मैं अपनी मौसी के लड़के से शादी करना चाहती हूं, क्या यह शादी संभव है?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 18 वर्षीय युवती हूं और अपनी मौसी के लड़के से पिछले 3 वर्षों से प्यार करती हूं. हम एकदूसरे के बिना रह नहीं सकते, इसलिए मैं उस से शादी करना चाहती हूं. मैं जानना चाहती हूं कि क्या यह शादी संभव है और यदि हम दोनों शादी कर लेते हैं तो इस में कोई बुराई तो नहीं है?

जवाब

आप की उम्र अभी बहुत कम है और आप पिछले 3 वर्षों यानी किशोरावस्था से प्यार का दम भर रही हैं. जिसे आप प्यार समझ रही हैं वह प्यार नहीं सिर्फ यौनाकर्षण है. इस उम्र में अपोजिट सैक्स के प्रति आकर्षण होना स्वाभाविक होता है और यह जितनी तेजी से चढ़ता है उसी वेग से उतर भी जाता है. अत: आप इस भ्रम को मन से निकाल दें.

इस के अलावा शादीब्याह के लिए सोचने की अभी आप की उम्र नहीं है. यह जिम्मेदारी बड़ों पर छोड़ दें. अभी मौजमस्ती करें और अपने कैरियर के बारे में सोचें.

ये भी पढ़ें- 

राहुल के पेरैंट्स को उस समय गहरा सदमा लगा जब उन्हें पता चला कि उन के बेटे का लिवर खराब हो चुका है. उन्होंने 2 साल पहले राहुल को इंजीनियरिंग पढ़ने के लिए बेंगलुरु भेजा था. अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा वे अपने लाड़ले की पढ़ाई पर खर्च कर रहे थे. उन्हें भरोसा था कि पढ़लिख कर राहुल का कैरियर संवर जाएगा. बेटे से मिलने जब वे बेंगलुरु पहुंचे तो डाक्टरों ने बताया कि काफी ज्यादा नशा लेने की वजह से राहुल का लिवर खराब हो गया है. यह सुन कर उन्हें झटका लगा. पढ़ने के बजाय राहुल नशाखोरी करता रहा. सिर पीटने के अलावा उन के पास कोई चारा न था.  इस तरह के ढेरो वाकए हैं कि जब मातापिता बेटे को पढ़नेलिखने के लिए बाहर भेजते हैं और बेटा नशे के जाल में फंस कर अपनी जिंदगी व कैरियर चौपट कर लेता है.

पटना के एक बैंक अधिकारी हीरा सिन्हा के साथ कुछ ऐसा ही हादसा हुआ. 4 साल पहले उन्होंने बड़े ही जतन से अपने इकलौते बेटे रौशन को मैडिकल की कोचिंग के लिए दिल्ली भेजा था.  वे हर महीने बेटे के बैंक अकाउंट में 10 हजार रुपए डाल देते और निश्ंिचत थे कि उन का बेटा मैडिकल की जम कर तैयारी कर रहा है. एक दिन उन के पास पुलिस का फोन आया कि उन के बेटे ने खुदकुशी कर ली है. दिल्ली पहुंचे तो पता चला कि शुरुआत में एक महीना कोचिंग करने के बाद वह कभी कोचिंग करने गया ही नहीं. शराब और ड्रग्स की चपेट में फंस कर उस ने अपनी जिंदगी ही खत्म कर ली.

स्कूल, कालेज और कोचिंग क्लासेज करने वाले काफी ज्यादा बच्चे नशे के शिकार बन रहे हैं. जब नशे की वजह से किसी गंभीर और खतरनाक बीमारी की चपेट में आ जाते हैं तो उन्हें पता चलता है कि नशे ने उन का क्या बरबाद कर के रख दिया. ग्लानि और मातापिता के डर से कई खुदकुशी कर लेते हैं तो कईर् बीमारी का इलाज करातेकराते ही अपने जीवन का सुनहरा दौर खत्म कर लेते हैं.  रमेश कदम पटना में सैंकंड ईयर इंजीनियरिंग का स्टूडैंट है. पढ़ाई के दौरान ही उस की संगति नशेडि़यों से हो गई और शराब पीने की लत लग गई. उस की आंखें हमेशा लाल और चढ़ीचढ़ी रहने लगीं और वह बातबात पर चिड़चिड़ाने व झल्लाने लगा. घर वाले उसे डाक्टर के पास ले गए तो डाक्टर ने बताया कि रमेश नशे का आदी है. डाक्टर ने कहा कि नशामुक्ति केंद्र में डाल कर उस का इलाज कराएं.

बच्चे के रोज की दिनचर्या और उस की बदल रही गतिविधियों पर मातापिता को नजर रखनी चाहिए. बच्चे के रंगढंग में बदलाव दिखने पर सतर्क हो जाना चाहिए. नशा या किसी भी गलत काम करने वाला लड़का दिन या शाम में कोई खास समय पर घर से गायब होने लगता है. वह पढ़ाई करने, दोस्तों से नोट्स लेने, टीचर के पास जाने, दोस्तों द्वारा पार्टी देने आदि का बहाना बना कर रोज घर से निकलने लगेगा.  रोजरोज ऐसे बहाने बना कर बच्चा बाहर जाने की कोशिश करे तो शुरू में ही उसे समझाबुझा कर या हलकी डांटफटकार लगा कर पढ़ाई के लिए बैठने को कहें.  आखिर पढ़ाईलिखाई की उम्र में बच्चे कैसे और क्यों नशे के जाल में फंस जाते हैं? बच्चों के प्रति मातापिता और परिवार का ध्यान न देना इस की सब से बड़ी वजह है. ज्यादातर मातापिता बच्चों को किताब, कपड़े, मोबाइल, कंप्यूटर, रुपया दे कर अपनी जिम्मेदारी का खत्म होना समझ लेते हैं. जबकि उन्हें चाहिए कि रोज बच्चों के साथ बैठ कर पढ़ाई, टीचर, दोस्तों और उन के शौक के बारे में उन से बातें करें.

इस से बच्चा मातापिता और परिवार वालों से घुलामिला रहेगा. कभीकभार अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों के साथ मार्केटिंग, फिल्म देखने, डीवीडी लेने, पार्कों में घूमने भी जाएं, ताकि मनोरंजन के लिए उसे गलत रास्ता न अपनाना पड़े.  नशामुक्ति केंद्र में 6 माह तक इलाज करवा कर नशे से तोबा करने वाला रवि बताता है कि ग्रुप प्रैशर यानी दोस्तों के दबाव में उस ने शराब पीनी शुरू की. दोस्त उसे शराब पीने को कहते और वह मना करता तो उस की खिल्ली उड़ाई जाती. दूधपीता बच्चा, नामर्द, बबुआ और न जाने क्याक्या कहा जाता. इस से आजिज हो कर एक दिन शराब पी ली और फिर उस में ऐसा डूबा कि फिर निकलना मुश्किल हो गया.  मातापिता से आसानी से रुपया मिल जाना, कदमकदम पर आसानी से शराब, गुटखा, गांजा व नशे का अन्य सामान मिल जाना, पश्चिमी शैली की नकल, समाज में बढ़ता खुलापन, तनाव, अवसाद आदि वजहों से भी युवा नशे की गिरफ्त में फंसते हैं.

