शादी की पहली सालगिरह पर दीपिका-रणवीर ने किया कुछ ऐसा, फैन्स ने की तारीफ

दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह बौलीवुड की बेस्ट जोड़ी में से एक हैं. आज यानी कि 14 नवंबर को दोनों की पहली शादी की सालगिरह है. आम तौर पर ज्यादातर सेलेब्स इस स्पेशल डे पर पार्टी करते हैं, कहीं घूमने जाते हैं, लेकिन इस जोड़ी ने ऐसा न करके एक टेंपल में जाना सही समझा. दोनों वेंकटेश्वर पहुंचे थे जहां से उनकी फोटोज और वीडियोज सामने आए हैं. दोनों इस दौरान न्यूली वेड कपल की तरह लग रहे हैं. दीपिका ने इस दौरान रेड कलर की साड़ी के साथ हैवी ज्वैलरी पहनी हुई है. इसके साथ ही दीपिका ने मांग में सिंदूर लगा रखा है. दीपिका काफी खूबसूरत लग रही हैं.

ट्रेडिशनल लुक में नजर आए दोनों…

वहीं रणवीर ने इस दौरान औफ़ व्हाइट कलर का कुर्ता पजामा के साथ रेड कलर की चुन्नी कैरी की हुई है. दोनों की जोड़ी हमेशा की तरह प्यारी और परफेक्ट लग रही है. फैन्स को भी दोनों का ये अंदाज पसंद आ रहा है. सभी उनके इस सिंपल और प्यारे सेलिब्रेशन की तारीफ कर रहे हैं.

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दीपिका ने खुद भी इस विजिट की फोटो शेयर की है. दीपिका ने रणवीर के साथ फोटो शेयर कर लिखा, आप सभी के प्यार और बधाइयों के लिए बहुत धन्यवाद.

दोनों की फैमिलीज दिखीं साथ…

इस मौके पर दीपिका-रणवीर की फैमिलीज भी उनके साथ थी. दोनों के माता-पिता और बहन इस खास दिन पर उनके साथ मौजूद थे.

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रणवीर ने ऐसे की तैयारी…

रणवीर हर मौक़े पर बहुत एक्साइटेड रहते हैं तो जब बात उनकी शादी की सालगिरह की हो तो सोचिए कितने एक्साइटेड होंगे वो. इतना ही नहीं, रणवीर ने तो सालगिरह के लिए खूब तैयारी भी की. दरअसल, दीपिका ने बुधवार को रणवीर की एक फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर की थी जिसमें रणवीर ने फेस मास्क लगाया हुआ था. दीपिका ने इस फोटो को शेयर करके हुए लिखा था, शादी की पहली सालगिरह के लिए रणवीर की तैयारी.

बता दें कि दीपिका और रणवीर ने एक दूसरे को छह साल तक डेट करने के बाद शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया. इटली में बेहद ही कॉन्फीडेंशियल करीके से उन्होंने शादी की थी जिसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए थे.

दीपिका-रणवीर की पहली एनिवर्सरी पर देखिए शादी का रोमांटिक Wedding Album

बौलीवुड के पौपुलर कपल्स में से एक एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण और एक्टर रणवीर सिंह आज यानी 14 नवंबर को अपनी शादी की पहली एनिवर्सरी मना रहे हैं. 6 साल तक रिलेशनशिप में रहकर अपनी फिल्मों से फैंस को एंटरटेन करने वाले इन सितारों की लव स्टोरी जितनी खास है उतनी इनकी वेडिंग फोटोज भी फैंस का दिल जीतने वाले है. आज हम आपको दीपिका-रणवीर की पहली सालगिरह पर दोनों की शादी की कुछ फोटोज दिखाएंगे, जिसे देखकर आप कहेंगे ये मेड फौर इच अदर कपल है.

दो रीति रिवाजों से बंधे शादी के बंधन में

सभी को पता है कि रणवीर सिंधी फैमिली से ताल्लुक रखते हैं और दीपिका साउथ से, जिसके चलते दोनों की शादी दो रीति रिवाजों से हुई थी.

देश से बाहर की थी शादी

दीपिका का और रणवीर की शादी इटली के लेक कोमो में दोनों ने 14 नवंबर को तमिल रीति रिवाज से और 15 नवंबर को सिंधी रीति रिवाजों से शादी की थी, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर काफी पौपुलर हुई थी.

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शादी में दोनों का अटायर था खास

 

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दो रीति रिवाजों से शादी होने के चलते दीपिका और रणवीर का अटायर भी खास था. जहां तमिल शादी के लिए दीपिका कांजीवरम साड़ी में और रणवीर धोती कुर्ते में नजर आए. वहीं सिंधी शादी के लिए दीपिका रेड कलर के लहंगे और रणवीर शेरवानी में नजर आए थे.

 

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पहली बार ऐसे हुई थी मुलाकात

 

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दीपिका और रणवीर की पहली मुलाकात Zee Cine Awards में हुई थी. यहीं रणवीर ने पहली बार दीपिका पादुकोण को आमने-सामने देखा था और रणवीर का कहना है कि वह उन्हें देखते ही फिदा हो गए थे.

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रामलीला से हुई साथ काम करने की शुरूआत

दोनों को साथ में ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताने के लिए जरूरी था कि वे साथ में काम करते और उन्हें ये मौका दिया दिग्गज फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली ने. फिल्म का नाम था “गोलियों की रासलीला – रामलीला”, जिसके बाद दिवानी मस्तानी जैसी फिल्मों में काम करके फैंस का दिल जीता.

इस फ्रेंडशिप-डे जानिए बौलीवुड सेलेब्स की अटूट दोस्ती के राज

जैसा कि आप सब जानते है कि अगस्त महीना शुरू होने से पहले ही हम सब के दिल मे एक अलग सी खुशी जाग उठती है और वो खुशी अगस्त महीना में आने वाला पहला रविवार होता है. हर साल अगस्त महीना के पहले रविवार को फ्रेंडशिप-डे मनाया जाता है. चाहे आम इंसान हो या बौलीवुड सेलैब्स, हर किसी का कोई न कोई ऐसा दोस्त जरूर होता है जिस पर वे बेइंतहा विश्वास और प्यार करता है, तो आज हम बात करेंगे कुछ ऐसे बौलीवुड सेलैब्स की जिनकी दोस्ती चाहे पौपुलर हो या ना हो पर उनके लिए काफी मायने रखती है.

