Raksha Bandhan: डस्की स्किन के लिए ट्राय करें मेकअप टिप्स

खूबसूरत दिखने के लिए सब से जरूरी है स्वस्थ, चमकती स्किन न कि गोरा रंग. चमकती स्किन के लिए स्वस्थ जीवनशैली और खानपान, अच्छा स्वास्थ्य, गहरी नींद और मन की शांति जरूरी है.

आइए, जानें आश्मीन मुंजाल से सावंली सूरत के लिए मेकअप टिप्स:

– सब से पहले यह देखें कि आप के चेहरे पर अनचाहे बाल न रह जाएं. आइब्रोज, अपर लिप्स, लोअर लिप्स, फोरहैड, चीकबोन जैसी जगहों पर आने वाले अनचाहे बालों को साफ रखें. जरूरी लगे तो उन्हें कंसील कर लें ताकि आप का लुक उभर कर सामने आए.

– अब मेकअप शुरू करें. स्किन टोन के साथ स्किन टैक्सचर का भी ध्यान रखें. सब से पहले एक अच्छे प्राइमर के साथ शुरुआत करें. यदि स्किन में ड्राइनैस, पैचीनैस या अनइवननैस है तो ब्यूटी बाम का प्रयोग कर सकती हैं.

– प्राइमर के बाद फाउंडेशन लगाएं. (स्किन टाइप और जरूरत के हिसाब से फाउंडेशन ग्लौसी, जैल बेस्ड, एचडी या सिलीकौन लें) ध्यान रखें कि फाउंडेशन सेम स्किन टोन का ही लें. डस्की स्किन पर थोड़े भी फेयर टोन के फाउंडेशन का प्रयोग किया जाए तो स्किन चोक्ड और व्हाइट लगने लगती है.

– कंटूरिंग भी डस्की स्किन मेकअप में सब से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अपने चेहरे के उभारों को हाईलाइट करें और गड्ढों को भरें. इस से स्किन इवन और अट्रैक्टिव नजर आती है.

– बेस, फाउंडेशन, कंटूरिंग और ब्लशऔन के बाद लिप मेकअप करें. डस्की स्किन में लिप मेकअप के लिए ब्राउन, मरून, रैड और चैरी रैड जैसे अर्थी कलर्स या फिर कोरल कलर्स का प्रयोग करें.

– आई मेकअप पर खास ध्यान दें. स्मोकी  आईज के लिए ब्लैक ट्राई न करें, बल्कि वाइन स्मोक, ब्राउन स्मोक, गे्र स्मोक जैसे औप्शन और कोरल कलर्स ट्राई करें. फेक आईलैशेज भी ब्यूटीफुल इंडियन लुक के लिए ट्राई कर सकती हैं.

– चमकदार रंगों का प्रयोग न करें. यलो, औरेंज, नियोन जैसे कलर्स अवौइड करें. ये चटकदार रंग हैं जो सांवली सूरत पर अच्छे नहीं लगते. हलके और स्किन टोन से मैच करते रंग आप के ऊपर ज्यादा खूबसूरत लगेंगे. आप प्लम, ब्राउन, लाइट पिंक, रैड जैसे कलर्स ट्राई कर सकती हैं.

– जब बात फौर्मल लुक की हो तो बेज कलर की सिंपल शौर्ट ड्रैस पहन सकती हैं जिस में प्रिंट का काम किया गया हो. ऐसी शौर्ट ड्रैस के साथ हाई हील्स, स्मार्ट वाच और कोट पहन कर औफिस लुक कैरी किया जा सकता है. सैल्मन पिंक कलर का प्रौपर फौर्मल आउटफिट बहुत शानदार लगेगा.

डस्की ब्यूटी ड्रैसिंग स्टाइल्स

मेकअप डिजाइनर आशिमा शर्मा कहती हैं कि यदि आप का स्किन टोन डस्की है तो आप कुछ बातों का खास ध्यान रखें:

– डैनिम कलर के कपड़े पहनें, जैसे डैनिम जींस, प्लाजो, डैनिम शर्ट आदि.

– आप अपने कपड़ों फैब्रिक के साथ खेल कर भी फैबुलस लुक पा सकती हैं. अगर आप ब्लैक कलर की शौर्ट ड्रैस पहन रही हैं और उस में नैट, शिफौन जैसे फैब्रिक मौजूद हों, तो ये आप के लुक को निखारने में सहायता करेंगे.

– ब्लिंगी गोल्ड आप के  लिए बेहद शानदार साबित हो सकता है. यदि आप को गाउन पहनना पसंद है तो आप रैड कलर का फ्लोरलैंथ गाउन पहन सकती हैं. औफशोल्डर्ड, शोल्डरलैस, सिंगलशोल्डर्ड गाउन आप पर अच्छे लगेंगे. इन के साथ अपने बालों को स्ट्रेट रखें.

– अगर बात फौर्मल्स की हो तो आप के लिए काफी कुछ है. हाईवैस्ट जींस को आप सौलिड ट्विस्ट टौप के साथ पहन सकती हैं. इस तरह के लुक के लिए आप अपने बाल बांध कर रख सकती हैं.

– पैंसिल स्कर्ट के साथ लाइट मिंट कलर में रूफल स्ट्रिपड टौप पहनें, बालों को खोल कर रखें. सिंपल ईयरिंग के साथ लुक कैरी करें.

Raksha Bandhan: फेस्टिवल के दौरान ऐसे रखें सेहत का ख्याल

त्यौहारों में अलग-अलग वैरायटी की मिठाइयां मार्केट में मौजूद होती हैं, लेकिन ये डिफरेंट वैरायटी कभी-कभी हमारी हेल्थ पर बुरा असर डालती है. आपने भी सुना होगा कि मीठे से कईं सारी बीमारियां होती हैं, जो हेल्थ को बहुत नुकसान पहुंचाती है. डौक्टर्स का कहना है कि अगर आप त्यौहारों में कुछ मीठा बनाना चाहते हैं तो चीनी के औप्शन की बजाय आप ब्राउन राइस सिरप, स्टीविया, शहद, गुड़, खजूर आदि को इस्तेमाल कर सकती हैं. आज हम ऐसी ही कुछ टिप्स आपको बताएंगे जो त्यौहारों में हेल्थ का ख्याल रख सकती हैं.

1. फेस्टिवल में बनाएं कुछ हेल्दी 

मीठा बनाने के लिए आपके पास बहुत औप्शन हैं, पर इस बारी कुछ ऐसा पकाइए, जो न सिर्फ मीठा हो, बल्कि उसमें और भी कई पोषक तत्व मौजूद हों. इससे आपकी दिवाली में स्वाद के साथ पोषण का तड़का भी लग जाएगा.