कम आयु में ही बच्चों को नशे की लत लगने से उन का जीवन, कैरियर, शरीर, परिवार और समाज पर काफी बुरा असर होता है. जिस आयु में उन्हें खुद को और परिवार व समाज को बनानेसंवारने का समय होता है, उस में नशाबाजी कर वे सब चौपट कर लेते हैं. सो, मातापिता को बच्चों के प्रति सतर्क होने की जरूरत है.

चेत जाएं मातापिता जब…

बच्चा बेसमय या किसी खास समय पर घर से रोज निकलने लगे.

अलमारी, दराज या आप के पौकेट से रुपए गायब होने लगें.

बच्चों की आंखें लाल और सूजी लगने लगें.

उलटी करें और नींद न आने की बात करें.

घर से कीमती सामान गायब होने लगें.

बाथरूम में ज्यादा समय गुजारें.

बच्चे सुबह देर से जगें.

परिवार के सदस्यों से दूरी बनाने लगें.

चिड़चिड़े और गुस्सैल हो जाएं.

खांसी का दौरा पड़ने लगे.

झूठ बोलने की आदत पड़ जाए.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर 8588843415 पर  भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- sampadak@delhipress.biz सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

क्या मोटापे के कारण प्रैग्नेंसी में प्रौब्लम आ सकती है?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

मैं 28 वर्षीय घरेलू महिला हूं. मेरी लंबाई 5 फुट 4 इंच और वजन 85 किलोग्राम है. मैं और मेरे पति फैमिली प्लान करना चाहते हैं. क्या मोटापे के कारण गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं होने का खतरा बढ़ जाता है?

जवाब-

यह बात बिलकुल सही है कि मोटापे के कारण गर्भावस्था और प्रसव के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. आप गर्भावस्था के दौरान वजन नहीं घटा सकतीं न ही आप को प्रयास करना चाहिए. अगर आप का वजन अधिक है या आप मोटी हैं तो आप को कम से कम 1 साल पहले अपनी प्रैगनैंसी प्लान करना चाहिए ताकि गर्भावस्था तथा प्रसव के दौरान जटिलताएं न हों और आप एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकें. नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करें, प्रतिदिन 100-200 कैलोरी का इनटेक कम कर दें, इस से 1 वर्ष में आप बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के 5 से 10 किलोग्राम तक वजन कम कर लेंगी. अगर कोई महिला मोटापे से छुटकारा पाने के लिए वेट लौस सर्जरी करना चाहती है, तो यह जरूरी सुझाव है कि इसे गर्भधारण की योजना बनाने से कम से कम 18 महीने पहले कराएं.

ये भी पढ़ें- 

गर्भधारण करना किसी भी महिला के लिए सब से बड़ी खुशी की बात और शानदार अनुभव होता है. जब आप गर्भवती होती हैं, तो उस दौरान किए जाने वाले प्रीनेटल टैस्ट आप को आप के व गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देते हैं. इस से ऐसी किसी भी समस्या का पता लगाने में मदद मिलती है, जिस से शिशु के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है जैसे संक्रमण, जन्मजात विकार या कोई जैनेटिक बीमारी. ये नतीजे आप को शिशु के जन्म के पहले ही स्वास्थ्य संबंधी फैसले लेने में मदद करते हैं.

यों तो प्रीनेटल टैस्ट बेहद मददगार साबित होते हैं, लेकिन यह जानना भी महत्त्वपूर्ण है कि उन के परिणामों की व्याख्या कैसे करनी है. पौजिटिव टैस्ट का हमेशा यह मतलब नहीं होता है कि आप के शिशु को कोई जन्मजात विकार होगा. आप टैस्ट के नतीजों के बारे में अपने डाक्टर से बात करें और उन्हें समझें. आप को यह भी पता होना चाहिए कि नतीजे मिलने के बाद आप को सब से पहले क्या करना है.

डाक्टर सभी गर्भवती महिलाओं को प्रीनेटल टैस्ट कराने की सलाह देते हैं. कुछ महिलाओं के मामले में ही जैनेटिक समस्याओं की जांच के लिए अन्य स्क्रीनिंग टैस्ट कराने की जरूरत पड़ती है.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर 8588843415 पर  भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- sampadak@delhipress.biz सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मैं पड़ोस में रहने वाली लड़की को पसंद करता हूं, उसे आई लव यू कैसे कहूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 12वीं कक्षा का छात्र हूं और एक लड़की से बहुत प्यार करता हूं, वह मेरे पड़ोस में ही रहती है. मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि उसे आई लव यू कैसे कहूं? मेरी सहायता करें?

जवाब

वाह भई, आप ने तो पड़ोसिन पर ही नजर गढ़ा ली. खैर, वैसे तो अभी आप को नयनमटक्का की सलाह नहीं दी जा सकती, क्योंकि यह उम्र आप की कैरियर बनाने की है. पर अब आप ने पड़ोसिन पर नजर गढ़ा ही ली है तो आप को बता दें कि उस से अकसर आप की बातचीत भी होती ही होगी और उस के घर आनाजाना भी होता होगा. आप उस के मम्मीपापा से हायहैलो भी करते होंगे. ऐसे में प्रेम की बात आप की परेशानी बढ़ा सकती है.

फिर भी मिलते रहिए, बातचीत में हंसतेहंसाते, आपसी लेनदेन बढ़ाते हुए नजदीकियां बढ़ाइए और उचित समय आने पर आई लव यू भी कह डालिए. हां, यह जरूर जान लीजिएगा कि उधर भी प्रेम की आग है या नहीं. कहीं वह आप को सिर्फ एक पड़ोसी के तौर पर जानती हो, तो पेरैंट्स में मनमुटाव पैदा करने वाली बात भी बन सकती है.