1. बौलीवुड सितारों की दोस्ती मे पहला नाम है दीपिका पादुकोण और शहाना गोस्वामी का…

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दीपिका पादुकोण और शहाना गोस्वामी अपने करियर के शुरूआती दिनो से ही एक दूसरे के दोस्त है. वे दोनो जो भी करते है सब साथ ही करते है जैसे कि घूमना फिरना, स्कूबा डाइविंग करना और यहा तक की दोनो एक दूसरे को अपने सारे सीक्रेट्स भी बताते है. दीपिका और शहाना ने एक साथ फिल्म ‘ब्रेक के बाद’ मे भी काम किया था.

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2. बौलीवुड सितारों की दोस्ती मे दूसरा नाम है सलमान खान और संजय दत्त का…

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भाईजान और बाबा की दोस्ती काफी पौपुलर रही है. सलमान खान और संजय दत्त बौलीवुड इंडस्ट्री के उन दो नामों में से हैं, जिससे कोई पंगा नही लेना चाहेगा. सलमान और संजय की दोस्ती काफी गहरी रही हैं. दोनों ने साथ मे कई फिल्मों मे काम किया है जैसे कि, ‘चल मेरे भाई’, ‘साजन’, आदी और दोनो ने एक साथ बिग-बौस सीजन 5 भी होस्ट किया था.

3. बौलीवुड सितारों की दोस्ती मे तीसरा नाम है शाहरूख खान और जूही चावला का…

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किंग खान और जूही चावला बौलीवुड इंडस्ट्री के टेलेंटिड एक्टरों में से एक है. दोनों की दोस्ती बेहद निराली और मजबूत रही है. जूही के अनुसार उनकी गहरी दोस्ती की कारण है बिजनेस पार्टनर्स ना बनना. जब उनको लगा कि उनकी पार्टनरशिप का असर उनकी दोस्ती पर हो रहा है तब दोनो ने बिजनेस पार्टनरशिप खत्म कर दोस्ती को अहमीयत दी. जूही ने ये भी बताया कि जब उनकी मां का देहांत हुआ था तब शाहरूख ने उनकी बहुत मदद की थी.

4. बौलीवुड सितारों की दोस्ती मे चौथा नाम है रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर का…

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रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर बेहद पौपुलर और टेलेंटिड एक्टरों में से एक हैं. दोनों की दोस्ती भी काफी गहरी है. दोनो ने एक साथ फिल्म ‘गुंडे’ मे भी काम किया था और इन दोनों का ब्रो-मैंस ‘कौफी विद करन’ सीजन 4 मे भी देखा गया था.

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5. बौलीवुड सितारों की दोस्ती में पांचवा नाम है स्वरा भास्कर और सोनम कपूर का…

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फिल्म ‘रांझणा’ के चलते स्वरा भास्कर और सोनम कपूर की दोस्ती हुई थी, भले ही इस फिल्म मे दोनों एक दूसरे के दुश्मन दिखाई दिए पर फिल्म की शूटिंग के दौरान ही वे असल जिंदगी मे काफी अच्छे दोस्त बन गए. स्वरा सोनम कपूर की शादी के हर फंक्शन मे मौजूद रही और सोनम की शादी के कुछ दिन बाद ही दोनों की फिल्म ‘वीरे दी वैडिंग’ रिलीज हुई.

बता दें, इस साल फ्रेंडशिप-डे अगस्त महीना के पहले इतवार के अनुसार 4 अगस्त 2019 को होगा. मां-बाप, भाई-बहन, जैसे रिश्ते हमे जन्म से ही मिल जाते हैं पर दोस्ती एकमात्र एसा रिश्ता है जो बिना किसी शर्त या बिना किसी स्वार्थ के खुद से बनाया जाता है, शायद तभी दोस्ती के रिश्ते को दिल का रिश्ता कहते हैं. तो आप भी अपने करीबी दोस्तो के साथ फ्रेंडशिप-डे मनाइए और अपने दोस्तों का साथ कभी ना छोड़े क्योंकि दोस्त है तो जिंदगी मे खुशियां है.

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दीपिका-रणवीर से सीखें परफेक्ट रिलेशनशिप टिप्स

बौलीवुड में कईं ऐसी कपल्स हैं जो एक अच्छे रिलेशनशिप की निशानी है. उन्हीं जोड़ियों में लोगों के बीच पौपुलर जोड़ी दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की है. दोनों की कुछ महीनों पहले ही शादी हुई है. दीपिका-रणवीर की जोड़ी इंडिया में ही नही विदेशों में भी पौपुलर है. दोनों की मुलाकात 6 साल पहले फिल्म रामलीला के सेट पर हुई थी, जिसके बाद भी दीपिका और रणवीर दोनों की बौंडिग कायम है. अगर आप भी दीपिका-रणवीर की तरह अपने रिलेशनशिप को मजबूत बनाना चाहते हैं तो ये टिप्स आपके काम आएंगी.

एक-दूसरे की फैमिली में इंटरेस्ट रखना है जरूरी

दीपिका और रणवीर के रिलेशन की बात करें तो दोनों एक दूसरे की फैमिली में इटरेस्ट दिखाते हैं. वक्त निकाल कर अपने पार्टनर के दोस्तों और परिवार वालों से मिलते हैं और अगर आप भी अपने रिलेशनशिप को मजबूत बनाना चाहते हैं तो एक-दूसरे की फैमिली को अपने घर पर इनवाइट करते रहें. इससे आपके सोशल और फैमिली रिलेशन भी मजबूत होंगे. साथ ही, रिश्ते में एक नया विश्वास भी आएगा.

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टाइम बीतने के बाद भी करें पार्टनर की केयर

अगर आप भी शादी या रिलेशनशिप के कईं साल बीत जाने के बाद अपने पार्टनर की केयर करना कम कर देतें हैं तो ऐसा बिल्कुल न करें. यह न भूलें कि प्यार की बुनियाद अट्रेक्शन है. इसलिए दीपिका और रणवीर की तरह अपना अट्रेक्शन पार्टनर के लिए हमेशा बनाए रखें. अक्सर जब आप किसी के प्यार में पड़ते हैं तो उसकी कोई आदत आपको बहुत अच्छी लगी होती है. लेकिन कुछ वक्त बाद रिश्ते की पेचीदगियों में आपके पार्टनर की वो आदत खो जाती है. ऐसी ही कोई पुरानी आदत अपने पार्टनर को याद दिलाएं. यकीन मानिये उस आदत के साथ आपका पुराना प्यार भी वापस आ जाएगा.