2. खुद को रखें डीटौक्स

बौडी को डीटौक्स करने के लिए तीन चीजों की जरूरत होती है, पहली पर्याप्त मात्रा में पानी मतलब हाइड्रेशन, दूसरा एंटी- औक्सीडेंट और तीसरा फाइबर. हाइड्रेशन के लिए कम से कम आठ गिलास पानी पिएं. आप तरल खुराक के तौर पर जलजीरा, नीबू पानी आदि भी ले सकती हैं. खट्टे फल, हरी सब्जियों से आपको एंटीऔक्सीडेंट व फाइबर अच्छी मात्रा में मिल जाएंगे.

3. सही वक्त पर सही खाना है जरूरी

बादाम, अखरोट, पिस्ता आदि मेवों से दिन की शुरुआत कीजिए. डौ. भारती बताती हैं कि सुबह नाश्ते में सूखे मेवों को खाना रात के लंबे उपवास के बाद बौडी की अधिक ऊर्जा की मांग को पूरा करता है, साथ ही इनमें मौजूद अमीनो एसिड पाचन क्रिया को ठीक रखता है. दोपहर के भोजन के बाद की अपनी खुराक को हल्का रखें. रात के खाने में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जिनमें कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट दोनों ही कम हों.

4. डाइजेशन को रखें फिट

त्यौहार में अक्सर हम हैवी फूड खा लेते हैं, जो हमारी हेल्थ पर बुरा असर डालते हैं. इसीलिए हैवी फूड आपके पेट पर भारी न पड़े, इसलिए आप उन चीजों को अपनी खुराक में शामिल कीजिए, जो आपके डाइजेशन को तेज या फिर यूं कहें कि ठीक रखते हैं. डाइजेशन को ठीक रखने के लिए जिन चीजों में प्रचुर मात्रा में फाइबर और कम मात्रा में वसा होता है, वो हमारे डाइजेशन के लिए अच्छा रहता है. इसके लिए ओट्स, दही, नींबू पानी, पुदीना का पानी, ग्रीन टी, उबला आलू, कद्दू, पालक, फलियां, समूचे अनाज, मिल्क शेक आदि जैसी चीजें अच्छी रहेगी.

Raksha Bandhan: फैमिली के लिए बनाएं दाल कचौड़ी विद आलू भाजी

फेस्टिव सीजन में अगर आप अपनी फैमिली को टेस्टी रेसिपी ट्राय करवाना चाहती हैं तो दाल कचौड़ी विद आलू भाजी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. ये बनाने में आसान है, जिसके चलते आप फेस्टिव सीजन में मेहमानों की वाहवाही पा सकती हैं.

सामग्री कचौड़ी की

200 ग्राम मैदा

– 2 बड़े चम्मच घी मोयन के लिए

– आटा गूंधने के लिए पर्याप्त कुनकुना पानी

– कचौडि़यां तलने के लिए रिफाइंड औयल

– नमक स्वादानुसार.

सामग्री भरावन की

50 ग्राम धुली मूंग दाल

– 2 बड़े चम्मच बेसन

– 1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

– 1 छोटा चम्मच सौंफ पाउडर

– 1 छोटा चम्मच अमचूर पाउडर

– 2 छोटे चम्मच बारीक कटी अदरक व हरीमिर्च

– चुटकीभर हींग पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच जीरा पाउडर

– 2 बड़े चम्मच रिफाइंड औयल

– नमक स्वादानुसार.

सामग्री आलूभाजी की

– 250 ग्राम उबले व हाथ से फोड़े आलू

– चुटकी भर हींग पाउडर

– 1 छोटा चम्मच जीरा

– 1/2 कप फ्रैश टमाटर पिसे हुए

– 1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

– 1 छोटा चम्मच अदरक व हरीमिर्च पेस्ट

– 1/2 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

– 1 बड़ा चम्मच धनियापत्ती कटी

– 1 बड़ा चम्मच रिफाइंड औयल

– नमक स्वादानुसार.

विधि कचौड़ी बनाने की

मैदे में गरम घी का मोयन व नमक डाल कर गूंध लें. आधा घंटा ढक कर रख दें. धुली मूंग दाल धो कर 1 कप पानी में 5 मिनट उबालें. दाल गल जानी चाहिए पर फूटनी नहीं चाहिए. पानी निथार लें. एक नौनस्टिक पैन में तेल गरम कर के हींग पाउडर, अदरक व हरीमिर्च पेस्ट भूनें. फिर बेसन डाल कर 1 मिनट सौते करें. दाल व सभी मसाले डाल कर 3-4 मिनट तक मिक्सचर भून लें. भरावन तैयार है. मैदे की नीबू के आकार की लोइयां लें. थोड़ा थपथपा कर बड़ा करें. बीच में एक बड़ा चम्मच मिक्सचर भरें और बंद कर के हलका सा बेल दें ताकि कचौड़ी थोड़ी बड़ी हो जाएं. गरम तेल में धीमी आंच पर कचौड़ी बना लें. इन्हें 1-2 दिन पहले भी बना कर रखा जा सकता है. ओवन या एअरफ्रायर में गरम कर आलू की भाजी के साथ ब्रेकफास्ट में सर्व करें.

विधि आलू की भाजी की

एक प्रैशरपैन में तेल गरम कर के हींग व जीरे का तड़का लगाएं फिर टमाटर पेस्ट व अन्य सूखे मसाले डाल कर भूनें. जब मसाले भुन जाएं तब हाथ से फोड़े आलू डालें, साथ ही तरी के लिए 2 कप कुनकुना पानी भी डालें. 1 सीटी लगाएं या 5 मिनट खुले में पकाएं. धनिया पत्ती डाल कर सर्व करें.

Raksha Bandhan: मां की परछाई है मेरा छोटा भाई…

वैसे तो लोग अक्सर बड़ी बहन को मां की परछाई मानते हैं. लेकिन मेरे मामले में ऐसा नहीं है बल्कि मेरे साथ तो उल्टा ही हाल है क्योंकि मेरे लिए मेरा छोटा भाई ही मां की परछाई है. जो न सिर्फ मां की तरह मेरा  ख्याल रखता है बल्कि मुझसे जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात का ख्याल रखता है. मेरी पसंद, नापसंद और मुझसे जुड़ी हर चीज के बारे में उसे पता है.

बचपन से ही समझदार…

अगर बचपन की बात करूं तो वो कभी बिगड़ैल भाई नहीं रहा बल्कि छोटे से ही अपनी हर चीज को संभालना, मेरे साथ शेयर करना और मेरी केयर करना उसके नेचर का हिस्सा था. बचपन में हम ज्यादा वक्त साथ नहीं बिता पाए क्योंकि मेरे पापा के निधन के बाद उसे होस्टल भेज दिया गया था. उसके बाद हम दोनों अपनी पढ़ाई में बिजी हो गए और हमारा मिलना कभी-कभी ही होता था. उस दौर में स्मार्ट फोन्स इतने एक्टिव नहीं थे. छुट्टियों में भी जब वो घर आता तो मां या बड़ी बहनों के साथ ही ज्यादा समय बिताता. कभी-कभी मुझे लगता था कि अब हम शायद पहले की तरह क्लोज नहीं थे लेकिन मैं कितनी गलत थी इसका एहसास मुझे बाद में हुआ.

