मुझे कभी-कभी वैजाइनल ब्लीडिंग होती है, ये खतरे की बात तो नहीं है

सवाल

मैं 32 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मुझे 2 माहवारी के बीच भी कभीकभी वैजाइनल ब्लीडिंग होती है. कहीं कोई खतरे की बात तो नहीं?

जवाब

वैजाइना से ब्लीडिंग केवल माहवारी के दौरान ही होनी चाहिए. 2 माहवारी के बीच ब्लीडिंग होना किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है. आप तुरंत किसी अच्छे डाक्टर को दिखाएं, जरूरी जांच कराएं और उपचार शुरू करें. मेनोपौज के बाद, 2 माहवारी के बीच या शारीरिक संबंध बनाने के बाद अगर ब्लीडिंग हो तो महिलाओं को इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि ऐसा होना असामान्य ब्लीडिंग की श्रेणी में आता है जो कैंसर का एक सामान्य लक्षण है.

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मेरी मां को ओवेरियन कैंसर था. जांच कराने पर पता चला कि मेरे शरीर में बीआरसीए जीन मौजूद हैं. मेरा परिवार पूरा हो गया है. क्या मैं अपनी ओवरीज निकलवा सकती हूं ताकि ओवेरियन कैंसर का खतरा खत्म हो जाए?

जवाब

ओवरी निकालने की सर्जरी यानी ऊफोरेक्टोमी किसी महिला के एक या दोनों तरफ के अंडाशयों को हटाने के लिए की गई एक सर्जिकल प्रक्रिया है. डाक्टर कई मामलों में ऊफोरेक्टोमी की सलाह देते हैं. जैसे जब एक महिला में बीआरसीए जीन मौजूद होता है जो स्तन और ओवरी के कैंसर के होने के लिए सब से आम उत्तरदायी जीन है. ऐसे मामलों में महिला के अंडाशय हटाने से उसे कैंसर होने के खतरे को कम किया जा सकता है. आप का परिवार पूरा हो चुका है और आप में बीआरसीए जीन भी मौजूद हैं तो आप को यह सर्जरी करा लेनी चाहिए. इस सर्जरी के बाद ओवेरियन कैंसर का खतरा 95त्न तक कम हो जाता है.

समस्याओं के समाधान ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर, डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा      

पाठक अपनी समस्याएं इस पते पर भेजें : गृहशोभा, ई-8, रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली-110055.

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मेरे गले में काफी खिचखिच रहती है, इस समस्या से कैसे छुटकारा मिलेगा

सवाल

मेरी उम्र 20 साल है. मेरे गले में अकसर खिचखिच की समस्या रहती है, जिस के कारण कई बार बोलतेबोलते अटक जाती हूं. ठंडी चीजों से दूर रहने के बाद भी यह समस्या दूर नहीं हो रही. बताएं क्या करूं?

जवाब

गले में खिचखिच की समस्या कई बार मौसम में बदलाव के कारण होती है और कई बार बैक्टीरिया और वायरस के कारण भी हो सकती है. यदि आप को अकसर यह समस्या बनी रहती है तो इस का मतलब है कि आप को विशेष ऐलर्जी है जिस का कारण बैक्टीरिया और वायरस हैं. इस स्थिति में आप को साफसफाई रखने की जरूरत है. खाना खाने से पहले हाथ जरूर धोएं और किसी का जूठा बिलकुल न खाएं. कब और किन चीजों को खाने के बाद यह समस्या होती है. यह जान कर उन्हें न खाएं. बाहर निकलने पर मास्क अवश्य पहनें. रोज कुनकुने पानी से कुल्ला करें. यदि समस्या गंभीर है तो डाक्टर से संपर्क कर इलाज करवाएं.

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मेरी उम्र 28 साल है. सर्दीजुकाम मेरा पीछा नहीं छोड़ता. एक बार जुकाम हो गया तो वह जल्दी ठीक नहीं होता है और ठीक हो भी जाए तो कुछ दिनों बाद फिर हो जाता है. बताएं क्या करूं?

