सर्कस फिल्म रिव्यू: रणवीर सिंह की फिल्म नही कर पाई फैंस को खुश

  • सर्कस: बहुत ही ज्यादा बुरी फिल्म
  • रेटिंग: एक स्टार
  • निर्माताः टीसीरीज और रोहित षेट्टी
  • निर्देषकः रोहित षेट्टी
  • कलाकारः रणवीर सिंह, वरूण षर्मा, संजय मिश्रा,जैकलीनफर्नाडिष,पूजा हेगड़े,मुरली शर्मा, अश्विनी कालसेकरऔर मुकेश तिवारी,जौनी लीवर, सिद्धार्थ जाधव,राधिकाबांगिया,वृजेष हीरजी, टीकू टलसानिया,विजय पाटकर, उदयटिकेकर,सुलभा आर्या,ब्रजेंद्र काला व अन्य.
  • अवधिः दो घंटा 22 मिनट

मषहूर लेखक,कवि व निर्देषक गुलजार 1982 में षेक्सपिअर के नाटक ‘‘द कॉमेडी आफ एरर्स’’ पर आधारित फिल्म ‘‘अंगूर’’ लेकर आए थे.जिसमें संजीव कुमार व देवेन वर्मा की मुख्य भूमिका थी.इस फिल्म में दो जुड़वाओं की जोड़ी बचपन में बिछुड़ जाती है.युवावस्था में पहुचने पर यह जोड़ी मिलती है,तो कई तरह की उलझनें पैदा होती हैं.अब 40 साल बाद उसी अंगूर’ फिल्म के अधिकार लेकर ‘गोलमाल’ सीरीज फेम निर्देषक रोहित षेट्टी टैजिक कौमेडी फिल्म ‘‘सर्कस’’ लेकर आए हैं और उन्होने एक क्लासिक फिल्म का बंटाधार करने में कोई कसर नही छोड़ी है.

यूं तो फिल्म के ट्रेलर से ही आभास हो गया था कि फिल्म कैसी होगी? इसके अलावा जब कुछ दिन पहले हमने फिल्म के पीआरओ से पूछा था कि फिल्म के कलाकारों के इंटरव्यू कब होगे,तो उसने जवाब दिया था-‘‘अब कलाकारों का इंटरव्यू से विष्वास उठ गया है.इसलिए कोई इंटरव्यू नहीं होगे.’’ फिल्म देखकर समझ में आया कि जब निर्देषक व कलाकारों को पता था कि उन्होने बहुत घटिया फिल्म बनायी है,तो इंटरव्यू क्या देते. पर ‘सर्कस’ सफल नही होगी,इसका अहसास निर्देषक रोहित षेट्टी को था,इसीलिए कुछ दिन पहले उन्होने कहा था कि हर वर्ष सिर्फ चार फिल्में ही सफल होती हैं.’

कहानीः

फिल्म की षुरूआत में कुछ डाॅक्टरों को संबोधित करते हुए डाक्टर राय बच्चों के ख्ूान की बजाय परवरिष की बात करते हुए एक नए प्रयोग की बात करते हैं.जिससे अन्य डाक्टर सहमत नही होते.पर वह अपना प्रयोग जारी रखने की बात करते हैं.पता चलता है कि डाक्टर राॅय अपने मित्र जाॅय के साथ मिलकर ‘जमनादास अनाथालय’’ चला रहे हैं.इसी अनाथालय में चार जुड़वा बच्चे हैं,इनमें से दो एक घर से और दो दूसरे घर से हैं.जब उन्हें गोद लेने के लिए एक परिवार उटी से आता है जो कि बहुत बड़े सर्कस के मालिक हैं और दूसरा परिवार बंगलोर का उद्योगपति है.तब डॉक्टर रौय (मुरली शर्मा) अपने प्रयोग को सही  साबित करने के लिए दोनों जुड़वा बच्चों की अदला बदली कर देते हैं.वह दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि एक बच्चे के लिए उसका वंश नहीं, बल्कि उसकी परवरिश जरूरी होती है.

दोनों परिवार अपने बच्चों का नाम रौय (रणवीर सिंह) और जौय (वरुण शर्मा) रखते हैं.चारों सुकुन से अपनी जिंदगी गुजार रहे होते हैं.इस बीच सर्कस के मालिक की मौत के बाद रौय व जौय अपने पिता केव्यवसाय को आगे बढ़ाते हैं.और माला (पूजा हेगड़े ) से रौय की षादी को पांच साल हो जाते हैं.उधर बंगलोर में राय बहादुर (संजय मिश्रा ) की बेटी बिंदू (जैकलीन फर्नाडिष ) से रौय प्यार कर रहे हैं और षादी करना चाहते हैं.राय बहादुर को लगता है कि उनकी बेटी बिंदू गलत युवक से षादी करना चाहती है.एक दिन उटी में एक चाय बागान को खरीदने के लिए बैंगलौर वाले रौय और जौय लाखों रूपए लेकर ऊटी आते हैं.उन्हे लूटने के लिए पाल्सन (जौनी लीवर ) के गंुडे उनके पीछे लग जाते हैं.ऊटी शहर पहुॅचते ही कन्फ्यूजन षुरू होता है. अब उटी षहर में दो रौय और दो जौय. हैं. कभी लोग एक से टकराते हैं तो कभी दूसरे से.परिणामतः उलझनें बढ़ती हैं और यह भी फंसते जाते हैं.वहीं अब डाॅक्टर रौय भी छिप्कर सारामाजरा देख रहे हैं.जब यह चारो सामने आएंगे,तब क्या होगा?

लेखन व निर्देषनः

किसी क्लासिक कृति को कैसे तहस नहस किया जाए,यह कला रोहित षेट्टी व रणवीर सिंह से बेहतर कोई नहीं बता सकता.फिल्म में कहानी का कोई अता पता नहीं,उपर से संवाद भी अति बोझिल.बतौर निर्देषक जमीन’,‘गोलमाल’,‘सूर्यवंषी’ के बाद रोहित षेट्टी की यह 15 वीं फिल्म हैं,जहां वह बुरी तरह से चूक गए हैं.इस फिल्म से साफ झलकता है कि उनका जादू खत्म हो गया.रोहित षेट्टी के कैरियर की यह सबसे ज्यादा कमजोर फिल्म है. फिल्म का नाम सर्कस है,मगर फिल्म में सर्कस ही नही है.युनूस सजावल लिखित पटकथा बेदम है.