हर मुश्किल में किया सपोर्ट…

ग्रेजुएशन के बाद मैं पढ़ने के लिए बाहर जाना चाहती थी लेकिन किसी ने मेरा सपोर्ट नहीं किया क्योंकि उस वक्त हमारे यहां लड़कियों को बाहर भेजना सही नहीं माना जाता था. उस वक्त मेरा छोटा भाई ही था जिसने मुझे पूरा सपोर्ट किया और मुझ पर भरोसा किया. मेरे दाखिले के लिए वहीं सबसे पहले मेरे कौलेज गया था. वो दौर काफी मुश्किल था पढ़ाई और करियर की टेंशन, पैसों की तंगी और डर इस बात का कि कहीं मेरा फैसला गलत न साबित हो जाए. उस वक्त भी वो मेरा सपोर्ट सिस्टम था. जब मां भी मेरे साथ नहीं थी तब मेरे भाई ने मुझे सपोर्ट किया.

अपनी जिंदगी की हर बड़ी खुशी मैंने सबसे पहले अपने भाई के साथ बांटी. क्योंकि वो भाई दोस्त भी था. दूसरे भाइयों की तरह नहीं जो हर वक्त हुक्म चलाए और बहनों को मजदूर ही समझे. जौब लगने के कई सालों बाद तक मेरा फोन वहीं रिचार्ज कराता था. पहली जौब से लेकर अपने ब्वौयफ्रेंड (जो अब पति हैं) को घरवालों से मिलवाने तक सबसे पहला राजदार वही था और आज भी है. लड़कियां अक्सर अपनी मां और अपनी बहनों के करीब होती हैं लेकिन मेरे लिए तो मेरा छोटा भाई ही मेरा पहला दोस्त था और आज भी है.

इस रक्षा बंधन पर मैं बस यहीं चाहती हूं कि तू हमेशा खुश रहे और हमेशा इस तरह मेरा दोस्त बनकर मुझे सपोर्ट करे. हर बहन को तेरे जैसा केयरिंग और सपोर्टिंग भाई मिले. तुझे लाइफ की हर खुशी मिले. लव यू बेटा…

गोलू (धनपुरी, मध्यप्रदेश)

अनुपमा: ‘किंजल-समर’ से लेकर ‘बा-मामा जी’ तक, बेहद पॉपुलर है भाई-बहन की ये 5 जोड़ियां

स्टार प्लस के सीरियल ‘अनुपमा’ TRP चार्ट्स में धमाल मचा रहा है. वहीं सीरियल में रिश्तों में दिखने वाली बौंडिग के भी सभी कायल हैं. इसी बीच रक्षाबंधन के मौके पर हम आपको अनुपमा के सितारों की रियल और रील लाइफ बौंडिग की झलक दिखाएंगे, जिसके फैंस कायल हैं. आइए आपको दिखाते हैं सीरियल अनुपमा के पौपुलर भाई बहन की जोड़ी…

बा-मामा जी

 

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अनुपमा सीरियल में बा और मामाजी की भाई-बहन की जोड़ी काफी मजेदार है. दोनों हर कदम पर एक-दूसरे का साथ देते हैं और मजाक मस्ती की ये जोड़ी फैंस को काफी एंटरटेन भी करती है, जिसके कारण दर्शक इस जोड़ी को देखना पसंद करते हैं.

किंजल-समर

देवर और भाई की ये जोड़ी फैंस के बीच काफी पौपुलर है. अनुपमा में समर हर कदम पर किंजल का साथ देता है, जिसके कारण फैंस इस जोड़ी को देखना पसंद करते हैं. वहीं सोशलमीडिया पर भी रियल लाइफ में काफी अच्छे दोस्त हैं, जिसके चलते यह अपनी काफी फोटोज मस्ती करते हुए फैंस के साथ शेयर करते हैं.

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तोषू-समर-स्वीटी

तोषू और समर अपनी छोटी बहन स्वीटी यानी पाखी पर जान छिड़कते हैं. हां कभी-कभी तीनों की लड़ाई भी फैंस को देखने को मिलती हैं. लेकिन वह बाद में फिर एक साथ हो जाते हैं. भाई बहन की यह तिगड़ी साथ में अक्सर मस्ती करती हुई नजर आती है, जिसे फैंस काफी पसंद करते हैं.

वनराज- डॉली

 

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सीरियल अनुपमा में भाई-बहन की जोड़ी में नजर आ रहे वनराज और डौली की जोड़ी भी काफी पौपुलर है. सोशलमीडिया पर दोनों की फोटोज साथ में अक्सर वायरल होती है, जिसके चलते शो में भी इनकी जोड़ी काफी दर्शकों को पसंद आती है.

अनुपमा-डॉली के पति

 

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सीरियल में अनुपमा की जिंदगी में कई परेशानियां आती हैं. हालांकि डौली के पति एक भाई की तरह उनका हर कदम पर साथ देते हैं, जिसके चलते फैंस इस जोड़ी को देखना पसंद करते हैं. हालांकि कुछ दिनों से दोनों की जोड़ी को काफी मिस कर रहे हैं. लेकिन जल्द ये जोड़ी फैंस को देखने को मिलेगी.

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Top 10 Best Raksha Bandhan Story in Hindi: टॉप 10 बेस्ट रक्षा बंधन कहानियां हिंदी में

Raksha Bandhan Stories in Hindi: इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं गृहशोभा की 10 Raksha Bandhan Stories in Hindi 2021. इन कहानियों में भाई-बहन के प्यार और रिश्तों से जुड़ी 10 दिलचस्प कहानियां हैं जो आपके दिल को छू लेगी और जिससे आपको रिश्तों का नया मतलब जानने को मिलेगा. इन Raksha Bandhan Stories से आप कई अहम बाते भी जान सकते हैं कि आखिर भाई-बहन के प्यार की जिंदगी में क्या अहमियत है और क्या होता है जब किसी की जिंदगी में ये प्यार नही होता. तो अगर आपको भी है संजीदा कहानियां पढ़ने का शौक तो यहां पढ़िए गृहशोभा की Raksha Bandhan Stories in Hindi.

1. समय चक्र- अकेलेपन की पीड़ा क्यों झेल रहे थे बिल्लू भैया?

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शिमला अब केवल 5 किलोमीटर दूर था…य-पि पहाड़ी घुमाव- दार रास्ते की चढ़ाई पर बस की गति बेहद धीमी हो गई थी…फिर भी मेरा मन कल्पनाओं की उड़ान भरता जाने कितना आगे उड़ा जा रहा था. कैसे लगते होंगे बिल्लू भैया? जो घर हमेशा रिश्तेदारों से भरा रहता था…उस में अब केवल 2 लोग रहते हैं…अब वह कितना सूना व वीरान लगता होगा, इस की कल्पना करना भी मेरे लिए बेहद पीड़ादायक था. अब लग रहा था कि क्यों यहां आई और जब घर को देखूंगी तो कैसे सह पाऊंगी? जैसे इतने वर्ष कटे, कुछ और कट जाते.

