वैजी पीनट पैटिस

सामग्री

1/4 कप मूंगफली

2 बड़े चम्मच अरहर दाल

1/2 कप गाजर कद्दूकस की हुई

1/2-1/2 कप हरी व पीली शिमलामिर्च बारीक कटी

1/4 कप कौर्न उबले

1/2 इंच अदरक का टुकड़ा कद्दूकस किया

1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

2 हरीमिर्चें बारीक कटी

1 कली लहसुन कद्दूकस

नमक स्वादानुसार.

विधि

पैन में मूंगफली और अरहर दाल को भून लें. फिर एक बाउल में निकाल कर ठंडा होने पर मिक्सी में बारीक पीस लें. बाउल में सारी सब्जियां डालें. अदरक व लहसुन भी डालें. फिर सारे मसाले. अंत में मूंगफली और अरहर दाल का पाउडर डाल कर अच्छी तरह मिक्स करें. पैटीज की शेप दे कर नौनस्टिक पैन में बिना तेल के सेंक कर किसी भी चटनी के साथ सर्व करें.

ग्रिल्ड चिली पनीर

सामग्री

3 छोटे चम्मच औलिव औयल

250 ग्राम पनीर

4-5 कलियां लहसुन बारीक कटी

2 बड़े चम्मच हरे प्याज की डंडियां बारीक कटी

2 छोटे चम्मच टोमैटो कैचअप

1 बड़ा चम्मच रैड चिली सौस

1 छोटा चम्मच कौर्नफ्लोर

1/2 छोटा चम्मच कालीमिर्च

नमक स्वादानुसार.

विधि

पनीर को बाइट साइज क्यूब्स में काट कर रखें. बाकी सारी सामग्री को एक बाउल में मिला लें. अंत में पनीर क्यूब्स भी मिला दें. 15-20 मिनट फ्रिज में मैरिनेट करें. फिर फ्रिज से निकाल कर ग्रिलर या नौनस्टिक तवे पर ग्रिल करें.

हमेशा सकारात्मक रवैया रखें : प्रिया महेश्वरी

प्रौपर्जी वैबसाइट की संस्थापक प्रिया महेश्वरी अपनी जिंदगी के शुरुआती दौर में साधारण जिंदगी जीने वाली और साधारण सपने देखने वाली महिलाओं की तरह ही थीं. प्रिया का जन्म राजस्थान के एक छोटे से गांव के रुढि़वादी परिवार में हुआ. पर परिवार की रुढि़वादी सोच प्रिया को प्रभावित न कर सकी. उन के विचार ऊंचे और सकारात्मक थे. प्रिया ने अपनी मुश्किल भरी जिंदगी में सिर्फ 3 बातों पर ही विश्वास किया, जो थीं मेहनत, दृढ़ संकल्प और सकारात्मक रवैया. इन 3 बातों के दम पर ही इन्होंने अपनी जिंदगी को सफल बनाया.

व्यवसायी बनने की प्रेरणा

अपनी जिंदगी और व्यवसाय की शुरुआत के बारे में बताते हुए प्रिया कहती हैं, ‘‘मैं बड़ी हो रही थी तब मेरा सपना था कि मैं कुछ बनूं, क्योंकि मेरे परिवार में किसी भी स्त्री ने कभी भी कोई काम नहीं किया था. मुझे कामकाजी महिलाएं हमेशा प्रेरित करती आई थीं. शादी के बाद मुझे अमेरिका जा कर पढ़ने का मौका मिला, जहां मैं ने यूनिवर्सिटी औफ पैनसिल्वेनिया से पढ़ाई की. फिर अमेरिका में कुछ साल काम करने के बाद मैं भारत वापस आई, तो मैं ने देखा कि भारत बहुत तेजी से विकास कर रहा है और एक आम इंसान की मुश्किलों को हल करने के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है. तब मेरे दिमाग में प्रौपर्जी का आइडिया आया.’’