जवाब

मौसम में बदलाव के साथ सर्दीजुकाम होना आम समस्या है, लेकिन यह समस्या आए दिन परेशान करने लगे तो इसे नजर अंदाज न करें. यदि बारबार जुकाम हो रहा है तो इस के कई कारण हो सकते हैं जैसे तनाव, उचित ट्रीटमैंट न लेना, गलत खानपान, पूरापूरा दिन फील्ड में काम करना और साफसफाई न रखना. आप को डाक्टर से इलाज कराने की जरूरत है. इलाज के साथ तनाव भी कम करें. कम तनाव से इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है, जिस से शरीर स्वस्थ रहता है. खानपान पर भी ध्यान दें. ठंडी चीजों से दूर रहें. रोज सुबहशाम कुनकुने पानी से दोनों नथुनों की सफाई करें. इस से बैक्टीरिया दूर रहेंगे और आप को जुकाम की समस्या से राहत मिलेगी.

समस्याओं के समाधान ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर, डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा      

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सर्दियों में मेरे कान सुन्न हो जाते हैं, इससे बचने के उपाय बताएं

सवाल

ठंड के मौसम में मेरे कान सुन्न पड़ जाते हैं, जिस से सुनने में दिक्कत होती है और दर्द भी होता है. बताएं ऐसा क्यों होता है और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है?
जवाब

ठंड के मौसम में सर्दीजुकाम होना आम बात है. जुकाम में मरीजों की नाक बहती है. इस के कारण नाक से कान के बीच स्थित यूस्टेकियन ट्यूब में नाक से पानी चला जाता है. इस पानी के कारण मिडल इयर में संक्रमण हो जाता है. कई बार कफ के कारण ट्यूब ब्लौक हो जाती है. इस से कान का संक्रमण होने के साथ ही मरीज की सुनने की क्षमता भी कम हो जाती है. कानों में दर्द, भारीपन, मवाद, बुखार, कानों का बहना आदि सब इसी के लक्षण हैं. इस समस्या से बचने के लिए साफसफाई रखनी जरूरी है. आप को ज्यादा सर्दीजुकाम न हो इसलिए इस से पीडि़त लोगों से भी दूरी बनाएं. दूध में चीनी के बजाय 1 चम्मच शहद और 3 चम्मच अदरक का रस मिला कर पीएं समस्या गंभीर है तो डाक्टर से मिलें.

समस्याओं के समाधान ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर, डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा      

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मेरी सास बातबेबात टोकाटाकी करती हैं, मुझे कोई उपाय बताएं

सवाल

मैं 23 वर्षीय नवविवाहिता हूं. शादी के बाद ढेरों सपने संजोए मायके से ससुराल आई, मगर ससुराल का माहौल मुझे जरा भी पसंद नहीं आ रहा. मेरी सास बातबेबात टोकाटाकी करती रहती हैं और कब खुश और कब नाराज हो जाएं, मैं समझ ही नहीं पाती. वे अकसर मुझ से कहती रहती हैं कि अब तुम शादीशुदा हो और तुम्हें उसी के अनुरूप रहना चाहिए. मन बहुत दुखी है. मैं क्या करूं, कृपया सलाह दें?

