सर्जरी की बाद से मेरे पीठ दर्द में दर्द रहता है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 65 साल है. 2010 में मेरी पीठ और पैर में तेज दर्द उठा था. इलाज के लिए रीढ़ की 5 बार सर्जरी की गई. हालांकि सर्जरी की मदद से मुझे पैर के दर्द से राहत तो मिल गई है लेकिन पीठ दर्द अभी भी परेशान करता है. यहां तक कि मेरा उठनाबैठना तक दूभर हो गया है. कृपया इस का इलाज बताएं?

जवाब-

सही इलाज के लिए समस्या का कारण पता होना जरूरी है. इसलिए सब से पहले इस की जांच कराएं. रेडियोफ्रीक्वैंसी एब्लेशन आरएफए, रीढ़ के जोड़ों में होने वाली दर्द से छुटकारा पाने के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है. दिल्ली में ऐसे कई अस्पताल हैं, जहां इस तकनीक का उपयोग किया जाता है. इस इलाज की मदद से आप को 18 से 24 महीनों के लिए दर्द से पूरी तरह से राहत मिल जाएगी. रीढ़ की जिन नसों में दर्द होता है उन के पास खास प्रकार की सूइयां लगाई जाती हैं. खास उपकरणों की मदद से रेडियो तरंगों द्वारा निकले करंट का उपयोग कर के इन नसों के पास एक छोटे हिस्से को गरमाहट दी जाती है. यह नसों से मस्तिष्क तक जाने वाले दर्द को कम करता है, जिस से आप को दर्द से राहत मिल जाएगी. इस इलाज के कई फायदे हैं जैसेकि आप को अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिल जाएगी, तेज रिकवरी होगी और कामकाज भी तुरंत शुरू कर पाएंगी.

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जो लोग कामगर हैं, जिन्हें पूरे दिन कंप्यूटर पर बैठ के काम करना पड़ता है उन्हें गर्दन और पीठ दर्द की शिकायत रहती है. पर क्या आपको पता है कि अपने बैठने की आदत में बदलाव कर के आप इस परेशानी से निजात पा सकती हैं. आपको बता दें कि कंप्यूटर के सामने अधिक देर तक बैठने से आपके गर्दन और रीढ़ की हड्डियों पर काफी नुकसान पहुंचता है. इससे आपको अधिक थकान, सिर में दर्द और एकाग्रता में कमी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर आप अधिक देर तक इसी अवस्था में बैठी रहती हैं तो आपके स्पाइनल कौर्ड में भी घाव हो सकता है.

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मेरी पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द हो रहा है, कृपया मुझे इस का कारण और समाधान बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 60 साल है. पिछले महीने स्ट्रोक के कारण मैं जमीन पर सीने के बल गिर पड़ा, जिस के बाद मेरे सीने और रीढ़ में असहनीय दर्द उठा था. हालांकि एक अच्छे अस्पताल में इलाज कराया गया, लेकिन इलाज के बाद भी मेरी पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द हो रहा है, जिस के कारण न तो मैं बैठ कर खापी रहा हूं और न ही करवट बदल पा रहा हूं. कृपया मुझे इस का कारण और समाधान बताएं?

जवाब-

आप के इस दर्द का कारण आर्थ्राइटिस या पुराने इलाज की कोई गलती हो सकती है. आप ने जिस अस्पताल में इलाज कराया है उन्हें इस समस्या की जानकारी दें. अस्पताल में आप की पीठ की एमआरआई की जाएगी. उस से दर्द का कारण पता चल जाएगा. कारण के अनुसार आप का उचित इलाज किया जाएगा. चूंकि आप को स्ट्रोक की समस्या थी और उम्र भी ज्यादा है, इसलिए किसी भी प्रकार के दर्द को हलके में न लें. समस्या हलकी होने पर सिर्फ मैडिकेशन से काम बन जाएगा. अनदेखा करने पर यह दर्द वक्त के साथ गंभीर हो सकता है. इसलिए बिना देर किए इस की जांच कराएं.

