अंबानी की पार्टी में ट्रेडिशनल लुक से छाई ये हीरोइंस, आप भी कर सकती हैं ट्राय

फेमस बिजनेस मुकेश अम्बानी के घर गणेश चतुर्थी के मौके पर सेलिब्रेट किया, जिसमें बौलीवुड एक्ट्रेसेस नए-नए ट्रेडिशनल आउटफिट में नजर आईं. बौलीवुड एक्ट्रेसेस का फैशन इतना ट्रेंडी हैं कि आप भी उसे फेस्टिवल या शादी में ट्राय कर सकते हैं. इसीलिए आज हम बौलीवुड हसीनाओं के फेस्टिवल या वेडिंग ट्रेंडी आउटफिट्स के बारे में बताएगे…

1. कटरीना का लहंगा करें ट्राय

अगर आप फेस्टिवल में कुछ नया और ट्रेंडी ट्राय करना चाहते हैं तो कटरीना का ये peach कलर का लहंगा जरूर ट्राय करें. प्लेन peach कलर के लहंगे के साथ हैवी इयरिंग्स और सिंपल हेयर स्टाइल आपके लुक को कम्पलीट करने में मदद करेगा.

 

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2. कृति सेनन की ये साड़ी करें ट्राय 

अगर आप फेस्टिवल के लिए साड़ी ट्राय करना चाहती हैं तो कृति सेनन की ये मिरर वर्क वाली साड़ी ट्राय करें. साथ ही अगर आप अपने लुक को पूरी तरह ट्रेडिशनल दिखाना चाहती हैं तो साड़ी और औफस्लीव ब्लाउज के साथ जूड़ा बनाकर उसमें गजरा वाला लुक ट्राय करें. साथ ही हैवी झुमके आपके लुक पर चार चांद लगा देंगे.

3. आलिया की ये प्रिंटेड साड़ी करें ट्राय

 

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प्रिंटेड साड़ियां आजकल ट्रेंड में हैं अगर आप साड़ियों के कलेक्शन में फेस्टिवल के लिए साड़ी जोड़ना चाहती हैं तो आलिया की ये प्रिंटेड साड़ी के साथ सिंपल पिंक कलर का औफस्लीव ब्लाउज परफेक्ट रहेगा. वहीं इस साड़ी के साथ ज्वैलरी के लिए आलिया की तरह हैवी इयरिंग्स  जरूर ट्राय करें.

4. नीता अम्बानी का ये लहंगा करें ट्राय

 

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अगर आप फेस्टिवल में लहंगा ट्राय करना चाहते हैं तो नीता अंबानी का ये लुक जरूर ट्राय करें. सिंपल पिंक गुजराती पैटर्न का ये लहंगा आपके लिए फेस्टिवल में परफेक्ट औप्शन है. ये आपके लुक को कमप्लीट करेगा. साथ ही ज्वैलरी की बात करें तो आप लहंगें से बिल्कुल अलग ग्रीन या हरे कलर की कुंदर की ज्वैलरी करें ट्राय.

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बता दें, बौलीवुड सेलेब्स अक्सर फेस्टिवल के मौके पर नए-नए आउटफिट्स और फैशन ट्राय करते रहते हैं.

मां की सेहत में छिपा बच्चे की सेहत का राज 

गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत मां की सेहत पर निर्भर करती है, इसलिए प्रैग्नेंसी के दौरान मां का अपनी सेहत का खास खयाल रखना और स्वास्थ्यवर्धक चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना बेहद जरूरी है. इन दिशानिर्देशों का पालन कर प्रैग्नेंट एक हेल्दी शिशु को जन्म दे सकती है:

प्रैग्नेंसी के दौरान क्या करें

अच्छा खाएं

आप प्रैगनैंट हैं इस का यह अर्थ नहीं है कि आप को अब 2 लोगों के लिए खाने की जरूरत है. आप को बस ऐसा आहार लेना है जिस से आप को अधिक से अधिक पोषण मिले. प्रैग्नेंसी के दौरान शरीर को पोषण की बहुत आवश्यकता होती है. आप हेल्दी रहेंगी तभी हेल्दी बच्चे को जन्म दे पाएंगी.

– खासतौर पर प्रोटीनयुक्त चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें. इन में दाल, अंकुरित अनाज, दूध एवं दूध से बने पदार्थ, अंडा, मीट आदि को रोज की डाइट में जरूर शामिल करें ताकि शरीर में प्रोटीन की कमी न रहे.

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– हेल्दी प्रैगनैंसी के लिए आयरन को भोजन में शामिल करना बेहद जरूरी है. इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियां, अनार, फलियां, लीची, किशमिश, अंजीर जैसी चीजों का रोज सेवन करें. इन के अलावा विटामिन सी का प्रयोग जरूर करें ताकि शरीर में आयरन की कमी न हो सके.

– दिन में 3 बार बड़ी मात्रा में भोजन लेने के बजाय 5-6 बार थोड़ाथोड़ा और संतुलित आहार लेना ज्यादा बेहतर होगा. ध्यान रहे किसी भी समय के भोजन को न छोड़ें. हलके-फुलके नाश्ते के जरीए अपनी ऊर्जा का स्तर बनाए रखें.

– होने वाले शिशु की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए कैल्सियम की मात्रा अधिक लें. ऐसा करना आप को पीठ और कमर के दर्द से भी छुटकारा दिलाएगा और ब्रैस्ट फीडिंग के लिए भी तैयार करेगा. इस के लिए दूध व दूध की बनी चीजें, फलियां, हरी पत्तेदार सब्जियां खासतौर से पालक, मूंगफली आदि को डाइट में शामिल करें.

ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं

– वैसे तो पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन सभी के लिए जरूरी है, लेकिन प्रैग्नेंट होने पर कम पानी पीने का रिस्क बिलकुल नहीं लें. प्रैगनैंसी के वक्त खुद और होने वाले बच्चे को हेल्दी रखने के लिए दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं.

– पानी शरीर की नमी बरकरार रखता है, जिस से शरीर का तापमान भी संतुलित रहता है.

– कुछ महिलाओं को लगता है कि प्रैग्नेंट होने पर व्यायाम या ऐक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ऐसा करना प्रैग्नेंट महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है, लेकिन यह गलत है. डाक्टर की सलाह पर व्यायाम जरूर करें और नियमित करें.