ये भी पढ़ें…

प्यार में इजहार जरूरी

वैशाली ने एमबीए में ऐडमिशन लिया. पहले दिन जब वह कालेज गई तो अपनी ही क्लास के एक लड़के पर उस की नजर टिक गई. लड़के का नाम रोहित था, जो दिखने में काफी हैंडसम था. वैशाली ने जब से रोहित को देखा तो वह उस की दीवानी हो गई. उस ने रोहित को मन में बसा लिया, लेकिन किसी को मन की बात नहीं बताई. कालेज में कई बार उस का रोहित से आमनासामना होता पर वह प्यार का इजहार न कर पाती. एक प्रोजैक्ट के सिलसिले में दोनों को एकसाथ काम करने का मौका मिला. वैशाली ने सोचा कि इस दौरान वह अपने मन की बात उस से कह देगी, लेकिन प्रोजैक्ट पूरा होने पर भी वह अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाई. कुछ महीने बाद जब वैशाली को पता चला कि रोहित की सगाई हो रही है, तो उस के पैरों तले जमीन खिसक गई. उसे लगा वह रोहित के बगैर जी नहीं पाएगी. उसे अपनेआप से कोफ्त होने लगी कि समय रहते उस ने अपने दिल की बात रोहित के सामने बयां क्यों नहीं की?

समय के साथ वैशाली के लिए भी एक रिश्ता आया. परिजनों ने जब इस रिश्ते के लिए उस की प्रतिक्रिया पूछी, तो उस ने शादी से ही इनकार कर दिया. वैशाली की भांति अनेक युवतियां हैं जो किसी से प्यार तो कर बैठती हैं, लेकिन उस के समक्ष प्यार का इजहार नहीं कर पातीं, जिस से उन का प्यार एकतरफा हो जाता है व कभी परवान नहीं चढ़ता. एकतरफा प्यार में मिली असफलता युवतियों को निराश और कुंठाग्रस्त कर देती है. युवतियां अपने पहले प्यार को, भले ही वह एकतरफा ही क्यों न हो, ताउम्र नहीं भूल पातीं. यदि आप भी किसी को अपना दिल दे बैठी हैं और अपने प्यार के प्रति गंभीर हैं तो जल्दी से जल्दी उसे अपने दिल की बात बता दें. हो सकता है सामने वाला इस बारे में सोचेविचारे या उस नजरिए से आप को देखे. यदि उस के दिल में पहले से ही कोई लड़की होगी तो वह स्पष्ट इनकार कर देगा. इस से आप समय रहते अपने कदम पीछे खींच सकती हैं. यदि उस का अफेयर किसी से नहीं हुआ तो वह आप के बारे में गौर कर सकता है. हो सकता है वह भी आप को चाहने लगे. जब आग दोनों ओर बराबर लगी हो, तभी प्यार परवान चढ़ सकता है अन्यथा एकतरफा प्यार चाहे वह किसी भी तरफ से हो, उस का हश्र अच्छा नहीं होता.

याद रखें, आप के किसी को चाहने मात्र से बात नहीं बनती. बात तभी बनती है जब सामने वाला भी आप को उसी शिद्दत से चाहे, लेकिन यह तभी संभव है जब सामने वाले को आप के मन की बात पता हो. फिर देखिए उस का चमत्कार.

यदि आप आमनेसामने हो कर अपने प्यार का इजहार करने में संकोच करती हैं तो इस के लिए अन्य तरीके भी अपना सकती हैं, जैसे उस से मोबाइल पर बात कर सकती हैं या उसे एसएमएस भेज सकती हैं. चाहें तो किसी मध्यस्थ का सहयोग ले सकती हैं जो उस से आप को मिलवा सके. वैसे भी कालेज में बहुत से स्थान और मौके मिलते हैं जहां आप उस से अपने दिल की बात कर सकती हैं. उसे लाइब्रेरी में, कैंटीन में या किसी कौफीशौप में बुला सकती हैं. प्यार हो जाना जितना आसान है, उस का इजहार उतना ही मुश्किल. ऐसा प्राय: एकतरफा प्यार करने वालों के साथ होता है. अपने प्यार का इजहार आप कई अवसरों पर कर सकती हैं जैसे यदि गु्रप में कहीं बाहर घूमने गई हों तो कोशिश करें कि आप उस युवक के आसपास ही रहें और उसे इस बात का एहसास कराएं कि आप के लिए वह खास है

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर 8588843415 पर  भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- sampadak@delhipress.biz सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

क्या कंडोम शरीर को नुकसान पहुंचाता है?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

मेरी उम्र 30 और पत्नी की 28 साल है. हम गर्भनिरोधक के लिए सैक्स करते समय कंडोम का इस्तेमाल करते रहे हैं. लेकिन पिछले दिनों हमारे साथ एक छोटी सी दुर्घटना घट गई. सहवास के समय कंडोम योनि में ही छूट गया. तब से मेरी पत्नी शारीरिक मिलन के समय बहुत सहमी रहती है. उस की किसी सहेली ने यह कह कर उसे और डरा दिया कि योनि में छूटा कंडोम शरीर के किसी भी हिस्से में फंस सकता है. वह सांस की नली में भी जा सकता है. मुझे इस बात में दम नहीं दिखता. क्या उस का यह डर वाजिब है?

जवाब-

संरचनात्मक नजरिए से देखें तो योनि स्त्री का बाह्य जननांगीय मार्ग है. भगमुख से गर्भाशय तक फैला यह अंग बहुत कुछ एक गुफा की तरह होता है, जिस का निचला हिस्सा संकरा और ऊपर का थोड़ा फैला होता है. ऊपर आ कर यह गुफा बंद हो जाती है. फैले हुए हिस्से में सिर्फ गर्भाशय का मुंह खुलता है, जिस से शुक्राणु तो अंदर जा सकते हैं, पर कंडोम जितनी बड़ी चीज योनि में छूट भी जाए तब भी ऊपर नहीं जा सकती. अत: सैक्स के समय अगर कंडोम फिसल जाए तो वह योनि में ही रह जाएगा और उसे खुद आसानी से तुरंत निकाला जा सकता है. योनि से सांस नली तक या शरीर में कहीं और जाने का कोई संरचनात्मक रास्ता नहीं है, जो कंडोम शरीर के किसी दूसरे हिस्से में पहुंच सके या फिर वहां जा कर किसी नली में फंस सके. अत: आप अपनी पत्नी को समझाएं कि उन की यह चिंता बिलकुल निराधार है और वे अपनी सहेली को भी यह सच समझा दें ताकि उन्हें भी असलियत का पता चल सके.

 

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर 8588843415 पर  भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- sampadak@delhipress.biz सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

शादी से पहले अपने पार्टनर को करना चाहते हैं प्रपोज, तो ये हैं बैस्ट तरीके

अरेंज मैरिज हो या लव मैरिज. आप पहलें अपने पार्टनर को पूरा तरह जानने की कोशिश करते हैं जिससे कि शादी के बाद उसे समझनें में ही आधा वक्त न निकल जाए. अरेंज मैरिज की बात करे तो आप और आपकी पार्टनर दोनों ही अनजानें सफर में चल पडते है. पहलें जमाने की बात करें तो शादी से पहले मिलना भी बड़ी मुश्किल का काम था लेकिन इस जमानें में इस सफर को आसान बनानें के लिए सगाई का दौर शुरू हो गया जिससे की आप एक-दूसरें के ठीक ढंग से पहचान सकें, एक-दूसरें की आदतो, पसंद-नापसंद के बारें में जान सके. माना जाता है कि अरेंज शादी में प्यार शादी के बाद और लव मैरिज में शादी से पहले प्यार होता है.

