लिए सही आदमी का चुनाव करते समय यू टीवी फिल्म्स के सीईओ सिद्धार्थ राय कपूर से शादी करने का फैसला किया. सिद्धार्थ राय कपूर पहले से शादीशुदा थे. विद्या बालन को सैकंड वाइफ बनने में इस बात को ले कर कोई परेशानी नहीं आई. विद्या बालन के प्रशंसकों को भी इस बात से कोई मतलब नहीं है कि उन्होंने किस से शादी की. विद्या बालन ने जिस समय शादी करने का फैसला किया उस समय वे फिल्मी दुनिया की टौप हीरोइनों में शुमार होती थीं. वे कहानीप्रधान फिल्मों में भूमिकाएं निभाना पसंद करती हैं.

सफल हो रहा कैरियर

फिल्मी दुनिया में दूसरी शादी करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. दूसरी शादी के बाद भी ये लोग अपने कैरियर में सफल हो रहे हैं. दूसरी शादी इन के कैरियर में बाधा नहीं बन रही है. फिल्म अभिनेता आमिर खान ने 2002 में अपनी पहली पत्नी रीना दत्ता को तलाक दे कर किरण राव से दूसरी शादी की. किरण राव फिल्म डाइरैक्शन से जुड़ी हैं. आमिर खान से शादी के बाद किरण ने कई अच्छी फिल्में बनाईं. दूसरी शादी के बाद आमिर खान ने खुद कई फिल्में और टीवी शो किए हैं.

श्रीदेवी और बोनी कपूर की शादी भी किसी उदाहरण से कम नहीं है. इस बेमेल सी दिखने वाली जोड़ी ने अपनी शादी का फैसला बहुत सोचसमझ कर किया. बोनी कपूर से शादी करने के बाद श्रीदेवी ने फिर से फिल्मों में काम किया. दर्शकों ने उन की फिल्म ‘इंगलिश विंगलिश’ को खूब पसंद किया. बोनी कपूर की पहली पत्नी मोना कपूर की मृत्यु हो चुकी है.

जूही चावला ने शाहरुख खान और आमिर खान के साथ कई हिट फिल्में दी हैं. उन्होंने अपनी उम्र से बड़े जय मेहता के साथ शादी की. जय मेहता बिजनैसमैन हैं. वे आईपीएल क्रिकेट में खेलने वाली कोलकाता नाइट राइडर के कोपार्टनर भी हैं. शादी के बाद भी जूही चावला का फिल्मी कैरियर चल रहा है.

रवीना टंडन का नाम भी जानीमानी हीरोइनों में लिया जाता है. अभिनेता अक्षय कुमार के साथ उन का नाम खूब चर्चा में रहता था. रवीना ने शादी का फैसला अनिल थडानी के साथ किया. अनिल थडानी फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर का काम करते हैं. उन का पहली पत्नी नताशा से तलाक हो चुका है.

रवीना की ही तरह शिल्पा शेट्टी ने भी फिल्मी दुनिया के बाहर बिजनैसमैन राज कुंद्रा से शादी की. राज कुंद्रा का अपनी पहली पत्नी कविता से तलाक हो चुका है. राज कुंद्रा से शादी करने के बाद शिल्पा शेट्टी का कैरियर चल रहा है. शिल्पा शेट्टी का अक्षय कुमार के साथ लंबा प्रेमप्रसंग चला था. जब अक्षय ने ट्विंकल के साथ शादी कर ली तो शिल्पा ने भी राज कुंद्रा के साथ शादी करने का फैसला कर लिया.