जवाब

अगर आप की सास का मूड पलपल में बनताबिगड़ता रहता है, तो सब से पहले आप को उन्हें समझने की कोशिश करनी होगी. खुद को कोसते रहना और सास को गलत समझने की भूल आप को नहीं करनी चाहिए. घरगृहस्थी के दबाव में हो सकता है कि वे कभीकभी आप पर अपना गुस्सा उतार देती हों, मगर इस का मतलब यह कतई नहीं हो सकता कि उन का प्यार और स्नेह आप के लिए कम है.
दूसरा, अपनी हर समस्या के समाधान और अपनी हर मांग पूरी कराने के लिए आप ने शादी की है, यह सोचना व्यर्थ होगा. किसी बात के लिए मना कर देने से यह जरूरी तो नहीं कि वे आप की बेइज्जती करती हैं.
आज की सास आधुनिक खयालात वाली और घरगृहस्थी को स्मार्ट तरीके से चलाने की कूवत रखती हैं. एक बहू को बेटी बना कर तराशने का काम सास ही करती हैं. जाहिर है, घरपरिवार को कुशलता से चलाने और उन्हें समझने के लिए आप की सास आप को अभी से तैयार कर रही हों.
बेहतर यही होगा कि आप एक बहू नहीं बेटी बन कर रहें. सास के साथ अधिक से अधिक समय रहें, साथ घूमने जाएं, शौपिंग करने जाएं. जब आप की सास को यकीन हो जाएगा कि अब आप घरगृहस्थी संभाल सकती हैं तो वे घर की चाबी आप को सौंप निश्चिंत हो जाएंगी.

मेरे कानों में दर्द रहता है, मुझे बताएं इस समस्या से कैसे छुटकारा पाऊं?

सवाल

मैं 25 साल का कामकाजी युवक हूं. मेरे कानों में अकसर दर्द बना रहता है. कई बार कानों में खड़खड़ की आवाजें भी आती हैं. बताएं इस समस्या से कैसे छुटकारा पाऊं?

जवाब

जिन लोगों की त्वचा बहुत तेलीय होती है, उन के कानों मे वैक्स ज्यादा जमा होता है. सफाई के बाद यह फिर से जमने लगता है. ज्यादा समय तक वैक्स की सफाई नहीं करने पर वह धीरेधीरे संख्त होने लगता है, जिस से दर्द की समस्य होती है. आप की समस्या से यह साफ है कि आप के कानों में वैक्स जमा हो गया है. सख्त वैक्स के कारण ही कानों में सनसनाहट (बंद होने का अनुभव) होती है और खड़खड़ की आवाजें आती हैं. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए डाक्टर से संपर्क करें. इसे खुद निकालने की कोशिश बिलकुल न करें.

मुझे टौंसिल हो गए है ऐसे में मुझे कोई उपाय बताएं

सवाल

मुझे टौंसिल की समस्या है. मेरे टौंसिल में बारबार इन्फैक्शन हो जाता है, जिस के कारण मुझे निगलने में बहुत समस्या होती है और बुखार भी हो जाता है. टौंसिल के कारण कानों के पास भी दर्द होता है. डाक्टर ने मुझे औपरेशन की सलह दी, लेकिन मैं औपरेशन नहीं करवाना चाहती हूं. मुझे बताएं कि बिना औपरेशन कराए टौंसिल से कैसे छुटकारा पाया जाए.?

जवाब

टौंसिल अकसर आयोडीन की कमी, ठंडागरम का एकसाथ सेवन, बहुत ज्यादा ठंडा, ज्यादा तैलीय और मसालेदार खाना या सर्दीजुकाम के कारण होते हैं. यदि आप इन चीजों पर ध्यान दे रही हैं तो आज से ही बताई गई चीजों का पालन शुरू कर दें. हालांकि टौंसिल से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहती हैं तो औपरेशन करवाना ही पड़ेगा. बिना औपरेशन के टौंसिल को सिर्फ कुछ वक्त के लिए रोका जा सकता है या जल्दी ठीक किया जा सकता है. टौंसिल के दौरान हलदी एक दवा का काम करती है. हर दिन हलदी वाला कुनकुना दूध पीएं. हलदी को टौंसिल की जगह लगा कर मुंह बंद कर बैठ जाएं. हलदी धीरेधीरे गले से नीचे उतरने लगेगी. इस से आप को राहत मिलेगी. रोज दिन में 2 बार कुनकुने पानी में नमक डाल कर गरारे करें. चाय की पत्ती भी टौंसिल से छुटकारा पाने में मदद करती है. इसलिए चायपत्ती को पानी के साथ उबाल कर छान लें. उस पानी से गरारे करें, आराम मिलेगा. घरेलू नुसखों के साथ मैडिकल ट्रीटमैंट भी करवाएं. दवा और खानपान पर ध्यान दे कर टौंसिल के संक्रमण से बचा जा सकता है.

 

वैक्सिंग के बाद हाथ-पैरों पर लालनिशान पड़ जाते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

जब भी मैं वैक्स करवाती हूं तो मेरे हाथ, पैरों पर लाललाल निशान पड़ जाते हैं ? इस समस्या के कारण अब मैं वैक्स करवाने से भी डरने लगी हूँ. आप ही कोई समाधान बताएं?

जवाब

आपका डरना बिलकुल जायज है. क्योंकि जिस वैक्स का इस्तेमाल आप अपने हाथपैरों को क्लीन करने के लिए करती हैं , अगर वे आपको खूबसूरत बनाने के बजाह आपके शरीर पर दागधब्बे छोड़ दे तो आप उसका इस्तेमाल करने से पहले 10 बार सोचेंगी. लेकिन आपको बता दें कि ऐसा अकसर सेंसिटिव स्किन वाले लोगों के साथ ज्यादा होता है. जिससे स्किन पर लाललाल स्पोट्स पड़ जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वैक्स में इस्तेमाल किए गए केमिकल्स व फ्रैंगरेंस के संपर्क में जब स्किन आती है तो एलर्जी की वजह से भी स्किन पर लाललाल निशान यानि रेड बम्प्स हो जाते हैं.  कई बार स्किन पर पहले से ही इंफेक्शन होता है और फिर उस पर अगर वैक्स का इस्तेमाल किया जाता है तो उससे स्किन में और जलन व इर्रिटेशन पैदा होने के कारण ये समस्या होती है. या फिर अगर आप वैक्सिंग बहुत जल्दी जल्दी करवाती हैं तो उससे अंडररुट बालों को जड़ से निकालने के लिए जब वैक्स का इस्तेमाल किया जाता है तो उससे भी स्किन को नुकसान पहुंचता है. इसलिए कोशिश करें कि जब तक पूरी ग्रोथ न आए तब तक वैक्स न करवाएं.

अगर आपको रेड बम्प्स हो गए हैं तो उससे कैसे निबटें – 

– अगर आपको वैक्स करवाने के बाद हाथपैरों पर जलन महसूस हो रही है तो तुरंत ही बर्फ या ठंडा पानी अप्लाई करें. इससे जलन, सूजन व इर्रिटेशन को कम होने में मदद मिलेगी.

– एलोवीरा जैल इस प्रोब्लम के लिए बेस्ट माना जाता है. क्योंकि इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज होने के कारण ये स्किन की जलन को कम करके स्किन को नौरिश करने का काम करता है.

– अगर वैक्स करवाने के बाद आपकी स्किन रेड पड़ने के साथ जल रही है, तो आप उस पर टी ट्री आयल में कोकोनट आयल मिलाकर उसे प्रभावित जगह पर लगाएं. असल में इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज होती हैं , जो स्किन को स्मूद बनाने के साथ दर्द, सूजन व रेडनेस को कम करने में मददगार साबित होती हैं .

– बता दें कि एप्पल साइडर विनेगर में एंटीसेप्टिक और एस्ट्रिंजेंट प्रोपर्टीज होने के कारण ये स्किन के पीएच लेवल को बैलेंस करने के साथ जलन को कम करने का काम करता है. इसके लिए आप दोनों को बराबर मात्रा में लेकर रुई की मदद से अफेक्टेड एरिया में अप्लाई करें. फिर ड्राई होने के बाद पानी से क्लीन करें. रोजाना ऐसा करने पर आपको तुरंत सुधार नजर आने लगेगा.

– स्किन को सोफ्ट बनाने व उसकी जलन को कम करने के लिए हमेशा खुशबू रहित मोइस्चराइज़र का ही इस्तेमाल करें.

कैसी हो आपकी वैक्स 

अगर आपकी स्किन बारबार रेड हो जाती है तो आप सिर्फ सेंसिटिव स्किन के लिए ही बनी वैक्स का इस्तेमाल करें, क्योंकि इसमें नेचुरल इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल होने के साथसाथ एंटीइंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज होती हैं , जो स्किन में जलन पैदा होने से रोकती है. साथ ही स्किन को सोफ्ट व स्मूद बनाने का भी काम करती है. सेंसिटिव स्किन वालों के लिए बीन्स वैक्स, क्रीम वैक्स और लिपसोलुबल वैक्स बेस्ट रहती है. क्योंकि ये स्किन पर एकदम से गर्म नहीं लगती और सोफ्टली हेयर्स को रिमूव करने का काम करती हैं. अंडररूट्स हेयर्स को भी स्किन को नुकसान पहुंचाए बिना आसानी से  रिमूव कर देती है. इसलिए आप कोई भी वैक्स के इस्तेमाल करने से बचें. आप चाहें तो परमानेंट लेज़र ट्रीटमेंट का भी सहारा ले सकती हैं.

इन बातों का भी रखें ख्याल 

वैक्सिंग से पहले अपनी स्किन को मोइस्चराइज़ जरूर करें, क्योंकि इससे वैक्स स्किन पर आसानी से अप्लाई होकर स्किन से आसानी से हेयर्स निकल जाते हैं. इस बात का भी ध्यान रखें कि आप वैक्सिंग से पहले सैलिसिलिक एसिड वाले प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें. क्योंकि ये स्किन को पतला बनाने का काम करते हैं , जिससे आपकी स्किन जल्दी हर्ट हो सकती है.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

क्या प्राइवेट पार्ट की स्किन ढीली हो जाती है?

सवाल

मैं 24 साल की युवती हूं. 3-4 महीने बाद मेरी शादी होने वाली है. मैं ने अभी तक किसी के साथ सैक्स संबंध नहीं बनाए पर नियमित मास्टरबेशन करती हूं. मुझे लगता है कि इस से प्राइवेट पार्ट की स्किन ढीली हो गई है. इस वजह से बहुत तनाव में रह रही हूं. मैं क्या करूं?

जवाब

जिस तरह सैक्स करने से प्राइवेट पार्ट की स्किन लूज नहीं होती, उसी तरह मास्टरबेशन से भी स्किन पर कोई फर्क नहीं पड़ता और वह ढीली भी नहीं होती है. यह आप का एक भ्रम है. हकीकत तो यह है कि किसी अंग के कम उपयोग से ही उस में शिथिलता आती है न कि नियमित उपयोग से. आप अपनी शादी की तैयारियां जोरशोर से करें और मन में व्याप्त भय को पूरी तरह निकाल दें. आप की वैवाहिक जिंदगी पर इस का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा.

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मैं 25 वर्षीय शादीशुदा महिला हूं. ससुराल और मायका आसपास ही है. इस वजह से मेरी मां और अन्य रिश्तेदार अकसर ससुराल आतेजाते रहते हैं. पति को कोई आपत्ति नहीं है पर मेरी सास को यह पसंद नहीं. वे कहती हैं कि तुम अपनी मां से बात करो कि वे कभीकभी मिलने आया करें. हालांकि ससुराल में मेरे मायके के लोगों का पूरा ध्यान रखा जाता है, मानसम्मान में कमी नहीं है मगर सास का मानना है कि रिश्तेदारी में दूरी रखने से संबंध में नयापन रहता है. इस वजह से घर में क्लेश भी होता है पर मैं अपनी मां से कहूं तो क्या कहूं? एक बेटी होने के नाते मैं उन का दिल नहीं दुखाना चाहती. कृपया उचित सलाह दें?