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पीठ के निचले हिस्से का दर्द बेहद आम है. लेकिन हम में से ज्यादातर लोगों का ध्यान इस की तरफ तब जाता है जब हम झुक कर अथवा हाथ ऊपर की ओर बढ़ा कर कोई चीज उठाने की कोशिश करते हैं और तब दर्द महसूस करते हैं. पीठ का तेज दर्द हमारी रोजमर्रा की गतिविधियों, मनोरंजन और व्यायाम आदि में बाधा उत्पन्न कर सकता है. कभीकभी इस के चलते काम करना भी मुश्किल हो जाता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- पीठ दर्द ‘इलाज है न’

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मेरी पीठ में दर्द होने से जकड़न भी महसूस होती है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मेरी उम्र 25 साल है. लौकडाउन के दौरान मैं अपना सारा काम घर से ही कर रहा था. मेरा काम लैपटौप पर होता है. मेरी पीठ में दर्द होने लगता है. जकड़न भी महसूस होती है. ऐसे में काम करने में मुश्किल होती है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

गतिहीन जीवनशैली, गलत मुद्रा में बैठना, लेट कर लैपटौप पर काम करना, लगातार एक ही मुद्रा में काम करना और उठनेबैठने के गलत तरीकों के कारण घर से काम कर रहे लोगों में रीढ़ की समस्याएं विकसित हो रही हैं. ये सभी फैक्टर रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों पर तेज दबाव बनाते हैं. सभी काम झुक कर करने से रीढ़ के लिगामैंट्स में ज्यादा खिंचाव आ जाता है, जिस से पीठ में तेज दर्द के साथ अन्य गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं. सर्वाइकल पेन भी इसी से संबंधित एक समस्या है, जो गरदन से शुरू होता है. यह दर्द व्यक्ति को परेशान कर देता है. हालांकि एक स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली के साथ इस समस्या से बचा जा सकता है. रोज ऐक्सरसाइज करना, बौडी स्ट्रैच, सही तरीके से उठनाबैठना, सही तरीके से झुकना और शरीर को सीधा रखने से आराम मिलता है.

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डॉ. मनीष वैश्य, सह-निदेशक, न्युरो सर्जरी विभाग, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, वैशाली,

सिरदर्द के बाद कमर दर्द आज सब से आम स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या बनती जा रही है. बढ़ती उम्र के लोगों को ही नहीं युवाओं को भी यह दर्द बहुत सता रहा है. महिलाएं कमर दर्द की आसान शिकार होती हैं 90 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवन के किसी न किसी स्‍तर पर कमर दर्द से पीड़ित रहती हैं. खासकर कामकाजी महिलाएं जो ऑफिसों में बैठ कर लगातार काम करती हैं. उन में रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ने से कमर दर्द की समस्या हो जाती है.

कमर दर्द

हमारी रीढ़ की हड्डी में 32 कशेरूकाएं होती हैं जिस में से 22 गति करती हैं जब इन की गति अपर्याप्‍त होती है या ठीक नहीं होती तो कई सारी समस्‍याएं पैदा हो जाती हैं रीढ़ की हड्डी के अलावा हमारी कमर की बनावट में कार्टिलेज (डिस्‍क), जोड़, मांसपेशियां, लिगामेंट आदि शामिल होते हैं इस में से किसीकिसी में भी समस्या आने पर कमर दर्द हो सकता है इस से खड़े होने, झुकने, मुड़ने में बहुत तकलीफ होती है अगर शुरूआती दर्द में ही उचित कदम उठा लिए जाएं तो यह समस्‍या गंभीर रूप नहीं लेगी

पूरी खबर पढ़ने के लिए- क्या करें जब सताए कमर दर्द

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कई दिनों से पीठ और हाथों में अचानक दर्द होने लगता है, इसके क्या कारण हैं?

सवाल-

मेरी उम्र 42 साल है. कई दिनों से पीठ और हाथों में अचानक दर्द होने लगता है. पीठ के दर्द की तीव्रता हर बार अलग होती है. मलमूत्र में भी समस्या हो रही है और कभीकभी पैरों में भी दर्द होता है. क्या ये किसी बीमारी के लक्षण हैं या कोई सामान्य समस्या है? इस दर्द से कैसे छुटकारा पाऊं?

जवाब-

आप के द्वारा बताए गए सभी लक्षण स्पाइनल इन्फैक्शन की ओर इशारा करते हैं. हालांकि समस्या कोई और भी हो सकती है, इसलिए एमआरआई करवा के सही समस्या की पुष्टि करें. इस में रीढ़ का आकार खराब हो सकता है, इसलिए इलाज में देरी बिलकुल न करें. स्पाइनल संक्रमण का सब से सामान्य उपचार इंट्रावीनस ऐंटीबायेटिक दवाइयों के सेवन, ब्रेसिंग और शरीर को पूरी तरह आराम देने के साथ शुरू होता है. वर्टिकल डिस्क में रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है, इसलिए जब बैक्टीरिया अटैक करता है तो शरीर की इम्यून कोशिकाओं और एंटीबायोटिक दवाइयों को संक्रमण के स्थान तक पहुंचने में मुश्किल होती है. वहीं, संक्रमण के उपचार के दौरान रीढ़ को सही आकार में रखने में मदद करती हैं. बे्रसिंग संक्रमण के उपचार के दौरान रीढ़ को सही आकार में रखने में मदद करती है. इस का दूसरा इलाज सर्जरी है, जिस की सलाह तब दी जाती है जब संक्रमण पर दवा का कोई असर नहीं पड़ता है.