शादीशुदा मर्दों से शादी करने वाली अभिनेत्रियों की लिस्ट लंबी है. कल्की कोचलीन ने फिल्म निदेशक अनुराग कश्यप से शादी की. अनुराग ने पहले आरती बजाज से शादी की थी. आरती से तलाक लेने के बाद अनुराग कश्यप ने कई हिट फिल्में दीं. फिल्म अभिनेत्री करिश्मा कपूर ने उद्योगपति संजय कपूर से शादी की. संजय कपूर अपनी पहली पत्नी नंदिता से तलाक ले चुके हैं. नंदिता फैशन डिजाइनर के रूप में अपना काम कर रही थीं. फिल्म अभिनेत्री लारा दत्ता ने स्पोर्ट्समैन महेश भूपति के साथ शादी की. महेश की पहली शादी सविता जयशंकर के साथ हुई थी. वे मौडल थीं.

फिल्मी दुनिया में हीरोहीरोइन के प्रेमप्रसंग पहले भी होते थे. कई मामले काफी गंभीर भी हो जाते थे. लेकिन उस समय दूसरी शादी वहां पर भी प्रचलित नहीं थी. इस का सब से बड़ा उदाहरण अभिनेता अमिताभ बच्चन और रेखा का है. दोनों के बीच प्रेम संबंध बहुत दिनों तक चर्चा में रहे. इस के बाद भी दोनों की शादी नहीं हो पाई. शत्रुघ्न सिन्हा व जितेंद्र भी ऐसे ही कलाकार हैं, जिन के नाम तमाम हीरोइनों के साथ जुड़े पर बात प्रेमप्रसंग से आगे नहीं बढ़ सकी. अपवादस्वरूप कुछ पुराने हीरोहीरोइनों के नाम लिए जा सकते हैं. इन में धर्मेंद्र हेमामालिनी का नाम सब से ऊपर रखा जा सकता है. लेकिन धर्मेंद्र हेमा की शादी में सब कुछ सामान्य पहले भी नहीं था और आज भी नहीं है. धर्मेंद्र की पहली पत्नी और उन के बच्चों ने हेमा को अभी तक नहीं अपनाया है. हेमा अलग रहती हैं. जिन की पहली पत्नी सुजाता बिड़ला थीं.

बदल गई फिल्मी दुनिया

आज का दौर बदल गया है. अब हीरोइनें बड़ी संख्या में शादीशुदा मर्दों के साथ शादी कर रही हैं. हंसीखुशी सामान्यतौर पर अपना जीवन गुजरबसर कर रही हैं. समाज भी इन की शादी को सही तरह से लेने लगा है.

समाजशास्त्री डाक्टर मधु पाठक कहती हैं, ‘‘पहले फिल्मी कलाकारों के चाहने वाले उन से ऐसी उम्मीद नहीं करते थे. शायद दूसरी शादी करने वाले ऐसे कई कलाकारों का फिल्मी कैरियर खत्म हो चुका है. अब समाज खुद बदल रहा है. ऐसे में वह फिल्मी कलाकारों की दूसरी शादियों को बहुत महत्त्व नहीं देता है. फिर समाज में भी ऐसे लोगों की संख्या बढ़ने लगी है. ऐसे लोग अपनी कहानी लोगों के सामने नहीं लाना चाहते पर उन की तादाद दिनबदिन बढ़ती जा रही है.’’

दूसरी शादी के बाद सामान्य जीवन

लखनऊ की रहने वाली मेनका की शादी 18 साल की उम्र में हो गई थी. शादी के 1 साल में ही मेनका का अपने पति नारायण के साथ जिंदगी गुजरबसर करना मुश्किल हो गया. वे पति का घर छोड़ कर अपने पिता के घर चली आईं. समाज में इस बात को ले कर कुछ चर्चा शुरू हुई. मेनका के घर वालों ने इस बात को कोई तवज्जो नहीं दी. मेनका ने अपनी पढ़ाई पूरी की. वे फैशन कोरियोग्राफर बन कर लड़केलड़कियों का कैरियर संवारने लगीं. मेनका का 1 छोटा भाई और 1 बहन है. मेनका ने दूसरी शादी न करने का फैसला किया था. इस बीच उस के परिवार वालों ने छोटे भाईबहन की शादी कर दी. कुछ साल बीत गए. उस समय मेनका की उम्र 34 साल हो चुकी थी. मेनका को अरुण का साथ मिला. अरुण अपनी पत्नी से तलाक ले चुके थे. मेनका और अरुण के बीच बातचीत और तालमेल शुरू हो गया.