– अच्छा व्यायाम ताकत और सहनशक्ति देता है. इस शक्ति की जरूरत आप को प्रैग्नेंसी के दौरान बढ़ते वजन को संभालने और प्रसवपीड़ा के दौरान होने वाले शारीरिक तनाव को झेलने के दौरान होगी. यह शिशु के जन्म के बाद वजन घटाने में भी आप की सहायता करता है.

– व्यायाम ऐक्टिव बनाता है और प्रैग्नेंसी के अवसाद को दूर करने में भी मदद करता है.

– मौर्निंग वाक या ईवनिंग वाक करें.

– घर के छोटेमोटे काम करना भी फायदेमंद होता है.

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वैक्सिनेशन का रखें खयाल

– प्रैगनैंसी के दौरान लगने वाला कोई भी टीका लगवाना न भूलें. अगर कुछ दिन लेट हो जाती हैं तो डाक्टर से परामर्श ले कर तुरंत लगवा लें.

साफ-सफाई रखनी जरूरी

– प्रैग्नेंट होने पर आप की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं, क्योंकि आप को अपने साथसाथ अपने होने वाले बच्चे का भी ध्यान रखना होता है. बाकी सभी चीजों की तरह ही प्रैगनैंसी के दौरान साफसफाई रखना बहुत जरूरी है. साफसफाई न रखने से संक्रमण हो सकता है जो सीधा आप के स्वास्थ्य पर असर डालता है.

– घर की रोज सफाई करवाएं.

– रोज धुले कपड़े पहनें.

– रोज नहाएं और त्वचा में नमी बनाए रखें.

– बैडशीट को हर हफ्ते चेंज करें.

– धूलमिट्टी से दूर रहें.

आराम जरूर करें

प्रैग्नेंसी के शुरुआती और आखिरी दिनों में आराम करने की बेहद जरूरत होती है. आप खुद को जरूरत से ज्यादा न थकाएं. दोपहर में झपकी आपके और आप के बच्चे दोनों के लिए लाभदायक रहेगी. कामकाज में किसी और की मदद लें.

इन चीजों से बचाव करें

– कच्चा दूध, पानी प्रैग्नेंट के लिए हानिकारक होगा.

– ज्यादा वसा वाले खाने से दूर रहें.

– एकसाथ या एक बार में अधिक पानी न पीएं. इस से पेट में दर्द हो सकता है. शरीर में भारीपन भी महसूस होगा.

प्रैगनैंसी के पहले महीने में इन चीजों से बचें:

– हील से दूर रहें.

– लंबी यात्रा न करें.

– भारी चीजें न उठाएं.

– ज्यादा झुकने से बचें.

– तनाव से दूर रहें.

– शराब और धूम्रपान का सेवन भूल कर भी न करें. इस से प्रैग्नेंट के साथसाथ उस के होने वाले बच्चे को भी बड़ा खतरा हो सकता है.

– कैफीन का सेवन कम करें, क्योंकि इस के अधिक सेवन से गर्भपात की भी समस्या हो सकती है.

– प्रैग्नेंट उपवास न करें.

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– नमक का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें.

– जंक फूड या बाहरी चीजों के सेवन से बचें.

– तेज धूप में बाहर न जाएं.

-डा. नुपुर गुप्ता, गाइनोकोलौजिस्ट ऐंड डाइरैक्टर वैल वूमन क्लीनिक, गुरुग्राम

 

शाम के वक्त करेंगी ये वर्कआउट तो हमेशा रहेंगी फिट

कामकाजी लोगों के लिए सुबह-सुबह वर्कआउट करना या जिम जाना थोड़ा परेशानी का कारण होता है. क्‍या आपने कभी सोचा है कि शाम के समय वर्कआउट करने के भी कुछ फायदे हो सकते हैं? इसलिए हम लाए हैं आपके लिए कुछ कसरतें जिन्हें आप शाम के समय भी आसानी से कर सकते हैं और इनको करने से उतना ही लाभ मिलेगा जितना सुबह की कसरत से मिलता है. असल में शाम के समय बौडी पहले से ही वार्मअप होती है और औफिस जाने की टेंशन भी नहीं रहती. इसलिए शाम को कसरत करने से अच्छी नींद आती है और स्ट्रेस दूर होता है.और सबसे बड़ी बात कि यह आपका अपना समय है आप इसमें आसानी से वर्कआउट कर सकते हैं. आइए जानते हैं शाम को की जा सकने वाली एक्सरसाइज के बारे में–

1. बौल एक्सरसाइज

नाम जरूर फनी है लेकिन फायदे बहुत हैं. इस एक्सरसाइज से बेली फैट कम  होता है. इसे करने के लिए जमीन पर पीठ के बल  सीधा लेट कर एक्सरसाइज वाली बौल को हाथों में लेकर अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं. इसके बाद अपने हाथों से बौल को अपने पैरों में पकड़ाएं . फिर पैरों को नीचे ले जाकर दुबारा बौल को लेकर ऊपर आएं. और बाल को दुबारा हाथों में पकाड़ाएं. इस प्रक्रिया को लगातार 10 से 12 बार करना फायदेमंद है.

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2. क्लासिक एक्सरसाइज है अच्छा औप्शन

अगर पेट की मसल्स में कसाव और उसको टोन करना चाहते हैं तो  स्टेबिलिटी बौल एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए. बौल को कमर के नीचे रखें. हाथ और कोहनी से टिके रहने के लिए सपोर्ट बनाए रखें. अब पैर की अंगुलियों को थोड़ा खींचे और कमर से नीचे वाले भाग को जमीन की तरफ ले जाएं. बौडी को को इस आकार में लाएं कि बौडी सिर से लेकर एड़ी तक लाइन में आ जाए. इस स्थिति में तीस से साठ सेकंड तक बनी रहें. अब इस एक्सरसाइज को दायीं और बाई तरफ भी दोहराएं.

3. फ्लैट बैली क्रंच एक्सरसाइज

क्रंच एक बेहतरीन एक्सरसाइज है फ्लैट बैली के लिए इस क्रम को अपनाकर आसानी से पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है, लेकिन इसके साथ आपको कार्डियो एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए. साथ ही ज्यादातर जिम में कैप्टन्स चेयर होती है. इसका इस्तेमाल करें. रोज 12-16 रिपीटेशन के 1-2 सेट करें. बहुत जल्द असर नजर आने लगेगा.