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इस लॉक डाउन में महिलाओं को घर के सारे काम और ऑफिस का काम घंटो बैठकर करना पड़ रहा है, जिससे वे पीठ दर्द की समस्या से पीड़ित हो रही है. वैसे भी महिलाओं को अधिकतर कमर दर्द से गुजरना पड़ता है. पीठ दर्द एक ऐसी समस्या है, जिसकी वजह से महिलाओं का कई बार उठना-बैठना या कोई भी काम करना मुश्किल हो जाता है. कोरोना संक्रमण के बीच ‘वर्क फ्रॉम होम’ को काफी बढ़ावा मिला है, कई कंपनियां तो लगातार अपने कर्मचारी को घर से काम करने की सलाह दी है. इसकी वाजह से 20 से 60 वर्ष की महिलाओं में लगभग 40 प्रतिशत पीठ, कंधे और गर्दन में दर्द की शिकायत बढ़ी है. मुंबई के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के इंटरवेंशनल स्पाइन & मॅनेजमेंट स्पेशालिस्ट डॉ. कैलाश कोठारी कहते है कि महिलाएं पीठ दर्द को नजरंदाज करती है और इसे वे थोडा दर्द की मलहम या सेक लगाकर ठीक करने की कोशिश करती है, जबकि ऐसा नहीं होता, सही इलाज और वर्कआउट की जरुरत इसे कम करने के लिए होती है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- स्पाइन के दर्द को न करे नजरंदाज 

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क्या करें जब सताए कमर दर्द

डॉ. मनीष वैश्य, सह-निदेशक, न्युरो सर्जरी विभाग, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, वैशाली,

सिरदर्द के बाद कमर दर्द आज सब से आम स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या बनती जा रही है. बढ़ती उम्र के लोगों को ही नहीं युवाओं को भी यह दर्द बहुत सता रहा है. महिलाएं कमर दर्द की आसान शिकार होती हैं 90 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवन के किसी न किसी स्‍तर पर कमर दर्द से पीड़ित रहती हैं. खासकर कामकाजी महिलाएं जो ऑफिसों में बैठ कर लगातार काम करती हैं. उन में रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ने से कमर दर्द की समस्या हो जाती है.

कमर दर्द

हमारी रीढ़ की हड्डी में 32 कशेरूकाएं होती हैं जिस में से 22 गति करती हैं जब इन की गति अपर्याप्‍त होती है या ठीक नहीं होती तो कई सारी समस्‍याएं पैदा हो जाती हैं रीढ़ की हड्डी के अलावा हमारी कमर की बनावट में कार्टिलेज (डिस्‍क), जोड़, मांसपेशियां, लिगामेंट आदि शामिल होते हैं इस में से किसीकिसी में भी समस्या आने पर कमर दर्द हो सकता है इस से खड़े होने, झुकने, मुड़ने में बहुत तकलीफ होती है अगर शुरूआती दर्द में ही उचित कदम उठा लिए जाएं तो यह समस्‍या गंभीर रूप नहीं लेगी

क्या हैं कारण

कमर दर्द की समस्या में महिलाओं की जीवनशैली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कामकाजी महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी जाती है क्योंकि उन्हें अपने जॉब के कारण घंटों एक ही स्थिति में बैठकर काम करना होता है कई महिलाएं आरामतलबी की जिंदगी जीने के कारण भी कमर दर्द की शिकार हो जाती हैं इस के अलावा कई और कारण भी हैं:

· शरीर का भार सामान्‍य से अधिक होना

· मांसपेशियों में खिंचाव

· बिना ब्रेक के लंबे समय तक काम करना

· हमेशा आगे की ओर झुक कर चलना या बैठना

· ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियां कमजोर हो जाना

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· अस्‍थमा या रूमैटिक डिस्‍आर्डर के कारण लंबे समय तक स्‍टेरॉइड युक्त दवाइयों का सेवन

