लव फूड के बारे में सुना क्या

यों तो आप ने कई तरह के फूड के बारे में सुना होगा जैसे चाइनीज फूड, मुगलई फूड, इटैलियन फूड, थाई फूड आदि. लेकिन क्या आप ने लव फूड के बारे में सुना है? नहीं, तो आइए कुछ ऐसी ही रैसिपीज, लव फ्रूट्स और ड्रिंक्स के बारे में जानें:

ओएस्टर ड्रमस्टिक करी: ड्रमस्टिक यानी सहजन में लव फीलिंग्स को बढ़ाने की खूबियां होती हैं और ओएस्टर के साथ ड्रमस्टिक रोमांटिक फीलिंग्स को दोगुना कर देती है.

चीज केक विद स्ट्राबैरी: स्ट्राबैरी को चीज के साथ मिला कर रोमांटिक फूड के रूप में सर्व किया जाता है.

हलवा: सूजी या बेसन और ड्राईफू्रट्स से बनी इस स्वीट डिश से लव हारमोन रिलीज होने में मदद मिलती है और रोमांटिक फीलिंग बढ़ती है.

खीर: दूध और ड्राइफ्रूट्स से बनी इस स्वीट डिश का मीठा टेस्ट मूड को हलका करता है. ड्राईफू्रट्स का कामोत्तेजक (प्यार की कामना) नेचर दूध के साथ मिल कर लव फीलिंग्स को बढ़ाता है.

आइस्क्रीम विद नट्स: आइस्क्रीम में मिले नट्स, बादाम, अखरोट आदि रोमांटिक फीलिंग्स बढ़ाने में सहायक होते हैं.

स्ट्राबैरी विद चौकलेट: स्ट्राबैरी के साथ चौकलेट मिला कर सर्व करना सब से अधिक रोमांटिक माना जाता है. चौकलेट इंसान के मूड को हलकाफुलका बनाती है, जबकि स्ट्राबैरी उत्तेजना बढ़ाती है.

चौकलेट: यह इंसान के न केवल मूड को खुशनुमा और फ्रैश करती है, बल्कि लव कैमिकल्स भी रिलीज करती है. इसलिए इसे ‘मूड चेंजिंग फूड’ भी कहते हैं, इस से व्यक्ति के अंदर रोमांटिक फीलिंग्स बढ़ती हैं.

स्ट्राबैरी: इस में विटामिन सी होता है, जो ऐंटी औक्सिडैंट का काम करता है. यह ऐंटीऔक्सिडैंट शरीर की मांसपेशियों और टिशूज के लिए जरूरी होता है.

ऐवोकाडो: इस के आकार की वजह से इसे लव फूड कहते हैं. इस में विटामिन ई और बी6 होता है, जो रोमांटिक फीलिंग्स और ऐनर्जी के लिए जरूरी होता है.

अंजीर: मौडेस्टी और सैक्सुअलिटी का प्रतीक है अंजीर. इस में बहुत अधिक मात्रा में पोषक तत्त्व पाए जाते हैं, जो स्वस्थ शरीर और लव फीलिंग्स के लिए अनिवार्य हैं.

रास्पबैरी: गुलाब की फैमिली का होने के कारण इसे फू्रट औफ लव भी कहते हैं. इस में फाइबर, विटामिन सी और मैगनीज होता है. ये शरीर को स्वस्थ रखने और रोमांटिक फीलिंग्स बढ़ाने के लिए जरूरी होते हैं. इस का प्रयोग केक, शेक और आइसक्रीम में किया जाता है.

केला: केले में पोटैशियम और विटामिन ‘बी’ होता है, जो सैक्सुअल हारमोन बनाने में मदद करता है.

अनार: इसे फर्टिलिटी का प्रतीक मानते हैं. इस का प्रयोग कस्टर्ड और शेक के साथ किया जाता है. इस में आयरन होता है, जो मेल हारमोन के लिए जरूरी होता है.

स्वीट पोटैटो: इस में पाटैशियम होता है, जो महिलाओं में रोमांटिक फीलिंग बढ़ाने के सहायक होता है. इसे ज्यादा नमक के साथ नहीं खाना चाहिए, क्योंकि वह इस के असर को कम कर देता है.