फिल्म षुरू होने पर लगता है कि कुछ मजेदार फिल्म होगी,लेकिन पंाच मिनट बाद ही फिल्म दम तोड़ देती है.इंटरवल के बाद संजय मिश्रा,जौनी लीवर, सिद्धार्थ जाधव अपनी कौमेडी से फिल्म को संभालने का असलप्रयास करते नजर आते हैं,मगर अफसोस इन्हें पटकथा व संवादों का सहयोग नही मिलता. यह पहली बार है,जब रोहित शेट्टी फिल्म के किसी भी किरदार के साथ न्याय नहीं कर पाए.सभी किरदार काफी अधपके से लगते हैं.मुरली षर्मा का किरदार उटी में आकर क्या करता है और फिर अचानक कहंा गायब हो जाता है,किसी की समझ में नही आता.फिल्म का क्लायमेक्स तो सबसे घटिया है.रोहित षेट्टी जैसा समझदार फिल्मकार इतनी घटिया फिल्म बना सकता है,इसकी तो कल्पना भी नही की जा सकती. कहानी तीस साल आगे बढ़ जाती है,मगर डाॅक्टर रौय यानी कि मुरली षर्मा की उम्र पर असर नजर नही आता.अमूमन देख गया है कि जुड़वा बच्चों में से एक को दर्द होता है, तो दूसरे को भी होता है.पर यहां उसका उल्टा दिखाया गयाहै.

रोहित षेट्टी ने कुछ क्लासिकल गीतों के अधिकार खरीदकर फिल्म में पिरोए हैं,मगर कहानी का काल गानों से मेल ही नही खाता.यहां तक कि दीपिका पादुकोण का गाना ‘करंट लगा..’भी फिल्म को नही बचा पाता. बंटी नागी की एडीटिंग और जोमोन टी जॉन की सिनेमैटोग्राफी प्रभावित नहीं करती है.

अभिनयः

दोहरी भूमिका में रणवीर सिंह और वरूण षर्मा हैं.फिल्म देखकर लगता है कि दोनो अभिनय की एबीसीडी भूल चुके हैं.जैकलीन ने यह फिल्म क्यों की,यह बात समझ ेसे परे हैं.पूजा हेगड़े के अभिनय मंे ंभी दम नजर नहीं आता.मुरली षर्मा को मैने छोटे किरदारों से लेकर बड़े किरदारों तक में देखा है और हर बार उनका अभिनय निखरता रहा है.मगर इस फिल्म में वह भी मात खा गए.राय बहादुर के किरदार में संजय मिश्रा कुछ हद तक फिल्म को संभालते हैं.मगर उनके अभिनय में भी दोहराव ही नजर आता है.इसफिल्म में संजय मिश्रा जिस अंदाज में अंग्रेजी बोलते नजर आते हैं,उस तरह से वह कई फिल्मों में कर चुके हैं.उनके अभिनय नयापन नही है.पर यह कहना गलत नही होगा कि संजय मिश्रा,रणवीर सिंह पर भारी पड़ गए हैं.मुकेष तिवारी को इस तरह की फिल्म व इस तरह के फालतू किरदारों को निभाने से बचना चाहिए.सुलभा आर्या,अष्विनी कलसेकर,टीकू तलसानिया,ब्रजेष हीरजी,ब्रजेंद्र काला तो महज षोपीस’ ही हैं.सिद्धार्थ जाधव ओवरएक्टिंग ही करते है.

षान्तिस्वरुप त्रिपाठी

शादी के 5 साल बाद Deepika-Ranveer का पहला फोटोशूट

बीते दिनों अपने न्यूड फोटोशूट के कारण सुर्खियों में रहने वाले बौलीवुड एक्टर रणवीर सिंह (Ranveer Singh) हाल ही में अपनी वाइफ दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) संग एक फैशन शो में साथ पहुंचे, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर छाई गई हैं. आइए आपको दिखाते हैं बौलीवुड के पावर कपल दीपिका-रणवीर की फोटोज…

शादी के बाद पहला फोटोशूट वायरल

 

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इंडस्ट्री के पावर कपल्स में से एक दीपिका और रणवीर की जोड़ी फैंस को बेहद पसंद है, जिसके चलते दोनों को साथ देखने के लिए फैन तरसते हैं. वहीं हाल ही में एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण पति रणवीर सिंह के साथ शादी के 5 साल बाद एक फैशनशो का हिस्सा बनती दिखीं, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं.

एक बार फिर दिखा रॉयल अंदाज

 

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शादी के बाद दीपिका के कई अवतार सामने आए हैं. हालांकि एक्ट्रेस के रॉयल अवतार की झलक के लिए आज भी फैंस तरसते हैं. वहीं हाल ही में फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा (Manish Malhotra) के मिजवान फैशन शो 2022 (The Mijwan Couture Show 2022) में दीपिका रॉयल अंदाज में पति संग रैंप वॉक करती नजर आईं.

 

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कुछ ऐसा था लुक

 

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‘दीपवीर’ के लुक की बात करें तो रणवीर सिंह जहां ब्लैक एंड व्हाइट कौम्बिनेशन वाली शेरवानी में दिखे तो वहीं दीपिका रॉयल लहंगा पहने नजर आईं. वहीं मीडिया के सामने दोनों रोमांटिक अंदाज में नजर आए. इसी के साथ फैशन शो के दौरान रणवीर सिंह अपनी मां अंजू भवनानी के पैर छूते हुए दिखे, जिसकी वीडियो सोशलमीडिया पर वायरल हो रही है.

बता दें, दीपिका-रणवीर के अलावा मनीष मल्होत्रा के फैशन शो में कई बौलीवुड सितारे नजर आए, जिनमें गौरी खान, सारा खान समेत कई सेलेब्स हिस्सा लेते हुए दिखे. वहीं दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह शोज टॉपर बनते हुए सुर्खियों में रहे. हालांकि बीते दिनों रणवीर सिंह के न्यूड फोटोशूट के कारण वह चर्चा में बने हुए हैं. जहां सेलेब्स उनका सपोर्ट कर रहे हैं तो वहीं उन्हें खरी खोटी सुना रहे हैं.

photo and video credit-Viral Bhayani

Deepika के कांस लुक को कौपी करती दिखीं Taarak Mehta की ‘रीटा रिपोर्टर’, देखें फोटोज

पौपुलर टीवी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) के किरदार फैंस के बीच छाए रहते हैं. शो से जाने के बावजूद एक्टर की जिंदगी के बारे में फैंस जानना चाहते हैं. इसी बीच रीटा रिपोर्टर के रोल में नजर आने वाली एक्ट्रेस प्रिया आहूजा (Priya Ahuja) इन दिनों अपने लुक को लेकर सोशलमीडिया पर छा गई हैं. दरअसल, बौलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के कांस लुक (Deepika Padukone Cannes 2022 Look) को एक्ट्रेस ने रिक्रिएट किया है, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

दीपिका के लुक को किया कॉपी

रीटा रिपोर्टर यानी एक्ट्रेस प्रिया आहूजा ने हाल ही में कुछ फोटोज शेयर की हैं, जिनमें वह दीपिका पादुकोण के कांस फेस्टिवल 2022 के लुक को कॉपी करती नजर आ रही हैं. फैंस को एक्ट्रेस का ये लुक काफी पसंद आ रहा है, जिसके चलते वह सोशलमीडिया पर छा गई हैं.