· ज्‍यादा लंबे समय तक बेड रेस्‍ट करना

· शरीर का पॉस्चर खराब होना

· प्रजनन अंगों का संक्रमण; पेल्विक इन्फ्लेमैटरी डिसीज़ (पीआईडी)

· गर्भावस्था

· ऊंची एड़ी के फुटवेयर पहनना इस से रीढ़ की हड्डी पर बुरा प्रभाव पड़ता है और कमर दर्द की समस्या हो जाती है

गर्भावस्था और कमरदर्द

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कमर दर्द होना सामान्य है गर्भावस्था के दौरान वज़न बढ़ जाता है और बच्चे को जन्म देने के लिए लिगामेंट्स को रिलैक्स करने के लिए हार्मोनों का स्त्राव बढ़ जाता हैं अधिकतर गर्भवती महिलाओं में कमर दर्द की समस्या पांचवें से सातवें महीने के दौरान होती है, लेकिन यह शुरूआती महीनों में भी हो सकती है उन महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान कमर दर्द की समस्या होने की आशंका और अधिक होती है जो पहले से ही निचले कमर दर्द की समस्या से जूझ रही हैं गर्भावस्था या उस के बाद महिलाओं में कमर दर्द की शिकायत होने का एक प्रमुख कारण गलत तरीके से बैठना और सोना है वहीं लंबे समय तक सही तरीके से न बैठ कर बच्चे को दूध पिलाना भी कमर दर्द का कारण बन सकता है गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के बाद पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों का सेवन न करने से होने वाली शारीरिक कमजोरी के कारण भी कमर दर्द की समस्या हो सकती है

सप्लीमेंट्स लेने में न हिचकिचाएं

विश्व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार भारत में पचास साल से अधिक उम्र की महिलाओं में से हर दूसरी महिला ऑस्‍टियोपोरोसिस की शिकार है ऑस्‍टियोपोरोसिस से पीड़ित 50 प्रतिशत महिलाओं में विटामिन डी की कमी पाई जाती है ऐसे में उन्हें कैल्‍शियम और विटामिन डी विशेष कर विटामिन डी3 और बायोफास्‍फोनेट को सप्‍लीमेंट के रूप में लेने की सलाह दी जाती हे विटामिन k भी बोन डेनसिटी बढ़ाता है इसलिए कई महिलाओं को यह भी सप्‍लीमेंट के रूप में दिया जाता है एक सामान्‍य महिला को प्रतिदिन 1000 मिलिग्राम तथा एक गर्भवती और स्‍तनपान कराने वाली महिला को 1300 मिलिग्राम कैल्‍शियम की आवश्‍यकता होती है. जब भोजन से यह आवश्‍कता पूरी नहीं होती तो इसे डाएट्री सप्‍लीमेंट्स के द्वारा पूरा किया जाता है कई मामलों में सप्‍लीमेंट्स बहुत कारगर होते हैं लेकिन अगर इन का सेवन बिना सोचेसमझे किया जाये ये घातक भी हो सकते हैं इसलिये यह आवश्‍यक है कि इनका सेवन डॉक्‍टर की सलाह के बगैर न किया जाये

कमर दर्द में छिपे खतरे अनेक

कमर दर्द सिर्फ रीढ़ की हड्डी या कमर की मांपेशियों की समस्‍या के कारण नहीं होता है यह कईं गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है, इसलिए कमर दर्द को हल्के में न लें और तुरंत डाग्नोसिस करा कर उपचार कराएं

· किडनी से सबंधित बीमारियां या संक्रमण

· ब्‍लेडर में संक्रमण

· स्‍पाइनल ट्युमर

· रीढ़ की हड्डी में संक्रमण से भी कमर दर्द होता है लेकिन यह बहुत कम मामलों में देखा जाता है

उपचार

कमर दर्द के मामले में लापरवाही न करें प्रारंभिक अवस्‍था में यदि डॉक्‍टर को दिखा दिया जाए तो सामान्‍य से उपाय और थोड़ी सी सावधानी अपना कर इसे ठीक किया जा सकता है इस के ज्‍यादा गंभीर होने जैसे रीढ़ की हड्डी का मुड़ जाना, डिस्‍क डैमेज हो जाने पर ऑपरेशन की नौबत आ जाती है आमतौर पर 85-95 प्रतिशत कमर दर्द बिना सर्जरी के दवाइयों, एक्‍सरसाइज, पॉश्‍चर करेक्‍शन तकनीकों और फिजियोथेरेपी की विभिन्‍न तकनीकों से ठीक किए जा सकते हैं केवल 5-10 प्रतिशत मामलों में ही ऑपरेशत की जरूरत पड़ती है