पार्टनर को दें टाइम

आमतौर पर लोग सफल शादी के लिए फाइंनेशल कंडीशन का सही होना मानते हैं और ऐसा कहीं हद तक ठीक है, लेकिन पार्टनर को टाइम देना भी एक अच्छे रिलेशनशिप को कायम करने में मदद करता है.  पार्टनर यदि एक-दूसरे के साथ समय बिताएंगे तो ही वे अधिक से अधिक खुश रह पाएंगे. रिलेशनशिप में आ जाने के बाद आपकी जिम्मेदारियां समाप्त नहीं हो जाती, बल्कि और बढ़ जाती हैं. ऐसे में आप दोनों के बीच का प्यार कहीं खो न जाए, इसके लिए प्रयास करते रहें. कभी कोई फिल्म तो कभी कैंडल लाइट डिनर को अपनी दिनचर्या में जगह में दें. अपने पार्टनर को कोई तोहफा लाकर दें. कभी कोई लेटर लिखें या फिर कार्ड भिजवाएं.

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एक-दूसरे की सोच का करें सम्मान

कई बार किन्ही कारणों से पार्टनर एक-दूसरे के विपरीत होने और अलग विचार होने के कारण आपस में सौहार्द नहीं बना पाते.  शादी के बंधन में बंधने से पहले ऐसी बातों पर उनका ध्यान नहीं जा पाता. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि दोनों को एक-दूसरे की सोच और विचारों का सम्मान करते हुए एक दूसरे को समझना. कुछ लोगों की अपने पार्टनर से शिकायत होती है कि वो उनकी बात ठीक से नहीं सुनते. या उनके पास उनकी बात सुनने के लिए वक्त नहीं होता. आपका पार्टनर जो भी कहे, उसे ध्यान से सुनें. अगर आपके पास उस समस्या का कोई हल ना भी हो तो उन्हें अहसास दिलाए की आप उन्हें समझ सकते हैं.

कईं बार अपने पार्टनर की नापसंद और पसंद का ख्याल रखना भी जरूरी होता है. इसीलिए अगर आपको कोई चीज न पसंद हो और आपके पार्टनर को वो चीज पसंद है तो उनकी च्वौइस का सम्मान करें. इससे आपके रिलेशनशिप में फ्रैशनेस बनी रहेगी.

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दीपिका पादुकोण के फिल्म ‘‘83’’ की को-प्रोड्यूसर होने का सच?

जून, 1983 में लार्ड्स के मैदान के पर क्रिकेटर कपिल देव की कैप्टनशिप में भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज को हराकर क्रिकेट का ‘‘विश्व कप’’विजेता बना था. इसी ऐतिहासिक घटनाक्रम पर अब फिल्मकार कबीर खान फिल्म ‘‘83’’ बना रहे हैं. इस फिल्म का फिल्मांकन 05 जून से शुरू होने वाला है. इसी बीच बौलीवुड में ये अफवाह गर्म है कि रणवीर की पत्नी और बौलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण इस फिल्म का सह निर्माण करने के साथ-साथ इसमें कपिल देव की पत्नी रोमी देव का किरदार निभा रही हैं.

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जानें क्या है सच्चाई…

सच्चाई ये है कि ऐसा कुछ भी नहीं है. वास्तव में फिल्म ‘‘83’’ की कहानी पूणरूपेण कपिल देव पर है. इसमें रोमी देव का किरदार महज कैमियो ही है और दीपिका पादुकोण फिलहाल कैमियो नहीं करना चाहेंगे. जी हां! फिल्म ‘‘कबीर’’ से जुड़े सूत्रों का दावा है कि फिल्म ‘‘83’’ के साथ दीपिका का कोई संबंध नहीं है.

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इस फिल्म का निर्देशन करने के साथ-साथ कबीर खान स्वयं इसका निर्देशन कर रहे हैं. इस फिल्म के सह निर्माण से मधु मेंटेना, साजिद नाडियादवाला, रिलायंस इंटरटेनमेंट और ‘सेलेब्रिटी क्रिकेट लीग’’ के विष्णु इंदूरी जुड़े हुए हैं.

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बात करें दीपिका पादुकोण तो वो इन दिनों मेघना गुलजार के निर्देशन में फिल्म ‘‘छपाक’’में काम कर रही हैं, जिसमे वो एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल का किरदार निभाने के साथ इस फिल्म का निर्माण भी कर रही हैं. शायद इसी के चलते कुछ लोगों ने अंदाजा लगा लिया कि फिल्म ‘‘83’’ का भी सहनिर्माण दीपिका पादुकोण कर रही हैं.

EDITED BY- NISHA RAI

वीडियो : जब रणवीर ने भाग्यश्री के बेटे को मारा जोरदार घूंसा

सुपरहिट फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ की अभिनेत्री भाग्यश्री के बेटे अभिमन्यु दसानी फिल्म ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत करने जा रहे हैं. ऐसे में अभिनेता फिल्म के प्रमोशन में बिजी हो गए हैं. वह इस सिलसिले में बौलीवुड के नए सुपस्टार रणवीर सिंह के पास पहुंचे. रणवीर एक बार फिर अपने हरफनमौला अंदाज में नजर आए, लेकिन अभिमन्यु को नहीं पता था कि रणवीर सिंह उन पर भारी पड़ जाएंगे.

जी हां, सोशल मीडिया पर अभिमन्यु दसानी और रणवीर सिंह का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में रणवीर अभिमन्यु को जोरदार घूंसा मार रहे हैं. वीडियो देखने के बाद रणवीर सिंह के फैंस इस बात से हैरान हैं. वैसे हैरान करने वाली बात ये भी है कि अभिमन्यु दसानी ने खुद इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया साइड पर शेयर किया है.