अगर आप चाहें तो अरेंज मैरिज के शादी सें पहलें ही दोनों के बीच प्यार ला सकते है लेकिन आपकी हिचकिचाहट और ठीक ढंग आइडिया न हो पाने के कारण ज्यादा समय लग जाता है. लेकिन हम अपनी खबर में ऐसी आइडिया के बारें में बताएगें जिन्हें अपनाकर अरेंज मैरिज को भी लव में बदला जा सकता है.

1. फैमली और दोस्तों की सहायता लें

अपनें पार्टनर की पसंद-नापसंद को जानने के लिए आपकी सहायता फैमली और दोस्त ही सबसे ज्यादा कर सकते हैं. अपनें दोस्तों की मदद से अपने पार्टनर को बाहर घूमने के लिए भेजिए और आप घर के एक अच्छें से कमरें को चुन कर अपने पार्टनर की पसंद की चीजों जैसे की उसकी पसंद के फूल, कैंडल आजि से सजाए और उसके वापस आने पर उसे  डेकोरेटेड रूम में वेडिंग रिंग के साथ प्रपोज करें. जो जरुर आपसे इंप्रेस हो जाएगी.

2. पिक्चर हॅाल में

प्रपोज करने का यह तरीका अच्छा साबित हो सकता है. यह तरीका थोड़ा फिल्मी है लेकिन इससे आपकी लाइफ पार्टनर इंप्रेस हो सकती है इसके लिए आपको सही समय को चुनें और इसके लिए सही समय है कि हॅाल खाली है या फिर इंटरवल का वक्त हो या फिर आप चाहें तो थियेटर बुक करा लें. इसके बाद सबसे सामने अपनी पार्टनर से पूछें “विल यू मैरी मी”.

3. सगाई होने से पहलें करें प्रपोज

सगाई वालें दिन आपनी पार्टनर के पास जाकर उसके सामनें घुटनें के बल बैठ कर उसे प्रपोज करें यद बहुत ही रोमांटिक होगा.

4. पार्टनर के जन्मदिन पर

अगर आप लकी हुए औऱ शादी और सगाई से पहलें उसका बर्थडे पड़ रहा हा तो यह आपके लिए प्रपोज करने का अच्छा मौका है. इसके लिए उसे डेट में ले जाए या फिर उनके रूम  में बड़ा से गिफ्ट रखें और साथ में अपने हाथ से लिखा हुआ कार्ड भी रखें. जिसमें अपने हाथों से ‘हैप्पी बर्थडे माय लव, विल यू मैरी मी’ लिखकर उन्हें प्रपोज करें.

5. फैमिली डिनर पर करें प्रपोज

शादी से पहले दोनों परिवार मिलकर किसी डिनर या लंच का प्लान कर सकते हैं. खाने की टेबल पर सबको अटेंशन करते हुए पेरेंट्स को थैंक्यू कहें कि उन्होंने आपके लिए खूबसूरत और अंडरस्टैडिंग पार्टनर चुना और फिर पार्टनर के सामने शादी का प्रपोजल रखें. ये इमोशनल आइडिया केवल पार्टनर का ही नहीं, बल्कि पेरेंट्स के दिल को भी छू जाएगा.

6. वीडियो बनाकर अपनी पार्टनर को करें इंप्रेस

आजकल समय कम होने के कारण सगाई और शादी के बीच के बहुत कम समय मिलता है एक-दूसरें को जाननें का लेकिन आप इस  थोड़े से समय का सही इस्तेमाल कर सकते है. इसके लइए आप अपने पार्टनर की आदतों, नेचर, स्टाइल, जिस भी चीज के आफ दीवाने हैं इऩ बातों को लेकर उसकी तारीफ करते हुए एक वीडियों बना कर उसे एक्सप्रेस करें और साथ ही उन्हें इस वीडियो के जरिए प्रपोज करें. इस वीडियो को उनके साथ अपने फ्रेंड्स को भी शेयर करें. पार्टनर को इम्प्रेस और प्रपोज करने का ये बेहतरीन आइडिया उन्हें जरूर पसंद आएगा.

पिता ने बुआ के कहने पर हमें घर से निकाल दिया है, मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

मेरे पापा के घर में हमारी बूआ अपने बच्चों के साथ आ कर रहने लगी हैं. उन्होंने हमारे पापा को बहलाफुसला कर प्रौपर्टी के पेपर अपने नाम कर लिए हैं और हम दोनों भाईबहन को घर से निकाल दिया है. हम किराए के घर में रह रहे हैं. हम क्या करें जिस से घर हमें मिल जाए?

जवाब-

आप ने पूरी बात नहीं लिखी है कि पिता ने अपने ही बच्चों को घर से क्यों निकाल दिया. कोई कितना भी भड़काए पिता अपने बच्चों को घर से बेघर नहीं करता. आप ने अपनी मां का भी कोई जिक्र नहीं किया. क्या उन्होंने भी पिता को नहीं समझाया? आप अपने किसी सगेसंबंधी या पारिवारिक मित्र को मध्यस्थ बना कर पिता से बात कर सकते हैं. वे उन्हें समझा सकते हैं बशर्ते उस संबंधी या मित्र की बात को आप के पिता तवज्जो देते हों. यदि किसी भी तरह से बात न बने तो किसी वकील से संपर्क करें. यदि संपत्ति पुश्तैनी है, तो आप के पिता को आप का हिस्सा देना ही होगा.

ये भी पढ़ें-

बस में बहुत भीड़ थी, दम घुटा जा रहा था. मैं ने खिड़की से बाहर मुंह निकाल कर 2-3 गहरीगहरी सांसें लीं. चंद लमहे धूप की तपिश बरदाश्त की, फिर सिर को अंदर कर लिया. छोटे बच्चे ने फिर ‘पानीपानी’ की रट लगा दी. थर्मस में पानी कब का खत्म हो चुका था और इस भीड़ से गुजर कर बाहर जा कर पानी लाना बहुत मुश्किल काम था. मैं ने उस को बहुत बहलाया, डराया, धमकाया, तंग आ कर उस के फूल से गाल पर चुटकी भी ली, मगर वह न माना.

मैं ने बेबसी से इधरउधर देखा. मेरी निगाह सामने की सीट पर बैठी हुई एक अधेड़ उम्र की औरत पर पड़ी और जैसे जम कर ही रह गई, ‘इसे कहीं देखा है, कहां देखा है, कब देखा है?’