डॉक्टर एक्‍स-रे, एमआरआई या सीटी स्‍कैन के द्वारा कमर दर्द के कारणों का पता लगाकर मरीज का उपचार करते हैं

सर्जरी

सर्जरी जनरल एनेस्‍थिसिया दे कर की जाती है सर्जरी द्वारा पूरी डिस्‍क को या आंशिक रूप से इसे बाहर निकाल लिया जाता है पूरी डिस्‍क निकालने के बाद वहां कृत्रिम डिस्‍क प्रत्‍यारोपित की जाती है इसके अलावा स्‍पाइन फ्युजन के द्वारा भी कमर की हड्डी की मजबूती फिर से पाई जा सकती है सर्जरी के बाद 1-3 महीने आराम करने की सलाह दी जाती है इस दौरान ड्राइविंग करने, वजन उठाने, आगे की ओर झुकने, लंबे समय तक बैठने, भागने-दौड़ने की मनाही होती है

ओजोन थेरेपी

कमर और डिस्‍क के दर्द के लिए ओजोन थेरेपी सब से अत्‍याधुनिक तकनीक है ओजोन थेरेपी लोकल एनिस्‍थिसिया में की जाती है इस पूरी प्रक्रिया में एक-एक घंटे की छह सीटिंग तीन हफ्ते के दौरान लेना होती हैं इसमें बिना अस्‍पताल में भर्ती हुए ही कमर दर्द ठीक किया जा सकता है यह एक माइक्रोस्‍कोपिक सर्जरी है इसमें चीरा भी नहीं लगाना पड़ता इसमें ओजोन को डिस्‍क के आंतरिक हिस्‍से तक पहुंचाया जाता है लेकिन हर तरह के कमरदर्द में यह कारगर नहीं है

सर्जरी के बाद दोबारा कमरदर्द होने की आशंका 15 प्रतिशत होती है लेकिन ओजोन थेरेपी में सिर्फ 3 प्रतिशत इसमें खर्च भी परंपरागत सर्जरी से एक तिहाई आता है.

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भ्रम से रहें दूर

कमर दर्द लाइलाज नहीं है सही पहचान और उपचार से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है

आपॅरेशन के बाद हमेशा बिस्‍तर पर रहने की नौबत नहीं आती. अत्‍याधुनिक चिकित्‍सा पद्धतियों से रीढ़ की हड्डी का सफल ऑपरेशन संभव है और कुछ दिनों के आराम के बाद व्‍यक्‍ति सामान्‍य जीवन जी सकता.

गर्दन और पीठ में होता है दर्द तो आज ही बदलें अपनी ये आदत

जो लोग कामगर हैं, जिन्हें पूरे दिन कंप्यूटर पर बैठ के काम करना पड़ता है उन्हें गर्दन और पीठ दर्द की शिकायत रहती है. पर क्या आपको पता है कि अपने बैठने की आदत में बदलाव कर के आप इस परेशानी से निजात पा सकती हैं. आपको बता दें कि कंप्यूटर के सामने अधिक देर तक बैठने से आपके गर्दन और रीढ़ की हड्डियों पर काफी नुकसान पहुंचता है. इससे आपको अधिक थकान, सिर में दर्द और एकाग्रता में कमी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर आप अधिक देर तक इसी अवस्था में बैठी रहती हैं तो आपके स्पाइनल कौर्ड में भी घाव हो सकता है.

इस मुद्दे पर शोध कर रहे जानकारों का मानना है कि इन परेशानियों के लिए बैठने का गलत तरीका जिम्मेदार है. अगर आप सीधे बैठें तो इन परेशानियों से निजात पा सकती हैं. अगर आप सीधे बैठती हैं तो आपकी पीछे की मांसपेशियां आपके गर्दन और सिर के भार को सहारा देती हैं.

जानकारों की माने तो अगर आप सिर को 45 डिग्री के कोण पर आगे करती हैं तो आपकी गर्दन आधार की तौर पर कार्य करती हैं. इससे आपके गर्दन पर काफी भार आता है. ऐसी स्थिति में आपके सिर और गर्दन का वजन 45 पाउंड हो जाता है. इससे आपको दर्द और कई तरह की परेशानियां होती हैं.

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