 

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आपको बता दें, रणवीर सिंह और अभिमन्यु दसानी मिलकर फिल्म ‘मर्द को दर्द’ नहीं होता का प्रमोशन कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को अब तक हजारों लोग देख चुके हैं. इस वीडियो को पोस्ट करने के साथ अभिमन्यु दसानी ने कैप्शन में लिखा- ‘ @ranveersingh सिम्बा सूर्या से मिले! दर्द नहीं होता बाकी सब होता है…

बता दें कि रणवीर इनदिनों अपनी फिल्म 83 में काफी व्यस्त हैं. लेकिन बिजी शेड्यूल होने के बाद भी वो अपने चाहने वालों के लिए वक्त निकाल ही लेते हैं. बात अगर फिल्म ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ की करें इस फिल्म का निर्देशन और लेखन वसन बाला ने किया है तो वहीँ आरएसवीपी के रोनी स्क्रूवाला इसका निर्माण कर रहे हैं. 21 मार्च को रिलीज हो रही इस फिल्म में अभिमन्यु दसानी के अलावा राधिका मदान और गुलशन देवैया भी मुख्य किरदार में नजर आएंगे.

इंडस्ट्री में अपने आप को स्थापित करना आसान नहीं : रणवीर सिंह

फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ में मुख्य भूमिका निभाकर चर्चित हुए अभिनेता रणवीर सिंह ने बहुत कम समय में यह सिद्ध कर दिया है कि वे किसी भी किरदार को निभाने में सक्षम हैं. उन्होंने रोमांटिक, एक्शन, कौमेडी, ऐतिहासिक आदि हर तरह की फिल्मों में काम किया है. हंसमुख और विनम्र स्वभाव के अभिनेता रणवीर को बचपन से ही अभिनय का शौक था, लेकिन वे अभिनेता बनेंगे, ऐसा सोचा नहीं था. पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने थिएटर में अभिनय करना शुरू कर दिया था. वे एक एनर्जेटिक अभिनेता के तौर पर माने जाते हैं और दिल खोलकर दर्शकों के बीच में रहना पसंद करते हैं. पिछले साल उनकी शादी अभिनेत्री दीपिका पादुकोण से हुई, जिन्हें वे अपने जीवन की बड़ी उपलब्धि मानते हैं.

रणवीर ने जितनी भी फिल्में की, लगभग सभी सफल रहीं, लेकिन कई बार उनकी अधिक एनर्जी से उनकी मुश्किलें भी बढ़ी हैं. एक फैशन शो में  शोस्टापर बने रणवीर ने मंच पर रैप करते हुए छलांग लगा दी, जिससे पास बैठे कई दर्शकों को चोट लगी. बाद में उन्होंने अपनी मैच्युरिटी लेवल को कम कहकर आगे से ध्यान रखने की बात कही. उन्होंने फिल्म ‘गली ब्वाय’ में एक रैपर की भूमिका निभाई है, जिसे दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं. उनसे हुई बातचीत के अंश इस प्रकार हैं.

आपका समय अब कैसा चल रहा है?

शादी के बाद से अब समय और अधिक अच्छा चल रहा है. जो मेहनत की थी, वह रंग ला रही है. साल 2018 मेरे लिए बहुत अच्छा समय रहा है. मेरे जीवन की दार्शनिकता यह है कि कर्म करो, फल की इच्छा मत रखो. मेरे लिए सबसे अच्छी बात यह है कि मेरे पास काम है और मैं रोज सुबह एक अभिनेता के तौर पर काम पर जाता हूं. मुझे अच्छे और मंझे हुए कलाकारों के साथ कलाकारी दिखाने का मौका मिल रहा है. फिल्म हिट हो या फ्लौप, मुझे अधिक फर्क नहीं पड़ता. मैं इसकी प्रक्रिया को अधिक एन्जाय करता हूं.

आप एक स्टार बन चुके हैं, इस स्टारडम को कैसे लेते हैं?

ये सही है कि मैं स्टार बन चुका हूं, पर मैंने इसके बारें में अधिक सोचा नहीं था. मुझे शोहरत की अधिक लालच नहीं है. मुझे तो हमेशा लगता है कि मेरी जर्नी अभी शुरू हुई है और अभी बहुत काम करना बाकी है. मुझे अच्छा लगता है जब मैं अपने हिसाब से फिल्में चुनता हूं और दर्शक मेरे फिल्म की तारीफ करते हैं. फिल्म ‘सिम्बा’ के लिए मैंने 15 बार हाल तक गया और दर्शकों के रिएक्शन को करीब से देखने की कोशिश की. ये भी सही है कि फिल्म को लोग तभी सफल मानते हैं, जब फिल्म अच्छा व्यवसाय करती है. मैं एक अभिनेता हूं और अच्छी फिल्में करना मेरा काम है.

आप अपने आप को किस बात में धनी मानते हैं?

मैंने कभी अपने आपको धनी नहीं माना, पर मेरे जीवन में मेरे परिवार, धर्मपत्नी और फैन्स का बहुत सारा प्यार है, जिसमें मैं धनी हूं.

आपने इस फिल्म में गाना भी गाया, संगीत से कितना प्यार है? क्या आपकी और दीपिका के  संगीत सुनने की रूचि एक है?

मैं गा नहीं सकता, पर इस फिल्म में मैंने रैप किया, जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया है. पहले भी मैंने किसी टौक शो, लाइव शो और विज्ञापन में रैप किया है. संगीत मुझे बहुत पसंद है. दिनभर मैं संगीत सुनता हूं. मुझे थोड़ा लाउड संगीत पसंद है, जबकि दीपिका शांत म्यूजिक सुनती हैं.

अभिनेता बनना एक इत्तफाक है, या बचपन से इच्छा थी?

मैं बचपन में बहुत कुछ बनना चाहता था. कभी रैपर, कभी क्रिकेटर बनने की बात सोची थी पर अभिनेता बनूंगा ये नहीं सोचा था, जबकि अभिनय मुझे बहुत पसंद था. अभी अभिनेता बनने के बाद सारी इच्छाएं पूरी हो रही हैं. मसलम अगर मैंने रैपर की भूमिका निभाई, तो उसे लाइव किया. क्रिकेटर अभिनय के लिए उसकी प्रैक्टिस कई घंटे कर रहा हूं. मैं अपने किरदार को पूरी तरह से जी लेता हूं.

फिल्मों में कई बार दिखाया जाता है कि एक गरीब लड़का या लड़की एक समय के बाद कलाकार बन जाते हैं, इसे देखते हुए कई बच्चे अपना शहर छोड़कर मुंबई अभिनय के लिए आ जाते हैं और बाद में वे कुछ नहीं बन पाते, आपके हिसाब से रियलिटी क्या है?