 

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फैंस को पसंद आया लुक

दरअसल, बीते दिनों कांस में स्टाइलिश पैंट, शर्ट और स्कार्फ लुक में दीपिका पादुकोण नजर आईं थीं. एक्ट्रेस प्रिया आहूजा ने दीपिका पादुकोण के इसी लुक को हूबहू कॉपी किया है, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही हैं. मैचिंग कपड़ों से लेकर हेयर स्टाइल और ज्वैलरी तक एक्ट्रेस ने पूरा लुक कॉपी किया है, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही हैं.

 मां बनने के बाद भी फैंशन नहीं हुआ है कम

एक्ट्रेस प्रिया आहूजा एक बच्चे की मां हैं, जिसके बावजूद उन्होंने अपनी फिगर और फैशन को मेंटेन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. वहीं सोशलमीडिया पर वह अपने नए-नए फोटोशूट की झलक फैंस को दिखाती हुई नजर आती हैं. वहीं इन फोटोज में वह इंडियन से लेकर वेस्टर्स तक, हर तरह का फैशन कैरी करते हुए नजर आती है. फैंस को एक्ट्रेस का ये अंदाज काफी पसंद आता है, जिसके कारण वह सोशलमीडिया पर छाई रहती हैं.

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Cannes Film Festival 2022 में छाया दीपिका पादुकोण का देसी लुक

बॉलीवुड में बाजी राव मस्तानी के नाम से फेमस एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण कांस फिल्म फेस्टिवल 2022 में अपने देसी लुक की वजह से चर्चा में बनी हुई है.

आपको बता दे इस बार कांस में दीपिका पादुकोण पहली बार जूरी मेंबर के तौर पर शामिल हुई हैं. उन्होंने कान्स के रेड कारपेट के लिए जो रेट्रो लुक,अपनाया था वो फैंस को कुछ पसंद नहीं आया.

दीपिका पादुकोण ने रेड कारपेट के लिए बॉलीवुड के फेमस फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी की ब्लैक एंड गोल्ड सीक्वेंस साड़ी कैरी की थी. इसके साथ ही वह सब्यसाची एक्सेसरीज में नजर आई. साड़ी के साथ मेकअप में अल्ट्रा बोल्ड ड्रामेटिक आईलाइनर, न्यूड लिप्स करें और कानो में चंदेलियेर इयरिंग्स के साथ फंकी हेयर स्टाइल किया, गोल्डेन हैंड बैग के साथ अपने लुक को कंप्लीट किया.

 

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बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण अक्सर ही अपने स्टाइल स्टेटमेंट को लेकर चर्चा का विषय बनी रहती हैं. यही कारण है कि इस बार भी कान्स फिल्म फेस्टिवल 2022 में अपने देसी लुक की वजह से एक्ट्रेस टॉक ऑफ द टाउन बनी हुई हैं.

 

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आपको बता दे कान्स फिल्म फेस्टिवल 2022 की शुरुआत हो चुकी है. इस समारोह को लेकर दुनियाभर के फैंस उत्साहित हैं. इस साल कान्स फिल्म महोत्सव अपना 75वां संस्करण आयोजित कर रहा है. खास बात तो ये है कि इस बार कान्स के इतिहास में पहली बार भारत को कंट्री ऑफ ऑनर के रूप में शामिल किया गया है. इस महोत्सव का आयोजन 17 मई से 26 मई तक चलेगा. इस फिल्म फेस्टिवल में दुनियाभर की चुनिन्दा फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होती है. इस साल, छह भारतीय फिल्मों को आधिकारिक तौर पर कान्स में प्रदर्शित किया जाएगा. इसमें आर माधवन की ‘रॉकेट्री द नांबी इफेक्ट’, निखिल महाजन की ‘गोदावरी’, अचल मिश्रा की ‘धुइन’, शंकर श्रीकुमार की ‘अल्फा बीटा गामा’, बिस्वजीत बोरा की ‘बूम्बा राइड’ और जयराज की ‘तोतों से भरा पेड़’ है.

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Deepika-Katrina ने यूं दी Alia-Ranbir को शादी की बधाई

बौलीवुड की बिग फैट वैडिंग यानी आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की शादी (Alia Bhatt and Ranbir Kapoor Wedding) सुर्खियों में हैं. जहां पूरी बौलीवुड और टीवी इंडस्ट्री दोनों को ऑफिशियली मिस्टर एंड मिसेज कपूर बनने की बधाई दे रहे हैं तो वहीं अब कपल के एक्स रह चुके सितारों ने भी दोनों की शादी पर रिएक्शन दिया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

दीपिका-कटरीना ने लिखी ये बात  पादुकोण

रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी की फोटोज पर एक्स गर्लफ्रेंड दीपिका पादुकोण  (Deepika Padukone) ने कमेंट में लिखा, मैं उम्मीद करती हूं कि तुम दोनों का प्यार जिंदगी भर सलामत रहे. वहीं कटरीना कैफ  (Katrina Kaif) ने भी दोनों की वेडिंग फोटो स्टोरी पर शेयर करते हुए बधाई दी है. इसी के साथ लिखा कि तुम दोनों को मेरी तरफ से शुभकामनाएं. मेरी दुआ है कि तुम दोनों हमेशा ऐसे ही खुश रहो. इसके अलावा आलिया भट्ट के एक्स बौयफ्रेंड रह चुके सिद्धार्थ मल्होत्रा (Sidharth Malhotra) ने भी दोनों को बधाई देते हुए लिखा, बधाई हो दोस्तों. मेरी तरफ से दोनों को प्यार.

 

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(क्रेडिट- विरल भयानी)

सेलेब्स ने दी बधाई

 

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आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की शादी की फोटोज पर टीवी आर बौलीवुड के कई हस्तियों ने कमेंट करते हुए बधाई दी. वहीं शादी का हिस्सा रहे डायरेक्टर करण जौहर ने भी इमोशनल होते हुए लिखा,  लगता है कि हम ये दिन देखने के लिए ही जिंदा हैं. यहां एक बहुत ही खूबसूरत फैमिली है जिसमें इमोशन्स की कोई कमी नहीं है. मैं आज बहुत खुश हूं. मेरी डार्लिंग आलिया भट्ट आज शादी के बंधन में बंध गई है. ऊपर वाला उसे हमेशा खुश रखे. रणबीर कपूर अब से तुम मेरे दामाद हुए. बधाई हो…. अब से तुम्हारी जिंदगी में हमेशा खुशियां ही खुशियां रहेंगी. इसके अलावा मौनी रॉय, अनिल कपूर, साउथ एक्ट्रेस सामंथा और अनन्नया पांडे जैसे सितारों ने दोनों को बधाई दी हैं.