कभी सोचा भी न था कि ‘अपने घर’ और ‘अपनों’ से इतने वर्षों बाद मिलना होगा. ऐसा नहीं था कि घर की याद नहीं आती थी, कैसे न आती? बचपन की यादों से अपना दामन कौन छुड़ा पाया है? परंतु परिस्थितियां ही तो हैं, जो ऐसा करने पर मजबूर करती हैं कि हम उस बेहतरीन समय को भुलाने में ही सुकून महसूस करते हैं. अगर बिल्लू भैया का पत्र न आया होता तो मैं शायद ही कभी शिमला आने के लिए अपने कदम बढ़ाती.

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2. चमत्कार- क्या बड़ा भाई रतन करवा पाया मोहिनी की शादी?

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‘‘मोहिनी दीदी पधार रही हैं,’’ रतन, जो दूसरी मंजिल की बालकनी में मोहिनी के लिए पलकपांवडे़ बिछाए बैठा था, एकाएक नाटकीय स्वर में चीखा और एकसाथ 3-3 सीढि़यां कूदता हुआ सीधा सड़क पर आ गया.

उस के ऐलान के साथ ही सुबह से इंतजार कर रहे घर और आसपड़ोस के लोग रमन के यहां जमा होने लगे.

‘‘एक बार अपनी आंखों से बिटिया को देख लें तो चैन आ जाए,’’ श्यामा दादी ने सिर का पल्ला संवारा और इधरउधर देखते हुए अपनी बहू सपना को पुकारा.

‘‘क्या है, अम्मां?’’ मोहिनी की मां सपना लपक कर आई थीं.

‘‘होना क्या है आंटी, दादी को सिर के पल्ले की चिंता है. क्या मजाल जो अपने स्थान से जरा सा भी खिसक जाए,’’ आपस में बतियाती खिलखिलाती मोहिनी की सहेलियों, ऋचा और रीमा ने व्यंग्य किया था.

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3. भैया- 4 बहनों को मिला जब 1 भाई

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कीर्ति ने निशा का चेहरा उतरा हुआ देखा और समझ गई कि अब फिर निशा कुछ दिनों तक यों ही गुमसुम रहने वाली है. ऐसा अकसर होता है. कीर्ति और निशा दोनों का मैडिकल कालेज में दाखिला एक ही दिन हुआ था और संयोग से होस्टल में भी दोनों को एक ही कमरा मिला. धीरेधीरे दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई.

कीर्ति बरेली से आई थी और निशा गोरखपुर से. कीर्ति के पिता बैंक में अधिकारी थे और निशा के पिता महाविद्यालय में प्राचार्य.

गंभीर स्वभाव की कीर्ति को निशा का हंसमुख और सब की मदद करने वाला स्वभाव बहुत अच्छा लगा था. लेकिन कीर्ति को निशा की एक ही बात समझ में नहीं आती थी कि कभीकभी वह एकदम ही उदास हो जाती और 2-3 दिन तक किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी.

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4. तोबा मेरी तोबा- अंजली के भाई के साथ क्या हुआ?

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मेरे सिगरेट छोड़ देने से सभी हैरान थे. जिस पर डांटफटकार और समझानेबुझाने का भी कोई असर नहीं हुआ वह अचानक कैसे सुधर गया? जब मेरे दोस्त इस की वजह पूछते तो मैं बड़ी भोली सूरत बना कर कहता, ‘‘सिगरेट पीना सेहत के लिए हानिकारक है, इसलिए छोड़ दी. तुम लोग भी मेरी बात मानो और बाज आओ इस गंदी आदत से.’’

मुझे पता है, मेरे फ्रैंड्स  मुझ पर हंसते होंगे और यही कहते होंगे, ‘नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली. बड़ा आया हमें उपदेश देने वाला.’ मेरे मम्मीडैडी मेरे इस फैसले से बहुत खुश थे लेकिन आपस में वे भी यही कहते होंगे कि इस गधे को यह अक्ल पहले क्यों नहीं आई? अब मैं उन से क्या कहूं? यह अक्ल मुझे जिंदगी भर न आती अगर उस रोज मेरे साथ वह हादसा न हुआ होता.

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5. रेतीला सच- शिखा की बिदाई के बाद क्या था अनंत का हाल

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‘तुम्हें वह पसंद तो है न?’’ मैं  ने पूछा तो मेरे भाई अनंत  के चेहरे पर लजीली सी मुसकान तैर गई. मैं ने देखा उस की आंखों में सपने उमड़ रहे थे. कौन कहता है कि सपने उम्र के मुहताज होते हैं. दिनरात सतरंगी बादलों पर पैर रख कर तैरते किसी किशोर की आंखों की सी उस की आंखें कहीं किसी और ही दुनिया की सैर कर रही थीं. मैं ने सुकून महसूस किया, क्योंकि शिखा के जाने के बाद पहली बार अनंत को इस तरह मुसकराते हुए देख रही थी.

शिखा अनंत की पत्नी थी. दोनों की प्यारी सी गृहस्थी आराम से चल रही थी कि एक दर्दनाक एहसास दे कर यह साथ छूट गया. शिखा 5 साल पहले अनंत पर उदासी का ऐसा साया छोड़ गई कि उस के बाद से अनंत मानो मुसकराना ही भूल गया.

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6. मेरे भैया- अंतिम खत में क्या लिखा था खास

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सावनका महीना था. दोपहर के 3 बजे थे. रिमझिम शुरू होने से मौसम सुहावना पर बाजार सुनसान हो गया था. साइबर कैफे में काम करने वाले तीनों युवक चाय की चुसकियां लेते हुए इधरउधर की बातों में वक्त गुजार रहे थे. अंदर 1-2 कैबिनों में बच्चे वीडियो गेम खेलने में व्यस्त थे. 1-2 किशोर दोपहर की वीरानगी का लाभ उठा कर मनपसंद साइट खोल कर बैठे थे.  तभी वहां एक महिला ने प्रवेश किया. युवक महिला को देख कर चौंके, क्योंकि शायद बहुत दिनों बाद एक महिला और वह भी दोपहर के समय, उन के कैफे पर आई थी. वे व्यस्त होने का नाटक करने लगे और तितरबितर हो गए.

महिला किसी संभ्रांत घराने की लग रही थी. चालढाल व वेशभूषा से पढ़ीलिखी भी दिख रही थी. छाता एक तरफ रख कर उस ने अपने बालों को जो वर्षा की बूंदों व तेज हवा से बिखर गए थे, कुछ ठीक किए. फिर काउंटर पर बैठे लड़के से बोली, ‘‘मुझे एक संदेश टाइप करवाना है. मैं खुद कर लेती पर हिंदी टाइपिंग नहीं आती है.’’