बहुत मुश्किल है इंडस्ट्री में अपने आप को स्टैब्लिश करना. मुंबई एक ऐसी महानगरी है, जहां बाहर से लोग सपने लेकर यहां आते हैं और कुछ करना चाहते हैं. बहुत संघर्ष होता है. मैं मुंबई में ही पला बड़ा हूं, फिर भी मुझे साढ़े तीन साल संघर्ष करना पड़ा. जब कोई ब्रेक नजर नहीं आ रहा था, तो वह दौर बहुत मुश्किल था. अमेरिका से पढ़कर आने पर भी कोई नौकरी नहीं थी. वित्तीय रूप से भी मैं बहुत स्ट्रोंग नहीं था, क्योंकि मंदी का दौर था. उस समय फिल्में भी कम बन रही थीं और नए चेहरे के साथ तो कोई भी फिल्म बनाना ही नहीं चाह रहा था. कभी-कभी मैं बहुत उदास भी रहता था, लेकिन मैंने धीरज धरा और अंत में काम मिला.

आप कई बार फैन्स के बीच में जाते हैं और कुछ समस्या कई बार आती है, क्या अब आप इस बारें में सावधानी बरतेंगे कि आगे ऐसा न हो?

अवश्य, मैंने हमेशा अपने फैन्स को खुशी देना चाहा. इसमें मुझे सम्हलने की भी जरुरत है. मेरी परिपक्वता ही इसे ठीक कर देगी, पर मैं हर फैन्स से मिलकर हाथ मिलाना, गले मिलना, सेल्फी लेना चाहता हूं. मैं अपना प्यार दर्शकों तक हमेशा पहुंचाने की कोशिश करता रहता हूं.

फिल्म रिव्यू : गली ब्वाय

रेटिंग :दो स्टार

मुंबई के धरावी इलाके के स्ट्रीट रैपर्स के संघर्ष की कहानी के साथ उनकी प्रेम कहानी को उकेरने वाली फिल्म ‘‘गली ब्वाय’’ में फिल्मकार जोया अख्तर ने मुस्लिम समाज व युवाओं को लेकर कुछ मुद्दे भी उठाए हैं, मगर फिल्म अपना असर छोड़ने में विफल रहती है. पश्चिमी सभ्यता में रचे बसे, क्लब संस्कृति का हिस्सा बन चुके अंग्रेजीदां दर्शकों को छोड़ इस फिल्म के साथ अन्य दर्शक खुद को जोड़ नहीं सकता. कहानी के स्तर पर भी फिल्म काफी कमतर है. फिल्म मुंबई के एक रैपर की सत्यकथा है, मगर फिल्मकार यह भूल गए कि रैपर्स संस्कृति से आम इंसान वाकिफ नही है.

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फिल्म‘‘गली ब्वाय’’की कहानी के केंद्र में मुंबई का धारावी इलाका और धरावी में रहने वाले एक मुस्लिम परिवार का युवक मुराद (रणवीर सिंह) है. गरीबी और सामाजिक बहिष्कार से जूझते मुराद का सपना एक मशहूर रैपर बनने का है. वह अपने विचारों को कागज पर उतारता रहता है. पर वह अपनी पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान देता है. उसे धरावी के ही एक अन्य मुस्लिम परिवार की जिंदा दिल लड़की सफीना (आलिया भट्ट) से प्यार है. सफीना के पिता डाक्टर हैं और सफीना भी डाक्टरी की पढ़ाई कर रही है. सफीना का मानना है कि उसके लिए उसकी जिंदगी में सब कुछ सिर्फ मुराद है. इसी बीच मुराद के पिता आफताब (विजय राज) अपना दूसरा व्याह कर मुराद के लिए नई मां (अमृता सुभाष) भी ले आते हैं. फिर मुराद के पिता एक हादसे में चोटिल हो जाते हैं, तब मजबूरन मुराद को अपने पिता की जगह एक ड्रायवर के रूप में नौकरी करनी पड़ती है. मुराद और उसके पिता के बीच जमती ही नही है. मुराद की जिंदगी में बदलाव तब आता है, जब एक दिन वह एमसी शेर उर्फ श्रीकांत (सिद्धांत चतुर्वेदी) को कौलेज के लड़कों के साथ रैप करते देखता है. फिर मुराद, एमसी शेर से मिलता है. एमसी शेर, मुराद से कहता है-‘‘अगर दुनिया में सब कम्फर्टेबल होते तो रैप कौन करता.’’ उसके बाद मुराद व एमसी शेर एक साथ टीम बनाकर रैप करने लगते हैं. मुराद को रैपर के रूप में नया नाम ‘गली ब्वाय’मिलता है. फिर अमरीका से आई साई नामक म्यूजिक प्रोग्रामर मुराद से मिलती है और उसके साथ एक अलबम बनाने पर काम करती है, जिसके चलते मुराद व सफीना के बीच गलत फहमी भी पैदा होती है. अंततः मशहूर रैपर ‘नैस’भारत आने वाले होते हैं और तब एक प्रतिस्पर्धा होती है, जिसमें अंततः गली ब्वाय उर्फ मुराद विजेता बनते हैं.

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कमजोर कहानी के साथ साथ भारत में संगीत के ‘रैप’फार्म के प्रचलित न होने की वजह से फिल्म उम्मीद नही जगाती है. पटकथा के स्तर पर भी फिल्म काफी भटकी हुई है. फिल्म का ट्रेलर देखकर अहसास होता था कि फिल्म की कहानी रैपर मुराद यानी कि रणवीर सिंह के इर्दगिर्द होगी, मगर ऐसा नहीं है. फिल्म में बेवजह मुस्लिम समुदाय में दो दो शादियों का मुद्दा बहुत ही स्तर हीन ढंग से उठाया गया है. इसी तरह मोईन (विजय वर्मा) की कहानी को जोड़कर फिल्म बार बार दर्शकों को अलग मोड़ पर ले जाती है. फिल्म में मोईन को मुराद का दोस्त भी बताया गया है. मोईन ड्रग्स के धंधे में लिप्त है. मोईन कम उम्र के बच्चों से ड्रग्स की सप्लाई कराता है. मुराद भी कभी कभी ड्रग्स लेता है. मोईन कार चुराकर बेचने में माहिर है और जब भी मोईन कार चुराता है, तो उस वक्त मुराद उसका जोड़ीदार होता है, पर फिल्म में अंततः मोईन को कार चोर के रूप में सजा मिलती है, जबकि मुराद पर आंच नहीं आती. यानी कि फिल्म की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी इसका कथानक व पटकथा है. इतना ही नही इंटरवल से पहले फिल्म काफी बोर करती है.