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Valentine’s Day को जानें कैसे मनाते है Gehraiyaan एक्टर सिद्धांत चतुर्वेदी

अगर आपने किसी चीज के लिए जी जान से मेहनत की है, तो उसका फल अवश्य मिलेगा और मैंने इसमें कोई कमी नहीं की और आज यहाँ पर पहुंचा हूँ, जहाँ मुझे दीपिका पादुकोण जैसी बड़ी अभिनेत्री के साथ काम करने का मौका मिला, कहते है 28 वर्षीय अभिनेता सिद्धांत चतुर्वेदी. दरअसल सिद्धांत एक शांत स्वभाव के व्यक्ति है, इसलिए जब कभी उन्हें रिजेक्शन मिलता है, तो वे अपने मन को खुद ही शांत कर सोचते है कि ये फिल्म उनके लिए नहीं बनी है. वे युवा पीढ़ी से भी कहते है कि उन्होंने जो सपना देखा है, वह पूरा तभी हो सकता है, जब व्यक्ति अच्छी तरह सोचकर कदम बढाएं.

पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया में जन्मे और 5 साल की उम्र में परिवार के साथ मुंबई आयें. मुंबई आकर चार्टेड एकाउंट की पढाई करते हुए ही फिल्म में उतरने की कोशिश करते रहे. इसमें देर भले हुई हो,पर उनके मन मुताबिक फिल्में मिली. उनके पिता एक चार्टर्ड एकाउंटेंट है और उनकी मां एक गृहिणी. सीए की पढाई के दौरान एक सिद्धांत को एक प्रतियोगिता में जाने का अवसर मिला और वे ‘फ्रेश फेस 2012’ का ख़िताब जीता. इसके बाद उन्होंने कुछ विज्ञापन, मॉडलिंग असाइनमेंट और फोटोशूट किए. सही काम न मिलने की वजह से सिद्धांत मुंबई में अभिनेता और लेखक के रूप में एक थिएटर ग्रुप में शामिल हो गए. थिएटर ग्रुप में एक नाटक के दौरान, उन्हें फिल्म निर्देशक लव रंजन ने नोटिस किया और उन्हें टीवी शो ‘लाइफ सही है ‘ मिली. टीवी के बाद उन्हें फिल्म भी मिली, पर उन्हें सफलता गलीबॉय से मिली. साधारण कदकाठी और घुंघराले बाल होने की वजह से उन्हें बहुत रिजेक्शन सहना पड़ा. ‘गहराइयाँ’ फिल्म रिलीज़ हो चुकी है, जिसमें उन्होंने काफी इंटेंस भूमिका निभाई है. उनसे उनकी जर्नी के बारें में बात हुई आइये जाने कुछ बातें.

सवाल – दीपिका पादुकोण के साथ इंटेंस भूमिका निभाने का अनुभव कैसा था, रिलेशनशिप में आये उतार-चढ़ाव को कैसे देखते है?

जवाब– निर्देशक शकुन बत्रा से जब मैं स्क्रिप्ट के लिए मिला, तो मेरी उम्र 24 थी, जबकि उन्हें एक 30 साल का मेच्योर व्यक्ति चाहिए. उन्होंने मुझे नहीं लिया और मुझे ये फिल्म करनी थी. एक दिन मैं इशान खट्टर के साथ एक रेस्तरां में गया, वहां मेरी बात शकुन बत्रा से हुई. उन्होंने मेरी एक्टिंग गलीबॉय में देखी थी, जहाँ मैंने रणवीर सिंह की मेंटर की भूमिका निभाई थी. उन्होंने समय लिया और दो दिन बाद उन्होंने मुझे बताया कि जेन की मेरी भूमिका ट्रांसफॉर्म किया जा सकता है और उन्होंने मुझे इस फिल्म के लिए चुना.

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मैंने रोमांटिक फिल्में बचपन से देखी है और लगा था कि ऐसी ही कुछ शाहरुख़ खान की फिल्में जैसी रोमांटिक सीन्स होगी, क्योंकि इससे पहले मैंने इस तरह के रिश्तो के बारें में कभी सुना नहीं था. शाहरुख़ खान मेरे पसंदीदा हीरों है और मैं भी ट्रू लव ऑन स्क्रीन करना चाहता था. इस फिल्म में दीपिका पादुकोण और धर्मा प्रोडक्शन जैसी लोग जुड़े है, इसलिए इसमें मेरा सपना कुछ हद तक पूरा हो सकता है. मैं बाहर से आया हूँ और काफी दिनों तक ऑडिशन दे रहा हूँ, पर कोई अच्छा काम नहीं मिल रहा है. इसमें दीपिका पादुकोण भी है, जिस पर मेरा क्रश पहले से रहा है. मौका अच्छा है, हाँ कहने के बाद भी मैं इस भूमिका को निभाने में डर रहा था, क्योंकि मेरे हिसाब से प्यार जन्मों-जन्मों वाला होता है. जिसे आज सभी ओल्ड स्कूल थॉट कहते है. इस भूमिका के लिए मुझे कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना पड़ा. दीपिका से मिलने पर कैसे क्या करूँ, कैसे बैठू समझ नहीं आ रहा था,क्योंकि स्क्रिप्ट के अनुसार काफी इंटेंस सीन्स थे. एक से दो हफ्ते मुझे सामान्य होने में लगे थे, लेकिन दीपिका की सहयोग से ऐसा जल्दी हो पाया, क्योंकि वह बहुत साधारण स्वभाव की है और मुझे इस फिल्म को करने में काफी सहयोग दिया है. वर्कशॉप करने के बाद मैं नार्मल हो पाया, पर शुरू मैं काफी घबराया हुआ था.

सवाल–क्या इस फिल्म से क्या आपको स्टार की उपाधि मिल पाएगी?

जवाब– जब में 19 साल में हीरो बनना था. फिर मुझे लगा कि आप जो बनना चाहते है उसपर फोकस करें, स्टार बनना किसी के हाथ में नहीं होता. अगर आप स्टार किड है तो प्रोडूसर उसे स्टार बना देते है. आउटसाइडर को स्टार बनाने वाली जनता होती है. मुझे दर्शकों ने बहुत प्यार दिया है, पर इतना जरुर है कि अब मैं महंगे कपडे पहनने लगा हूँ. मेरे पेरेंट्स, पडोसी को लगता है कि मैं स्टार हूँ, पर मेरे दोस्त कुछ अतरंगी ड्रेस पहनने पर मेरा बहुत मजाक उड़ाते है. मैं इस सब चीजो के बारें में नहीं सोचता, क्योंकि इससे मेरा काम सही नहीं हो पाता. एक्शन और कट के बीच में मैं अपना दिमाग नहीं लगता. मेरा काम बारीकी से क्राफ्ट को देखना और कुछ नया लेकर आना है. अपना एक नया मार्ग बनाना है.

सवाल–आप अपनी जर्नी को कैसे देखते है? कॉलेज में आप वेलेंटाइन डेज को कैसे मनाते थे?