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7. तृप्त मन- राजन ने कैसे बचाया बहन का घर

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पिछले दिनों से थकेहारे घर के सभी सदस्य जैसे घोड़े बेच कर सो रहे थे. राशी की शादी में डौली ने भी खूब इंज्वाय किया लेकिन राजन की पत्नी बन कर नहीं बल्कि उस की मित्र बन कर.

अमेरिका में स्थायी रूप से रह रहे राजन के ताऊ धर्म प्रकाश को जब खबर मिली कि उन के भतीजे राजन ने आई.टी. परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है तो उन्होंने फौरन फोन से अपने छोटे भाई चंद्र प्रकाश को कहा कि वह राजन को अमेरिका भेज दे…यहां प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण के बाद नौकरी का बहुत अच्छा स्कोप है.

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8. राखी का उपहार

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इस समय रात के 12 बज रहे हैं. सारा घर सो रहा है पर मेरी आंखों से नींद गायब है. जब मुझे नींद नहीं आई, तब मैं उठ कर बाहर आ गया. अंदर की उमस से बाहर चलती बयार बेहतर लगी, तो मैं बरामदे में रखी आरामकुरसी पर बैठ गया. वहां जब मैं ने आंखें मूंद लीं तो मेरे मन के घोड़े बेलगाम दौड़ने लगे. सच ही तो कह रही थी नेहा, आखिर मुझे अपनी व्यस्त जिंदगी में इतनी फुरसत ही कहां है कि मैं अपनी पत्नी स्वाति की तरफ देख सकूं.

‘‘भैया, मशीन बन कर रह गए हैं आप. घर को भी आप ने एक कारखाने में तबदील कर दिया है,’’ आज सुबह चाय देते वक्त मेरी बहन नेहा मुझ से उलझ पड़ी थी. ‘‘तू इन बेकार की बातों में मत उलझ. अमेरिका से 5 साल बाद लौटी है तू. घूम, मौजमस्ती कर. और सुन, मेरी गाड़ी ले जा. और हां, रक्षाबंधन पर जो भी तुझे चाहिए, प्लीज वह भी खरीद लेना और मुझ से पैसे ले लेना.’’

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9. स्लीपिंग पार्टनर- मनु की नजरों में अनुपम भैया

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मनु को एक दिन पत्र मिलता है जिसे देख कर वह चौंक जाती है कि उस की भाभी यानी अनुपम भैया की पत्नी नहीं रहीं. वह भैया, जो उसे बचपन में ‘डोर कीपर’ कह कर चिढ़ाया करते थे.

पत्र पढ़ते ही मनु अतीत के गलियारे में भटकती हुई पुराने घर में जा पहुंचती है, जहां उस का बचपन बीता था, लेकिन पति दिवाकर की आवाज सुन कर वह वर्तमान में लौट आती है. वह अनुपम भैया के पत्र के बारे में दिवाकर को बताती है और फिर अतीत में खो जाती है कि उस की मौसी अपनी बेटी की शादी के लिए कुछ दिन सपरिवार रहने आ रही हैं. और सारा इंतजाम उन्हें करने को कहती हैं.

आखिर वह दिन भी आ जाता है जब मौसी आ जाती हैं. घर में आते ही वह पूरे घर का निरीक्षण करना शुरू कर देती हैं और पूरे घर की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले लेती हैं. पूरे घर में उन का हुक्म चलता है.

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10. मत बरसो इंदर राजाजी

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भाई की चिट्ठी हाथ में लिए ऋतु उधेड़बुन में खड़ी थी. बड़ी  प्यारी सी चिट्ठी थी और आग्रह भी इतना मधुर, ‘इस बार रक्षाबंधन इकट्ठे हो कर मनाएंगे, तुम अवश्य पहुंच जाना…’

उस की शादी के 20 वर्षों  आज तक उस के 3 भाइयों में से किसी ने भी कभी उस से ऐसा आग्रह नहीं किया था और वह तरसतरस कर रह गई थी.  उस की ससुराल में लड़कियों के यहां आनाजाना, तीजत्योहारों का लेनादेना अभी तक कायम था. वह भी अपनी इकलौती ननद को बुलाया करती थी. उस की ननद तो थी ही इतनी प्यारी और उस की सास कितनी स्नेहशील.  जब भी ऋतु ने मायके में अपनी ससुराल की तारीफ की तो उस की मंझली भाभी उषा, जो मानसिक रूप से अस्वस्थ रहती थीं, कहने लगीं, ‘‘जीजी, ससुराल में आप की इसलिए निभ गई क्योंकि आप की सासननद अच्छी हैं, हमारी तो सासननदें बहुत ही तेज हैं.’’

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Raksha Bandhan 2021: एक अटूट बंधन है राखी

हर रिश्ते का कोई ना कोई नाम होता है, ठीक उसी प्रकार एक पावन रिश्ता भी होता है एक औरत और आदमी के बीच. वो रिश्ता सब से पवित्र और अनूठा होता है, जिसे हम भाई बहन का रिश्ता कहते है. यह रिश्ता हर रिश्ते से मीठा होता है ,और सच्चा होता है, यह रिश्ता केवल धागे से बंधी डौर पर ही निर्भर नही करता, उस डौर में छुपा होता है एक अटूट विश्वास और स्नेह. यह रिश्ता भले ही कच्चे  धागे से बंधा हो लेकिन इसकी मिठास दोनों के दिलो में पक्के विश्वास से बंधी होती है. जो हर रिश्ते से मजबूत डौर होती है. यही प्यार रक्षाबंधन के दिन भाई को अपनी बहन के पास खीच लाता है. राखी के अटूट बंधन पर प्रकाश डाल रहे है –

सभी त्यौहार में रक्षाबंधन एक अनूठा त्यौहार है. यह केवल त्यौहार ही नही बल्कि हमारी परम्पराओ का प्रतीक है, जो आज भी हमें अपने देश,, परिवार व संस्कृति से जोड़े रखे हुए है. चाहे भाई विदेश में हो या बहन लेकिन वह राखी के इस त्यौहार पर एक दुसरे को याद जरुर करते है. बहन  राखी भी भेजना नही भूलती. यही सब त्यौहार आज भी हमें अपने देश की मिटी से जोड़े हुए है.

रक्षाबंधन बहन की प्रतिबद्धता का दिन है, जिस दिन भाई अपनी बहन को हर मुसीबत से बचाने का  वचन देता है. उसका साथ निभाने का और उसका ख्याल रखने का वचन देता है. साल भर बहन   अपने भाई से मिलने के लिए इस दिन की रहा तकती है, क्योंकि जब बहन की शादी हो  जाती है या भाई कही दूर रहता है तो उनके मिलन का दिन यही होता है. इस दिन वो सब काम छोड़ कर एक दुसरे  से मिलते है, और बहन  भाई की कलाई पर राखी बांध कर अपने रिश्ते को और भी मजबूत  बनती है और भाई सदा उसका साथ निभाने का वादा करता है.