4. कसरत छोड़ने के नुकसान

मांसपेशियों की शक्ति कम होने लगती है लचीलापन भी घटने लगता है साथ ही बौडी की फिटनेस पर भी प्रभाव पड़ता है और पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है.

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5. जरूरी बात का रखें ध्यान

भोजन के तुरंत बाद किसी भी प्रकार की कसरत ना करें. अगर आप की तबीयत सही नहीं है ,आप को बुखार है या जोड़ों में दर्द है या गठिया की कोई प्रौब्लम है, तब भी आपको कसरत नहीं करनी चाहिए. कसरत करते समय पंखा हल्का या बंद होना चाहिए.

मौनसून में इन 51 टिप्स से करें परफेक्ट मेकअप

मौनसून में मेकअप का ख्याल रखना जरूरी होती है हर कोई चाहे वह घर पर हो या औफिस मेकअप हर किसी की चाहत होती है. मेकअप के सही तरीके व लेटेस्ट ट्रैंड जान कर उन्हें अपनाने से खास मौकों पर और डेली फंक्शन में अपनी ब्यूटी में निखार लाया जा सकता है. आज हम आपको मेकअप करने के लिए जरूरी टिप्स बताएंगे, जिससे आप पार्टी हो या औफिस दोनों जगह खूबसूरत नजर आएंगी.

1.  मेकअप करने से 1 घंटा पहले स्किन में ताजगी और कसाव लाने के लिए फ्रूट पैक ब्रश की सहायता से चेहरे पर लगाएं. पैक को सूखने के बाद ठंडे पानी से छुड़ा लें. मेकअप ज्यादा देर तक टिका रहेगा.

2.  छोटी आंखों को बड़ा दिखाने के लिए आईशैडो के हलके शेड का इस्तेमाल करें. पलकों पर शिमर बेज रंग के आईशैडो का स्ट्रोक दें. इस से आंखें बड़ी लगेंगी.

3.  पलकों को घना दिखाने के लिए मसकारा को पलकों की जड़ से लगाएं. उस के बाद उस पर 1-2 बार खाली ब्रश लैशेज पर फेरें. पलकें चिपकी नहीं रहेंगी.

4.  मेकअप करते समय ब्लशर कम और हलके रंग का लगाएं, क्योंकि बौडी की ऊर्जा से प्रभावित हो कर ब्लशर गहरे रंग का हो जाता है, जो देखने में भद्दा लगता है.

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5.  लिपस्टिक को हमेशा होंठों के कोनों से मध्य की दिशा में लगाएं.

6.  स्किन पर फाउंडेशन एकसार लगाने के लिए गीले स्पंज का इस्तेमाल करें.

7. कंसीलर से सिर्फ आंखों के काले घेरे और कीलमुंहासों के दागों को ही नहीं छिपाया जाता, बल्कि उस से होंठों के आसपास के कालेपन को भी छिपाने में मदद मिलती है.

8. लिप लाइनर को हमेशा कटर से शार्प कर के लगाएं. इस से होंठों की शेप सही दिखेगी.

9.  लिप लाइनर और लिपस्टिक को मेकअप करने से 1 घंटा पहले फ्रिज में रख दें. इस से इस्तेमाल में आसानी होगी और लिपस्टिक ज्यादा देर तक टिकी रहेगी.

10. आंखों का मेकअप उतारने के लिए अच्छे आई मेकअप रिमूवर का इस्तेमाल करें.

11. चेहरे का मेकअप उतारते समय चेहरा 2 बार क्लींजिंग मिल्क से साफ करें और उस के बाद फेस वौश से धो लें. इस से रोमछिद्र बंद होने से बचे रहेंगे और मेकअप का बुरा प्रभाव भी स्किन पर नहीं पड़ेगा.

12. लिपस्टिक खरीदते समय कभी भी टैस्टर का उपयोग होंठों पर न करें. यह हाइजीनिक नहीं होता.

13. अगर आंखों का मेकअप हैवी करती हैं, तो होंठों का मेकअप न्यूड ही रखें.

14. रात की पार्टी के लिए आंखों को हाईलाइट करने के लिए शिमर आईबौल एरिया पर लगाएं, लेकिन दिन के समय शिमर का उपयोग न करें.

15. उम्रदराज महिलाएं हलके रंग और फ्रौस्टेड आईशैडो के अलावा अन्य मेकअप प्रोडक्ट  का चुनाव करते समय भी हलके व सौम्य रंगों का ही प्रयोग करें.

16. उम्रदराज महिलाएं शिमरी व ग्लौसी मेकअप प्रोडक्ट का प्रयोग न करें.

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17. आंखों को सुरमई दिखाने के लिए काजल लगाने के बाद मुंह धो लें. इस से काजल फैल जाएगा और आप की आंखें बिना लाइनर के खूबसूरत दिखेंगी.

18. मेकअप करते समय चेहरे के साथ-साथ गरदन, पीठ और हाथों का मेकअप करना भी न भूलें ताकि चेहरे, गरदन, पीठ व हाथों की रंगत समान लगे.

19. आंखों का मेकअप करते समय 2-3 कलर के आईशैडो को मिक्समैच कर के लगाएं, आंखें आकर्षक लगेंगी.

20. पर्स में ब्लौटिंग पेपर हमेशा रखें. पसीना आने पर इस से चेहरा साफ करें. इस से मेकअप भी खराब नहीं होगा.

21. हमेशा वाटरप्रूफ आईलाइनर का इस्तेमाल करें. इस से पहले प्राइमर लगाना न भूलें ताकि आंखों का मेकअप खराब न हो.

22. मेकअप करते समय मेकअप बेस की परतें चढ़ाने की जगह सौम्य व सौफ्ट मेकअप करें. वैसे भी आजकल न्यूड मेकअप चलन में है.

23. ब्लशर गालों के उभारों से बाहर हेयरलाइन की तरफ ब्लैंड करते हुए लगाना चाहिए.

24. दिन के समय लिपस्टिक की जगह लिपबाम या ट्रांसपरैंट लिपग्लौस बेहतर विकल्प है.