क्या है प्रौपर्जी

अपने व्यवसाय के बारे में बताते हुए प्रिया कहती हैं, ‘‘प्रौपर्जी रियल एस्टेट के क्षेत्र में एक अनोखी वैबसाइट है, जो ग्राहकों को प्रौपर्टी खरीदनेबेचने के बारे में निर्णय लेने से पहले सही और निष्पक्ष सलाह देती है. जिस से वे जागरूक हो कर फैसले ले सकें. प्रौपर्जी के जरीए हम रियल एस्टेट बाजार में सचाई, ईमानदारी पारदर्शिता और व्यावसायिकता लाने की कोशिश करते हैं. हमारी औनलाइन रिसर्च टीम स्वतंत्र रूप से प्रौपर्टी का विश्लेषण कर खरीदारों के लिए एक ऐसा डाटा तैयार करती है, जो उन्हें निर्णय लेने में काफी सहायता करता है.‘‘हमारी वैबसाइट खरीदारों को बिल्डरों, उन की परियोजनाओं, प्रौपर्टी की लोकेशन, बिल्डर की रेटिंग, प्रौपर्टी दर और उस की खरीद पर लगने वाले ब्याज के बारे में निष्पक्ष जानकारी देती है. जो खरीदार प्रौपर्जी की सेवाएं लेते हैं, उन से सुविधा शुल्क लिया जाता है. इस तरह यह वैबसाइट रियल एस्टेट से जुड़ी दूसरी वैबसाइटों से एकदम अलग है.’’

आसान नहीं थी राह

प्रिया को भी अपना व्यवसाय जमाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लेकिन अपनी सूझबूझ और सकारात्मक रवैये की वजह से वे मुश्किलों से उबर सकीं. वे बताती हैं, ‘‘मुझे शुरुआत में बहुत मुसीबतें आईं और अभी भी मुझे मुसीबतों का सामना करना पड़ता है.‘‘शुरुआत में मेरे लिए सब से बड़ी चुनौती थी वैबसाइट बनाना और अपनी एक टीम बनाना. मेरे हिसाब से टीम बनाना सब से बड़ी चुनौती थी. काम की शुरुआत में आप के पास इतने पैसे नहीं होते कि आप सभी को बाजार भाव के हिसाब से तनख्वाह दे  सकें. ऐसे में सभी कर्मचारियों को अपनी टीम में रखना और उन का हौसला बनाए रखना बहुत कठिन हो जाता है. मेरी दूसरी चुनौती थी धन जुटाना. लेकिन मेरी इन दोनों चुनौतियों का समाधान निकला.’’

जिंदगी के अच्छे बुरे पल

प्रिया की जिंदगी में अच्छेबुरे पलों का आनाजाना लगा रहा. वे अपने वर्तमान समय को अपनी जिंदगी का सब से अच्छा पल मानती हैं. वे कहती हैं, ‘‘मेरी जिंदगी हमेशा बहुत कठिन रही पर मैं ने सभी चुनौतियों से कुछ न कुछ जरूर सीखा. यही सीख मुझे मेरे कठिन समय से बाहर लाई.’’ प्रगतिशील महिलाओं को संदेश देते हुए प्रिया कहती हैं कि अपनी जिंदगी को खुल कर जियो और सकारात्मक रवैया रखो.

गौरी को पसंद नहीं आया शो

करीब 5 साल के बाद अपने पुराने ‘मेरी आशिकी तुम से ही’ शो में फिर से काम करने वाली गौरी प्रधान तेजवाली को इस बार अपना रोल पसंद नहीं आया है. सूत्रों की मानें तो गौरी ने यह रोल प्ले करने के लिए इसलिए हां किया था, क्योंकि उन्हें लगा था कि इस में कुछ खास होगा. फिर जब यह रोल उन्हें पसंद आया तो उन्होंने मां का रोल प्ले करने में भी आपत्ति नहीं जताई. लेकिन अब जिस तरह से शो में उन का किरदार आगे बढ़ रहा था, वह उन्हें पसंद नहीं आ रहा था. जब हितेन की शो में ऐंट्री दिखाई गई थी तो उन्हें लगा था कि शो का फोकस उन पर होगा. लेकिन इस के बाद भी ऐसा नहीं हुआ. ऐसे में उन्होंने शो से बाहर जाना ही सही समझा.