कब और कैसे मनाते है राखी का त्यौहार

यह त्यौहार श्रवण मास की पूर्णिमा (जुलाई -अगस्त ) को मनाया जाता है. इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बंधती है और उसके माथे पर रोली का तिलक लगाती  है और उसे मीठा खिलाती है तथा सदैव  उसकी दीर्घ आयु की कामना करती है व विजयी होने  की कामना करती है. भाई अपनी लाडली बहन को कोई ना कोई तोहफा या पैसे देता है ,लेकिन असल तोहफा  उसका वह  वचन ही होता है कि वह हर प्रकार के अहित से उसकी रक्षा करेगा और अपनी बहन का सदैव ख्याल रखेगा और हर दु:ख सुख मे उसका साथ निभाएगा.

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गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर ने 1905 में शान्तिनिकेतन रक्षाबंधन की शुरुआत की थी.  और यह परम्परा आज भी शांति निकेतन  मे चल रही है, लेकिन वहा भाई बहन के बीच राखी नही बल्कि मित्रो के बीच यह त्यौहार मनाया जाता है. ताकि उनके बीच मधुर सम्बन्ध  बने रहे.

बदलता ट्रेंड

इस साल यह त्यौहार 03 अगस्त को मनाया जायेगा. हर साल दुकानों पर नये नये डिजाईन की राखी आती है, जो सभी बहनो को खूब लुभाती है.  सभी बहन चाहती है कि वो अपने भाई को ऐसी राखी बांधे जो सब से सुन्दर हो और मजबूत हो जो पुरे साल उसके भाई की कलाई पर सजी रहे. बाज़ार मे रेशम के धागे से लेकर सोने चांदी की राखी उपलब्ध है और अब तो हीरे   की राखी भी बजारों मे मिल रही है. वैसे देखा जाये तो असल राखी कलावे की होती है. लेकिन आज-कल नई  चीजो का दौर  है, तो त्यौहार को ही क्यों ना नये जमाने के चार चाँद लगाएं.  पहले बहन   मिठाई का डब्बा दिया करती थी, लेकिन अब वो  अपने भाई को चाकलेट, अप्पी, फ्रूटी ,बिस्कुट के पक्केट भी देने लगी है क्योंकि आज कल के लोगो को स्नैक्स  जैसी चीजे अधिक पसंद होती है, इसलिए वो भी चाहते  है की जो उनके भाई को पसंद हो और यही नया ट्रेंड बनता जा रहा है.

मुहबोली बहन अथवा भाई बनाने का फैशन ही भाई बहन के पवित्रता से बने  रिश्ते को संदेहस्पद  बनाता है. बहनों और भाइयों दोनों को रिश्तों कि नाजुकता को ध्यान मे रखना चाहिये, नये पीढ़ी अभी इन बातों से वंचित है कि भावनओं का अनादर एवं विश्वास के साथ घात अशोभनीय है.

इतिहास के पन्नो में 

रक्षा बंधन का जिक्र इतिहास की कहानियों में भी मिलता है महाभारत में द्रौपदी ने श्री क्रषण के हाथ में अपनी साड़ी का किनारा फाड़ कर बांधा था. जब श्री कृष्ण ने खुद को घायल कर लिया था और उनके हाथों से खून बहने लगा था. तब द्रौपदी ने ही अपना पल्ला फाड़ कर बांधा इसी प्रकार उन दोनों के बीच भाई- बहन का रिश्ता विकसित  हुआ. श्री कृष्ण  ने उसकी रक्षा करने का वचन दिया था. इस त्यौहार को विश्वास की डौर ने परस्पर आज भी बांधा हुआ है. रक्षा का अर्थ होता है- बचाव करना.

हुमायूँ के समय  मे चित्तोड़  की रानी कर्मावती ने दिल्ली   के मुग़ल बादशाह हुमांयू को राखी भेज कर भाई बनाया था. उस समय चित्तोड़ पर गुजरात के राजा ने आक्रमण किया था. तब कर्मावती ने हुमांयू को राखी भेज कर मद्दद की गुजारिस की थी.  इस राखी से भावुक हुआ हुमायूँ फ़ौरन रानी की मदद के लिये पहुचा और राखी की इज्ज़त  और सम्मान के लिये गुजरात के बादशाह से युद्ध किया.

पुरु बने ग्रीक की रानी के भाई

300 बीसी में अलेक्ज़ेन्डर की पत्नी ने भारत में राखी के महत्व को जानकर पुरु को अपना भाई बनाया था. जो की पश्चिमी  भारत के एक महान युधा  थे. उन्हे राखी बांधी और अलेक्ज़ेन्डर पर हमला ना करने की गुजारिश की. पुरु ने भी ग्रीक की रानी को बहन मानते हुए उनके सुहाग की रक्षा की और उनकी राखी का सम्मान किया.

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राजपूतों का इतिहास

कहा जाता है कि जब राजपूत युद्ध के लिए निकलते थे, तो पहले औरते उनके माथे पर तिलक और हाथों  मे कलाई पर रक्षा का धागा बंधती थी.   यह धागा जीत का शुभ चिन्ह माना जाता था. कई बार राजपूत और मराठी रानियों ने मुस्लिम राजाओं को अपना भाई बनाया था, जिससे वो उनके पति के खिलाफ युद्ध  करने से रुक जाएँ. वो उस  धागे को  भेज कर राजाओं से भाई बनने की पेशकश करती थी  और उन्होने अपने सुहाग की रक्षा की गुहार लगाई.

भाई बहन का लगाव व स्नेह  ताउम्र बरकरार रहता है, क्योंकि बहन कभी बाल सखा तो कभी माँ तो कभी पथ प्रदर्शक बन भाई को सिखाती है. हमेशा उसकी विपत्ति मे, उसको हर मुश्किल का सामना करना सिखाती है, उसे जिन्दगी मे आगे बढऩा सिखाती है.  इस उत्सव का मुख्य उदेश्य  परिवारों को जोडऩा है हमेशा रिश्ते बनाये रखना है.