मैं अपने दिमाग पर जोर दे रही थी. उसी वक्त उस औरत ने भी मेरी तरफ देखा और उस की आंखों में जो चमक उभरी, वह साफ बता गई कि उस ने मुझे पहचान लिया है. लेकिन दूसरे ही पल वह चमक बुझ गई. औरत ने अजीब बेरुखी से अपना चेहरा दूसरी तरफ मोड़ लिया और हाथ उठा कर अपना आंचल ठीक करने लगी. ऐसा करते हुए उस के हाथ में पड़ी हुई सोने की मोटीमोटी चूडि़यां आपस में टकराईं और उन से जो झंकार निकली, उस ने गोया मेरे दिमाग के पट खोल दिए.

उन खुले पटों से चांदी की चूडि़यां टकरा रही थीं…सलीमन बूआ…सलीमन बूआ…हां, वे सलीमन बूआ ही थीं. बरसों बाद उन्हें देखा था, लेकिन फिर भी पहचान लिया था. वे बहुत बदल चुकी थीं. अगर मैं ने उन को बहुत करीब से न देखा होता तो कभी न पहचान पाती.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर 8588843415 पर  भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- sampadak@delhipress.biz सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

डिलीवरी के बाद बदलती मैरिड लाइफ, लेकिन पति का सहयोग है जरूरी

‘‘तुम क्या पहली औरत हो, जो मां बनी हो?’’

‘‘डिलीवरी के बाद तुम्हारे अंदर कितना बदलाव आ गया है, सिवा बच्चे के, तुम्हें तो और कुछ सूझता ही नहीं है.’’

‘‘लगता है, तुम्हारा बच्चा ही तुम्हारे लिए महत्त्वपूर्ण हो गया है, तभी तो मेरे पास तक आने में हिचकिचाने लगी हो.’’ इस तरह की न जाने कितनी बातें औरतें शिशु जन्म के बाद अपने पतियों से सुनती हैं, क्योंकि पति की यौन संबंध बनाने की मांग को ठुकराने की गलती उन से होती है. मगर प्रसव के बाद कुछ महीनों तक न तो औरत की यौन संबंध बनाने की इच्छा होती है, न ही डाक्टर ऐसा करने की सलाह देते हैं.

शारीरिक व मानसिक थकान

बच्चे के जन्म के बाद मानसिक व शारीरिक तौर पर एक औरत का थकना स्वाभाविक है. चूंकि प्रैग्नैंसी के 9 महीनों के दौरान उसे कई तरह के उतारचढ़ावों से गुजरना पड़ता है. बच्चे को जन्म देने के बाद भी उस के अंदर अनेक सवाल पल रहे होते हैं. कमजोरी और शिशु जन्म के साथ बढ़ती जिम्मेदारियां, रात भर जागना और दिन का शिशु के साथ उस की जरूरतें पूरी करतेकरते गुजर जाना आम बात होती है. औरत के अंदर उस समय चिड़चिड़ापन भर जाता है. नई स्थिति का सामना न कर पाने के कारण अकसर वह तनाव या डिप्रैशन का शिकार भी हो जाती है. मां बनने के बाद औरत कई कारणों की वजह से सैक्स में अरुचि दिखाती है. सब से प्रमुख कारण होता है टांकों में सूजन होना. अगर ऐसा न भी हो तो भी गर्भाशय के आसपास सूजन या दर्द कुछ समय के लिए वह महसूस करती है. थकावट का दूसरा बड़ा कारण होता है 24 घंटे शिशु की देखभाल करना, जो शारीरिक व मानसिक तौर पर थकाने वाला होता है. इसलिए जब भी वह लेटती है, उस के मन में केवल नींद पूरी करने की ही इच्छा होती है. कई औरतों की तो सैक्स की इच्छा कुछ महीनों के लिए बिलकुल ही खत्म हो जाती है.

अपने शरीर के बदले हुए आकार को ले कर भी कुछ औरतों के मन में हीनता घिर जाती है, जिस से वे यौन संबंध बनाने से कतराने लगती हैं. उन्हें लगने लगता है कि वे पहले की तरह सैक्सी नहीं रही हैं. स्टे्रच मार्क्स या बढ़ा हुआ वजन उन्हें अपने ही शरीर से प्यार करने से रोकता है. बेहतर होगा कि इस तरह की बातों को मन में लाने के बजाय जैसी हैं, उसी रूप में अपने को स्वीकारें. अगर वजन बढ़ गया है, तो ऐक्सरसाइज रूटीन अवश्य बनाएं.

दर्द होने का डर

अकसर पूछा जाता है कि अगर डिलीवरी नौर्मल हुई है, तो यौन संबंध कब से बनाने आरंभ किए जाएं? इस के लिए कोई निर्धारित नियम या अवधि नहीं है, फिर भी डिलीवरी के 11/2 महीने बाद सामान्य सैक्स लाइफ में लौटा जा सकता है. बच्चे के जन्म के बाद कई औरतें सहवास के दौरान होने वाले दर्द से घबरा कर भी इस से कतराती हैं. औरत के अंदर दोबारा यौन संबंध कायम करने की इच्छा कब जाग्रत होगी, यह इस पर भी निर्भर करता है कि उस की डिलीवरी कैसे हुई है. जिन औरतों का प्रसव फोरसेप्स की सहायता से होता है, उन्हें सैक्स के दौरान निश्चिंत रहने में अकसर लंबा समय लगता है. ऐसा ही उन औरतों के साथ होता है, जिन के योनिमार्ग में चीरा लगता है. सीजेरियन केबाद टांके भरने में समय लगता है. उस समय किसी भी तरह का दबाव दर्द का कारण बन सकता है. फोर्टिस ला फेम की गायनाकोलौजिस्ट डा. त्रिपत चौधरी कहती हैं, ‘‘प्रसव के बाद 2 से 6 हफ्तों तक सैक्स संबंध नहीं बनाने चाहिए, क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद औरत न सिर्फ अनगिनत शारीरिक परिवर्तनों से गुजरती है, वरन मानसिक व भावनात्मक बदलाव भी उस के अंदर समयसमय पर होते रहते हैं. चाहे डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से, दोनों ही स्थितियों में कुछ महीनों तक यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए. ‘‘डिलीवरी के बाद के जिन महीनों को पोस्टपार्टम पीरियड कहा जाता है, उस दौरान औरत के अंदर सैक्स संबंध बनाने की बात तक नहीं आती. प्रसव के बाद कुछ हफ्तों तक हर औरत को ब्लीडिंग होती है. ब्लीडिंग केवल रक्त के रूप में ही नहीं होती है, बल्कि कुछ अंश निकलने व डिस्चार्ज की तरह भी हो सकती है. वास्तव में यह पोस्टपार्टम ब्लीडिंग औरत के शरीर से प्रैग्नैंसी के दौरान बचे रह गए अतिरिक्त रक्त, म्यूकस व प्लासेंटा के टशू को बाहर निकालने का तरीका होती है. यह कुछ हफ्तों से ले कर महीनों तक हो सकती है.