जवाब

आप की सास का कहना सही है. रिश्ते दिल से निभाएं पर उन में उचित दूरी जरूरी है. इस से रिश्ता लंबा चलता है और संबंधों में गरमाहट भी बनी रहती है.अधिकांश मामलों में देखा गया है कि जब बेटी का ससुराल नजदीक होता है तब उस के मायके के रिश्तेदारों का बराबर ससुराल में आनाजाना होता है और वे अकसर पारिवारिक मामलों में दखलंदाजी करते हैं. इस से बेटी का बसाबसाया घर भी उजाड़ जाता है.भले ही हरेक सुखदुख में एकदूसरे का साथ निभाएं पर रिश्तों में दूरियां जरूर रखें. इस से सभी के दिलों में प्रेम व रिश्तों की मिठास बनी रहती है.आप अपनी मां से इस बारे में खुल कर बात करें. वे आप की मां हैं और यह कभी नहीं चाहेंगी कि इस वजह से घर में क्लेश हो. हां, एक बेटी होने का दायित्व भी आप को निभाना होगा और इसलिए एक निश्चित तिथि या अवकाश के दिन आप खुद भी मायके जा कर उन का हालचाल लेती रहें.आप उन से फोन पर भी नियमित संपर्क में रहें, मायकेवालों के सुखदुख में शामिल रहें. यकीनन, इस से घर में क्लेश खत्म हो जाएगा और रिश्तों में मिठास भी बनी रहेगी.

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मेरी पीठ में तेज दर्द होता है कृपया मुझे इस का कारण और समाधान बताएं?

सवाल

मेरी उम्र 60 साल है. पिछले महीने स्ट्रोक के कारण मैं जमीन पर सीने के बल गिर पड़ा, जिस के बाद मेरे सीने और रीढ़ में असहनीय दर्द उठा था. हालांकि एक अच्छे अस्पताल में इलाज कराया गया, लेकिन इलाज के बाद भी मेरी पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द हो रहा है, जिस के कारण न तो मैं बैठ कर खापी रहा हूं और न ही करवट बदल पा रहा हूं. कृपया मुझे इस का कारण और समाधान बताएं?

जवाब

आप के इस दर्द का कारण आर्थ्राइटिस या पुराने इलाज की कोई गलती हो सकती है. आप ने जिस अस्पताल में इलाज कराया है उन्हें इस समस्या की जानकारी दें. अस्पताल में आप की पीठ की एमआरआई की जाएगी. उस से दर्द का कारण पता चल जाएगा. कारण के अनुसार आप का उचित इलाज किया जाएगा. चूंकि आप को स्ट्रोक की समस्या थी और उम्र भी ज्यादा है, इसलिए किसी भी प्रकार के दर्द को हलके में न लें. समस्या हलकी होने पर सिर्फ मैडिकेशन से काम बन जाएगा. अनदेखा करने पर यह दर्द वक्त के साथ गंभीर हो सकता है. इसलिए बिना देर किए इस की जांच कराएं.

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मेरी उम्र 70 साल है. मेरे जोड़ों में अकसर दर्द बना रहता है. इलाज चल रहा है, लेकिन कोई खास फायदा नहीं मिल रहा है. परिवार वालों का कहना है कि इस उम्र में तो दर्द होना आम बात है, लेकिन मेरे लिए यह दर्द बरदाश्त करना मुश्किल हो रहा है. क्या इस से छुटकारा पाने का कोई और तरीका है?