Raksha Bandhan Special: ईवनिंग स्नैक्स में बनाएं सत्तू चीज बॉल्स

आजकल के दिन बड़े होते हैं, दोपहर का भोजन किये भी 3-4 घण्टे हो जाते हैं ऐसे में शाम को भूख लगना स्वाभाविक सी बात है. हर दिन तला भुना खाना भी सेहतमंद नहीं होता तो क्यों न कुछ ऐसा बनाया जाए कि वह सेहतमंद भी हो और सबको पसन्द भी आये. आज हम आपको ऐसे ही एक स्नैक के बारे में बता रहे हैं जिसे हमने सत्तू से बनाया है. सत्तू भुने चने और भुने गेहूं व जौ से बना खाद्य पदार्थ है जो बहुत सेहतमंद और लो कैलोरी वाला होता है. यह बिहार, उड़ीसा और उत्तरप्रदेश में बहुत प्रयोग किया जाता है चूंकि इसमें नाममात्र की कैलोरी होती है इसलिए यह वजन को संतुलित रखने में भी कारगर है. तो आइये देखते हैं कि इसे कैसे बनाते हैं-

कितने लोंगों के लिए           6

 बनने में लगने वाला समय    30मिनट

मील टाइप                          वेज

सामग्री

सत्तू का आटा                  1 कप

बारीक कटा प्याज             1

कटी हरी मिर्च                   4

मोटी किसी गाजर              1

बारीक कटी शिमला मिर्च     1

किसा अदरक                      1 इंच

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नमक                             स्वादानुसार

जीरा                                 1/4 टीस्पून

हल्दी पाउडर                       1/4 टीस्पून

लाल मिर्च पाउडर                 1/2 टीस्पून

गरम मसाला                        1/4 टीस्पून

अमचूर पाउडर                     1/2 टीस्पून

कटा हरा धनिया                   2 टेबलस्पून

चीज क्यूब्स                         3

ब्रेड क्रम्ब्स                           1/2 कप

कॉर्नफ्लोर                           2 टेबलस्पून

तलने के लिए तेल पर्याप्त मात्रा में

विधि

सत्तू को एक बाउल में डालकर सभी मसाले व सब्जियां डाल दें. इन्हें हाथ से अच्छी तरह मिलाएं. अब पानी की सहायता से इसे रोटी के आटे जैसा गूंध लें. चीज को किसकर 6 छोटे छोटे बॉल्स बना लें. अब तैयार सत्तू के मिश्रण में से 1 टेबलस्पून मिश्रण लेकर हथेली पर फैलाएं.बीच में चीज की बॉल रखकर चारों तरफ से दबाकर गोल कर लें. इसी तरह सारे बॉल्स तैयार करें. अब कॉर्नफ्लोर को 1 टेबलस्पून पानी में घोल लें. तैयार बॉल्स को कॉर्नफ्लोर में डुबोकर ब्रेड क्रम्ब्स में लपेट लें. गरम तेल में डालकर सुनहरा होने तक तलकर बटर पेपर पर निकालें. गर्मागर्म बॉल्स को टोमेटो सॉस या हरे धनिये की चटनी के साथ सर्व करें.

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चुने नौन कोमेडोगेनिक प्रोडक्ट

अकसर औयली स्किन वालों को ही पोर्स के क्लोग होने की दिक्कत होती है और जब पोर्स क्लोग होते हैं तो वे बड़े होने के साथ ज्यादा नजर आने लगते हैं. ऐसे में आप अपने चेहरे पर जो भी ब्यूटी प्रोडक्ट अप्लाई करें, देखें कि वह नौनकोमेडोगेनिक व औयल फ्री हो यानी वह प्रोडक्ट पोर्स को क्लोग नहीं करता हो.

स्किन पर किसी भी तरह का कोई भी दागधब्बा किसी को भी पसंद नहीं होता है. लेकिन दागधब्बे तो दूर स्किन पर जब बड़ेबड़े ओपन पोर्स दिखाई देने लगते हैं तो स्किन का अट्रैक्शन कम होने के साथ ही वह भद्दी ही दिखने लगती है. साथ ही और ढेरों स्किन प्रौब्लम्स जैसे ऐक्ने, ब्लैकहेड्स जैसी समस्याएं भी पैदा होने लगती हैं.

वैसे तो इस समस्या से निबटने के लिए मार्केट में ढेरों सौलूशंस उपलब्ध हैं, लेकिन हम आप की स्किन को कैमिकल्स से दूर रख कर आप को कुछ ऐसी होममेड रेमेडीज के बारे में बताएंगे, जो उपलब्ध होने में आसान होने के साथ ही आप की स्किन को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी.

आइए, इस संबंध में जानते हैं कौस्मैटोलौजिस्ट पूजा नागदेव से:

आइस क्यूब (Ice Cube)

क्या आप जानते हैं कि बर्फ में स्किन टाइटनिंग प्रौपर्टीज होती हैं, जो बड़े पोर्स को छोटा करने व ऐक्सैस औयल को कम करने का काम करती है, साथ ही यह फेशियल ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव कर के स्किन की हैल्थ को भी इंप्रूव करने का काम करती है, इसे अप्लाई करने के कुछ देर बाद ही स्किन स्मूद व सौफ्ट नजर आने लगती है. इस के लिए आप एक साफ कपड़े में बर्फ को ले कर उस से कुछ देर चेहरे की अच्छे से मसाज करें या फिर बर्फ के ठंडे पानी से स्किन को वाश कर सकती हैं. ऐसा आप एक महीने तक रोजाना कुछ सैकंड तक करें, फर्क आप को खुद दिखाई देने लगेगा.

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ऐप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar)

ऐप्पल साइडर विनेगर में ऐंटीइनफ्लैमेटरी व ऐंटीबैक्टीरियल प्रोपर्टीज होने के कारण यह ऐक्ने के ट्रीट करने के साथ स्किन के पीएच लैवल को भी बैलेंस में रखता है. साथ ही बड़े पोर्स को छोटा कर के स्किन टाइटनिंग का भी काम करता है.

इस के लिए आप एक बाउल में 1 छोटा चम्मच ऐप्पल साइडर विनेगर ले कर उस में 2 छोटे चम्मच पानी मिलाएं. फिर रुई की मदद से तैयार मिक्स्चर को फेस पर अप्लाई कर के 5-10 मिनट के लिए छोड़ दें. फिर फेस को धो कर उस पर मौइस्चराइजर अप्लाई कर लें. ऐसा आप कुछ महीनों तक हफ्ते में 2-3 बार करें. इस से बड़े पोर्स श्रिंक होने लगेंगे और आप का खोया अट्रैक्शन फिर लौटने लगेगा.

शुगर स्क्रब (Sugar Scrub)

वैसे तो आप ने यही सुना होगा कि अगर आप के चेहरे पर बड़ेबड़े पोर्स हैं तो आप को स्क्रबिंग को अवौइड ही करना चाहिए. लेकिन आप को बता दें कि हफ्ते में एक बार स्क्रबिंग हर किसी के लिए जरूरी है क्योंकि इस से स्किन में जमी हुई गंदगी व जर्म्स निकल जाते हैं.

अगर बात करें शुगर स्क्रब की तो यह स्किन को बहुत ही अच्छे तरीके से ऐक्सफौलिएट कर पोर्स से अतिरिक्त औयल व गंदगी को रिमूव करने का काम करता है. यह स्किन के पोर्स को भी कुछ ही हफ्तों में छोटा करने में मदद करता है. इस के लिए आप नीबू के छोटे टुकड़े पर शुगर लगाएं.