25. चेहरे पर ग्लो के लिए ब्रौंज पाउडर का इस्तेमाल करें.

26. एसपीएफ सनस्क्रीन व मौइश्चराइजर का प्रयोग करें. अगर बाहर 2 घंटे से ज्यादा रहना हो तो सनस्क्रीन को दोबारा लगाएं.

27. आईब्रो को हाईलाइट करने के लिए आईब्रो के एकदम नीचे के हिस्से पर हलके गोल्ड डस्ट या पर्ल डस्ट का उपयोग करें.

28. चेहरे पर औयल कंट्रोल जैल का उपयोग करें.

29. अगर आप का रंग काफी दबा हुआ है, तो गहरे रंग की लिपस्टिक न लगाएं. ऐसे में होंठों के रंग से मिलती-जुलती लिपस्टिक बेहतर लगती है.

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30. अगर आप की स्किन सांवली है, तो ब्राउन या पीले रंग को मेकअप में इस्तेमाल करें.

31. लंबे सफर के दौरान आंखों का मेकअप करने से बचें.

32. अपने मेकअप प्रोडक्ट दूसरों के साथ शेयर न करें और न ही दूसरों के प्रोडक्ट इस्तेमाल करें.

33. मेकअप प्रोडक्ट खरीदते समय उस की एक्सपाइरी डेट देखना न भूलें.

34. अगर आप आई मेकअप हैवी नहीं चाहतीं तो पलकों पर मसकारा लगा कर कर्ल कर  लें और हल्का सा काजल लगा लें. इस से आंखों का आकर्षण देखते ही बनेगा.

35. आईशैडो लगाते समय रंगों को एकदूसरे में अच्छे से ब्लैंड करें, रंगों की लाइन नहीं दिखनी चाहिए.

36. अपनी ड्रैस से मैच करते रंग की आई पेंसिल से आंखों पर आईलाइनर लगाएं. यह आजकल ट्रैंड में है.

37. अगर आईब्रोज हल्की हैं, तो उन्हें ब्राउन और ब्लैक आईब्रो पेंसिल से आकार दें.

38. बहुत आर्च्ड आईब्रोज न बनवाएं, क्योंकि इस से चेहरे का लुक बहुत खराब हो जाता है.

39. लिपस्टिक लगाने के बाद टिशू पेपर पर उसे ब्लौट कर के थोड़ा पाउडर लगा लें और दोबारा लिपस्टिक का कोट दे कर लिपग्लौस लगा लें. लिपस्टिक ज्यादा देर टिकी रहेगी.

40. लिपस्टिक के नैचुरल शेड फैशन में हैं, जो दिखने में सौम्य व सुंदर नजर आते हैं.

41. सुबह के वक्त लाइट पिंक और लाइट पीच शेड का आईशैडो का कौंबिनेशन नैचुरल लुक देता है.

42. मेकअप बेस लाइट रखें और आंखों या होंठों में से किसी एक को हाईलाइट करें.

43. हैवी ग्लिटर की जगह लाइट शिमर का प्रयोग करें और अपने लुक को शिमर से हाईलाइट करें.

44. स्मोकी आइज फैशन में हैं. इस के लिए काजल पेंसिल से आंखों की आउटलाइन बनाएं और मर्ज करें.

45. कैजुअल लुक के लिए सिर्फ काजल और लिपग्लौस का इस्तेमाल करें.

46. स्किन को स्मूद लुक देने के लिए नैचुरल स्किन टोन से मिलते-जुलते रंग का फाउंडेशन अप्लाई करें.

47. अगर आप को शौर्ट हेयरकट पसंद है, तो फेसकट के अनुरूप ही हेयरकट करवाएं, क्योंकि जरूरी नहीं कि दूसरे का हेयरकट आप को भी सूट करे.

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48. मेकअप करते समय अपनी उम्र, ड्रैस और अवसर के अनुसार ही मेकअप करें.

49. अगर आप लिपग्लौस अप्लाई करना चाहती हैं, तो उसे सिर्फ होंठों के बीच में डौट के रूप में अप्लाई करें वरना लिपग्लौस फैल जाएगा.

50. लिपस्टिक का कोई शेड आप को पसंद नहीं आ रहा है, तो उसे किसी दूसरी लिपस्टिक के साथ मिक्स कर के होंठों पर नया शेड लगाएं.

51. मेकअप पूरा होने के बाद चेहरे पर शिमर का लाइट टच अप्लाई करें. यह आप के चेहरे को ग्लो देगा.

मौनसून में ऐसे करें वौटरप्रूफ मेकअप

गरमी से राहत पाने के लिए हम सभी मौनसून का बेसब्री से इंतजार करते है, लेकिन मौनसून का चिपचिपा मौसम चेहरे और मेकअप दोनों को ही बिगाड़ देता है. इसलिए मौनसून में अधिकतर लड़कियां यह सोच कर कंफ्यूज रहती है कि कैसा मेकअप करें जो लंबे समय तक टिका रहे. ब्यूटी एक्सपर्ट कनिष्का कुशवाहा से जाने मानसून में स्मज फ्री मेकअप लुक कैसे पा सकते है. ब्यूटी एक्सपर्ट कनिष्का ने बताया की, “ मानसून में हमेशा वौटरप्रूफ मेकअप ही करना चाहिए. इससे मेकअप फैलता नहीं है और लंबे समय तक टीका रहता है.

ऐसे करें वौटरप्रूफ मेकअप

स्टेप-1

मेकअप शुरू करने से पहले चेहरे पर बर्फ का इस्तेमाल करें. इससे मेकअप चेहरे पर जल्दी सेट हो जाता है और आपके चेहरे पर पसीने भी नहीं आता.

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स्टेप-2

चेहरे पर वौटर बेस मौइस्चराइजर लगाएं. मौइस्चराइजर के बाद चेहरे पर प्राइमर का इस्तेमाल करें. प्राइमर से भी मेकअप लौन्ग लास्टिंग टिका रहता है.

स्टेप-3

अगर आप चाहती है कि आपका मेकअप स्मज न हो तो नौर्मल फाउंडेशनका इस्तेमाल न करें. फाउंडेशन के जगह आप मेट मूस फाउंडेशन का इस्तेमाल कर सकती है. मेट मूस फाउंडेशन चेहरे पर क्लीन लुक देता है. यह बहुत वेटलेस फाउंडेशन होता है. अगर आपके पास मूस फाउंडेशन नहीं है तो आप फेस पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकती है.