जवाब– मैं अपनी जर्नी से बहुत संतुष्ट हूँ. मेरी जर्नी की सफलता का पूरा श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है. कॉलेज में मुझे वेलेंटाइन डे मनाने का समय नहीं मिलता था, क्योंकि सुबह कॉलेज से निकलने के बाद चार्टेड एकाउंट की क्लास कर केवल दो से तीन घंटे के लिए दोस्तों के साथ थिएटर देखता और प्रैक्टिस करता था. रात को फिर सीए की पढाई करना पड़ता था. थिएटर की बात मेरे पेरेंट्स को पता नहीं था, ऐसे में वेलेंटाइन डे को मनाने का समय नहीं मिलता था और मेरे आसपास लड़कियां कम मंडराती थी, क्योंकि मैं साधारण दिखने वाला लड़का था. इसके अलावा मेरे पिता का कहना था कि कुछ भी करने से पहले अपने कैरियर में स्टेब्लिटी लाओं, इसके बाद जो भी करना चाहो कर सकते हो, क्योंकि फिल्म इंडस्ट्री में अनिश्चितता बहुत है और वहां तुम्हारे कोई चाचा या ताऊ बैठे नहीं है, जो तुम्हे आसानी से काम दे देंगे.

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पिता की बात सही थी,ग्रेजुएशन के बाद मैंने सीए की प्रवेश परीक्षा को भी क्लियर किया, उसकी पढाई भी शुरू कर दी. उस दौरान थिएटर में भी मुझे कई अवार्ड मिलने लगे थे. मुझे समझना मुश्किल हो रहा था कि मैं क्या करूँ? मुझे जॉब भी मिल गया,पूरा दिन काम करने के बाद थिएटर नहीं कर पा रहा था. मुझसे थिएटर छूटता जा रहा था. काम से आने पर पिता देखते थे कि मैं अपने काम से खुश नहीं हूँ. इसके अलावा मैं और मेरे पिता हर फ्राइडे एक नई फिल्म देखते थे. मेरी हालत देखकर उन्होंने एकदिन कहा कि सीए की फाइनल कभी भी दे सकते हो इसलिए अब ऑडिशन देना शुरू करो, लेकिन मै किसी को जानता नहीं था इसलिए थिएटर के दोस्तों के साथ ऑडिशन देता रहा. काम किसी एड में भी नहीं मिला, क्योंकि मेरा चेहरा किसी हीरो की तरह नहीं है . मेरे कर्ली बाल है, आँखे छोटी है. रिजेक्शन के बाद दुखी होकर घर आने पर पिता दिलासा देते थे. फिर मैंने सीए की अंतिम परीक्षा दी, लेकिन क्लियर नहीं कर पाया. अब मैंने जी जान से ऑडिशन देने लगा और पहला शो टीवी का मिला और आज यहाँ पहुंचा हूँ. मैं संघर्ष के दर्द को समझता हूँ.

सवाल – आपके रिलेशनशिप में सबसे अधिक नजदीक किसके रहे?

जवाब – सबसे अधिक नजदीक मैं अपने पिता के रहा हूँ,उन्होंने हर परिस्थिति में मेरा साथ दिया है और सही रास्ता बताया.

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रेटिंगः दो स्टार

निर्माताः धर्मा प्रोडक्शंस,वायकाम 18 और जोउस्का फिल्मस

निर्देशनः शकुन बत्रा

लेखनःआयशा देवित्रे , सुमित रॉय , यश सहाय और शकुन बत्रा

कलाकारः दीपिका पादुकोण,अनन्या पांडे,सिद्धांत चतुर्वेदी,धैर्य करवा ,नसिरूद्दीन शाह व अन्य.

अवधिः दो घंटे 28 मिनट

ओटीटी प्लेटफार्मः अमजान प्राइम वीडियो

शहरों में रह रही अंग्रेजीदां युवा वर्ग जिस तरह से अपनी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए रिश्तें के हर मापदंड को दरकिनार करती जा रही है,वह जिस तरह बचपन की दोस्ती,प्यार के रिश्ते व संबंधों को पैसे व महत्वाकांक्षा की तराजू पर तौलने लगी है,उसी का चित्रण करने वाली,अति बोल्ड दृश्यों की भरमार व अति धीमी गति वाली फिल्म ‘‘गहराइयां’’ लेकर फिल्मकार शकुन बत्रा आए हैं,जो कि ग्यारह फरवरी से अमेजान प्राइम पर स्ट्रीम हो रही है.

कहानीः

कहानी के केंद्र में दो चचेरी बहने आलिशा(दीपिका पादुकोण ) और टिया(अनन्या पांडे ) हैं. इनके पिता सगे भाई व व्यापार में भागीदार थे. इनका अलीबाग में भी बंगला है. मगर जब टिया व आलिशा छोटी थीं,तभी कुछ रिश्तें में आयी एक जटिलता के चलते आलिशा के पिता(नसिरूद्दीन शाह) सब कुछ छोड़कर पूरे परिवार के साथ नाशिक रहने चले गए थे तथा वह की आलिशा मां को दोषी मानते रहे. अंततः घुटघुटकर जिंदगी जीने की बजाय एक दिन आलिशा की मां ने खुदकुशी कर ली थी. इसका आलिशा के मनमस्तिक पर गहरा असर पड़ा. बादा में टिया पढ़ाई करने अमरीका चली जाती है. जहां उसकी मुलकात अतिमहत्वाकांक्षी जेन से होती है और दोनो रिश्ते में बंध जाते हैं. इधर महत्वाकांक्षी आलिशा योगा शिक्षक है और अपने प्रेमी करण के साथ मुंबई में रहती है. उसकी तमन्ना अपना योगा का ऐप शुरू करने का है. करण एक एड एजंसी की नौकरी छोड़कर किताब लिख रहा है. उस पर लेखक बनने का भूत सवार है.

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फिल्म वहां से शुरू होती है, जब अलीशा खन्ना खुद को जीवन में एक चैराहे पर पाती हैं. उसे लग रहा है कि उसका छह वर्ष का करण के साथ लंबा रिश्ता नीरस हो गया है. उसके करियर में काफी बाधाएं आयीं और अब उसने इस वास्तविकता को अपरिवर्तनीय मान लिया है. तभी उसकी चचेरी बहन बहन टिया अपने मंगेतर जेन के साथ मंुबई वापस आती है और आलीशा व करण को अपने साथ अलीबाग चलने के लिए कहती हैं. यहीं से इन चारों के बीच के रिश्ते में काफी उथल पुथल मचने लगती है. अतीत के घटनाक्रम भी सामने आते हैं. रिश्तों का बांध टूटता है. आलीशा व जेन के बीच एक रिश्ता विकसित होता है,जिसका दुःखद अंत सामने आता है. कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं.  दो वर्ष के अंतराल के बाद आलिशा व टिया पुनः मंुबई में तब मिलते हैं,जब करण,अनिका से सगाई कर रहा होता है.

लेखन व निर्देशनः

पूरे छह वर्ष बाद फिल्म सर्जक शकुन बत्रा ने फिल्म ‘‘गहराइयां’’ से वापसी की है. लेकिन कहानी में कुछ भी नया नही है. सब कुछ वही बौलीवुड फिल्मो की घिसी पिटी व हवा हवाई बातें.  जी हॉ! अति धीमी गति से आगे बढ़ने वाली इस फिल्म में मनोरंजन व रोमांच का घोर है. फिल्मकार ने रिश्तों में बनावटी जटिलता,बनावटी प्यार,बनावटी बेवफाई के साथ ही अविश्वसनीय घटनाक्रमों का मुरब्बा परोसा है. नकली-बनावटी किरदार, दिखावे की यॉट से लेकर फाइव स्टार होटल, महंगी शराब, चिकने बाथटब, गद्देदार बिस्तर, करोड़ों-करोड़ की हाई-फाई बातें फिल्म को उठाने की बजाय गहराईयों में डुबाने का ही काम करती हैं. लेखक व निर्देशक ने दर्शकों को मूर्ख बनाने का ही काम किया है. इसीलिए कहानी मुंबई व अलीबाग में चलती है. सभी जानते हैं कि मुंबई में किसी भी इंसान को मूर्ख कहने के लिए कहा जाता है-‘अलीबाग से आया है क्या?’

फिल्म हिंदी भाषा में है,मगर ठेठ हिंदी भाषी दर्शकों के सिर के उपर से यह गुजरती है. क्योंकि मोबाइल से आदान प्रदान किए जाने वाले संदेशों के अलावा काफी संवाद अंग्रेजी भाषा में हैं. लेखक व निर्देशक यह कैसे भूल जाते हैं कि उनका असली दर्शक आज भी हिंदी भाषी ही है,जो कि अच्छी बौलीवुड फिल्मों के अभाव में हिंदी में डब की गयी दक्षिण भारत की अच्छी मनोरंजक फिल्में देखता हुआ पाया जाता है. वैसे शकुन बत्रा से यह उम्मीद करना कि वह भारतीयों और हिंदी भाषियों के लिए कहानी लिखेंगे या फिल्म बनाएंगे,बेमानी है. क्योंकि उन्हें तो हिंदी भाषी पत्रकारों से बात करना भी गवारा नही होता. वह तो चाहते हैं कि पत्रकार उनसे वही बात करे,जो वह चाहते हैं.

माना कि लेखक व निर्देशक ने फिल्म में इस बात का सटीक चित्रण किया है कि वर्तमान समय में शहरी मध्यमवर्गीय अंग्रेजीदां युवा पीढ़ी किस तरह अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति के साथ-साथ पैसा कमाने के लिए रिश्तांे का दुरुपयोग करती है. आज की युवा पीढ़ी अपनी महत्वाकांक्षा व स्वार्थपूर्ति के लिए प्यार के रिश्ते को भी कपड़े की तरह बदलती है,इसका भी चित्रण बहुत ही उपरी सतह पर किया गया है. क्या वर्तमान शहरी मध्यमवर्गीय युवा पीढ़ी महज बिना किसी रोक-टोक के शारीरिक संबंधों @इंटीमसी में यकीन करती हैं? रिश्तों की जटिलता को लेकर फिल्मकार एक परिपक्व व गंभीर फिल्म लेकर आए हैं,मगर इसमें कहीं भी परिपक्वता नजर नही आती.  शकुन बत्रा यह भी भूल गए कि उन्होेने फिल्म हिंदी में हिंदी भाषियों  के लिए बनाया है. फिल्म का क्लामेक्स भी काफी गड़बड़ है. फिल्मसर्जक ने सेक्सी बोल्ड दृश्यों को परोसने में कोई कंजूसी नही दिखायी. शायद सही वजह है कि फिल्म का प्रचार भी इस तरह किया गया, जैसे कि ‘कामसूत्र’ का विज्ञापन किया जा रहा हो. वास्तव में शकुन बत्रा ने एडल्ट फिल्म बना डाली,मगर उनके अंदर इस तरह के विषय व परिपक्वता का घोर अभाव है.

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इंसान का अतीत किस तरह उसका पीछा करता है, इसका कुछ हद तक सही चित्रण है. फिल्म में एक जगह अंग्रेजी में नसिरूद्दीन शाह का संवाद है- ‘‘अतीत से भागने की जरुरत नहीं,उसे स्वीकार करो. ’

इस फिल्म में दो चरित्र विभाजित परिवार यानी कि डिस्फंक्ंशनल परिवार से हैं. मगर फिल्मकार इस बात को सही ढंग से रेखांकित करने में असफल रहे है कि माता पिता के बीच के संबंधो व डिस्फंक्शनल परिवार के बच्चांे पर  कैसा असर पड़ता है.

निर्देशक ‘शकुन बत्रा ने इसफिल्म के माध्यम से इस बात की ओर भी इशारा किया है कि भले ही 21वीं सदी की युवा पीढ़ी रिश्तों में किसी भी तरह के मापदंडों में यकीन न करती हो,मगर वह रिश्ते में स्थायित्व व भरोसे की तलाश में भटकती रहती है.

अभिनयः

‘गहराइयां’की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी अनन्या पंाडे ही हैं. अनन्या पंाडे को अभी अपने अभिनय में निखार लाने के लए काफी मेहनत करने की जरुरत है. उनके चेहरे पर एक्सप्रेशन भाव नजर ही नही आते. आलीशा के किरदार के माध्यम से इंसानी मन की द्विविधा व असमंजसता  को काफी बेहतर तरीके से दीपिका पादुकोण ने अपने अभिनय से उकेरा है. आलीशा के दिमाग मे बचपन की घटना के चलते बनी ग्रंथी,आलीशा के चरित्र की जटिलता,उसके मनोभावों,रिश्तें में भरोसेे की तलाश आदि को दीपिका पादुकोण ने अपने अभिनय से जीवंतता प्रदान की है. मगर फिल्मों का चयन करते समय दीपिका को सावधान रहने की जरुरत है. ‘गहराइयां’ जैसी फिल्म को उनका बेहतरीन अभिनय भी दर्शक नही दिला सकता. अनन्या पांडे के बाद महत्वाकांक्षी जेन के किरदार में सिद्धांत चतुर्वेदी भी कमेजार कड़ी हं. उनका अभिनय निराश ही करता है. वह अपने हाव भाव या बौडी लैंगवेज या अभिनय से दर्शक को आकर्षित करने में विफल रहे हैं. धैर्य करवा व नसिरूददीन शाह के हिस्से करने को कुछ खास आया ही नही.

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जानें कैसा लाइफ पार्टनर चाहती हैं एक्ट्रेस Ananya Panday, पढ़ें इंटरव्यू

फ़िल्मी परिवेश में जन्मी और पली – बड़ी हुई 24 साल की यंग एक्ट्रेस अनन्या पांडे ने अपनी कोमलता और खूबसूरती से इंडस्ट्री में एक जगह बना ली है. उनमे हर नई किरदार को करने में एक जुनून है, जो उन्हें बाक़ी नई एक्ट्रेस से अलग बनाती है. सोशल मीडिया पर छाने वाली अनन्या के फोलोअर्स काफी है. चंकी पांडे और भावना पांडे की इस बेटी ने फिल्म स्टूडेंट ऑफ़ द इयर 2 से इंडस्ट्री में कदम रखी और एक के बाद एक अलग-अलग फिल्मों में नजर आ रही है. फिल्मों के अलावा अनन्या ने कई विज्ञापनों में भी काम किया है. इसकी वजह उनका सौम्य स्वभाव है.