‘‘डिलीवरी चाहे नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से औरत के योनिमार्ग में सूजन आ जाती है और टांकों को भरने में समय लगता है. अगर इस दौरान यौन संबंध बनाए जाएं तो इन्फैक्शन होने की अधिक संभावना रहती है. औरत किसी भी तरह के इन्फैक्शन का शिकार न हो जाए, इस के लिए कम से कम 6 महीनों बाद यौन संबंध बनाने की सलाह दी जाती है. योनिमार्ग या पेट में सूजन, घाव, टांकों की वजह से सहवास करने से उसे दर्द भी होता है.’’

क्या करें

अगर बच्चा सीजेरियन से होता है, तो कम से कम 6 हफ्तों बाद यौन संबंध बनाने चाहिए. लेकिन उस से पहले डाक्टर से जांच करवानी जरूरी होती है कि आप के टांके ठीक से भर रहे हैं कि नहीं और आप की औपरेशन के बाद होने वाली ब्लीडिंग रुकी कि नहीं. यह ब्लीडिंग यूट्रस के अंदर से होती है, जहां पर प्लासेंटा स्थित होता है. यह ब्लीडिंग हर गर्भवती महिला को होती है, चाहे उस की डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से. अगर डाक्टर सैक्स संबंध बनाने की इजाजत दे देते हैं, तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि टांके अगर पूरी तरह भरे नहीं हैं तो किस पोजीशन में संबंध बनाना सही रहेगा. पति साइड पोजीशन रखते हुए संबंध बना सकता है, जिस से औरत के पेट पर दबाव नहीं पड़ेगा. अगर उस दौरान स्त्री को दर्द महसूस हो, तो उसे ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि कई बार थकान या अनिच्छा की वजह से योनि में तरलता नहीं आ पाती. अगर औरत को दर्द का अनुभव होता हो तो पति पोजीशन बदल कर या ओरल सैक्स का सहारा ले सकता है. साथ ही, वैजाइनल ड्राईनैस से बचने के लिए ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना अनिवार्य होता है. चूंकि प्रैग्नैंसी के बाद वैजाइना बहुत नाजुक हो जाती है और उस में एक स्वाभाविक ड्राईनैस आ जाती है, इसलिए नौर्मल डिलीवरी के बाद भी सैक्स के दौरान औरत दर्द महसूस करती है.

पोस्टपार्टम पीरियड बहुत ही ड्राई पीरियड होता है, इसलिए बेहतर होगा कि उस के खत्म होने के बाद ही यौन संबंध बनाए जाएं. प्रसव के 1-11/2 महीने बाद यौन संबंध बनाने के बहुत फायदे भी होते हैं. सैक्स के दौरान स्रावित होने वाले हारमोंस की वजह से संकुचन होता है, जिस से यूट्रस को सामान्य अवस्था में आने में मदद मिलती है और साथी के साथ दोबारा से शारीरिक व भावनात्मक निकटता कायम करने में यौन संबंध महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्रसव के बाद कुछ महीनों तक पीरियड्स अनियमित रहते हैं, जिस की वजह से सुरक्षित चक्र के बारे में जान पाना असंभव हो जाता है. इस दौरान गर्भनिरोध करने के लिए कौपर टी का इस्तेमाल करना या ओरल पिल्स लेना सब से अच्छा रहता है. अगर प्रसव के बाद कई महीनों तक औरत के अंदर यौन संबंध बनाने की इच्छा जाग्रत न हो तो ऐसे में पति को बहुत धैर्य व समझदारी से उस से बरताव करना चाहिए.

पति का सहयोग

जैसे ही औरत शारीरिक व भावनात्मक रूप से सुदृढ़ हो जाती है, संबंध बनाए जा सकते हैं. इस दौरान पति के लिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है कि वह पत्नी पर किसी भी तरह का दबाव न डाले या जबरदस्ती सैक्स संबंध बनाने के लिए बाध्य न करे. हफ्ते में 1 बार अगर संबंध बनाए जाते हैं, तो दोनों ही इसे ऐंजौय कर पाते हैं और वह भी बिना किसी तनाव के. पति को चाहिए कि वह इस विषय में पत्नी से बात करे कि वह संबंध बनाने के लिए अभी तैयार है कि नहीं, क्योंकि प्रसव के बाद उस की कामेच्छा में भी कमी आ जाती है, जो कुछ समय बाद स्वत: सामान्य हो जाती है.

मैं जिस लड़की से प्यार करता हूं, वह रिश्ते में मेरी भतीजी लगती है

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 28 वर्षीय युवक हूं. एक लड़की से 2 साल से प्यार करता हूं. वह भी मुझे चाहती है. हम दोनों शादी करना चाहते हैं. लड़की के घर वालों को एतराज नहीं है, परंतु मेरे घर वाले इस शादी का विरोध कर रहे हैं. कारण लड़की दूर के रिश्ते में मेरी भतीजी लगती है. क्या हम दोनों का विवाह संभव नहीं है? यदि है तो मैं अपने घर वालों को कैसे मनाऊं?

जवाब

लड़की से चूंकि आप की दूर की रिश्तेदारी है, इसलिए यह आप के रिश्ते में आड़े नहीं आएगी. खासकर तब जब लड़की वालों को इस रिश्ते से कोई एतराज नहीं है. आप को अपने घर वालों पर दबाव बनाना होगा. यदि आप की बात वे नहीं सुन रहे तो किसी सगेसंबंधी या पारिवारिक मित्र से मदद ले सकते हैं. वे उन्हें समझा सकते हैं कि इतनी दूर की रिश्तेदारी माने नहीं रखती. यदि लड़की आप के लिए उपयुक्त जीवनसंगिनी है और विवाह के लिए गंभीर है, तो घर वाले देरसवेर मान ही जाएंगे. लड़की के घर वाले भी उन्हें मना सकते हैं.

ये भी पढ़ें- 

‘‘बाबूजी…’’

‘‘क्या बात है सुभाष?’’

‘‘दिनेश उस दलित लड़की से शादी कर रहा है,’’ सुभाष ने धीरे से कहा.

‘‘क्या कहा, दिनेश उसी दलित लड़की से शादी कर रहा है…’’ पिता भवानीराम गुस्से से आगबबूला हो उठे.

वे आगे बोले, ‘‘हमारे समाज में क्या लड़कियों की कमी है, जो वह एक दलित लड़की से शादी करने पर तुला है? अब मेरी समझ में आया कि उसे नौकरी वाली लड़की क्यों चाहिए थी.’’

‘‘यह भी सुना है कि वह दलित परिवार बहुत पैसे वाला है,’’ सुभाष ने जब यह बात कही, तब भवानीराम कुछ सोच कर बोले, ‘‘पैसे वाला हुआ तो क्या हुआ? क्या दिनेश उस के पैसे से शादी कर रहा है? कौन है वह लड़की?’’