2 साल के बाद मेनका और अरुण ने शादी कर ली. अब दोनों ने 1 बच्चा गोद ले कर अपनी जिंदगी को नए सिरे से संवारना शुरू कर दिया है. वे कहते हैं, ‘‘दूसरी शादी केवल फिल्मी दुनिया की बातें नहीं रह गई है. बहुत सारे लोग तलाक लेने के बाद दूसरी शादी कर के सामान्य जीवन गुजार रहे हैं. यह बात जरूर है कि समाज का बड़ा हिस्सा अभी भी रूढिवादी सोच और दकियानूसी विचारों के साथ जी रहा है. ऐसे लोग कहीं भी हो सकते हैं. इस कारण हम खुल कर सामने नहीं आना चाहते. यह बात जरूर है कि हमें जाननेसमझने वाले लोग हमारे जीवन पर कोई टिप्पणी नहीं करते. हमारे साथ सामान्य व्यवहार करते हैं.’’

शादी की उम्र बढ़ने का असर

शादी की उम्र बढ़ने का भी इस पर बड़ा असर हो रहा है. अब सामान्य तौर पर शादी 25 से 30 साल के बीच होती है. कई बार 35 साल तक शादी होती है. ऐसे में लड़कियां अपनी पसंद का पति चुन लेती हैं. कई बार वे तलाकशुदा को ही अपना जीवनसाथी मान लेती हैं. फिल्मी दुनिया से दूर समाज में इस के कई उदाहरण मिलते हैं. लड़कियां शादी करने से पहले हर तरह से परिपक्व व्यक्ति को ही अपना जीवनसाथी चुनना चाहती हैं. फिल्मों और राजनीति में ऐसे लोगों के सामने आने से सामान्य समाज में रहने वालों का हौसला बढ़ा है. ऐसी ही शादी कर चुकी कविता कहती हैं, ‘‘पहले यह लगता था कि दूसरी शादी के बाद घरपरिवार और समाज के बीच तालमेल बैठाना मुश्किल होता है. अब ऐसा नहीं है. लड़कियां परिपक्व होती हैं. लड़के भी ऐसा ही नजरिया रखते हैं. लड़कियों को अब पति के रूप में ऐसा साथी पसंद आता है जो उन के साथ कदम से कदम मिला कर चल सके.’’

लड़कियों का नजरिया ही नहीं बदला है, कानून भी बदल रहा है. आज तलाक लेना पहले से सरल हो गया है. ऐसे में संबंध न निभाने की हालत में लड़कालड़की दोनों अलग हो कर दोबारा अपना जीवन गुजरबसर करने लगे हैं. फैमिली कोर्ट में ऐसे मसलों को देखने वाले वकील वीरेंद्र त्रिपाठी कहते हैं, ‘‘तलाक लेते समय पहले लोग एकदूसरे से अलग हो कर सामान्य जीवन शुरू करने की बात कम सोचते थे. वे सोचते थे कि सामने वाले को कितना परेशान किया जाए. ऐसे में वे दहेज कानून की गंभीर से गंभीर धाराओं का उपयोग करते थे. पर अब ऐसा कम होने लगा है. लोग आते हैं तो यही मांग करते हैं कि जल्दी से जल्दी एकदूसरे से छुटकारा मिल जाए. वे जल्द से जल्द तलाक ले कर अपना नया जीवन शुरू करने की योजना में रहते हैं. तलाक को लोग अपने दामन पर दाग न मान कर जिंदगी का एक गलत फैसला मान कर आगे बढ़ना पसंद करने लगे हैं.’’