फिर इसे हलके हाथों से चेहरे पर रब करते हुए जूस व शुगर क्रिस्टल्स को चेहरे पर 15 मिनट के लिए लगा छोड़ दें, फिर धो लें. महीने भर में आप को स्किन में सुधार नजर आने लगेगा.

बेकिंग सोडा (Baking Soda)

बेकिंग सोडा में स्किन के पीएच लैवल को बैलेंस में रखने की क्षमता होती है. इस में ऐंटीइनफ्लैमेटरी व ऐंटीबैक्टीरियल प्रौपर्टीज होने के कारण यह ऐक्ने और पिंपल्स को ट्रीट करने का काम करता है. इस के लिए बस आप को  2 बड़े चम्मच बेकिंग सोडे में 2 बड़े चम्मच पानी मिला

कर इस मिक्स्चर से चेहरे की सर्कुलर मोशन में मसाज करें.

फिर इसे चेहरे पर 5 मिनट के लिए लगा छोड़ दें और फिर ठंडे पानी से चेहरे को क्लीन कर लें.

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टोमैटो स्क्रब (Tomato Scrub)

टमाटर में ऐस्ट्रिंजेंट प्रौपर्टीज होने के कारण यह स्किन के अतिरिक्त औयल को कम करने के साथसाथ स्किन को टाइट कर बड़े पोर्स को श्रिंक करने का काम करता है, साथ ही टमाटर में बड़ी मात्रा में ऐंटीऔक्सीडैंट्स होने के कारण यह ऐजिंग प्रोसैस को भी धीमा करता है. इस के लिए आप 1 चम्मच टमाटर के रस में 3-4 बूंदें नीबू के रस की डाल कर इस पेस्ट को चेहरे पर 20 मिनट तक अप्लाई करें, फिर ठंडे पानी से धो लें.

आप को एक ही यूज के बाद अपने चेहरे पर ग्लो नजर आने लगेगा और बड़े पोर्स की प्रौब्लम भी

1-2 महीनों में ठीक हो जाएगी. लेकिन इस के लिए आप को इस पैक को हफ्ते में

3 बार जरूर अप्लाई करना होगा.

Raksha Bandhan Special: मेकअप से ऐसे पायें नेचुरल निखार

आज के समय में हर लड़की नेचुरली खूबसूरत दिखना चाहती है. जिसका सबसे बेस्ट तरीका है न्यूड मेकअप. आज के ब्यूटी ट्रेंड की बात करे तो न्यूड मेकअप लुक को ज्यादा पसंद किया जा रहा है. टीनेजर्स से लेकर ब्राइड तक इस लुक को बखूबी पसंद कर रही हैं.

न्यूड मेकअप लुक में आपका चेहरा बहुत नैचुरल और ग्लोइंग दिखता है. इस लुक की खास बात है दिन हो या रात आप इस न्यूड मेकअप लुक को कभी-भी कैरी कर सकती हैं.

न्यूड मेकअप लुक आपको न सिर्फ नेचुरल ब्यूटीफुल बल्कि यंग लुक भी देता है. अगर आप भी न्यूड मेकअप लुक चाहती हैं, तो आजमाएं ये कुछ खास टिप्स.

सेलिब्रिटी हो या कौलेज गर्ल न्यूड मेकअप लुक हर लड़की की डिमांड बन चुका है. न्यूड मेकअप आपकी स्किन को इवन टोन और एट्रेक्टिव लुक देता है. बस जब भी आप ये मेकअप ट्रिक अपनाएं अपनी स्किन टोन का खास ध्यान में रखें.

1. फेस मेकअप                               

न्यूड मेकअप के लिए बेस हमेशा लाइट यूज किया जाता है. ध्यान रखे बेस जितना न्यूट्रल रहेगा आप उतनी ही खूबसूरत दिखेंगी. बेस लगाने से पहले चेहरे पर मौइस्चराइजर लगाना न भूले. स्किन को ज्यादा सौफ्ट और ग्लोइंग बनाने के लिए आप बेस में फेस सीरम को मिला कर लगा सकती हैं. ज्यादातर लोग नेक कवर करना भूल जाते हैं, इससे उनका मेकअप बहुत भद्दा लगने लगता है, इसलिए फाउंडेशन लगाते वक्त गले पर भी फाउंडेशन लगाएं.

2. न्यूड आई मेकअप

चेहरे की आधी खूबसूरती आंखों में छुपी होती है, अगर आंखे खूबसूरत हों तो चेहरा अपने आप खूबसूरत लगने लगता है. न्यूड मेकअप में सबसे जरूरी है की आंखे नेचुरल रूप से खूबसूरत दिखें. आई मेकअप के लिए हमेशा ऐसे आइशेडो को चुनें जो आपकी स्किन से मिलता हो और एक बेहतरीन न्यूड लुक दे. न्यूड लुक के लिए आप हलका औरेंज, पीच, चौको, ब्राउन शैड के आईशेडो इस्तेमाल कर सकती हैं.

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3. लाइनर और मसकारा

आंखो को और आकर्षित बनाने के लिए आप लाइनर और मसकारा का इस्तेमाल करना न भूले. आईशेडो के बाद आंखो पर लाइनर लगाएं. ध्यान रखें लाइनर न ज्यादा मोटा हो न ज्यादा पतला. पलकों को खूबसूरत दिखाने के लिए डार्क कलर का मसकारा लगाएं और उन्हें कर्ल कर लें. इससे आपकी पलकें नेचुरल खूबसूरत दिखेंगी.

4. नेचुरल-न्यूड ब्लश

ब्लशर लगाना हर लड़कियों को पसंद होता है. नेचुरल-न्यूड शैड के लिए आप पिंक, पीच, ब्राउन ब्लश यूज कर सकती हैं. ब्लश यूज करते वक्त अपने होंठों के रंग का जरूर ध्यान दें. ब्लश जब भी लगाएं ऊपर से नीचे की ओर लगाएं. ब्लश लगाते समय ध्यान रखें ब्लश मौइस्चराइजर समान लगा हो.

5. हाईलाइटर का यूज

हाईलाइटर न्यूड लुक को और भी अट्रेक्टिव बना देता है. आपने गालों को नेचुरली हाइलाइट करने के लिए अपने स्किन टोन से मैच हाईलाइटर का इस्तेमाल करें ध्यान रखें हाइलाईटर जरूरत से ज्यादा न लगाएं.

6. न्यूड लिप कलर

न्यूड लुक में सबसे ज्यादा ध्यान लिप कलर पर दिया जाता है. अगर आपने पूरा मेकअप लाइट और न्यूड किया है, लेकिन आपकी लिपस्टिक डार्क शैड की हैं, तो यकीन मानिये आपका मेकअप परफेक्ट नहीं लगेगा. न्यूड लिपशैड के लिए आप पीच शैड, पीच प्लेजर, राइट रेड ब्राउन बेब, बेबी पिंक, बोल्ड औरेंज, प्रीटी पिंक को यूज कर सकती हैं.

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