रैपर बनने के मुराद के जुनून, संघर्ष व उसके दर्द को बेहतर तरीके से नहीं उकेरा गया. जबकि गरीबी और सामाजिक उपेक्षाओं से जूझ रहे मुराद के दर्द और जुनून को कहानी में उचित स्थान नही दिया गया. यह लेखक व निर्देशक दोनों की कमजोरी है. फिल्म का क्लायमेक्स भी बहुत ग़डबड़ है. फिल्म को क्लासी बनाने के चक्कर में जोया अख्तर ने काफी गलतियां कर डाली.

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जहां तक अभिनय का सवाल है तो अल्हड़, जिंदादिल, हठेली सफीना के किरदार में एक बार फिर आलिया भट्ट ने अपने अभिनय का जादू चला दिया है. एम सी शेर के किरदार में सिद्धांत चतुर्वेदी ने भी बेहतरीन अभिनय किया है. डरे व सहमे से रहने वाले मुराद के किरदार में रणवीर सिंह ने भी अच्छा अभिनय किया है, मगर कई दृश्यों में रणवीर सिंह पर आलिया भट्ट व सिद्धांत चतुर्वेदी भारी पड़े हैं. अफताब के किरदार में विजय राज निराश करते हैं. साई के छोटे किरदार में कल्की ठीक ठाक अभिनय कर गयी हैं.

दो घंटे 35 मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘गली ब्वाय’’ का निर्माण फरहान अख्तर, जोया अख्तर और रितेश सिद्धवानी ने किया है. फिल्म की निर्देशक जोया अख्तर, पटकथा लेखक रीमा कागटी व जोया अख्तर, संवाद लेखक विजय मौर्या तथा फिल्म के कलाकार हैं- रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, कलकी कोचलीन, सिद्धांत चतुर्वेदी, विजय राज, विजय वर्मा, अमृता सुभाष, शीबा चढ्ढा, नकुल सहदेव, श्रुति चौहाण व अन्य.

फिल्म रिव्यू : सिंबा

किसी भी सफल फिल्म का रीमेक बनाते समय फिल्मकार उसे तहस नहस कर देते हैं. इससे पहले मराठी फिल्म ‘सैराट’ की जब हिंदी रीमेक ‘धड़क’ आयी, तो बात नहीं जमी थी. अब रोहित शेट्टी 2015 में प्रदर्षित तेलुगू की सुपर हिट फिल्म ‘‘टेम्पर’’ का हिंदी रीमेक एक्शन व हास्य प्रधान फिल्म ‘‘सिंबा’’ लेकर आए हैं, पर इस बार वह भी मात खा गए.

फिल्म ‘‘टेंम्पर’’ में जिस तरह का अभिनय जूनियर एनटीआर ने किया है, उसके सामने रणवीर सिंह फीके पड़ जाते हैं. जिन लोगों ने तेलुगू फिल्म ‘टेम्पर’ या हिंदी में डब इस फिल्म को देखा है, उन्हे ‘सिंबा’ पसंद नहीं आएगी. अन्यथा यह मनोरंजक मसाला फिल्म है, जिसमें एक्शन, हास्य, रोमांस, इमोशंस के साथ ऐसा हीरो है, जो कि वक्त पड़ने पर बीस पच्चीस लोगों को धूल चटा देता है.

संग्राम भालेराव उर्फ सिंबा (रणवीर सिंह) एक अनाथ बालक से शिवगढ़ के एसीपी बने हैं, जो कि भ्रष्ट पुलिस आफिसर है. यह वही शहर है, जहां डीसीपी बाजीराव सिंघम (अजय देवगन) की परवरिश हुई थी. बाजीराव इमानदार पुलिस अफसर रहा है, जबकि सिंबा को भ्रष्ट तरीके से जिंदगी का आनंद उठाते दिखाया गया है. वास्तव में बचपन में ही सिनेमाघर के सामने ब्लैक में टिकट बेचते हुए सिंबा समझ जाता है कि पैसा कमाने के लिए पावर चाहिए, इसीलिए वह पुलिस अफसर बनना चाहता है. पुलिस अफसर बनने के बाद सिंबा बेईमानी पूरी इमानदारी से करता है. पुलिस अफसर की ड्यूटी निभाते हुए उसका ध्यान सिर्फ जायज व नाजायज ढंग से पैसा कमाने पर ही होता है. कुल मिलाकर संग्राम उर्फ सिंबा को भ्रष्ट पुलिस अफसर की जीवनशैली जीने में ज्यादा आनंद आता है. उसे प्रदेश के गृहमंत्री का वरदहस्त हासिल है.

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संग्राम भालेराव, गृहमंत्री को अपना पिता और उनकी बेटी को बहन मानता है. गृहमंत्री उसका तबादला गोवा में मीरा मार पुलिस स्टेशन में इस हिदायत के साथ करते हैं कि वह वहां पर दुर्वा रानाडे (सोनू सूद) को क्रास नही करेगा. मीरा मार पुलिस स्टेशन पहुंचने पर सिंबा का सामना हेड कांस्टेबल मोहिले (आशुतोष राणा) से होती है, जोकि बहुत इमानदार है, उसने सिंबा के बारे में सब कुछ सुन रखा है, इसलिए वह उन्हे सलाम नहीं करता है. गुस्से में सिंबा उसे अपनी गाड़ी का ड्राइवर बना लेता है. पर सब इंस्पेक्टर संतोष तावड़े (सिद्धार्थ जाधव) से सिंबा की जमती है और दोनों मिलकर हर नाजायज काम को अंजाम देते हैं. पुलिस स्टेशन के सामने ही कैटरिंग चलाने वाली शगुन (सारा अली खान) पर सिंबा लट्टू हो जाता है.