‘‘उसी के स्कूल की कोई सरिता है?’’ सुभाष ने जवाब दिया.

‘‘देखो सुभाष, तुम अपने छोटे भाई दिनेश को समझाओ.’’

‘‘बाबूजी, मैं तो समझा चुका हूं, मगर वह तो उसी के साथ शादी करने का मन बना चुका है,’’ सुभाष ने जब यह बात कही, तब भवानीराम सोच में पड़ गए. वे दिनेश को शादी करने से कैसे रोकें? चूंकि उन के लिए यह जाति की लड़ाई है और इस लड़ाई में उन का अहं आड़े आ रहा है.

भवानीराम पिछड़े तबके के हैं और दिनेश जिस लड़की से शादी करने जा रहा है, वह दलित है, फिर चाहे वह कितनी ही अमीर क्यों न हो, मगर ऊंचनीच की यह दीवार अब भी समाज में है. सरकार द्वारा भले ही यह दीवार खत्म हो चुकी है, मगर फिर भी लोगों के दिलों में यह दीवार बनी हुई है.

दिनेश भवानीराम का छोटा बेटा है. वह सरकारी स्कूल में टीचर है. जब से उस की नौकरी लगी है, तब से उस के लिए लड़की की तलाश जारी थी. उस के लिए कई लड़कियां देखीं, मगर वह हर लड़की को खारिज करता रहा.

बौयफ्रेंड का परिवार उसकी शादी कहीं और करना चाहता है, मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 24 साल की अनाथ हिंदू लड़की हूं और स्टेज शो करती हूं, मैं तलाकशुदा हूं. 30 साल के मुसलिम लड़के के साथ मैं डेढ़ साल से सेक्स कर रही हूं. मैं पेट से भी हुई, पर बच्चा अपने आप गिर गया. लड़के के घर वाले उस की कहीं और शादी करना चाहते हैं, पर वह नहीं चाहता. मैं क्या करूं?

जवाब

अगर वह लड़का कहीं और शादी नहीं करना चाहता, तो फिर दिक्कत क्या है? जब वह आप के साथ डेढ़ साल से सो रहा है, तो अब तक उसे आप से शादी कर लेनी चाहिए थी. आप अपने प्रेमी को जल्दी से जल्दी शादी करने के लिए कहें. अगर वह आनाकानी करे, तो समझ जाएं कि वह आप का फायदा उठा रहा था, तब उसे पूरी तरह छोड़ दें.

ये भी पढ़ें…

वर्जिनिटी या कौमार्य के बारे में क्या आप को सही जानकारी है

वर्जिनिटी (कौमार्य) को व्यक्ति के संभोग से जोड़कर देखा जाता है. माना जाता है कि जिस व्यक्ति ने पहले कभी भी सेक्स नहीं किया हैं वह वर्जिन है. इस विषय को लेकर लोगों में कई तरह की बातें प्रचलित है. किसी के साथ सेक्स करना और वर्जिनिटी को खोना, दो अलग-अलग बातें हैं, जिस पर विशेषज्ञ कई तर्क रखते हैं. कई लोगों का मानना है कि महिला के साथ योनि सेक्स करने से वर्जिनिटी खो जाती है, जबकि कई बार योनि सेक्स न करके भी कई अन्य यौन गतिविधि (ओरल सेक्स व एनल सेक्स) करने से भी वर्जिनिटी खो जाती है.

एक महिला में वर्जिनिटी पूरी तरह से हाइमन के सही होने या न होने पर निर्भर करती है. विशेषज्ञों का कहना है कि वर्जिनिटी को हाइमन से जोड़कर देखना बेहद ही गलत है, क्योंकि इसके खोने की कई अन्य वजह भी होती हैं.

हाइमन झिल्ली क्या है?                 

हाइमन योनि मुख के पास ऊतकों से बनी एक पतली झिल्ली होती है. हाइमन के बारे में लोग मानते हैं कि योनि जब तक पूरी तरह से नहीं खुलती तब तक हाइमन (योनिद्वार) सुरक्षित रहती है. वहीं योनि के खुलते ही हाइमन झिल्ली टूट जाती है. वैसे देखा जाए तो हाइमन में प्राकृतिक रूप से इतना बड़ा छिद्र होता है, जिससे माहवारी के दौरान आपको कोई परेशानी नहीं होती है. इसके अलावा आप टैम्पोन भी आसानी से इस्तेमाल कर सकती हैं.

कुछ महिलाएं जन्म से ही बहुत ही छोटे हाइमन ऊतकों के साथ पैदा होती हैं, जिसे पहली नजर में देखने पर यह लगता है कि उनकी योनि में हाइमन की झिल्ली मौजूद नहीं है, जबकि कुछ दुर्लभ मामलों में हाइमन की झिल्ली महिलाओं की योनि को पूरी तरह से आवरण में लिए होती है, इन मामलों में डॉक्टरों की मदद से इसके अतिरिक्त ऊतकों को हटा दिया जाता है.

सामान्यतः पहली बार सेक्स करने के दौरान हाइमन की झिल्ली पर दबाव व खिंचाव पड़ता है. जिससे हाइमन के टूटने पर योनि में दर्द के साथ ही खून भी निकलता है, लेकिन ऐसा हर महिला के साथ हो, यह जरूरी नहीं है. हाइमन की झिल्ली के टूटने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं. साइकिल चलाने, दौड़ने व घुड़सवारी से भी कई बार हाइमन की झिल्ली टूट जाती है. एक बार महिलाओं की हाइमन की झिल्ली टूट जाए तो यह प्राकृतिक रूप में दोबारा विकसित नहीं हो पाती है.

वर्जिनिटी टेस्ट कैसे होता है

वर्जिनिटी या कौमार्य को जांचने के लिए जो परीक्षण किया जाता है उसमें हाइमन (योनिद्वार की झिल्ली) की मौजूदा स्थिति को ही जांचा जाता है. इस परीक्षण (Test/ टेस्ट) में यह माना जाता है कि हाइमन संभोग के बाद ही टूट या फट सकती है. इस टेस्ट को दो उंगलियों का परीक्षण (Two fingers Test) भी कहा जाता है. बताया जाता है इस तरह के टेस्ट को करने की प्रक्रिया की खोज सन 1898 में की गई थी. इस तरह की जांच के परिणामों की सटिकता न होने के कारण यह टेस्ट आज भी विवादस्पद विषय बना हुआ है. कई देशों ने इस परीक्षण को मानवीय कानूनों का उल्लघंन मानते हुए अवैध करार दिया है.