स्टेप-4

अगर आपके चेहरे पर डार्कसर्कल, पिम्पल्स जैसी प्रौबलम है तो आप कंसिलर लगाना न भूलें. अगर आपका कंटूरिंग करने का मन है तो मानसून में लिक्विड कंटूर का बिलकुल इस्तेमाल न करें. चेहरे को पर्फेक्ट शेप देने के लिए पाउडर कंटूर का ही इस्तेमाल करें.

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स्टेप-5

गालो पर नैचुरल शेड वाले ब्लशर का इस्तेमाल करें जिसमें ज्यादा स्पार्कल न हों. आप चाहे तो अपने चीकबोन को हाईलाइट करने के लिए हाईलाइटर का भी इस्तेमाल कर सकती है. हाईलाइटर का इस्तेमाल ज्यादा न करें.

9 टिप्स: गरमी में रखें बालों का ख्याल

कई बार नए हेयर लुक के चक्कर में नुकसान वाले कैमिकल या ऐलर्जी वाले प्रौडक्ट्स से बालों को नुकसान उठाना पड़ता है. इसके अलावा बालों को रोजाना पौल्यूशन, धूल, गंदगी और धूप का सामना भी करना पड़ता है, जिससे यह नुकसान कई गुना बढ़ सकता है. कोई भी इस तरह के नुकसान झेलना नहीं चाहता. लिहाजा अगर आप ड्रायर, ब्लोअर और स्ट्रेटनर जैसे स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स या जैल या अल्कोहल वाले स्प्रे या अन्य खतरनाक कैमिकल प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से अपने बालों पर बहुत ज्यादा इस्तेमाल कर रही हैं, तो सावधान हो जाएं और अपने बालों की अतिरिक्त देखभाल पर ध्यान देना शुरू कर दीजिए. इसीलिए आज हम आपको कैम्कल वाले प्रोडक्टस से बालों की केयर कैसे करें इसके बारे में बताएंगे.

1. हेयर की सफाई है जरूरी

देखभाल की बुनियादी शुरुआत बालों की सफाई से होती है. यदि आप अपने बाल नियमित रूप से नहीं धोती हैं और उन्हें साफ नहीं रखतीं तो बालों की जड़ें कमजोर पड़ जाएंगी और हेयरस्टाइलिंग प्रोडक्ट्स का नियमित इस्तेमाल बालों का नुकसान बढ़ा देगा. इसके अलावा डीप कंडीशनिंग का नियमित इस्तेमाल आप के बालों को स्वस्थ रखेगा. उससे हेयरस्टाइलिंग उत्पादों के अत्यधिक इस्तेमाल से बेजान और शुष्क नजर आने वाले बाल भी सुरक्षित और पोषित रहेंगे.

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2. बालों की केयर के लिए डर्मेटोलौजिस्ट से मिलें

विटामिन ए, फौलिक ऐसिड, विटामिन बी कौंप्लैक्स, प्रोटीन तथा कैल्सियम जैसे सप्लिमैंट्स बालों के लिए अच्छे होते हैं. यदि आपके बाल पतले हो रहे हैं, तो किसी अच्छे डर्मेटोलौजिस्ट से मिलें, जो आप को उचित विटामिन लेने की सलाह दे सके.

3. बालों को सुखाने के लिए ड्रायर के इस्तेमाल से बचें

गरम हवा वाले ड्रायर का इस्तेमाल कम करना ही अच्छा होता है. इसके बजाय आप बालों से टपकते पानी को सावधानी से निचोड़ लें और फिर तौलिए से पोंछ लें. यदि आप को ड्रायर का इस्तेमाल करना ही पड़ जाए तो याद रखें कि ब्लोअर से निकलने वाली गरम हवा बालों पर तेजी से पड़ती है और इस प्रक्रिया में रोमकूपों (हेयर फौलिकल्स) को काफी नुकसान पहुंचता है. इस नुकसान से बचने के लिए नर्म मूस (एक प्रकार का जैल) लगा कर बालों को ड्रायर से सुखाएं. कोई भी मूस जहां बालों के स्टाइल बदलने में कारगर होता है, वहीं नर्म मूस बालों की बेहतर सुरक्षा भी करता है.

4. अल्कोहल या कैमिकल प्रौडक्टस के इस्तेमाल से बचें

अल्कोहल या अन्य हानिकारक रासायनिक तत्त्वों वाले स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स भी बालों को नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए ऐसे तत्त्वों वाले उत्पादों के इस्तेमाल से बचें या जहां तक संभव हो सके, इन का कम से कम इस्तेमाल करें.

5. हेयर कलरिंग का करें कम इस्तेमाल

बालों की स्टाइलिंग के लिए हेयर कलरिंग करने का चलन भी बढ़ा है, लेकिन हमें सिलिकौन युक्त हेयर कलर और अल्कोहल युक्त हेयर कलर के इस्तेमाल से बचना चाहिए. इन से बालों में रूसी, खुजली तथा बालों के झड़ने जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

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6. हीट वाले प्रौडक्टस की बजाय बालों में करें औयलिंग

बालों को हीट देने, आयरनिंग करने या घुंघराला बनाने के लिए स्टाइलिंग उत्पादों के इस्तेमाल से बचें. बालों को पोषण देने का खयाल भी रखें. इस के लिए अपनी स्कैल्प की नियमित रूप से मालिश करें. स्कैल्प और बालों की मालिश के लिए कुनकुने औलिव औयल या नारियल तेल का इस्तेमाल करें. इस से बालों में नमी लौट आएगी और बालों का सूखापन दूर होगा. बहुत ज्यादा तेल लगाना भी अच्छा नहीं होता. सप्ताह में एक बार ही तेल लगाना पर्याप्त होता है. पूरी रात बालों में तेल लगाए रखना भी जरूरी नहीं है, बल्कि 2-3 घंटे ही पर्याप्त होते हैं. बालों पर बहुत ज्यादा मालिश या बहुत ज्यादा तेल का इस्तेमाल न करें, क्योंकि तब आप को तेल से छुटकारा पाने के लिए बहुत ज्यादा शैंपू लगाना होगा और इस का भी बालों पर बुरा असर ही होगा.

7. मैडिकल थेरैपीज भी रहेगा बालों के लिए बेस्ट

स्कैल्प में नई ऊर्जा का संचार करने वाली कुछ मैडिकल थेरैपीज हमेशा अच्छी मानी जाती हैं. मसलन स्टेम सेल थेरैपी, पेप्टाइड थेरैपी, एलईडी थेरैपी और रिजुविनेटिंग औरेंज लाइट थेरैपी. ये बालों के विकास में तेजी लाती हैं और रूसी तथा बालों से संबंधित अन्य समस्याओं से बचाए रखती हैं.

8. नेचुरल कंडीशनर का करें इस्तेमाल

नेचुरल कंडीशनर का इस्तेमाल भी फायदेमंद रहता है. दही, अंडे की सफेदी, हिना आदि चीजें प्राकृतिक कंडीशनर का काम करती हैं और बालों को स्वस्थ बनाए रखने में कारगर होती हैं. इन से आप के बेजान और शुष्क बालों को भी नवजीवन मिलता है.

9. अपनी रेगुलर डाइट का करें इस्तेमाल

पौष्टिक खानपान का पालन करें क्योंकि आप के बालों की सेहत इस पर भी निर्भर करती है. अंडा, चिकन, ओमेगा 3 फैटी ऐसिड जैसे प्रोटीनयुक्त भोजन और मछली, बादाम और अखरोट जैसी आयरन युक्त चीजों के अलावा गाजर और दालों का सेवन करें, जिन में विटामिन और फौलिक ऐसिड की प्रचुरता होती है. इन चीजों से आप के बाल स्वस्थ बने रहेंगे.

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Edited by Rosy

ब्लौकचैन : नौकरियों की बहार

नया साल, नया ठौर, नया काम, नई नौकरी… तरक्की करती दुनिया और भारत में ब्लौकचैन तकनीक रोजगार का नया व अच्छा जरिया बन कर उभरी है. बिटक्‍वाइन टेक्नोलौजी द्वारा लांच की गई इस तकनीक को हैक करना बहुत ही मुश्किल है और यह कभी भी हुए सभी डिजिटल ट्रांजेक्शंस का ब्‍योरा रखती है. साइबर क्राइम और हैकिंग को रोकने के लिए ब्लौकचैन तकनीक को फूलप्रूफ सिस्‍टम के तौर पर भी जाना जाता है.

  • ब्लौकचैन सम्बन्धी नौकरियों में सामान्य आईटी क्षेत्र की नौकरियों से 61.8 प्रतिशत अधिक वेतन.
  • वर्ष 2018 की पहली तिमाही में ब्लौकचेन क्षेत्र की नौकरियों में 6,000 फीसदी इजाफा.
  • विश्व आर्थिक मंच का मानना है कि वर्ष 2027 तक वैश्विक जीडीपी का 10 प्रतिशत कारोबार ब्लौकचेन तकनीक पर विकसित होगा.
  • भारत में नीतिगत अनिश्चितता से प्रतिभा पलायन का अंदेशा.

पिछले साल के दौरान ब्लौकचैन तकनीक और क्रिप्टोकरेंसी काफी चर्चा में रहीं. औनलाइन भरतियां और कंपनियों से जुड़ी जानकारियां मुहैया कराने वाली वेबसाइट ग्लासडोर के हालिया अध्ययन में पाया गया कि ब्लौकचैन और क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र में अमेरिका समेत पूरी दुनिया में नौकरियों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. साथ ही, ब्लौकचैन क्षेत्र के शैक्षणिक प्लेटफौर्म इनक्रिप्ट का अगस्त 2018 का सर्वेक्षण बताता है कि भारत में ब्लौकचैन और क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र में कानूनी और नीतिगत स्थिति साफ़ न होने के चलते देश को ब्लौकचैन क्षेत्र के होनहार लोगों के दूसरे देशों में चले जाने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

ब्लौकचैन क्षेत्र के शैक्षणिक प्लेटफौर्म इनक्रिप्ट ने अपने सर्वे में पाया है कि भारत में ब्लौकचैन क्षेत्र नौकरियों, फाइनेंस और ग्लोबल रिकग्नीशन यानी वैश्विक पहचान के क्षेत्र में अच्छी भूमिका निभा सकता है. इनक्रिप्ट की रियलाइजिंग इंडियाज ब्लौकचैन पोटेंशियल नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्लौकचैन की मदद से सूचना तकनीक (आईटी) क्षेत्र में नया बदलाव लाया जा सकता है. इस से देश में हाई सैलरी वाली नौकरियों की तादाद बढ़ सकती है. बहुत ही अहम बात यह है कि वर्ष 2018 की पहली तिमाही में ब्लौकचैन क्षेत्र की नौकरियों में 6,000 फीसदी की उछाल आई है.

औनलाइन भरतियां और कंपनियों से जुड़ी जानकारियां मुहैया कराने वाली वेबसाइट ग्लासडोर के अध्ययन के अनुसार, अमेरिका में ब्लौकचैन क्षेत्र में औसत सालाना आय 84,884 डौलर (लगभग 62 लाख रुपए) है जो वहां की औसत सालाना आय 52,461 डौलर यानी लगभग 38.5 लाख रुपए से 61.8 फीसदी ज्यादा है. अध्ययन में बताया गया, ‘पिछले एक साल में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में उतारचढ़ाव के बाद भी ब्लौकचैन क्षेत्र में नौकरियों की तादाद लगातार बढ़ रही है. एक साल के दौरान अमेरिका में इस तरह की नौकरियों में 300 प्रतिशत की उछाल आई है.’ अध्ययन में पाया गया कि ब्लौकचैन क्षेत्र में नौकरियों के मामले में अमेरिका के बाद लंदन, सिंगापुर, टोरंटो, हांगकांग और बर्लिन शीर्ष वैश्विक शहरों में शामिल हैं.

इनक्रिप्ट के संस्थापक और वेंचर कैपिटल इन्वेस्टर नितिन शर्मा बताते हैं, ‘इनक्रिप्ट के इस सर्वे का में मकसद भारत में पब्लिक ब्लौकचैन की क्षमता की पहचान करना था. इस में ज्यादातर बातचीत कारोबारियों, एक्सचेंजों और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों पर की गई. हम ने सर्वे में ब्लौकचैन तकनीक पर काम कर रहे डेवलपर्स और उद्यमियों पर भी ध्यान केंद्रित किया है.’

सर्वे में शामिल 84 लोग केवल विदेशी परियोजनाओं पर कार्य कर रहे हैं और 86 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अगर देश में क्रिप्टोकरेंसी के लिए माफिक माहौल नहीं होगा तो वे देश से बाहर चले जाएंगे. साथ ही, 82 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ब्लौकचेन स्टार्टअप्स द्वारा जमा की गई मौजूदा पूंजी देश से बाहर चली जाएगी. सो, देश इस क्षेत्र में चल रहे ग्लोबल कम्पटीशन में पिछड़ जाएगा.

सर्वे से पता चलता है कि ब्लौकचैन क्षेत्र के लिए नियमों पर स्थिति साफ़ करनी होगी वर्ना भारत कई क्षेत्रों में बड़े अवसर खो सकता है. हाल ही में भारत के एक बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जेब पे ने भारत में अपना कारोबार बंद कर दिया है और अब कंपनी ने खुद को माल्टा देश में रजिस्टर्ड करा लिया है. भारत में कारोबार बंद करने वाली जेब पे दुनिया के 20 देशों में अपनी सेवाएं दे रही है.

फ्रीलांस प्लेटफौर्म अपवर्क के एक सर्वे के अनुसार, वर्ष 2018 की पहली तिमाही में सब से ज्यादा तेजी से बढने वाले कौशल में ब्लौकचैन पहले स्थान पर रहा. इस में गूगल क्लाउड प्लेटफौर्म दूसरे और वौल्यूजन सौफ्टवेयर तीसरे स्थान पर रहा.

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स का कहना है कि सौफ्टवेयर क्षेत्र की नौकरियों के मामले में अगले 3 से 5 वर्षों में ब्लौकचैन सब से बड़े क्षेत्रों में से एक होगा और देश से इस क्षेत्र के होनहारों को नौकरी के सिलसिले में विदेश जाने से रोकने की जरुरत है. वजीरएक्स का कहना है कि वह कई इंजीनियरों, स्टार्टअप संस्थापकों, कारोबारियों और दूसरे लोगों को जानती है जो ब्लौकचैन क्षेत्र के सपनों को पूरा करने के लिए भारत से बाहर जाने वाले हैं. देश में सॉफ्टवेयर क्षेत्र में ब्लौकचैन तकनीक की उपयोग संबंधी अनिश्चितता और नेगेटिव माहौल खतरनाक हो सकता है. सो, भारत सरकार को अपने तरीकों में बदलाव लाने होंगे.

आईटी क्षेत्र की कई बड़ी कम्पनियाँ ब्लौकचैन तकनीक आधारित तरीकों पर काम कर रही हैं. आईबीएम और माइक्रोसौफ्ट एजर पहले ही बीएएएस प्लेटफार्म तैयार कर चुके हैं. इस के आलावा, 2 वर्षों की प्रैक्टिकल टेस्टिंग के बाद वालमार्ट ने किसी भी प्रोडक्ट के एक जगह से दूसरी जगह जाने पर पहचान सम्बन्धी ब्लौकचैन लांच कर दिया है.

ग्लासडोर की रिपोर्ट बताती है कि आईबीएम, ओरेकल, क्रेकन, एक्सेंचर, जेपी मौर्गन और केपीएमजी कंपनियां ब्लौकचैन क्षेत्र में नई नौकरियों के मामले में शीर्ष पर हैं. कई दूसरे ब्लौकचैन स्टार्टअप भी अपने विस्तार पर काम कर रहे हैं.

उधर, गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनी फिनवे के एक उच्च अधिकारी का मानना है कि मौजूदा माहौल में ब्लौकचैन के साथ ही किसी दूसरे क्षेत्र में भी क्षमता विकसित करना बेहतर रहेगा. वे कहते हैं, ‘ब्लौकचेन तकनीक देश के रोजगार क्षेत्र के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है लेकिन किसी भी व्यक्ति को इस के साथ किसी एक पारंपरिक तकनीक का भी प्रशिक्षण लेना चाहिए. कुछ मामलों में ब्लौकचैन क्षेत्र में देश से प्रतिभा पलायन हो रहा है लेकिन तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और जीवनयापन के मूल्यों में इजाफे से अगले 5 सालों में हम देखेंगे कि प्रतिभा पलायन के स्थान पर बहुत से लोग भारत का रुख करेंगे.’

ब्लौकचैन डिस्ट्रिब्यूटेड डाटा बेस होती है. इस में लगातार कई रिकार्ड्स को रखा जाता है जिन्हें ब्लौक कहते हैं, जिस में हर ब्लौक अपने पूर्व के ब्लौक से लिंक रहता है. इस तकनीकी में हजारों कंप्यूटर पर इन्क्रिप्टेड यानी गुप्तरूप से डाटा सुरक्षित रहता है. इसे पब्लिक लेजर भी कहते हैं. इसे हैक करने के लिए सभी हजारों कंप्यूटर में एकसाथ साइबर अटैक करना होगा जो कि नामुमकिन है.

भारत मैं हैकिंग रोकने और साइबर सिक्‍योरिटी को बढ़ावा देने के लिए ब्लौकचैन तकनीक लागू करने वाला आंध्र प्रदेश पहला राज्‍य है. कोई भी अपना ब्लौकचैन अकाउंट https://blockchain.info/ वेबसाइट पर बना सकता है.

कभी ना खाएं जला ब्रेड, हो सकता है जानलेवा

स्वस्थ रहना आजकल के लोगों के लिए चुनौती बन गई है. जिस तरह की लोगों की जीवनशैली बन चुकी है, स्वस्थ रहना काफी मुश्किल है. लोगों का जंक फूड, फास्ट फूड के लिए प्यार उनकी खराब सेहत के लिए जिम्मेदार है. सुबह के नाश्ते में लोग अक्सर ब्रेड का सेवन करते हैं. खासतौर पर जो लोग घर के बाहर रहते हैं, वो और भी ज्यादा ब्रेड खाते हैं. पर क्या आपको पता है कि ब्रेड का जला हुआ हिस्सा खाने से आपको सेहत संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

एक शोध में ये बात सामने आई कि जिन स्टार्च युक्त खाद्य पदार्थो को उच्च तापमान पर पकाया जाता है तो वे ‘एक्रिलामाइड’ नामक एक यौगिक को छोड़ देता है जो कैंसर का खतरा बढ़ाता है.