अभिनय के साथ-साथ वह युनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ कैलिफोर्निया, लोस एन्जिलोस में फैशन डिजाईनिंग की कोर्स भी कर चुकी है. अनन्या का फैशन स्किल काफी अच्छा है और वह अपने हिसाब से पोशाक का चयन करती है. इसके अलावा अनन्या को घूमना और जिम जाना बहुत पसंद है, इसलिए वह कई बार पैपराज़ी फोटोग्राफर का शिकार हो जाती है.हिंदी सिनेमा जगत में अनन्या अपने बोल्ड लुक और हॉट पर्सनालिटी के लिए जानी जाती है. बॉलीवुड में इस एक्ट्रेस की एक्टिंग को काफी सराहनीय माना जाता है, जिसे अनन्या ने हर फिल्म में काफी मेहनत कर संभव बनाई. उनकी फिल्म ‘गहराइयाँ’ रिलीज पर है,उन्होंने कुछ बातें अपनी जर्नी की शेयर की, आइये उन बातों को जानते है.

जरुरी है रिलेशन को बनाए रखना

रिलेशनशिप के बारें में अनन्या बताती है कि प्यार मेरे लिए दोस्ती है, जिसे मैंने अपने पेरेंट्स से सीखा है. 24 साल की शादीशुदा जिंदगी बिता लेने के बाद भी वे अच्छे फ्रेंड्स है. उनमें आपस में झगड़े भी होते है, पर वे दोनों साथ में खुश रहते है. मेरे लिए वही व्यक्ति मेरा जीवनसाथी बन सकता है, जिसके साथ मैं कोम्युनिकेट अच्छी तरह से कर सकूँ और वह मुझे हमेशा हंसाए. उसे मेरे पिता की तरह होने की आवश्यकता है. रियल लाइफ में मेरा पेरेंट्स के साथ सबसे गहरा रिश्ता है.

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पसंद है चुनौतीपूर्ण फिल्में

गहराइयाँ फिल्म में अनन्या ने काफी चुनौती पूर्ण भूमिका निभाई है,जो उनकी उम्र से बड़ी भूमिका है. उनका कहना है कि मैं इसे बोल्ड चरित्र नहीं, बल्कि मैच्योर, इमोशनल चरित्र कहना पसंद करुँगी, जिसे करने सेपहले मैं घबराई हुई थी, लेकिन मुझे इसे करना भी था, क्योंकि ये मेरी विशलिस्ट के डायरेक्टर शकुन बत्रा की है. उन्होंने किसी फिल्म को फ़िल्मी से अधिक रियल दर्शाने की कोशिश की है. इसलिए निर्देशक शकुन बत्रा के साथ बैठकर मेरे किरदार को समझना पड़ा. केवल मैं ही नहीं बल्कि मेरे को स्टार सिद्दांत चतुर्वेदी को भी अपनी भूमिका के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी. इस फिल्म से मैंने बहुत सारी बातें सीखी है, जिसमें अगर कोई दुखी है, तो भले ही वह जोर से रोये नहीं, उसके आंसू न बहे , लेकिन उसके अंदर उसका इमोशन तो है और उसे पर्दे पर सजीव करना आसान नहीं होता. वैसे ही अगर आप दुखी होने पर हँसते है, तो उसमे ख़ुशी नहीं, बल्कि उस दबी हुई दुःख का एहसास होता हो,ऐसे कई मुश्किल अभिनय मैंने दीपिका से सीखे है. ये भाग मेरे लिए बहुत कठिन था. इसके अलावा किसी भी रिश्ते की गहराई में जाने पर अगर आपको धोखा मिलता है, तो उसे बिना छुपाये बाहर निकाल देना और शेयर करना जरुरी होता है, क्योंकि अपने अंदर किसी स्ट्रेस को रखकर मैं कुछ अलग नहीं सोच सकती और ये सभी के लिए लागू होती है.भले ही कोई कुछ कहे पर मुझे अपने रिश्ते को सच्चाई से जीना पसंद है.

एन्जॉयड द शूट

अनन्या को इस चरित्र को निभाने के बाद में कुछ समस्या भी आई.अनन्या कहती है कि निर्देशक के अनुसार मैं टिया खन्ना की तरह हूँ, इसलिए मुझे अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है, लेकिन रियल लाइफ में मैं वैसी लड़की नहीं. दर्शक मुझे अनन्या नाम से नहीं, बल्कि टिया के रूप में याद रखेंगे और मेरे लिए ये डरावनी बात थी, पर मैंने खुद को इस डर से निकाला और शूट को एन्जॉय किया, लेकिन ये सही है कि मैं इस

पॉजिटिव सोच है जरुरी

अनन्या हर फिल को खुद चुनती है और अगर कुछ गलत हुआ तो उसकी जिम्मेदारी खुद को ही समझती है. उनके पेरेंट्स अनन्या की इस मैच्योरिटी को पसंद करते है. वह हमेशा सकारात्मक सोच रखना पसंद करती है. इतना ही नहीं अनन्या ने साल 2019 में सो पॉजिटिवएक संस्था ‘डिजिटल सोशल रेस्पोंसिबिलिटी’ को ध्यान में रखकर की है. वह कहती है कि मैं एक सेफ कम्युनिटी डिजिटल पर बनाना चाहती थी. केवल मेरे साथ ही नहीं हर किसी के साथ ऐसा होने पर, खासकर इन्स्टाग्राम पर लोग एक दूसरे को नफरत की निगाह से देख रहे थे, पर हर इंसान चुप था, जबकि एक बातचीत शुरू होने की जरुरत थी, जिसके साथ भी ऐसा होता है, वह व्यक्ति कैसे और कहाँ कॉम्प्लेन करें. सो पॉजिटिवने एक स्ट्रीम लाइन और गाइडबुक बनाई है, जहाँ परेशान व्यक्ति कहाँ और कैसे शिकायत करें. पिछले साल कोविड की दूसरी लहर के समय मैंने एक सीरीज बनाई थी, जो सोशल मीडिया फॉर सोशल गुड के नाम से था. मैंने 10 यंग लोगों से उनके काम के बारें में बात किया तो पता चला कि वे सोशल मिडिया पर अच्छे काम के लिए जुड़े है, जिसमें बीमार को एम्बुलेंस मुहैय्या करवाना, जरुरतमंदों को ऑक्सिजन सिलिंडर दिलवाना, स्ट्रीट जानवरों को सुरक्षा देना आदि कई काम कर रहे है, लेकिन इस काम के पीछे कौन व्यक्ति एक्टिव है, उसे बताने की कोशिश की है. इसका अनुभव भी मेरे साथ अच्छा हुआ है. जब मैं दूसरे शहर में भी किसी यूथ से मिलती हूँ तो यूथ इस मुहीम की तारीफ़ करते है और इस मुहीम से जुड़ने के बाद वे खुद को कभी अकेला महसूस नहीं करते.

