Friendship Day Selfie: जो भी नाराजगी है उसे भुलाकर फिर एक हो जाएं

पूजा मिश्रा…

दोस्ती का हाथ थामें मैंने ज़िंदगी के कई पहलुओं को समझा है…
मैंने चलना खुद सीखा है लेकिन सभलना और  संभालना दोस्ती में सीखा है…
बुरे वक़्त में रिश्तेदार हो न हो साथ लेकिन चार दोस्त जरूर चले आते थे…
अपनी दोस्ती का वास्ता दे दे कर मुझसे हंसना सीखाते थे…
दोस्ती का हाथ थामें मैंने ज़िंदगी के कई पहलुओं को समझा है…
लड़खड़ाते हुए रास्तों पर कैसे संभालना है ये मैंने दोस्ती में सीखा है
love  you  guys  please  जो  भी नाराजगी है उसे भुलाकर क्यों न एक बार फिर से साथ हो जाए पहले की तरह
miss  you  and  happy  friendship  day

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Friendship Day Selfie: अब समझी हूं दोस्ती का मतलब

Friendship Day Selfie: दोस्ती का एहसास ही प्यारा होता हैं…

आभा यादव (दिल्ली)

अक्सर लोगों की चाहत होती है कि उन्हें सच्चा दोस्त मिलें. अगर आपको अपना अज़ीज़ दोस्त मिल जाए जिसके साथ आप अपना सुख-दुःख बांट सकें, तो आपको खुद एक सच्चा दोस्त बनने की जरूरत है. तभी ये रिश्ता निभ सकता है.क्योंकि दोस्ती के मज़बूत बंधन रातों-रात नहीं बन जाते. दोस्ती वो है जिसे हम ख़ुद चुनते हैं, जो हर रिश्ते से सच्ची होती है. आखिरकार, दोस्त जान-पहचान वालों से बढ़कर जो होते हैं.

दोस्त वह होता है जिसके साथ जज़्बाती तौर पर आपका गहरा लगाव होता है. दोस्ती का नज़दीकी रिश्‍ता कायम करने और उसे बनाए रखने में मेहनत लगती है. कई बार दोस्ती का मतलब होता है, अपने आराम से बढ़कर अपने दोस्त की ज़रूरत की फिक्र करना. जिगरी दोस्त उन्हें कहते हैं, जो आपस में न सिर्फ खुशियां बल्कि अपने गम भी बांटते हैं. ज़रूरत के वक्‍त, अपने दोस्त को जज़्बाती तौर पर मदद देने के साथ-साथ उसे सही सलाह देकर आप दिखाते की आप कितने अच्छे दोस्त है.

एक प्यार भरी वफादार दोस्ती से बढ़ कर कुछ भी मन को खुशी नहीं दे सकता. इस रिश्ते में मन की बात बांटने में डर नही लगता, हम सबको उस दोस्ती की जरूरत होती है जो हमारे दुख को दूर कर देती है जिसकी सलाह मददगार होती है जिसे देखते ही हम खिल उठते हैं. क्योंकि दोस्तों के साथ के साथ बिताए पल अनमोल यादें दे जाती हैं. उनके साथ रहने पर वक़्त और दर्द दोनों का पता ही नहीं चलता. दोस्ती को शब्दों में बयां करना मुश्किल है, लेकिन एक सच्ची दोस्ती में कुछ ऐसी बात और आदतें होती हैं, जो बहुत प्यारी होती हैं.

Friendship Day Selfie: अब समझी हूं दोस्ती का मतलब

प्रतिभा श्रीवास्तव अंश (भोपाल, मध्यप्रदेश)

आज उम्र के तीसरे पड़ाव पर हूं. दोस्ती क्या चीज है यह बात अब जाके समझी हूं. कहते है कि हर कामयाब पुरुष के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है शायद सच है क्योंकि मेरी कामयाबी के पीछे भी मेरी दोस्त लक्ष्मी का हाथ है. जो अदृश्य रूप से मेरे साथ हर कदम पर खड़ी होती है. मेरी मित्र कर्ण की तरह है जो मेरे अवगुण पर मेरा साथ देती है. मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं लक्ष्मी….

जीवन पथ पर जैसे-जैसे अग्रसर होते है. हमारे दोस्तों की संख्या में बढ़ोतरी होती है. जब लेखन के क्षेत्र में मेरी पहचान बनने लगी तो मेरे कुछ नये दोस्त भी बने…जो मेरे दिल के बहुत करीब है….और हमारी दोस्ती की खास बात यह है कि हम महीनों-महीनों बात तक नही करते पर जब एक दूसरे की आवश्यकता होती है तो फौरन पहुंच जाते है उसके पास. वैसे यही तो एक रिश्ता है जिसमे ना कोई बंधन ना कोई रोक-टोक. एक पवित्र रिश्ता निस्वार्थ भावना लिए, जिसे हम मित्रता कहते है.

आज इतने वर्षों में यह दिन मेरे लिए खास है क्योंकि मैंने कभी कहा ही नहीं अपने दोस्तों से की तुम मेरी जिंदगी में क्या हो. यही सोचती रही कि क्या कहना, पर मैं गलत थी कभी-कभी कह देना भी अच्छा होता है. प्यार की मधुरता व विश्वास बढ़ जाता है. प्रिय लक्ष्मी, रोहिणी, मौसमी, शालिनि व शशि और अंजलि तुम सब के बिना प्रतिभा अंश मात्र की भी नहीं.

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Friendship Day Selfie: सलामत रहे दोस्ताना हमारा

अनामिका पांडे (भोपाल)

वैसे तो मेरी कई दोस्त हैं जैसे अंकिता, पूजा, शाहिस्ता, सुचित्रा लेकिन सबसे ज्यादा जिस लड़की के साथ मैंने वक्त बिताया वो है प्रिया सिंह. प्रिया मुझे पोस्ट ग्रेजुएशन के वक्त मिली हम क्लासमेट तो थे ही फिर दोस्त के साथ-साथ रूममेट भी बन गए. प्रिया के साथ रहकर मुझे बहुत अच्छा लगता था. हम साथ होते थे तो किसी और दोस्त की जरुरत महसूस ही नही होती थी. भोपाल में हम साथ में बहुत सी ऐसी जगहों पर घूमने चले जाया करते थे जहां के बारे में हमें पता भी नहीं होता था फिर भी हम साथ होते थे तो डर नहीं लगता था और निकल जाते थे बेफिक्र. मैंने हौस्टल में उसके साथ खूब सारी मस्तियां की हैं. बहुत सी यादें जुटाई हैं.

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मैं इस वक्त नोएडा में हूं. साथ में प्रिया भी है यहां बस अब साथ में नौकरी भी करने की सोची है. इसके जैसे दोस्त कम ही मिलते हैं. साथ ही ऐसी ही एक और दोस्त है पूजा श्रीवास्तव जो मेरे साथ 6 साल से है. हमनें साथ में ग्रेजुएशन किया, पोस्ट ग्रेजुएशन किया और अब हम नौकरी भी साथ में एक ही कंपनी में कर रहे हैं. ये दोस्ती यूं ही बनी रहे.

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