इस अंदाज के क्या कहने

कान के 68वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फैस्टिवल में जब रैड कारपेट पर पर हुस्न की मलिका ऐश्वर्या राय आईं तो उन का बोल्ड ऐंड ब्यूटीफुल अंदाज जानलेवा था. ऐश्वर्या ने सभी चाहने वालों को फ्लाइंग किस दे कर खुश कर दिया. लेकिन इस फैस्टिवल में उन से ज्यादा उन की बेटी आराध्या के चाहने वाले थे. ऐश ने इस समारोह में लोरियल पेरिस की ऐंबैसडर के तौर पर शिरकत की और वे फैशन डिजाइनर सब्यसाची द्वारा डिजाइन किए गए फ्लौवर पैटर्न वाले ऐक्वा ग्रीन आउटफिट में नजर आईं, जिस में उन का लुक बहुत आकर्षक दिखाई दे रहा था. ऐश के अलावा सोनम कपूर, मल्लिका सेहरावत और कैटरीना कैफ ने भी इस समारोह में शिरकत कर अपनी अदाओं का जादू दिखाया.

यहां तो दुआओं से ही काम चलता

कहने को सरकारी अस्पताल मुफ्त होते हैं पर इन में  जाने वाले यह जानते हैं कि पगपग पर प्राइवेट सेवाएं लेना देश भर के लगभग सभी प्राइवेट ही नहीं चैरिटेबल अस्पतालों में भी जरूरी होता जा रहा है. चिकित्सा की मांग इस बुरी तरह बढ़ी है कि जो भी तानाबाना सरकार बुनती है वह अव्वल तो काफी होता ही नहीं और फिर मुफ्त में इलाज मरीजों को क्यों मिले, यह भावना हर सरकारी वेतनभोगी के मन में भरी है, इसलिए हर सेवा कम पड़ती है. सरकार अस्पतालों के बड़ेबड़े भवन बना सकती है, मोटा कमीशन मिलने पर महंगी मशीनें व फर्नीचर खरीद सकती है पर उस का सही जनउपयोगी इस्तेमाल वेतनभोगी कर्मचारियों से नहीं करा सकती, क्योंकि सेवा पाने वाला गरीब, असहाय और कमजोर होता है, जो शिकायत नहीं कर सकता, बस गिड़गिड़ा सकता है.

इसीलिए सरकारी अस्पतालों में हर तरह की सेवा देने के लिए ऊपर से फीस लेने का एक तरीका चालू हो गया है. ज्यादातर तो सेवा सरकारी वेतनभोगी मरीज से पैसे ले कर देते हैं पर बहुत मामलों में बाहरी सेवा देने वाले लोग भी आने लगे हैं, जो सरकारी वेतनभोगियों को कट यानी हिस्सा दे कर अपनी जेबें गरम कर रहे हैं. इस में शक नहीं कि ये प्राइवेट नर्सें, वार्डबौय, फार्मेसिस्ट, फिजियोथेरैपिस्ट, लैब टैक्नीशियन, रेडियोलौजिस्ट चाहे मिल कर मरीज को लूटते हों, इलाज तो कर ही देते हैं और इसीलिए देश भर के सरकारी अस्पतालों के बाहर ऐसे हुजूम लगे होते हैं गोया अंदर सलमान खान का तमाशा हो रहा हो और बाहर वाले उस की एक झलक देखने को बैठे हों.

निजी अस्पतालों को कोसने वाले यह भूल जाते हैं कि सरकारी अस्पताल चल रहे हैं, तो इस अंडर द टेबल प्राइवेटाइजेशन के कारण ही. इस प्राइवेट सेवा से जूझना औरतों के लिए बहुत भारी होता है चाहे वे मरीज हों या मरीज की रिश्तेदार. आदमी लोग आमतौर पर बाहर रह जाते हैं और औरतों को इन सेवादारों से पैसे तय करने होते हैं, जो बहुत जोखिम का काम होता है. मरीज की देखभाल के साथ डाक्टर और प्राइवेट नर्स को पकड़ना एवरेस्ट पर चढ़ने की तरह होता है. गंदे, बदबूदार गलियारों में लेटे मरीजों और मरीजों के रिश्तेदारों के अवरोधों को पार करते अपने कराहते बच्चे या पति के लिए कलपती औरतें दवा, पट्टी, टैस्ट, डाक्टरी जांच, औपरेशन के लिए भागीभागी फिरती हैं.