रोमांटिक फूड के साथसाथ ड्रिंक्स का प्रयोग भी लव फीलिंग्स को दोगुना कर देता है. ज्यादातर लोग स्ट्राबैरी शेक पसंद करते हैं. कुछ वैनिला कौफी भी पीते हैं. शहद का प्रयोग भी ड्रिंक्स में किया जाता है. शहद को ‘फूड औफ हनीमून’ कहा जाता है.

मेरे अपने प्रेमी के साथ शारीरिक संबंध थे. हालांकि हम सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते रहे. लेकिन फिर भी मुझे लग रहा है कि कहीं किसी यौन रोग का शिकार न हो जाऊं, बताएं, क्या करूं.

सवाल
मेरी उम्र 24 साल है. मैं एक कंसलटैंसी में काम करती हूं. अपने प्रेमी के साथ शारीरिक संबंध थे. हालांकि हम सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते रहे. लेकिन फिर भी मुझे लग रहा है कि कहीं किसी यौन रोग का शिकार न हो जाऊं, बताएं, क्या करूं?

जवाब
आप किसी अच्छे गाइनेकोलौजिस्ट के पास जाएं और अपनी जांच करवाएं. आप का गर्भावस्था परीक्षण भी किया जा सकता है. साथ ही, भविष्य के लिए आप को सलाह है कि खुद को किसी ऐसी गतिविधि में फिर से शामिल न करें.

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शादी से पहले शारीरिक संबंध में बरतें सावधानी

आजकल लगभग सभी समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में पाठकों की समस्याओं वाले स्तंभ में युवकयुवतियों के पत्र छपते हैं, जिस में वे विवाहपूर्व शारीरिक संबंध बना लेने के बाद उत्पन्न हुई समस्याओं का समाधान पूछते हैं. विवाहपूर्व प्रेम करना या स्वेच्छा से शारीरिक संबंध बनाना कोई अपराध नहीं है, मगर इस से उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर विचार अवश्य करना चाहिए. इन बातों पर युवकों से ज्यादा युवतियों को ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े :

विवाहपूर्व शारीरिक संबंध भले ही कानूनन अपराध न हो, मगर आज भी ऐसे संबंधों को सामाजिक मान्यता नहीं है. विशेष कर यदि किसी लड़की के बारे में समाज को यह पता चल जाए कि उस के विवाहपूर्व शारीरिक संबंध हैं तो समाज उस के माथे पर बदचलन का टीका लगा देता है, साथ ही गलीमहल्ले के आवारा लड़के लड़की का न सिर्फ जीना दूभर कर देते हैं, बल्कि खुद भी उस से अवैध संबंध बनाने की कोशिश करते हैं.

युवती के मांबाप और भाइयों को इन संबंधों का पता चलने पर घोर मानसिक आघात लगता है. वृद्ध मातापिता कई बार इस की वजह से बीमार पड़ जाते हैं और उन्हें दिल का दौरा तक पड़ जाता है. लड़की के भाइयों द्वारा प्रेमी के साथ मारपीट और यहां तक कि प्रेमी की जान लेने के समाचार लगभग रोज ही सुर्खियों में रहते हैं. युवकों को तो अकसर मांबाप समझा कर सुधरने की हिदायत देते हैं, मगर लड़की के प्रति घर वालों का व्यवहार कई बार बड़ा क्रूर हो जाता है. प्रेमी के साथ मारपीट के कारण लड़की के परिवार को पुलिस और कानूनी कार्यवाही तक का सामना करना पड़ता है.

अधिकतर युवतियों की समस्या रहती है कि उन्हें शादीशुदा व्यक्ति से प्यार हो गया है व उन्होंने उस से शारीरिक संबंध भी कायम कर लिए हैं. शादीशुदा व्यक्ति आश्वासन देता है कि वह जल्दी ही अपनी पहली पत्नी से तलाक ले कर युवती से शादी कर लेगा, मगर वर्षों बीत जाने पर भी वह व्यक्ति युवती से या तो शादी नहीं करता या धीरेधीरे किनारा कर लेता है. ऐसे किस्से आजकल आम हो गए हैं.