तो वहीं वह शगुन की सहेली आकृति को अपनी बहन बना लेता है. एक दिन शगुन भी सिंबा से प्यार करने की बात कबूल कर लेती है.दु र्वा रानाडे के ड्रग्स के अवैध व्यापार से अनभिज्ञ सिंबा, दुर्वा के हर अपराध में उसका साथ देता है, जिसके बदले में उसे एक बड़ी रकम मिलती रहती है. दुर्वा के ड्रग्स का व्यापार उसके दो भाई संभालते हैं. यह छोटे स्कूल जाने वाले बच्चे के बैग में ड्रग्स के पैकेट भरकर एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते रहते हैं. जब इसकी भनक आकृति को लगती है, तो वह उनके अड्डे पर पहुंच जाती है, जिसके साथ बलात्कार करने के बाद दुर्वा के भाई उसकी हत्या कर देते हैं. आकृति के साथ जो कुछ होता है, वह जानकर सिंबा में परिवर्तन आता है और वह सही राह पर चलना शुरू कर देता है.अं ततः दुर्वा के दोनो भाईयों का पुलिस स्टेशन के ही अंदर इनकाउंटर होता है. मामला अदालत में पहुंचता है. डीसीपी बाजीराव सिंघम भी आते हैं और अंत में सिंबा बरी और दुर्वा को सजा हो जाती है.

तेलगू फिल्म ‘टेम्पर’ की यह आधिकारिक रीमेक है, मगर रोहित शेट्टी ने थोड़ा सा बदलाव करते हुए इसे मसालेदार बनाने की कोशिश की है. फिल्म में गाने काफी डाले गए हैं. इंटरवल से पहले फिल्म की कहानी ह्यूमर व हास्य के साथ एक भ्रष्ट पुलिस अफसर की कहानी है. इंटरवल से पहले हास्य का तगड़ा डोज है. मगर इंटरवल के बाद कहानी का केंद्र लड़की के साथ बलात्कार व बलात्कारियों को सजा देने की तरफ मुड़ जाता है. इंटरवल के बाद फिल्म निर्देशक रोहित शेट्टी के हाथ से फिसल सी जाती है. क्योंकि उन्होंने देश के लोगों के मिजाज को भुनाने का ही प्रयास किया है.

जिसके चलते फिल्म काफी बोरिंग हो जाती है. फिल्म में अदालत के दृष्य प्रभाव नहीं डालते. निर्भया केस के साथ फिल्म को जोड़कर उपदेशात्मक बना दिया है, जो कि बहुत बोर करता है. यह एक बलात्कार पर आधारित मैलोड्रैमेटिक फिल्म बनकर रह गयी है.

बौलीवुड की सबसे बड़ी कमजोरी है कि कोई भी फिल्मकार फिल्म में मनोरंजन के साथ उपदेश नहीं परोस पाते हैं. इस कमजोरी के शिकार रोहित शेट्टी भी नजर आए. समस्या का निराकरण तलाशने की बजाय हवाई समाधान देना इनका हक बन गया है. पुलिस स्टेशन में एनकाउंटर/मुठभेड़ का दृष्य अवास्तविक लगता है. अंत में अजय देवगन को लाकर एक्शन दृष्यों की मदद से निर्देशक ने फिल्म को संभालने का असफल प्रयास किया है.

पटकथा के स्तर पर तमाम कमियां हैं. कई दृष्यों में अजीब सा विरोधाभास है. एक तरफ बलात्कार की शिकार आकृति का पिता दुःखी व सदमे में है, तो उसी क्षण वह एक कप चाय की मांग करता है. अदालती दृष्य तो बेवकूफी से भरे हैं. जिस तरह की भाषणबाजी अदालती दृष्य मे है, वह गले नहीं उतरती. जज के चैंबर में अपराधी, पुलिस व वकीलों के साथ ही राज्य के गृहमंत्री की मौजूदगी तो लेखक के दिमागी सोच की पराकास्ठा है.

जहां तक अभिनय का सवाल है तो इंटरवल से पहले हास्य के दृश्यों में रणवीर सिंह ने पूरा जोश दिखाया है, मगर वह खुद को दोहराते हुए ही नजर आए हैं. कई दृश्यों में उनका अभिनय देखकर फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ की याद आ जाती हैं. कई दृष्यों में रणवीर सिंह ने जूनियर एनटीआर की नकल की है, तो कई जगह वह ओवरएक्टिंग करते हुए नजर आते हैं. शगुन के किरदार में सारा अली खान सिर्फ सुंदर लगी हैं, अन्यथा उनके हिस्से में करने के लिए कुछ है ही नहीं. दुर्वा रानाडे के किरदार में सोनू सूद जरुर प्रभावित करते हैं. एक अति ईमानदार हेड पुलिस कौंस्टेबल की भ्रष्ट अधिकारी के साथ काम करने की बेबसी को पेश करने में आशुतोष राणा काफी हद तक कामयाब रहे हैं. संतोष तावड़े के किरदार में सिद्धार्थ जाधव भी अपना असर छोड़ जाते हैं.

फिल्म में गीतों की भरमार है, मगर वह गीत संगीत असरदार नहीं है. फिल्म देखकर अहसास होता है कि अब धर्मा प्रोडकशन मौलिक बेहतरीन गीत संगीत रचने में असमर्थ हो गया है.

दो घंटे 40 मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘सिंबा’’ का निर्माण करण जौहर, हीरू जौहर, अपूर्वा मेहता व रोहित शेट्टी ने किया है. फिल्म के निर्देशक रोहित शेट्टी हैं. तेलुगू फिल्म ‘‘टेम्पर’’ की हिंदी रीमेक वाली इस फिल्म के पटकथा लेखक युनूस सेजावल व साजिद सामजी, संवाद लेखक फरहाद सामजी, संगीतकार तनिष्क बागची, कैमरामैन जोमोन टी जौन तथा इसे अभिनय से संवारने वाले कलाकार हैं – रणवीर सिंह, सारा अली खान, सोनू सूद, अजय देवगन, वृजेष हीरजी, आषुतोष राणा, सिद्धार्थ जाधव, अरूण नलावड़े, सुलभा आर्या, अष्विनी कलसेकर, विजय पाटकर, सौरभ गोखले, अषोक समर्थ, वैदेही परषुरामी, सुचित्रा बांदेकर के अलावा मेहमान कलाकार के तौर पर तुषार कपूर, कुणाल खेमू, श्रेयस तलपड़े, अरशद वारसी व करण जौहर.