निजी अस्पताल सरकारी अस्पतालों का पर्याय हैं और हजारों की संख्या में खुल रहे हैं पर वे बेहद महंगे हैं. सरकारी अस्पतल अंडर द टेबल के भुगतान के बावजूद वे अभी भी सस्ते हैं या सस्ते लगते हैं और इसीलिए उन में मेला लगा रहता है. उचित स्वास्थ्य सेवा का फौर्मूला अफसोस है आज भी न अमेरिका में मिला है, न चीन में, भारत के तो कहने ही क्या. यहां तो दुआओं से ही काम चलता है और दान ज्यादातर सरकारी आदमी ही ले जाते हैं. स्वास्थ्य आम आदमी का मौलिक अधिकार है पर हर सरकार इसे एक फालतू का काम समझती है और खानापूरी कर के चुप बैठ जाती है. कोई वरिष्ठ समझदार मंत्री यदाकदा ही दिखता है.

कीवी पन्ना

सामग्री

2 कीवी

थोड़ी सी पुदीनापत्ती

थोड़ी सी धनियापत्ती

1/2 छोटा चम्मच भुना जीरा

1/2 छोटा चम्मच अदरक

1 छोटा चम्मच काला नमक

3 बड़े चम्मच चीनी

1 बड़ा चम्मच कच्ची अंबी

1 छोटा चम्मच नीबू का रस

3 बड़े चम्मच पानी

थोड़े से बर्फ के टुकड़े.

विधि

कीवी को आंच पर फोर्क की मदद से रोस्ट कर लें. फिर छिलके उतार कर थोड़ा चौप कर दें. ठंडा होने पर जार में सारी सामग्री डाल कर चर्न कर लें. 1 कप पानी मिला कर सर्व करें.

पास्ता सलाद विद ग्रीन्स

सामग्री

1 कप दही ठंडा

2 बड़े चम्मच क्रीम

1 छोटा चम्मच कालीमिर्च

1 छोटा चम्मच मस्टर्ड पाउडर

2 छोटे चम्मच चीनी

2 छोटे चम्मच नीबू का रस

1 बड़ा चम्मच सेलरी स्टिक बारीक कटी

2 कप बंदगोभी कटी

2 कप अंगूर

1 कप खीरा

1 कप पास्ता उबला

नमक स्वादानुसार.

विधि

दही, क्रीम, कालीमिर्च, मस्टर्ड पाउडर, चीनी, नीबू का रस, सेलरी और नमक को एक बाउल में मिला कर कुछ देर फ्रिज में रखें. दूसरे बाउल में बंदगोभी, अंगूर, खीरा और पास्ता डालें. अब इस पर फ्रिज में रखी ड्रैसिंग मिक्स कर ठंडाठंडा सर्व करें.

जनून हो तो जो चाहें कर सकती हैं: करिश्मा

फैशन को एक नए रूप में लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहीं डिजाइनर करिश्मा शाहनी खान पुणे की हैं. भारत की कला और संस्कृति को उन्होंने डिजाइन के जरीए कहने की कोशिश की है. अत्यंत शांत और नम्र स्वभाव की करिश्मा का ब्रैंड ‘क.श.’ देश के हैंडीक्राफ्ट को विश्व स्तर तक पहुंचाने के लिए लगातार तत्पर है. आगे चल कर क्या बनना है, यह करिश्मा ने पहले से तय नहीं किया था. जिस काम में मन लग जाता, वे बस वही करने लगती थीं. मन एक जगह ठहरता ही नहीं था. और ऐसा शायद इसलिए था कि एक दिन उन को कुछ बड़ा काम करना था. अपने बारे में करिश्मा बताती हैं, ‘‘मैं पुणे की हूं और फैशन की पढ़ाई मैं ने यूके के लंदन कालेज औफ फैशन से की.’’

वे आगे कहती हैं, ‘‘मुझे घूमनेफिरने का बहुत शौक है इसलिए एक वक्त ऐसा भी आया था जब मैं अर्कियोलौजिस्ट बनना चाहती थी. कई बार सोचती थी कि अफ्रीका जा कर रहूंगी पर बीच में यह फैशन डिजाइनिंग आ गई.’’