इस तरह के हादसों के बाद युवतियां डिप्रेशन में आ जाती हैं व नौकरी छोड़ देती हैं. इस से उबरने में उन्हें वर्षों लग जाते हैं. कई बार युवक पहली पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी कर लेते हैं. मगर याद रखें, ऐसी शादी को कानूनी मान्यता नहीं है और बाद में बच्चों के अधिकार के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है जिस का फैसला युवती के पक्ष में आएगा, इस की संभावना बहुत कम रहती है.

शारीरिक संबंध होने पर गर्भधारण एक सामान्य बात है. विवाहित युवती द्वारा गर्भधारण करने पर दोनों परिवारों में खुशियां मनाई जाती हैं वहीं अविवाहित युवती द्वारा गर्भधारण उस की बदनामी के साथसाथ मौत का कारण भी बनता है.

अभी हाल ही में मेरी बेटी की एक परिचित के किराएदार के घर उन के भाई की लड़की गांव से 11वीं कक्षा में पढ़ने के लिए आई. अचानक एक शाम उस ने ट्रेन से कट कर अपनी जान दे दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि लड़की गर्भवती थी. उसे एक अन्य धर्म के लड़के से प्यार हो गया और दोनों ने शारीरिक संबंध कायम कर लिए, मगर जब लड़के को लड़की के गर्भवती होने का पता चला तो वह युवती को छोड़ कर भाग गया. अब युवती ने आत्महत्या का रास्ता चुन लिया. ऐसे मामलों में अधिकतर युवतियां गर्भपात का रास्ता अपनाती हैं, लेकिन कोई भी योग्य चिकित्सक पहली बार गर्भधारण को गर्भपात कराने की सलाह नहीं देगा.

अधिकतर अविवाहित युवतियां गर्भपात चोरीछिपे किसी घटिया अस्पताल या क्लिनिक में नौसिखिया चिकित्सकों से करवाती हैं, जिस में गर्भपात के बाद संक्रमण और कई अन्य समस्याओं की आशंका बनी रहती है. दोबारा गर्भधारण में भी कठिनाई हो सकती है. अनाड़ी चिकित्सक द्वारा गर्भपात करने से जान तक जाने का खतरा रहता है.

युवती का विवाह यदि प्रेमी से हो जाता है तब तो विवाहोपरांत जीवन ठीकठाक चलता है, मगर किसी और से शादी होने पर यदि भविष्य में पति को किसी तरह से पत्नी के विवाहपूर्व संबंधों की जानकारी हो गई तो वैवाहिक जीवन न सिर्फ तबाह हो सकता है, बल्कि तलाक तक की नौबत आ सकती है.

विवाहपूर्व शारीरिक संबंधों में मुख्य खतरा यौन रोगों का रहता है. कई बार एड्स जैसा जानलेवा रोग भी हो जाता है. खास बात यह है कि इस रोग के लक्षण काफी समय तक दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन बाद में यह रोग उन के पति और होने वाले बच्चे को हो जाता है. प्रेमी और उस के दोस्तों द्वारा ब्लैकमेल की घटनाएं भी अकसर होती रहती हैं. उन के द्वारा शारीरिक यौन शोषण व अन्य तरह के शोषण की आशंकाएं हमेशा बनी रहती हैं.

युवती का विवाह यदि अन्यत्र हो जाता है और वैवाहिक जीवन ठीकठाक चलता रहता है, घर में बच्चे भी आ जाते हैं, लेकिन यदि भविष्य में बच्चों को अपनी मां के किसी दूसरे पुरुष से संबंधों के बारे में पता चले तो उन्हें गंभीर मानसिक आघात पहुंचेगा, खासकर तब जब बच्चे टीनएज में हों. मां के प्रति उन के मन में घृणा व उन के बौद्धिक विकास पर भी इस का असर पड़ता है.

इन संबंधों के कारण कई बार पारिवारिक, सामाजिक व धार्मिक विवाद व लड़ाईझगड़े भी हो जाते हैं, जिन में युवकयुवती के अलावा कई और लोगों की जानें जाती हैं. इस के बावजूद यदि युवकयुवती शारीरिक संबंध बना लेने का निर्णय कर ही लेते हैं, तो गर्भनिरोधक विशेषकर कंडोम का प्रयोग अवश्य करें, क्योंकि इस से गर्भधारण व यौन संक्रमण का खतरा काफी हद तक खत्म हो जाता है.

 

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