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पेरेंट्स का मिला सहयोग

अनन्या आगे कहती है कि मैं पिता के बहुत करीब हूँ. मेरे पिता परिवार की एक मजबूत इंसान है. उन्होंने हमेशा समझाया है कि जीवन में सफलता और असफलता से अधिक प्रभावित नहीं होना चाहिए, दोनों ही परिस्थिति में न्यूट्रल रहने की जरुरत है. असफलता से सफलता को हैंडल करना अधिक मुश्किल है. इसके अलावा मेरे पिता ने कभी मुझे किसी बात पर टोका नहीं, लेकिन जरुरत के समय हमेशा मेरे साथ रहे.

‘गहराइयां’ के ट्रेलर लांच पर इमोशनल हुईं Deepika Padukone, जानें वजह

अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘गहराइयाँ’ की ट्रेलर लांच होने के मौके पर दीपिका भावुक हो गयी, क्योंकि उन्होंने इस फिल्म में उनकी भूमिका अबतक की सभी फिल्मों से अलग बताया है, क्योंकि इसमें दिखाई गयी कहानी भारत में पहली बार होगी, ऐसी फिल्में विदेशों में बहुत सामान्य होती है. इसे करने के पीछे उनकी भावनाएं है,जिसे उन्होंने अपने रियल लाइफ में जिया है. इसलिए उन्होंने इस फिल्म को करने के बारें में जरा भी नहीं सोची. वह इस फिल्म में अलीशा की भूमिका निभा रही है. इसमें रिलेशनशिप और प्यार को एक अलग नजरिये से दिखाया गया है, जिसमें प्रेम लालसा और तड़प खास है,जिसे हमारे देश के लोग अँधेरे में रहकर निभाते है.

वह कहती है कि रिलेशनशिप या प्यार को कई तरीके से निभाया जा सकता है, ये केवल बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड के लिए नहीं होती, बल्कि किसी दोस्त या रिश्ते में भी हो सकती है. मेरे लिए भी ये एक स्ट्रोंग और चुनौतीपूर्ण चरित्र है, जिसे निभाना आसान नहीं था. चरित्र का संघर्ष और उनका सफर एकदम असली, स्वाभाविक और आम लोगों के जीवन से जुड़ा है, इसलिए बहुत हद तक दर्शक इससे जुड़ सकेंगे. इस चरित्र को आसान बनाने में निर्देशक शकुन बत्रा का काफी हाथ रहा. उन्होंने मुझे पूरी भूमिका के ग्राफ को बता दिया था, जिससे काम करना आसान हो गया. इसके अलावा मैंने इस फिल्म में हर काम टीम के साथ-साथ किया है, जिसमें एक साथ खाना, एक साथ शूटिंग करना, एक साथ कही घूमने जाना आदि.इससे मेरे और टीम के बीच एक अच्छी बोन्डिंग स्थापित हुई जिससे अभिनय करना आसान हुआ.

 

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इसके आगे दीपिका कहती है कि बोल्ड अभिनय को लेकर कई भ्रांतियां है, बोल्ड के अर्थ को समझने के लिए कहानी में चरित्र को देखना पड़ेगा, क्योंकि बोल्ड का स्ट्रोंग के साथ-साथ  इंटिमेसी भी है, जिसे फिल्म में बहुत ही बेहतरीन तरीके से पेश किया गया है. इस तरह की इंटेंस सीन्स, जिसमें संबंधों के कई लेयर्स को पर्दे पर लाने में निर्देशक का हाथ रहा,जिसने ऐसे सीन्स के लिए अलग से कोरियोग्राफ किया. इससे इस फिल्म की किसी भी अन्तरंग दृश्य को परफॉर्म करने में सोचना नहीं पड़ा. इसके अलावा फिल्म में सिंद्दान्त चतुर्वेदी, अनन्या पांडे और धैर्य करवा ने साथ मिलकर हर अभिनय को अधिक रियल बनाया है.

 

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बहरहाल इस तरह की इंटेंस इमोशन के खेल को लेकर बनी फिल्में हमारी दर्शक अधिक डाइजेस्ट नहीं कर पाती और फिल्म फ्लॉप हो जाती है, लेकिन गहराइयाँ के लिए निर्माता निर्देशक बहुत अधिक गहराई तक सोच चुके है, उन्हें उबरने में कितना समय लगेगा, ये तो फिल्म की रिलीज के बाद ही पता चल पाएगी. ‘गहराइयां’ अमेजन प्राइम वीडियो पर 11 फ़रवरी को स्‍ट्रीम की जाएगी.

 

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फैमिली के बाद दीपिका पादुकोण को भी हुआ कोरोना, पिता हुए अस्पताल में एडमिट

कोरोनावायरस की दूसरी लहर का कहर इन दिनों घातक देखने को मिल रहा है. जहां आम जनता औक्सीजन की कमी से परेशान है तो वहीं सेलेब्स पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. दूसरी लहर मे कई सेलेब्स कोरोना के शिकार हो गए हैं. वहीं हाल ही में खबर थी कि बौलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की फैमिली को भी कोरोना हो गया है, जिनमें उनकी मां, पिता और बहन शामिल हैं. वहीं अब खबर है कि दीपिका भी कोरोना की शिकार हो गई हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

पिता हुए अस्पताल में भर्ती

बीते दिन दीपिका पादुकोण के पिता और पूर्व भारतीय बैडमिंटन प्लेयर प्रकाश पादुकोण, मां और बहन के कोरोना संक्रमित होने की खबर सामने आई थी. दरअसल, दीपिका के पिता पिछले हफ्ते भर से कोरोना संक्रमित हैं. वहीं हाल ही में तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल एडमिट कराया गया था. लेकिन अब उनकी तबीयत में सुधार है और 2-3 दिन बाद उन्हें छुट्टी भी मिल जाएगी. वहीं प्रकाश पादुकोण की वाइफ और बेटी अनीशा ने अपना कोरोना टेस्ट कराया जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई.

 

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दीपिका को हुआ कोरोना

 

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पिता, मां और बहन के कोरोना होने के बाद अब बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण भी कोरोना की चपेट में आ गई हैं. दरअसल, फिलहाल दीपिका पादुकोण बेंगलुरु में अपनी फैमिली के साथ हैं, जिसके चलते उन्हें भी कोरोना हो गया है. वहीं दीपिका के फैंस उनके परिवार और उनके लिए स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं.

बता दें, हाल ही में रुबीना दिलैक और हिना खान कोरोना संक्रमित हो गए थे. वहीं हाल ही में खबर थी कि एक्टर अनिरुद्ध दवे भी कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती हो गए हैं. हालांकि अब उनकी हालत ठीक बताई जा रही है.

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