जवाब

इस उम्र में शरीर कई बीमारियों की चपेट में आने लगता है. इस उम्र में दर्द की शिकायत सभी को होने लगती है लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि इस से छुटकारा नहीं पाया जा सकता है. आप ने बताया कि आप का इलाज चल रहा है. हर इलाज की एक प्रक्रिया होती है, जिस का असर होने में समय लगता है. हालांकि आज दर्द से नजात पाने के कई नौन इनवेसिव विकल्प मौजूद हैं, जैसेकि रेडियोफ्रीक्वैंसी ट्रीटमैंट, जौइंट रिप्लेसमैंट, रीजैनरेटिव मैडिसिन आदि. अपने डाक्टर से सलाह कर जरूरत के अनुसार उचित विकल्प का चुनाव कर सकती हैं. इस के साथ ही अपनी जीवनशैली और आहार में सुधार करें. अच्छा खाना खाएं, व्यायाम करें, हफ्ते में 2 बार जोड़ों की मालिश कराएं, शराब और धूम्रपान से दूर रहें, नियमित रूप से जोड़ों की जांच कराएं.

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मेरे कंधों में अचानक से दर्द होने लगता है, कोई उपाय बताएं?

सवाल

मेरी उम्र 35 साल है. पिछले कुछ दिनों से मेरे कंधों में अचानक दर्द होने लगता है. मुझे दवाइयां खाना बिलकुल पसंद नहीं है. कृपया इस से छुटकारा पाने का कोई और उपाय बताएं?

जवाब

समय बदल चुका है और साथ ही लोगों की जीवनशैली भी, जिस के कारण युवा और कम उम्र के व्यस्क भी शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द से परेशान होने लगे हैं. वहीं अधिकतर लोग इस दर्द को अनदेखा करते रहते हैं, जो वक्त के साथ समस्या को गंभीर करता रहता है. यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि इलाज से बेहतर बीमारी की रोकथाम है. जी हां, यदि आप रोकथाम के तरीके अपनाएं तो बीमारी आप को छू भी नहीं पाएगी. बढ़ती उम्र के साथ बढ़ते दर्द से बचने के लिए एक स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली का पालन करें. स्वस्थ आहार का सेवन करें, शराब और धूम्रपान से दूर रहें, रोजाना ऐक्सरसाइज के लिए समय निकालें, तनाव से दूर रहें, वजन को नियंत्रण में रखें. ऐसा करने से आप एक लंबी उम्र तक स्वस्थ शरीर पा सकते हैं.

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मेरी उम्र 65 साल है. 2010 में मेरी पीठ और पैर में तेज दर्द उठा था. इलाज के लिए रीढ़ की 5 बार सर्जरी की गई. हालांकि सर्जरी की मदद से मुझे पैर के दर्द से राहत तो मिल गई है लेकिन पीठ दर्द अभी भी परेशान करता है. यहां तक कि मेरा उठनाबैठना तक दूभर हो गया है. कृपया इस का इलाज बताएं?

जवाब

सही इलाज के लिए समस्या का कारण पता होना जरूरी है. इसलिए सब से पहले इस की जांच कराएं. रेडियोफ्रीक्वैंसी एब्लेशन आरएफए, रीढ़ के जोड़ों में होने वाली दर्द से छुटकारा पाने के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है. दिल्ली में ऐसे कई अस्पताल हैं, जहां इस तकनीक का उपयोग किया जाता है. इस इलाज की मदद से आप को 18 से 24 महीनों के लिए दर्द से पूरी तरह से राहत मिल जाएगी. रीढ़ की जिन नसों में दर्द होता है उन के पास खास प्रकार की सूइयां लगाई जाती हैं. खास उपकरणों की मदद से रेडियो तरंगों द्वारा निकले करंट का उपयोग कर के इन नसों के पास एक छोटे हिस्से को गरमाहट दी जाती है. यह नसों से मस्तिष्क तक जाने वाले दर्द को कम करता है, जिस से आप को दर्द से राहत मिल जाएगी. इस इलाज के कई फायदे हैं जैसेकि आप को अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिल जाएगी, तेज रिकवरी होगी और कामकाज भी तुरंत शुरू कर पाएंगी.

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