ऐसे हुई शुरुआत

अपनी पढ़ाई के सिलसिले में करिश्मा ने कई देशों की यात्रा की और अलगअलग जगहों की संस्कृतियों और पहनावे के बारे में जानकारी भी हासिल की. इस के बाद उन्होंने भारत वापस आ कर अपने लिए काम करने का मन बनाया. वे बताती हैं, ‘‘पढ़ाई के दौरान मैं ने कई जगहों पर इंटर्नशिप की. 3-4 साल तक यही चलता रहा. फिर एक दिन ऐसा आया जब मैं ने सोचा कि मैं अपने लिए कुछ करूं तो मैं वापस भारत आ गई. यहां लोगों ने मेरे काम को सराहा और मुझे और्डर मिलने लगे. फिर मैं ने अपना ब्रैंड बनाने का चांस लिया. इस में परिवार का सहयोग जरूरी था, जो शुरू में मेरे मातापिता व बहन का मिला और अब मेरे पति का मिल रहा है.

टर्निंग पौइंट

हर किसी की जिंदगी में एक ऐसा पल आता है, जो उस को एक नई दिशा देता है. अपने जीवन के टर्निंग पौइंट का जिक्र करते हुए करिश्मा कहती हैं, ‘‘लोग मुझ से अकसर मेरे जीवन का टर्निंग पौइंट क्या रहा, इस के बारे में पूछते हैं. मेरा यही कहना है कि लेबल के जरीए मुझे अपनी कला को दिखाने का मौका अब मिल रहा है, लेकिन कालेज में जब मैं ने अपना अंतिम शो किया था. वह काफी प्रशंसनीय था. वही मेरी जिंदगी का टर्निंग पौइंट था. इस से मुझे अपना काम शुरू करने का प्रोत्साहन मिला.’’ खुद के दम पर नाम बनाने को करिश्मा अपनी उपलब्धि नहीं मानतीं. वे मानती हैं कि जिस दिन वे देश का नाम ऊंचा कर सकीं, उस दिन वे खुद को सही माने में सफल मानेंगी. उन का कहना है, ‘‘जब मेरे जीवन के सब से बड़े अचीवमैंट की बात होती है तो मैं यही कहती हूं कि अभी तक तो कोई नहीं मिली, आगे मिलना बाकी है. मैं अपने देश को विश्व स्तर तक पहुंचाना चाहती हूं, जहां लोग सिर्फ यहां के कपड़े पहनें ही नहीं, बल्कि उस की कद्र करना भी सीखें. मैं बाहर पढ़ी हूं इसलिए मुझे पता है कि विदेशों में हमारे कपड़ों की काफी अहमियत है.’’

जिंदगी में आई मुश्किल

भारत में प्रेम विवाह और वह भी दूसरे धर्म में करना तो मुश्किल है ही और यदि किसी तरह यह हो जाए तो दकियानूसी सामाजिक सोच के चलते इसे निभाना मुश्किल है. कुछ ऐसा ही करिश्मा के साथ भी हुआ. लेकिन उन के परिवार वालों ने उन का साथ दिया. इस बारे में वे कहती हैं, ‘‘मेरी जिंदगी में एक बड़ी मुश्किल तब आई थी जब मैं ने शादी की, क्योंकि मैं हिंदू परिवार से हूं और मेरे पति मुसलिम, लेकिन जब मेरी शादी हुई तो वह मेरे लिए सब से अच्छा पल था, क्योंकि मुझे मेरी खुशी मिली. साथ ही परिवार वाले भी अपना माइंड सैट कर आगे बढ़े और इसे सहर्ष स्वीकार किया.’’

प्रगतिशील महिलाओं को संदेश देते हुए करिश्मा कहती हैं, ‘‘वे अपने अंदर कुतूहल व आत्मविश्वास बनाए रखें, साथ ही यह सोच भी रखें कि आप जो चाहें वह कर सकती हैं. अपनी शिक्षा अवश्य पूरी करें ताकि आप एक सफल पत्नी, मां और उद्यमी बन सकें.’’

जलवा ए सैक्सी बैक

जब जमावड़ा बौलीवुड की बालाओं का हो, तो यकीनन रैंप का टैंपरेचर बढ़ना लाजमी है. मौका था लौरियल पैरिस फेमिना वूमन अवार्ड का, जिस में सजधज कर पहुंची बौलीवुड की सुंदर परियां सभी को अपनी अदाओं से घायल कर रही थीं. इन सुंदरियों की सैक्सी बैक का जलवा भी कम जानलेवा नहीं था. उर्वशी रतौला, एली अवराम जैसी बौलीवुड हसीनाओं संग गौहर खान, नेहा धूपिया और सोनम कपूर जैसी ऐक्ट्रैस ने अपने ग्लैमर के खूब रंग बिखेरे.

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