संबंधों की मिठास बहुत अलग होती है : रणवीर सिंह

फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ से अपने अभिनय करियर की शुरुवात करने वाले अभिनेता रणवीर सिंह ने बचपन से स्कूल और कौलेज के थिएटर में अभिनय किया है. स्नातक की पढ़ाई के लिए वे अमेरिका गए और पढ़ाई के साथ-साथ अभिनय की तालीम भी ली. मुंबई वापस आने के बाद उन्होंने कुछ दिनों तक असिस्टेंट डायरेक्टर और कौपी राइटिंग का काम किया. अभिनय के लिए वे औडिशन देते रहें. ऐसा करते – करते उन्हें पता चला कि यशराज फिल्म्स में किसी नए चेहरे की तलाश है, वे वहां गए और फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ के लिए चुन लिए गए. फिल्म सफल रही और रणवीर को रातों – रात सफलता मिल गयी. इसके बाद उन्होंने बाजीराव मस्तानी और पद्मावत जैसी फिल्में कर अपना नाम अभिनेता की श्रेणी में सबसे ऊपर कर लिया.

वे युवाओं के आइकन माने जाते हैं और अपने एनर्जी के लिए खास प्रसिद्ध हैं. पर्दे पर हो या रियल लाइफ में वे हमेशा हंसते और मुस्कराते हुए दिखते हैं. इसका राज वे अपनी जीन्स को देते हैं, जो उन्हें अपने माता-पिता से मिली है. फिल्मों के अलावा रियल लाइफ में भी रणवीर और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की जोड़ी खास प्रसिद्ध रही है, जिसका अंजाम उनदोनों ने शादी के बंधन में बंधकर दिया. अभी रणवीर की फिल्म ‘सिम्बा’ रिलीज पर है, पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

आपका साल 2018 कैसा रहा?

इस साल को मैं अपने करियर का सबसे बेहतरीन वर्ष कह सकता हूं, इस साल फिल्म ‘पद्मावत’ रिलीज हुई, जो काफी सफल रही, क्योंकि इसमें मैंने निगेटिव और डार्क भूमिका निभाई, जो मेरे लिए काफी रिस्की था. असल में इससे पहले मैंने सभी सकारात्मक भूमिका निभाई थी, लेकिन फिल्म सफल रही. इसलिए मैं इसे मेरे जीवन का एक टर्निंग प्वइंट मानता हूं. इसके बाद मैंने अपनी नानी को खोया, जो मेरे लिए दुःख की बात थी. फिर मैंने अब एक मसाला फिल्म ‘सिम्बा’ किया है. इसके साथ-साथ मुझे एक अच्छी जीवन साथी भी मिल गई हैं, जो मेरे लिए गर्व की बात है.

आपकी शादी बहुत ही व्यवस्थित तरीके से हुई, इसका क्रेडिट किसे जाता है?

मैंने सपने में भी कभी सोचा नहीं था कि मेरी शादी ऐसे होगी. पूरी व्यवस्था दीपिका ने की थी और बहुत ही अच्छे तरीके से उसने अंजाम दिया है. मैंने उससे कई बार पूछा भी था कि उसने कैसे ये सब सोचा. मैं अगर कभी सोचता भी, तो भी शायद मैं ऐसे नहीं कर सकता था. ये मेरे जीवन में एक खुशनुमा याद बन चुका है.

आपको दीपिका में क्या खास लगता है, जिससे आप प्रभावित हुए?

दीपिका एक साधारण परिवार को चाहने वाली और जमीनी स्तर पर रहने वाली कलाकार हैं. उसने खुद अपना करियर स्थापित किया है. मैंने अपने जीवन के 8 साल इंडस्ट्री में बिताएं हैं, जिसमें से 6 साल से मैंने दीपिका को प्यार किया है. आज जो मैं हूं, इसका क्रेडिट भी उसी को जाता है. उसने मुझे हमेशा ग्राउंडेड रखा. मैंने फिल्म ‘कौकटेल’ से उसे डेट करना शुरू कर दिया था. हम दोनों ने साथ ग्रो किया है. मैंने उससे प्रोफेशनलिज्म, टाइम मनेजमेंट और अनुशासन सबकुछ सीखा है. उसने मुझे संघर्ष करते हुए देखा है और बहुत सहयोग दिया है. अभी जब वह मुझसे पूछती हैं कि कितने बजे आओगे और क्या खाओगे तो मुझे बहुत अच्छा लगता है. मैं सभी यूथ से कहना चाहता हूं कि वे शादी अवश्य करें, क्योंकि संबंधो की मिठास बहुत अलग होती है.

अभी आप स्टारडम को कैसे एन्जाय करते हैं?

मेरे फैन्स काफी हैं और मैं उन्हें मेरे बारें में अच्छा फील करवाना चाहता हूं. ये मेरा दायित्व है कि मैं अच्छी फिल्म करूं. मेरे माता-पिता मेरे काम से गर्वित हैं और मेरी इच्छा है कि मेरी पत्नी भी मेरे काम से गर्व महसूस करें. इसलिए मैं हर फिल्म को सोच समझकर करना चाहता हूं. इसी तरह से मैं अपने स्टारडम को एन्जाय करता हूं. मैंने हमेशा अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन देने की कोशिश की है. मेरी कामयाबी में उनका भी बहुत बड़ा हाथ है.

आप किसी कहानी को किस तरह से चुनते हैं?

मेरी सोच पहले से काफी बदल चुकी है. पहले मुझे काम की अधिक जरुरत थी, ताकि मैं अपने आप को सिद्ध कर सकूं. अभी मैं ऐसे मुकाम पर पहुंच चुका हूं कि पसंद न आने पर किसी कहानी को ‘ना’ कह सकूं. मैं अभी कहानी को अधिक महत्व देता हूं, क्योंकि फिल्म की कहानी पर उसकी सफलता निर्भर करती है. समय के साथ-साथ आप सही कहानी के बारें में समझ सकते हैं.

दीपिका और आपकी जोड़ी को दर्शकों ने काफी पसंद किया है, क्या आप दोनों साथ में पर्दे पर आयेंगे?

मैं दीपिका के काम को बहुत पसंद करता हूं और अगर कोई अच्छी कहानी मिले, जो दोनों को सपोर्ट करती है, तो अवश्य करना चाहूंगा.

दीपिका ने डिप्रेशन में फंसे लोगों को ठीक करने के लिए काम करना शुरू किया है, क्या आप ऐसे किसी सामाजिक काम से जुड़ना पसंद करेंगे?

मैं जल्दी ही इस बारें में बताऊंगा, क्योंकि उस विषय पर बात चल रही है, लेकिन मैं अभी दीपिका के काम की प्रसंशा करता हूं.

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