वैवाहिक परेशानियां बढ़ाती हैं अपराध

वीरेंद्र त्रिपाठी यह भी कहते हैं, ‘‘अगर कानून तलाक को ले कर थोड़ा और सरल हो जाए तो तलाक ले कर दूसरी शादी करने वालों को यह कार्य थोड़ा सहज हो जाएगा. विवाह को अगर कानून में बांध कर जीवन गुजरबसर करने को कहा जाएगा तो अपराध बढ़ने लगते हैं. अपराध की बहुत सारी ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जिन में लोग कोई रास्ता न देख कर हत्या तक करने का कदम उठा लेते हैं.’’

मनोचिकित्सक डाक्टर मधु पाठक कहती हैं, ‘‘वैवाहिक संबंधों में आई परेशानियां जब खत्म नहीं होती दिखतीं तो लोग अपराध जैसे घातक कदम उठा लेते हैं. अपराध की घटनाओं को कम करने के लिए कानून और समाज दोनों को विवाह के प्रति अपना नजरिया बदलना होगा.’’

तलाक के बाद भी दूसरी जिंदगी शुरू हो सकती है. समाज में दूसरी शादी के बाद भी चलाफिरा जा सकता है. यह बात जब लोगों को सरल लगने लगेगी तो इस से जुड़े तमाम तरह के अपराध खत्म हो जाएंगे. कुछ लोग तर्क देते हैं कि इस तरह की सोच बनने के साथ अवैध रिश्तों की तादाद बढ़ जाएगी. लेकिन सचाई यह है कि अवैध रिश्तों की शुरुआत तब होती है जब पतिपत्नी के बीच भरोसे और विश्वास की दीवार गिर जाती है. किसी रिश्ते को बांध कर नहीं रखा जा सकता. ऐसे में खुले नजरिए और नई हवा के साथ संबंध और रिश्तों को स्वीकार करने में ही समाज का भला है. फिल्मी दुनिया और राजनीति में आ रहे बदलाव से यह बात साफ होने लगी है. समाज में जिन लोगों ने इस बदलाव को स्वीकार करना शुरू किया है उन की संख्या बढ़ने लगी है, जिस से यह उम्मीद बलवती हो रही है कि समाज में आ रहे बदलाव को महसूस कर कानून में भी बदलाव हो सकेगा.

ककड़ी व सूजी की पैटी

सामग्री

1/2 कप ककड़ी छिली व कद्दूकस की, 75 ग्राम पनीर कद्दूकस किया, 2 बड़े चम्मच सूजी बारीक, 2 बड़े चम्मच दही, 1/2 छोटा चम्मच अजवाइन,1 बड़ा चम्मच बादाम पाउडर, 2 बड़े चम्मच धनियापत्ती बारीक कटी, 1 बड़ा चम्मच भुने चनों का पाउडर, 1 फ्रैश ब्रैड के ब्रैडक्रंब्स, 1 छोटा चम्मच अदरक कटा, 1 छोटा चम्मच हरीमिर्च कटी, 1/2 छोटा चम्मच चाटमसाला, 1/2 छोटा चम्मच गरममसाला, 1/2 चम्मच नीबू का रस, 1 बड़ा चम्मच कौर्नफ्लोर, नमक स्वादानुसार, पैटीज पर लगाने के लिए 2 फ्रैश ब्रैड के ब्रैडक्रंब्स, 2 बड़े चम्मच रिफाइंड औयल.

विधि

एक नौनस्टिक पैन में 1/2 छोटा चम्मच तेल गरम करें. उस में अजवाइन का तड़का लगा कर सूजी को अच्छी तरह भूनें. इस में दही डाल कर मिश्रण के सूखने तक भूनें. अब इस में ककड़ी पैटीज की सारी सामग्री मिला दें. मनपसंद आकार की पैटीज बनाएं. ब्रैडक्रंब्स में लपेट कर नौनस्टिक तवे पर करारी होने तक सेंकें. सौस या चटनी के साथ सर्व करें.

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