आपको बता दें कि ‘एक्रिलामाइड’ एक ऐसा केमिकल होता है जिससे कागज और प्लास्टिक का निर्माण किया जाता है. एक अध्ययन के अनुसार, जब कुछ खाद्य पदार्थों को बहुत उच्च तापमान पर पकाया जाता है, तो रासायनिक प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप एक्रिलमाइड के गठन होता है.
एक बार रिएक्शन होने के बाद, जला हुआ भोजन रसायन डीएनए में प्रवेश कर सकता है जो आगे जीवित कोशिकाओं को बदल देता है और कैंसर की संभावना बढ़ जाती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, एक्रिलामाइड शरीर में एक न्यूरोटौक्सिन के रूप में भी कार्य कर सकता है.

नजरअंदाज ना करें जीभ की गंदगी, हो सकती हैं बड़ी परेशानियां

मुंह की सफाई से प्राय: हम दांतों की सफाई सोचते हैं.  जबकि जीभ की सफाई कई कारणों से अहम होती है. सफाई के मामले में जीभ सबसे ज्यादा उपेक्षित अंग है. अक्सर लोग इसकी सफाई का ख्याल नहीं रखते. जिसके कारण आपको कई तरह की बीमारियां हो सकती है. जीभ की सफाई ना करने से आपकी सांस भी बदबूदार हो जाती है. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी जीभ की नियमित सफाई करें. इस खबर में हम आपको जीभ की सफाई के कुछ तरीके बताएंगे.

नमक

जीभ की सफाई के लिए नमक काफी अच्छा तत्व माना जाता है. ये एक प्राकृतिक स्क्रब की तरह काम करता है. थोड़ा सा नमक जीभ पर छिड़क लें, फिर ब्रश के पिछले हिस्से से  हल्का दबाव डाल कर जीभ की सफाई करें. इसके बाद कुल्ला कर लें. आपको इसका असर जल्दी ही दिखेगा.

दही

दही प्रो-बायोटिक होता है. यह जीभ पर जमा फंगस, सफेद परत और गंदगी को खत्म कर देता है.

माउथवाश

खाना खाने के बाद खाने के कुछ अंश जीभ पर रह जाते हैं. इस लिए जरूरी है कि खाने के बाद माउथवाश किया जाए. इससे मुंह की गंदगी निकल जाएंगी. साथ ही आप फ्रेश महसूस करेंगी.

बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा भी एक प्रभावशाली स्क्रब होता है. इसमें नींबू की कुछ बूंदे मिलाएं, अब इस पेस्ट को जीभ पर उंगली से लगाएं और थोड़ी देर रखने के बाद कुल्ला करें. इससे जीभ पर जमी सफेद परत व गंदगी आसानी से निकल जाएगी.

हल्दी
हल्दी पाउडर में थोड़ा सा नींबू का रस मिला लें, अब इस पेस्ट से जीभ पर रगड़ लें. कुछ देर में गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें.

ज्यादातर साइबर फ्रौड की शिकार होती हैं महिलाएं, जानिए क्यों

आज के समय में औनलाइन फ्रौड लोगों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बना हुआ है. ये मुद्दा ना सिर्फ आम लोगों को परेशान करता है बल्कि सरकारी महकमें के लिए भी ये किसी चुनौती से कम नहीं है. जानकारी और जागरुकता के अभाव में लोग अक्सर इसके शिकार होते हैं.

हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें ये स्पष्ट हुआ है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं औनलाइन फ्रौड का ज्यादा शिकार होती हैं. रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि औनलाइन शौपिंग के दौरान पुरुषों के मुकाबले महिलाएं 6 गुना अधिक फ्रौड का शिकार होती हैं. फ्रौड के लिए महिलाओं को झांसे में लाना ज्यादा आसान होता है. वो महिलाओं को टारगेट कर गुमराह करते हैं और आसानी से उन्हें लूट लेते हैं.

क्यों महिलाएं हो रही ज्यादा शिकार

रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इस लिए भी औनलाइन फ्रौड की शिकार होती हैं क्योंकि वो ज्यादातर शौपिंग औनलाइन प्लौटफौर्म से करती है. आपको बता दें कि ये सारे साइबर क्राइम कंप्यूटर वायरस, मालवेयर, हैकिंग आदि के जरिए किया जाता है. इस सर्वे में बात सामने आई कि इस फ्रौड में शिकार हुए ज्यादातर लोगों की उम्र 20 से 49 सालों तक की है.

पुरुष भी बच ना सकें

हालांकि इस रिपोर्ट का एक दूसरा पहलू भी सामने आया है जिसमें कहा गया है कि भले ही पुरुष महिलाओं से 6 गुना कम फ्रौड का शिकार होते हों लेकिन औसतन वे 3 गुना ज्यादा पैसे का नुकसान उठाते हैं. इसका मतलब ये हुआ कि कुल रकम के लुटाने में पुरुष महिलाओं से 3 गुना आगे हैं.

कैसे बचें इन फ्रौड्स से

इन फ्रौड्स से बचने के लिए जरूरी है कि आप सूचित और सतर्क रहें. किसी भी व्यक्ति से अपने कार्ड की जानकारियां साझा ना करें. लोग आपको फोन कर के आपके कार्ड की जानकारी लेते हैं, आपकी निजी जानकारियां हांसिल कर के आपके खाते से राशि उड़ा ले जाते हैं. इससे बचने के लिए आप किसी भी व्यक्ति से अपने बैंक या कार्ड संबंधी जानकारियों को साझा ना करें. अगर कोई आपको फोन कर खुद को बैंक का प्रतिनिधि बताता है और आपसे आपकी निजी सूचनाएं मांग रहा है तो तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दें और शिकायत करें. औनलाइन खरीदारी करते वक्त खासा सतर्क रहें. कोशिश करें कि आपके कार्ड या बैंक की जानकारी ब्राउजर में सेव ना हो.

इन छोटी छोटी सूझबूझ से आप खुद को इन फ्रौड्स से बचा सकेंगी.

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