कई देशों में दो अंगुलियों के टेस्ट से ही किसी रेप पीड़िता की भी जांच की जाती है. इसमें अंदर प्रवेश करने वाली अंगुलियों के आधार पर डॉक्टर अपने विचार देता है और बताता है कि महिला के साथ किसी तरह की घटना हुई है या नहीं. एक रिपोर्ट में इस बात को बताया गया है कि महिला के योनिद्वार के लचीला होने का संबंध किसी भी तरह से बलात्कार से नहीं होता है. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में दो अंगुलियों से किए जाने वाले टेस्ट को भी न करने की सलाह दी गई है.

क्या हाइमन झिल्ली का सही होना ही आपकी वर्जिनिटी को बताता है?

इस विषय पर लंबे समय से बहस चल रही है, जबकि साइंस और चिकित्सा जगत इस बारे में अपने अलग ही तर्क समाज के सामने प्रस्तुत करते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि जिन महिलाओं की योनि में हाइमन झिल्ली टूटी हुई होती है, वह वर्जिन यानि की कौमार्य नहीं हैं. वहीं हाइमन से जुड़े कुछ मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि यह महिलाओं में जन्म से ही अधिक खुली हुई होती है, जबकि कई खेलों में हिस्सा लेने के दौरान भी हाइमन झिल्ली टूट जाती है, ऐसे में हाइमन को किसी महिला की वर्जिनिटी से जोड़ कर देखना बेहद गलत है.

हाइमन को ठीक करने की सर्जरी

हाइमन यानि योनिद्वार पर बनी ऊतकों की झिल्ली सेक्स या अन्य कारण से भी फट सकती है. कई बार तो कुछ महिलाओं के योनिद्वार पर इस प्रकार की झिल्ली होती ही नहीं हैं, ऐसे में उन महिलाओं के लिए अपनी वर्जिनिटी को साबित करने में मुश्किल हो सकती हैं. लेकिन लोगों में वर्जिनिटी टेस्ट के बढ़ते चलन के कारण हाइमन को ठीक करने वाली सर्जरी की शुरुआत हो चुकी है. हाइम्नोप्लास्टी (Hymenoplasty) नाम की यह सर्जरी किसी भी कॉस्मेटिक सर्जन से करवाई जा सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बेहद कम साइड इफेक्ट होते हैं और इस सर्जरी के बाद महिलाओं की हाइमन दोबारा पहले की तरह ही हो जाती है.

वर्जिनिटी (कौमार्य) खोने की सही उम्र क्या है?

किसी के साथ सेक्स करने का फैसला आपका अपना निजी निर्णय होता है, आप कब और किसके साथ अपनी वर्जिनिटी को खोते हैं इसका लोगों से कोई लेना देना नहीं है. किसी भी उम्र में आप पहली बार सेक्स कर सकते हैं. कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में वर्जिनिटी को खोने की उम्र दुनिया के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले अधिक है. माना जाता है कि भारत में इसकी औसत आयु 19.8 हैं, जबकि दुनिया भर में पहली बार सेक्स कर वर्जिनिटी को खोने वालों की औसत आयु 17.8 है.

वर्जिनिटी को खोने की उम्र आपके प्यार भरे संबंधों के आधार पर भी निर्भर करती है. यदि कोई व्यक्ति या आपका कोई दोस्त अपनी वर्जिनिटी खो चुका है, तो इसका यह मतलब बिलकुल नहीं हैं कि पहली बार सेक्स करने के लिए आप भी तैयार हैं. अगर आप केवल सेक्स करने के नजरीये से अपनी वर्जिनिटी को खोना चाहते हैं, तो यह जरूरी नहीं कि इसमें आपको अच्छा ही महसूस हो. इससे बेहतर यह होगा कि आप पहले खुद को सेक्स के लिए तैयार कर लें, इसके बाद ही इस क्रिया को करें.

इसके साथ ही आपको सेक्स करने से पूर्व इससे होने वाले यौन संक्रमणों, एसटीडी (यौन संचारित रोग) व उनसे बचावों के बारे में जानकारी लेना बेहद ही जरूरी होता है.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 9650966493 भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

एड्स और सैक्सुअल लाइफ से जुड़े खतरों के बारे में बताएं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

हम पतिपत्नी दोनों को मुखमैथुन करने में बहुत आनंद आता है. इस के अलावा हम अपने कुछ पारिवारिक मित्रों के साथ सामूहिक सैक्स भी करते हैं. यह क्रम काफी समय से चला आ रहा है. मैं ने सुना है कि एक से अधिक पुरुषों के साथ सैक्स संबंध बनाने से एड्स होने का खतरा होता है. क्या यह सच है? और मुखमैथुन से कोई स्वास्थ्य संबंधी हानि तो नहीं होती?

जवाब

1 से अधिक पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध रखना यौन रोग को तब आमंत्रण देगा जब उन में से किसी एक को यौन रोग होगा. असुरक्षित यौन संबंधों से एड्स जैसी भयावह बीमारी की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता. पर यदि सब नियमित जांच करा रहे हैं, तो कुछ न होगा. सामूहिक सैक्स से भले ही अभी आप लोग आनंदित हो रहे हों पर हां, भविष्य में आप का यह शौक मानसिक रूप से आप को भारी पड़ सकता है. अत: समझदारी से काम लें. जहां तक मुखमैथुन की बात है, यदि आप यौनांगों की स्वच्छता के प्रति जागरूक हैं, तो इस से स्वास्थ्य संबंधी कोई हानि नहीं होगी.

ये भी पढ़ें- 

टीबी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है जो हवा के जरिये एक इंसान से दूसरे में फैलती है और इसका बैक्टीरिया शरीर के जिस भी हिस्से में फैलता वहां के टिश्यू को पूरी तरह नष्ट कर देता है. समय पर इलाज कराने से बैक्टीरिया को फैलने से रोका जा सकता है और टीबी से बचा जा सकता है. एचआईवी पॉजिटिव लोगों में बार-बार टीबी होने की संभावना अधिक होती है. एड्स रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण उनका शरीर टीबी के बैक्टीरिया के वार को नहीं सह पाता है, जिस कारण वो टीबी से ग्रसित हो जाते हैं.

टीबी मायकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया से होता है. यह बैक्टीरिया हवा के द्वारा श्वासनली में प्रवेश करता है. टीबी के फैलने के कई अन्य कारण भी हैं जैसे कि छिंकना, खांसना, खुले में थूकना. आम तौर पर यह बीमारी फेफड़ों से शुरू होती है. यह बैक्टीरिया फेफड़ों के टिश्यू को नष्ट कर देता है. सही वक्त पर इलाज कराने से टीबी से निजात पाया जा सकता है.

एचआईवी पॉजिटिव लोगों के लिए टीबी ज्यादा खतरनाक है. अगर किसी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को एक बार टीबी हो जाता है, तो ठीक होने के बाद भी बार बार टीबी होने का खतरा रहता है.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 9650966493 भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें